आजके कालमे ऐसे गुरुजी है जो समाज को सनातन धर्म तथा संस्कृती के बारेमे इतना सुंदर विवेचन करते है।आज हम ऐसें महानुभाव के ऋणी है।ऐसें विचार तथा शिक्षा समाज तक पहुँचानेका कार्य अलौकीक है।धन्यवाद। गुरूवर्य जी को सादर प्रणाम !💐
गुरुजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो जैसे गुरु ही हमारी हिंदू संस्कृति को आगे बढा रहे हैं परामात्मा आपको सदैव खुश रखे तथा आपको दिर्घायु प्रदान करे, हरी ओम,.
I can not explain how lucky am I receiving all this true values and information of my own dharma and Sanatani sabhyata basics. Thanks bhai and thanks a ton guru ji. Charan vandana 🙏
DR HS SINHA ji ka Atma to Amar ho gaya hai, jo knowledge humein wo provide kar rahe hai,jivan ke har visay mein uss se pura samaj ka bhalai ho raha hai, mrityu ke baad bhi samaj ko gyan aur sadupadesh de rahe hai
I have run short of words to express how simply and beautifully Guruji has explained this topic. I had no idea that while watching this video I would get the answer to the question that had been in my mind for years.
जिना 55 लोगो ने डिस लाईक किया है इतनी जानकारी आपको 93 साल का व्यक्ती आपके बाप दादा समान है. समझो सफल हो जाओगे नहीं तो फिर इधर ही आशा है किडे मकोडो की तरह जिवन तीने के लिये. मुफ्त के ज्ञान की किंमत नहीं है.
Blessed to have you, even my father and grandfather don't have this deep knowledge of the shastra's, can't explain how blessed i am to have you. Namaskar
@@bibekadhikari4730 too kya bro isko dharan karna jaruri hai ek vaishya ke liye? bcz mere dadaji ka janeu hua tha uske baad daddy ka nhi hua but mai dharmic hun i want to have it but kese? mai bas 15 ka hun and dady ko kese manaun?? ya agar wo nhi man rhe too mai kya karun? kis mandir me jaun ? kitne pese lagenge?
@@hinduextremist4912 bhai, tera mandir tere paas hain, tu man gaya bass, sansar ko badalney chala hai tu ? Khud ko badal pehley, bhakti sabsey bada aaur bhakti ke sath Dharma, dharma ka aartha hindu, muslim, christian nahi, jo sahi wahi karna, galat karna nahi, saab ko saman vaav sey swikar karna. Khusi hoti hai bhai 15 baras mein dharmik hai tu, bahut punya kiye hongey tuney janmo janam mein, divya aatma hai tu bhai, 🙏
अंकल जी जिस तन्मयता के साथ सुन रहे हैं, ये ही भाव होते हैं जो वक्ता को बोलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं... जिनके कारण ही इस प्रकार का ज्ञान हम तक पहुँच पाता है..
गुरु जी को प्रणाम पाश्चात्य करण में भारत को रसातल में पहुंचा दिया है भारत की दिव्यता भारतीय दर्शन और ज्ञान में है जोकि विलुप्त हो गया है चैनल का प्रयास अत्यंत सराहनीय है
सत्य और वैज्ञानिक तथ्यों से परे, केवल मनोरंजक विवरण. 'यज्ञोपवीत ' सूर्य- चंद्र- पृथ्वी' के त्रिगुणात्मक प्रभाव पर आधारित 'एक नितांत वैज्ञानिक विधि' है- जिसका यथार्थ विवरण 'वेद्वाचस्पति (स्व,) मधुसूदन ओझा रचित'सन्ध्योपासना रहस्यम' में पढ़कर ' सत्य & यथार्थ' बोध प्राप्त किया जा सकता है. अपूर्ण एवं मनोरंजक केवल काल यापन के लिए है. पुस्तक 'राजस्थान-पत्रिका' जयपुर द्वारा प्रकाशित है.
🙏Jay Gurudeo🙏 Jay Jay Shri SitaRam Jay Jay Shri Hanuman ❤️Aapka gyan adbhut hai, mere sare sawalo ke jawab bari bari milte jaa rahe hai. Dhanyavaad Prabhuji, Dhanyavaad The Quest❤️
Dear Sir, I'm totally blown away with your simple yet very important and sophisticated questions and Dr. Sinha Ji's easy to understand answers, make this a very valuable channel for us, the followers of Sanathan Dharma. In this video Dr. Saheb mentions 3 Rindh (obligations) toward Parents/Guru/Rishi's. So, how/what do I have to do (Prayers/Donations/Service) to repay my obligations towards Parents/Guru/Rishi's. Could you please have Dr. Sinha Ji elaborate on this query. Respectfully and in total humbleness I thank you and Dr. Sinha Ji,
प्रणाम गुरुजी 🙏 हम आपके भी ऋणी हैं अपने ये महत्वपूर्ण ज्ञान हमको दिया वो बोझ भी आज कंधे पर लिए चलता हूं और आपके द्वारा प्राप्त हुए इस विचार को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पोहचाके आपका यह ऋण चुकाने की कोशिश करूंगा । 🙏
Jai Ho Sanatan satya ki 🙏🙏🙏 guru ji apka bahut bahut abhar aap itni gur rahisya ki baat ati saralta se batatey hai aapki swast wa dhirghayu ki prathna karta hu
आदरणीय सिनहा साहब को सादर प्रणाम। बहुत अच्छी तरह से बताया यज्ञोपवीत संस्कार के बारे में। इसके बनाने में भी कयी आध्यात्मिक ग्यान की बातें हैं जो बताते तो अच्छा होता। इसमें सफेद निर्मल कपास से सूत्रों को बनाना फिर चार अंगुल प्रमाण से छानबे चौआ बनाना फिर चौरासी चौवे को तीन धागे में बचे हुए बारह चौवे से ब्रह्म ग्रंथि बनाना बाये स्कंध से हृदय क्षेत्र से होते हुए दाहिने जंघ तक गायत्री मंत्र के साथ सूर्य को साक्षी मानकर कुश जल अक्षत के साथ संकल्प लेकर पूर्व मुख होकर धारण करना मन बुद्धि इन्द्रिय आदि के हेय कर्मों को नकरना श्रेय कर्मों को करने का व्रत लेना शौच मैथुन देव कर्मों में सब्य स्थिति पित्रृ कर्मों में अपसब्य स्थिति में।लौकिक कर्मों में कपाल और कमर में रखने अशुद्ध होने से बचने सावन माह रक्षा बंधन में विवाह श्राद्ध पक्ष में पुराने को निकाल नया धारण करने मुख ज्ञान प्रधान ब्राह्मण के लिए मूंज का बल प्रधान क्षत्रिय को रेशम से बना कृषि गोरक्ष वाणिज्य व्यवसाय धन प्रघान वैश्य को कपास से और केवल गले कंठ में माला के रूप में श्रमिक वृत्ति सेवक सहायक शूद्र वर्ण के लिए स्त्रियों को मंगलसूत्र मणिमाला के रूप में धारण करने के विधान है।
I belong to gen z generation. Kaash humare paas aap jaise guru ji hote ...kitni saral bhasha mai aapne samjha diya Guru ji ...koti koti pranam ...kitne bhagyashaali honge woh log jo aapse milte honge ...kaash aisa koi avsar mujhe bhi prapt ho
क्षमा करे मैं आपके इस विचार को शास्त्र सम्मत तो समझ सकता हु किंतु ये जीवन में कोई प्रकाश पैदा नहीं करते अपितु आप जीवात्मा की गुत्थी को और उलझा रहे है। युग प्रभाव के चलते सिर्फ राम नाम का आमंबन ही काफी है। फिर भी आपके संदेश के लिए आपको साधुवाद।
ये बात सही है गुरु जी यज्ञोपवित धारण करने के बाद गुरु और माता पिता के प्रति मेरा नजरिया ही बदल गया यज्ञोपवीत ह्रर सनातनी को धारण करनी चाहिए समाज स्वत ही व्यवस्थित हो जायेगा
Logical h समझ योग्य है कोई धूर्त बाबाओ की तरह नही है आपकी आयु और लम्बी हो यह मेरी दुआ है आपका धन्यवाद सही गुरु है आप महात्मा बुद्ध , ओशो के बाद aapka लॉजिक सही लगा
आप कहते है के मनुस्मृति जो ग्रंथ है वो आज सिर्फ एक ग्रंथ रह गया है. आज के समय मे जनेऊ पहनकर धर्म विरुद्ध या प्रकृति विरुद्ध कार्य करता है तो ऐसे द्विजो के कारण तो भारत बार बार गुलाम बना. गुरूजी सायद मनु को नहीं पता होंगा के विदेशी ताकतें भी है इस लिए सिर्फ अपने क्षेत्र के लिए ही वर्ण व्यवस्था बनाई. लेकिन आज सस्त्र और ज्ञान और बिजनेस सिर्फ चंद लोगो के पास होंगा तो देश चल ही नहीं सकता. आज देश की आर्मी सिर्फ जनेऊ वाले ही उठाएंगे तो गुरूजी उनकी तो नस्ले ही खत्म ही कर देंगी ये विदेशी ताकतें क्यों की उनको तो पता ही चलेंगा की हमारे देश मे सिर्फ कुछ ही द्विज है जो सस्त्र चला पाते है बाकि सब तो उन पर डिपेंड है. तो जो डिपेंड है वो तो बाद मे विदेशी ताकतों के आगे डिपेंड रहेंगे..... गुरूजी आप ही प्रवाचन दिए है के बुद्धि का उपयोग करो ना की समूर्तियों का क्यों की आप ने कहा था की गंगा का पानी अगर गंदा है और तुम ग्रंथो को मान कर पी गए तो पेट और तबियत सब खराब तो ऐसा नहीं करना चाहिए तब बुद्धि से काम लेना चाहिए विवेक से सोचना चाहिए तो आज जो भी हमें उपदेश देना चाहिए वो देश की एकता जिस से बनी रहे ऐसे उपदेश की मे आशा रखता हु आप जैसे बुजुर्ग और ज्ञानी महापुरुष से...... जय हो.. 🙏
जब कोई ग्रामीण जागरूक भारतीय किसी शहरी नवयुक हिंदू से रामायण ,गीता पर बात करता है तो उस शहरी को ये बातें बड़ी नीरस लगती हैं ।उसके दिमाग़ में अमेरिकी ,यूरोपीय लाइफ स्टाइल घुमाती रहती है ।ऐसा इसलिए कि वामपंथियो और नास्तिकों ने इस देश की सत्ता सम्हालकर देश को अंदर से खोखला करने का प्रयास किया ।
बहुत बहुत धन्यवाद प्रश्नकर्ता का और दादाजी का 🙏 क्या अगले वीडियो में आप थोड़ा विस्तृत रूप में पितृ ऋण और ऋषि ऋण को उतारने के मार्ग बता सकते हैं । हम सभी के लिए जीवन में अपने कर्तव्यों के प्रति और स्पष्टता लाने के लिए।🙏 ईश्वर आपको स्वस्थ और दीर्घायु दे , इसी प्रकार आप हम सबका मार्गदर्शन करते रहें 🙏
गुरु जी प्रणाम मेरा एक प्रश्न है जिस तरह से श्रीमद्भगवद्गीता में श्रीमद्भगवद्गीता शुरू होने से पहले महाभारत की पृष्ठभूमि तैयार हो रही थी और उसके बाद श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया ठीक उसी प्रकार से पतंजलि अपने योग सूत्र में कहते हैं अथ योगानुशासनम यानी अब योग का अनुशासन किया जाए यानी कि इससे पहले कुछ ऐसी वार्ता चल रही थी जिसमें इसमें पतंजलि को यह कहना पड़ रहा है कि अब योग का अनुशासन किया जाए तो वह क्या वार्ता चल रही थी अगर इससे संदर्भित कोई व्याख्या हो तो कृपया हम लोगों को बताएं आप की महान कृपा होगी। बाकी यह सीरीज बहुत शानदार लग रही है और गुरुजी के समझाने की स्टाइल बड़ी ही शानदार है हमें तो लग रहा है कि जैसे मैं उनके सामने बैठ कर उनसे कुछ सीख रहा हूं मान्यवर जो गुरु जी का इंटरव्यू ले रहे हैं आप आपकी इस महान कार्य के लिए आपको बहुत-बहुत साधुवाद
आदरणीय! इससे पूर्व साङ्ख्य दर्शन है उसके बाद पातञ्जल योगदर्शन आता है, क्योंकि साङ्ख्य दर्शन ईश्वर को नहीं मानता, इसलिए उससे आगे यह दर्शन आरम्भ होता है। उसे जाने बिना इस को नहीं जान सकते एवं पातञ्जल योगदर्शन ईश्वर को मानता है।🙏💐
Guruji aap ne bahot sunder aur vistrut bataya .. aapke aabhari hai .. kripya dhoop deep panchpchar pooja usme bhi dhoop aur deep ka pooja ka mahatva is vishay par video banao aap .. aapke ke abhari hai
ये शरीर केवल माता पिता🙏 ने नही अपितु जिसने हमारे पिता माता , हमारे पूर्वजों और सभी जीवन के कल्याण के लिए जिम्मेदार है वो है ये प्रकृति माता🙏😌 सूर्य चंद्र देवता🙏😌
आजके कालमे ऐसे गुरुजी है जो समाज को
सनातन धर्म तथा संस्कृती के बारेमे इतना सुंदर
विवेचन करते है।आज हम ऐसें महानुभाव के ऋणी है।ऐसें विचार तथा शिक्षा समाज तक पहुँचानेका कार्य अलौकीक है।धन्यवाद।
गुरूवर्य जी को सादर प्रणाम !💐
गुरुजी आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो जैसे गुरु ही हमारी हिंदू संस्कृति को आगे बढा रहे हैं परामात्मा आपको सदैव खुश रखे तथा आपको दिर्घायु प्रदान करे, हरी ओम,.
We are blessed to have you amongst us Guruji to guide us for better present & future.
Bhai tum muslim ho?
I can not explain how lucky am I receiving all this true values and information of my own dharma and Sanatani sabhyata basics. Thanks bhai and thanks a ton guru ji. Charan vandana 🙏
यार्किनकारीयों रोलयनकारीक् ccccccccccccccccc
,ोीाीूी*
bro yagnopavita ko kya bhagwat geeta me mention kiya hai?
सनातन के बहुत सारे मूलभूत प्रश्नों का जवाब मिल रहा है l साधुवाद गुरुदेव 🙏
What a man. Explanation in most simple manner. Fortunate to hear him. Pranam
bro yagnopavita ko kya bhagwat geeta me mention kiya hai?
DR HS SINHA ji ka Atma to Amar ho gaya hai, jo knowledge humein wo provide kar rahe hai,jivan ke har visay mein uss se pura samaj ka bhalai ho raha hai, mrityu ke baad bhi samaj ko gyan aur sadupadesh de rahe hai
बहुत सुंदर। आजकल विवाह के समय यज्ञोपवीत धारण करने का अर्थ भी स्पष्ट हो गया है। धन्यवाद।
🙏
गुरुजीके पास जो ज्ञान का भंडार है वो आपके चँनेलके माध्यमसे हमतक पहोच रहा है।इसलिये
गुरुजी के साथ साथ आपकोभी नमस्कार🙏🙏
ज्ञान के भण्डार गुरुजी के चरणों में कोटिशः नमन👏
I have run short of words to express how simply and beautifully Guruji has explained this topic.
I had no idea that while watching this video I would get the answer to the question that had been in my mind for years.
जिना 55 लोगो ने डिस लाईक किया है इतनी जानकारी आपको 93 साल का व्यक्ती आपके बाप दादा समान है. समझो सफल हो जाओगे नहीं तो फिर इधर ही आशा है किडे मकोडो की तरह जिवन तीने के लिये. मुफ्त के ज्ञान की किंमत नहीं है.
Blessed to have you, even my father and grandfather don't have this deep knowledge of the shastra's, can't explain how blessed i am to have you.
Namaskar
bro yagnopavita ko kya bhagwat geeta me mention kiya hai?
As far as i know, NO
@@bibekadhikari4730 too kya bro isko dharan karna jaruri hai ek vaishya ke liye? bcz mere dadaji ka janeu hua tha uske baad daddy ka nhi hua but mai dharmic hun i want to have it but kese? mai bas 15 ka hun and dady ko kese manaun?? ya agar wo nhi man rhe too mai kya karun? kis mandir me jaun ? kitne pese lagenge?
@@hinduextremist4912 bhai, tera mandir tere paas hain, tu man gaya bass, sansar ko badalney chala hai tu ? Khud ko badal pehley, bhakti sabsey bada aaur bhakti ke sath Dharma, dharma ka aartha hindu, muslim, christian nahi, jo sahi wahi karna, galat karna nahi, saab ko saman vaav sey swikar karna. Khusi hoti hai bhai 15 baras mein dharmik hai tu, bahut punya kiye hongey tuney janmo janam mein, divya aatma hai tu bhai, 🙏
@@bibekadhikari4730 bhai kya ho gya tujhe
अंकल जी जिस तन्मयता के साथ सुन रहे हैं, ये ही भाव होते हैं जो वक्ता को बोलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं... जिनके कारण ही इस प्रकार का ज्ञान हम तक पहुँच पाता है..
प्रणाम, आभार अनुराग भाई🌸
प्रणाम आपको मेरी ओर से 🙏🙂 आप हर मायने मे मुझसे कहीं अधिक श्रेष्ठ हैं.... आप मुझे प्रणाम ना करें 🙂
भारतीय संस्कृति की आधारभूत संरचना से अवगत कराने के लिए हार्दिक धन्यवाद🙏💕. बेहद की परमशान्ति, महा परमशान्ति.
"संस्कार" की बहुत ही सुंदर और सरल परिभाषा समझने के लिए धन्यवाद..
Well explained, specially when the generation think of janeu as symbol of supermacy ....thank you....
bro yagnopavita ko kya bhagwat geeta me mention kiya hai?
@@hinduextremist4912 nhi
@@abhinavvatsa2464 acha ved me?
@@hinduextremist4912 haa bhai ved m hai
@@AB-yp7nc bro I'm talking about masses, not me, I'm damn proud of my believes , culture ,gotra and Janeu.
जीवन धन्य हुआ ऐसे महान एवं दिव्य विभूति के दर्शन व शिक्षा से 🙏🙏
We are indebted to you for enlightening us and we salute to you for your knowledge
Bhai sahab aap ko pata nhi aap kitna bada kaam kar rahe hain. Aaj bade logon ko bhi itni jankari nhi hoti. 🙏
प्रणाम गुरुजी, इतने साधे सरल भाषा मे समझाने के लिये 🙏🙏
गुरु जी को प्रणाम पाश्चात्य करण में भारत को रसातल में पहुंचा दिया है भारत की दिव्यता भारतीय दर्शन और ज्ञान में है जोकि विलुप्त हो गया है
चैनल का प्रयास अत्यंत सराहनीय है
सत्य और वैज्ञानिक तथ्यों से परे, केवल मनोरंजक विवरण. 'यज्ञोपवीत ' सूर्य- चंद्र- पृथ्वी' के त्रिगुणात्मक प्रभाव पर आधारित 'एक नितांत वैज्ञानिक विधि' है- जिसका यथार्थ विवरण 'वेद्वाचस्पति (स्व,) मधुसूदन ओझा रचित'सन्ध्योपासना रहस्यम' में पढ़कर ' सत्य & यथार्थ' बोध प्राप्त किया जा सकता है. अपूर्ण एवं मनोरंजक केवल काल यापन के लिए है. पुस्तक 'राजस्थान-पत्रिका' जयपुर द्वारा प्रकाशित है.
बहुत भाग्यशाली हु जो परम श्रद्धायी गुरुजी को सुनने का अवसर मिला है आपके कोटि कोटि नमन।❤️❤️🙏🙏
🙏Jay Gurudeo🙏
Jay Jay Shri SitaRam Jay Jay Shri Hanuman
❤️Aapka gyan adbhut hai, mere sare sawalo ke jawab bari bari milte jaa rahe hai. Dhanyavaad Prabhuji, Dhanyavaad The Quest❤️
Pranam Gurudev
Wow beautiful definition of Devta
Unknown forces which are giving us many things silently in our whole life.
Vary valuable gems of wisdom. Thanks, The Quest.
bro yagnopavita ko kya bhagwat geeta me mention kiya hai?
Dear Sir,
I'm totally blown away with your simple yet very important and sophisticated questions and Dr. Sinha Ji's easy to understand answers, make this a very valuable channel for us, the followers of Sanathan Dharma.
In this video Dr. Saheb mentions 3 Rindh (obligations) toward Parents/Guru/Rishi's. So, how/what do I have to do (Prayers/Donations/Service) to repay my obligations towards Parents/Guru/Rishi's. Could you please have Dr. Sinha Ji elaborate on this query.
Respectfully and in total humbleness I thank you and Dr. Sinha Ji,
गुरु जी द्वारा बताए गए ज्ञान को अधिक से अधिक शेयर करना चाहिए !
प्रणाम गुरुजी 🙏 हम आपके भी ऋणी हैं अपने ये महत्वपूर्ण ज्ञान हमको दिया वो बोझ भी आज कंधे पर लिए चलता हूं और आपके द्वारा प्राप्त हुए इस विचार को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पोहचाके आपका यह ऋण चुकाने की कोशिश करूंगा । 🙏
Jai Ho Sanatan satya ki 🙏🙏🙏 guru ji apka bahut bahut abhar aap itni gur rahisya ki baat ati saralta se batatey hai aapki swast wa dhirghayu ki prathna karta hu
Ati sundr varnan kia aapne guruji
🙏🙏🙏Kotisha naman aapko
Aapko 🙏🙏🙏 guruji se itna mukhya jaankari prapt karane k liye....
Aur guruji ko koti koti pranam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
संस्कारित जीवन ही जीवन होता है, गुरूजी को वंदन।।
आदरणीय सिनहा साहब को सादर प्रणाम। बहुत अच्छी तरह से बताया यज्ञोपवीत संस्कार के बारे में। इसके बनाने में भी कयी आध्यात्मिक ग्यान की बातें हैं जो बताते तो अच्छा होता। इसमें सफेद निर्मल कपास से सूत्रों को बनाना फिर चार अंगुल प्रमाण से छानबे चौआ बनाना फिर चौरासी चौवे को तीन धागे में बचे हुए बारह चौवे से ब्रह्म ग्रंथि बनाना बाये स्कंध से हृदय क्षेत्र से होते हुए दाहिने जंघ तक गायत्री मंत्र के साथ सूर्य को साक्षी मानकर कुश जल अक्षत के साथ संकल्प लेकर पूर्व मुख होकर धारण करना मन बुद्धि इन्द्रिय आदि के हेय कर्मों को नकरना श्रेय कर्मों को करने का व्रत लेना शौच मैथुन देव कर्मों में सब्य स्थिति पित्रृ कर्मों में अपसब्य स्थिति में।लौकिक कर्मों में कपाल और कमर में रखने अशुद्ध होने से बचने सावन माह रक्षा बंधन में विवाह श्राद्ध पक्ष में पुराने को निकाल नया धारण करने मुख ज्ञान प्रधान ब्राह्मण के लिए मूंज का बल प्रधान क्षत्रिय को रेशम से बना कृषि गोरक्ष वाणिज्य व्यवसाय धन प्रघान वैश्य को कपास से और केवल गले कंठ में माला के रूप में श्रमिक वृत्ति सेवक सहायक शूद्र वर्ण के लिए स्त्रियों को मंगलसूत्र मणिमाला के रूप में धारण करने के विधान है।
प्रभु आप दलित भाइयों को भी और जो हिन्दू धर्म में इन चीजों से वंचित हैं उन्हें भी रास्ता दिखाइए जिससे भारत सदा आगे की ओर बढ़ता रहे।।
Pehle koi sudra janam se nhi hota tha apne guno ke kaarn brahmin,chastriya or sudra hote the
The Arya Samaj has done this already.
Gaytri parivar me chale jaaye
First time got true explanation.Thank you Guruji. 🙏🙏
ऐसी व्याख्या में आज पहली बार सुन रहा हूं बहुत आनंद आया।
I belong to gen z generation. Kaash humare paas aap jaise guru ji hote ...kitni saral bhasha mai aapne samjha diya Guru ji ...koti koti pranam ...kitne bhagyashaali honge woh log jo aapse milte honge ...kaash aisa koi avsar mujhe bhi prapt ho
क्षमा करे मैं आपके इस विचार को शास्त्र सम्मत तो समझ सकता हु किंतु ये जीवन में कोई प्रकाश पैदा नहीं करते अपितु आप जीवात्मा की गुत्थी को और उलझा रहे है। युग प्रभाव के चलते सिर्फ राम नाम का आमंबन ही काफी है। फिर भी आपके संदेश के लिए आपको साधुवाद।
Shashtaang dandvat charan sparsh Guruji🙏 humey kitna kuchh pata nahi hai...!! Kaash aap ke charno me beythkar aise gyan prapt kar patey🙏 humara pranam swikaar karein
सत्य सनातन संस्कृति को सादर प्रणाम।
सिन्हा साहब जी आपकों दिल से सादर प्रणाम हैं।
🌷🙏🙏🌷🙏🙏🌷👏👏🙏
ये बात सही है गुरु जी यज्ञोपवित धारण करने के बाद गुरु और माता पिता के प्रति मेरा नजरिया ही बदल गया यज्ञोपवीत ह्रर सनातनी को धारण करनी चाहिए समाज स्वत ही व्यवस्थित हो जायेगा
कोटि कोटि नमन इस ज्ञान वर्धन के लिए।
गुरुजी आपने आज यज्ञोपवीत के बारे में जो ज्ञान हम स बको दिया है आपको कोटि-कोटि नमन 🙏 जय श्री राम 🚩
प्रणाम गुरुजी गुरुजी का हर एक वीडियो जीवन को श्रेष्ठा की तरफ ले जाता है।
Logical h समझ योग्य है
कोई धूर्त बाबाओ की तरह नही है
आपकी आयु और लम्बी हो यह मेरी दुआ है
आपका धन्यवाद
सही गुरु है आप
महात्मा बुद्ध , ओशो के बाद aapka लॉजिक सही लगा
Unbelievable,,how simple u define everything 🙏🙏🙏
bro yagnopavita ko kya bhagwat geeta me mention kiya hai?
Bahut badiya. Very nice lines one should take it as guru mantra.
सरजी आपने गुरूजी के माध्य्मम से बहुत सुंदर एवं विस्तृत जानकारी हमे दी हे। हम सब आपके आभारी है।
गुरुजी को हमारी और से सास्ताग दण्डवत प्रणाम।
My obeisances to Guru ji for transcendental knowledge
Guruji pranam , You are great teacher 🙏
Guru ji ke shree charano m shat shat naman 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
I am speechless! Lots of respect! 🙏🙏
I never met him but somehow I feel connected to him and it made me so sad that I didn’t get to meet him before he went 😢.
Jankari Kay lia aapko sat. Sat naman pranam gurdav sadar charan sparsh
Beautifully explained with profound knowledge 🙏🏻🙏🏻
आप कहते है के मनुस्मृति जो ग्रंथ है वो आज सिर्फ एक ग्रंथ रह गया है. आज के समय मे जनेऊ पहनकर धर्म विरुद्ध या प्रकृति विरुद्ध कार्य करता है तो ऐसे द्विजो के कारण तो भारत बार बार गुलाम बना. गुरूजी सायद मनु को नहीं पता होंगा के विदेशी ताकतें भी है इस लिए सिर्फ अपने क्षेत्र के लिए ही वर्ण व्यवस्था बनाई. लेकिन आज सस्त्र और ज्ञान और बिजनेस सिर्फ चंद लोगो के पास होंगा तो देश चल ही नहीं सकता. आज देश की आर्मी सिर्फ जनेऊ वाले ही उठाएंगे तो गुरूजी उनकी तो नस्ले ही खत्म ही कर देंगी ये विदेशी ताकतें क्यों की उनको तो पता ही चलेंगा की हमारे देश मे सिर्फ कुछ ही द्विज है जो सस्त्र चला पाते है बाकि सब तो उन पर डिपेंड है. तो जो डिपेंड है वो तो बाद मे विदेशी ताकतों के आगे डिपेंड रहेंगे..... गुरूजी आप ही प्रवाचन दिए है के बुद्धि का उपयोग करो ना की समूर्तियों का क्यों की आप ने कहा था की गंगा का पानी अगर गंदा है और तुम ग्रंथो को मान कर पी गए तो पेट और तबियत सब खराब तो ऐसा नहीं करना चाहिए तब बुद्धि से काम लेना चाहिए विवेक से सोचना चाहिए तो आज जो भी हमें उपदेश देना चाहिए वो देश की एकता जिस से बनी रहे ऐसे उपदेश की मे आशा रखता हु आप जैसे बुजुर्ग और ज्ञानी महापुरुष से...... जय हो.. 🙏
जब कोई ग्रामीण जागरूक भारतीय किसी शहरी नवयुक हिंदू से रामायण ,गीता पर बात करता है तो उस शहरी को ये बातें बड़ी नीरस लगती हैं ।उसके दिमाग़ में अमेरिकी ,यूरोपीय लाइफ स्टाइल घुमाती रहती है ।ऐसा इसलिए कि वामपंथियो और नास्तिकों ने इस देश की सत्ता सम्हालकर देश को अंदर से खोखला करने का प्रयास किया ।
हमे तो ग्रामीण ज्यादा भटके लग रहे हैं
सहरी तो योग प्रनायम व मंदिरों को दैनिक जीवन चर्या मे जोड़ रहे हैं
आपकी अमृत मै बानी हमे कभी अकेला महसुस नहि होने देगा गुरु जि❤
Beautifully elucidated, thank you Guruji. 🙏🙏
Me khud brahman hu janeu bhi dharan kiya per muje in sab bato la pahale gyan nhi tha aaj pta chala hh sahi mayane janeu ke 🙏🙏🙏💐
Truly blessed...
Extremely good knowledge.
भाई आपको भी नमन जो गुरुजी ज्ञान सम्हाल कर रख रहे हैं
🙏
Dislike करने वाले इस स्तर का ज्ञान नहीं समझ सकते हैं, ये सब अपने स्तर पर ही सही हैं.
Sat sat naman guruji ⚘
Aap jaise gyani gurujano ke charno me koti koti pranam
गुरू जी की दिव्य आत्मा को कोटि कोटि प्रणाम ❤️🙏
Thanks for this great knowledge.
वाह गुरूजी बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने
गुरु जी को धन्यवाद 🙏, बहुमूल्य ज्ञान हमारी पीढ़ी को देने के लिए
जय सदगुरुदेव ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद प्रश्नकर्ता का और दादाजी का 🙏
क्या अगले वीडियो में आप थोड़ा विस्तृत रूप में
पितृ ऋण और ऋषि ऋण को उतारने के मार्ग बता सकते हैं ।
हम सभी के लिए जीवन में अपने कर्तव्यों के प्रति और स्पष्टता लाने के लिए।🙏
ईश्वर आपको स्वस्थ और दीर्घायु दे , इसी प्रकार आप हम सबका मार्गदर्शन करते रहें 🙏
Jai Gurudev love from Nepal 🇳🇵
Sr mai ayodhya vasi hun or mujhe aapko sunna bahut achcha lgta hai
प्रणाम स्वीकार हो । अति उत्तम प्रयास 🙏🙏🙏❤️❤️❤️
Guru ji aap jis Umra mein ho use Umra Mein Gyan ka Bhandar Ho Allah aapko Aur Din donon Sath chauguni se tatha farmae
हम धन्य है कि हमारे पास प्राचीनता और आधुनिकता के महत्वपूर्ण श्रोत हैं।
Thank you so much for your precious lessons 🙏
Adbhut gyan diya aapne acharya ji 🙏
absolutely wright naman 🙏
महाराज जी कुछ गायत्री साधना के बिषय में भी वीडियो बनाईए ।आपका ज्ञान अद्भुत है
साधुवाद 🙏🙏
बहुत बढ़िया बताए
Millions me suscriber hone chahiye aaise channels pe but logo ko reels pasnd hai
i would love if you make a video about yagyopavit being worn by women.
Awesome, sir you have deep knowledge. God bless you sir.
sinha sahib, sahi Guru hain👍🏻🙏🙏 sanatan dharma ka prachar ho raha hai
सादर चरणस्पर्श गुरुदेव 💐🙏💐
गुरु जी प्रणाम मेरा एक प्रश्न है जिस तरह से श्रीमद्भगवद्गीता में श्रीमद्भगवद्गीता शुरू होने से पहले महाभारत की पृष्ठभूमि तैयार हो रही थी और उसके बाद श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया ठीक उसी प्रकार से पतंजलि अपने योग सूत्र में कहते हैं अथ योगानुशासनम यानी अब योग का अनुशासन किया जाए यानी कि इससे पहले कुछ ऐसी वार्ता चल रही थी जिसमें इसमें पतंजलि को यह कहना पड़ रहा है कि अब योग का अनुशासन किया जाए तो वह क्या वार्ता चल रही थी अगर इससे संदर्भित कोई व्याख्या हो तो कृपया हम लोगों को बताएं आप की महान कृपा होगी।
बाकी यह सीरीज बहुत शानदार लग रही है और गुरुजी के समझाने की स्टाइल बड़ी ही शानदार है हमें तो लग रहा है कि जैसे मैं उनके सामने बैठ कर उनसे कुछ सीख रहा हूं मान्यवर जो गुरु जी का इंटरव्यू ले रहे हैं आप आपकी इस महान कार्य के लिए आपको बहुत-बहुत साधुवाद
आदरणीय! इससे पूर्व साङ्ख्य दर्शन है उसके बाद पातञ्जल योगदर्शन आता है, क्योंकि साङ्ख्य दर्शन ईश्वर को नहीं मानता, इसलिए उससे आगे यह दर्शन आरम्भ होता है। उसे जाने बिना इस को नहीं जान सकते एवं पातञ्जल योगदर्शन ईश्वर को मानता है।🙏💐
Great Sir! Knowledge is for the enlightenment to ignorant! you are just doing that.
That's true
So many thanks for nice 👌👌👍👍 information 🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्रीराम!
जय श्रीकृष्ण!
जयहिंद!
Pranam babuji very nice🙏🙏🙏
Bht hee sundar jankaari 🙏🏻
अति सुन्दर ज्ञान की जानकारी प्राप्त हुई हैं 🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice video
Pandit Ji aap ko koti koti pranam
Bahut achchhi jankari di
Aap ne
Thank you very much for the guidance
Guruji aap ne bahot sunder aur vistrut bataya .. aapke aabhari hai .. kripya dhoop deep panchpchar pooja usme bhi dhoop aur deep ka pooja ka mahatva is vishay par video banao aap .. aapke ke abhari hai
Hume apne mahan purwajo pai garv hai
यज्ञोपवीत संस्कार के बारे में आप ने बहुत सुंदर जानकारी दी आप का धन्यवाद
ये शरीर केवल माता पिता🙏 ने नही
अपितु
जिसने हमारे पिता माता ,
हमारे पूर्वजों और
सभी जीवन के कल्याण के लिए जिम्मेदार है
वो है ये प्रकृति माता🙏😌
सूर्य चंद्र देवता🙏😌
Sir Janeu mai 6 dhaage kyu hote hai
Good to know what i owe and whom i owe
Thanks for providing such precious information