चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः l तस्य कर्ता रमपि मां विद्यकर्तारमव्ययम् ll ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शुद्र इन चार वर्ण का पहचान गुण कर्म आधार पर होते है. उस प्रकार उस सृष्टि रचनादि कर्म का कर्ता होने पर भी तू मुझ अविनाशी परमेश्वर को तू वास्तव में अकर्ता ही जान. भगवद् गीता - 4/13
Babaji pahale aap shach kahrahehe lekin vyashan bhi hanikarak he ur jnoy dharan kar ne ke bay koy bhi vyashan nahi kiya jata he me ne bhi dharan ki he ji
भाई जो लोग बोलते हैं कि जनेऊ केवल ब्राह्मण ही करेगा और कोई नहीं ये चीज़ पाखंड बातें है समाज में भ्रम बातें जबकि वेद ने अधिकार दिया है सभी को जनेऊ करना. मैं आर्य समाज से हूँ
क्योंकि जनेऊ विद्या का चिन्ह है और यग्योपवीत संस्कार गुरुकुल में ही होता है जैसे school में बच्चों का दाखिला होता है ना और बच्चों को unifrom दिया जाता है वैसे ही यग्योपवीत संस्कार ही उस तरह है अभी गुरुकुल नहीं चल रहा है लेकिन पूर्वकाल में जब गुरु - शिष्य परंपरा था तब गुरुकुल जाते थे तब उपनयन संस्कार होता है उसके बाद गुरु दीक्षा भी दी जाती है तब द्विज बनता है द्विज का मतलब दूसरा जन्म अर्थात् ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य बनने का अधिकारी हो जाता है. पहला जन्म माता के कोख से और दूसरा जन्म गुरु के पास से
शूद्र वर्ण जनेऊ धारण नहीं कर सकते क्योंकि जनेऊ विद्या का चिन्ह है गुरुकुल का और ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य ये तीनों वर्ण शिक्षित वर्ण है वैदिक काल गुरुकुल में इसलिए वे तीनों जनेऊ धारण करते हैं. शूद्र वर्ण अशिक्षित वर्ण का नाम है अर्थात् गुरुकुल नहीं जाता था द्विज नहीं बनता था गुरु दीक्षा नहीं लेता था उसे शूद्र वर्ण माना जाता था उस समय में इसलिए शूद्र वर्ण के लिए उल्लेख नहीं है यग्योपवीत. मैं आर्य समाज से हूँ और Thanks Bharat Rahul Arya vedio का भी
@@dillipkumarbisoi931 मैं ओडिशा से हूँ हमारे यहा हरिशंकर मंदिर बलांगीर जिला में आदिवासी लोग जनेऊधारी भी है और पुजारी भी और हमारा गाँव बलांगीर में आता है तो हमारे village में आदिवासी लोग जनेऊधारी है.
भाई वर्ण व्यवस्था ओर जाति व्यवस्था का भेद जाने बिना वेदिक व्यव्स्था की बात मिथ्या है । वर्ण व्यवस्था मे गुरुकुल होते थे । गुर द्वारा बालक को गुण के आधार पर वर्ण दिया जाता था । वहां जाति का समावेश नही था । कालांतर मे गुरुकुल व्यवस्था पतन का कारण ही जाति व्यव्स्था है । जाति व्यव्स्था मे पवित्र आचरण पवित्र कर्म वाला व्यक्ति जनेऊ धारण कर नियमो का पालन कर सकता है । यहाँ विस्तार से बताना संभव नही । यह मेरा व्यक्तिगत विचार हैं । मन वाणी ओर कर्म मे मर्यादा ओर नियमो का पालन करने वाला किसी भी वर्ण का व्यक्ति जनेऊ धारण का अधिकारी है । क्योकी गुरुकुल व्यव्स्था के अनुरुप वर्तमान समाजिक व्यव्स्था नही है ।
@@anubhavchakraborty5282 भाई शूद्र को जनेऊ धारण करना निषेध नहीं था - मनु महाराज ने शूद्रों के लिए कहा है - *न धर्मात् प्रतिषेधनम्* (10.126 ) संस्कार को करने का शूद्रों के लिए अनिवार्य विधान भी नहीं है और निषेध भी नहीं है. द्विज: के किए अनिवार्य विधान है l शूद्र शिक्षित न होने के कारण संस्कार करने के योग्य और वैधानिक अधिकारी नहीं होते है किंतु वे द्विजों से करा सकते हैं l
ये आचार्य गलत बोल रहा है बैदिक धर्म में शूद्रों और स्त्रियों की एक जैसी स्थिति थी न ही स्त्रियों को शिक्षा अधिकार था न ही शूद्रों को स्त्रियों को भी जनेऊ धारण का अधिकार नहीं था.
पण्डित जी शूद्र को जनेऊ पहनना चाहिए या नहीं? यदि नहीं पहनना चाहिए तो क्या वो फिर भी हिन्दू कहलाएगा या उस धर्म परिवर्तन के या नास्तिक बनकर रहना चाहिए ? क्योंकि दिमाग तो उसमें भी होता है?
Mahilayon ne janeu dharan nahi karna chahiye aur shastra bhi iski anumati nahi dete. Yeh Maharaj kuch bhi bol raha hain. Isse puche ki iska Varna Brahmin hain ya nahi agar nahi toh ye guru nahi ban sakta. Arya samaj ne kuritiya bataye hain joki shastra se bilkul ulta hain
rashtrapita Jyotiba fule aur Savitribai fule Dr bheemrav Ambedkar ke sanvidhan ki Den hai manusmriti ke hisab se to aap ko koi Hak hi nahi hai Dhol gawar Shudra Pashu Nari yah hai Sab tadan ke Adhikari Brahmanon Tulsidas Dube ne ramcharitra Manas Me Likh Rakha Hai Agar devdasi banne ka itna hi shauk hai to apni bacchiyo ko bnao😂
सभी लोग जनेऊ धारण कर सकते है चाहे वो पंडित हो या दलित इसमें जाति से कोई मतलब नहीं है। लेकिन उसके नियम को याद रखना जैसे मांस मछली और अंडे से दूर रहना। जय श्री राम 🙏🙏🙏🙎 बहन
@@abhinaytiwari8279 हमारे सनातन ( हिन्दू) धर्म में कहाँ गया है की जन्म से हर व्यक्ति शूद्र होता है । व्यक्ति अपने कर्म से पंडित होता है। यही कोई दलित व्यक्ति शास्त्रों (गीता) का ज्ञान प्राप्त कर लेता है तो हम उसे पंडित या महाराज जी बोला करते है ना की दलित और अगर कोई दलित सेना में जाता है तो हम उसे क्षत्रिय (सैनिक) कहते है ना की दलित । महाभारत में कर्ण एक शूद्र के पुत्र थे लेकिन उन्होंने अपने कर्म से वीर (क्षत्रिय )और राजा का पद प्राप्त किया था । और इसीलिए हिन्दू आज भी अपने बच्चे का नाम कर्ण की जगह करन रखते है । जनेऊ हमारे धर्म का हिस्सा हैं 🚩🚩🚩🙏जय श्री राम 🙏🚩🚩🚩
@@sumitpanchal5768 ap log asa karo karm kaand bhi karne lag jaao sabkarlo आप लोग ब्रह्मण बन जाओ इसमे आप लोग की गलती नही कलयुग का प्रवाह ही ऐसा है जहा ब्रह्मण कर्म नही करेगा वहा आप लोग कर्म करने की नसीहत दोगे इससे बडा देश का संस्कृति का विनाश क्या होगा
Janeu Jun evang ung dhatu se Bana ha ,jiska arth hota hai janseva.Rajput desh seva ,Brahman pathan pathan Bramh Gayan ke liye vart leta hai.Aap jo gyan de rahe hai vah bilkul bakvas hai.Aaj pandit ka beta bina pathan pathan janeu dharan Kar pandit ho jata hai.yagyopavit ek parampara ho gaya hai Brahman banane ka.prathama pass Kar panditatai Ka course Kar just pandit ho jate hai .Medical science ke bisay me aapke gyan se hasi aati hai. Pahle aap aapne gyan vikshit Kar le phir u tube par gyan bate aur paise kamaye.
चातुर्वर्ण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः l
तस्य कर्ता रमपि मां विद्यकर्तारमव्ययम् ll
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शुद्र इन चार वर्ण का पहचान गुण कर्म आधार पर होते है. उस प्रकार उस सृष्टि रचनादि कर्म का कर्ता होने पर भी तू मुझ अविनाशी परमेश्वर को तू वास्तव में अकर्ता ही जान. भगवद् गीता - 4/13
गुरू देब को कोटी कोटी प्रणाम 👏👏👏👏👏
साक्षात्कृत महापुरुष इस विषय में शून्य हैं। उन्हें यज्ञोपवीत का मन्त्र भी शुद्ध रूप में याद नहीं है।
Right
Bilkul
यज्ञोपवितम परमम पवित्रम ।।
Yago pavitam paramam Pavithram Balam Balam Stuti Namo Namah
Right
जय श्री राम 🙏❤️
Good Information .
Excellent
Janu dhar kasa kara .mujha badelna ha.to hum apna app isea dharen kasa kara.vo thoda mujha batao.
हरि ऊँ पंडितजी 🙏🙏
व्याख्या में शंका उत्पन्न हो रही है पंडित जी
Jai ho guru ji
Jai shree ram jai sanatan jai shree Krishna
Thanks for video...
Jai shree Krishna
Jai Shree Ram
Jay shree Ram.
Its good i will try
Jay ho Magal panday who were Brahman but his cast doesn't have right for reservations.
Janev dharan ke bad kya nonveg nhi khte
@@yksthakur7824 nahi bilkul nahi
Sayad tumna galat likha ha isliye samajh ma nhi aa rha meri
@@yksthakur7824 kya sc hoke humare sath khana nahi khate
कुछ लोग जनेऊ धारण करके भी मांसाहार करते हैं और धुम्रपान भी
Very nice
96 angul... individual..ka hona chahiye kya?????.)????
शूद्र का नही बताऐ कयो
Pata nahi par 1 baat janta hoon ki brahman jo hain 96 chauva ka janu pehente hain
Mera ayu abhi 34 saal hai.
Kya men abhi janeu dharan kar sakta hun.
To kaise.
Aur kya niyam pe rene honge
Yes u can wear janeu
मेरा उम्र 22 साल है मैं जनेऊ धारण करने में 5 महिना हो रहा है हम द्विज: है बचपन से गुरु दीक्षा लिए थे उस समय पे आयु 8-9 वर्ष था.
Jai baba g Hari om
धारण करने के पूरा मंत्र बताएं एवं उतारने का भी मंत्र बताएं।
Koi aam admi apne se janau dharan nahi kar sakta pandit ke pass Jane se Saab bata dega
@@deviljaat445 आर्य समाज महर्षि दयानंद सरस्वती से संपर्क करे और आर्य समाज facebook भी यग्योपवीत संस्कार के बारे में जानकारी जानने के लिए
जय मां गायत्री
जय श्रीराम
Thanks
Jaroor dharan karna chahiye janeu
AUM namah shivaya
🙏👍👍👍👍👍
🙏
Guru ji ko wakya asudhi ka bahot bada samasya hai
Can soodar wear janeuu
Yes whya not
No
Anchor voice like kangna ranaut
Babaji pahale aap shach kahrahehe lekin vyashan bhi hanikarak he ur jnoy dharan kar ne ke bay koy bhi vyashan nahi kiya jata he me ne bhi dharan ki he ji
om nmh sivay
Jab ye swath se sambadhith he to koi bhi pahan sakta he na ?
भाई जो लोग बोलते हैं कि जनेऊ केवल ब्राह्मण ही करेगा और कोई नहीं ये चीज़ पाखंड बातें है समाज में भ्रम बातें जबकि वेद ने अधिकार दिया है सभी को जनेऊ करना. मैं आर्य समाज से हूँ
मैं भुवनेश्वर ओडिशा से हूँ हमारे हरिशंकर मंदिर बलांगीर जिले में आदिवासी पुजारी बने है और हमारे गाँव में आदिवासी लोग जनेऊधारी है.
Sabhi dharm ke log dharan kar Santa hai
Beshak dharm sirf 1 h Sanatan vedic Hindu dharma and we all can wear JANEU
Good
Kya kuch puch sakte hu
सहि हे
Sudhar nhi phen sakta janau??
क्योंकि जनेऊ विद्या का चिन्ह है और यग्योपवीत संस्कार गुरुकुल में ही होता है जैसे school में बच्चों का दाखिला होता है ना और बच्चों को unifrom दिया जाता है वैसे ही यग्योपवीत संस्कार ही उस तरह है अभी गुरुकुल नहीं चल रहा है लेकिन पूर्वकाल में जब गुरु - शिष्य परंपरा था तब गुरुकुल जाते थे तब उपनयन संस्कार होता है उसके बाद गुरु दीक्षा भी दी जाती है तब द्विज बनता है द्विज का मतलब दूसरा जन्म अर्थात् ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य बनने का अधिकारी हो जाता है. पहला जन्म माता के कोख से और दूसरा जन्म गुरु के पास से
मेरे गुरुदेव संत श्री आशारामजी बापू है
2008 - 09 में उपनयन संस्कार गुरुदीक्षा कर चुका हूँ और मैं द्विज हूँ.
Har HINDU pehen skta h bhai aur pehen na chahie bhi✌✌🚩🕉🚩
Mai v brahman hu♥️🔱
To Kya Karen videshi Ho To Kya Karen 🤣😂
Janevu banata kon hi.?
Hamare yaha Bunker banate hi
Dhanyawad
2 niym bs btaye
गुरुजी सुद्र्को जनैउ क्यु नहि धारण करनी चाहिय? हम विस्वकर्मा हुं पवित्री धारण कर्ता हु ।
Sudra janeu dharan kar skte hai
करिये आप धारण
@@abhishekbhargava6202 ji Dhanyavad aapka
शूद्र वर्ण जनेऊ धारण नहीं कर सकते क्योंकि जनेऊ विद्या का चिन्ह है गुरुकुल का और ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य ये तीनों वर्ण शिक्षित वर्ण है वैदिक काल गुरुकुल में इसलिए वे तीनों जनेऊ धारण करते हैं. शूद्र वर्ण अशिक्षित वर्ण का नाम है अर्थात् गुरुकुल नहीं जाता था द्विज नहीं बनता था गुरु दीक्षा नहीं लेता था उसे शूद्र वर्ण माना जाता था उस समय में इसलिए शूद्र वर्ण के लिए उल्लेख नहीं है यग्योपवीत. मैं आर्य समाज से हूँ और Thanks Bharat Rahul Arya vedio का भी
@@dillipkumarbisoi931 मैं ओडिशा से हूँ हमारे यहा हरिशंकर मंदिर बलांगीर जिला में आदिवासी लोग जनेऊधारी भी है और पुजारी भी और हमारा गाँव बलांगीर में आता है तो हमारे village में आदिवासी लोग जनेऊधारी है.
जनैव पहनने से प्रोस्ट्रेट से भे छुटकारा मिल सकता है
Ye सत्य hai। Pr उसके पीछे vigyan है meditation and concentration hai.jo vigyan ko na jankar bhi स्वतः आता hai dheere धीरे
आर्य समाज महर्षि दयानंद सरस्वती से संपर्क करे जनेऊ के शुद्ध जानकारी के लिए 🙏🙏
ॐ यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं, प्रजापतेयर्त्सहजं पुरस्तात्। आयुष्यमग्र्यं प्रतिमुञ्च शुभ्रं, यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।
Shudhra ka nhi baataya
Hum donon ek sath ek sath kam kar rahe hai to vah apani naitik jimmedari hai to vah apane
Or Nahi Band Baya tha
Dyan kandha. What an error. Guruji come to south india and learn from gurukul.
haha
Janeu Mahila kio nahi pahanti.
जनेऊ केवल पुरुषों के लिए नहीं महिलाओं के लिए भी है. मनुस्मूति 2 अध्याय में है 16 संस्कार लिस्ट में और मैं आर्य समाज से हूँ
Thoda achhe se explain kr skte hai
Why is your Hindi so bad?
@@MultiDringus nooo
Shudra ka bhi kyu na bataye aap o pahan sakta hai ya nahi ager nahi pahan sakta to batao kyu nahi pahan sakta hai karan batao
हर कोई पहन सकता है, बस शूद्रों ने बहकावे में आकर मुंह फेर लिया है, और अब उसके पूर्वज में कोई बचा नहीं बताने वाला के कैसे क्या करना है
जनेउ ब्राह्मण, क्षेत्रीय र वैश्य हि क्योँ ? शुद्र को क्यों नहि पहन्ने देते है ????
Vedic kaal me shudra vahi hota the jo uneducated the.
Unhe shastro ka gyaan nai hua krta tha islie wo jeneu nai pehnte
Its a symbol of knowledge.
भाई वर्ण व्यवस्था ओर जाति व्यवस्था का
भेद जाने बिना वेदिक व्यव्स्था की बात
मिथ्या है । वर्ण व्यवस्था मे गुरुकुल होते
थे । गुर द्वारा बालक को गुण के आधार
पर वर्ण दिया जाता था । वहां जाति
का समावेश नही था । कालांतर मे
गुरुकुल व्यवस्था पतन का कारण
ही जाति व्यव्स्था है । जाति व्यव्स्था
मे पवित्र आचरण पवित्र कर्म वाला
व्यक्ति जनेऊ धारण कर नियमो का
पालन कर सकता है । यहाँ विस्तार
से बताना संभव नही । यह मेरा
व्यक्तिगत विचार हैं । मन वाणी
ओर कर्म मे मर्यादा ओर नियमो
का पालन करने वाला किसी
भी वर्ण का व्यक्ति जनेऊ धारण
का अधिकारी है । क्योकी गुरुकुल
व्यव्स्था के अनुरुप वर्तमान समाजिक
व्यव्स्था नही है ।
@@krishnanarayanshukla6758 कहा से आपको ये वर्ण vs जाती वाला ज्ञान प्राप्त हुआ जरा मुझे भी बताये
@@satyampandey890Vyas, satyakam jabala...
@@anubhavchakraborty5282 भाई शूद्र को जनेऊ धारण करना निषेध नहीं था - मनु महाराज ने शूद्रों के लिए कहा है - *न धर्मात् प्रतिषेधनम्* (10.126 ) संस्कार को करने का शूद्रों के लिए अनिवार्य विधान भी नहीं है और निषेध भी नहीं है. द्विज: के किए अनिवार्य विधान है l शूद्र शिक्षित न होने के कारण संस्कार करने के योग्य और वैधानिक अधिकारी नहीं होते है किंतु वे द्विजों से करा सकते हैं l
Shudr jati walo ko janeu kab dharan kar na chahiye
Jab karm se woh Brahman, Kshtriya ye Vaishya baan jaye, aur janam se sab Shudra hote hai
Why do such incompetent people are interviewed about subject they do not have any knowledge of ??
Ek brahman janeu pehena hua hai. Par wo bahut garib hai. Na hi uske paas bal hai na hi buddi aur na hi paisa hai. Aisa kyu.
May be poorv janma k kaaran !!! And janeu ka gareebi ya ameeri s koi matlab nhi h
Esi soch laalchi insan rkhta h, check kro tum laalchi to nhi ??
Bharti jee kabhi mujhe avsar paradan kare
Guru Nanak Dev ne ise bandhne se mana krdiya tha
Tu apne dharm me dhyan de
This is a fake story spread by anti-nationals. Jai Shri Ram 😊
Main 21 saal ki ladki hun. Mujhe janeyu dharan karne ka mann hai... Main uske neeyam paalan karungi..... Main kaise dharan karun uske niyam bataye..
Accha h but hamre dharm m ladkia janeu dharan nhi karti h ...
ये आचार्य गलत बोल रहा है बैदिक धर्म में शूद्रों और स्त्रियों की एक जैसी स्थिति थी न ही स्त्रियों को शिक्षा अधिकार था न ही शूद्रों को स्त्रियों को भी जनेऊ धारण का अधिकार नहीं था.
@@ramnarain5406 ... Han par ab toh barabari ka darja diya gaya hai na... Shudro ko bhi aurr striyon ko bhi
पण्डित जी शूद्र को जनेऊ पहनना चाहिए या नहीं? यदि नहीं पहनना चाहिए तो क्या वो फिर भी हिन्दू कहलाएगा या उस धर्म परिवर्तन के या नास्तिक बनकर रहना चाहिए ? क्योंकि दिमाग तो उसमें भी होता है?
Bhagvan krishna or Balram yaduvanshi the or jenau pahante the. Hanuman banar kul me janam liye the or janeu pahne the.
जो सनातन धर्म को मानता है व ईसका नियम का पालन करते हैं तो पहन सकता है
Shudra bhi kar skate hai.. varn vyavastha k hisab se agar dekha jae to aj se 80% se jada janmana brahman bhi vaishya ya shurda hi mane jaenge..
हर सनातनी धारण कर सकते... और नियम सब पर लागु होता है 🙏🏻
Shudr agar sab ved gita upnishad ka paath karke janeu dhaaran karle to kya vo brahman kahlaayegaa?
3 dhage or 6 dhage galat bataya pandit ji
Kyo ?? Shudra dharan nhi kar sakta??
Kar sakta hai koi bhi sanatani hindu
Nhi ker sakta
Kar skta h bhai, inke hisab s shudra ka mtlb h jo dharm ko naa jaanta ho, every HINDU can wear janeu and should wear✌✌
सर् कलवार समाज मे जनेऊ संस्कार होता है कि नही
मेरे यहाँ के ब्राह्मण कहते है कि कलवार पिछड़ा जाती में आता है तो जनेऊ धारण कर सकता है
@@abhishekjayswal7059 इस जाति से कोई मतलब नहीं है भाई तुम हिंदू हो तो जनेऊ धारण कर सकते हो पर उसके नियम कानून को याद रखना ।
🚩🚩जय श्री राम भाई🚩🚩
Hota h sare samj me
Jat pat puchhe nahi koi hari ko bhaje so hari ka hoi...
Janeu sharan karna tabhi sarthak hai jb satsangi log apke aas pas ho.. Kyonki ve sab janeu vrit ko prabhaavit krte hai..
Pura btana chahiye tha .. frzi
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य का तो बता दिया है , क्या शूद्र भी पहन सकते हैं
bhai har wo vyakti jo apne ko hindu, ishwar ki santan manta hai wo pahan sakta hai
@@navjotsinghrajput4084
👍👍
मनु महाराज ने शूद्रों के लिए बयान -
न धर्मात् प्रतिषेधनम्
Mahilayon ne janeu dharan nahi karna chahiye aur shastra bhi iski anumati nahi dete. Yeh Maharaj kuch bhi bol raha hain. Isse puche ki iska Varna Brahmin hain ya nahi agar nahi toh ye guru nahi ban sakta. Arya samaj ne kuritiya bataye hain joki shastra se bilkul ulta hain
Muze to koi fark nahi hai
Kya fenka hai isne . That's how our Vedic knowledge is lost
Dhandha Hai sabka 🤣😁 videshi logon ne Bharat per kabja kar liya yah kyon nahin bolate jativadi janon mein bhi
Paan mat khayiye......mugal ki den hai
Paan mugaI ki den h ??😂😂😂lol
Jinki dharti p ek paudha nhi ugta unki den h paan ??? Lol
Lagta h madrase me padhe ho ?
@@gauravchaturvedi6080 Haan Bhai madarsa se hi hoon ....es liye paan Hume wapas karo ....
Daayan nhi baayen guru ji
rashtrapita Jyotiba fule aur Savitribai fule Dr bheemrav Ambedkar ke sanvidhan ki Den hai manusmriti ke hisab se to aap ko koi Hak hi nahi hai Dhol gawar Shudra Pashu Nari yah hai Sab tadan ke Adhikari Brahmanon Tulsidas Dube ne ramcharitra Manas Me Likh Rakha Hai Agar devdasi banne ka itna hi shauk hai to apni bacchiyo ko bnao😂
Kuch jankari nahi hai. Enko
पंडित जी चार वर्ण है हिन्दु के क्या सभी वर्ण जनेऊ धारण करते है सनातन धर्म भी हिन्दु मानता है।
शूद्र को छोड़ कर
सभी लोग जनेऊ धारण कर सकते है चाहे वो पंडित हो या दलित इसमें जाति से कोई मतलब नहीं है। लेकिन उसके नियम को याद रखना जैसे मांस मछली और अंडे से दूर रहना।
जय श्री राम 🙏🙏🙏🙎 बहन
@@sumitpanchal5768 नियम का पालन करे तो दलित भी ब्राह्मण है।
@@abhinaytiwari8279 हमारे सनातन ( हिन्दू) धर्म में कहाँ गया है की जन्म से हर व्यक्ति शूद्र होता है । व्यक्ति अपने कर्म से पंडित होता है। यही कोई दलित व्यक्ति शास्त्रों (गीता) का ज्ञान प्राप्त कर लेता है तो हम उसे पंडित या महाराज जी बोला करते है ना की दलित और अगर कोई दलित सेना में जाता है तो हम उसे क्षत्रिय (सैनिक) कहते है ना की दलित ।
महाभारत में कर्ण एक शूद्र के पुत्र थे लेकिन उन्होंने अपने कर्म से वीर (क्षत्रिय )और राजा का पद प्राप्त किया था । और इसीलिए हिन्दू आज भी अपने बच्चे का नाम कर्ण की जगह करन रखते है ।
जनेऊ हमारे धर्म का हिस्सा हैं
🚩🚩🚩🙏जय श्री राम 🙏🚩🚩🚩
@@sumitpanchal5768 ap log asa karo karm kaand bhi karne lag jaao sabkarlo आप लोग ब्रह्मण बन जाओ इसमे आप लोग की गलती नही कलयुग का प्रवाह ही ऐसा है जहा ब्रह्मण कर्म नही करेगा वहा आप लोग कर्म करने की नसीहत दोगे इससे बडा देश का संस्कृति का विनाश क्या होगा
Janeu Jun evang ung dhatu se Bana ha ,jiska arth hota hai janseva.Rajput desh seva ,Brahman pathan pathan Bramh Gayan ke liye vart leta hai.Aap jo gyan de rahe hai vah bilkul bakvas hai.Aaj pandit ka beta bina pathan pathan janeu dharan Kar pandit ho jata hai.yagyopavit ek parampara ho gaya hai Brahman banane ka.prathama pass Kar panditatai Ka course Kar just pandit ho jate hai .Medical science ke bisay me aapke gyan se hasi aati hai. Pahle aap aapne gyan vikshit Kar le phir u tube par gyan bate aur paise kamaye.
उलझे हुए ब्राह्मण लग रहे हैं,बहुत ज्यादा लपेटते हैं कुछ समझ में नहीं आया।
Ye bilkul bakwas
Lulli katane wale mazhub😂😂
@@रघुचिबबुर्खे में मुल्लि फंसे मस्जिद में हराम ❗ बचपन में लुल्ली काटे बोले खतरें में है इस्लाम‼️😂👌
@@रघुचिब inka dharm nahi mazhub hai porn hub😂
Dharam sirf ek hai satya sanatan vedic dharma 🔱 baaki sab religion mazhub hai
@@रघुचिबmain rajasthan se hu bhai
Btw ua-cam.com/video/KY4_ZprKqCg/v-deo.html
Mera ek channel hai dekh kar batao kesa hai
Pandit ka bracelet utarbao
no fap
dhongi
Orthodox practices must be banned from immediate effect please god modi ji
Kuchh bhi fenkte Hain ye log😂😂😂😂
Shudro aur aurato ko janeu pahnane ka adhikar kyo nhi hai ?
🙏