Taking all credit as a “hero”, But what was Modi actually doing during emergency? | BJP
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- Опубліковано 24 чер 2024
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'भक्त' टीम शायद उन्हें 1975 के आपातकाल से लड़ने का नेतृत्व करने का पूरा श्रेय देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। लेकिन वास्तव में वह उस समय कहां थे? और क्या उन्होंने वास्तव में आपातकाल के खिलाफ कोई आवाज उठाने के लिए कुछ किया? जाहिर तौर पर यह उन्हें किसी तरह के "नायक" के रूप में चित्रित करने के लिए गढ़ा जा रहा एक और प्रचार है।
Prime Minister Narendra Modi’s ‘bhakt’ team may not be leaving any stone unturned to give him all credit for taking the lead in fighting the emergency of 1975 . But where was he actually at that time? And did he actually do anything to raise any voice against the emergency? Obviously this is yet another hype being fabricated to paint him as some kind of a “hero”.
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#emergencyinindia #indiragandhi #emergency1975 #modi #bjp #sharatkidotuk
इन्दिरा गांधी जी द्वारा लगाई जाने वाली इमरजेंसी उस समय के लिए बिल्कुल सही कदम था
Absolutely correct
हिंदू नेता राहुल
इस देश का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि इतने पढ़े लिखे लोगों को एक अनपढ़ व्यक्ति के विषय में बैठकर चर्चा करनी पड़ रही है
@@asadmohd752 😂😂😂
वह इमरजेंसी संविधान सम्मत थी और कानून का पालन होता था ।
असफल व्यक्ति हमेशा इतिहास का रोना रोता है
तो फिर पाकिस्तान क्यों बनाया ? गधे इतिहास से नहीं सिखते
यह तो इतिहास भी नहीं बल्कि झूठा इतिहास बना कर उसका रोना रोते हैं, यानि इतिहास का भी उपहास। 😂
कौन-कौन चाहता हैं कि अंहकारी मोदी जी को जेल में चला जाना चाहिए ।
पुरा भारत चहाता है
Aur Vo Jail Himalaya Parvat Par a Kutiya Honi Chajiye.
महामहिम के प्रति अशोभनीय टिप्पणी नहीं करना चाहिए वह अपने झोला लेकर चौराहे पर अपने आप ही घोषणा कर देंगे
Corporate field ko chhodkar sab garib, middle class, berojgar uva, mahila, dalit pichhda , students sab chahte hai modi ji se chhutkara.
Koi nahi
अयोग्य और धुर्त ब्यक्ति ही अपनी कमजोरी और अयोग्यता को छुपाने के लिए इतिहास का सहारा लेता है।
धुआं धुआं - मखमली मक्कारी - घर के सारे बल्ब बदल डालूंगा - पिछले दस सालों में देश में सर दर्द निवारक दवाओं की खपत दो सौ गुना बढ़ गयी है
मैने भी 1975 में नरेंद्र मोदी बोल कर किसी का नाम नही सुना था न इस नाम का कोई "चिड़िया" भी नहीं था उस समय ।
उस समय भीख मांग रहा था
हमने तो 2014 चुनाव के वक्त सुना था इनका नाम, तब वो बायोलॉजिकल थे तो नाम सुना था, नॉनबायोलॉजिकल तो अनाम होता है, इसलिए धीरे धीरे नाम धूमिल रहा है 😂
शरद जी नमस्कार।आपकी सत्यं पत्रकारिता को सलाम साहब ।
मोदी जी मुद्दों को छोड़ बस पिछली बातें करते हैं।जो सब व्यर्थ है ।
आज रोजगार महंगाई, किसान, छात्रों सडक पर है।
हमें क्या चाहिए इमरजेंसी।
क्यों की भविष्य के बारे में अच्छा सोचने की शक्ति नहीं। भाजपा नेता में।
आर एस एस प्रमुख बाला साहेब देवरस ने एमरजैंसी को अनुशासन पर्व बोल कर एमरजैंसी का सर्मथन किया था
ऊस वक्त सब नौकरशाहों ठीकाने आ गये थे ।
इमरजेंसी को कई लोग पसंद भी करते थे. ये आम लोग थे जो इमरजेंसी के समय में अधिकतर चीज़ों के भाव कम हो गए थे, हर आइटम के रेट दुकानों के बाहर बोर्ड पर लिखा मिलता था, रेल समय से चल रही थी, हर जगह से भ्रष्टाचार लगभग ख़त्म हो ही गए थे और सरकारी संस्थानों में तो सभी कर्मचारी और अफसर एकदम से सही काम करते हुए और समय पर काम पूरा करते हुए देखे गए - सभी से बहुत खुश थे.
You have stated the Facts. Thank You.
दलित और आदिवासी लोगोंके लाखो बच्चोंको बँकिंग/इन्शुरन्स कंपनी में नोकरिया लगीन थी...इस इसासे हजारो कुटुंबे आर्थिक दृष्ट्या प्रगत होत पाये है! सावकारी करनेवाले घबरा गये थे!
Common people were happy during emergency..
Bilkul sahi
Yeh bilkul sach hai emergency mein sab kuch bahut accha tha, Iam 76 yrs now I have seen that time
उस समय के आर एस एस प्रमुख ने आपातकाल में लिखित माफ़ी मांग कर जेल से बाहर आए थे
मीडिया और मोदी दोनों की विश्वसनीयत बहुत पहले समाप्त हो चुकी थी।
राहुल जी सर की बात एकदम सही है हमारे अनेक लोगों ने अब गोदी मीडिया का बहिष्कार कर यू ट्यूब चैनलो को ज्यादा सुनना पसंद करना शुरू कर दिया है
इमरजेंसी, में, देश, डाकुओ, जमाखोर, अतयचारीयो, के खिलाफ, थी, सिर्फ, परिवार नियोजन, के कारण, इनदिरागाघी, चुनाव, हारी, थी, आम, जनता, बहुत, खुश, थी, इमरजेंसी, का, फायदा, जनसध, ने उठाया, मेडिकल, मे, पवेश, उनके, बच्चों, को, मिला, मिसा, बनदी, नगदी, भी, मिला
😂 इमरजेंसी जैसी उस समय थी जनता को कोई परेशानी नहीं थी वास्तव में आम जनता जितनी दस साल में परेशान हैं उतनी तो कभी कांग्रेस को शासनकाल में परेशान नहीं रही वह आश्चर्य इस बात का है कि ये इस बात पर सर्च होना चाहिए कि जनता इन्हें किस कारण से बार बार सत्ता सौंप रही है
यह बात सहीहै कि नशबंदी वजह से इंन्द्राजी चुनाव हारी थी क्योंकि सरकारी कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ थे उनके भ्रष्टाचार पर भी पूर्ण विराम लग चुका था और कायदे-कानून के हिसाब से चलना पड़ रहा था बनियोंकोभी लूटने का मौका नहीं मिल रहा था
शानदार विश्लेषण। लोक सभा मे विपक्ष को अपमानित करने वाला व्यक्ति लोकतंत्र का समर्थक कभी नही हो सकता ढोग कर सकता है
आपातकाल को इसलिए उछाला जा रहा कि मैं भी अगर आपातकाल लगाऊं तो किसी को क्या ऐतराज होगा।
सत्ता पक्ष के एस सी एस टी के सभी सांसद अंतःकरण की आवाज़ पर इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर दलित सांसद के. सुरेश के स्पीकर की उम्मीदवारी का समर्थन करें और उन्हें विजयी बनाएं
Modi ne 1857 ke swatantrata sangraam mein bhi bhag liya tha.😢😢
Jaise gandhi bhag gya tha
Quite possible. He must have been sent by God to help the needy.
1857 ke sangraam se bhee iska naata hai.
महामहिम को श्रेय लेने के लिए ही स्वंभू भगवान बने है। जैसे, पहले मुंह पर रहता था मेरी परम् पूज्य माता श्री ने बर्तन धोए है
मैंने चाय बेची है। मैं अवतारी गंगा पुत्र हू। मैंने १९७१ के बंगाल देश को आजादी दिलाने में युद्ध में था।
मेरा मुस्लिम मतों के घर पला हूं मेरे घर पर खाना खाया है।
मैं पैगम्बर एवं गुरु नानक हूं।ईसा मसीह को मैंने फांसी लटकते समय खुद खड़ा था इत्यादि।
महामहिम से प्रार्थना है कि उसका भी बिबरण दें और अमल करें कि खुद चुनाव में ११६नं पर कैसे आगये जब कि शिवराज सिंह चौहान एवं अन्य ने रिकार्ड तोड जीत हासिल की
जावेद अंसारी साहब झूठी गवाही देने के मोदी जी को कई पुराने आर एस एस प्रचारक मिल जाएंगे
आपातकाल में नुकसान हुआ परन्तु फायदा भी मिला हर विभाग में चुस्ती और फुर्ती दिखाई देता था, सबसे बड़ी बात बाजार पुरी तरह नियंत्रण में था।
अब सड़क पर आकर अगर पत्रकार उतर जाएं किसी भी विरोध में तो उनका क्या हाल होगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।क्योंकि अभी अघोषित आपातकाल है।
1857 ka vidroh mei Narendra Modi asli leader tha.
Emergency मे एक साथ 100 सासंद निलम्बित नही हुए ,
जैसा कि स्पीकर (बीजेपी ) ने पिछली लोकसभा मे किया
अघोषित आपातकाल।
राजेश जी ने भी दो टूक बात कही. नेहरू के समय कितनी बैठके हुईं और आज कितनी हुईं?
💞🙏🏾
Simple logic hai ki emergency ki Zimmedar ko 1977 mn janta ne saza de dee. Lekin same janta ne 1980 mn dobara unhi Indira g ko satta de dee. Yaani chapter close.
1977 k baad 5 baar congress General election jeet chuki . Ab kya meaning hn emergency ki baat k ?
Apni baat karo ab modi g .
राहुल देव जी बहुत सही कहते हैं लगातार काम करना पड़ेगा चाहें जो हो. सहना ही पड़ेगा मजबूती भी मिलेगी. 💞🙏🏾
1975 में इमर्जैंन्सी लगी इतनी पुरानी बात पर चर्चा करके समय की बर्बादी है।
Abhi kya chal raha hai kisko nahi pdi
अगर ताजमहल को तेजोमहालय सिद्ध कर सकते हैं तो इन rss प्रचारकों को संविधान भक्त भी साबित कर देंगे ।
😂😂
इमरजेंसी में जब तुर्कमान गेट कांड हुआ था तो तत्कालीन संघ और जनसंघ ने जोर शोर से भाग लिया था और इंदिरा जी को सपोर्ट किया था,उस समय साहब का कहीं अता-पता नहीं था।
Very nice and interesting debate all the panel views and thoughts are outstanding and mind blowing
Yeah, all the speakers looked quite blown out. What will they do when Modi is sworn in for the 4th time
I was 29 yrs when Emergency was declared and I remember not having seen Modis name appearing even once in newspapers.
फिक्र दिल के साथ चाहे सौ लगी रहे !
आशिक की शर्त है कि हरदम लौ लगी रहे !!🎉🎉🎉🎉🎉🎉❤❤❤❤❤
Modi was 25 years old when emergency was declared and as per his own admission he was begging for 35 to 40 yrs!
मैंने १९७६ में १२ वीं पास किया था एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बीएससी का छात्र था। वो ऐसा दौर था जब विश्वविद्यालय बिल्कुल सही समय पर चलता था एवं इतना अनुशासन था जो मैंने आज तक नहीं देखा है।
केवल एक काम १० साल में ३७०हटा तो कुछ ठीक हुआ। मंदिर में भी पानी टपकने लगा। यदि बराबर इन्क्वायरी होगी तो यूपीए दो से ज्यादा घपले निकल सकते हैं
Gupgar gang ko 370 hatake jimma kar Diya
Domicyl 15 baras ka lagake shesh bharat ko
Waha rahne se maharoom kar diya.
आतंकी हमले तो फिर भी हैं ।कश्मीरी जनता नाराज और हो गयी है ।
Atankwadi hamle aur bad gaye
Modi ji ne BJP ko ab Bhartiya Jhansa Party bana diya hai.
जिस प्रकार से पुराने समय में औरतें अपने झगड़े में मुद्दे से हट कर झगड़ा करती थी इधर-उधर की बातों में उलझाकर उसी प्रकार असफल महामहिम राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं। परिवार बाद या युवराज एवं कई भावनात्मक विचार प्रकट कर रहे हैं
हम अपात्काल मे नागरिक आजादी का खात्मा किया गया था. आज मोदी सरकार अघोषित अपात्काल कर लोकतंत्र लहूलुहान होरहा हैं हम उस दौर में 19माह निरूद्ध थे
आज लोकतंत्र को खत्म कर नौकरशाही के चंगुल में फंस गया है
हम आपके बहुत ही धन्यवादी सदा रहेंगे, हमे वास्तविकता से जागृत करते रहें
श्री शरत जी आपका विश्लेषण और वार्तालाप, संवाद पसंद आया, भाजपा और आर एस एस नेताओं पोल खोल दी। भाजपा नेता नौटंकी कर रहे है। हमने गोदी मिडिया देखना बंद कर दिया।
मेरे भाई ने भी तारीफ की थी। सब जगह काम अच्छा हो रहा है।
एमरजेंसी के दौरान बालाजी देवरस ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 1976 में RSS की रैली की थी और उसमें स्पष्ट शब्दों में जनसंघ को भला बुरा कहते हुए कांग्रेस के समर्थन की बात की थी। वह बात अलग है कि उसी समय इंदिरा गांधी ने साम्प्रदायिक संगठन होने के कारण RSS का साथ लेने से इंकार कर दिया था। उन दिनों में RSS का ज़ोर यूपी और महाराष्ट्र में था, लेकिन गुजरात में निल था।
इमर्जेंसी के बाद जनता कई बार कांग्रेस को सत्ता में लाई है
लोग कहते हैं कि मोदी नहीं तो कौन ?
Aap sabhi वरिष्ठ पत्रकार कृपया इसका उतर जरूर दे क्योंकि andhbhgaton के लिए ये सबसे बड़ा सवाल है 😅
Country is bad luck to choose 3rd time uneducated pm
What a wonderful discussion, this is called the state reformed journalism.
Sharad ji, good that you pulled in Saeed Naqvi in the debate. People like him and Vinod Sharma have a lot in their stomach that enlightens younger generation in a positive direction.
Bahut accha debate lag raha hai , Congratulations
Then declared emergency was as per constitutional provision,now undeclared emergency is outside constitution.
विनोबा से तो मिले ही होगे।
मोदी।
पता करके हमें भी बताना।
आज की स्तिथि इमरजेंसी से बहुत ज्यादा खराब है। उस समय आम आदमी के लिए कानून व्यवस्था बहुत अच्छी थी।
लाजवाब और सौहार्दपूर्ण सारगर्भित बात चीत के लिए देशहित में हृदय से आप सब को साधुवाद है !🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Saeed Naqvi sahab ko bahut din baad sun ne ka mauka mila. Respect 🎉 and love from a fan, 80.
Voting for speaker's post should be done by paper ballot not electronically. You know what I am trying to say 🙏
जब बंगलादेश आंदोलन मे मोदी जी की महती भूमिका थी, उसी प्रकार इमरजेंसी विरोधी आंदोलन मे भी मोदी जी की महती भूमिका थी, देश की जनता को भी यह समझना चाहिए!
@@chetantiwari5062 Modiji ne yeh baat Bangladesh liberation ke 50th Anniversary per shayad kaha tha. Iska confirmation kisi historian ko karna chahiye.
बिलकुल सही है, आपातकाल एक अनुशासन पर्व था। अनुशासन पर्व संवैधानिक था । वैसे हम विद्यार्थीगण ने जे पी मूवमेंट के दौरान इमरजेंसी का विरोध किया था। मूवमेंट के दौरान हमलोग काफी सक्रिय थे , किंतु मोदीजी और अमित शाह का नाम दूर दूर तक नहीं सुना था ।
मोदी जी उस समय तपस्या कर रहे होंगे,क्योंकि उन्होंने 35-40 साल तपस्या की 🤣🤣🤣
भोजपुरी में एक कहावत है कि "पिसान पोत के भण्डारी बनना" हमारे महामानव को इसमें महारत हासिल है।
गुरूद्वारे में रहते थे और सिखी की जडें काटते हैं ।
युवावस्था में भीक्षा मांग कर कौन खा रहा था ?
"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को तो एक ही मोदी काफ़ी था I
हर कुर्सी पर जब मोदी बैठा हो अंजाम गुलिस्ताँ क्या होगा II
The more they assert to glorify his being, the more of him gets exposed about the being = law of karma and dharma for this existence
Salute Sirji aap sabhon ko. Ishwar aaplogon ki raksha karein. 👍👍👍👍
These are Living Legends, we are watching and listening them. Respect you all. ❤❤❤❤
बच्चो के लिए पहले टी वी पर छोटा भीम और मोटू पतलू जैसे सीरियल आते थे अब गोदी मीडिया को मोदी शाह सीरियल चलाना चाहिए
आपातकाल में तो यह हिमालय में तपस्या कर रहे थे, खैर छोड़िए इनके प्रधानमंत्रीत्व काल में देश में क्या मिला है।
I 1000% AGREE WITH RESPECTED SHR RAHUL DEV FACTS MENTIONED.ALL TEAM OF SATY HINDI CHANNEL THANKS FOR SUCH PRESENTATION.
Par Excellence Discussion and Dialogue Thank you, sir...
बहुत उच्चकोटि का संवाद । लेकिन मुझे लगता है कि इस प्रकार के गंभीर विषय पर एक कार्यक्रम में दो या तीन से ज्यादा लोग नहीं बुलाने चाहिये ताकि सबको अपनी बात कहने का पूरा मौक़ा भी मिले और वार्ता में बिखराव कम से कम हो !
आप बधाई के पात्र हैं । 🌹
He is my age. My dad was 55 yrs and was harassed for no reason. He was forced to opt for voluntary retirement. Even after lifting of emergency, government took 18 months ,
later in September 1976 agreed to offer him director, civil aviation whereas he was due for director industries , as he was in -charge of cements and possibly he had used his discretion to allot under discretion quota .
That , did the damage because the affected areas one was close to Sanjay Gandhi.
Our lives were destroyed
We moved forward, never complained
We remained trustworthy to the government.
We never.celebrated ‘“black day”.
One should be positive in life.
Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏
Sirs The respectful language you are using for Modiji under today's scinerio is really great, weather he deserves it or not is a big question mark.
किसी दो आदमियों को पूरा देश नहीं बेचा गया था।
The esteemed channel " Satya Hindi" is playing s great , brave, n very much coomrndable role to expose the ongoing hidden reality of political, rconomical n social facts of the country. The channel deserves high appreciation with deep thanks with love n respect.
Bilkul hamare dil ki bat Ki chahe emergency ho ya aajadi ki ladai Modi ji jaise kahin nahi rahe.
संघ को अब सरकारी करण में शामिल करने की जरुरत है। अन्यथा कुछ समय बाद फिर से अघोषित आपात काल लगाने आ जायेगी।
Good panel love u all
वर्तमान अघोषित अपत्काल जो 10 साल से है वो उससे कहीं ज्यादा गलत है
आपातकाल के समय भीख माँग रहे थे।
Emergency के समय बंशी लाल, धवन, राजनारायण, जय प्रकाश नारायण, चौधरी चरण सिंह, देवीलाल, संजय गांधी , इंदिरा गांधी, मुरली मनोहर जोशी, अटलजी, लालकृष्ण आडवाणी, मोरारजी देसाई, आदि काफी सक्रिय नेता थे।
वास्तविक एवं सही तथ्यों पर आधारित चर्चा का साधुवाद
जो व्यक्ति बायोलाॅजिकल नहीं है उनके इतिहास के सबूत कैसे मिल सकते हैं?
हर जगह एक एक लमपट ज़रूर पाया जाता है।
Mujhe wo Rahul Deo ji ka smile bada acha laga 14.05 minute par 😂
भाई आपने एक चैनल पर हर्षवर्धन त्रिपाठी को जो धोया है कि मजा आगया।
आपातकाल मेंबंध्यायकरण का शिकार लोग काफी दुखी है...
Wah !! Modiji has many qualities-- M. A in all.politial sc. Historian , god, freedom fighter, God, Vishwaguru, saviour of democracy and constitution of India etc. He is not an ordinary man. 😮😮. May god.bless him.
Best conversation in today's time thanks to all participants
MODIJI WAS PRACHARAK ALL OVER HINDU BHARAT NOT ONLY IN GUJARAT.
युवावस्था में भीक्षा भी तो मांगते थे।
सत्र चाहे नौ दिन चले या नब्बे दिन, जब सरकार संविधान मानती ही नहीं तो क्या फर्क पड़ता है?
इसी लिये अनुस्म खेर की पत्नी और कंगना एमपी हो गईं। उन्होंने पिक्चर में मोदी को इमरजेंसी, २५ वर्ष का योग दान (झूठे) दिखाया था।
शरत भाई मोदी जी कभी मोर भी बन जाते थे👻👻👻
Rajesh Badal is right
Very fine and knowledgeable debate
अडवाणी की रथ यात्रा मे मोदी आडवाणी के साथ रथ पर दिखा लेकिन आडवाणी की बिहार मे गिरफ्तारी पर मोदी गायब हो गया था, भयंकर योद्धा इसी तरह इमरजेंसि के विरुद्ध लड़ा था।
देश के बुजर्ग वरिष्ठ पत्रकार जब ऐसी बाते सुनते है तो उन्हे बड़ा आश्चर्य होता है कि देश में इस तरह झूठ का इतिहास भी लोगो को सुनाया जाएगा
बहुत खूब पर्दाफ़ाश 👍🏻
तो चालीस साल भिख कब मांगे अगर सभी कार्यक्रम मे शामिल थे।
पूरे चर्चा में आप लोग यह नहीं बता रहे हैं कि मोदी कहां थे?
२५ साल की आयु में तो मोदी भिक्षा माँग रहे थे।