मानव के लिए संदेश परमात्मा ने मनुष्य को यह ज्ञान दिया है की सबसे नीचे स्तर पर सब देवता है, उनके ऊपर आत्मा, उनके ऊपर भगवान और सबसे ऊपर परमात्मा। दुर्गा, शिवा, रामा, कृष्णा, विष्णु, ब्रह्मा, हनुमान और बाकी सब देवता हैं। भगवान को हम महादेव, अल्लाह, फादर, जीहोवा, वाहेगुरु, आहूरा माजदा इत्यादि नामों से जानते हैं। परमात्मा स्वयं इस वक्त, परमात्मा और भगवती के रूप में मनुष्यों के बीच काम कर रहे हैं, एक मानव के जरिए। अगर आप परमात्मा को, या उनके चुने हुए मानव का अनादर करेंगे, इसके बावजूद कि परमात्मा भगवान के खिलाफ सब कुछ बोल रहे हैं, तो भगवती को गुस्सा आता है। भगवती, परमात्मा का अनादर सहते नहीं है। और जब भगवती को गुस्सा आता है, उसे वक्त आपका भगवान नाराज हो जाते हैं और आपको क्षति पहुंचा सकते हैं। भगवान परमात्मा को पसंद नहीं करते हैं, लेकिन भगवती कि नाराजगी भी उनको पसंद नहीं है। आपका भगवान और परमात्मा दोनों चाहते हैं कि अगर आपको, परमात्मा और उनके दिए हुए वचन स्वीकार नहीं है, तो आप परमात्मा और जीस मानव के जरिए वह बात कर रहे हैं, उनका अनादर न करें। परमात्मा चाहते हैं कि आप एक महीने के लिए उनको परख कर देख लें। भगवान चाहते हैं कि आप ऐसा ना करें। लेकिन भगवान यह नहीं चाहते हैं कि आप उनका अपमान करें। आगे आपकी मर्जी। परमात्मा का संदेशवाहक 🙏
कितना झूठ बोल रहे हैं। मनुष्य को परमात्मा कहना रांग है। परमात्मा निराकार है।उनका चमड़ी का शरीर नहीं है। ज्योति स्वरूप है। ज्ञान का सागर है।पतित पावन है।अभोक्ता है।वह कभी किताबें नहीं बेचता।अवतरण करके ज्ञान सुनाते हैं।यह दोनों मनुष्य है।यह कोई देवता नहीं है। देवता स्वर्ग में सतयुग में रहते हैं। परमात्मा न देवता बनता है और ना ही मनुष्य बनता है।
मानव के लिए संदेश
परमात्मा ने मनुष्य को यह ज्ञान दिया है की सबसे नीचे स्तर पर सब देवता है, उनके ऊपर आत्मा, उनके ऊपर भगवान और सबसे ऊपर परमात्मा।
दुर्गा, शिवा, रामा, कृष्णा, विष्णु, ब्रह्मा, हनुमान और बाकी सब देवता हैं। भगवान को हम महादेव, अल्लाह, फादर, जीहोवा, वाहेगुरु, आहूरा माजदा इत्यादि नामों से जानते हैं।
परमात्मा स्वयं इस वक्त, परमात्मा और भगवती के रूप में मनुष्यों के बीच काम कर रहे हैं, एक मानव के जरिए। अगर आप परमात्मा को, या उनके चुने हुए मानव का अनादर करेंगे, इसके बावजूद कि परमात्मा भगवान के खिलाफ सब कुछ बोल रहे हैं, तो भगवती को गुस्सा आता है। भगवती, परमात्मा का अनादर सहते नहीं है।
और जब भगवती को गुस्सा आता है, उसे वक्त आपका भगवान नाराज हो जाते हैं और आपको क्षति पहुंचा सकते हैं।
भगवान परमात्मा को पसंद नहीं करते हैं, लेकिन भगवती कि नाराजगी भी उनको पसंद नहीं है। आपका भगवान और परमात्मा दोनों चाहते हैं कि अगर आपको, परमात्मा और उनके दिए हुए वचन स्वीकार नहीं है, तो आप परमात्मा और जीस मानव के जरिए वह बात कर रहे हैं, उनका अनादर न करें।
परमात्मा चाहते हैं कि आप एक महीने के लिए उनको परख कर देख लें। भगवान चाहते हैं कि आप ऐसा ना करें। लेकिन भगवान यह नहीं चाहते हैं कि आप उनका अपमान करें। आगे आपकी मर्जी।
परमात्मा का संदेशवाहक 🙏
Urjaaki bahot jarurihai. Iamthanking you.
Dhanyvad Parmatma
Dhanyvad man Bhagwati dhanyvad Parmatma
With Goddess and God nothing will change yet a lot will change 😊🙏
Goddess and God's immense grace 🙏🏼
Thank you Goddess and God 🙏🙏 May I have your grace God 🙏
Dhanyvad man Bhagwati❤
May I have your grace GOD
Thank you dear god n goddess🙏🙏🙏🌸
Thank you goddess and God 🙏🙏
Depli jankari dene liye dhanybaad bohut sukirya sar prem pradaam ji❤️
Very nice explanation!! Likes to listen your videos again again!!
May i have your grace God 🙏🏻
❤❤
May i have your Grace GOD
❤
❤🎉😊
Ye dono apna dhandha chamaka rahe h.
Book kaha se milte hai
AlakhGod website se
On what basis story line is written ? Pls clarify
कितना झूठ बोल रहे हैं। मनुष्य को परमात्मा कहना रांग है। परमात्मा निराकार है।उनका चमड़ी का शरीर नहीं है। ज्योति स्वरूप है। ज्ञान का सागर है।पतित पावन है।अभोक्ता है।वह कभी किताबें नहीं बेचता।अवतरण करके ज्ञान सुनाते हैं।यह दोनों मनुष्य है।यह कोई देवता नहीं है। देवता स्वर्ग में सतयुग में रहते हैं। परमात्मा न देवता बनता है और ना ही मनुष्य बनता है।
May I have your Grace God
May I have your grace God .
Book kaha se milegi
AlakhGod website pe