पृथ्वी की धुरी का पूर्वगमन - Precession
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- Опубліковано 1 вер 2023
- चलिए, प्रीसेशन यानी पूर्वगमन को एक सरल मॉडल की सहायता से समझें।
पृथ्वी 4 तरह से गति करती है।
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है।
इसके साथ-साथ पृथ्वी अपनी धुरी पर भी घूमती है। यह अपनी धुरी पर लगभग 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है, जिससे दिन और रात बनते हैं।
शेष दो गतियाँ पृथ्वी की धुरी से संबंधित हैं।
डगमगाना और धुरी के झुकाव के कोण में परिवर्तन।
लट्टू की तरह, पृथ्वी का अक्ष भी डगमगाता है।
आइए तीसरे प्रकार की गति को एक मॉडल की मदद से समझते हैं।
यह पृथ्वी का उत्तरी गोलार्ध है, और यह दक्षिणी गोलार्ध है।
इन दोनों गोलार्द्धों को विभाजित करने वाली काल्पनिक रेखा भूमध्य रेखा कहलाती है।
यह पृथ्वी की धुरी है, जिसके चारों ओर वह घूमती है।
मैं इसे हाथ से इस तरह घुमा सकता हूं।
हम इसे बनाए गए प्लैटफ़ॉर्म पर रखेंगे।
यह उत्तरी ध्रुव है और यदि हम इसे और आगे बढ़ाएँ तो इस ऐक्सल यानी धुरी के सिरे को आकाशीय उत्तरी ध्रुव माना जा सकता है।
यहीं कहीं पर आकाशीय दक्षिणी ध्रुव होगा।
आइए इस छेद में इस ऐक्सल यानी धुरी को डालें।
आइए इस डिस्क को दोनों गोलार्धों के बीच रखें। यह पृथ्वी के भूमध्यरेखीय तल को दर्शाता है।
पृथ्वी के भूमध्यरेखीय तल का फैलाव आकाशीय भूमध्य रेखा को परिभाषित करता है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर अब साढ़े 23 के कोण पर झुकी है।
परन्तु यह किस अक्ष के सन्दर्भ में झुकी हुई है?
आइए सेटअप में एक और डिस्क जोड़ें।
यह डिस्क क्रांतिवृत्त तल यानी पृथ्वी की सूर्य के चारों ओर परिक्रमा का तल है।
इस तल पर पृथ्वी एक वर्ष में सूर्य की परिक्रमा करती है।
हमारे मॉडल में, पृथ्वी के संबंध में, सूर्य इस तल पर होगा।
आइए हम भूमध्यरेखीय तल पर चार प्रमुख बिंदुओं की भी पहचान करें।
ऐसे दो बिंदु हैं जहां भूमध्यरेखीय तल और क्रांतिवृत्त तल एक दूसरे से मिलते हैं। ये वे बिंदु हैं जहां इक्विनॉक्स यानी विषुव होता है। इन दिनों में दिन और रात बराबर लंबाई के होते हैं। अन्य दो बिंदु ग्रीष्म संक्रांति और शीतकालीन संक्रांति हैं।
यह वसंत विषुव का बिंदु है। यहां से 180 डिग्री पर शरद विषुव होता है।
हम इसे इस डायल की मदद से बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। आइए इसे भूमध्यरेखीय तल पर रखें।
डायल पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ चार प्रमुख बिंदु अंकित हैं। इससे बाद में हमें मदद मिलेगी।
ऐक्सल होल्डर को इस तरह घुमाने से हमें तीसरी गति का पता लगाने में मदद मिलती है। पृथ्वी की धुरी का डगमगाना। पृथ्वी की धुरी दूसरी धुरी यानी क्रांतिवृत्त तल की धुरी पर घूम रही है। इसे पृथ्वी की धुरी का precession यानी पूर्वगमन कहते हैं। यह पृथ्वी पर सूर्य और चंद्रमा के द्वारा लगाए गए गुरुत्वाकर्षण बल के कारण होता है।
पृथ्वी लगभग 26,000 वर्षों में या हर 72 वर्षों में 1 डिग्री एक पूर्ण प्रीसेशन यानी पूर्वगमन चक्र से गुजरती है। यह बहुत ही धीमी गति है। आप रोजमर्रा की जिंदगी में इसका पता नहीं लगा सकते।
आइए दूसरे डायल को एक्लिप्टिक तल यानी क्रांतिवृत्त तल पर रखें। यह सभी तारों और तारामंडलों की स्थिति को दर्शाता है। हम कुल 12 तारामंडलों और 27 नक्षत्रों के बारे में जानते हैं।
यद्यपि एक वर्ष में प्रीसेशन यानी पूर्वगमन गति की मात्रा बहुत कम होती है, गति एक ही दिशा में होने के कारण, विषुव की स्थिति एक लंबे समय के बाद पर्याप्त रूप से बदलती रहती है। विषुव बिंदुओं की स्थिती में होने वाले बदलाव को प्रीसेशन ऑफ़ द इक्विनॉक्स यानी विषुव का पूर्वगमन कहा जाता है।
अभी वसंत विषुव मेष राशि के निकट होता है, और लगभग 1000 वर्षों में यह किसी अन्य राशि में होगा।
इस गति के कारण एक और महत्वपूर्ण बदलाव होता है।
आइए यह देखने के लिए असेंबली को धीरे-धीरे घुमाएं कि आकाशीय उत्तरी ध्रुव का ओरिएंटेशन यानी दिशा समय के साथ कैसे बदलती है।
आइए इस पारदर्शी डिस्क को शीर्ष पर रखें।
छोटा लाल मनका क्रांतिवृत्त उत्तरी ध्रुव को दर्शाता है। आकाशीय उत्तरी ध्रुव भी वर्ष में पूर्वगमन के कारण घूमता है।
जैसा कि पृथ्वी से देखा जाता है, पूर्वगमन ध्रुव तारे को बदल देता है। [आकाशीय उत्तरी ध्रुव के निकट कहीं स्थित सबसे चमकीला तारा ध्रुव तारा माना जाता है]
अभी पोलेरिस हमारा ध्रुव तारा है। लगभग 8000 वर्षों के बाद, डेनेब ध्रुव तारा होगा। अगले 4000 वर्षों में, वेगा नया ध्रुव तारा होगा। अगले 5000 वर्ष बाद, थुबान ध्रुव तारा होगा।
चौथी गति पृथ्वी का धुरी पर झुकाव है। यह 22.5 डिग्री से 24 डिग्री के बीच चलता है।
सूर्य के चारों ओर घूमते समय पृथ्वी की घूर्णन धुरी जिस कोण पर झुकती है उसे उसका अक्षीय झुकाव कहा जाता है। यह झुकाव ही वह कारण है जिसके कारण पृथ्वी पर ऋतुएँ होती हैं। पिछले दस लाख वर्षों में, पृथ्वी के कक्षीय तल के संबंध में यह 22.1 और 24.5 डिग्री के बीच बदलता रहा है।
अगले वीडियो में, हम पूर्वगमन और दो प्रकार के कैलेंडर, उष्णकटिबंधीय और नाक्षत्र के बीच संबंध का पता लगाएंगे।
Superb ji. Thank you for such information.
Nice
Thenks for hindi dubing 🎉
बहुत ही उत्तम demonetisation है. अब तक यह सारे terminology समझ से परे थीं
❤
🎉😊
Wonderful work sir. Please Margi aani Vakri gati var model dakhwa.
❤❤
गोडबोले जी नमस्कार, आज पहली बार आपका वीडियो देखा क्यो कि thumbnail मे आपका मॉडल आकर्षित लगा.
आपने मॉडल के सहारे जैसा समझाया है ऐसा मैने किसी भारतीय चैनल पर नही देखा. मै सोच रहा हूँ कि काश जब हम स्कूल में थे तब इस तरह की इन्टरनेट सुविधाए उपलब्ध होती तो हमारे concepts शुरू से ही क्लियर होते और हमे हर एक छोटी बात के लिए कल्पनाओं के घोड़े नही दौड़ाने पड़ते. खैर आज के बच्चों के लिए इन्टरनेट एक वरदान और अभिशाप दोनो है अब ये उनके और उनके आसपास के माहौल पर निर्भर करता है कि वो इसे कैसे उपयोग करते है
मुझे आपका मॉडल बहुत अच्छा लगा और मै जानना चाहता हूं कि ये आपने खुद बनाया /बनवाया है या फिर कहीं से खरीदा है, अगर खरीदा है तो कहा से और कितने मे
..... धन्यवाद
और हाँ मै आपका चैनल subscribe कर रहा हूं
धन्यवाद , मै अभी astronomy सिख रहा हु| मॉडल की सहायता से संकल्पना समजने में आसानी होती है , मै मॉडल खुद बनाता हु
Your models are just wonderful. Should be introduced to astrology studying students to crystal clear their ideas.
अति उत्तम आपको धन्यवाद है इस ज्ञान को सटीक रूप में समझाने के लिए आप पुरस्कार पाने योग्य है
Very nice narration, especially in Hindi. Easy to understand but, I have to see it again and again to understand it properly. Ram Ram 🙏
Sureshji, shayad samzaneki koshish ki gayi hongi, magar uswaqt apna grasping power kam tha.
Models have been prepared taking lot of efforts and very thoughtfully. It explains the concept very effectively and most people can visualize the concept.
Thanks a lot for your initiative in this field.
Please make a vdo for aynansa
No doubts best knowledge
It's amazing...wow.. nice pratical
Very nice 🎉🎉🎉🎉
Nice explanation
Excellent
Sir I want to buy these kindly guide such a great work hats of to you
👍👍👍
100 like karsakta to kar deta🎉
🎉🙏
कास हमें स्कूल में ऐसे समझाया होता
धन्यवाद जो आप ने हिंदी मे अपनी प्रस्तुति की
Superb, just a random question, change in north pole from Polaris to say vega, will it impact on seasons ? Or what will be the impact of change in the North pole from polaris to vega ? Can you please share
no change in seasons
@@RavindraGodbole thank you
Y model kaha milege hame kharedne hai mam, 🙏🙏
After 13000 years the summer solstice will be exact opposite to winter solstice so Does it affect change of seasons? Whether it would be exactly opposite to what it’s now?
Seasons wont change. Background stars for Sun/Moon and other points will be different.
If you throw some light on why the seasons will not affect? I would like to know exact reason how it's adjusted in calender or else
i need that materails from where could i get
Please send me email. I am planning updated version of this prototype.
I was able to digest this at the last minutes of the video😂
Dear sir
Can you teach us how to make this model?
Yes. Please write email.
Why Axis of Earth inclined ? By 23.5° ? What is reason?
Will it vary in future? Or will it be same forever?
Tilt varies between 22.5 to 24 degrees. Why it is tilted , I am not aware !
The gravitational pull of the Moon and the other planets, particularly Jupiter and Saturn, exerts a torque on Earth's rotational axis. This torque causes the Earth's axial tilt to change over time approximately over 41000 years.
And btw its range is 22.1-24.5 degrees.
Without inclination, Earth will move in a linear path.
Inclination of Earth is needed to move in a circular or elliptical path.
Nice
Nice