सौर दिवस और नक्षत्र दिवस
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- Опубліковано 19 жов 2024
- इस विडिओ सीरीज में हम सूरज पृथ्वी और चन्द्रमा से सम्बंधित घटनाए मॉडल की मदद से समझने का प्रयास कर रहे है
जानते है सौर दिवस और नक्षत्र दिवस के बारे में
इस मॉडल की बजाय हम दूसरा मॉडल डायल पे रखेंगे
ये मॉडल की डिज़ाइन के बारे में अंत में चर्चा करूँगा
पृथ्वी अपनी धुरी पर चक्कर काटते हुए सूरज का भी एक चक्कर काटती है
इस मॉडल में पृथ्वी की धुरी सीधी दिखाई गयी है लेकिन वास्तव में या ज़ुकी हुई है
ये डायल हमें पृथ्वी की गति को समझने में मदद करेगा
डायल पर खींची हुई रेखाए मध्यान्ह की स्थिति बताने में मदद करेगी
और ये पिन पृथ्वीपर क्या समय है इसका अंदाजा देगा
इस गियर को निकलनेसे पृथ्वी सिर्फ अपनी धुरी पर घूमेगी
फ़ोन का फ्लैशलाइट सूरज की रोशनी का काम करेगा
अभी सूरज आकाश में सबसे ऊंचे बिन्दु पर है , इस समय को मध्याह्न कहते हैं, [ listen for this word elsewhere ]
पृथ्वी को हाथ से धीरेसे घुमाएंगे
अभी शाम हो गयी
अभी सूर्योदय होगा
और फिरसे मध्यान्ह
पृथ्वी ने अपनी धुरी पर एक चक्कर याने ३६० डिग्री पूरा किया
इसे नक्षत्र दिवस कहते है
समय करीबन २३ घंटे और ५६ मिनिट का होता है
गिअर को अपनी जगह पर लगाएंगे।
शुरवात करेंगे मध्याह्न से
किसी दूर के तारे के सन्दर्भ में इस जगह पर एक चक्कर पूरा हो गया। लेकिन अभीतक मध्याह्न की स्थिति नहीं आई
सुरज का चक्कर काटते हुए पृथ्वी करीबन एक डिग्री आगे गयी
मध्यान्ह की स्थिति आने के लिए पृथ्वी को अपनी धुरी पे और थोड़ा घूमना होगा
दो लगातार मध्याहन के बीच के समय को ही सौर दिवस कहा जाता है
ये २४ घंटे का होता है
लेकिन यह हमेश २४ घंटे नहीं रहता , पृथ्वी की गति सूरज की परिक्रमा करते हुए कभी कम या कभी ज्यादा होती है
स्टेलेरियम की मदद से हम पृथ्वी रोज कितना आगे बढाती है इसका पता लगा सकते है
ये कभी एक डिग्री से कम या कभी एक डिग्री से ज्यादा एक दिन में आगे जाती है
अब जानते है नक्षत्र दिवस के बारे में
आसमान में अगस्त्य तारा - कानोपस माध्यान्ह रेखा पर है तारीख है १ जून २०२४
एक नाक्षत्र दिवस याने ठीक २३ घंटे और ५६ मिनिट बाद, अगस्त्य तारा इसी जगह पर फिरसे दिखाई देगा
नाक्षत्र दिवस और सौर दिवस के बिच ४ मिनिट का अंतर होता है
यही वजह है की हमें हर रात आसमान थोडासा अलग दिखता है
पृथ्वी का अपनी कक्षा का चक्कर लगाना गिअर की मदद से नियंत्रित किया
एक चक्कर काटने से ये १० डिग्री आगे बढे
ये समज़ना आसान हो इसलिए किया गया जब की वास्तव में पृथ्वी एक ही डिग्री रोज आगे बढती है
कुल मिलकर इसमें १० गिअर इस्तेमाल हुए
अगले विडिओ में हम नक्षत्र की स्थिति के बारे में जानेगे , धन्यवाद
धन्यवाद हिंदी में प्रस्तुति के लिए
बहुत सुंदर
Well explained👍 &salute your effort Thank you🙏
You are simply great Sir...!!!!
this is how science should be taught, only vdo in the whole UA-cam for understanding of a layman as well as a scientist. thank you sir
Perfect sir. 🙏🌹
you are working very hard. Great
Superb explanation 🎉
Excellent job sirji...
अद्भुत
Achha Pra achcha prayas hai
waaahhhh👏
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4:32 stellarium script 👌
Excellent