*फ़ैसला हक़ और बातिल, पोस्ट नं.5* *मसअला ए इल्म ए ग़ैब, क़िस्त 1* अक़ीदा ए वहाबिया👇 उसमें ये है के हज़रात अम्बिया व आऔलिया ग़ैब पर मुत्तले नहीं सिवाय अल्लाह तआला के किसी को इल्म ए ग़ैब साबित करना ख़िलाफ़े ईमान कुफ़्र व शिर्क है, इसमें चंद इबारात पैश की जाती हैं,👇 वहाबी देवबंदीयों के ईमाम रशीद अहमद गंगोही ने अपने फ़तावा में लिखा👇 अस्बाते इल्म ए ग़ैब ग़ैर हक़ तआला को शिर्के शरीह है, (यानी अल्लाह तआला के सिवा किसी और को इल्म ए ग़ैब मानना शिर्क है) 📕अज़ फ़तावा रशीदिया जिल्द 3, सफ़ह 7) यही मौलवी दूसरी जगह लिखता है👇 इल्म ए ग़ैब ख़ासा हक़ तआला का है इस लफ़्ज़ को तावील से दूसरे पर इतलाक़ करना इहामे शिर्क से ख़ाली नहीं, 📕 अज़ फ़तावा रशीदिया जिल्द 3 सफ़ह 43) वहाबी मौलवी लिखता हैं👇 अम्बिया अलैहिमुस्सलाम ग़ैब पर मुत्तले नहीं (यानी किसी भी नबी को इल्मे ग़ैब नहीं) 📕अज़ मसअला ए इल्म ए ग़ैब सफ़ह 2) और वहाबी देवबंदी अहले हदीस के बड़े पेशवा और इमाम इस्माईल देहेलवी ने लिखा👇 अल्लाह का सा इल्म और को साबित करना सिवा इस अक़ीदे से आदमी अलबत्ता मुश्रिक हो जाता है, ख़्वा (चाहे) ये अक़ीदा अम्बिया , औलिया से रखे ख़्वा(चाहे) पीर व शहीद से फिर (चाहे) ख़्वा यूं समझे के ये बात उनको अपनी ज़ात से है, ख़्वा अल्लाह के देने से है, ग़र्ज़ इस अक़ीदे से हर तरह शिर्क साबित होता है, 📓अज़ तक़वियतुल ईमान, सफ़ह 10) दोस्तो ये किताब आज भी वहाबी देवबंदी अहले हदीस के मदरसों में पढ़ाई जाती है, अब आईये क़ुरआन की रोशनी में अक़ीदा ए अहले सुन्नत देखिए,👇 अक़ीदा ए अहले सुन्नत ये है के अल्लाह तआला तो आलिमुल ग़ैब बिज़्ज़ात है और हज़रात अम्बिया व औलिया ब अताए ख़ुदा वंदी ग़ैब जानते हैं, और अल्लाह तआला की अता से कसीर ग़ुयूब पर मुत्तले हैं, इस पर कसीर (बहुत) दलाइल शाहिद हैं👇 दलील नंबर 1, क़ुरआन मजीद की आयात से मुलाहिज़ा हो👇 तर्जमा👇 अल्लाह की शान ये नहीं है के ऐ आम लोगो तुम्हें ग़ैब का इल्म दे, हां अल्लाह चुन लेता है अपने रसूलों से जिसे चाहे, 📚सूरह आले इमरान पारा 4, रुकू, 18) (2) तर्जमा👇 ग़ैब का जानने वाला तो अपना ग़ैब किसी पर ज़ाहिर नहीं फ़रमाता, सिवा अपने पसंदीदा रसूलों के, 📚सूरह जिन पारा 29, रुकू 2)
The path is very straight my dear friends it's a chain come and join us.. that chain will take you to jannah.. auliya are the friends of Allah never leave their hand if you does then shaitan hold your hand
Ya Gus al madad ya Gus al madad ya Gus al madad Ya Gus al madad Ya Gus al madad ya Gus al madad Ya Gus al madad Ya Abdul qadir jilani al madad Mere piren pira al madad
@@ancreation9260 Quran ki ayat bataye ya koi bhi hadis me yeh likha dikhaye gyaravih manana jayaz nahi.. Allah ki kasm chod denge manana 😂😂 laddoo.. bhole bhale logonko haula banate raho
i am soo suprised reading through the coments... i thing we must just respect each others views.. and evry indiviual has every right to what they belive and what not... #imwithgharekitchen
Jan bujh kar andhe kuwe me girne se bahetar hai ke kuwe k paas hi na jaye.... Waise hi jab sahi deen aur sunnat pata na ho toh a sab kaam na kare.... Gunah se bach jayenge...
Iska Matlab aap Quraan ko nhi manti.. Quraan me likhe Allah ke hukm ko nhi manti jisne surah_e_mayeda me saaf saaf kaha h hi vo khana jis pe Allah ke Siva kisi ka bhi naam liya Gaya ho vo musalman k liye Haram h..
@@khudejashaikh7283 Shayad aapko nahi malum fateha me allah ka hi naam liya jata... Quran ki ayat hi padhi jati hai.. pehle pura information nikalo fir bolo
📚 *मज़ार पर सजदा और शिर्क के इल्ज़ाम का जवाब पोस्ट पड़िए और आगे भी शेयर किजीए !* 📚 *_आंखे बन्द होने से पहले खुल जाए तो बेहतर है !_* _*वरना कब्रिस्तान उन लोगों से भरा पड़ा है, जो कहते थे कि कल से नमाज़ पढ़ेंगे !*_✍ 🌹🌹 📚 *मज़ार पर सजदा और शिर्क के इल्ज़ाम का जवाब !* 📚 सबसे पहले तो ये जान लेना जरुरी है के तमाम इबादतें सिर्फ अल्लाह के लिए है ! अल्लाह के सिवा कोई भी इबादत के लायक नही है , उसी तरह शरायत ए मुहम्मदी सल्ललाहु अलैहि वसल्लम में सजदा भी सिर्फ और सिर्फ अल्लाह के लिए ही है ! अहले सुन्नत वल जमात का अकीदा भी अल्हमदुलील लाह यही है ! इमाम ए अहले सुन्नत आला हजरत अलैही रहमा गैर अल्लाह को सजदे के मुताल्लिक इर्शाद फरमाते है के , " सजदा अल्लाह के सिवा किसी के लिए नही है " ! गैरुल्लाह को सजदा ए इबादत शिर्क है और सजदा ए ताज़िमी हराम है ! *📘( हवाला : अज़्ज़ुबदतुज़ ज़ाक़िय्या , सफा नं 5 )* 👉वहाबी फिरका जो पिछले 250 साल पहले यहूदियो और नासारिनियो के ज़रिये वजूद में आया है , और इलज़ाम लगाते है के मुसलमान मज़ार पर जाकर गैर अल्लाह को सजदा करता है और इस तरह शिर्क करते है ! क्या वाकई मुसलमान मज़ार पर जाकर सजदा ए इबादत कर शिर्क करते है ???? इसका जवाब देने से पहले ये हदीस मुलाहिज़ा फरमाये..... *🍀रसूल अल्लाह सल्ललाहु अलैहि वस्सलम ने इर्शाद फ़रमाया के मुझे इस बात का खौफ नही के तुम मेरे बाद शिर्क करोगें मगर ये के तुम आपस में बुग्ज़ रखोगे.* *📒( हवाला : सही बुखारी , जिल्द 2 ,हदीस न 6102 )* नबी ए पाक जानते थे कुछ लोग मुसलमानो पर शिर्क का इलज़ाम लगाएंगे , इसलिए बिलकुल साफ़ कर दिए के उम्मत शिर्क नही कर सकती ! अब सजदे की हकीकत देखो .......... *सजदे की 2 किस्मे होती है.* 1]सजदा ए इबादत. 2]सजदा ए ताज़िमी. सजदा ए इबादत अल्लाह के सिवा किसी को करना शिर्क है , और सजदा ए ताज़िमी पिछली शरीयतो में जायज़ था, जैसे फरिश्तों ने आदम अलैहिस सलाम को सजदा किया, पर इस शरीयत में हराम है ! *सजदे के लिए कुछ शर्ते .....* 1) निय्यत : किसी भी काम को करने में निय्यत का दखल ये है के कोई किस निय्यत से कोई काम कर रहा है ! दलील : बुखारी शरीफ की पहली हदीस है के "इन्नामल आमलु बिन निय्यात" अमल का दारोमदार निय्यत पर है ! *📚( हवाला : सही बुखारी , जिल्द 1 , हदीस नं, 1 )* 2) सजदा करते वक़्त 7 हड्डियों का ज़मीन से मिलना जरुरी है ! *दलील : इब्ने अब्बास रदियल्लाहु अन्हु रिवायत है के रसूल अल्लाह* *सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फ़रमाया के " अल्लाह की तरफ से मुझे हुक्म हुआ के 7* *हड्डियों पर सज्दा किया जाए और नमाज़ में कपडा या बालो को ना मोड़ा जाएं !* ( 7 हड्डिया ये है ) पेशानी और नाक , दोनों हाथ , दोनों घुटने और दोनों पाँव ! *📒( हवाला : सही मुस्लिम , हदीस न 995 /* *📕सही बुखारी , जिल्द 1 , हदीस न 773 )* ये खास शराइतों में से है ! वहाबियों की बीमारी है के किसी को झुकता हुआ भी देखे तो शिर्क शिर्क चिल्लाना शुरू कर देते है ! ( हालाँकि ये खुद मुशरिक है ) भले ही कोई झुक कर मज़ार पर चद्दर को बोसा दे रहा हो ! कोई भी मुसलमान जिसे दींन की समझ बुझ है वो मज़ार पर सजदा नही करता ! अगर लाखो में कोई एक जाहिल ऐसा करता हुआ दीखता भी है, तो भी हम बिना तहक़ीक़ किये, बिना उसकी निय्यत जाने उसपर शिर्क का फ़तवा नही लगा सकते ! सब से पहले उससे पूछना पड़ेगा के वो क्या कर रहा था ? अगर कहे के सजदा तो फिर पूछा जायेगा के ताज़िमी या इबादत के लिए ? अगर वह कहे के ताज़िमी तो उसको समझाया जायेगा के यह इस्लाम में हराम है ऐसा ना करे ! अब भी इसपर शिर्क का फतवा नही लगेगा , और सजदा ए इबादत मुसलमान सिर्फ और सिर्फ अल्लाह को करता है ! बगैर तहक़ीक़ किये या किसी की निय्यत जाने बगैर सिर्फ झुकता हुआ देख कर किसी को काफिर ओ मुशरिक कहना उस पर शिर्क का इलज़ाम लगाना सख्त जहालत है , और ऐसा करने वाला खुद मुशरिक हो जाता है ! इस हदीस की रौशनी में अगर किसी ने महज़ मज़ार पर बोसा देने या झुकता हुआ देख कर, किसी मुसलमान को काफिर ओ मुशरिक कहा तो वो खुद काफिर और मुशरिक हो जायेगा ! इसलिए बदगुमानी से बचे और मुसलमानो पर शिर्क का इलज़ाम लगाने से बाज़ आ जाएं ! Join Grup & Brodcost list 🌹GULAM-E-PANJATAN🌹 ...%Faqeer BABAR RAZVI
@@ancreation9260 muje pata hai muje mere ghar walo ko saat kaise Rahena hai, hum logo may Jigna pyar hai na wo aap jaise logo ne Kabhi dhekha bhi nahi hoga or aap logo ko Kabhi Nasib bhi nahi hoga Sakta hai
@@babulaimco9399 Alhumdulillah Humara Islam mukammal deen hai or jis tarha humare Rasool ne bataya h usi tarha deen par Amal krna h paidaish se le kar mout tak or Rasool Allah ne hi kaha h jo galat kare use pehle haat se roko agar nahi ruke to muu se roko or agar phir b nahi ruke to apne dil me use bura samjho Or Rahi baat Meri to alhumdulillah Rasool ke bataye hue tarike par apni Zindagi guzar Rahi hu ..
Yaahaa app mujhe proof kaar k baataaein ki kounsa admi puure maajmein mein booth ki pujaa karahaa hai jo app shirk bolraahi hai ,,,,, aandeh hoo kya app ,,,, ya toh app aandeh hoo ya fir appko shirk ka matlaab hi nahi maaloom
Duniya bhar ke gunha Karne or shirk Karne baad Aap sahi Deen shikhane Nikle hai koi khudse jahalat may hota hai usse sari Duniya may jahalat hi dhikti hai
@@faizaansayyed5727 zikr kabi bhi kiya jaa sakta hai. Ye zaroori nhi hai ki 40 days ke baad ya 11 mahine baad karna hai. Ibadat bas Allah hi ka karna hai
Sunni ka matlab kya hai ? Apko pata hai ? Sunni ka matlab sunnaton par chalne wala... Hamare nabi paak k bataye hue raston par sabit qadam rehne wala... Par yeh hamari sunnat nahi hai.... A galat hai matlab galat hi hai
Astagfirullah.... Allah sab ko hidayat de... Kya yeh quraan sareef likha hua hai kya ??? Dekh kar hi mere raungthe khade ho gaye... Aaj kal deen charon taraf badi tezi k sath phail raha hai...par kch jagah aisi b hai jaha par deen e islam k bajaye apne bàde bataye hue raste par chal rahe hai... A kya cheez hai ? Kya padh rahe hai ?
Tv nhi hai......youtube zaroor use karti hon....youtube use karne me b 2 tarike hai ek sahi aur faidamand Dusra galat aur nuksanda... Mujhe isme cooking k bare me stiching aur gardening k bare me nez har tarha k faida mand cheezein milti hai.....
@@mutalibmkg Association of other Gods other than Allah is the greatest of sins. Same as self made rules like doing chehlum after 40 days after someone has died
Great to see سبحان الله
Proud Sunni, subscribed
ua-cam.com/video/--PRy0hYrVk/v-deo.html
Ye humare gaon ki gyarvi hai
alag Tarz m
@@faizaansayyed5727 konsa gaon
@@suhailshaikh273 Bandiwde Ye kankavli se 30kms I distance pe hai
@@faizaansayyed5727 mashallah mai bhi KANKAVLI se hu mera gaon kalmath hai.. masjid ke paas..
@@suhailshaikh273 Jazakallah Bhai
Like Subscribe or share zarur karna
dua ki darkhwast
subhanallah zikr e rasool ki baat hi alag h
Shukriya
MashaAllah dekhkar bhot achcha laga ki aaap sunni Allah aapki aur aapki family ko bhot tarraki de
Bahut bahut shukriya aap Ka Dua k liy
Ameen
ua-cam.com/video/--PRy0hYrVk/v-deo.html
Ye humare gaon ki gyarvi hai
alag Tarz m
Masha allah masha allah ...may almighty always keeps u under the shades of gumbad e khizra HAQ jilanai ya jilani
Astagfirullah
Whabiyo ke naam pe
Allah inko hidayat de.
@@shakeelafitwalla5708 Allah sab ko hidayat khas karke whabiyo ko
@@babulaimco9399 apni Zabaan sambhalo
@@naziashaikh4835 do hafte lag gaye aap ko jagne may, shayad aap ko ab tak hidayat nahi mili hai,
Astagfirullah,may Allah keep us on straight path.
correct May Allah keep you on straight path.
*फ़ैसला हक़ और बातिल, पोस्ट नं.5*
*मसअला ए इल्म ए ग़ैब, क़िस्त 1*
अक़ीदा ए वहाबिया👇
उसमें ये है के हज़रात अम्बिया व आऔलिया ग़ैब पर मुत्तले नहीं सिवाय अल्लाह तआला के किसी को इल्म ए ग़ैब साबित करना ख़िलाफ़े ईमान कुफ़्र व शिर्क है,
इसमें चंद इबारात पैश की जाती हैं,👇
वहाबी देवबंदीयों के ईमाम रशीद अहमद गंगोही ने अपने फ़तावा में लिखा👇
अस्बाते इल्म ए ग़ैब ग़ैर हक़ तआला को शिर्के शरीह है,
(यानी अल्लाह तआला के सिवा किसी और को इल्म ए ग़ैब मानना शिर्क है)
📕अज़ फ़तावा रशीदिया जिल्द 3, सफ़ह 7)
यही मौलवी
दूसरी जगह लिखता है👇
इल्म ए ग़ैब ख़ासा हक़ तआला का है इस लफ़्ज़ को तावील से दूसरे पर इतलाक़ करना इहामे शिर्क से ख़ाली नहीं,
📕 अज़ फ़तावा रशीदिया जिल्द 3 सफ़ह 43)
वहाबी मौलवी लिखता हैं👇
अम्बिया अलैहिमुस्सलाम ग़ैब पर मुत्तले नहीं (यानी किसी भी नबी को इल्मे ग़ैब नहीं)
📕अज़ मसअला ए इल्म ए ग़ैब सफ़ह 2)
और वहाबी देवबंदी अहले हदीस के बड़े पेशवा और इमाम इस्माईल देहेलवी ने लिखा👇
अल्लाह का सा इल्म और को साबित करना सिवा इस अक़ीदे से आदमी अलबत्ता मुश्रिक हो जाता है,
ख़्वा (चाहे) ये अक़ीदा अम्बिया , औलिया से रखे ख़्वा(चाहे) पीर व शहीद से फिर (चाहे) ख़्वा यूं समझे के ये बात उनको अपनी ज़ात से है, ख़्वा अल्लाह के देने से है,
ग़र्ज़ इस अक़ीदे से हर तरह शिर्क साबित होता है,
📓अज़ तक़वियतुल ईमान, सफ़ह 10)
दोस्तो ये किताब आज भी वहाबी देवबंदी अहले हदीस के मदरसों में पढ़ाई जाती है,
अब आईये क़ुरआन की रोशनी में अक़ीदा ए अहले सुन्नत देखिए,👇
अक़ीदा ए अहले सुन्नत ये है के अल्लाह तआला तो आलिमुल ग़ैब बिज़्ज़ात है और हज़रात अम्बिया व औलिया ब अताए ख़ुदा वंदी ग़ैब जानते हैं,
और अल्लाह तआला की अता से कसीर ग़ुयूब पर मुत्तले हैं,
इस पर कसीर (बहुत) दलाइल शाहिद हैं👇
दलील नंबर 1, क़ुरआन मजीद की आयात से मुलाहिज़ा हो👇
तर्जमा👇
अल्लाह की शान ये नहीं है के ऐ आम लोगो तुम्हें ग़ैब का इल्म दे, हां अल्लाह चुन लेता है अपने रसूलों से जिसे चाहे,
📚सूरह आले इमरान पारा 4, रुकू, 18)
(2) तर्जमा👇
ग़ैब का जानने वाला तो अपना ग़ैब किसी पर ज़ाहिर नहीं फ़रमाता, सिवा अपने पसंदीदा रसूलों के,
📚सूरह जिन पारा 29, रुकू 2)
@Oogly Googly i know allah knows better than you. So dont teach......🙏
The path is very straight my dear friends it's a chain come and join us.. that chain will take you to jannah.. auliya are the friends of Allah never leave their hand if you does then shaitan hold your hand
Ya Gus al madad
ya Gus al madad
ya Gus al madad
Ya Gus al madad
Ya Gus al madad
ya Gus al madad
Ya Gus al madad
Ya Abdul qadir jilani al madad
Mere piren pira al madad
Masha Allah..... I had started following you after watching this video 😀
Thank you
Subhanallah gyarvi sharif hum b manate hai niyaj b hai inshaallah
Shukriya
Par yeh deen e islam ke khilaf hai....
@@ancreation9260 dalil?
@@ancreation9260 Quran ki ayat bataye ya koi bhi hadis me yeh likha dikhaye gyaravih manana jayaz nahi.. Allah ki kasm chod denge manana 😂😂 laddoo.. bhole bhale logonko haula banate raho
i am soo suprised reading through the coments... i thing we must just respect each others views.. and evry indiviual has every right to what they belive and what not... #imwithgharekitchen
Subhanallah
Subhanallah
Subhanallah
Masha Allah
Shukriya
Khase ye se hay aap lloag??
Masha allah, subhan allah
Thank you so much
Subhan Allah.
Subahanallah.. ❣️❣️
Mashallha
Thank you
Subhanallah
Thank you
Hamare yha bhi 11vi hai aap kidar ke
Mai kokan rajapur se hu
Hm bhai aap ke pas oon ka number hai to do
Yeh kaha likha h iss tarha karna
App har kaam jaise likha hai waise hi karte hai kya ya fhir shirf dhikhawa hai
@@babulaimco9399 jaise likha h waise karne ki koshish zaroor karte h malumat puri lekar
Jan bujh kar andhe kuwe me girne se bahetar hai ke kuwe k paas hi na jaye....
Waise hi jab sahi deen aur sunnat pata na ho toh a sab kaam na kare....
Gunah se bach jayenge...
As salmu alekum mashall 🤲🤲
Waalikum salam
Thank u so much for this video miss this time
Abhi bhi chal rha hai ye konse ganw ki hai garavi pudny ka lheja alag lag rha hai
ua-cam.com/video/--PRy0hYrVk/v-deo.html
Bhai ye humare gaon ki Taras m hai
Wahan jitne log hai pehle 5 waqat ki namazi bano
App kya pata wo namazi hai ya nahi
@@babulaimco9399 agar quraan aur hadees ko jante toh pata hota yeh sab shirq h Allah sab maaf karega magar shirq kabhi maaf nhi karega
Bhai mere ristedaar hai aur mashalla 5 wakt ke namazi bhi hai
Aapko pata hai ye fatiha kab ho rahi hai.. Namaz ke baad ho gayi hai fateha... Pehle samjho aap kya baat kar rahe ho
@@gohersalim3745 quraan or hadees ki baat kar rahe hai jo aap logo ne aapne hisaab se banai hai ya fhir aap logo ke mulla logo ne
Plzzzz mra liy dowa kro k 11 Sheerf vlo k sadq bata male ameennnnnn
Ji zarur dua karegy
@@Ghareskitchen thnks
What is Gyarvi Sharif?
Gyarvi Sharif is the zikr(to recite the greatness)of ALLAH (azawajal) and his beloved Prophet MUHAMMAD (Sallala hu ta'aala alaika wassalam)
ua-cam.com/video/--PRy0hYrVk/v-deo.html
For proper with their meaning
Mashaallah
Thank you
Very nice , india kon se city m
Mumbai
ua-cam.com/video/--PRy0hYrVk/v-deo.html
Ye humare gaon ki gyarvi hai
Alag Tarz me hai
Aunty this is ibrahim patel na jo padre hai
Bhot acha tha me bhi manti hu giyarvi sherif
Thank you
Iska Matlab aap Quraan ko nhi manti.. Quraan me likhe Allah ke hukm ko nhi manti jisne surah_e_mayeda me saaf saaf kaha h hi vo khana jis pe Allah ke Siva kisi ka bhi naam liya Gaya ho vo musalman k liye Haram h..
@@khudejashaikh7283 Shayad aapko nahi malum fateha me allah ka hi naam liya jata... Quran ki ayat hi padhi jati hai.. pehle pura information nikalo fir bolo
📚 *मज़ार पर सजदा और शिर्क के इल्ज़ाम का जवाब पोस्ट पड़िए और आगे भी शेयर किजीए !* 📚
*_आंखे बन्द होने से पहले खुल जाए तो बेहतर है !_*
_*वरना कब्रिस्तान उन लोगों से भरा पड़ा है, जो कहते थे कि कल से नमाज़ पढ़ेंगे !*_✍
🌹🌹
📚 *मज़ार पर सजदा और शिर्क के इल्ज़ाम का जवाब !* 📚
सबसे पहले तो ये जान लेना जरुरी है के
तमाम इबादतें सिर्फ अल्लाह के लिए है !
अल्लाह के सिवा कोई भी इबादत के लायक
नही है , उसी तरह शरायत ए मुहम्मदी
सल्ललाहु अलैहि वसल्लम में सजदा भी
सिर्फ और सिर्फ अल्लाह के लिए ही है !
अहले सुन्नत वल जमात का अकीदा भी अल्हमदुलील लाह यही है !
इमाम ए अहले सुन्नत आला हजरत अलैही
रहमा गैर अल्लाह को सजदे के मुताल्लिक
इर्शाद फरमाते है के , " सजदा अल्लाह के
सिवा किसी के लिए नही है " ! गैरुल्लाह
को सजदा ए इबादत शिर्क है और सजदा ए
ताज़िमी हराम है !
*📘( हवाला : अज़्ज़ुबदतुज़ ज़ाक़िय्या , सफा नं 5 )*
👉वहाबी फिरका जो पिछले 250 साल पहले
यहूदियो और नासारिनियो के ज़रिये वजूद
में आया है , और इलज़ाम लगाते है के
मुसलमान मज़ार पर जाकर गैर अल्लाह को
सजदा करता है और इस तरह शिर्क करते
है !
क्या वाकई मुसलमान मज़ार पर जाकर
सजदा ए इबादत कर शिर्क करते है ????
इसका जवाब देने से पहले ये हदीस
मुलाहिज़ा फरमाये.....
*🍀रसूल अल्लाह सल्ललाहु अलैहि वस्सलम ने इर्शाद फ़रमाया के मुझे इस बात का खौफ नही के तुम मेरे बाद शिर्क करोगें मगर ये के तुम आपस में बुग्ज़ रखोगे.*
*📒( हवाला : सही बुखारी , जिल्द 2 ,हदीस न 6102 )*
नबी ए पाक जानते थे कुछ लोग मुसलमानो
पर शिर्क का इलज़ाम लगाएंगे , इसलिए
बिलकुल साफ़ कर दिए के उम्मत शिर्क नही
कर सकती !
अब सजदे की हकीकत देखो ..........
*सजदे की 2 किस्मे होती है.*
1]सजदा ए इबादत.
2]सजदा ए ताज़िमी.
सजदा ए इबादत अल्लाह के सिवा किसी को करना
शिर्क है , और सजदा ए ताज़िमी पिछली
शरीयतो में जायज़ था, जैसे फरिश्तों ने आदम अलैहिस सलाम को सजदा किया,
पर इस शरीयत में हराम है !
*सजदे के लिए कुछ शर्ते .....*
1) निय्यत : किसी भी काम को करने में
निय्यत का दखल ये है के कोई किस निय्यत
से कोई काम कर रहा है !
दलील : बुखारी शरीफ की पहली हदीस है
के "इन्नामल आमलु बिन निय्यात" अमल
का दारोमदार निय्यत पर है !
*📚( हवाला : सही बुखारी , जिल्द 1 , हदीस नं, 1 )*
2) सजदा करते वक़्त 7 हड्डियों का ज़मीन
से मिलना जरुरी है !
*दलील : इब्ने अब्बास रदियल्लाहु अन्हु रिवायत है के रसूल अल्लाह*
*सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने इर्शाद फ़रमाया के " अल्लाह की तरफ से मुझे हुक्म हुआ के 7* *हड्डियों पर सज्दा किया जाए और नमाज़ में कपडा या बालो को ना मोड़ा जाएं !*
( 7 हड्डिया ये है ) पेशानी
और नाक , दोनों हाथ , दोनों घुटने और
दोनों पाँव !
*📒( हवाला : सही मुस्लिम , हदीस न 995 /*
*📕सही बुखारी , जिल्द 1 , हदीस न 773 )*
ये खास शराइतों में से है ! वहाबियों की
बीमारी है के किसी को झुकता हुआ भी देखे
तो शिर्क शिर्क चिल्लाना शुरू कर देते
है ! ( हालाँकि ये खुद मुशरिक है ) भले ही
कोई झुक कर मज़ार पर चद्दर को बोसा दे
रहा हो ! कोई भी मुसलमान जिसे दींन
की समझ बुझ है वो मज़ार पर सजदा नही
करता ! अगर लाखो में कोई एक जाहिल
ऐसा करता हुआ दीखता भी है, तो भी हम
बिना तहक़ीक़ किये, बिना उसकी निय्यत
जाने उसपर शिर्क का फ़तवा नही लगा
सकते !
सब से पहले उससे पूछना पड़ेगा के वो क्या
कर रहा था ? अगर कहे के सजदा तो फिर
पूछा जायेगा के ताज़िमी या इबादत के
लिए ? अगर वह कहे के ताज़िमी तो उसको
समझाया जायेगा के यह इस्लाम में हराम है
ऐसा ना करे ! अब भी इसपर शिर्क का
फतवा नही लगेगा , और सजदा ए इबादत
मुसलमान सिर्फ और सिर्फ अल्लाह को
करता है !
बगैर तहक़ीक़ किये या किसी की निय्यत
जाने बगैर सिर्फ झुकता हुआ देख कर किसी को
काफिर ओ मुशरिक कहना उस पर शिर्क का
इलज़ाम लगाना सख्त जहालत है , और ऐसा
करने वाला खुद मुशरिक हो जाता है ! इस
हदीस की रौशनी में अगर किसी ने महज़
मज़ार पर बोसा देने या झुकता हुआ देख कर,
किसी मुसलमान को काफिर ओ मुशरिक
कहा तो वो खुद काफिर और मुशरिक हो
जायेगा !
इसलिए बदगुमानी से बचे और मुसलमानो
पर शिर्क का इलज़ाम लगाने से बाज़ आ जाएं !
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🌹GULAM-E-PANJATAN🌹
...%Faqeer BABAR RAZVI
Mere ghar me sare aese hi biddati hain. Astagfirullah
Jo Inshan aapne ghar walo ko hi kose usse kya kahe
Aap apne ghar walon ko sahi deen ki taraf laye....
Unke zahen me jo baat pathar ki lakeer ban gayi hai usko pyaar aur sahi deen se mitaye....
@@mutalibmkg
Galat ko galat kehne wale bade jigar wale hote hai aur woh b apne hi ghar walon ko....
@@ancreation9260 muje pata hai muje mere ghar walo ko saat kaise Rahena hai, hum logo may Jigna pyar hai na wo aap jaise logo ne Kabhi dhekha bhi nahi hoga or aap logo ko Kabhi Nasib bhi nahi hoga Sakta hai
@@ancreation9260 Galat ko Galat Khana chaiye magar char logo ke bich may nahi, tevha gunha hai ki Aap kisi ki burai isske piche kar rahe hai
Aap ka nambar do
Gr8 MashaAllah....Mubarak
Shukriya
Ye sab kya hai hamare Rasool ne nahi kiye or na hi sahaba ne kiye ya karne kahaa ..
To q kar rahe ho
Allah aap ko hidayat de
bilkul sahi.Na hamare Rasool ne kiye na sahabi ne.ye kaisi biddat hai?shirk ki maafi nahi hai
Nuha Jameel... Allah Taala aapko hidayat aapko ata farmaye...
@@shakeelafitwalla5708 ye shirk nahi hai... Agar aapko pata hota shirk kya hai toh aap aise na bolti
Mashaallah to aap har kaam jaise hamare rasool ne or sahaba ne kiye waisa hi karte, aap amal aapke saat.
@@babulaimco9399
Alhumdulillah
Humara Islam mukammal deen hai or jis tarha humare Rasool ne bataya h usi tarha deen par Amal krna h paidaish se le kar mout tak or Rasool Allah ne hi kaha h jo galat kare use pehle haat se roko agar nahi ruke to muu se roko or agar phir b nahi ruke to apne dil me use bura samjho
Or Rahi baat Meri to alhumdulillah Rasool ke bataye hue tarike par apni Zindagi guzar Rahi hu ..
Kya function hey yeh didi ? Niaz kya hota hey ?
Ha shimai gaw ki purani yadAai
Aaj tu sirf gyarwi batay , niyaaz kaise tayaar hui ,uss ka bhi video banana
Alhumdulillah....ki hum Sunni hain
Kya yeh sunnat hai ?
Apko pakka pata hai k.yeh sunnat hai ?
Waleykum salaam baji gaw ki purani yad Aai Acha laga s kerne ke leye mashalla bye Allah hafiz
Thank you so much
Kha par rajapur me
Nhi mumbra me
Hum bhi mumbra mai hi hai
Allah aapko hidayat de.shirq ki maafi nahi hai
Yaahaa app mujhe proof kaar k baataaein ki kounsa admi puure maajmein mein booth ki pujaa karahaa hai jo app shirk bolraahi hai ,,,,, aandeh hoo kya app ,,,, ya toh app aandeh hoo ya fir appko shirk ka matlaab hi nahi maaloom
Shirkh hai 11vi padni to dusre ke bivi ko bhi chod naa chodo bad my bolo sab ko sabmjaw
Ye sab shirk hai .Please sahi deen sekhe usi jahalat me na rahe .
Duniya bhar ke gunha Karne or shirk Karne baad Aap sahi Deen shikhane Nikle hai koi khudse jahalat may hota hai usse sari Duniya may jahalat hi dhikti hai
Ji nahi aapa shirk nahi hai aapko shayad gyarvi Sharif ka matlab nahi malum hoga......
Gyarvi Sharif ka matlab Allah or uske rasool ka zikr hai
@@faizaansayyed5727 zikr kabi bhi kiya jaa sakta hai. Ye zaroori nhi hai ki 40 days ke baad ya 11 mahine baad karna hai. Ibadat bas Allah hi ka karna hai
Bolny walo ko bolny do ham to sunny hy gyarvi mnaty rhy gy
Ji inshallah zarur manate rhege
Allhumdulillah hum sunni hai
@@fkhan8592 ... Sunni hokar Rasool Pak SWAS ki sunnat ke khilaf kaam ?? Astagfirullah
Pagal hain naam ke sunni.. hadeeson ke baare me to inhe pta bhi nhi.. Quran kbhi translation me pdha nhi
Sunni ka matlab kya hai ?
Apko pata hai ?
Sunni ka matlab sunnaton par chalne wala...
Hamare nabi paak k bataye hue raston par sabit qadam rehne wala...
Par yeh hamari sunnat nahi hai....
A galat hai matlab galat hi hai
Mashallah
Shukriya
Pehle ye thik se padhe baad mai comment dale
Ye Sab gunaa hi allaha Sab ko nek hedayat de or din k rasty pr chalne wala bana please bura mat manna pr sch mi ye Sab serik hi
kya gunha hai sabit karo.. yeh saab allah zikr kar rahe hai..
Gunah shaitan ke liye hai aashiqonke liye to sawab hai ❣️
Aaur kisiko kuch kehna hai toh meri iske pehle wali comment padhe.
Gulzar Kotwal zabardast brother, ye wahabi jaahil hotey hai.
Astagfirullah....
Allah sab ko hidayat de...
Kya yeh quraan sareef likha hua hai kya ???
Dekh kar hi mere raungthe khade ho gaye...
Aaj kal deen charon taraf badi tezi k sath phail raha hai...par kch jagah aisi b hai jaha par deen e islam k bajaye apne bàde bataye hue raste par chal rahe hai...
A kya cheez hai ?
Kya padh rahe hai ?
Kya app har kaam Quran ke bataya hue tarikhe se hi karti hai, fhir app ke ghar may TV nahi hogi, app ko mobile pe you tube bhi dhekhna chaiye,
Tv nhi hai......youtube zaroor use karti hon....youtube use karne me b 2 tarike hai ek sahi aur faidamand
Dusra galat aur nuksanda...
Mujhe isme cooking k bare me stiching aur gardening k bare me nez har tarha k faida mand cheezein milti hai.....
@@mutalibmkg Association of other Gods other than Allah is the greatest of sins. Same as self made rules like doing chehlum after 40 days after someone has died
@@bangalibaba6818 aapke naam se pata chalta hai ki aap kya kaam karte honge,
@@mutalibmkg Bhai ye naam bas mazak se rakha hai, isse kuch Lena Dena nhi hai
Astagfirullah
Mashallah
Shukriya
Mashaallah
Shukriya
Mashallah
Shukriya
Mashallah
Thank you