Uttarakhand | क्या है चार अरब के Compensation का पूरा मामला? | Baramasa

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  • Опубліковано 29 січ 2025

КОМЕНТАРІ • 361

  • @Baramasa
    @Baramasa  2 роки тому +13

    बारामासा को सपोर्ट करें:
    baramasa.in/subscribe/

    • @prabkalsi4187
      @prabkalsi4187 Рік тому +1

      कृपया बारहमासा की टीम उत्तराखण्ड राज्य में पर्यावरण संरक्षण एवं वन्य जीवों के हित में उनकी आवाज़ बने। क्योंकि इस प्रकार तेज़ी से खत्म हो रहे पर्यावरण को बचाना मुश्किल हो रहा है।

  • @rajanijuyal
    @rajanijuyal 3 роки тому +7

    इस तरह की रिपोर्ट कोई चैनल या अखबार न दिखाता
    बारामासा की टीम को बधाई जो खबरों के पीछे इतनी मेहनत कर रही है👍👍

  • @ankitrawat927
    @ankitrawat927 3 роки тому +2

    Joshi ji ko insaaf mile .. aasha h baramasa ki team is issue pe aage hone wali karyawahi ko b dikhaegi. Shaandaar kaam.

  • @krishnakantkuniyal9954
    @krishnakantkuniyal9954 3 роки тому +8

    क्या हम अपनी न्यायपालिका से उम्मीद कर सकते है की इन्हे अपना हक मिलेगा, न्याय मिलेगा। बारामासा की टीम का धन्यवाद किसी असहाय की आवाज़ हर कोई नही बन पाता।
    हमारे प्रदेश को रेल कनेक्टिविटी की जरूरत है,बिलकुल है। पर किसी गरीब का हक दबा कर हमे ऐसी रेल नही चलानी ।🙏🏻🙏🏻

    • @chauhanji6011
      @chauhanji6011 3 роки тому +1

      कहा के गरीब 6 लाख इनकम वाला कहा से गरीब है

    • @pradeepsinghrawat974
      @pradeepsinghrawat974 2 роки тому

      ये बहती गंगा में हाथ धोने वालों मे से हैं।

  • @meANDpujju
    @meANDpujju Рік тому +4

    जिनको सरकार ने पुरुस्कार देना चाहिए उनको कोर्ट में धक्के खिलाए जा रहे हैं,
    हमारा देश हमेशा एक विकाशसील देश ही रहेगा इन्हीं कारणों से

  • @shankarsj8763
    @shankarsj8763 2 роки тому +1

    Thank u so much team ,,, navnirman waki suru ho chuka hai uttarakhand ka ,,ase patrakarita ki liye ,,baramasa uttarakhand ka "lallontop " hai

  • @Manishameenu-s6z
    @Manishameenu-s6z 3 роки тому +4

    ghotaale hi ghotaale sab jagah.... aise kitne hi aur honge jin tak Media b nahi pahunchi hogi... baramasa team good luck....

  • @vinodmashi9667
    @vinodmashi9667 Рік тому +1

    God bless u sir 🙏

  • @Techdkrp
    @Techdkrp Рік тому

    धन्यवाद बारामासा टीम... ❤

  • @mountainsoul4306
    @mountainsoul4306 3 роки тому

    Most underrated channel of uttarakhand 🔥🔥
    Wish u all the very best fr upcoming jrny sir ❤️🔥🔥🔥🔥🔥

  • @missionima576
    @missionima576 3 роки тому +3

    Such a wonderful video. Got to know the bad side of government. God please help him. Uk govt is so bad.

  • @pahadibhulaabisht3875
    @pahadibhulaabisht3875 5 місяців тому

    Appreciate your work... U r very goood intpreneur

  • @babitarana7364
    @babitarana7364 2 роки тому +14

    अगर एक पेड़ से दूसरे पेड़ की दूरी 3 मीटर की होती है तो 100 पेड़ लगभग 300 वर्ग मीटर में लगते हैं और 7 लाख पेड़ लगभग 2100000 वर्ग मीटर में लगेंगे जो कि पूरे मलेथा की भूमि भी कम पड़ सकती है

    • @amvedin
      @amvedin 2 роки тому +1

      Right on!!. This is a sponsored and committed video made by a Jholawala leftist probably trained in JNU.

    • @bikerbysoul6818
      @bikerbysoul6818 2 роки тому

      Dil pe leli apne baat

    • @amvedin
      @amvedin 2 роки тому +2

      @@bikerbysoul6818 I am seventy years old and have seen Uttarakhand mired in poverty forever because of corrupt leaders and a not-so-awake and hardworking population. On top of that when a video that is totally uncalled for is made, it makes me angry. The emphasis of the video was not on telling the truth but on raking up as much mud as possible to increase eyeballs for the video. This is despicable.

    • @harenderpaliwal1442
      @harenderpaliwal1442 2 роки тому

      Sahi calculation Kari but kuch light sarvay team dwara calculation par bhi dalo ke satut ke 7 L tree hai waha

    • @arjunsinghrawat4483
      @arjunsinghrawat4483 2 роки тому

      बगीचा नहीं है मैडम जी नर्सरी है अपना गणित लगाने से पहले वीडियो देख लो।

  • @xyzind
    @xyzind 3 роки тому +8

    इस इलाके को देखकर तो नहीं लगता कि वहां हजारों और लाखों पेड़ होंगे

    • @bunnybisht3993
      @bunnybisht3993 2 роки тому +1

      @Piyush Vashisth bhai dekh dekh hi bde hue hai wha kheti hote the pedh toh dekhe nhi wha itne

  • @rawatsandeep1
    @rawatsandeep1 2 роки тому +3

    This should have been a national news...what a tragedy of a man vs State

  • @surajrana4217
    @surajrana4217 2 роки тому

    Anchor ne Bahut aache se explain Kiya... Very good anchoring...

  • @vijaygarhwali6367
    @vijaygarhwali6367 2 роки тому

    आपका बहुत-बहुत धन्यवाद...🌷

  • @manojpaliwal4809
    @manojpaliwal4809 2 роки тому +5

    जोशी जी मौसी जी की भूमिया निभा रहे हैं, इस रेलवे के प्रोजेक्ट में,सात लाख पेड़ लगाने के लिए जगह भी उस हिसाब की होनी चाहिए जो दिखती नहीं है। मिलना चाहिए मुआवजा पर इतना भी नहीं इतने में तो रेलवे अपनी रेलवे लाइन को पताल लोक से ले जाय।

  • @brijeshkumartripathi7350
    @brijeshkumartripathi7350 3 роки тому +5

    सारे पहाड़ पर क्या इनका बनामा था,10 साल में 10 लाख पेड़,भैया इतना बड़ा ग्रोथ क्या सिर्फ दुनिया में आप ही पेड़ लगाते हैं। अरे भाई देश के लिए सहयोग करो,क्या चाहते हो उत्तराखंड इस रेल परियोजना से वंचित रहे।खाना देख कर भूख लग गई।

    • @mohitbaloni2161
      @mohitbaloni2161 3 роки тому

      Railway se kya ummed rkhte ho aap kya vikas hoga tumhara?
      Paryawaran ko jo nuksan hua uska Bhugtan krskta hai koi??????

  • @bhajanvenkatesh3386
    @bhajanvenkatesh3386 3 роки тому +1

    Wonderful efforts

  • @jaysuryakandari3850
    @jaysuryakandari3850 3 роки тому +7

    सारे खेत बर्बाद कर दिए इन रेलवे वालों ने जब भी देहरादून जाता हूँ तो बीच मे मलेथा क़ी दुर्दशा देखकर बहुत दुःख होता है

    • @MS-mq9dy
      @MS-mq9dy 28 днів тому

      ये पागल पन है

  • @chandangusain3588
    @chandangusain3588 2 роки тому +6

    एक सवाल ये भी है की अनिल जोशी जी ने जिस मलेथा यानी इंजीनियर स्वर्गीय माधो सिंह भंडारी जी के गांव की भूमि पर जो पेड़ उगाए उसके बदले वो जमीन के मालिकाना हक रखने वाले मलेथा गांव के निवासियों को क्या यानी कितना पैसा देते थे और यदि रेलवे की ओर से Copansation का चार हजार करोड़ मिलता है तो मलेथा गांव के निवासियों यानी भूमि के मालिकों को कितना मिलेगा क्योंकि आखिर पेड़ तो जमीन पर ही उगाए गए थे जो कि मलेथा गांव की है?

  • @natureloverashunegi3122
    @natureloverashunegi3122 2 роки тому +7

    Inta fraud...sb mile huye...hein.7 लाख पेड़ पूरे श्रीनगर तक भी पूरे नहीं होंगे

  • @chandrakantpatel4596
    @chandrakantpatel4596 Рік тому +2

    He knows in future railways coming so plants trees he is smart guys

  • @sonupanwar8190
    @sonupanwar8190 2 роки тому +3

    सर्वे तो 1900 में हो गया था ????2007....2008 में भी फाइनल सर्वे हुवा था तब महोदय ने सोचा मलेथा को टारगेट करो वाह 👌 10 साल के अंदर यानी 2012 से अब तक 10 लाख पेड़ लगा दिए ये भी सरासर झूठ है और अब 400 करोड़ कंपनसेशन चाहिए इनको।

  • @KhaasLog2023
    @KhaasLog2023 3 роки тому +2

    Salute to Anil Joshi ji. Govt should pay him the desired amount along with interest.

    • @ManojSinghRwt
      @ManojSinghRwt 3 роки тому +2

      भाई चुटिया बना रहा है लालची आदमी

  • @Sanjay-eu3ly
    @Sanjay-eu3ly 3 роки тому +5

    यह भी एक बहुत बड़ा घोटाला है कि वहां 700000 पेड़ थे भी जबकि शहतूत के पेड़ का कोई भी उपयोग नहीं है

  • @r.c.mishra5454
    @r.c.mishra5454 2 роки тому +4

    जिस टीम ने सात लाख पेड़ों की गिनती की उनसे वसुली होनी चाहिए। जनता के टैक्स की बन्दर बांट का उदाहरण है। यह आदमी फा्र्ड है इसके चारा बिकास विभाग में किये काम की भी जांच होनी चाहिए। इस आदमी ने कुछ साल पहले दो खेत किराये पर लेकर पौधे उगाये लगाया कहीं नहीं।7 लाख पौधों के लिए तो मलेथा का पूरा गांव भी कम पड़ता।

  • @01.Ritesh
    @01.Ritesh 2 роки тому +5

    जोशी जी आप बात को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रहे हो । इतनी सी जगह में 7 लाख 14 हजार 240 पेड़ लगाना असंभव है। आपको न्याय मिलना चाहिए लेकिन 400 करोड़ की मांग किसी भी प्रकार से संभवते मुमकिन नही लगती । मैं आपकी बात से बिलकुल सहमत हु लेकिन रोजगार के चक्कर में आपने अपने आप को पूरी तरह बेरोजगार कर दिया है।

    • @benz4399
      @benz4399 2 роки тому

      Kyun possible nahi hai? Wha pe jitne officers aaye the unhone khud gine hai wo paid...usme Railway officials bhi included hai.
      Legally ye bilkul sahi hai

    • @RightOne1
      @RightOne1 2 роки тому +2

      @@benz4399 legally correct but physically impossible. Ye bhi jayega aur saath me wo officials bhi jinhone ye figure submit ki hain.

    • @sr9002
      @sr9002 2 роки тому +2

      भाई साहब 7 लाख छोड़ो सिर्फ 700 या 7000 पेड़ों को गिन लो और पता लग जाएगा कितनी जगह घेरते हैं। और स्टेशन बनाने में कितनी जगह उपयोग की गयी।

  • @dhirendrad6128
    @dhirendrad6128 2 роки тому +2

    शहतूत ही यो है जिसके नीचे शंकराचार्य ने जोशीमठ में तपस्या की

  • @pvrtutorialallinone9012
    @pvrtutorialallinone9012 Рік тому +2

    Khud ki matribhoomi ko chhod ke doosron ko roshni dikhane ka fal prapt hua..... Jitna clame kar rahe ho utne me to Uttrakhand me sarkar ban jaati h😂

  • @mayankbahuguna8936
    @mayankbahuguna8936 3 роки тому +3

    जोशी जी बहुत मेहनती किसान, उनको उनकी मेहनत का इंसाफ मिलना चाहिए

  • @VictoriousVipin
    @VictoriousVipin 3 роки тому +1

    सही जगह invest किया है जोशी जी ने, कई पीढ़ी का उद्धार हो जाएगा 4 अरब में
    😂😂😂

  • @shivprasadghildiyal5834
    @shivprasadghildiyal5834 3 роки тому +7

    एकदम झूठ दिखा रहे हो, मलेथा मे भरपूर अनाज के भले ही खेत थे,परन्तु उस जमीन पर कोई पेड नही था। बचपन से देखता आया हू। लोगो को गुमराह करना बन्द करो।

  • @shikhamamgai4259
    @shikhamamgai4259 2 роки тому +1

    बहुत सुंदर मेरे परम आदरणीय बड़े भाई जी आपको मेरा सम्मान पूर्वक प्रणाम आपका पल-पल शुभ हो वास्तव में आपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है बहुत मेहनत की है मलेता के खेतों को आपने हरा-भरा करके रखा है आपने संतरे की बेटी भी लगाए शहतूत के पेड़ में लगाए किनू के पेड़ में लगाए कई बार तो मैं भी आपके यहां से कैन यू ु व संतरा के पेड़ लाया हूं तथा कोतवाली कीर्तिनगर में लगाए है आपकी मांग जायज है

  • @rawatproductions2504
    @rawatproductions2504 Рік тому +1

    we want update on this case sir

  • @tusharkathuria212
    @tusharkathuria212 3 роки тому

    I like you content..

  • @sanjayghildiyal4356
    @sanjayghildiyal4356 26 днів тому

    क्या वीर भड़ माधो सिंह भंडारी की कर्मभूमि की क़ीमत है। यही पहाड़ियों का दुर्भाग्य है।

  • @aloksinghnegi286
    @aloksinghnegi286 4 місяці тому

    Salute sir aapko

  • @songgodraper
    @songgodraper 3 роки тому

    Keep fighting joshi ji

  • @bunnybisht3993
    @bunnybisht3993 2 роки тому +1

    Apne so called jungle ka picture proof toh dijiye joshi ji humne maletha mai bss kheti dekhe hai itne pedh toh dekhe nhi

  • @Negi.kailash06
    @Negi.kailash06 3 роки тому +15

    इनको compensation मिलना चाहिए लेकिन संतरे के हिसाब से सहतूत का rate possible नहीं लगता

    • @towardslove
      @towardslove 3 роки тому +4

      Bhai inhone land ka compensation kyu nhi maanga... hahha..mai batata hu..Kyuki wo zamin unki nhi thi.Isiliye..Hum mae se kisi ne dhyaan nhi diya.. hahhaha...Jo survey karney aaya hoga usne phi bhagwaan jaane kitna khaya hoga..

    • @atul4you804
      @atul4you804 3 роки тому

      @@towardslove haha haha haha kam kr

    • @shobhitkukreti
      @shobhitkukreti 2 роки тому +2

      @@towardslove kyonki unhone lease par Li h. Aur rules kr hisab se we sahi hn

    • @benz4399
      @benz4399 2 роки тому

      Kyun possible nahi lgta bhai? Ek legal reason batana jara??

    • @Sukoon630
      @Sukoon630 2 роки тому

      सर् शहतूत का पेड़ फलदार और इसकी लकड़ी फर्नीचर में भी उपयोग होती है इसलिए कीमत ज्यादा हो सकती है।

  • @kpaswal0408
    @kpaswal0408 3 роки тому

    Government soch rahi thi log abhi bhi agyan hain Kahan bechaare court ke chakar lagayenge.....but this is an example for them...god job Joshi ji👏i hope one day this vicious circle of corruption will end with the help of aware and brave citizens and offcourse by good journalism.

    • @MS-ne8se
      @MS-ne8se 3 роки тому

      isme good job kya, Maletha aur uske aas pass itne gaon wale jinki jameen hai aur waha kewal rice and wheat ke khet hai. ek aadmi kumaon se aata aur 3 saal mei ded lakh ped laga dega railway survery kab hua. isse acha toh railyway station banna he nahi chahiye kyoki 400 crore lelo aur railway station k pass aur zameen hai usse bhi kharid k aur khud ki claim ki zameen pe kam se kam 100 crore k malls, shops, houses wgera bna lo station k pass hai hee. Gaon wale wahi k wahi. uttarakhandio ko developmet chahiye hee nhi wahi nadi, nale ped pathhar mei pade raho yeh mera woh tera. Ek bhi gaon ka koi aadmi dikha do jisnegaon ka vikas k liye ya school k liye khud ki jameen di.. meri khud ki jameen waha na rhte hue gaon walo ne road mei katwa di aur compensaion k naam pe pradhan se leke patwari khane aa jate.. ek ghar kya bana dala lockdown mei gaon ko laga ki kahi apni zameen na lene aa jaye sath dene wale kam aur yeh mera patthat yeh meri lakdi karne wale jyada mile aur kaam k naam pe bottle aur murga khila do.. agr apne pustaini ghar ko tootne du saap, bicchu ka ghar banne du toh accha but agr kuch naya ghar bana du toh problem kaha se paisa aaya kya kr rha. road se leke pani k nal tak theek karwau. uttarakhand mei ab samaghdar log kam hai kewal politics, free ka manrega mei khane wale, idhar ki baat udar karne wale jyada hai. jaha tak political parties ka sawal hai waha pradhan se leke, kshetra panchayat se leke MLA, MP sab wahi k fir bhi kyo nhi vikas ho rha because sabne apna ghar banana. waha k log kewal swarthi aur alasi hone lage isi karan majburi mei mughe bihar se mazdoor lane pade woh din dur nhi jab theke bihari, bengali lenge aur dutyal kaam karenge kyoki khet toh hamare banjar hai aur free ka khane ki adat. jis BJP ne uttarakhand banaya ussi k card pe ayushman yojna pe fayda le sakte but vote kewal jaati k naam pe aur ab toh bahar se angrejo ki arah AAP party ko baitha do..

  • @dhirendrad6128
    @dhirendrad6128 2 роки тому +3

    इस रूट पर ज़ाहिर है अडाणी की ट्रेन ही चलेगी

  • @pradeepsinghrawat974
    @pradeepsinghrawat974 2 роки тому +7

    शायद माधो सिंह भंडारी ने अपनी सारी भूमि जोशी जी को दान कर दी थी। 🤣🤣🤣🤣🤣

  • @ravipaliwalvlogs
    @ravipaliwalvlogs 3 роки тому

    aap jarur jeetoge sir .. sach kbhi haar nhi sakta

  • @naveensinghsingh8293
    @naveensinghsingh8293 3 роки тому

    Compensation itna too nhi pr ek esa amount jarur hona chahiye jisse anil ji puri jindgi aaram se bina kuch kiye kha paye...

  • @harnamsingh7071
    @harnamsingh7071 3 роки тому +2

    There is great difference between "TREE" and "PLANT". So is great difference in cost of the "TREE" and "PLANT". For 7 lakh TREEs you need hundreds of acres of land which will be equal to many-many villages' land of plain areas, simply not possible in hills like Uttarakhand.
    These "so called trees (Ped) must have been few feet high small "PLANTS" (Paudhey) just like cheap plants sold by nurseries. So the rate must have been fixed at Rs.4/- per plant by govt. authorities. As for mother plant, every plant can be converted into "mother plant" with cloning technique. Apple being most expensive fruit, even apple plants are not as costly as Rs.2000/-, not even the imported ones from USA or Italy.
    There seems to "ghotala" also. As the narrator said that there was long standing demand for a railway station at this place. So this planter, must have planned his action considering that some day he will be paid compensation by railways. Please note he said he "took land on rent" that means the land was not his owned. That means his activity was not a normal farming activity as done by farmers on their own land but was shrewdly planned by taking land on rent at the proposed site of railway station. It appears he deliberately pre-planned everything to cheat the govt. railways. Why the hell he took the agriculture land on RENT at the place where railway station was being planned?
    Many people connected with govt who have internal knowledge of up-coming development schemes adopt this strategy of getting foot-hold in proposed development areas (by duping the ignorant local farmers), just to get huge compensation from govt. Such actions are fraudulent activity, which must be discouraged by all concerned.

    • @dronacharya6527
      @dronacharya6527 2 роки тому

      Absolutely correct.. He is also not a local citizen..

  • @quotesthatmotivate
    @quotesthatmotivate 2 роки тому +1

    जो कह रहे हैं उनके पास इसका पूरा record होगा ही । पहाड़ पर 10000 एकड प्लेन की तरह नहीं नापा
    जा सकता। इसलिए 10 लाख पेड होना कोई बड़ी बात नहीं है।

  • @devenkoranga4204
    @devenkoranga4204 3 роки тому +2

    सरोजगार पैदा करने, पर्यावरण को बचाने और पहाड से पलायन रोकने की एक बड़ी मुहिम को जड से मिटा दिया गया और न्यायापालिका को भी ताक में रख कर ऐसे काम किये जा रहे है।

  • @babitarana7364
    @babitarana7364 2 роки тому +6

    अगर नॉर्मल ही नर्सरी लगाओ तो एक नाली में लगभग 2000 पौध ही लग सकती है इस हिसाब से लगा लो 700000 पेड़ के लिए कितनी जमीन चाहिए होगी

    • @surjeetrawat3879
      @surjeetrawat3879 2 роки тому

      1 नाली 240 गज की होती है 2000 पेड़ लगा के देखा दो फेकने कि भी हद होती है

    • @RightOne1
      @RightOne1 2 роки тому

      @@surjeetrawat3879 नर्सरी में तो हो सकते हैं भाई छोटे छोटे पौधे।

    • @surjeetrawat3879
      @surjeetrawat3879 2 роки тому

      ऐसी नर्सरी देखा देना जी जहाँ 10 लाख पौधे हो।बेन सिर पैर की बाते मत किया करो

    • @RightOne1
      @RightOne1 2 роки тому

      @@surjeetrawat3879 10 लाख तो गप्प बाज़ी है। 1000 पेड़ रहे होंगे। दारू पिलाकर लिखवा लिया होगा।
      लेकिन 1 नाली में में खुद 4000 पौधे तक लग सकते हैं। 60X35 फ़ीट, लाइनों के बीच 1फ़ीट की दूरी और 6 इंच पर 1 पौधा। 4800 तक लग सकते हैं।
      मैं खुद 3500 लगा रहा हूं।
      HP में ऐसी बहुत सी प्राइवेट नर्सरी हैं जिनमे 5 लाख से ज्यादा सेब के पौधे बनाये जाते हैं।

  • @PahadTalks
    @PahadTalks 2 роки тому +1

    लाखों पेड़ तो हमने भी कभी नही देखे इस जमीन पर लाखों पेडों का मतलब है एक घना जंगल , हाँ लेकिन वाजिब मुवावजा मिलना चाहिए।

  • @RightOne1
    @RightOne1 2 роки тому +6

    अब तो मुझे भी ये बात हजम नही हो रही है।
    1 नाली जगह में 250 गज भूमि होती है। जैसे पेड़ इन्होंने दिखाए है वैसे 1 नाली में मुश्कित से 5-6 ही लग सकेंगे। 3 लाख बड़े पेड़ों के लिए 50,000 नाली यानी 2500 एकड़ भूमि चाहिए, जो पहाड़ों में लगभग असंभव है। 7 लाख पेड़ों के लिए तो 6000 एकड़ चाहिए।
    2014 में इन्होंने पेड़ लगाए जिनको 2017 में यानी 3 साल बाद रेलवे ने काट दिए। पर 3 साल में इतने मोटे पेड़ तो संभव ही नही है, खासकर भारी लकडी वाले पेड़ो में। इतना मोटा होने में तो 8 साल लगेंगे। सिर्फ बांस इत्यादि में ही संभव है।
    10 लाख पेड़ काटने पर वहां पर काटी हुई लकड़ी का पहाड़ बन जाना चाहिए था। पर ऐसा कुछ भी नही दिखता है।
    उनके पास पेड़ों की कोई फ़ोटो वीडियो भी नही है। आजकल के जमाने मे कैसे हो सकता है। मोबाइल फोन तो होगा ही। 400 करोड़ की मांग जो कर रहे हैं!!😀
    ये तो सरासर भ्रष्टाचार का मामला लगता है। दारू पिलाकर 100 का 10 लाख लिखवा दिया होगा।

    • @pradeepsinghrawat974
      @pradeepsinghrawat974 2 роки тому

      जोशी जी ।।।।।।मत बनाओ। 😉😉😉😉

    • @hiteshbisht5961
      @hiteshbisht5961 2 роки тому

      ap sb bhi apni jgh shi ho skte hai parantu,
      meri nani ka gaon bhi maletha hi hai hai or main jb jb vha jata tha to inke lgaye huye trees itne the ki vo poora ak jungle bna hua tha jisme jaane k liye admi 2 baar soche!

    • @MounttKailash
      @MounttKailash Рік тому

      नर्सरी है। पैड के छोटे पौदे ।

  • @sobhituniyal4206
    @sobhituniyal4206 3 роки тому +2

    Vote for U.K. D

  • @sunilkothiyalkothiyal5215
    @sunilkothiyalkothiyal5215 2 роки тому +1

    अब कौन बनेगा अरबपति सीरियल का प्रसारण इस घटनाक्रम के बाद कर दिया जाय काफी लोकप्रियता के आसार दिख रहे हैं।लेकिन हाट सीट पर कौन कौन बेठेंगे।व बिग बी का रोल कौन करेगा इस पर भी जबरदस्त राजनीतिक नुरा कुश्ती की संभावना भी नजर आ रही है।लेकिन कंप्युटर महाशय!जी बतायें ये मामला?

  • @junyaliuttarakhand
    @junyaliuttarakhand 3 роки тому +2

    जोशी जी के साथ यह बहुत गलत हुआ है.
    लेकिन राहुल भाई आपने ये नहीं बताया कि ये 7 लाख पेड़ कितनी नाळी भूमि में लगे थे?

  • @kamalmishra5508
    @kamalmishra5508 Рік тому

    Ye podhey kiski zameen par lagaye gaye thy.kya ye Anil ji ki zameen h.

  • @vinodprasadnautiyal9689
    @vinodprasadnautiyal9689 3 роки тому +4

    Uttarakhand ke logon ko bumi ki shi kimat koe nhi dena chahta medani log phadi logon ko our unki jmin ko jangali smajte hai,

  • @mrandroplaying
    @mrandroplaying 3 роки тому +4

    Anyhow atleast 30 crores compensation toh banta he hai

  • @pradeepsinghrawat974
    @pradeepsinghrawat974 2 роки тому +9

    जोशी जी सात लाख पेड लगाने में कितनी जमीन का उपयोग हुआ और कितने साल लगे। हमने तो कभी भी आते जाते इतना बडा बगीचा कभी नहीं देखा।

    • @vinodjuglaan2191
      @vinodjuglaan2191 2 роки тому +2

      दरअसल जोशी जी अपनी एक पौध संवर्धनशाला चलाते थे।उनकी बड़ी नर्सरी है वहाँ।

    • @ashishgoswami4304
      @ashishgoswami4304 2 роки тому

      Bhai sahab aap kya sdm hai ya collector ho jo aap taang Ada rhe ho jab collector sdm sab ne documented kiya hai aap kaun ho bhai taang adane wale bhai

    • @pradeepsinghrawat974
      @pradeepsinghrawat974 2 роки тому

      @@ashishgoswami4304 अगर इतनी ही दिक्कत हो रही है तो सोसियल मीडिया पर क्यो अपना रोना रो रहे हो जनाब। DM, SDM के द्वारा ही अपने मसले को सुलझाइये।

    • @ashishgoswami4304
      @ashishgoswami4304 2 роки тому

      @@pradeepsinghrawat974 jnaab social media hai ye godi media nhi baaki agar Banda jhutha hua toh khud b khud hi expose ho jyega social media ko bhi bhakto ne kabjaa liya kya jnab 😁😁 logo ko bhi govt ka pata Lage hattsoff to him baki choro ko dikkat hogi iske yu unke saheb ko expose krne se 😁😁😁

    • @ashishgoswami4304
      @ashishgoswami4304 2 роки тому

      @shilpi s ye aap ilzaam laga rhe hai aapke paas koi proof h ya yu hi shigufa chor diya mam 😁😁😁 aap ki baat ek mjak h agar aap shi h toh court m challenge karo woh bnda proof with record gya usne court aur govt k fraud bhi expose kiya

  • @theviewhindi8587
    @theviewhindi8587 3 роки тому +4

    Sir ko phle hi pta tha ki railway line aane wali h ..
    En liye phle hi tayari kr li..😁😁😁
    Ap future ke ambani ho ....

  • @sanjayrawat6580
    @sanjayrawat6580 3 роки тому +2

    जब तक जोशी जी को सही मुवावजा नही मिल जाता हम ट्रेन नही चलने देंगे।

    • @rakeshpanwar5075
      @rakeshpanwar5075 3 роки тому +1

      बेवकूफ मत बनो

    • @fithillboy1695
      @fithillboy1695 3 роки тому +1

      Loda nhi chlne dega tu Joshi jayega tihad jail

    • @towardslove
      @towardslove 2 роки тому

      @@fithillboy1695 😂😂😂

    • @MS-mq9dy
      @MS-mq9dy 28 днів тому

      ये पागलपन है

  • @MS-mq9dy
    @MS-mq9dy 28 днів тому

    जब जमीन रेलवे की लिये एक्वायर कर रहे थे तो पेड़ो को क्यो नही हटाया गया । अगर उन पेड़ो शिफ्ट कर लेते तो विवाद की कोई बात ही नही थी । रेलवे जमीन मालिक को सरकार के नियमानुसार मुवावजा पे कर देती । रेलवे के कार्य को विवादों में फ़साने के लिये ये सब है । ये मुआवजा परजीवी है जो रेलवे के प्रोजेक्ट को विवादों में फ़साना चाहता है ।

  • @V.n.s.v
    @V.n.s.v 2 роки тому +1

    400 करोड़ का मुआवजा मांगना एक कोरी कल्पना है लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट जितने पेड़ काटे गए हैं उनके बदले पेड़ लगाने की जगह उनको दे दे तो इससे हमारा पर्यावरण भी बचेगा और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागृत करने के लिए एक अच्छा उदाहरण होगा

  • @jsrddun3m150
    @jsrddun3m150 3 роки тому

    Aap apne udesye mai jaroor sapal huge Joshi ji

  • @Sandeeppanwaruk
    @Sandeeppanwaruk 2 роки тому

    बहुत ही सराहनीय....👌👌👌

  • @deevashistha
    @deevashistha 2 роки тому +3

    प्रोपेगेंडा है। हमने तो ना देखे जंगल 30 साल हो गए आते जाते। नर्सरी के पौधों को गिना रहे हैं।
    हाँ रेतीली जमीन जरूर थी गंगा किनारे जो दिखने मैं बहुत सुंदर थी।
    झूटी खबरों वाले channels को रिपोर्ट करें।
    इनको अपने कॉमिशन से मतलब होता है बस

  • @ravibisht8684
    @ravibisht8684 3 роки тому

    Nice

  • @yashwantsingh1701
    @yashwantsingh1701 2 роки тому +1

    फलदार वृक्ष के साथ साथ उस ज़मीन पर धान की खेती होती थी। जो की 50% अभी भी है।

  • @knidhisemwal5433
    @knidhisemwal5433 3 роки тому +5

    इन पेड़ो की पिक्चर नही शेयर की। 1लाख पेड । हमने नही देखे।

  • @MotoDostfilmy
    @MotoDostfilmy 2 роки тому +3

    Main uttrakhand sey he hoon or maletha railway line jub aye the tub gaya tha waha 10 lakh to chodo maine 200 tree bhe nahi dekhey agar 10 lakh ped hotey to andhey ko bhe dekhtey
    Yeh ek propogenda video acha khasa kaam kar rahe hai bjp
    Karney do

  • @chandiprasad3319
    @chandiprasad3319 3 роки тому +1

    Joshi jee well done. Write it to PM0 office
    Even the fire wood will be more than 1000 rupees per tree.I Feel sorry for the administration for their cooperation (non) This is in our DNA
    Offer them 10 trees each ?

  • @mohanmanral5496
    @mohanmanral5496 3 роки тому +3

    जोशी जी की नर्सरी थी या बगीचा

  • @vineetrawatmerautarakhandv3012
    @vineetrawatmerautarakhandv3012 3 роки тому +1

    Bhai ji sahab ki baat sahi hai lekin sahab ji govt mai rahe kya unko yha nahi pta tha ki yha sei purana serve bhee hai rojgaar Or vikas ke liye kuch balodan karna padega he warna wahe he reha utarakhand Or delhi chakar umar nikal jata hai

  • @gazu062
    @gazu062 3 роки тому +1

    इस पूरे प्रकरण में सरकारी आफिसों में चलने वाले काले कारनामों में से होने वाले काम है।

  • @matbersingh7554
    @matbersingh7554 3 роки тому +2

    भाई यहां पर हजारों लाखों पेड़ कब थे भाई इस बारे में बताओ

  • @rakeshpanwar5075
    @rakeshpanwar5075 3 роки тому +2

    लाखों हजारों समझा नहीँ यहाँ कौन से पेड थे ये क्या ऐजेंडा फैलाया जा रहा है

  • @umaraonegi7722
    @umaraonegi7722 Рік тому +1

    Ye khna badi palayan wadi soch ha ki jo sochte han etne ped lg hi nhi skte ....bayee lg skte han hosla buland ho kam krke faida dikh rha ho ....me v bhahar se cherry or seb k ped lekr lgaye ..pr we bhuaskhalan ke vet chad gyee..

  • @ashokwaldia
    @ashokwaldia 2 роки тому +1

    देवपुत्र की जय हो🙏

  • @c.loliya9566
    @c.loliya9566 2 роки тому +9

    अरे भाई 4 अरब तो गंगा जमुना के दोआब के जमीन की कीमत नहीं है। मौज लो।

  • @maxadventureholidays7550
    @maxadventureholidays7550 3 роки тому +1

    This guy is a imposter.
    I respect his efforts that he must have put to develop the plants/trees, but asking for such a compensation is not justified.
    Ager har koi aisa compensation mangega to chal padi rail....

    • @towardslove
      @towardslove 3 роки тому +1

      Aree land hi nhi thi khud ki..Nahi to land compensation bhi to dikhate

  • @prabkalsi4187
    @prabkalsi4187 Рік тому +1

    अंधा विकास प्रकृति का विनाश 😢😢😮😮 क्या उत्तराखंड राज्य में ड्राई फ्रूट्स का उत्पादन नही बढ़ाया जा सकता था क्या यहां की पहा पहाड़ियों में गर्म मशाले नही उगाए जाते सकते थे । क्या यातायात के लिए rop वे का निर्माण नहीं किया जा सकता था। रेलवे लाईन बिछने से कितने जानवर और जंगल इसके भेट चढ गई होगे।

  • @MrGaurav124
    @MrGaurav124 3 роки тому +1

    7 lac saplings is very big amount and 1 lac above mother tree require atleast 50 hec land if 2000 plants per hec is taken in account. Land compensation he should in Crores Plus Saplings environmental cost.

  • @anprwt
    @anprwt 2 роки тому +1

    Kha hai ye. Itna to khi nhii tha.

  • @parvatiyaproperties7899
    @parvatiyaproperties7899 3 роки тому +1

    फिर कहते हैं स्वरोजगार करो । धांधली, धोखा, भ्रष्टाचार हर स्तर पर है ।

  • @ramdayalbhardwaj9401
    @ramdayalbhardwaj9401 5 місяців тому

    Jl nigm kotdwar ki jan Kari bhe dijiye sr

  • @Artist_Never_Dies
    @Artist_Never_Dies 3 роки тому +1

    बहुत दुख होता है यह देखकर 😣

  • @iamsbhattz
    @iamsbhattz 2 роки тому

    I hope that this case will come up with a landmark judgement & prior to this, the man has to be compensated as well..

  • @towardslove
    @towardslove 3 роки тому +2

    Log kha rhe h ki sarkaar ne char dham pariyojna me 12000 lagaye..Sach hai..Magar State ne nhi balki Central Govt nae...State wala to pta hi nhi chalta kha kha diya... hahha

    • @MS-ne8se
      @MS-ne8se 3 роки тому

      Maletha aur uske aas pass itne gaon wale jinki jameen hai aur waha kewal rice and wheat ke khet hai. ek aadmi kumaon se aata aur 3 saal mei ded lakh ped laga dega railway survery kab hua. isse acha toh railyway station banna he nahi chahiye kyoki 400 crore lelo aur railway station k pass aur zameen hai usse bhi kharid k aur khud ki claim ki zameen pe kam se kam 100 crore k malls, shops, houses wgera bna lo station k pass hai hee. Gaon wale wahi k wahi. uttarakhandio ko development chahiye hee nhi wahi nadi, nale ped pathhar mei pade raho yeh mera woh tera. Ek bhi gaon ka koi aadmi dikha do jisnegaon ka vikas k liye ya school k liye khud ki jameen di.. meri khud ki jameen waha na rhte hue gaon walo ne road mei katwa di aur compensaion k naam pe pradhan se leke patwari khane aa jate.. ek ghar kya bana dala lockdown mei gaon ko laga ki kahi apni zameen na lene aa jaye sath dene wale kam aur yeh mera patthat yeh meri lakdi karne wale jyada mile aur kaam k naam pe bottle aur murga khila do.. agr apne pustaini ghar ko tootne du saap, bicchu ka ghar banne du toh accha but agr kuch naya ghar bana du toh problem kaha se paisa aaya kya kr rha. road se leke pani k nal tak theek karwau. uttarakhand mei ab samaghdar log kam hai kewal politics, free ka manrega mei khane wale, idhar ki baat udar karne wale jyada hai. jaha tak political parties ka sawal hai waha pradhan se leke, kshetra panchayat se leke MLA, MP sab wahi k fir bhi kyo nhi vikas ho rha because sabne apna ghar banana. waha k log kewal swarthi aur alasi hone lage isi karan majburi mei mughe bihar se mazdoor lane pade woh din dur nhi jab theke bihari, bengali lenge aur dutyal kaam karenge kyoki khet toh hamare banjar hai aur free ka khane ki adat. jis BJP ne uttarakhand banaya ussi k card pe ayushman yojna pe fayda le sakte but vote kewal jaati k naam pe aur ab toh bahar se angrejo ki arah AAP party ko baitha do..

  • @bhardwajbhandari9376
    @bhardwajbhandari9376 2 роки тому +3

    Ye Joshi b ...harsh dev Joshi lgre h.

  • @nirmalapokhriyal5381
    @nirmalapokhriyal5381 3 роки тому +1

    Joshiji must get full compensation of his trees that has been cut by railways

  • @santoshpandey5254
    @santoshpandey5254 2 роки тому +1

    150 पेड़ प्रतिदिन लगाने पड़े हुंगे और वो भी इतने बड़े हो गए 🧐

  • @rajmohanbhatt5265
    @rajmohanbhatt5265 2 роки тому

    Yes you can achieve your goals
    Satya mev jayate

  • @tanojkumar7788
    @tanojkumar7788 11 місяців тому

    Cutting off lakhs of trees for just a patch... Can't even imagine the blunder been done for the entire stretch... And govt talks about HAREET KRANTI..... Sad

  • @Manojlucknowi
    @Manojlucknowi 2 роки тому +1

    Bhaiji aaplog vikas ko kis tarah se prabhavit karte ho
    Maangaye aaplogo ke kameenepan ko

  • @pahadibawa5040
    @pahadibawa5040 3 роки тому +2

    Bhai ek baar pushpesh triphati diwakar bhatt ko bhi lelo please

    • @comrade8155
      @comrade8155 3 роки тому

      दिवाकर भट्ट जी से समय लेने की कोशिश की थी। लेकिन उस दिन वो बहुत दूर प्रचार में थे। हम कोशिश कर रहे हैं। धन्यवाद

  • @towardslove
    @towardslove 3 роки тому

    Land Compensation ke liye apply kyu nhi kiya inhone? Land inhi ki thi kya?

  • @rwtnavii5299
    @rwtnavii5299 3 роки тому +1

    Apko justice milna chaheye .

  • @songgodraper
    @songgodraper 3 роки тому

    How gov agency work

  • @jaibisht1925
    @jaibisht1925 Рік тому +2

    इस आदमी पर 420 का केस चलना चाहिए । इसने पहले हॉर्टिकल्चर से 7-8 लाख पेड़ लगाने के लिए रुपये खाये होंगे , और मुश्किल से 100 पेड़ लगाए होंगे । तब रेलवे ने जमीन का अधिग्रहण किया और ये बोल रहा मेरे 8 लाख पेड़ थे😣