भारत के पता नही कितने ज्ञानी महापुरुष हुए थे,पर कर्मकांडी लोगो ने उनका दमन कर दिया और उनके विचारों को दबा दिया। यही बात अन्य देशों में हुए महापुरुषों पर है।।
Aap ye batao ki charbag ke sath kya galt huwa Baki desh me mare gaye aapke desh me kishi ko bhi nhi dubaya gya koi nam bolo Achhai doobne Wale ko achhai hi milegi.
@@BhagwanSingh-nx6trkutubminar ke pass jo masjid hai wo sabse pahle baudh math tha usko tor kr fir wo vishnu mandir banaya gya fir tor kar masjid ....ye example hai ki jo dharm havi rha h usne apne prabhav Jamanw ke liye dusre dharm par hamla kia h
@@bashishthkumar4686आप उस देश के ऊपर सवाल उठा रहे जो कभी विस्तार वादी था ही नहीं जिन वेदों को आप गलत ठहराना चाहते हो वो हजारों साल पहले जिन पश्चिमी देशों का हवाला देते हो उनको जब पहने और खाने के बारे में न पता था तब यहां ग्रह ओर नक्षत्र की गढ़ना मालूम कर लेते है सूर्य की वास्तविक दूरी आपके पास थी 1000 साल पहले ओर बहुत कुछ
Charvaka का वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करना और सुख की खोज करना दोनों ही ताज़ा और चुनौतीपूर्ण है। यह जीवन को पूरी तरह से जीने की याद दिलाता है, लेकिन साथ ही अपने कार्यों और उनके परिणामों के प्रति सचेत रहने की भी।"
@@hariomkashyap8132 tou phir Humai ek philosophical question ka answer do The question is " what is the actual name of Allah,God,Bhagwan, ishwar etc" All these names are given by human beings according to their own mother tongue
@@NeverGiveup-xy7ryphilosophy ki bhasha me kahe toh hame nhi pat ki bhagwan hai ya nhi iska sahi uttar yah hoga ki ham iska uttar nhi janate . Log jis geography climatic conditions me rahte hai uske anusar he apne ishwar ki rachna krte hai.
Sirf old hone se bhagwan kaha se dikhai denge 😂 ese Aaj ek dharm me bana dalu or 4000 baad log mere dharm maanne wale ho jaaye to kya ye dharm sach ho jayga...@@RahulChaudhari-g9i
बहुत सुंदर 🎉...! वैसे मूल समस्या अपने अस्तित्व के होने में है। क्या मैं मृत्यु उपरांत व्यक्तिगत तौर पर हूं या नहीं?.. अगर मैं हूं तो किस रुप और आयु अवस्था का हूं। कौन से स्थान पर और कौन सी भाषा बोली का उपयोग करता हूं और खाता पीता क्या हूं । स्वयं की अस्तित्व हीनता भयप्रद है और अवसाद को उत्पन्न करती है। जीव और व्यक्तिगत आत्म बहुत मज़ेदार विषय है।❤
बिल्कुल ठीक बात है "चार्वाक दर्शन" के अनुसार अगर व्यक्ति केवल अपने सुख को सर्वोपरि रखेगा तो सामाजिक असंतुलन होना स्वाभाविक है इसलिए धर्म ही सत्य है और जिसमें सनातन वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तौर पर सर्वोपरि है धन्यवाद।🚩🕉️🙏
बेहतरीन विषय पर बेहतरीन वीडियो। @10:36- पर यहाँ पर बात को कुछ ग़लत / अधूरा समझा जा रहा है- विज्ञान (और कोई भी आधुनिक न्याय पद्धति) पूरी तरह से चार्वाकों से सहमत है के जो चीज़ें प्रत्यक्ष नहीं है , उनको सही नहीं मान लेना चाहिए। मगर फर्क ये है, के उस समय में "प्रत्यक्ष" का अर्थ केवल अपनी आँख, कान, नाक, ज़ुबान , त्वचा से पता लगाना होता था। उनके पास मानवीय इन्द्रियों से परे जाने के साधन उपलब्ध नहीं थे। *विज्ञान और न्यायलय मानवीय इन्द्रियों की कमियोँ से आगे बढ़कर कैमरा, माइक्रोस्कोप, थर्मामीटर इत्यादि की सहायता लेकर चार्वाकों के ही मूल सिद्धांत पर चलते है।* सड़क पर पानी भरा होना बारिश का संपूर्ण प्रमाण नहीं हो सकता। हो सकता है कोई पानी का टैंकर फट गया हो , कोई अपने घर का पानी सड़क पर छोड़ रहा हो.... इसके अलावा, गाड़ियां, पेड़ , हवा की नमी , इत्यादि बातों को जोड़कर देखा जाये , तो निश्चित ही चार्वाकों को भी बारिश को मान लेने में कोई समस्या नहीं होगी। एक बात वीडियो में कही कई थी, पर फिर एक बार ध्यान दिलाने लायक है - चार्वाकों के बारे में आज जो बातें पता है, वो सारी आलोचकों के द्वारा ही पता है। जैसे के खूब पीने के बारे में जो एक बात बार बार दोहराई जाती है, वो भी आलोचकों ने ही बताई है। यहाँ कम से कम ४ संभावनाएं है - १. चार्वाकों यह बात बिलकुल ऐसे के ऐसे, सीरियसली कही हो। २. उन्होंने यही बात मज़ाक में कहीं पर कही हो जो आलोचकों ने सीरियसली ले ली। ३. उन्होंने यही बात किसी विशिष्ट सन्दर्भ में कहीं हो और सन्दर्भ को भुला दिया गया हो। ४. चार्वाकों ने बात कही ही नहीं हो , विरोधियों ने आरोप लगाया हो।
अगर आज विश्व को चारवाक दर्शन के अनुसार शाशन तंत्र ही उपलब्ध हो जाए तो बड़ी बात है, वास्तव में आज विश्व आज चारवाक से भी नीचे गिर चुका है , चारवाक दर्शन में ऋण लेने की बात कही गयी है - चोरी करना, डाका दल कर , लूट कर नहीं । ऋण लिया है तो चुकाना भी पड़ेगा | और घी पीने की बात कही - शराब या अन्य हानिकारक पदार्थ नही |
*शायद आपने ठीक से सुना नहीं कि, चार्वाक का कोई साहित्य अब उपलब्ध नहीं है।* *मतलब चार्वाक के बारे में जो भी जानने को मिल रहा है वो केवल उनके आलोचकों के साहित्य से मिल रहा है।* *तो ऋण लेकर घी पीने वाली बात या फिर कोई ऐसी बात जिसमें उनकी बुराई और कमी दिखायी जाती है, वो चार्वाक खुद नहीं कह रहे बल्कि उनके आलोचक कह रहे हैं,जो सही है या गलत इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है।* *हो सकता है कि चार्वाकों की सामाजिक प्रतिष्ठा कम करने और आम जनमानस को तार्किक लोगों से दूर रखने के उद्देश्य से उनके आलोचकों ने ही उन्हें भोगवादी कह कर दुष्प्रचार किया हो।* *सच्चाई का पता तभी चल सकता है जब कोई चार्वाक के असली साहित्य खोजकर ले आये।* *तब तक ना कुछ झुठ है, ना कुछ सच।*
3:18 #YOLO 😂😂😂 The way you deliver things it's humorously insane...loved it Kuldeep Bhai😊...one more thing video editor ne kaafi mehnat wala kaam kiya..AI ka use+ Good BGM ❤ Keep it up guys.😊
Excellent. Thanks for showing all philosophies of india. India was very modern in this respect in comparison to present india with my way or high way attitude
चार्वाक दर्शन को मैं आगे बढ़ाऊंगा पूरे विश्व में😊😅😅😅😅 दुनिया को भारत ne फिलॉस्फर की पहला पाठ पढ़ाई😂😂😂😂 हमारे यहां गांव गांव में हर चौराहा में एक sek फिलॉस्फर है 😅😅😅कभी आई है छत्तीसगढ़ रायपुर😊😊😊
Mai aaj pahli baar en mahan samudaay ke baare me jana huu❤❤❤ I am very lucky 😊😊😊 Thank you for this report coverage.... Please cover more contents like this... Jo desh me science, technology, sports humanity ko barhawa de❤❤❤ Pakhandi logo ka to jal kar laal ho gaya hoga 😂😂😂
चार्वाक दर्शन बहुत गूढ़ था/है, आज भी सभी वैज्ञानिक इसी दर्शन को आधार बनाकर नए ज्ञान का सृजन करते हैं। जनहित के लिए इस विचार का विकृत होकर नष्ट होना स्वाभाविक है। Because this philosophy is a double edge sword. यह दर्शन था और रहेगा, काल और भौगोलिक स्थिति के अनुरूप इसके नाम बदलते रहेंगे। यह दर्शन वाद-विवाद-संवाद-उपदेशों से बहुत आगे निकल चुका है। यह अत्यंत रचनात्मक है। This philosophy is leading civilizations through up & down and will end at Shankaracharya's Adwait conclusion. Approaches are different, though both approaches have their pros & cons.
शब्दों का उतार चढ़ाव , चेहरे के हाव भाव , फैक्ट के अनुसार स्वयं को समायोजित करने का अनोखा प्रस्तुतीकरण इस भाईसाहब से सीखा जाए जो जटिल से जटिल पाठ्यक्रम को इस प्रकार प्रस्तुत करे कि सामने वाले के मानसपटल पर शब्दों के उच्चरित होने के साथ घटना से संबंधित चित्र एक निश्चित क्रम में चलायमान हों।
चार्वाक ने कहा दिमाग मत लगाओ मौज लो रोज लो और बुद्ध ने कहा दिमाग से भी ऊपर उठो ताकि मौज करने की जरूरत ही न पड़े तुम खुद ही मौज बन जाओ इसीलिए फॉलो बुद्ध फिलोसॉफी ना की चार्वाक।
Are you following ? No and never, the people like you and your socalled neo bauddhist can never follow mahatma bauddha, If you may have learnt a little from him, you might have not saying these words here, which you are saying...
If every body starts following harvak philosophy then all hell will break loose in Family and Society because family & society is based on mutual trust and sacrifices...
जहां तक मुझे पता है बौद्ध धर्म भी ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं करता था और केवल उन्हीं चीज़ों में विश्वास रखता था जिन्हें इन्द्रियों द्वारा अनुभव किया जा सके....
चार्वाक दर्शन अत्यंत ख़तरनाक है! यदि आपने सिर्फ भोग को जीवन का उद्देश्य मान लिया तो जीवन मे अव्यवस्था फ़ैल जाएगी! किसी गरीब के द्वारा अमीर को लूट लेना चार्वाक दर्शन के अनुसार सही ठहराया जा सकता है! ईश्वर का अस्तित्व विश्वास के आधार पर है! और विश्वास की शक्ति नास्तिक आस्तिक दोनों के द्वारा मान्य है! आप नास्तिक हैं तब भी ये आपका विश्वास है जो आपकी नास्तिकता पर आपका विश्वास दर्शाता है!
Basic Indian Philosophy and Western philosophy should be taught in school starting from Highschool by removing some subjects that are not useful in Life.
चार्वारको का केवल खंडन नहीं किया गया बल्कि उनको मिटा दिया गया। उनपर अत्याचार किया गया और उनके तर्कों से इतना डर था कि उनके पुस्तकों को भी हमेशा के लिए मिटा दिया गया
This is how you make people fall in love with your culture thank you for this video. I'd like to add I do resonate with the philosophy of charvak but m moral values ko consider karna chahuga apne philosophy m kuki religion is necessary to control people or there will be chaos it's just like Consider a man who has moral values but atheist he is going to be a great man but a man who is atheist but no moral values is going to be a villain of the century.
A new topic for the modern time charvaks...such people don't understand that they are not honored in the timeline due to such below standard philosophy...
चार्वक और नाइचेज का दर्शन में सिमिलेरिटीज हैं, चार्वाक दर्शन में वात्स्यान और अजीत केश कांबली का नाम भी आता हैं, वात्स्यान वही है जिन्होंने कामसूत्र पुस्तक की रचना की।
आज जिन लोगों का व्यवहार अनजाने में चार्वाक दर्शन से मेल खा रहा है,,, वो किसी चार्वाक दर्शन की वजह से नहीं है,,,, वो सिर्फ लोगों का स्वभाव है,,, लोग अपने मूल स्वभाव को किसी न किसी दर्शन से जोड़ कर अपने स्वभाव को सही सिद्ध करने की कोशिश करते हैं।
चार्वाक दर्शन की कमियां जहां ये चूक गया 1. प्रत्यक्ष प्रमाण की सीमा: चार्वाक केवल प्रत्यक्ष प्रमाण को मान्यता देता है, लेकिन आधुनिक विज्ञान दिखाता है कि कई सत्य ऐसे हैं जो प्रत्यक्ष प्रमाण से नहीं बल्कि परोक्ष प्रमाण (जैसे रेडियो तरंगें, सूक्ष्मजीव) से सिद्ध होते हैं। 2. अनुमान और तर्क का अभाव: चार्वाक अनुमान और तर्क को अनदेखा करता है, जबकि विज्ञान इन्हीं पर आधारित होता है। 3. पुनरावृत्ति का अभाव: चार्वाक दर्शन किसी भी ज्ञान की पुनरावृत्ति और परीक्षण की आवश्यकता को नहीं मानता, जिससे यह सत्यापन प्रक्रिया में कमजोर हो जाता है। किंतु पुरातन दर्शन आधुनिक विज्ञान से भी आगे था, जिसमें *अतीन्द्रिय* आयामों को समझने की भी विद्या थी। आज भी कई ऐसी गणनाएं जिसे आधुनिक विज्ञान ने अपने माध्यम से किया उदाहरणतः ब्रह्मांड की कुल लंबाई, जानकारी के रूप में इसे जान तो लिया किंतु बुद्धि लगाकर समझा नहीं जा सकता जिसके लिए कई बार "mind-boggling" शब्द का प्रयोग किया जाता है जो बुद्धि की सीमा दर्शाता है।
Finally conclusion aap sahi bol paye ki aaj yadi charwak hote to wo Atom, electron, Blackhole sabko kharij kar dete😂, while these things are very Gross(स्थूल), then how can we able to find subtle things without meditation, yog etc. So please think thousands times before following Charwak.🙏
प्राचीन भारत में 64 प्रकार के सम्प्रदाय यानी विचार प्रचलित हुए! ये बहुत अच्छा पहलू है हमारे समाज का!अंत में ज़्यादा प्रचलित वही होता है जिसे राजशक्ति,नैतिकता,व्यावहारिकता का सहारा मिले! हर प्रचलित धर्म का यही सच है!
If charvaakaas have to live today they would definitely modify their phylosophy . Conclusions based on inference is part of rational thinking, and charvaakaas are rational beings
11:00 Charvak Science ke opposite kese hua. Science me bhi hypothesis hote he par unko koi sach nahi manta jabtak unka koi proof nahi mil jaye. Charvak bhi toh yahi keh rahe he jab tak sach mat mano jab tak proof nahi mil jata.
अगर मेरा बाप चारवाक की तरह जिया होता तो में पैदा ही नही होता और अगर पैदा होता तो नर्क में पैदा होता। पर मेरे पिताजी हमारे मूल्यों को अपने जीवनमे धारण करके भले गरीब हे पर आज मुझे अपने जीवन में स्वर्ग जैसा प्रतीत होता है भले ही मेरे पास घी पीने के पैसे नही हे। दूसरे जन्म की तो बात ही नहीं। जो इंसान अपने माता पिता से पैदा हुआ है वही उसका दूसरा जन्म हे। में अगर चारवाक की तरह जीना जी लू तो मेरा बेटा जीते जी नर्क भोगेगा दूसरा जन्म तो दूर की बात। ॐ शांति।
भारत के पता नही कितने ज्ञानी महापुरुष हुए थे,पर कर्मकांडी लोगो ने उनका दमन कर दिया और उनके विचारों को दबा दिया।
यही बात अन्य देशों में हुए महापुरुषों पर है।।
Aap ye batao ki charbag ke sath kya galt huwa
Baki desh me mare gaye aapke desh me kishi ko bhi nhi dubaya gya koi nam bolo
Achhai doobne Wale ko achhai hi milegi.
@@BhagwanSingh-nx6trkutubminar ke pass jo masjid hai wo sabse pahle baudh math tha usko tor kr fir wo vishnu mandir banaya gya fir tor kar masjid ....ye example hai ki jo dharm havi rha h usne apne prabhav Jamanw ke liye dusre dharm par hamla kia h
@@bashishthkumar4686आप उस देश के ऊपर सवाल उठा रहे जो कभी विस्तार वादी था ही नहीं जिन वेदों को आप गलत ठहराना चाहते हो वो हजारों साल पहले जिन पश्चिमी देशों का हवाला देते हो उनको जब पहने और खाने के बारे में न पता था तब यहां ग्रह ओर नक्षत्र की गढ़ना मालूम कर लेते है सूर्य की वास्तविक दूरी आपके पास थी 1000 साल पहले ओर बहुत कुछ
तुम जैसे लोग जिन्हे बिल्कुल कुछ भी नहीं पता है, मगर बताते एसे हो की ज्ञानी हो😂। बेवकूफ इतिहास पढ़ केवल वेदांत धर्म ही सही है ।
Aur aisa Itihas me hr religion ko lgta aaya hai Tumhe bhi 😅@@adityaguru6654
मैं "चारवाक दर्शन" से लगभग पुरी तरह सहमत हूँ
इसमें लॉजिक है
पर वो भौतिक वादी थे😂
@cinematics352 मैं भी
@@cinematics352Isme burai kya hai chutiye materialism ko bura bhi to tumhare dharm be banaya hai
Charvak ka kehna tha chahe dhoka dena pade ya karj lekar jeena pade but lavish life jiyo.
toh phir tum bhi karza lekar ghee piyo Vijay malya ki tarah , 😎😆
Charvak , osho , periyar , and now acharya prashant , all of them are logical and i admire them ❤
Not acharya prashant
Acharya Prashant 😂😂😂😂
Thagat Buddha ..
All of them were lustful animals
@@scuihghugbmmmlike your ram and krishna
Charvaka का वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करना और सुख की खोज करना दोनों ही ताज़ा और चुनौतीपूर्ण है। यह जीवन को पूरी तरह से जीने की याद दिलाता है, लेकिन साथ ही अपने कार्यों और उनके परिणामों के प्रति सचेत रहने की भी।"
Log philosophy ko boring maante hai aur hum ise most important subject and necessary knowledge mante hai I love it❤
@@hariomkashyap8132 tou phir Humai ek philosophical question ka answer do
The question is " what is the actual name of Allah,God,Bhagwan, ishwar etc" All these names are given by human beings according to their own mother tongue
@@NeverGiveup-xy7ry the fact is Your God doesn't exist
He hazaro salo pahleki bat he. ,,aur pahle search kar hinduism kitna old he ,fir bhagawan bhi dikhai denge , youtube se history nahi pata chalti
@@NeverGiveup-xy7ryphilosophy ki bhasha me kahe toh hame nhi pat ki bhagwan hai ya nhi iska sahi uttar yah hoga ki ham iska uttar nhi janate .
Log jis geography climatic conditions me rahte hai uske anusar he apne ishwar ki rachna krte hai.
Sirf old hone se bhagwan kaha se dikhai denge 😂 ese Aaj ek dharm me bana dalu or 4000 baad log mere dharm maanne wale ho jaaye to kya ye dharm sach ho jayga...@@RahulChaudhari-g9i
बहुत सुंदर 🎉...! वैसे मूल समस्या अपने अस्तित्व के होने में है। क्या मैं मृत्यु उपरांत व्यक्तिगत तौर पर हूं या नहीं?.. अगर मैं हूं तो किस रुप और आयु अवस्था का हूं। कौन से स्थान पर और कौन सी भाषा बोली का उपयोग करता हूं और खाता पीता क्या हूं । स्वयं की अस्तित्व हीनता भयप्रद है और अवसाद को उत्पन्न करती है। जीव और व्यक्तिगत आत्म बहुत मज़ेदार विषय है।❤
क्या उस समय भी क्रिकेट खेला जाता था? या सिर्फ एक उदाहरण दिया है आपने!वैसे गागर में सागर भर दिया है आपने।शानदार!
बिल्कुल ठीक बात है "चार्वाक दर्शन" के अनुसार अगर व्यक्ति केवल अपने सुख को सर्वोपरि रखेगा तो सामाजिक असंतुलन होना स्वाभाविक है इसलिए धर्म ही सत्य है और जिसमें सनातन वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तौर पर सर्वोपरि है धन्यवाद।🚩🕉️🙏
नास्तिक =तर्क वादी ❤️
Charvak darshan Vastvikta Pe Aadharit hai Satya mev Jayate 👍✌️🇮🇳
Most awaited topic 🎉 बधाई हो
Philosophy ka matlab hai - Question karna, inquiry..
As an atheist i like this video
I strongly agree with charvaka philosophy 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💯💯💯💯💯💯💯💯💯
चार्वाक हर इंसान के भीतर दबा हुआ है 😂😂 सब बाहर लाना चाहते हैं लेकिन due to fomo कोई ला नहीं पाता है
जब आप smoke करते हो drink करते हो या कोई भी self harm till one more step to death तब इंसान का चार्वाक ही उससे ये कराता है
😂😂
Nahi ye charvak ki avdharna nahi ye unake pakhandi aalochko ki man garant kahani hai
Thank you for covering this Darshan, the philosophy that is vanishing from Indian philosophy, its discourse and research.
दुश्मन मिले सबेरे मगर मतलबी यार ना मिले ! ये बात भी उन्होंने हि कहा था।
सदियों से भारत नास्तिक दर्शन का था, लेकिन काल्पनिक धार्मिक दर्शन देश को बर्बाद कर दिया
बेहतरीन विषय पर बेहतरीन वीडियो।
@10:36- पर यहाँ पर बात को कुछ ग़लत / अधूरा समझा जा रहा है-
विज्ञान (और कोई भी आधुनिक न्याय पद्धति) पूरी तरह से चार्वाकों से सहमत है के जो चीज़ें प्रत्यक्ष नहीं है , उनको सही नहीं मान लेना चाहिए। मगर फर्क ये है, के उस समय में "प्रत्यक्ष" का अर्थ केवल अपनी आँख, कान, नाक, ज़ुबान , त्वचा से पता लगाना होता था। उनके पास मानवीय इन्द्रियों से परे जाने के साधन उपलब्ध नहीं थे।
*विज्ञान और न्यायलय मानवीय इन्द्रियों की कमियोँ से आगे बढ़कर कैमरा, माइक्रोस्कोप, थर्मामीटर इत्यादि की सहायता लेकर चार्वाकों के ही मूल सिद्धांत पर चलते है।*
सड़क पर पानी भरा होना बारिश का संपूर्ण प्रमाण नहीं हो सकता। हो सकता है कोई पानी का टैंकर फट गया हो , कोई अपने घर का पानी सड़क पर छोड़ रहा हो....
इसके अलावा, गाड़ियां, पेड़ , हवा की नमी , इत्यादि बातों को जोड़कर देखा जाये , तो निश्चित ही चार्वाकों को भी बारिश को मान लेने में कोई समस्या नहीं होगी।
एक बात वीडियो में कही कई थी, पर फिर एक बार ध्यान दिलाने लायक है - चार्वाकों के बारे में आज जो बातें पता है, वो सारी आलोचकों के द्वारा ही पता है।
जैसे के खूब पीने के बारे में जो एक बात बार बार दोहराई जाती है, वो भी आलोचकों ने ही बताई है। यहाँ कम से कम ४ संभावनाएं है -
१. चार्वाकों यह बात बिलकुल ऐसे के ऐसे, सीरियसली कही हो।
२. उन्होंने यही बात मज़ाक में कहीं पर कही हो जो आलोचकों ने सीरियसली ले ली।
३. उन्होंने यही बात किसी विशिष्ट सन्दर्भ में कहीं हो और सन्दर्भ को भुला दिया गया हो।
४. चार्वाकों ने बात कही ही नहीं हो , विरोधियों ने आरोप लगाया हो।
Makes sense
💯
👌🏻👌🏻
Agree ❤️
Agree❤
चार्वाक दर्शन लेजेंड दर्शन है इनके तर्क बहुत खतरनाक है 😊
मेरी दर्शन में बहुत रूचि है 🙏
What a video!
अगर आज विश्व को चारवाक दर्शन के अनुसार शाशन तंत्र ही उपलब्ध हो जाए तो बड़ी बात है, वास्तव में आज विश्व आज चारवाक से भी नीचे गिर चुका है , चारवाक दर्शन में ऋण लेने की बात कही गयी है - चोरी करना, डाका दल कर , लूट कर नहीं । ऋण लिया है तो चुकाना भी पड़ेगा | और घी पीने की बात कही - शराब या अन्य हानिकारक पदार्थ नही |
*शायद आपने ठीक से सुना नहीं कि, चार्वाक का कोई साहित्य अब उपलब्ध नहीं है।*
*मतलब चार्वाक के बारे में जो भी जानने को मिल रहा है वो केवल उनके आलोचकों के साहित्य से मिल रहा है।*
*तो ऋण लेकर घी पीने वाली बात या फिर कोई ऐसी बात जिसमें उनकी बुराई और कमी दिखायी जाती है, वो चार्वाक खुद नहीं कह रहे बल्कि उनके आलोचक कह रहे हैं,जो सही है या गलत इसका कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है।*
*हो सकता है कि चार्वाकों की सामाजिक प्रतिष्ठा कम करने और आम जनमानस को तार्किक लोगों से दूर रखने के उद्देश्य से उनके आलोचकों ने ही उन्हें भोगवादी कह कर दुष्प्रचार किया हो।*
*सच्चाई का पता तभी चल सकता है जब कोई चार्वाक के असली साहित्य खोजकर ले आये।*
*तब तक ना कुछ झुठ है, ना कुछ सच।*
Absolutely brilliant ❤
Any Osho Philosophy Admirer here....❤
No, who's osho?
Yes❤
❤
@@thethought8981ap aise hi ho ki aise hone ki acting kar rahe ho😅
@@Harshit_patel70406kuchh log wakai me Osho ko nhi jante
3:18 #YOLO 😂😂😂 The way you deliver things it's humorously insane...loved it Kuldeep Bhai😊...one more thing video editor ne kaafi mehnat wala kaam kiya..AI ka use+ Good BGM ❤ Keep it up guys.😊
लल्लन टॉप की अविस्मरणीय प्रस्तुति ।
Dhanyawad
Yes start sabse badiya start hai
Very Very good anchoring.
Very well written... Super... enjoyed listening... Good anchoring also🎉🎉🎉
11:24 Bahut badhiya, Movie ki ending hi bata di.
Skip to 11:51 to avoid spoiler.
Excellent. Thanks for showing all philosophies of india. India was very modern in this respect in comparison to present india with my way or high way attitude
Interesting... Knowledgeable!
Naam suna tha Charvaak ka par iske baare me pta kuch nhi tha.
आसान भाषा में ज्ञान सीखना और सिखाना ही दर्शन यानी फलसफा यानी philosophy है
Love u lalantop for Topic
I can’t stop laughing at “jo hai yahin hai vro..#YOLO”😂😂kya shloka hai..😂😂Waah waah
Thanks for explanation. Iss topic ko meine bahut search kiya tha. Nothing much was available
Thank u for including me in the story
Wow 😲 intresting.
अनुमान लगाना या संदेह करने को छोड़कर बाकी जगह चार्वाक दर्शन सहमत योग्य है
Brahaman खुद चारवाक् मे विश् वॉश रखते है और अपनी जिंदगी जीते है
Such a great content❤ keep making such educational videos😊
चार्वाक दर्शन को मैं आगे बढ़ाऊंगा पूरे विश्व में😊😅😅😅😅 दुनिया को भारत ne फिलॉस्फर की पहला पाठ पढ़ाई😂😂😂😂 हमारे यहां गांव गांव में हर चौराहा में एक sek फिलॉस्फर है 😅😅😅कभी आई है छत्तीसगढ़ रायपुर😊😊😊
मैं भी cg से हू 😅 सही बात है
तुम अपने आप को आगे बड़ा लो 😂😂
Mai aaj pahli baar en mahan samudaay ke baare me jana huu❤❤❤
I am very lucky 😊😊😊
Thank you for this report coverage....
Please cover more contents like this...
Jo desh me science, technology, sports humanity ko barhawa de❤❤❤
Pakhandi logo ka to jal kar laal ho gaya hoga 😂😂😂
Charbahak osho pariyaar ji hamare aadarsh hai inse hamne apne jeevan ko sabarne me tark Mila hai
कुलदीप सर जी ये जटिलता का विलोम और सरलता का पर्यायवाची
का एक playlist बना दीजिए जिससे आपकी वीडियो ढूंढने में आसानी होगी
ચાર્વાક ❤❤❤❤❤
Good content and bohot hi achhe se present kia hai👌🏻
चार्वाक दर्शन बहुत गूढ़ था/है, आज भी सभी वैज्ञानिक इसी दर्शन को आधार बनाकर नए ज्ञान का सृजन करते हैं। जनहित के लिए इस विचार का विकृत होकर नष्ट होना स्वाभाविक है। Because this philosophy is a double edge sword.
यह दर्शन था और रहेगा, काल और भौगोलिक स्थिति के अनुरूप इसके नाम बदलते रहेंगे।
यह दर्शन वाद-विवाद-संवाद-उपदेशों से बहुत आगे निकल चुका है। यह अत्यंत रचनात्मक है।
This philosophy is leading civilizations through up & down and will end at Shankaracharya's Adwait conclusion. Approaches are different, though both approaches have their pros & cons.
Thank you so much
शब्दों का उतार चढ़ाव , चेहरे के हाव भाव , फैक्ट के अनुसार स्वयं को समायोजित करने का अनोखा प्रस्तुतीकरण इस भाईसाहब से सीखा जाए
जो जटिल से जटिल पाठ्यक्रम को इस प्रकार प्रस्तुत करे कि सामने वाले के मानसपटल पर शब्दों के उच्चरित होने के साथ घटना से संबंधित चित्र एक निश्चित क्रम में चलायमान हों।
सनातन धर्म में स्वर्ग और नर्क जैसी कोई कल्पना नहीं है की कोई एक अलग लोक होता है
Kya baat hai bhaiya
Graphics to tagda bana rahe ho aap!!!😅
Buddhism has never been a propounder of believing in god ...Jai Bhim Namo Buddhai 💙🔥🙏
Amazing content
Nice information
चार्वाक ने कहा दिमाग मत लगाओ मौज लो रोज लो और बुद्ध ने कहा दिमाग से भी ऊपर उठो ताकि मौज करने की जरूरत ही न पड़े तुम खुद ही मौज बन जाओ इसीलिए फॉलो बुद्ध फिलोसॉफी ना की चार्वाक।
@@JoBiHoAaBkYa yet Buddha survived 2500 years but charvak.... 😂😂😂
B@@LeoVijay-qb1hh darshan bahut hue par jinko rajshi sahara Mila wahi phal phul Paya .
Are you following ?
No and never, the people like you and your socalled neo bauddhist can never follow mahatma bauddha,
If you may have learnt a little from him, you might have not saying these words here, which you are saying...
Thanks. Very interesting.
Your way of talking इस good
To the point 👍👍
आजीविक दर्शन पर भी वीडियो बनाइए।
I am also a Charvak
घी क्या भाव मिल रहा है आजकल🤣
😂😂ha ha @@TheoSophii
If every body starts following harvak philosophy then all hell will break loose in Family and Society because family & society is based on mutual trust and sacrifices...
keep it up, nice episode
Very nice video
जहां तक मुझे पता है बौद्ध धर्म भी ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं करता था और केवल उन्हीं चीज़ों में विश्वास रखता था जिन्हें इन्द्रियों द्वारा अनुभव किया जा सके....
To budhist log sanyas kyu lete hai
Why Buddhist do meditation charvaka didn't
I wanted to speed ×1.5 but could not ,because of your beautifull tone
Good😊
चार्वाक दर्शन अत्यंत ख़तरनाक है! यदि आपने सिर्फ भोग को जीवन का उद्देश्य मान लिया तो जीवन मे अव्यवस्था फ़ैल जाएगी! किसी गरीब के द्वारा अमीर को लूट लेना चार्वाक दर्शन के अनुसार सही ठहराया जा सकता है! ईश्वर का अस्तित्व विश्वास के आधार पर है! और विश्वास की शक्ति नास्तिक आस्तिक दोनों के द्वारा मान्य है! आप नास्तिक हैं तब भी ये आपका विश्वास है जो आपकी नास्तिकता पर आपका विश्वास दर्शाता है!
Dr vikas divyakriti ke video ka saar bana ke bata rahe ho
🤣🤣🤣🤣
Sir ne bhi kahi se padh k hi banaya hai
Basic Indian Philosophy and Western philosophy should be taught in school starting from Highschool by removing some subjects that are not useful in Life.
best post.
I like lallantop❤
चार्वारको का केवल खंडन नहीं किया गया बल्कि उनको मिटा दिया गया। उनपर अत्याचार किया गया और उनके तर्कों से इतना डर था कि उनके पुस्तकों को भी हमेशा के लिए मिटा दिया गया
This is how you make people fall in love with your culture thank you for this video.
I'd like to add I do resonate with the philosophy of charvak but m moral values ko consider karna chahuga apne philosophy m kuki religion is necessary to control people or there will be chaos it's just like
Consider a man who has moral values but atheist he is going to be a great man but a man who is atheist but no moral values is going to be a villain of the century.
my fav... Charvak philosophy
Ea hoti Hai actual me knowledge sir..
एक सही सोच को समझने में मदद करता है
A new topic for the modern time charvaks...such people don't understand that they are not honored in the timeline due to such below standard philosophy...
Kudos to akash
Charavak By AH Salunke
Best book for Charvak understanding
चार्वक और नाइचेज का दर्शन में सिमिलेरिटीज हैं, चार्वाक दर्शन में वात्स्यान और अजीत केश कांबली का नाम भी आता हैं, वात्स्यान वही है जिन्होंने कामसूत्र पुस्तक की रचना की।
Correct
आज जिन लोगों का व्यवहार अनजाने में चार्वाक दर्शन से मेल खा रहा है,,, वो किसी चार्वाक दर्शन की वजह से नहीं है,,,, वो सिर्फ लोगों का स्वभाव है,,, लोग अपने मूल स्वभाव को किसी न किसी दर्शन से जोड़ कर अपने स्वभाव को सही सिद्ध करने की कोशिश करते हैं।
Right 👍
सही बात
Lekin ye swabhav bhi ussi ke pass hai Jo janne ki koshis krta hai ...tark ki batein kre .....sirf kisi ke kehne se manna nhi 😅
I appreciate
Darshan k bare m detail m video bnao
चार्वाक दर्शन की कमियां जहां ये चूक गया
1. प्रत्यक्ष प्रमाण की सीमा:
चार्वाक केवल प्रत्यक्ष प्रमाण को मान्यता देता है, लेकिन आधुनिक विज्ञान दिखाता है कि कई सत्य ऐसे हैं जो प्रत्यक्ष प्रमाण से नहीं बल्कि परोक्ष प्रमाण (जैसे रेडियो तरंगें, सूक्ष्मजीव) से सिद्ध होते हैं।
2. अनुमान और तर्क का अभाव:
चार्वाक अनुमान और तर्क को अनदेखा करता है, जबकि विज्ञान इन्हीं पर आधारित होता है।
3. पुनरावृत्ति का अभाव:
चार्वाक दर्शन किसी भी ज्ञान की पुनरावृत्ति और परीक्षण की आवश्यकता को नहीं मानता, जिससे यह सत्यापन प्रक्रिया में कमजोर हो जाता है।
किंतु पुरातन दर्शन आधुनिक विज्ञान से भी आगे था, जिसमें *अतीन्द्रिय* आयामों को समझने की भी विद्या थी।
आज भी कई ऐसी गणनाएं जिसे आधुनिक विज्ञान ने अपने माध्यम से किया उदाहरणतः ब्रह्मांड की कुल लंबाई, जानकारी के रूप में इसे जान तो लिया किंतु बुद्धि लगाकर समझा नहीं जा सकता जिसके लिए कई बार "mind-boggling" शब्द का प्रयोग किया जाता है जो बुद्धि की सीमा दर्शाता है।
Finally conclusion aap sahi bol paye ki aaj yadi charwak hote to wo Atom, electron, Blackhole sabko kharij kar dete😂, while these things are very Gross(स्थूल), then how can we able to find subtle things without meditation, yog etc. So please think thousands times before following Charwak.🙏
Very good explanation of Charvaka Philosophy. But one question...around 9:50 there is a mention of cricket. Did they play cricket in those days??
Are nhi yrr vo keval reference ke liye li thi . explain karna asan ho jata hai
CHARVAK DARSHAN ...AMAR RAHE
प्राचीन भारत में 64 प्रकार के सम्प्रदाय यानी विचार प्रचलित हुए! ये बहुत अच्छा पहलू है हमारे समाज का!अंत में ज़्यादा प्रचलित वही होता है जिसे राजशक्ति,नैतिकता,व्यावहारिकता का सहारा मिले! हर प्रचलित धर्म का यही सच है!
🔥Ha bhai ha ek Ditail video ho jaye🔥🙋
If charvaakaas have to live today they would definitely modify their phylosophy .
Conclusions based on inference is part of rational thinking, and charvaakaas are rational beings
कोई चार्वाक दर्शन लौट नहीं रहा है,, बल्कि आज के लोगों के आचरण को आप चार्वाक दर्शन से मिलान करके देख रहे हो
Ro mat😂
@@thinkingbeings3925
अबे ,, तुझे क्यों मिर्ची लगी ?
Ho rahi hai bhai tabhi log atheist ban rhe h
Atheism is what india needs now...
11:00 Charvak Science ke opposite kese hua. Science me bhi hypothesis hote he par unko koi sach nahi manta jabtak unka koi proof nahi mil jaye. Charvak bhi toh yahi keh rahe he jab tak sach mat mano jab tak proof nahi mil jata.
Lallan top ki team bhagvan ko manti hai kya ❤❤❤❤❤
अगर मेरा बाप चारवाक की तरह जिया होता तो में पैदा ही नही होता और अगर पैदा होता तो नर्क में पैदा होता।
पर मेरे पिताजी हमारे मूल्यों को अपने जीवनमे धारण करके भले गरीब हे पर आज मुझे अपने जीवन में स्वर्ग जैसा प्रतीत होता है भले ही मेरे पास घी पीने के पैसे नही हे।
दूसरे जन्म की तो बात ही नहीं।
जो इंसान अपने माता पिता से पैदा हुआ है वही उसका दूसरा जन्म हे।
में अगर चारवाक की तरह जीना जी लू तो मेरा बेटा जीते जी नर्क भोगेगा दूसरा जन्म तो दूर की बात।
ॐ शांति।
I guessed that it's about Charwaka from the thumbnail only.
Kaha hai Shankracharya Darshan ki link Bandhu