जो मेरी यह कमेंट पढ़ रहा है वह मेरे लिए अंजान है फिर भी मै श्री राधे श्याम जी से प्राथना करता हु उनके सारे दुख दूर हो जाए उनका मन सदैव कृष्ण भक्ति मै लगा रहे उनका परिवार स्वस्थ prashannnn rahe जय श्री राधे जय श्री श्याम❤🙇♀️🙇♂️🙌❤🩹✨❤🙇♂️🥺🫀
नौवें गुरु अजगर गुण = भगवान दत्तात्रेय को शास्त्रों में अजगर ऋषि भी कहा गया है । क्योंकि वह कभी भी आवश्कता और उपयोग से अधिक भौतिक भोगों को नहीं भोगते है , या कहे की वह उनको प्राप्त करने का प्रयास ही नही करते , क्योंकि संग्रह करना उनका स्वभाव नहीं है । वे कभी भी किसी भी प्रकार के भोगों की इच्छा प्रकट नही करते है । जो उनको प्राप्त होता है वे उसको आवश्यकता अनुसार पा लेते है , अधिक भोग उपस्थित होने पर भी वे उनको स्वीकार नहीं करते । सीधे तौर पर कहे तो वे किसी भी प्रकार की विषय वस्तु को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत नही रहते है , क्योंकि उन्हें इन सब चीजों की अवश्यकता ही नही है । समय पर उपस्थित चीजों को उपयोग में लेते है बस । यह गुण अजगर से सीखने पर ही इनको अजगर ऋषि कहा गया है।। अजगर किसी भी वस्तु को ग्रहण करने के लिए उसे चबाता नही है , या कहे की उसमे जूझता नही है ,उसको निगल जाता है । ठीक इसी प्रकार हमे भी जीवन में आने वाली समस्याओं से जूझना नहीं चाहिए , उनको स्वीकार कर के उनको अपने में लिन करके उसका सरलता से सामना करना चाहिए ना की उनसे घबराना चाहिए । अजगर और केचुवा दोनो बिना पैरो के होते है , और दोनो रेंग कर चलते है , लेकिन अजगर की गति तेज होती है क्योंकि वह कभी भी अपने को कष्ट देकर धीरे धीरे आगे और सीधा सीधा केचुवे की तरह नही रेंगता है , केचूवा हमेशा सीधा रेंगता है लेकिन वही अजगर दीर्घवृत्ताकार पथ में रेंगता है तो वह रास्ते में आने वाले कुछ अवरोधों से भी बचकर जल्दी जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंच जाता है । कहने का अभिप्राय यह है की हमे भी हमारे लक्ष्य श्यामा श्याम से जल्दी मिलने के लिए अपने जीवन में कुछ लंबे और सुगम रास्ते भी अपनाने पड़े तो अपनाने चाहिए , फालतू की समस्याओं से ना भिड़कर उनको टाला भी जा सकता है ताकि हमारा समय बच सके और अधिक से अधिक भक्ति की जा सके ।। केचूवे की तरह हर समस्या से लड़ने की जरूरत नहीं होती क्योंकि समय गुजरने पर भी वह अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाता है और , इसी तरह सीधा चलने पर उसका जीवन काल भी खतम हो जाता है ।।
जय जय श्री राधा रमण जय जय नवल किशोर जय गोपी चित चोर प्रभु जय जय माखन चोर 🙏🙏🙏🙏🙏 कब ते निहारत आपको कि आप हमारे और निहारो राधे कृष्ण हमारे धाम को जानी वृन्दावन धाम पधारो🙏🙏🙏🙏
उन्नीसवें गुरु शिशु गुण = शिशु में समत्व का भाव होता है और वह सभी लोगो और वस्तुओं को समत्व की दृष्टि से देखता है , वह सच्चे अवधूत का स्वरूप होता है , उसको किसी के भी होने या नहीं होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है । गुरु दत्त यह कहते है की उन्होंने अवधूत रूप की शिक्षा शिशु से ही ली है और उसे अपना गुरु बनाया है । इससे हमे यह सीखना चाहिए की हमे भी अपने मन को शिशु की तरह पवित्र और अवधूत स्वरूप प्रदान करना चाहिए ना की तन को ।। पिता हमारे श्री भगवान है और माता हमारी गुरुदेव है ।
प्रथम गुरु ,माता पृथ्वी गुण = सहनशील ।। मौन ।। क्षमाशील ।। दुख देने वाला हो या प्रेम करने वाला सभी का पालन पोषण करती है ।। हर प्राणी को स्वीकार करती है ।। दूसरो के दिए गए दोषों को मिटाती है ।। माता पृथ्वी में जब हम एक बीज को रोपित करते है तो माता पृथ्वी उसका कई गुना लौटती है , और वह उसे प्रदत्त वस्तु के स्वभाव के अनुरूप ही प्रदान करती है , धरती मां को जब हम किसी भी प्रकार की वस्तु देते है , तो वह उसे स्वीकार कर लेती है और उसे अपने अनुरूप या कहे की अपने स्वभाव में विलीन कर लेती है उसे अपना स्वरूप प्रदान करती है । जिस प्रकार पृथ्वी सूर्य को केंद्र मानकर हमेशा अपने पथ पर अग्रसर रहती है और अपने मार्ग से विचलित नहीं होती है , उसी प्रकार हमे भी ठाकुर जी को केंद्र मानकर अपने जीवन के इस पथ पर चलना चाहिए ।। पृथ्वी के ऊपर केवल मिट्टी और पत्थर मौजूद है , लेकिन जब गहराई में जाते है तो उसमे स्वर्ण और कई प्रकार के रत्न मिलते है और गहराई में वह शांत भी हो जाती है उसी तरह मनुष्य को भी अपने स्वर्ण और रत्न रूपी गुण को अपने मन की गहराइयों में छुपा कर रखना चाहिए।। जिस प्रकार धरती सभी को इस अनंत आकाश में हम जीवों को आधार प्रदान करती है , और सभी के उद्धार के लिए सहायक बनती है तभी, ठाकुर इस पर अवतरित होते है और इसमें वास करते है , ठीक इसी प्रकार हमे भी हमारे मन में सद्गुणों और भक्ति का आधार बनाना चाहिए ताकि ठाकुर जी हमारे चित्त में वास करे ।। जब हम हमारे पैरो में पादुकाएं पहनते है , और जब हमे कभी काटा चुभता है , तो हम हमारी पादुकाओ को उतारकर पुनः पृथ्वी पर अपने नग्न पैरो से चलते है तो हम धरती को स्पर्श करते है , अर्थात जब हमे हमारे पैरो में कष्ट होता है तो हम अपनी नित्य माता पृथ्वी को पुनः प्राप्त होते है और , माता पृथ्वी हमरा पुनः स्पर्श करने के लिए हमे थोड़ा कष्ट देती है , लेकिन हमे हमेशा दुलार करती रहती है । उसी प्रकार हमारे प्रभु भी हमे जीवन के थोड़े थोड़े कष्ट देते रहते है ताकि हम अपनी अहंकार और मोह रूपी पादुकाओं तो त्याग कर प्रभु को पुनः अपना स्पर्श कराए अर्थात उनको अपना पूर्ण समर्पण प्रदान करे ताकि हम पूर्ण रूपेण उनके हो जाए क्योंकि जब हम पाप कर्म करते है तो प्रभु को बहुत कष्ट होता है और वो अपना स्मरण कराने के लिए अपने आप को हमे सोपने के लिए हमे कष्ट देते है या कहे की वो हमारे ही पापों को समय समय पर कम करके अपनी तरफ बड़ने के मार्ग को छोटा कर देते है तो हमे सीधे सीधे उनको अपना सब कुछ समर्पित कर देना चाहिए।
बाईसवें गुरु सर्प गुण = जिस प्रकार सर्प अपना घर खुद नही बनता है , उसी प्रकार हमे भी अपने मन के घर अर्थात आभासी विचार जो कभी भी पूरे नही हो सकते नही बनाने चाहिए । जो नियोजित होकर इस संसार में प्रभु तुम्हे प्रदान करे उसे ग्रहण करे । मानसिक निर्माण करने वाला व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है ।।
Shree Radhe Radhe Indresh ji !! Apki madur Vani se katha sunna bahut acha lagta hai, AAP jab Sham ji aur Shama ju ki leela sunate ho, tab muje aesa mehsoos hota hai,me bhi unki leela ka darshan kar rahi hu, me waha mojud hu,ye Prabhu ji ki kripa aur apke bolne ke tarike ka asar hai.radhe Rani ki kripa hai ki me apki katha sunne lagi hu. Sabse pehle mene apki Radha rasamrit suni thi, Radha ji ko me pehle se hi bahut manti hu unse prathana Karti hu,lekin ab pura yakin hai ki Kishori ji bhi muje samjhti hai,dekhti hai. Apka bahut bahut dhanyavad.
Sabhi guru = 1 Prathvi. Sahanshilta daya 2 Surya. Paropkar 3 Kumari. Ekant rho 4 Sarp bhotik chije na bnana 5 Jal . Sab me Adust ho jana snighdhta 6 Chandra. Sheetala 7 samundra. Dherya 8 Shishu. Avdhut ki tarah rena 9 kurar pakshi. Tyag sanyam 10 agni . Sab ko pavitra karna 11 ajgar. Jo mile wo kha lena 12 madhua. Sangrah na krna 13 chatak. Lakshya ek rkhna 14 Vayu . Gun ya avgun ko pas n rakhna 15 patanga . Samarpan 16 Meen. Jeebh par Vash rakhna 17 Aakash . Anantataa me abhiman na karna 18 Bhora. Guno se Sikh k jeevan me Lana 19 Mrag. Kano se Bhagwat bhav sunna 20 Hathi. Sparsh/ kam bhav ko jeetna 21 Bagula. Ekagrata 22 Kabutar. Shanti 23 Bhrangi keet. Atut bhatki 1 yad ni h or Deh. Sadhana
Girdher gopalji apki kripa se hamare gher gopalji thakur ji agye hi.......9.25.pm pr ab hmm jb vrindavan ayege tb ap se milna hoga.......meri roj sham apki katha se huyi hi......🙌🙌🙌🙌🙌radhe radhe
Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷
Maharaj ji me pehle din se aap ki katha sun rahi hu... aap ko marathi nahi aati aap ne pehle bhi kafi prayas kiya marathi abhang gane ke pr atak jate the pr aaj aapne marathi abhang etne acche se gaya mujhe eisi Khushi Hui jeise ek Balak bolna sikh jata he or uski mata ko khushi hoti he😊😊
राधे राधे राधेश्याम महाराज जी मेरे दो बेटे हैं बड़ा बेटा 20 वर्ष का है जो बिल्कुल विकलांग है जिसका सरा काम हमें ही करने होते हैं डॉक्टर ने मना कर दीया कहा इसका ईलाज नही है कहीभी ओर मेरा छोटा बेटा 15वर्ष का हाईस्कूल मै है जिसको मैं भक्ति मार्ग मे भेजना चाहती हूँ पर हमारी जाती पान बेचने वाली है यहाँ के ब्रम्हांड लोग कहते है की तुम लोग गुरुकुल नही जा सकते कर्पा कर मार्ग दर्शन किजिए पता नही कोन से पाप किये जिसक कोई पश्चाताप नही किर्पाकर मेरा समाधान किजिए आप की इस मां पर बड़ी किर्पा होगी राधे राधे 😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पांचवा गुरु अग्नि गुण = सभी वस्तुओं को स्वीकार कर के अपना पवित्र स्वरूप प्रदान करती है और किसी भी वस्तु को अपने पास नही रखती है , अर्थात सभी का अहंकार नष्ट कर देती है , वह अपवित्र और पवित्र सभी वस्तु को स्वीकार कर लेती है । हर जगह उपस्थित होने पर भी हमेशा अप्रकट रहती है , और आवश्यकता पड़ने पर जब कोई उसे प्रज्वलित करता है तो प्रकट हो जाती है । अर्थात यह अपने गुणों को हमेशा प्रकट नहीं करती है ।। अग्नि हमेशा ऊपर की और जलती है , चाहे उसमे अच्छा या बुरा कुछ भी डालो , इसी प्रकार हमे कोई दुख या सुख प्रदान करे हमे भी प्रभु को प्राप्त करने के लिए हमेशा ऊपर यानी की आगे की और चलना चाहिए ।।
छटा गुरु चंद्रमा गुण = चंद्रमा का स्वरूप कभी घटता हुआ तो कभी बढ़ता हुआ दिखाई देता है , लेकिन वह हमेशा विद्यमान रहता है , यानी उसे उसके बढ़ते और घटते रूप से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है , वह तो हमेशा अपने आत्म स्वरूप (मूल भाव ) में रहता है , इसी प्रकार मानव को चाहिए की वह अपने शारीरिक भाव को छोड़ कर अपने मूल भाव आत्म स्वरूप को स्वीकार करे और उसी में स्थित रहे । देह में आने वाली उपलब्धियों और कष्टों से अपने चित्त पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए । जिस प्रकार चंद्रमा घटने पर दुखी नहीं होता और बड़ने पर अहंकार से युक्त नही होता है । चंद्रमा अहंकार हीन और मूल स्वरूप में रहता है , और प्रभु ने उसे जैसा बनाया है उसी रूप में वह प्रभु के इस संसार को ऐसे समय में प्रकाशित करने का प्रयास करता है , जिस समय सूर्य नारायण नही कर सकते है , उसी प्रकार हमे भी प्रभु कोई भी परस्थिति प्रदान करे उसी में संतुष्ट होकर इस संसार की सेवा भगवत भाव से करनी चाहिए ।। चंद्रमा का चिन्ह श्री भगवान के चरणों में विद्यमान होता है और उसी चरण चिन्ह को महा वैष्णव भगवान शिव साक्षात स्वरूप में अपने मस्तक पर धारण करते है , और चंद्रमा संसार को प्रकाशित करने के साथ साथ शिव जी की सुंदरता और उनके दीन, करुणामई स्वभाव के साथ साथ प्रभु के प्रति प्रेम को भी प्रदर्शित करता है , इसी से हमे यह सीखना चाहिए की श्री भगवान के चरणों की कितनी महिमा है । हमे भी हर परिस्थिति श्री भगवान के चरणों के प्रति सेवा भाव रखकर सेवा करनी चाहिए , उनके चरणों की कृपा से ही हम वैष्णव जनों की सेवा कर सकेंगे और उसी से श्री भगवान प्रसन्न होंगे ।
Prabhu kitne dayalu hai 🙏 Aaj subah hi mere man mein yah prashn aaya tha ki kya ham Bhagwat ka Hindi mein paath kar sakte hain?.... aur Vyas peeth se mujhe uska answer mil Gaya. Dhanya Ho Prabhu 🙌🙏 Jai ho 🙏🙏💐
Jay sri Radhe 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Jay ho vyasdeb ji ki 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Jay jay sri radhe 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Jay ho brindabaneswari radha rani ki jay ho jay ho jay ho jay ho 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
जो मेरी यह कमेंट पढ़ रहा है वह मेरे लिए अंजान है फिर भी मै श्री राधे श्याम जी से प्राथना करता हु उनके सारे दुख दूर हो जाए उनका मन सदैव कृष्ण भक्ति मै लगा रहे उनका परिवार स्वस्थ prashannnn rahe जय श्री राधे जय श्री श्याम❤🙇♀️🙇♂️🙌❤🩹✨❤🙇♂️🥺🫀
Radhe Radhe
Radhe radhe
Vaishnavo k liye radha kripa aur krishan bhakti mngi apne. Radha rani apko 10 guna bhakti aur deh aur virah ka bhaav pusht krke. Kunj niwas deh. 🙏. Jai shree RadhaShyam.
Thanks
Jai shree radhe🙏🙏🙏
प्रातः स्मरणीय परम पूज्य श्री गुरुदेव माहाराजी श्री चरणौ में कोटी कोटी प्रणाम 🙏🙏
जय हो श्री मद्भागवत महापुराण की जय हो जय जय श्री राधे श्याम 🙏🙏🙏🌹
जय जय श्री राधे श्याम जय वृन्दावन धाम 🙏🙏
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
Bhut hi Madhur bhav Jay Shri Datt bhagwan ki 👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🏻 Jai 💐 Jai 🙏🏻 Radha 💐 Vallabh 🙏🏻 Sri 💐 Harivansh 🙏🏻 Jai 💐 Jai 🙏🏻 Sri 💐 vrindavan 🙏🏻 Sri 💐 vanchand 🙏🏻💐
राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा
Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey 🎉🎉🎉🎉❤
राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा,राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा, राधे कृष्णा,राधे कृष्णा, राधे कृष्णा,राधे कृष्णा,राधे कृष्णा, ❤❤❤❤❤❤❤❤🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Ho Maharaj ji 🌺🌼🌺
Jai shree radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe krishna🌹🌹
Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey Radhey 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Mere prabhu siya ramchandra ji ki jai ho ,,koti koti pranam prabhu
"🙏🏻YUG,YUG, AWICHAL RAKHIYEN YEH SUKH SHAIL NIWAS"......🙏🏻Govardhanwansi Sanwren.......😢
Radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey bhut sunder katha apko mera jai shree krishna
कनक भवन दरवाजे पड़े रहोजय हो❤🙏🙏☺️ गुरुजी को मेरा प्रणाम ❤🙏🙇
Radhey Radhey
Jai shree krishna 💫💫💙🧡
জয়শ্রী🙏 কৃষ্ণ 🙏রাধে রাধে🙏 🌹রাধে রাধে🙏🌹 রাধে রাধে🙏🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹❤❤❤❤❤
श्री मन नारायण नारायण हरि हरि लक्ष्मी नारायण नारायण हरि हरि 🙏🙏🙏🙏🙏 जय श्री राधे श्याम 🪷🪷🪷🪷🪷 दिगंबरा दिगंबरा
❤🎉
3:02:02
Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe ❤❤
Jai Jai Jai ho so wonderful Gopi Geet Srimad Bhagvatam ki jai ho 💐🌹 Shri Indresh prabhuji ki jai ho 💐🌹 Hare Krishna 🙏
ॐ नमः शिवाय
Maharaj ji Narayan ko swar de.
महाराज जी जब आपने कहा पिताजी के साथ जाने का मान कर रहा है,तो आप मुझे बिलकुल मेरे बेटे जैसे लगे❤
🙏🌻🌻🌻🌻🌻जय श्री राधाकृष्णा🌹🌷🪻🪷🌸🙏जय श्री राधाकृष्णा🌹🌹🌹🌹जय श्री राधाकृष्णा🌹🌹🌹🌹🌹जय श्री राधाकृष्णा🌹🌹🌹🌹🌹जय श्री राधाकृष्णा🌻🌻🌻🌻🌻🙏🙏🙏🙏🙏
🌼🌿🌸जय जय श्री श्यामा श्याम जु 🌿🌸🌼🙏🙏🙏❤️🌿🌸 जय श्री राधाकृष्ण 🌸🌿🌼🙏🙏🙏🪔🌼🌿🌸
नौवें गुरु अजगर
गुण = भगवान दत्तात्रेय को शास्त्रों में अजगर ऋषि भी कहा गया है । क्योंकि वह कभी भी आवश्कता और उपयोग से अधिक भौतिक भोगों को नहीं भोगते है , या कहे की वह उनको प्राप्त करने का प्रयास ही नही करते , क्योंकि संग्रह करना उनका स्वभाव नहीं है । वे कभी भी किसी भी प्रकार के भोगों की इच्छा प्रकट नही करते है । जो उनको प्राप्त होता है वे उसको आवश्यकता अनुसार पा लेते है , अधिक भोग उपस्थित होने पर भी वे उनको स्वीकार नहीं करते । सीधे तौर पर कहे तो वे किसी भी प्रकार की विषय वस्तु को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत नही रहते है , क्योंकि उन्हें इन सब चीजों की अवश्यकता ही नही है । समय पर उपस्थित चीजों को उपयोग में लेते है बस । यह गुण अजगर से सीखने पर ही इनको अजगर ऋषि कहा गया है।।
अजगर किसी भी वस्तु को ग्रहण करने के लिए उसे चबाता नही है , या कहे की उसमे जूझता नही है ,उसको निगल जाता है । ठीक इसी प्रकार हमे भी जीवन में आने वाली समस्याओं से जूझना नहीं चाहिए , उनको स्वीकार कर के उनको अपने में लिन करके उसका सरलता से सामना करना चाहिए ना की उनसे घबराना चाहिए ।
अजगर और केचुवा दोनो बिना पैरो के होते है , और दोनो रेंग कर चलते है , लेकिन अजगर की गति तेज होती है क्योंकि वह कभी भी अपने को कष्ट देकर धीरे धीरे आगे और सीधा सीधा केचुवे की तरह नही रेंगता है , केचूवा हमेशा सीधा रेंगता है लेकिन वही अजगर दीर्घवृत्ताकार पथ में रेंगता है तो वह रास्ते में आने वाले कुछ अवरोधों से भी बचकर जल्दी जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंच जाता है । कहने का अभिप्राय यह है की हमे भी हमारे लक्ष्य श्यामा श्याम से जल्दी मिलने के लिए अपने जीवन में कुछ लंबे और सुगम रास्ते भी अपनाने पड़े तो अपनाने चाहिए , फालतू की समस्याओं से ना भिड़कर उनको टाला भी जा सकता है ताकि हमारा समय बच सके और अधिक से अधिक भक्ति की जा सके ।। केचूवे की तरह हर समस्या से लड़ने की जरूरत नहीं होती क्योंकि समय गुजरने पर भी वह अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाता है और , इसी तरह सीधा चलने पर उसका जीवन काल भी खतम हो जाता है ।।
"Ubha Rahila bhaw Sawayav....KANNADA RAJA PANDHRICHA...."Jay ho Prabhu Giridharlalji
🙏👏🏻👏🏻👏🏻👌👌👌👌👌👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻Khup chan Lalji 🙏Jay ho Prabhu Shreenathji Pyare ki
Jai ho prabhu🙏🙏🌸🌸
जय हो दत्त भगवान की
🙏🙏🌹🌹
RADHE
जय जय श्री राधा रमण जय जय नवल किशोर जय गोपी चित चोर प्रभु जय जय माखन चोर 🙏🙏🙏🙏🙏
कब ते निहारत आपको कि आप हमारे और निहारो
राधे कृष्ण हमारे धाम को जानी वृन्दावन धाम पधारो🙏🙏🙏🙏
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
राधे राधे🙏.....श्री व्यास जी महाराज जी के चरणों मे कोटि कोटि दंडवत प्रणाम🙏.....
Kanada raja pandharicha 🙏
आप सभी वैष्णव भक्तो का सदा मंगल हो ,
आप सभी पर श्री जी कृपा करे ।
आप सभी वैष्णव भक्त मुझे क्षमा करे ।
🙏
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उन्नीसवें गुरु शिशु
गुण = शिशु में समत्व का भाव होता है और वह सभी लोगो और वस्तुओं को समत्व की दृष्टि से देखता है , वह सच्चे अवधूत का स्वरूप होता है , उसको किसी के भी होने या नहीं होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है । गुरु दत्त यह कहते है की उन्होंने अवधूत रूप की शिक्षा शिशु से ही ली है और उसे अपना गुरु बनाया है । इससे हमे यह सीखना चाहिए की हमे भी अपने मन को शिशु की तरह पवित्र और अवधूत स्वरूप प्रदान करना चाहिए ना की तन को ।। पिता हमारे श्री भगवान है और माता हमारी गुरुदेव है ।
Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe
Mere sakha ke sakha ko, Jai shree Krishn ❤️❤️
प्रथम गुरु ,माता पृथ्वी
गुण = सहनशील ।। मौन ।। क्षमाशील ।।
दुख देने वाला हो या प्रेम करने वाला सभी का
पालन पोषण करती है ।।
हर प्राणी को स्वीकार करती है ।।
दूसरो के दिए गए दोषों को मिटाती है ।।
माता पृथ्वी में जब हम एक बीज को रोपित करते है तो माता पृथ्वी उसका कई गुना लौटती है , और वह उसे प्रदत्त वस्तु के स्वभाव के अनुरूप ही प्रदान करती है , धरती मां को जब हम किसी भी प्रकार की वस्तु देते है , तो वह उसे स्वीकार कर लेती है और उसे अपने अनुरूप या कहे की अपने स्वभाव में विलीन कर लेती है
उसे अपना स्वरूप प्रदान करती है ।
जिस प्रकार पृथ्वी सूर्य को केंद्र मानकर हमेशा अपने पथ पर अग्रसर रहती है और अपने मार्ग से विचलित नहीं होती है , उसी प्रकार हमे भी ठाकुर जी को केंद्र मानकर अपने जीवन के इस पथ पर चलना चाहिए ।।
पृथ्वी के ऊपर केवल मिट्टी और पत्थर मौजूद है , लेकिन जब गहराई में जाते है तो उसमे स्वर्ण और कई प्रकार के रत्न मिलते है और गहराई में वह शांत भी हो जाती है उसी तरह मनुष्य को भी अपने स्वर्ण और रत्न रूपी गुण को अपने मन की गहराइयों में छुपा कर रखना चाहिए।।
जिस प्रकार धरती सभी को इस अनंत आकाश में हम जीवों को आधार प्रदान करती है , और सभी के उद्धार के लिए सहायक बनती है तभी, ठाकुर इस पर अवतरित होते है और इसमें वास करते है , ठीक इसी प्रकार हमे भी हमारे मन में सद्गुणों और भक्ति का आधार बनाना चाहिए ताकि ठाकुर जी हमारे चित्त में वास करे ।।
जब हम हमारे पैरो में पादुकाएं पहनते है , और जब हमे कभी काटा चुभता है , तो हम हमारी पादुकाओ को उतारकर पुनः पृथ्वी पर अपने नग्न पैरो से चलते है तो हम धरती को स्पर्श करते है , अर्थात जब हमे हमारे पैरो में कष्ट होता है तो हम अपनी नित्य माता पृथ्वी को पुनः प्राप्त होते है और , माता पृथ्वी हमरा पुनः स्पर्श करने के लिए हमे थोड़ा कष्ट देती है , लेकिन हमे हमेशा दुलार करती रहती है । उसी प्रकार हमारे प्रभु भी हमे जीवन के थोड़े थोड़े कष्ट देते रहते है ताकि हम अपनी अहंकार और मोह रूपी पादुकाओं तो त्याग कर प्रभु को पुनः अपना स्पर्श कराए अर्थात उनको अपना पूर्ण समर्पण प्रदान करे ताकि हम पूर्ण रूपेण उनके हो जाए क्योंकि जब हम पाप कर्म करते है तो प्रभु को बहुत कष्ट होता है और वो अपना स्मरण कराने के लिए अपने आप को हमे सोपने के लिए हमे कष्ट देते है या कहे की वो हमारे ही पापों को समय समय पर कम करके अपनी तरफ बड़ने के मार्ग को छोटा कर देते है तो हमे सीधे सीधे उनको अपना सब कुछ समर्पित कर देना चाहिए।
बाईसवें गुरु सर्प
गुण = जिस प्रकार सर्प अपना घर खुद नही बनता है , उसी प्रकार हमे भी अपने मन के घर अर्थात आभासी विचार जो कभी भी पूरे नही हो सकते नही बनाने चाहिए । जो नियोजित होकर इस संसार में प्रभु तुम्हे प्रदान करे उसे ग्रहण करे । मानसिक निर्माण करने वाला व्यक्ति हमेशा दुखी रहता है ।।
Shri shri sita ram
Aaj to Indresh ji ne Maharashtrian bhajan gaya…Jeeyo ❤❤❤ Jai Shri Krishn ❤
Kanak bhavan darvaje pde rho
Jha siyaram ji viraje pde rho
Jai shri krishna
Shree Radhe Radhe Indresh ji !! Apki madur Vani se katha sunna bahut acha lagta hai, AAP jab Sham ji aur Shama ju ki leela sunate ho, tab muje aesa mehsoos hota hai,me bhi unki leela ka darshan kar rahi hu, me waha mojud hu,ye Prabhu ji ki kripa aur apke bolne ke tarike ka asar hai.radhe Rani ki kripa hai ki me apki katha sunne lagi hu. Sabse pehle mene apki Radha rasamrit suni thi, Radha ji ko me pehle se hi bahut manti hu unse prathana Karti hu,lekin ab pura yakin hai ki Kishori ji bhi muje samjhti hai,dekhti hai. Apka bahut bahut dhanyavad.
Sabhi guru =
1 Prathvi. Sahanshilta daya
2 Surya. Paropkar
3 Kumari. Ekant rho
4 Sarp bhotik chije na bnana
5 Jal . Sab me Adust ho jana snighdhta
6 Chandra. Sheetala
7 samundra. Dherya
8 Shishu. Avdhut ki tarah rena
9 kurar pakshi. Tyag sanyam
10 agni . Sab ko pavitra karna
11 ajgar. Jo mile wo kha lena 12 madhua. Sangrah na krna 13 chatak. Lakshya ek rkhna
14 Vayu . Gun ya avgun ko pas n rakhna
15 patanga . Samarpan
16 Meen. Jeebh par Vash rakhna
17 Aakash . Anantataa me abhiman na karna
18 Bhora. Guno se Sikh k jeevan me Lana
19 Mrag. Kano se Bhagwat bhav sunna
20 Hathi. Sparsh/ kam bhav ko jeetna
21 Bagula. Ekagrata
22 Kabutar. Shanti
23 Bhrangi keet. Atut bhatki
1 yad ni h
or
Deh. Sadhana
जय जय राम कृष्ण हरी विठ्ठला मायबापा ❤
Girdher gopalji apki kripa se hamare gher gopalji thakur ji agye hi.......9.25.pm pr ab hmm jb vrindavan ayege tb ap se milna hoga.......meri roj sham apki katha se huyi hi......🙌🙌🙌🙌🙌radhe radhe
Jai shree madhav🙏🙏🌹🌹
Jai Jai Sri shyama pyari
Jai Jai Sri Radha Prari
🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹
श्री कुंजबिहारी श्री हरिदास
Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷Guru Ke Charno me koti koti Pranam Radhe Radhe 🙏🙏🪷🪷🌷🌷💐💐☘☘🌴🌴🌳🌳🍀🍀🌻🌻🌲🌲🌺🌺🌼🌼🌸🌸🪷🪷
Maharaj ji me pehle din se aap ki katha sun rahi hu... aap ko marathi nahi aati aap ne pehle bhi kafi prayas kiya marathi abhang gane ke pr atak jate the pr aaj aapne marathi abhang etne acche se gaya mujhe eisi Khushi Hui jeise ek Balak bolna sikh jata he or uski mata ko khushi hoti he😊😊
2:15:05 kanak bhawan darqaje pade raho❤
राधे राधे राधेश्याम महाराज जी मेरे दो बेटे हैं बड़ा बेटा 20 वर्ष का है जो बिल्कुल विकलांग है जिसका सरा काम हमें ही करने होते हैं डॉक्टर ने मना कर दीया कहा इसका ईलाज नही है कहीभी ओर मेरा छोटा बेटा 15वर्ष का हाईस्कूल मै है जिसको मैं भक्ति मार्ग मे भेजना चाहती हूँ पर हमारी जाती पान बेचने वाली है यहाँ के ब्रम्हांड लोग कहते है की तुम लोग गुरुकुल नही जा सकते कर्पा कर मार्ग दर्शन किजिए पता नही कोन से पाप किये जिसक कोई पश्चाताप नही किर्पाकर मेरा समाधान किजिए आप की इस मां पर बड़ी किर्पा होगी राधे राधे 😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Indresh bhai radhe radhe
Jaisri radhe pranam maharaj
🙏🌹Jay shree krishna🌹🙏
"Shree Giridharlal ji Hamare Ram "🙏
@@jayashreedhikale1147 jay ho shree girdhar laal ki🙏🙏 radhe radhe🙏🙏
🥀🌼 राधे राधे,जय श्री कृष्ण,🏵️🌻🏵️जय गिरधर गोपाल,❤🙏🙏
Priy Vaishnav Jan ko bahut bahut Jay Shri Krishna Jay Shri Krishna Jay Siyaram🙏🙏
Radha Radha ❤
Radhe Krishna 🙇♀️🙏🙏🙇♀️💐🙇♀️🙇♀️💐🙏🌺🚩🙇♀️🚩💐🌺🚩🙇♀️🚩💐🌺💐🙏🚩💐🌺🚩🙇♀️🚩💐🌺💐🚩🙇♀️💐🌺🚩💐🙇♀️🚩🌺🚩🙇♀️🚩💐🌺💐🙇♀️🚩💐🌺🚩💐🙏🙇♀️🌺
🙏🙌🤲💐
Brijwasiyo ki Taraf se sabko Jai shree Rdhey krishna ji 🙏🏻
RADHE RADHE
पांचवा गुरु अग्नि
गुण = सभी वस्तुओं को स्वीकार कर के अपना पवित्र स्वरूप प्रदान करती है और किसी भी वस्तु को अपने पास नही रखती है , अर्थात सभी का अहंकार नष्ट कर देती है , वह अपवित्र और पवित्र सभी वस्तु को स्वीकार कर लेती है । हर जगह उपस्थित होने पर भी हमेशा अप्रकट रहती है , और आवश्यकता पड़ने पर जब कोई उसे प्रज्वलित करता है तो प्रकट हो जाती है । अर्थात यह अपने गुणों को हमेशा प्रकट नहीं करती है ।।
अग्नि हमेशा ऊपर की और जलती है , चाहे उसमे अच्छा या बुरा कुछ भी डालो , इसी प्रकार हमे कोई दुख या सुख प्रदान करे हमे भी प्रभु को प्राप्त करने के लिए हमेशा ऊपर यानी की आगे की और चलना चाहिए ।।
Jay ho dut bhagwan ki Katha bahut hi badhiya hai
छटा गुरु चंद्रमा
गुण = चंद्रमा का स्वरूप कभी घटता हुआ तो कभी बढ़ता हुआ दिखाई देता है , लेकिन वह हमेशा विद्यमान रहता है , यानी उसे उसके बढ़ते और घटते रूप से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है , वह तो हमेशा अपने आत्म स्वरूप (मूल भाव ) में रहता है , इसी प्रकार मानव को चाहिए की वह अपने शारीरिक भाव को छोड़ कर अपने मूल भाव आत्म स्वरूप को स्वीकार करे और उसी में स्थित रहे । देह में आने वाली उपलब्धियों और कष्टों से अपने चित्त पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए । जिस प्रकार चंद्रमा घटने पर दुखी नहीं होता और बड़ने पर अहंकार से युक्त नही होता है ।
चंद्रमा अहंकार हीन और मूल स्वरूप में रहता है , और प्रभु ने उसे जैसा बनाया है उसी रूप में वह प्रभु के इस संसार को ऐसे समय में प्रकाशित करने का प्रयास करता है , जिस समय सूर्य नारायण नही कर सकते है , उसी प्रकार हमे भी प्रभु कोई भी परस्थिति प्रदान करे उसी में संतुष्ट होकर इस संसार की सेवा भगवत भाव से करनी चाहिए ।।
चंद्रमा का चिन्ह श्री भगवान के चरणों में विद्यमान होता है और उसी चरण चिन्ह को महा वैष्णव भगवान शिव साक्षात स्वरूप में अपने मस्तक पर धारण करते है , और चंद्रमा संसार को प्रकाशित करने के साथ साथ शिव जी की सुंदरता और उनके दीन, करुणामई स्वभाव के साथ साथ प्रभु के प्रति प्रेम को भी प्रदर्शित करता है , इसी से हमे यह सीखना चाहिए की श्री भगवान के चरणों की कितनी महिमा है । हमे भी हर परिस्थिति श्री भगवान के चरणों के प्रति सेवा भाव रखकर सेवा करनी चाहिए , उनके चरणों की कृपा से ही हम वैष्णव जनों की सेवा कर सकेंगे और उसी से श्री भगवान प्रसन्न होंगे ।
राधा🌸राधा🪷राधा🏵राधा🌹राधा🥀राधा🌺राधा🌻राधा🌼राधा🌷राधा🪻राधा⚘️राधा
Maharaj Ji ke charno me koti koti naman
Dandavat pranam guruji
Aaj Tak asi kathak Hui h h hogi es kaljug me inders ji ko bahut bahut radhey krisana
Prabhu kitne dayalu hai 🙏
Aaj subah hi mere man mein yah prashn aaya tha ki kya ham Bhagwat ka Hindi mein paath kar sakte hain?.... aur Vyas peeth se mujhe uska answer mil Gaya. Dhanya Ho Prabhu 🙌🙏
Jai ho 🙏🙏💐
Jai ho girdhar lal ju
Radhey radhey ❤❤❤ 2:10
Radhe Radhe 🌺🙏
Hum aap ki katha poori suni
🙏🙏🙏🙇♀️🙇♀️🙇♀️💞💞💞
राधे राधे ❤❤❤❤
❤ Radhe 🌷 Radhe 🌷🌿🌿🌷🙏🙏
Digambra❤
Radhe RADHE bhaiya🎉🎉
राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण❤ राधे कृष्ण❤राधे कृष्ण
Radhe Radhe 🪷🌿🌻❤️
Radhe. Radhe. ❤
Jay sri Radhe 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Jay ho vyasdeb ji ki 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Jay jay sri radhe 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Jay ho brindabaneswari radha rani ki jay ho jay ho jay ho jay ho 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
जय जय श्यामा जय जय श्याम जय जय श्री वृंदावन धाम
🙏Adbhut, BHUVAIKUNTH KI DIVYA KATHA 🙏
Jai Jai shree radhe shree Indresh bhaiya ji 😊
Shree Thakur ji ke charno me koti koti pranam
🙏🙏jai shree Krishna 🎉🎉🎉🎉🎉Radhay Radhay 🙏 🙏🙏🙏🙏🎉
"SHREE GIRIDHARLALJI HAMARE RAM"
🙏 हरी बोल 🙏
Such kahu to meri aankhon ke gopal to aap hi ho guruji 🙏🙏