क्या आपके हिसाब से वैसी स्थिति भी होनी चाहिए ध्यान ,धारणा ,योग, नियम,पालन के लिए सांसारिक जीवन में भीड़-भाड़ वाली जगह पर तो हम यह सब नहीं कर सकते इसके लिए एकांत भी जरूरी है आपकी नजर में कोई अष्टांग योग सिखाने वाला गुरुकुल अथवा गुरु -आश्रम हो तो अवश्य बताएं ॐ नमो नारायण 🙏🏻🪷
एकांत अंततः मन की अवस्था है। मानसिक एकांत को साध लेने वाले व्यक्ति भीड़ में भी शांत और निसंग रह लेते हैं, परंतु मानसिक एकांत को अभ्यास से साधने के लिए बाहरी एकांत में समय बिताना ही होता है। आप अपने दैनिक जीवन में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जगकर अपने लिए साधना के कुछ घंटे जुटा सकते हैं और इससे आपका दिन भी अधिक प्रोडक्टिव हो जाएगा। रात में अच्छी नींद लेना भी आवश्यक है। ( किसी गुरू को मैं नहीं जानता, आप जब तक गुरू नहीं मिलते उपनिषदों का अध्ययन कर सकते हैं! )
लेकिन गुरुदेव सियाग सिद्ध योग मे ध्यान के दौरान एटोमिक योग होता है तो घबराने की जरूरत नही है और पतंजलि अष्टांग योग की सभी सिदी होती है, लेकिन ध्यान और मन्तर जाप करें ध्यान सिर्फ सुबह शाम 15 मिनट खाली पेट और सन्जिवनी मंत्र हमेशा अपने दैनिक कार्य करते हुए मन ही मन जपना है
४.१० मि.अष्टांग योग...यम,नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान आणि समाधी असा आहे.अनवधानाने प्राणायाम उल्लेख करायचा राहून गेला आहे.चित्रात सुद्धा नाही, त्यामुळे सातच दिसतात.
क्या आपके हिसाब से वैसी स्थिति भी होनी चाहिए ध्यान ,धारणा ,योग, नियम,पालन के लिए
सांसारिक जीवन में भीड़-भाड़ वाली जगह पर तो हम यह सब नहीं कर सकते
इसके लिए एकांत भी जरूरी है
आपकी नजर में कोई अष्टांग योग सिखाने वाला गुरुकुल अथवा गुरु -आश्रम हो तो अवश्य बताएं
ॐ नमो नारायण 🙏🏻🪷
एकांत अंततः मन की अवस्था है। मानसिक एकांत को साध लेने वाले व्यक्ति भीड़ में भी शांत और निसंग रह लेते हैं, परंतु मानसिक एकांत को अभ्यास से साधने के लिए बाहरी एकांत में समय बिताना ही होता है। आप अपने दैनिक जीवन में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जगकर अपने लिए साधना के कुछ घंटे जुटा सकते हैं और इससे आपका दिन भी अधिक प्रोडक्टिव हो जाएगा। रात में अच्छी नींद लेना भी आवश्यक है।
( किसी गुरू को मैं नहीं जानता, आप जब तक गुरू नहीं मिलते उपनिषदों का अध्ययन कर सकते हैं! )
Haji muze bhi jankari dijiye..
@@darkrahasyam ❤
साधारण रूप से वयाखया होते हुए उत्तम हेहै।
अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए भूरि भूरि धन्यवाद आपको
❤❤❤gajabbb hai bhai Hamm koshish jrur karenge dhayan tak jane ki
जनहित के लिए नितान्त आवश्यक है, इसका प्रचार प्रसार ।
फार सुंदर वर्णन केले आहे... धन्यवाद
Ekdam se samaj me aane vali language hai very nice 😊
Bahot hi achhe se Ashtang yog ko Present kiya, thanks for knowledge
Jai
Bohot hi achhe se aapanne samjhaya hai thank you so much sir🙏🙏
Nicely explained.
બહુત સુંદર
om durgai namah
Best
Very good
अती सुन्दर ❤️🌹🙏
Wha🎉
Good
हरी ओम ततसत।।
अति सुन्दर प्रस्तुति
एक प्रत्याहार भी,,,,,
लेकिन गुरुदेव सियाग सिद्ध योग मे ध्यान के दौरान एटोमिक योग होता है तो घबराने की जरूरत नही है और पतंजलि अष्टांग योग की सभी सिदी होती है, लेकिन ध्यान और मन्तर जाप करें ध्यान सिर्फ सुबह शाम 15 मिनट खाली पेट और सन्जिवनी मंत्र हमेशा अपने दैनिक कार्य करते हुए मन ही मन जपना है
४.१० मि.अष्टांग योग...यम,नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान आणि समाधी असा आहे.अनवधानाने प्राणायाम उल्लेख करायचा राहून गेला आहे.चित्रात सुद्धा नाही, त्यामुळे सातच दिसतात.
हि आपली परीक्षा समजावं, कदाचित आपल किती लक्ष आहे हे तपासत असतील.सकारात्मकता खूप महत्त्वाची आहे 😂🕉️🙏👍
Amrut muhurat par matra bol ne ke baad sahabas karo
Good