परमात्मा का संदेश | Pradip Mukherji | Falguni Pathak

Поділитися
Вставка
  • Опубліковано 29 гру 2024

КОМЕНТАРІ • 45

  • @sumankumarthakur4453
    @sumankumarthakur4453 10 днів тому +2

    मां भगवती और परम पिता परमात्मा के श्री चरणों में कोटि- कोटि प्रणाम!

  • @GOKU-qk6zh
    @GOKU-qk6zh 5 днів тому +1

    Maa Bhagbati aur parampita ko pranam

  • @meetasinha569
    @meetasinha569 9 днів тому +1

    Humans feel challenged and quick to judge when something presented to them which doesn't align with their set understanding and belief. This video is an attempt to experimence something which hasn't been tried. So greatful for clarity delivered in this video

  • @dattasagare8834
    @dattasagare8834 9 днів тому +1

    Thank you so much ✨💫

  • @babitadugar7855
    @babitadugar7855 10 днів тому +1

    May I have your Grace God ❤

  • @laxmikanthv3230
    @laxmikanthv3230 10 днів тому +1

    may I have your grace God.

  • @DHAVALBSHAH
    @DHAVALBSHAH 3 дні тому +1

    परमात्मा के साथ जुड़ने से पहले, मैं भी-जो बचपन से मुझे दिया गया था, जितने संस्कार, धर्म, रीति-रिवाज, सब कुछ पूरी लगन और निष्ठा से करता रहा। विपश्यना ध्यान 7 सालों से अधिक किया, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। बुद्ध ने कहा 'Desire is the root cause of human suffering', अर्थात 'हमारे विकार (राग, द्वेष, मोह, लोभ, सारी वासनाएँ), इनकी वजह से इंसान दुखी है, लेकिन कोई ये नहीं पूछता है, या समझता है, कि विकार हमारे अंदर आता कहाँ से है। सही में, अगर हमारे हाथ में है, तो हम बुरे कर्म क्यों करते हैं? हम जो बुरे विकार हैं, उन्हें जड़ से क्यों नहीं उखाड़ पाते और मुक्त क्यों नहीं हो पाते?' मेरे और मेरे चारों तरफ़ दुख-दर्द में कभी कोई कमी नहीं आई, तब भी कोई विकल्प नहीं था, जो था, वो पकड़ के रखा था, तोते की तरह जो दिया गया था, वो दोहराता था। परमात्मा के आने के बाद समझ में आया कि ये सब छल है, भ्रम है।
    जो बचपन से देवी-देवता, धर्म ग्रंथ, हमें दिए गए हैं, उनके बाहर एक नया विकल्प है-भगवती और परमात्मा के साथ 30 दिनों तक अपनी सारी पीड़ा, दुख, दर्द साझा करके देखो, अगर कुछ फर्क पड़ता है, तो फिर तय करो, सच्चे परमात्मा के साथ रहना है या नहीं। नहीं तो, जिसे आप जुड़े हो, जो हमारा डिफ़ॉल्ट मोड (default mode) है, उसी के साथ जुड़े रहो।
    वैसे भी, एक बार इंसान भगवती और परमात्मा की छवि देख ले, तो वैसे भी यह उनका आखिरी जीवन है। हमारी आत्मा अपने घर, परमात्मा के घर वापस जाएगी। स्वर्ग और नरक की भी सिर्फ व्याख्या दी गई है, अच्छा समय (सतयुग) और बुरा समय (कलीयुग) भी हमें बहकाने और उलझाने के लिए दिया गया है।

  • @ajabpatange2847
    @ajabpatange2847 10 днів тому +1

    ❤ The Grace of God ❤

  • @Kind_Angel111
    @Kind_Angel111 6 днів тому +2

    Brahmakumaris+ new age spiritual theorist+ matrix movie+ psychological explanation is Pradeep ji ...can't believe in this

  • @yogawithmrs.kalpana604
    @yogawithmrs.kalpana604 3 дні тому

    🙏🙏🙏

  • @gurudev293
    @gurudev293 10 днів тому +1

    GRACE of GODDESS ❤️ & GOD❤️

  • @Aaveir
    @Aaveir 10 днів тому +1

    Grace of God🙏

  • @ParamMahaParinirvan
    @ParamMahaParinirvan 9 днів тому +1

    ❤🎉

  • @prakashsubhedar1149
    @prakashsubhedar1149 10 днів тому +2

    स्वर्ग और नर्क के बारे में मनुष्य नहीं बता सकता है क्योंकि इस समय को ही नर्क कहते हैं और आनेवाले समय को स्वर्ग कहते हैं। स्वर्ग में देवी-देवताओं का राज्य था। उसको ही रामराज्य, वैकुंठ पैरडाईज वा स्वर्ग कहते हैं।इसी समय को नर्क वा रामराज्य कहते हैं। स्वर्ग में अपार सुख और नर्क में अपार दुख होता है।अभी इस नर्क का समय भी खत्म हुआ है तो इसका भी बहुत जल्द विनाश होना है। फिर उसके बाद सभी आत्मायें परमात्मा के साथ उपर ब्रह्मलोक में जायेगी। वहीं सभी आत्माओं का और परमात्मा का घर है। वहां सिर्फ शान्ति है कोई आवाज नहीं है।शरीर केवल यहा ही मिलता है क्योंकि पांच तत्वों का शरीर यहां ही मिलता है। हमारी दुनिया एक ही है। यहां ही स्वर्ग और नर्क का खेल चलता रहता है। परमात्मा कलियुग अंत में आकर यह ज्ञान देता है। देवताओं की पूजा तब तक होती है जब तक परमात्मा को लोग जानते नहीं।जब परमात्मा धरती पर आते हैं तब अपनी पहचान देते हैं।चार युगों का ज्ञान देते हैं। स्वर्ग नर्क के बारे में जानकारी देते हैं। तब तक भक्ति पूजा लोग करते रहते हैं। परंतु वह परमात्मा से न मिलने के कारण सुख प्राप्त नहीं कर सकते।वह सुख कर्ता दुख हर्ता है। देवताओं से परमात्मा अल्प काल की प्राप्ति कराते हैं। केवल एक दो इच्छाएं पूर्ण होती हैं। परंतु दुःख दूर नहीं होता क्योंकि अपवित्र कार्य करते रहते हैं। देवताओं के अन्दर पांच विकार होते नहीं इसलिए उनको दुःख होता नहीं। विकारी मनुष्य दुःख भोगते रहते हैं। यही खेल दुनिया में चलता रहता है।ढाई हजार साल सुख और ढाई हजार साल दुःख का यह खेल है। सतयुग त्रेता युग में सुख और द्वापर कलियुग में दुःख होता है। देवताओं का जन्म सतयुग त्रेता में होता है। मनुष्यों का जन्म द्वापरयुग और कलियुग में होता है। ऐसा वंडरफुल खेल दुनिया में चलता है। भगवान शिव परमात्मा कभी शरीर धारण नहीं करता है। इसलिए कभी अपवित्र नहीं बनता।वह एवर प्योर होता है। मनुष्य देवता क्षत्रिय वैश्य शूद्र बनता है। विकारी मनुष्य को शुद्र अथवा रावण कहते हैं। मुख्य दुःख देने वाला काम विकार है।यह करने वाले हमेशा दुःख भोगते हैं। परमात्मा को याद करने से और पवित्र रहने से हमें स्वर्ग का सुख मिलता है।विकार आत्मा में होते हैं। आत्मा में मन, बुद्धि और हमारे बने हुए संस्कार होते हैं। हमारे सभी कर्मों का रिकार्ड हमारे संस्कारों में होता है।वैसी हमारी वृत्ति और दृष्टि बन जाती है। जैसे वृत्ति होती है वैसा ही वायुमंडल बन जाता है। जैसे मन्दिर में जाने से लोगों का प्रसन्नता का, खुशी का अनुभव होता है केवल देवताओं की मूर्ति देखने से ऐसा अनुभव होता है। मनुष्यों की वृत्तियों का प्रभाव स्थान पर भी पड़ता है।शरीर पर भी पड़ता है। इसलिए कहते हैं मन तंदुरुस्त हो तो तन तंदुरुस्त। धन्यवाद।

    • @DHAVALBSHAH
      @DHAVALBSHAH 4 дні тому +1

      @prakashsubhedar1149 जी, परमात्मा के साथ जुड़ने से पहले मैं भी इसी तरह से, जो बचपन से मुझे दिया गया था, जितने संस्कार, धर्म, रीति-रिवाज, सब कुछ लगन और निष्ठा से करता रहा। विपश्यना ध्यान 7 सालों से अधिक किया, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। मेरे और मेरे चारों तरफ़ दुख-दर्द में कभी कोई कमी नहीं आई, तब भी कोई विकल्प नहीं था, जो था, वो पकड़ के रखा था, तोते की तरह जो दिया गया था, वो दोहराता था। परमात्मा के आने के बाद समझ में आया कि ये सब छल है, भ्रम है।
      जो बचपन से देवी-देवता, धर्म ग्रंथ, हमें दिए गए हैं, उनके बाहर एक नया विकल्प है-भगवती और परमात्मा के साथ 30 दिनों तक अपनी सारी पीड़ा, दुख, दर्द साझा करके देखो, अगर कुछ फर्क पड़ता है, तो फिर तय करो, सच्चे परमात्मा के साथ रहना है या नहीं। नहीं तो, जिसे आप जुड़े हो, जो हमारा डिफ़ॉल्ट मोड है, उसी के साथ जुड़े रहो।
      वैसे भी, एक बार इंसान भगवती और परमात्मा की छवि देख ले, तो वैसे भी यह उनका आखिरी जीवन है। हमारी आत्मा अपने घर, परमात्मा के घर वापस जाएगी। स्वर्ग और नरक की भी सिर्फ व्याख्या दी गई है, अच्छा समय (सतयुग) और बुरा समय (कलीयुग) भी हमें बहकाने और उलझाने के लिए दिया गया है।

    • @DHAVALBSHAH
      @DHAVALBSHAH 4 дні тому +1

      @prakashsubhedar1149 जी, परमात्मा के साथ जुड़ने से पहले मैं भी इसी तरह से, जो बचपन से मुझे दिया गया था, जितने संस्कार, धर्म, रीति-रिवाज, सब कुछ लगन और निष्ठा से करता रहा। विपश्यना ध्यान 7 सालों से अधिक किया, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। मेरे और मेरे चारों तरफ़ दुख-दर्द में कभी कोई कमी नहीं आई, तब भी कोई विकल्प नहीं था, जो था, वो पकड़ के रखा था, तोते की तरह जो दिया गया था, वो दोहराता था। परमात्मा के आने के बाद समझ में आया कि ये सब छल है, भ्रम है।
      जो बचपन से देवी-देवता, धर्म ग्रंथ, हमें दिए गए हैं, उनके बाहर एक नया विकल्प है-भगवती और परमात्मा के साथ 30 दिनों तक अपनी सारी पीड़ा, दुख, दर्द साझा करके देखो, अगर कुछ फर्क पड़ता है, तो फिर तय करो, सच्चे परमात्मा के साथ रहना है या नहीं। नहीं तो, जिसे आप जुड़े हो, जो हमारा डिफ़ॉल्ट मोड है, उसी के साथ जुड़े रहो।
      वैसे भी, एक बार इंसान भगवती और परमात्मा की छवि देख ले, तो वैसे भी यह उनका आखिरी जीवन है। हमारी आत्मा अपने घर, परमात्मा के घर वापस जाएगी। स्वर्ग और नरक की भी सिर्फ व्याख्या दी गई है, अच्छा समय (सतयुग) और बुरा समय (कलीयुग) भी हमें बहकाने और उलझाने के लिए दिया गया है।

  • @jignasoni597
    @jignasoni597 10 днів тому +1

    I want this book

    • @manojkd8215
      @manojkd8215 10 днів тому

      Alakhgod website karo

    • @avinashmalatpure9999
      @avinashmalatpure9999 День тому

      Aap King bol Rahe Hai uska Nam kya hai?

    • @avinashmalatpure9999
      @avinashmalatpure9999 День тому

      Parmatma ka Nam kya hai?

    • @manojkd8215
      @manojkd8215 15 годин тому

      @@avinashmalatpure9999 Alag alag dharmo me King ko alag alag naam se jaana jata hai

    • @manojkd8215
      @manojkd8215 15 годин тому

      @@avinashmalatpure9999 Parmatma ke bhi kayi naam hai par abhi ke liye aap unko Parmatma naam se bula sakte hai

  • @BadalDey-j3s
    @BadalDey-j3s 2 дні тому

    Real creator Consciousness is empty.Ram Narayan Ram,

  • @amitstg
    @amitstg 10 днів тому +1

    एक नए रामपाल बाबा आ गए भैया

  • @meditationheaven8183
    @meditationheaven8183 3 дні тому

    Uncle ji manokamna purn hone ke phele uske karm bhi hote katne chaiye na jis din pashoue ke prati dusre insaan ke prati matrutva bahv jageag bagwaan ko ana padta hai

  • @knowledgeispower4419
    @knowledgeispower4419 8 днів тому +1

    Pradeep mukherjee ek interview me kehte hai ki unhone Parmatma ko nahi dekha, keval unse baat ki hai, aur yahan ye kehte hai ki vo vo Parmatma ko mil chuke hai. Kaun si baat sahi mane?

    • @neepadhakan
      @neepadhakan 5 днів тому +1

      @knowledgeispower4419 - मानने को कोई नहीं कह रहा है, क्यों मानना चाहिए, वहीं तो धोखा है।
      आपके मानने से चलोगे तो प्रयोग कैसे करोगे, कैसे आज़माओगे?
      परमात्मा के डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, कुछ फर्क पड़ता है - आपकी नकारात्मकता में, दुःख में, दर्द में, पीड़ा में, कोई शांति का एहसास है, तो प्रयोग के तौर पर जारी रहो, वरना छोड़ दो।

    • @DaveShah
      @DaveShah 3 дні тому +1

      ​@@neepadhakan जी, बिलकुल सही कहा आपने, अगर प्रयोग सफल हो, तो परमात्मा से जुड़े रहो, और अगर न हो, तो प्रयोग को साइड पर रख दो। इसमें कोई निवेश नहीं है, और नुकसान तो बिल्कुल भी नहीं है।

    • @DHAVALBSHAH
      @DHAVALBSHAH 3 дні тому +1

      @knowledgeispower4419 - मानने को कोई नहीं कह रहा है, क्यों मानना चाहिए, वहीं तो धोखा है।
      आपके मानने से चलोगे तो प्रयोग कैसे करोगे, कैसे आज़माओगे?
      परमात्मा के डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, कुछ फर्क पड़ता है - आपकी नकारात्मकता में, दुःख में, दर्द में, पीड़ा में, कोई शांति का एहसास है, तो प्रयोग के तौर पर जारी रहो, वरना छोड़ दो।

    • @neepadhakan
      @neepadhakan День тому +1

      @knowledgeispower4419 - मानने को कोई नहीं कह रहा है, क्यों मानना चाहिए, वहीं तो धोखा है।
      आपके मानने से चलोगे तो प्रयोग कैसे करोगे, कैसे आज़माओगे?
      परमात्मा के डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, कुछ फर्क पड़ता है - आपकी नकारात्मकता में, दुःख में, दर्द में, पीड़ा में, कोई शांति का एहसास है, तो प्रयोग के तौर पर जारी रहो, वरना छोड़ दो।

    • @neepadhakan
      @neepadhakan День тому +1

      @knowledgeispower4419 - मानने को कोई नहीं कह रहा है, क्यों मानना चाहिए, वहीं तो धोखा है।
      आपके मानने से चलोगे तो प्रयोग कैसे करोगे, कैसे आज़माओगे?
      परमात्मा के डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, कुछ फर्क पड़ता है - आपकी नकारात्मकता में, दुःख में, दर्द में, पीड़ा में, कोई शांति का एहसास है, तो प्रयोग के तौर पर जारी रहो, वरना छोड़ दो।

  • @Styvoice786
    @Styvoice786 9 днів тому

    Pair qabar mein latke hue hain vah Dharm ki sthapna karne chale Hain

  • @ratanpandey4952
    @ratanpandey4952 3 дні тому

    Madam mai bhi paramatma se Mila hu.aur jitana pradeep ji bta rahe h mai unse se thoda adhik hi bta duga.aur bharat me es prakar bakwas karane wale bahut h.

  • @achalkaushik7450
    @achalkaushik7450 5 днів тому

    Agra ke pagalkhane mein ek vacancy khali hai😂

  • @hemanyasingh7462
    @hemanyasingh7462 3 дні тому

    इलाज कराओ इसका ,हर वीडियो में अलग अलग बातें ।। 😅😅

  • @sarkar9
    @sarkar9 День тому

    Paramatma ki ghar ka address toh bata dijiye aur beta ki mummy kaun h guruji .ye answer de sakte ho aap
    Kaafi Gyaanii lgte ho.....

  • @zarnap350
    @zarnap350 10 днів тому +1

    Yeh aadmi main koi sachai nai hai

  • @beautyofnature613
    @beautyofnature613 2 дні тому

    Ye apne ko parmatma kehta hai jab ki parmatma Kabir Sahib hai isliye inko adhyatam ka koi gyan nahi hai

  • @sheshverma1746
    @sheshverma1746 8 днів тому +1

    pagal Baba aaya hai😂😂😂😂😂

  • @Heal00
    @Heal00 9 днів тому

    😂😂😂😂 anchor को भी कुछ नहीं आया समझ

  • @Heal00
    @Heal00 9 днів тому

    इसके अन्दर कुछ नहीं है फिर इनकी wife ने सिंदूर क्यूँ डाला है

    • @DHAVALBSHAH
      @DHAVALBSHAH 5 днів тому

      @Heal00 आप बिना जानकारी के निष्कर्ष पर पहुँच गए, यही तो मन की प्रवृत्ति है। वीडियो में फाल्गुनी पाठक जी हैं, जिनसे भगवती की ऊर्जा बहती है, वह प्रदीप सर जी की पत्नी नहीं हैं।

  • @zarnap350
    @zarnap350 10 днів тому

    🤦🤦🤦🤦🤦 wrong info.....aatma bagair sharir nai chalega ....inko importance mat do

    • @DHAVALBSHAH
      @DHAVALBSHAH 6 днів тому +1

      @zarnap350 - कौन कह रहा है, importance दो? भगवती और परमात्मा, तो सिर्फ एक विकल्प दे रहे हैं, वो भी प्रयोग के तौर पर। डिजिटल हीलिंग कार्ड से बात करके देखो, जैसे किसी मित्र से हम करते हैं, चिकित्सक से करते हैं। प्रयोग सफल हुआ तो कंटीन्यू करो, वरना आप जो कर रहे हो, उसे जारी रखो।
      प्रयोग सफल हुआ तो ये भी जान लो कि - सच्चे परमात्मा कौन हैं और परमात्मा होने का कौन छलावा कर रहा है?

  • @sangeetagoyal1792
    @sangeetagoyal1792 6 днів тому +1

    May I have your grace god🙏