सर आपकी जानकारी बहुत ही अच्छि लगी, आप बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हो, आप भगवान बुद्ध के संदेश को बहुत ही अच्छी तरह से इस वीडियो में समजाया है , आपका बहुत बहुत आभार 🙏 , सर आप ऐसे ओर भी बहुत वीडियो बनाये की इससे , भगवान बुद्ध के संदेश हर घर मे पहुचे , सर आपका बहुत बहुत आभार धन्यवाद 🙏 ☸ नमो बुद्धाय 🇪🇺 जय भीम🙏🙏🙏
Buddha was like sun hence Buddha is called the light of Asia as the sun will never die hence the Buddha will always remain all the science is created by Buddha,s knowledge
Bahit bahut sadhuvaad Bhai ji पिछला जन्म का सवाल कैसे आ गया तब इंसान मरने के बाद भीतिक तत्वों में विलीन हो जाता है , सब के सामने तथातगत बुद्ध ने पुनर्जन्म के बारे काह की कोई पुनर्जाम जैसी बात नही है सिर्फ siraf ped se पुन अ जन्म होता है इंसान से पुन अ जन्म होता है मेल + ,फीमेल से
Aapke aham (ego) ko kyunki hum yehi to sochte hain ki hum shareer(body) hain aur shareer ko jo kuch bhi anubhav hota hai usey hum apna anubhav bata dete hain agyan ke karan jabki hum na toh shareer , na hi 6 indriyan(5 senses + mind), na hi praana(vital breath) jo kuch bhi hum kehte hain ki ye hum hain vaastav mein wo hum hai hi nahi isliye buddha ne anatta(no - self) ka siddhant diya par choonki hum agyanvash aur aham(ego) ke karan iss bhautik shareer ko hi swayam (self) samajh lete hain toh isi karan hume punah naye shareer dharan kar janm lena padta hai , nirvana ka arth hai shunya ki avastha ko pahunchna yani wo awastha jahan par jaan jaoge ki kuch bhi nahi hai , aap jise apna kehte thhey wo vastutah maya hi hai(reaching a point where you know that there is no self)
Sir insan likhana kab sikha to ye jo ved ya so called log bolate hai ye Buddha se pahale kaise hue aur inke grantho me buddho ke naam hai lekin baudh sahitya me Inka koi bhi jikr nahi
लेकिन संस्कार वाला मैटर कुछ समझ में नहीं आया बुद्ध तो पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते थे उनके अनुसार उनके अनुसार पुनर्जन्म दोबारा शरीर धारण करना नहीं था अगर मैं गलत हूं तो मुझे करेक्ट करिए प्लीज
*_The history of india is nothing but a moral conflict between Buddhism and Vaidiki Brahmin culture, as Hindu forum is not a religion at all, as it never meets the criteria or concept of a word religion..!_* - Dr BR Ambedkar. *धर्म का अर्थ प्यार करुणा, मानवता दयालूता और इंसनियत फैलाना..!* *- दलाई लामा* _सामाजिक गोष्टींच्या बाबतीत वैदिक ब्राह्मणी हिंदू धर्माने ढवळाढवळ केली. ही धर्माची सर्वात मोठी चूक आहे. सामाजिक नियमांचा कर्ता होण्याचा धर्माला काहीही अधिकार नाही. _*_धर्माचा संबंध केवळ आत्म्याशी आहे. त्याने सामाजिक क्षेत्रात अजिबात ढवळाढवळ करू नये._*_ आतापर्यंत जे अनर्थ घडले. त्याचे एकमेव कारण धर्माने सामाजिक बाबतीत ढवळाढवळ केली, हे आहे."_ *- स्वामी विवेकनंद* दुनिया में दो प्रकार के लोग होते है... *१) बुद्धिमान : जिन्हे धर्म की कोई आवश्यकता नही होती..!* *२) धार्मिक: जीन्हे बुद्धी की कोई आवश्यकता नही होती..!!* - ओशो *मुझे ईश्वर से डर नही लगता... क्यो की वह है ही नही..! मुझे ईश्वर को मान ने वालो से डर लगता है..!* - Stephen Hawking *आत्मज्ञान याने चेतना का विकास ही शाश्वत सत्य है..! Life means Liberation from Ignorance (अज्ञान) Finding the True Enlightenment.* - भगवान बुद्ध. एक गवार ब्राह्मण के कहने पर राजा पुरुषोत्तम??? राम सर्वज्ञानी?? शांबुक जैसे कई आचार्य, बौध्द भिक्खू, विद्वान लोगो की हत्याये करता है, एकलव्य जैसे धनुर्धारी विद्यार्थी का अंगुठा ही काट दिया जाता है यह घीनोनि हरकत, पाखंडी, अमानवी ज्ञान क्या दर्शता है..??? की समाज अज्ञान मे मरे और ऐतखाऊ ब्राह्मण जिंदा रहे..! इस कारण ब्राह्मणी हिंदू धर्म कहने लायक ही नही है.. यह एक समाज की बरबर्ता है, पाखांड सिवा कुछ नाही..! हिंदू को धर्म कहना बिलकुल गलत है..!
सुना है कि बुद्ध कई जन्मों के बाद निर्वाण प्राप्त हुआ।क्या एक ही व्यक्ति कई बार जन्म लेता है?या उसके संस्कार उसके संतान में जाना और गर्भ से बाहर आना ही पुनर्जन्म है?या दोनों प्रकार की बातें हैं? 2-निर्वाण को प्राप्त व्यक्ति के मृत्यु के बाद भी उसका अस्तित्व किसी तरह रहता है या नहीं? भाई जैसे ज्ञान बता रहे हो वैसे ही प्रश्नों का उत्तर भी दो जिससे ज्ञान प्राप्त हो।
प्रतित्य = प्रत्यय, हेतु, कारण, सम्मु = समुदाय, समूह, अनेक और उत्पाद (उत्पादन, निर्माण, घटना, कार्य), प्रतित्यसम्मुत्पाद यानी कारणों के समूह से कार्य होते है। बिना कारणों के समूह कार्य, घटना निर्माण नही होता। इसे कार्यकारण सिद्धांत भी कहते है।कारणों से कार्य होते है। इसके अंत से उसकी निर्मिती, बुद्ध का अनित्य का सिद्धांत कहता है की पल पल, निरंतर परिवर्तन, सतत बदल।
शत शहा नमन करता हून सर. बहोत हि गहन विषको सहज अोर सरलतासे आकलन करादिया सदा अपका आभारी रहुंगा स्कंध के सबंध मे भी हमरा. मार्गदर्शन करा सर
Aapka bahut bahut aabhar
Namo buddhay
बहुत बहुत धन्यवाद. विविध धर्म के बारे में सुक्ष्मतम बारिकीयोंको जानना मुझे बेहद पसंद है, आज अचानक से ही यह वीडियो मिल गया.🙏🙏🙏
Namo Buddhay. 🙏. Sir Ji Apko bhavmay Vandan. Thanks for upload.
थैंक्यू सर आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जी सर आप ने हमे परतीतयसमुतपाद के बारे मे बताया सर आपका बहुत-बहुत स्वागत है
बहोत अच्छी तर्फे बताया Thank u Sir🙏
Thanks bhot accha lgta hai ye vani gatha sunkar.
Thank you sir🙏
🙏 प्रणाम
बहोत बधिया, आप का बहोत बहोत धन्यवाद, दुःख समज आया। धन्यवाद सर।
Excellent.
Bhagwan Buddha maharaj ji 🙏 is international sadguru ji 🙏
SADHU SADHU SADHU ... TRIRATNAYA NAMO.
Good preaching
Sir namaskar नमो बुद्धाय
Namo buddhay 🙏 Namo buddhay 🙏 Namo buddhay 🙏
Thank you sir
Great divine buddha
धन्यवाद सर जी आपका इसी तरह हमारा ज्ञानवर्धन करते रहिएगा
Excellent explanation
Thank you sir, 🙏🙏🙏👍
Bhagwaan pranaam
सराहनीय
सर आपकी जानकारी बहुत ही अच्छि लगी, आप बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हो, आप भगवान बुद्ध के संदेश को बहुत ही अच्छी तरह से इस वीडियो में समजाया है , आपका बहुत बहुत आभार 🙏 , सर आप ऐसे ओर भी बहुत वीडियो बनाये की इससे , भगवान बुद्ध के संदेश हर घर मे पहुचे , सर आपका बहुत बहुत आभार धन्यवाद 🙏 ☸ नमो बुद्धाय 🇪🇺 जय भीम🙏🙏🙏
Well explained 🙏🙏thanku sir
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🌹☝️💐👍
खुप छान समजावून सांगितले आहे
Thanks for uploading the video please up load more videos.
Thanku Sir
Thank you so much for this video.
बहुत अच्छा लगा ।
Thanks for the video sir 🙌🙏
साधु साधु साधु न जाने कितने वर्षों से मैं इसके बारे में जानना चाहता था
💐🙏🏻🌹
Dhanyabaad swamee ji.
Very good explanation.
Aapka Mangal ho klyan ho.
Namo Buddhay
Jay Bhim
Sadhu Sadhu Sadhu
Excellent
❤namo buddhay❤jai bhim❤🎉
very good knowledges
Good thugt
Buddha was like sun hence Buddha is called the light of Asia as the sun will never die hence the Buddha will always remain all the science is created by Buddha,s knowledge
good work.
Namo buddhaya Jai bhim Jai rajratn ambedkar
Isse dekh dekh kar mai thakta nahi hu... Kyo ki isame aisi baat hai jo kisi aur chiz Mai nahi hai...
be happy, bhavtu sabb manglam 🙏
Buddhach Satya Aahe....
Thank You 😊
Kutun ahe tu
Jay bhim
I didn't hear about this before now.
Bahut khubsurat
Very nice
Bahit bahut sadhuvaad
Bhai ji पिछला जन्म का सवाल कैसे आ गया
तब इंसान मरने के बाद भीतिक तत्वों में विलीन हो जाता है , सब के सामने तथातगत बुद्ध ने पुनर्जन्म के बारे काह की कोई पुनर्जाम जैसी बात नही है सिर्फ siraf ped se पुन अ जन्म होता है इंसान से पुन अ जन्म होता है मेल + ,फीमेल से
Please explain about the concept of punerjanma!!!
Nmo budhay,
Jay bhim Namo buddhay sir
क्या बुद्ध नें , धर्म का नाम बुद्ध में बताया था ? मार्गदर्शन करियेगा प्रणाम
sadhu sadhu sadhu
super
Nice
World is work and GOD is Nimit Karan
Jiska pahla janm ho uska kya? Usme kaha se aaya vigyan ? Kuch kmi hai
AGR sbko Nirvana mil jayega to dharti PR bachega kaun ???
What do you refer?
Would you like to share with us...
Please upload more....
Buddha ne soul ku accept nehi ki....agar soul nehi to nirvana kisko milega....plz sir ans me plz
Aapke aham (ego) ko kyunki hum yehi to sochte hain ki hum shareer(body) hain aur shareer ko jo kuch bhi anubhav hota hai usey hum apna anubhav bata dete hain agyan ke karan jabki hum na toh shareer , na hi 6 indriyan(5 senses + mind), na hi praana(vital breath) jo kuch bhi hum kehte hain ki ye hum hain vaastav mein wo hum hai hi nahi isliye buddha ne anatta(no - self) ka siddhant diya par choonki hum agyanvash aur aham(ego) ke karan iss bhautik shareer ko hi swayam (self) samajh lete hain toh isi karan hume punah naye shareer dharan kar janm lena padta hai , nirvana ka arth hai shunya ki avastha ko pahunchna yani wo awastha jahan par jaan jaoge ki kuch bhi nahi hai , aap jise apna kehte thhey wo vastutah maya hi hai(reaching a point where you know that there is no self)
Ye to ararat kalam se शिक्षक liya tha buddh maharaj ने
जो kendriya siddhant baudh dharm
Sir insan likhana kab sikha to ye jo ved ya so called log bolate hai ye Buddha se pahale kaise hue aur inke grantho me buddho ke naam hai lekin baudh sahitya me Inka koi bhi jikr nahi
लेकिन संस्कार वाला मैटर कुछ समझ में नहीं आया बुद्ध तो पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते थे उनके अनुसार उनके अनुसार पुनर्जन्म दोबारा शरीर धारण करना नहीं था अगर मैं गलत हूं तो मुझे करेक्ट करिए प्लीज
बुद्ध पुनर्जन्म में विश्वास करते है। ईश्वर में नही
Can we get this PPT please . You have done great work .. thanks
*_The history of india is nothing but a moral conflict between Buddhism and Vaidiki Brahmin culture, as Hindu forum is not a religion at all, as it never meets the criteria or concept of a word religion..!_*
- Dr BR Ambedkar.
*धर्म का अर्थ प्यार करुणा, मानवता दयालूता और इंसनियत फैलाना..!*
*- दलाई लामा*
_सामाजिक गोष्टींच्या बाबतीत वैदिक ब्राह्मणी हिंदू धर्माने ढवळाढवळ केली. ही धर्माची सर्वात मोठी चूक आहे. सामाजिक नियमांचा कर्ता होण्याचा धर्माला काहीही अधिकार नाही. _*_धर्माचा संबंध केवळ आत्म्याशी आहे. त्याने सामाजिक क्षेत्रात अजिबात ढवळाढवळ करू नये._*_ आतापर्यंत जे अनर्थ घडले. त्याचे एकमेव कारण धर्माने सामाजिक बाबतीत ढवळाढवळ केली, हे आहे."_
*- स्वामी विवेकनंद*
दुनिया में दो प्रकार के लोग होते है...
*१) बुद्धिमान : जिन्हे धर्म की कोई आवश्यकता नही होती..!*
*२) धार्मिक: जीन्हे बुद्धी की कोई आवश्यकता नही होती..!!*
- ओशो
*मुझे ईश्वर से डर नही लगता... क्यो की वह है ही नही..! मुझे ईश्वर को मान ने वालो से डर लगता है..!*
- Stephen Hawking
*आत्मज्ञान याने चेतना का विकास ही शाश्वत सत्य है..! Life means Liberation from Ignorance (अज्ञान) Finding the True Enlightenment.*
- भगवान बुद्ध.
एक गवार ब्राह्मण के कहने पर राजा पुरुषोत्तम??? राम सर्वज्ञानी?? शांबुक जैसे कई आचार्य, बौध्द भिक्खू, विद्वान लोगो की हत्याये करता है, एकलव्य जैसे धनुर्धारी विद्यार्थी का अंगुठा ही काट दिया जाता है यह घीनोनि हरकत, पाखंडी, अमानवी ज्ञान क्या दर्शता है..??? की समाज अज्ञान मे मरे और ऐतखाऊ ब्राह्मण जिंदा रहे..! इस कारण ब्राह्मणी हिंदू धर्म कहने लायक ही नही है.. यह एक समाज की बरबर्ता है, पाखांड सिवा कुछ नाही..! हिंदू को धर्म कहना बिलकुल गलत है..!
apkojitanadhanyvad
kiyajaykamhai
सुना है कि बुद्ध कई जन्मों के बाद निर्वाण प्राप्त हुआ।क्या एक ही व्यक्ति कई बार जन्म लेता है?या उसके संस्कार उसके संतान में जाना और गर्भ से बाहर आना ही पुनर्जन्म है?या दोनों प्रकार की बातें हैं?
2-निर्वाण को प्राप्त व्यक्ति के मृत्यु के बाद भी उसका अस्तित्व किसी तरह रहता है या नहीं?
भाई जैसे ज्ञान बता रहे हो वैसे ही प्रश्नों का उत्तर भी दो जिससे ज्ञान प्राप्त हो।
बहुत बहुत साधवाद
Mujhe apse kch bt krni h
Isse accha video nhi bn skta
प्रतित्य = प्रत्यय, हेतु, कारण, सम्मु = समुदाय, समूह, अनेक और उत्पाद (उत्पादन, निर्माण, घटना, कार्य), प्रतित्यसम्मुत्पाद यानी कारणों के समूह से कार्य होते है। बिना कारणों के समूह कार्य, घटना निर्माण नही होता। इसे कार्यकारण सिद्धांत भी कहते है।कारणों से कार्य होते है। इसके अंत से उसकी निर्मिती, बुद्ध का अनित्य का सिद्धांत कहता है की पल पल, निरंतर परिवर्तन, सतत बदल।
But tum to bolte ho ki punarjanam hota hi nahi..aatma hoti hi nahi phir ye rebirth kaha se aaya
Nirvana aur moksha saman nahi hai
Moksha6
Nirvana and moksh are not equal. Not same.
Isniyamperhisansarchalrahahai
पुनर्जन्म नाही विश्लेषण योग्य वाटत नाही
Why do u explain like this😐
Sir Bhagwan Buddha koi aatma nahi sidhe sidhe kaho Bhagwan Buddha .jis batko nakarte hei usi ka use karte ho.
Very nicely explained .