कोई भी पैदा नहीं होता ! ( 'जन्म' एक झूठ है ! ) | Nobody is born ( 'Birth' is a myth )

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  • Опубліковано 27 сер 2024

КОМЕНТАРІ • 170

  • @AanshuChaddha
    @AanshuChaddha 2 місяці тому +11

    आपने सिद्ध कर दिया कि जन्म एक विचार है और कुछ नहीं...कोई पैदा नहीं होता...आपके विचारों से मैं पूर्णतः सहमति रखता हूँ...आपने मेरे आध्यात्मिक चिंतन में क्रांति ला दी है।
    इस रूपांतरण के लिए जितना आभार व्यक्त करूँ महाराज जी कम है। मेरे श्रद्धा सुमन 🌸🌹🌺🌻🌷स्वीकार करे!

  • @MishraChavvi
    @MishraChavvi 2 місяці тому +8

    प्रणाम महाराज जी,
    'मैं हूँ' का भाव आपके द्वारा वर्णित एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो हमारे अस्तित्व और पहचान की गहरी समझ की कुंजी है। यह दृष्टिकोण हमें आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाता है। 🌟 #मैंहूँकाभाव #अस्तित्वकीसमझ #आत्मसाक्षात्कार

  • @Sudhir-288
    @Sudhir-288 2 місяці тому +16

    गीता के दूसरे श्लोकों द्वारा आत्मा के भौतिक जगत से असंबद्ध होने का बहुत ही तथ्यपरक सटीक विवरण...आपको बारम्बार प्रणाम!

  • @brajeshpatel5674
    @brajeshpatel5674 2 місяці тому +20

    महाराज जी आपने तो आंखें खोल दी इतनी गहरा रहस्य को इतने सरलतम तरीका से बताने के लिए आपको कोटि कोटि प्रणाम एवं आभार

  • @sagarrajput3732
    @sagarrajput3732 2 місяці тому +10

    प्रभु प्रणाम 🙏
    यह बात आपने सही बताई है
    जन्म एक अवधारणा मात्र है, सत्य नहीं" इस विचार का मुख्य तात्पर्य यह है कि संसारिक जन्म और अस्तित्व एक भ्रम है, जो अज्ञानता (अविद्या) के कारण उत्पन्न होता है।

  • @RohitSharma-xv1ti
    @RohitSharma-xv1ti 2 місяці тому +5

    अत्यंत सधा हुआ सटीक वीडियो
    विवेक को जगाने के लिए युक्तियुक्त तथ्यों का प्रस्तुतीकरण
    सादर नमन महाराज जी ❤

  • @Satyabhan_singh_rajavat
    @Satyabhan_singh_rajavat 2 місяці тому +15

    सचमुच ही पति पैदा होता है जब पत्नी का फोन आता है और ये पति मर पिता पैदा हो जाता है जब बच्चों का फोन आता है।
    व्यक्ति लगातार पैदा और मर रहे है...तो किस जन्म की बात करते है लोग..कोई पैदा नहीं होता...सब माता पिता समाज द्वारा पकड़ाया अज्ञान है।
    सादर प्रणाम महाराज जी

  • @ratneshgupta-pc7yo
    @ratneshgupta-pc7yo 2 місяці тому +4

    प्रणाम! आत्मविचार के साधन को स्पष्ट करती ये सुन्दरतम प्रस्तुति व्यक्तिभाव के मूल कि मैं पैदा हुआ...मेरा जन्म हुआ...इस अज्ञान पर चोट करती है।
    एक गहरे असीम शांत भाव को उपलब्ध कराता अद्भुत प्रवचन !!
    🙏🙏🙏🙏

  • @iamSantoshipandey
    @iamSantoshipandey 2 місяці тому +2

    प्रणाम महाराज जी,
    आपने व्यक्ति को एक निरंतर गतिविधि के रूप में परिभाषित किया है, जो हमारी पहचान के स्थिर न होने के विचार को उजागर करता है। यह दृष्टिकोण हमारे अस्तित्व के गहन पहलुओं की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता है, जो परिवर्तनशीलता और गतिशीलता का प्रतीक है। 🙏 #व्यक्तिकाअर्थ #निरंतरपरिवर्तन #अस्तित्वकीगतिशीलता

  • @__Maheshsingh__
    @__Maheshsingh__ 2 місяці тому +6

    आप हमारी मान्यताओं और धारणाओं को नेस्तनाबूद कर हमें यथार्थ रूप से देखना सिखा रहे है...कृपया ग्यान का आशीर्वाद प्रदान करते रहे...🙏

  • @rajeevrajput287
    @rajeevrajput287 2 місяці тому +12

    🙏प्रणाम प्रभु
    वास्तव में यह परम सत्य है जन्म एकमात्र अवधारणा है सत्य नहीं प्रभु आपकी वाणी आपका बोलना आपका बताना बड़ा ही सुंदर है आप इतने बड़े विषय को इतनी आसानी से समझा दे ते हैं प्रभु आपकी बात तो न्यारी है प्रभु आपकी चरणों में कोटि कोटि प्रणाम🙏🙏

  • @Zeeshan-bv7mo
    @Zeeshan-bv7mo 15 днів тому +2

    ⚙️2:12. Thank you

  • @rsanjiwanverma2021
    @rsanjiwanverma2021 2 місяці тому +3

    प्रणाम महाराज जी🙏 | बहुत बहुत धन्यवाद महाराज जीवन में पहली बार ऐसी शिक्षा से रूबरू हुए इतना सटीक ज्ञान आज से पहले किसी ने दिया ही नही
    आत्मा का कोई जन्म ही नहीं होता आत्मा अजन्मी और अमर है प्रकृति है जिसमें जन्म और मृत्यु का खेल चलता रहता है।
    वर्तमान हालत को सुधरना ही असली आद्यात्म हैं यही सीधी और सरल बाते आपकी मन पर बहुत गहरा प्रभाव डालती हैं बहुत बहुत आभार महाराज जी इस पूरी वीडियो मे हर इक सीधे सच्चे स्पष्टीकरण के लिए !

  • @rohitrajput-jv8ly
    @rohitrajput-jv8ly 2 місяці тому +6

    प्रभु प्रणाम,,
    अपने बहुत ही सरल और सटीक बात कही है आप के सत्संग में एक अलग हीआनंद हे
    आप सत्य के साथ कोई भी समझोता नही करते आप सत्य को सत्य और सीधे बोलते आपका सत्संग मुझे झकजोर देता हे आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपके चरणो में कोटि कोटि नमन🙏🙏

  • @AgusIndra-zz1by
    @AgusIndra-zz1by 2 місяці тому +2

    प्रणाम महाराज जी,
    आपने जन्म और व्यक्ति-भाव को एक अफवाह के रूप में परिभाषित किया है, जिससे हमें यह सोचने पर मजबूर किया गया है कि हमारे अस्तित्व की वास्तविकता क्या है। यह विचार हमें हमारे वास्तविक स्वरूप और जीवन के सच्चे अर्थ की खोज के लिए प्रेरित करता है। 🌟 #जन्मकीअफवाह #अस्तित्वकीवास्तविकता #वास्तविकस्वरूप

  • @websurf8072
    @websurf8072 2 місяці тому +25

    ये ऐसा ही है की मेरी शादी नही हुई तो मेरी संतान के होने का कोई सवाल नही बनता परमात्मा के रूप में भी कही नही है मेरे जन्म से पहले मन मुझे जन्म और मरण का भ्रम देता है

  • @user-dm7mh5mt9x
    @user-dm7mh5mt9x 15 днів тому

    वोह तो परमेश्वर की देन है❤

  • @user-cz5uz4ei4m
    @user-cz5uz4ei4m 2 місяці тому +3

    हिटलर कितना बुरा था पर कितनी सच्ची बात बोल गया कि एक झूठ को सौ बार बोलो तो वह सच के रूप में तब्दील हो जाता है।
    कोटि-कोटि प्रणाम!

  • @hariom9328
    @hariom9328 2 місяці тому +10

    महाराज ji स्मरण तो हमें पिछले जन्म का भी नहीं है। इसका अर्थ यह तो नहीं है कि पिछला जन्म नहीं था। स्मरण तो निद्रा काल का भी नहीं रहता।

    • @hariom9328
      @hariom9328 2 місяці тому +1

      क्या कोई सज्जन इस शंका का समाधान करने का कष्ट करेंगे? अग्रिम आभार

    • @satya_ki_aur
      @satya_ki_aur  2 місяці тому

      प्रणाम!
      चैनल का वीडियो देखने के लिए धन्यवाद।
      निद्रा के विषय मे अपनी जिज्ञासा हेतु देखे, 'गहरी नींद में हम क्या हैं वीडियो - ua-cam.com/video/KEqQGP1S3gs/v-deo.html ' और पिछले जन्म के स्मरण संबंधित अपनी जिज्ञासा हेतु देखे चौरासी लाख योनियों का रहस्य वीडियो।
      या कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके:
      ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com
      टीम - सत्य की ओर

    • @sharmilapatil3785
      @sharmilapatil3785 2 місяці тому

      Aatma na jalm leta hai na marata hai es vishayi ki गहराई से janane ke liye aacharya prashant ke mukha se suniyejalm sharir ka hota hai aatma ka nahi man buddi aahankar ke karan ham sharir ko hi jalm mrytu manate hai aatma svatantr hai pyaj ki parat par prat nikalo aakhri shunya hi hai vaise svas ko chalane ki divya shakti hi chalati hai bas vipshyana me bhi nivaran ho jayega jaml bhi ma our pita ke dvara vah mas ka hi gola hota hai aatm sab karte huye kucha nahi karti na sayog hai na viyog haina din hai na rat aatma nitya sarva vyapi aachal our sthir hai aatma ko nam bhi nahi hai point off light hai jotirbindu svarup haiprakasha punj haiaatma hi parmatma hai pancha tatvo se par prakruti ko satta deti hai

  • @radheyradhey613
    @radheyradhey613 Місяць тому +3

    यदि जन्म मिथ्या है तो मृत्यु कैसे संभव है?

  • @user-vo5vl1wi4j
    @user-vo5vl1wi4j 2 місяці тому +3

    जब तक वस्तु पूर्ण नहीं होगी, कार्य नहीं करेगी पूर्ण होने पर ही कार्य करेगी।

  • @Surendra-qi6tl
    @Surendra-qi6tl 2 місяці тому +2

    गुरु जी आपका अपना सोच है, एक बीज में पूरा वृक्ष छुपा रहता है , अगर बीज आम का है तो आम, ओर अगर जामुन है तो जामुन। अगर खट्टे आम का बीज है तो बड़े होकर खट्टे ही फल देगा,ओर अगर मीठे आम का बीज है तो बड़े होकर मीठे फल देगा। उसी प्रकार एक बच्चे में उसका पूरा जीवन छुपा रहता है।
    बात जन्म मरण का है तो आत्मा न जनता है न मरता है।, हम तो इस शरीर का जन्म दिवस मनाते हैं

  • @sabsehatkemoviescenes
    @sabsehatkemoviescenes Місяць тому +1

    Bahut bahut knowledge hai

  • @brijrajsinghrajput4214
    @brijrajsinghrajput4214 2 місяці тому +1

    प्रणाम गुरू जी,आज आपने मेरी बातों को प्रमाणित कर दिया,इसींबात को मैं लोगो से पूछता हूं,कि आप कैसे पैदा हुए,मैं कौन हूँ,आप स्वयं पैदा हृए और अपने बारे मे आप कुछ नहीं जानते तो दूसरो के बारे में जानने में मत उलझो पहले अपने बारे में जानोबहुत आनन्द आयेगा,मंगलमय होगा,जन्म के समय आपके पास बुद्धि नहीं होती है,केवल आत्मा होती है,आत्मा के साथ बुद्धि नहीं होती है केवल अहंकार होता है जो पुर्नजन्म का कारण बनता है इसलिए इसी जन्म में अहंकार का त्यागकरने का ऋषि मुनि अभ्यास करते है भगवत भजन करते है,यही अहंकार त्यागने का परम् माध्यम् है,धनुष भंग इसी का उदाहरण है,धनुष का अर्थ अहंकार है।यह आध्यात्मिक रामायण से मिलता है।इसे पढ़े मनन करें फिर बतायें।अभी संक्षेप में लिरवा ,।सभी आध्यात्मिक प्रेमियों को सादर प्रणाम।

  • @RajaYadav-wo2ed
    @RajaYadav-wo2ed 2 місяці тому +4

    🙏🙏महाराज जी आपकी बात एक दम सही है आप जो कुछ कहते है एक दम सही कहते है 🙏🙏

  • @sangeeta4430
    @sangeeta4430 2 місяці тому +4

    प्रणाम महाराज जी | आपकी सीधी और सरल बाते हमारे मन पर बहुत गहरा प्रभाव डालती हैं बहुत बहुत आभार महाराज जी इस पूरी वीडियो मे हर इक सीधे सच्चे स्पष्टीकरण के लिए !🙏🙏

  • @Technician743
    @Technician743 2 місяці тому +1

    🙏प्रणाम महाराज जी अपने बड़े ही सरल शब्दों में सत्संग को समझाया है 🙏

  • @MohitSardana-kn8vp
    @MohitSardana-kn8vp 2 місяці тому +1

    Person is an activity not an entity. In this video fake and groundless individuality is put into investigation in a very beautiful way. I really appreciate your efforts.
    Nice video 🙏

  • @alllndianlover2069
    @alllndianlover2069 2 місяці тому +2

    🙏,महाराजी प्रणाम,🙏
    आपका सत्संग बहुत प्यारा है
    इतना बड़ी बात इतने आसान भाषा मैं बताया आपने जन्म का सही रहेस बताया ये सत्य है ये जन्म एक आवरण हैं जो सत्य नई है ।हम लोगो के बताए गए मार्ग पर चल रहे थे । अपने आंखे खोल दी आपके चरणों मैं कोटि कोटि नमन 🌹🌹

  • @user.525
    @user.525 Місяць тому

    बहुत सुंदर प्रस्तुति की ❤❤
    आप ने जन्म ,मृत्यु के सम्बन्ध में तो समझाया पर मुझे लगा आत्मा के ऊपर आपने विस्तृत जानकारी नहीं दी
    कृपया अगला वीडियो अपलोड करें,🙏🙏🏼🙏🏼

  • @CarlsRogersPeterson
    @CarlsRogersPeterson 2 місяці тому +2

    Yes...yes...#Iamness is first block of this individuality. And this first block was absent during conception..during development of zygote...during delivery and so on until the age of around 3 to 5 years. Some people I mean spiritual gurus suggests full flashed appearance of individuality took a time for its development and it reflects itself properly at the age of 12.
    Thanks for providing such an enlightening video.

  • @user-zt5si1lc4j
    @user-zt5si1lc4j Місяць тому +3

    मैं सहमत नहीं हूँ, यहाँ बात धारणा की नहीं बुद्धि की जागरूकता की है, कष्ट बुद्धि से होता है अगर पेट में जागरूकता हो जाती तो कितना कष्ट होता!! 🙏 , Isliye bhram hone k liye Janm aur mrityu dono hote hain

  • @proparindori1435
    @proparindori1435 15 днів тому

    कुलमिलाकर हम संसार की वस्तु मात्र ही है जैसे निर्जीव वस्तु होती है इस ब्रम्हांड को हमारे होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता

  • @girishchandra3836
    @girishchandra3836 Місяць тому

    आपने ठीक कहा, आत्मा स्थिर और अचल है. आत्मा का न जन्म है, न मृत्यु है. जन्मदिन का क्या मनाना, हम तो पल पल मर रहे हैँ. ये सच है. आपके विचार चिंतन करने योग्य है. धन्यवाद.

  • @lawreence-5234
    @lawreence-5234 15 днів тому

    Great...

  • @Manohardesai-os8wf
    @Manohardesai-os8wf 2 місяці тому +2

    लोग इसी अज्ञान में उलझे है कि गर्भ में शरीर movement करता है तब उसमें आत्मा आ जाती है। गीता के श्लोक नहीं देखते कि आत्मा पंचभूतात्मक प्रकृति से असंबद्ध है...लोगों को चाहिए गरुड़ पुराण की मिथ्या अवैज्ञानिक गीता विरुद्ध बाते...और ऐसे में होता है आध्यात्मिक शोषण और फलते-फूलते हैं जन्मकुंडली बनाने वाले पंडित पुरोहित और जन्म के नाम पर मुर्ख बनाने वाले तथाकथित साधू एवं संत!
    बहुत ही मार्मिक एवं तथ्यपूर्ण प्रस्तुति
    🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

  • @shripalchauhan8562
    @shripalchauhan8562 2 місяці тому +2

    आदरणीय श्रीमान जी सादर नमस्कार।सादर राम राम जी।आप कृष्ण के ज्ञान के आधार से अपनी बात कह रहे है।आप अपने स्वयं के विषय में बाताये कि आप अपनी मां के गर्भ में बने शरीर में कैसे आये?और क्यों आये?और गर्भ में आने से पहले आप कहां थे?आप माता पिता के द्वारा बनाये गये शरीर में जीव है या जीवात्मा या आत्मा है या आप कुछ है भी या कुछ भी नही? शिशु विज्ञान और गर्भ विज्ञान की आपको कोई जानकारी नही है आप अपनी सभी बाते बिल्कुल झूठ कह रहे है।जब मां के गर्भ में पल रहे शरीर में जीव नही होता है या कोई भी मोमेंट नही होता है तब शिशु प्रशिक्षित डाक्टर गर्भवती से कहता है कि आपका शिशु गर्भ में ही मर गया है। सृष्टि में जहां गति है जहां व्यक्त या अव्यक्त विचार है जहा निर्णय लेने की क्षमता है वही सत्य चतन सता जीव या आत्मा उपस्थित है।आप गर्भ के शिशु को मांस का पिंड कह रहे है परन्तु यह मांस का पिंड एक जीव/ जीवात्मा /आत्मा का संवाहक है। उसमें सत्य चेतन सत्ता जीव या आत्मा उपस्थित है तब ही उसमे मोमेंट है। हां गर्भस्थ आत्मा के चित्त की स्थिति सुषुप्ति स्थिति है इसमे आत्मा को अपने बारे में कुछ भी जानकारी नही है।यदि गर्भस्थ आत्मा के चित्त की स्थिति पूर्ण जागृत है तब उस आत्मा को अपने आने जाने की भी पूरी जानकारी होती है।गर्भस्थ शरीर में उपस्थित जीव को अपने आने जाने की जानकारी उस जीव के चित्त की जाग्रत अवस्था पर निर्भर करती है ।यदि संभोग के समय माता के अंडाणु और पिता के शुक्राणु के निषेचन से बने भ्रूण में प्रवेश करने वाली आत्मा का चित्त पूर्णतः जाग्रतावस्था में है तब उस आत्मा को शरीर में आने का पता होता है उदाहरणार्थ समय-समय पर अनेको पुनर्जन्म के मामले सामने आते रहते है। महाभारत में अभिमन्यु का मामला भी चित्त की पूर्ण जागृत अवस्था से संबंधित था जब उसने चक्र व्यूह भेदने के लिए चक्र व्यूह में प्रवेश किया था। प्रत्येक जीव/जीवात्मा/आत्मा के वर्तमान जीवन की और पूर्व के जीवन की समस्त स्मृतियां उस चेतन सत्ता के चित्त में संग्रहित रहती है ।जब आपको आज के अपने जीवन की पहली सुबह का पहला विचार याद नही है तब आपको अपनी मां के गर्भ में आने की स्मृति कैसे रह सकती है?आपकी सभी बाते भ्रमित है और मन के आचार विचार पर आधारित बिल्कुल झूठ है। आत्मा शरीर के जन्म के साथ जीव जगत में आती है और शरीर की मृत्यु के साथ शरीर छोड़ कर अपनी इच्छा के अनुसार या अपने पूर्व जन्मों में कियेगये कर्मों के और इस जन्म में किए गए कर्मो के अनुसार कर्म भोग ने लिए दूसरे शरीरों में प्रवेश करती है।आपको अपने जन्म के बारे में इसलिए जानकारी नही है और अन्य स्त्रियों व पुरुषो को भी जानकारी नही है क्योंकि कि आप सबका का स्मृति कोष चित्त बिल्कुल सुषुप्ति अवस्था में है।जब आप अपने दो घन्टे या आधे घंटे या दस मिनट पहले के विचार को याद नही रख सकते तब आप मां के गर्भ में आने की स्मृति कैसे याद रख सकते है?आपकी सभी बाते कपोल-कल्पित है और‌दूसरो को भ्रमित करने वाली है। आपकी कोई भी बात प्रयोगात्मक रुप में उचित नही है। प्रत्येक जीव/आत्मा में चित्त के रुप में अपना स्मृति कोष होता है जिसे आज की भाषा में मेमोरी डिस्क भी कहते है। आपका चित्त जितना विस्मृत होगा आप उतने ही भूल्लकड होगे।यह बिल्कुल प्रत्यक्ष है और प्रमाणित भी है।सादर नमन

    • @DharamSingh-by4om
      @DharamSingh-by4om 2 місяці тому

      Sir,
      HE talks 🦜
      Actually GEETA versus r for Soul, which is saturation And this man linked with birth..pl tell him LIFE AFTER DEATH.
      Regards

  • @Rishabh-Malav
    @Rishabh-Malav 2 місяці тому

    महाराज जी जन्म एक concept है you explained in very nice way...now we hope a video in future explaining death too is a concept...आशा है video प्राप्त होगा।
    सप्रेम धन्यवाद और नमन आपको 🌸

  • @aneeshrajput8128
    @aneeshrajput8128 2 місяці тому +1

    🙏प्रणाम महाराज जी 🙏
    "मैं हूँ का भाव" का मतलब हो सकता है "मैं हूँ का महत्व" या "मेरा अस्तित्व". यह वाक्य एक विचार या स्थिति को दर्शाने के लिए प्रयुक्त हो सकता है, जैसे कि कोई अपने व्यक्तित्व, स्थिति या महत्व का अनुभव कर रहा हो।

  • @rajeshkumarvishvkarma8366
    @rajeshkumarvishvkarma8366 Місяць тому

    आत्मा अमर है, शरीर परिवर्तनशील है, आत्मा वासनाओं से ग्रस्त हो जाए तो इसकी पूर्ति हेतु बिषयानुकू शरीर धारण करती है।

  • @user-lo4dd3qu5y
    @user-lo4dd3qu5y 2 місяці тому +5

    कहना उचित नहीं होगा...लेकिन मैं इन पुरी बातो से पुर्णतया असहमत हुँ...और इसमें कहीं किसी तरह की ज्ञान की बात नहीं हैं बस फालतु के तर्क दिये गये हैं...गीता के शलोको को आधार तो बनाया गया हैं...परन्तु केवल अपनी बातो को सिद्ध करने के लिये...जबकि भगवान श्री कृष्ण के द्वारा शरीर व आत्मा के मध्य सटीक अन्तर बताया गया हैं...पुनर्जन्म का पुर्ण विश्लेषण कर अर्जुन को सही दिशा दिखायी गयी हैं...मुझे हँसी आती हैं ऐसे अज्ञानीयो के ऊपर जो बिना ज्ञान के ज्ञान बाँटते हैं...और लोगो को पथभ्रष्ट करते हैं...जय श्री कृष्णा...

    • @souliseternal-
      @souliseternal- Місяць тому

      महामूर्ख निपुण है ‐ भ्रम जाल में फंसाने की हुनर में।

  • @omprakashswarnkar3359
    @omprakashswarnkar3359 2 місяці тому +1

    ये इनके संदेह का ही परिणाम है जो बताया गया ये भी उतना ही असत्य हो सकता है। ज्ञान अंतर में है उसे जानने के लिए अंतरिक साधन करने होगें। जय जय श्री सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम।

    • @ramankumarkapila3911
      @ramankumarkapila3911 2 місяці тому +1

      Koi.bhi.sadhna.bhagwan.tak.pahunchati.kewal.apne.swa.k.gyan.k.bina.sambhav.hi.nahi.h.swa.ka.har.k.pass.sda.pahle.se.hi.hota.h.kewal.apne.swa.me.jagna.h

  • @NinadsinghRajput
    @NinadsinghRajput 2 місяці тому

    आपके व्याख्यान ने यह स्पष्ट किया है कि व्यक्ति की पहचान स्मृतियों और मानसिक गतिविधियों द्वारा निर्मित होती है। इस दृष्टिकोण से यह समझ में आता है कि हमारी व्यक्तिगत पहचान स्थिर नहीं है, बल्कि समय के साथ बदलती रहती है, जो एक गतिशील और विकसित हो रहे अस्तित्व का प्रतीक है। 🧠 #स्मृतियां #व्यक्तिकीपहचान #गतिशीलअस्तित्व

  • @sheoram2668
    @sheoram2668 2 місяці тому +1

    Very super g

  • @kailashchandrameena8559
    @kailashchandrameena8559 Місяць тому +1

    आत्म तत्व का जन्म मरण नहीं होता,बस, शरीर बदलाव को ही जन्म कहते हैं, यही शास्त्रों में उल्लेख किया गया है!! आत्मा को नित्य बताया गया है !!

  • @shashikantdixit7310
    @shashikantdixit7310 2 місяці тому +1

    Dandvat pranam maharaj ji 🙏

  • @Getpeacebyinnerpeace
    @Getpeacebyinnerpeace 2 місяці тому

    Aapke har video se main aur clear hota chala jata hu aur jo hamare manne main jo nhi hai usske aur
    pass chala jata hu ek kosis jo nahi hai usse janne ki

  • @sachdevafootwear7747
    @sachdevafootwear7747 2 місяці тому +1

    💯 True

  • @SoniSingh-mn4pi
    @SoniSingh-mn4pi 2 місяці тому +1

    ॐ।

  • @Getpeacebyinnerpeace
    @Getpeacebyinnerpeace 2 місяці тому

    Apke vichaaron se gyaan leker ek choti si kosis kar raha hu apne channel ke madhyam se krapa banaye rakhe maharaj ji

  • @SoniSingh-mn4pi
    @SoniSingh-mn4pi 2 місяці тому

    स्वामीजी के श्री चरणों में कोटि कोटि नमन!

  • @sumitrajput8867
    @sumitrajput8867 2 місяці тому +1

    प्रणाम महाराज जी आपने बताया कोई भी पैदा नहीं होता हमको समझ नहीं आता यह जन्म फिर हुआ कहां से🙏

  • @dharmdeosingh521
    @dharmdeosingh521 2 місяці тому

    आप को कोटि कोटि नमन है कि सत्य और असत्य को समझने में मदद मिलेगी,❤

  • @deveshbhardwaj5204
    @deveshbhardwaj5204 Місяць тому +1

    मैं अपनी मम्मी को आज भी अचानक कोई पुरानी बात बताता हूं तो मम्मी माथे पर हाथ मारकर बोलती है कही तुझे ये भी तो याद नहीं की पैदा कैसे हुआ था। मुझे अचानक कोई भी वाक्या या आ जाता है और वो कभी कभी तब का होता है जब मैं डेढ़ साल का था । आज मैं 42 साल का हूं और अभी भी अचानक कोई दृश्य मस्तिष्क में विजुअलाइज होने लगता है जब मैं डेढ़ या दो या तीन साल का था । मुझे सबसे पुराना वाक्या डेढ़ साल की उम्र का याद है । मुझे अपने डेढ़ दो साल की उम्र में पहने हुए कपड़े तक याद हैं। और ये मैं कोई गप्प नही मार रहा । क्योंकि यहां गप्प मारने से मुझे कोई अवार्ड नही मिलने वाला।

  • @Ramakrishnan-R-Iyer
    @Ramakrishnan-R-Iyer 2 місяці тому

    Pranam Maharaj Ji,
    You have explored the concept of birth from a profound perspective. The idea that birth is merely a concept and not the truth challenges our conventional understanding of existence and consciousness. This viewpoint inspires us to look towards our true nature. 🙏 #ConceptOfBirth #Existence #TrueNature

  • @IrfanAli-db6kb
    @IrfanAli-db6kb 4 дні тому

    ब्रह्म ही सत्य है बाकी सब भ्रम है।
    1+ 1 = 2 होता है लेकिन 1 क्या होता है इसका उत्तर आज तक कोई न दे सका।😂😂

  • @rajeshkondal2378
    @rajeshkondal2378 2 місяці тому +1

    Kya Nidra main hum nahi hote hai??Nidra ka koi anubhav nahi hota??
    Kya Anubhav he hone ka praman hai, Kya dharna hi jivan hai kyoki anubhav hota hai?? kya hum sadev nahi hai...without having anubhav or no anubhav??

  • @bhaskarsurvase5959
    @bhaskarsurvase5959 2 місяці тому

    अव्यक्त ही एकमेव जिंदा/ जीवित है और बाकी सब मरा हुआ ही है/मरे हुए ही है, हम अव्यक्त है ही है ।

  • @shyamaverma6288
    @shyamaverma6288 2 місяці тому

    Hamre janam lene ka koi anubhav nhi h hamare pass ye satya h aaj se pahle ye baat hamre man me kabhi aai bhi nhi is satya se parichit karvane ke liy aapka bahut bahut abhar maharaj ji 🙏🙏

  • @jitendramanwani8512
    @jitendramanwani8512 2 місяці тому

    कई लोगों को जब hipnotise किया जाता है तब उन्हें माता के गर्भ में होने क़ी बात याद रहती है 🙏

  • @heenaverma6474
    @heenaverma6474 2 місяці тому

    Pranaam maharaj ji 🙏 bhot hi sateek baat aapne kahi.only need to reveal the hidden truth..dandwat pranaam

  • @kkpandyapandya126
    @kkpandyapandya126 2 місяці тому +1

    जय सीताराम प्रभु आपका स्वागत है।
    आप सो जाते हैं। आपको स्वप्न आया!आप सो गये है तो स्वप्न किसको आया?
    स्वप्न तूट गया तब स्मृति में स्वप्न की हकिकत किसने उजागर कर दी?आपको विस्मृती होने से सो गये थे!!, कुछ समजमें आया प्रभु!!
    अब आगे बढ़ो,,, मात-पिता की सेवा की है?, यदि हां तो बताओ प्यारे प्रथम गुरु मात पिता क्यों। आपने जन्म लिया तब दाहिने पांव को निकाला था या मस्तक हाथ-पांव उर्ध्व होकर जन्म लिया था। यदि दाहिने पांव को निकाला गया है तो आप कौन-सी ‌श्रेणी के मानवी होने जरुर जाने बाद में गुरु गम/गुरु शान की बात होगी प्रभु।
    एक दासानुदास का दास अनपढ़ सद् गुरु दाता की करूणा से ऋत् जानकारी देने की चेष्टा कर रहा हूं! पुनः जय सीताराम प्रभु

  • @AnuragKindo-qh2hp
    @AnuragKindo-qh2hp 2 місяці тому

    व्यक्ति की पहचान का स्मृतियों से निर्माण होना दर्शाता है कि हम स्थिर नहीं, बल्कि लगातार बदलते हैं। #स्मृतियां #गतिशीलता

  • @laxmangaikwad7859
    @laxmangaikwad7859 2 місяці тому +1

    🙏

  • @pankajkumarsoni347
    @pankajkumarsoni347 Місяць тому

    Aapka anubhav achchha hai

  • @ananyapatel2002
    @ananyapatel2002 2 місяці тому

    So, we have been led on a journey of moving towards "i am ness", which is a mirage, in reality, everything is nothing and yet everything. One question that comes to mind is, does the realization of the tentacles, namely societal constructs, help us in getting rid of them? If not, then what exactly is "knowing the truth"?

  • @Sydney_Morelli
    @Sydney_Morelli 2 місяці тому

    Yes...yes...I-am-ness is first block of this individuality. And this first block was absent during conception..during development of zygote...during delivery and so on until the age of around 3 to 5 years. Some people I mean spiritual gurus suggests full flashed appearance of individuality took a time for its development and it reflects itself properly at the age of 12.
    Thanks for providing such an enlightening video.

  • @ravindrasingh8831
    @ravindrasingh8831 Місяць тому

    Thanks

  • @bhausahebbhuse978
    @bhausahebbhuse978 2 місяці тому +1

    स्पेस कही से आता नही और स्पेस कही जाता नहीं है l स्पेस अनंत है l इसी स्पेस मे शरीर तैयार होता है और शरीर के भितर भी स्पेस होता है l शरीर जब छुट जाता है तो अंदर का स्पेस बाहर के स्पेस मे एक हो जाता है l जब सारे दृष्यो को निकाल दिया जायेगा तो स्पेस ही बचेगा l इसी स्पेस मे ही सब घट रहा है l जो ठोस दिखाई दे रहा है शरीर ओ भी एक तरंगीत ऊर्जा ही है l शरीर हर सेल्स मे स्पेस ही है l अंदर स्पेस बाहर स्पेस और शरीर के हर सेल्स मे स्पेस बस स्पेस के सीवा कुछ भी तो नहीं है l इसी स्पेस मे अपने होणे का अनुभव चल रहा है l शरीर को निमित्त बनाया जा रहा है l

  • @indarchaudhari3785
    @indarchaudhari3785 2 місяці тому +1

    Jai shree mahakal 🔱 🙏 all To phele ke yogyo or richy munio dawa gurukul me ak he bhi vidhya sikhai jati ti isme aap ke pure sarir ko niyantran kese kerna or usse har sij ka problem ka solution hota he meditation me so sorry 💪🙏🔱 Jai shree mahakal 🔱

  • @Krishna-gt4ql
    @Krishna-gt4ql 2 місяці тому +1

    आजकल निसंतान दंपति टेस्ट ट्यूब बेबी के द्वारा बच्चे पैदा कर रहे हैं क्या उसमें आत्मा नहीं होती. यदि उसमें आत्मा होती है तो किस में प्रवेश करतीहै. क्योंकि पिता के शुक्राणु और माता के अंडाणु को बाहर निकाल कर निषेचन क्रिया बाहर करवाया जाता है

  • @gyanendrapradhan8959
    @gyanendrapradhan8959 2 місяці тому

    नवी माता नवी पिता;नवी बन्धु नवी सखा;नवी गुरु नवी शिष्य। बस निराकार शिवोम शिवोम
    अनन्त ब्रामण्डम मै ।❤।प्रेममय अंतहीन ऊर्जावान शक्ती
    ऊ;कार ।

  • @pappibinner2855
    @pappibinner2855 2 місяці тому

    ਇਹ ਲੋਕ ਤਾਂ ਸਮਝਾਉਣ ਵਾਲੇ ਨੂੰ ਹੀ ਰੱਬ ਪ੍ਰਭੂ ਦੱਸ ਰਹੇ ਨੇ ਉਹ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਖੰਡਣ ਵੀ ਨਹੀਂ ਕਰ ਰਿਹਾ ਕਮਾਲ ਹੈ

  • @sangeeta4430
    @sangeeta4430 2 місяці тому

    Parnaam maharaj ji 🙏 ❤

  • @shankarraga5502
    @shankarraga5502 2 місяці тому

    🙏🏿ॐनमःशिवाय🙏🏿❤❤❤

  • @rajeshkondal2378
    @rajeshkondal2378 2 місяці тому

    Narayan hari Prabhuji 🙏🙏🙏

  • @Getpeacebyinnerpeace
    @Getpeacebyinnerpeace 2 місяці тому +1

    Ye memory ye vichar hi hame paida karte hai aur marte dum tak ye vichar jakde rakhte hai aur ye vichar hi ek param ko agyan se dhak deta hai

  • @PkSingh-bs5vh
    @PkSingh-bs5vh 2 місяці тому

    Pranam Gurudev 🌹🙏

  • @shashikantdixit7310
    @shashikantdixit7310 2 місяці тому

    100%right

  • @thecreation272
    @thecreation272 Місяць тому

    अगर अफिस मे जन्म का तारिख पुछे ताे क्या यही भिडियाे दिखाएं ? 😅😊

  • @user-kl1jk3md9k
    @user-kl1jk3md9k 2 місяці тому +1

    Koi😅paida😅agar😅na😮hota😮tab❤ye❤sabad❤ vichaar😂bhi❤khatam❤end❤ho❤jata😂h😂aage😂fir❤no❤kuchh❤bhi❤

  • @kashika4989
    @kashika4989 15 днів тому

    To fir Abhimanyu ko Chakravyuh ki rachna kaise Pata lagi garbh me

  • @bbissujangarh483
    @bbissujangarh483 2 місяці тому

    To kya smriti hi mai hu ??... ki agar yaad nahi he to mai nahi hu???
    Ya mai tha per Smriti nahi thi ???

  • @MohanLal-qk8pm
    @MohanLal-qk8pm 2 місяці тому

    जीस दीन जनम हुआ उस दीन का अनूभव सबके पास होता है अनुभव करने के लिऐ अवचेतन तक पहुचना होता है

  • @sumanmishra8174
    @sumanmishra8174 2 місяці тому +1

    Abimanyu ko to Janam se hi chakrabihu me ghusne ka Gyan tha. Ye kaise hua.

  • @BrijeshKumar-yn8ou
    @BrijeshKumar-yn8ou 2 місяці тому

    Where. Will. We. Live. After. Death.........

  • @spsharma6006
    @spsharma6006 2 місяці тому

    आज कल videos उपलब्ध हैं सारे process मिल जाते हैं देख सकते हैं ।

  • @harshankargehlod9136
    @harshankargehlod9136 2 місяці тому

    महाराज जी आप थोड़ा सा इस बात पर प्रकाश डालें आत्मा होती है या नहीं होती है और होती है तो तो वह आत्मा दूसरे के शरीर को कैसे पकड़ लेती है जिसके ऐसे कई उदाहरण है कृपया इस पर प्रकाश डालने का कष्ट करें

  • @108-The
    @108-The 25 днів тому

    Mene 3 Bar Bhagvad Geeta padhi h but its very complicated Sabhi log nhi samajh pate jese aapne ka ha nainam chindranti wala slok, usi tarah fir ye sab sukh dukh kya Kyonki age ke kai slokon mein naye janm k paap punya bhogne k baat kahi agar sharir mithya h to paap ya punya kese hosakta h aur sarir satya h to jis janma me sarir paap krta h to marne k baad to uska paap karne vaala sarir nasht hojata h to naye janm me naye sarir ko fir kyon dukh bhogna padta h kyonki aatma pare h uska sharir se lena dena h hi nhi to ye chakra kesa

    • @sandeepsaroha7593
      @sandeepsaroha7593 8 днів тому

      My understanding is Ek shareer k karmon ka asar dusre shareeron par padta hai. Samaj par padta hai jisme naye shareer paida honge. Aur jab un naye shareeron mai atma prajwalit hogi to wo pehle shareer k karmon ka fal bhogengi qki wo usi samaj mai rahengi.

  • @PramodBhai-hf4ke
    @PramodBhai-hf4ke Місяць тому

    Gita Satya he atma amar

  • @user-hu4gr9cm1c
    @user-hu4gr9cm1c Місяць тому

    Yah to ham mante Hain Jo apna hai sharir bhi apna nahin hai to aur koi kaisa apna ho sakta hai duniya ka kya Bharosa jab apna hi sharir apna sath hi nahin deta to duniya ke sharir Ko kya Bharosa

  • @shakishty
    @shakishty Місяць тому +1

    Atma bhi nahi hai.Bhagwan bhi nahi hai.

  • @bhagwatvishwakarma4365
    @bhagwatvishwakarma4365 Місяць тому

    Ye baat hajam nahi huye

  • @ramankumarkapila3911
    @ramankumarkapila3911 2 місяці тому

    Hariom.guruji.❤

  • @shilpideydas9025
    @shilpideydas9025 2 місяці тому

    Gitate likha achhe atta obinashi er na janmo hoy na mitto🥺 too atta matri gorbhe ei na karo sorire❤

  • @sandeepuniyal6164
    @sandeepuniyal6164 2 місяці тому

    🙏🙏🙏बडी कृपा सर

  • @user-be1fo5mz5k
    @user-be1fo5mz5k Місяць тому

    आत्मा का जन्म नही होता ,वासना का जन्म होता है

  • @rajindergoyal9990
    @rajindergoyal9990 2 місяці тому

    Sir yahi satya hai

  • @kumudapanda9274
    @kumudapanda9274 17 днів тому

    Ye correct nahin hai.Paida nahin hota koyi to akash se girti kya?

  • @chandramohansharma4684
    @chandramohansharma4684 2 місяці тому +2

    Guruji aapse milna ho to?

    • @satya_ki_aur
      @satya_ki_aur  2 місяці тому +1

      प्रणाम!
      वीडियो देखने के लिए धन्यवाद। कृपया अपने प्रश्न और सुझाव हमें नीचे दिए गए ईमेल पते पर भेजें ताकि हम महाराज जी द्वारा आपको विस्तृत समुचित उत्तर उपलब्ध करवा सके:
      ईमेल आईडी: satya_ki_aur@yahoo.com
      सत्य की ओर - हंसानंद जी महाराज