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Gorakhpur: Online Attendance विरोधियों को CM City की जनता धोकर रख दिया!।TV9UPUK
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- Опубліковано 11 лип 2024
- #upnews #tv9upuk #breakingnews #cmyogi #akhileshyadav #upgoverment #bjp #bsp #samajwadiparty #newsupdate
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प्राइवेट स्कूल वाले इनता मेहनत करते है की बच्चो को स्कूल के बाद हर सब्जेक्ट की कोचिंग लगानी पड़ती है..
Kyuki wo log mehnat nhi karte bus show off karte hai 😂
@@pragyasingh702 sarkari me toh teachers aate hi nahi hai 😂
जिनकी 10 पीढ़ी में आज तक कोई प्राइमरी का मास्टर ना बना और ना ही अगली 10 पीढ़ी तक बनने की संभावना है(उनकी गिरी हुई सोच जो उनके डीएनए के साथ आगे जाएगी के कारण) वो लोग भी मास्टरों को ज्ञान दे रहे।
मेरा डंडा कहाँ है जरा निकालो तो!
😂एक पुरानी कहावत है कभी भी उस पर उँगली ना उठाओ जिस के जूते आपने पहनकर नहीं देखे …..
इन सबके विचारों से सहमत हैं लेकिन कभी शहरों को छोड़कर ग्रामीण परिवेश को भी देखें?
मैं भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहता हू।
यहां 10 से अधिक basic primary school है और सब रास्ते से जुड़े हुए हैं।
Mai gav se hi hu sir, wo din dur nhi jb apko gov.. Scl me bcche ni milenge ap logo ka rawaiya neta wala h teacher ni
ये जरूरी तो नही सभी सड़क से जुड़े हो..आपको कोई जानकारी नही..कभी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का अध्ययन कर लें.. सभी को दूर के ढोल सुहाने लगते हैं..@@SaurabhMishra-rv4dk
Arey bkl, sabhi road kharab nahi hai, nikkme hai ye govt teachers
Iska kya mtlb gramin h mtlb jb mrji ayge jb mrjib jayge
मैं खुद भी एक शिक्षिका हूं। मैं चाहती हूं कि विभाग के सभी पदाधिकारियों का भी ऑनलाइन attendance बनना चाहिए।on time on location। यादि एक मिनट भी लेट हुए तो उनका भी वेतन कट।बायोमैट्रिक attendance से दिक्कत नही है पर परिस्थिति विशेष पर शिक्षकों की समस्याओं को भी समझना पड़ेगा। वे भी इंसान हैं परिवार वाले हैं।सरकार और विभाग स्कूलों में प्रत्येक वर्ग के लिए शिक्षक देने की बात क्यों नही करते।किसी क्लास में 35 या 40 बच्चे नही हैं तो क्या उस क्लास की पढ़ाई नही होती है???शिक्षक देने की बात बात पर शिक्षक छात्र अनुपात का नियम लागू करने लगते हैं।सरकार पहले अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान दे।इनको सिर्फ बुलडोजर चलवाना आता है।
@@olivebarjo5581 baat anupaat smaanupaat ki nhi time pe pahunchne ki hai koi change 1 din me nhi aata suruat to kijiye +ve mindset ke sath
Apko rajniti me aana chahiye tha teacher ni
@@user-zb7zl9mk6etu chala ja
Tumko jab samjh me nahi aati hai baat to kya kaha jaye , ye video me jitne log bol rhe sab phli bat to jalan se bhare hain,aur jake Google kar le ya khi se jankari jutaye to pta chle ki school ki education level phle se bahut sudhri hai.
Teachers ko society ka sabse garib sabse kmjor bachha milta hai uske bavjud teachers acha kaam kaar rahe.ye jo private teacher h govt school k bachho ki pdha k dikha de ya relsult la k dikha de to janu.
Jismo paki pakai mil jati h wo to mahan ban gaya.
Govt school ki ek kami kya dikh jati hai sara department hi bekar ho jata h.are aise log har vibhag me hain jo kamchor h sirf basic hi nahi hai.teachers koi Aladdin ka chirag nhi maang rahe bas EL aur half day leave mang rahe jo ki rajya karmchari ko milta hai.thodi to insaniyat rakho aur sharm kro.sabhi ko galat bolne se phle socho ki kya bol rhe.govt sirf padhane deti to aur hi result rhta lakin 27 alag kaam b Krna hai aur time bache to pdhana hai.
Salary sabko dikh rhi hai ,kam kar le govt salary fr dekhe ki kitne log aate teacher banne akhir me sbko Ghar chalane k liye paise hi chahiye hoti hai.@@user-zb7zl9mk6e
@@user-zb7zl9mk6e दरअसल, आजकल शिक्षक सबकी आंख का कांटा बन गया है, शिक्षा व्यवस्था चलाने व शैक्षिक नीति बनाने के लिए शिक्षक नहीं एसी में बैठने वाले सरकारी बाबू, चाहे पद नाम कोई भी दे दें, शिक्षकों को मोहरा बनाकर शैक्षणिक रूप से बौने राजनीतिक आकाओं को खुश करने केलिए ऐसी ओछी हरकत करते हैं,रही बात शिक्षक की तो निश्चित तौर पर शिक्षक अन्य सरकारी कर्मचारियों की तुलना में ईमानदार, कर्तव्य परायण व समय का पाबंद होता है, कुछ एक अपवाद को पूरे समाज का प्रतिबिम्ब नहीं माना जा सकता है, मैं कहता हूं, सभी छोटे बड़े अधिकारी व कर्मचारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढवाएं,सब अपने आप ठीक हो जाएगा, प्राइवेट स्कूलों को बंद कीजिए, नहीं करेंगे, दूसरों के बच्चे सुविधा विहीन सरकारी स्कूलों में व इनके बच्चे नामी गिरामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ेंगे, यही दोगलापन सरकारी स्कूलों की बदहाली के लिए जिम्मेदार है,
इसे कहते है द्वेष भावना... बिना कुछ जमीनी स्तर पर जाने लोग कुछ भी बोल देते है.
यह सब लोग doctor की डिग्री लगा रही है पर कही नौकरी नहीं मिली तो आ गयी सरकारी कर्मचारियों की प्रॉब्लम गिनाने,
Private school से compare करना है तो बाकी सुविधाएं भी तो वैसी होनी चाहिए। वहां syllabus पूरा किया जाता है, यहाॅ हरेक बच्चे पर अलग अलग काम करना पड़ता है।
दूसरों का काम सबको खराब लगता है अपना काम सबको अच्छा लगता है पहले के मुकाबले अब सरकारी स्कूलों में काफी बदलाव हो रहा है जो नए एजुकेटेड टीचर जा रहे हैं वह प्राइमरी में एजुकेशन पर काफी ध्यान दे रहे हैं और मेहनत भी कर रहे हैं सरकारी स्कूलोंके टीचरों के प्रति समाज में नकारात्मक मानसिकता को दूर करना होगा सरकारी स्कूलों में जाने वाले बच्चे पेरेंट्स को भी जागरूक होना होगा औरसरकार को जागरूकहोना चाहिए सरकारी स्कूल में पढ़ाई के अलावा सरकारों के 75 कम होते हैं जो टीचर उन्हें में लगे रहते हैं उसे पर बात कोई नहीं होती है हर सरकारी स्कूल के टीचर को ही दोष देना ठीक नहीं है बहुत से सारे स्कूल ऐसे भी हैं जहां पर एक एक टीचर दो दो टीचर 150 से 200 बच्चों को संभाल रहे हैं सोचो वहां पर कैसी शिक्षा होगी
You are Right
ये प्राइवेट वाले 3000 रुपये प्रतिमाह लेकर केवल लूटने का काम करते हैं, हर प्राइवेट में पढ़ने वाले बच्चों को ट्यूशन लेना पड़ता है......ये इतने योग्य हैं तो परीक्षा पास करके सरकारी टीचर क्यों नहीं बन जातें.....क्यों 7000 में पढ़ा रहें हैं.........प्राथमिक विद्यालय में किस परिवेश से बच्चें आते हैं इनको पता ही नहीं....
3000 वाले लूट रहे 100000 वाले लेट आ रहे है और विरोध कर रहे और 100000 वाले 3000 वालों से बचूं को पड़ा रहे हैं।
1 टीचर 5 class quality education कैसे दे पाएंगे
Inlog ko dekh kar lag raha ki ye log kabhi gaon k parivesh mein gyi hi nhi
बवासीर की बीमारी बहुत खतरनाक होती है न कही जाती न सही जाती है,,#प्राइवेट स्कूल टीचर
आप शिक्षक है भैया
अगर आप शिक्षक है तो आपकी भाषा बहुत मर्यादित है
@@ArshadKhan-rz1nk जी धन्यवाद
Yadi aap sikshak hai to aapki bhasha kitni sahi hai dekh lijiye. Bacchon ko kya padayenge ye to bhagwaan hi jaane par aapke bacche sarkari me to nahi pade honge. Jinko bawasir kah rahe unhi se apne bacchon ko padhwaya hoga. Bawasir se bhag nahi paaye honge. Wanhi gaye honge.
ईश्वर न करे कि आपको सरकारी नौकरी मिले..नही तो आपको भी ये बिमारी लग जाती..वैसे आप उतने योग्य भी नही हो तभी तो प्राइवेट से चिपके हो..
सारीं सुविधाएं मिल रहीं हैं इसलिए ऐसे विचार हैं जिस दिन कुछ महीने गांव में बेसिक की नौकरी कर लोगे सच्चाई समझ में आ जाएगी। दूसरों पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना तो बहुत सरल है। है।
महोदय आपने यह बात क्यों छुपाए कि आप जिनका साक्षात्कार ले रहें हैं वो सब के सब निजी शिक्षक हैं? ऐसा propaganda क्यों?
पहली बात यह की सभी गवर्नमेंट टीचर 60000 वेतन नहीं पाते हैं। लगभग 2 लाख टीचर 10000 या उससे कम पाते हैं। सरकारी अध्यापकों से जो 27 कार्य पढाने के अलावा लिया जाता है उसी के कारण उसका वेतन प्राइवेट अध्यापकों से अधिक होता है।
Wah Re wah sab k sab DR. H 😂
1 LAKH TO aise bol rahe jaise ped pr lgte ho 😂
Zara check karo kitno ko 1 lakh milte h 😂
Aur ye bhi check hona chahiye ki ye dr jo interview de rahe kaha k dr h 😂
जाड़े के मौसम से कोहरा और
बरसात के मौसम से बारिश
हटवा दो तो शिक्षक एक मिनट भी लेट नहीं होता है ।
Sir, Kaam Na Karane Ke 100 Bahane Hai Jara Praivate Factory Mai Late Ho Kar Dikhao Gate Par Bahar Baitha Denge.
@@mangitsingh4312 ye sale teacher ni h neta h
UP के हर department में online attendance लगनी चाहिए
Dusro se kya mtlv dusra ek bhi din office nhi jayega, free me salary lega to apka bhi yhi adhikar hona chahiye. Kya bat hai
@@ritsdiariesदूसरों से क्या मतलब..तो भाई आपको भी तो इनसे मतलब नही होना चाहिए..दूसरे गलत हो तो ध्यान न दिया जाए..और बाकी अपने अधिकारों की बात करे तो गलत..वाह-वाह..वाह-वाह 😂
महराज जी के चाटुकार पत्तलकारों, सरकारी दफ्तरों के भ्रष्टाचार उजागर क्यों नहीं करते
Vo 9 se 5 duty krte h ,8 se 3 nhi
पत्रकार साहब आप जिस विद्यालय में है वहां के स्टाफ की जानकारी कर लीजिए कितने टीचर वहां कार्य करतेहैं क्या प्राइवेट को स्कूल में एक ही टीचर एक क्लास के लिए काफीहोता है सरकार की चट्टोपाध्याय छोड़िए और धरातल की चीजों को महसूस कीजिए
सरकारी स्कूल के टीचर्स स्कूल पहुँचते हैँ फिर बच्चो को घर घर बुलाने जाते हैँ तब आगे का सारा काम करते हैँ... Daily online assesment hota hai... Nipun, nishtha, read along...
Private teachers se in apps k naam bhi nhi sune honge...
In लोगो को बेसिक स्कूल के बारे मे कुछ पता नही है
जमीनी स्तर किसी को नही पता है
Teacher hoke late aana sbse bda gunah hai yhi sikhayenge bacho ko
@@monujays bhai hamaare gav me 1 se 8 tak school hai aur teacher 1 hai koi quality education kaise de payenge
@@monujays agr आप के घर मे कोई बेसिक का टीचर होता तो आप ऐसा नही कहते
Pagal khde kar liye jinhe jameen ka pata hi nahi sab sahri jinhe grmeed parivash se koi taluuk nahi
Kitneo ke bachhe sarkari school me padhte hai mera bachha padha hai sarkari school me aur aulampid me jila isthar tak poncha hai school se do gawn door se bachhe hai
Aap Subah 7:30 pahunch Jaate Hain aur uske bad Sidha apni class lete hain Sarkari master 7:30 pahunchne se pahle fal ka intejaam Karta Hai Aalu ka sabji ka tarkari ka ki aaj Banna Hai yah kam karte hain aap private wale
इन बंदरों से बात करना बेकार है।
एंकर महोदय की भाषा से लगता है की इन्हे कुछ तकलीफ है.. ये khud उकसा के प्रश्न कर रहा है
जमीनी हकीकत का पता नहीं बयान दे रहे हैं,
Inhe yeh nhi pta ki.... Gao ke bacche primary school tab tak aate hain jab tak unhein padhhna likhna naa jaaye..... Jaise hi yeh sab seekh jaate hain... Chauraahe par khule har 1 km par private 🎒📚me chale jaate hain.. Mahnat hum karte hain... Credit koi aur leta hai... Par haan... Yeh camera wali baat .. Pe I'm totally agree wid him 😇
प्राइवेट स्कूल खेत मे नही होते। नदी किनारे नही होते
लेकिन प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों को एक लाख रुपये सैलरी नहीं मिलती
Sadak pr naukri nhi padi thi exam de kr सैलरी le rahe 1 lakh nhi 10 lakh le rahe jisko lena ho wo bhi exam de
Aur 10-5 km wale 15 minute kya 30 ghanta pehle pahuchega jo 50-60 km se aata h usko 10-15 minute late ho jaye to lethan jhelo
Sadak itni acchi
Traffic itna accha
Raste k jaam crossing aur bhot sari samasya h
Lekin tum jaise log nhi samjhoge Q ki tumko सैलरी dikh rahi 😂
@@ArshadKhan-rz1nk
प्राइवेट टीचर को सैलरी कम। इसीलिए स्कूल में पढ़ाई कम।
ट्यूशन जादा।
Ek lakh nhi milti...ganv me aa k dekho...ye sb jhootb bol rhe h...inko kuch pata b nhi h@@ArshadKhan-rz1nk
Private b dekhte h.... Man bap tution sb lge hote h ek bcche k piche... Ganv me roti jaruri h
सरकारी शिक्षक अपने घर का काम,खेती और समाज,राजनीति आदि के बाद ये लापरवाह शिक्षक समय पर आते नहीं है और आने के बाद दिनभर फोन चलाते रहते हैं बाकी और भी बहुत कुछ होता है आप समझ जाइये
ये प्राइवेट टीचर बताएंगे कि बच्चों को कैसे पढ़ाना है धन्य है लोग।जो व्यक्ति सरकार की इतनी कठिन परीक्षा पास कर के आये है और ऐसा प्रश्न चिन्ह लगा रहे है जैसे घूस दे के सब आये हो।
जिस कठिन परीक्षा की लोग बात कर रहे 72000 उसमे जांच बैठी थी फिर भी नियुक्ति कैसे हुई ये खुद अपने आप में बड़ा सवाल है? एक पात्रता परीक्षा बता कर काबिल लोगों के साथ सरकार ने जो मजाक किया उसी का ये परिणाम है कि सरकार का विरोध हो रहा है।
Jisko mili wo nakabil
Jo ghar par baith kar makkhi mare wo kabil
भाई आप भी क्यूँ नही पा गए नौकरी ?जिन बच्चों को बेसिक अध्यापक पढ़ाता है,उसके बारे में पता है?जिनके अभिभावकों को अपने बच्चों का स्कूल का नाम तक नही मालूम,न ही बच्चों की चिंता..उन बच्चों को आपको पढ़ाना पड़ता है।कभी धरातल स्तर से पता करें.. विडम्बना ये है कि चयन तो पढ़ाने के लिए होता है लेकिन काम सभी इसको छोड़कर करना होता है।अब बताओ कैसे पढेंगे बच्चें.. होमवर्क दे तो कई दिन पढ़ने ही नही आते हैं.. किसी बच्चे का आधार नही बना तो आप बताए.. उसके लिए मास्टर कैसे जिम्मेदार है..सबसे बड़ी बात बच्चे का आधार न होने पर आपका वेतन रोकने का आदेश कर दिया जाता है..ये बस एक उदाहरण है...शब्द कम पड़ जाएँगे.. डिजिटल उपस्थिति का कोई विरोध नही..बस हमें चैन से पढ़ाने तो दो..हर फालतु काम में हमें लगा दिया जाता है..स्वास्थ्य से बड़ा कुछ नही ..कभी हॉस्पिटल के डॉक्टर की उपस्थिति देखी है..किस विभाग में दिगीतसल है? आप बताएं..@@ojhaamit100
डिजिटल
Ye techer apne bachne ko private school pdate h. Or abhi private school ko gyan de rhe h
पहाडे़ से ज्यादा आता है हमारे बच्चों को.........और आपको ट्यूशन लगा कर दी जाती है अभिभावक होमवर्क कराके भेजते हैं...
और आपका मैंनेजमेंट भी मोटी रकम लेता है फिर अभिभावक शिकायत करते हैं।
प्राइवेट टीचर्स की पढ़ाई इतनी अच्छी है की टयूशन न हो तो कोई स्टूडेंट पास ही न हो
100 Baat Ki Eak Baat Apni Kami Kisi Ko Dikhai Nahi Deti Sab Eak Dusare Ki Kami Ginane Mai Lage Hai.
Bahut acche vichar the ine Sabhi bhaiyon bahanon ke Aisa Hi Hona chahie❤
आप भी उत्तर प्रदेश के है वो टीचर भी उत्तरप्रदेश के ही हैं,एक दो हजार टीचर नही,पूरे 6लाख टीचर हैं सबके सब कर्तव्यनिष्ठ नही है? एक भी टीचर ऐसा नही है जो स्कूल में पढ़ाता हो?टीचर किसी एक समय के नही है,अलग अलग समय हुई भर्ती के हैं,डेढ़ लाख टीचर लगभग इसी सरकार में भर्ती हुए हैं, ऐसी क्या बात है की एक भी टीचर ठीक नही है जनता की नजर में?
1990 से 2024 तक भर्ती हुए किसी भी टीचर में नैतिकता नही है?प्रोडक्टिविटी नही है?राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध नही है?
Dr साहब पीएचडी धारी लोग रिसर्च करो,थीसिस लिखो ,सरकार ,समाज को जागरूक करो ऐसा क्यू हो रहा है?
और हां बहुत सारे, हजारों की संख्या में पीएचडी धारक नाम के आगे डॉक्टर लिखने की काबिलियत रखने वाले भी बेसिक में टीचर है और ऑनलाइन अटेंडेंस का वो भी विरोध कर रहे है।
प्राईवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों की तुलना बिलकुल मत कीजिये , प्राईवेट स्कूलों के बच्चों के पेरेंट्स मेहनत करते हैं शिक्षक नहीं मेरे दोनों बच्चे प्राईवेट स्कूल में पढें है और मैं सरकारी टीचर भी हूँ। वहाँ भी सारे बच्चे नहीं पढते ना ही उनका100℅ रिजल्ट होता है। 15℅ वाले बच्चे का रिजल्ट 40℅ बनाकर यह कह देते हैं कि आप अगर मेहनत करेंगे तो हम बच्चे को अगली कक्षा में प्रमोट कर देंगे अब जो पेरेंट्स साल भर भारी भरकम फीस देगा वो क्या अपने बच्चों को फेल करवायेगा दूर के ढोल सुहावने ही लगते हैं। बच्चा मेहु नहीं करेगा तो टीचर उसको संजीवनी बूटी नहीं पिला देगा।
ये प्रयोजित कार्यक्रम है।
Salary ka khela h sab, sindhu kumar ko bhi salary ka gamm h😂
इतने डॉक्टर लोग है इतने खाली है, यह डॉक्टर लोग करते क्या है..
क्या टीचरों को EL, हाफ CL नहीं मिलाना चाहिए.. क्या शिक्षक का परिवार नहीं होता..
Jo log PhD karte hai unko doctor kahte hai aur usko karna aapke bas ki baat nahi hai
आप लोगो के समकक्ष और आप से ज्यादा काबिल लोग पड़े हुए है, डॉक्टर की डिग्री ले लेने से समझने की काबिलियत नहीं आ जाती..
अगर आप को किसी बिंदु पर अपनी टिप्पणी देनी ही है तो पहले वहा की समस्या से अवगत होना पड़ता है, उसके बाद अपनी बात रखिये नहीं तो आप की डिग्री आप को खुद मुर्ख साबित कर देगी.
मैं आप को समस्याओ का एक छोटा सार देता हूँ.
-एक सरकारी टीचर को अपनी शादी करने के लिए मेडिकल लीव लेनी पडती है,
-अगर टीचर के घर मे कोई दुःखद घटना घट जाए तो उसे मेडिकल लीव लेनी पड़ती है.
-अगर स्कूल टाइम मे किसी के घर कोई दिक्कत आ जाए तो उसका समाधान क्या है,? यहां कोई हाफ cl जैसी व्यवस्था नहीं है..
-सरकार अपने हर योजना के लिए शिक्षक का इस्तेमाल करती है, क्या उन चीज़ो से बच्चो की पढ़ाई प्रभावित नहीं होती.
-Up बोर्ड के एग्जाम आते ही बेसिक के टीचरों की ड्यूटी लगा दी जाती है महीने भर स्कूलों मे टीचर की कमी हो जाती जाती क्या उससे शिक्षा प्रभावित नहीं होती
-स्कूल मे बच्चो को खाना मिल जाए इसलिए एक टीचर खाने का हर सामान सब्ज़ी से लेकर गैस तक की व्यवस्था करता है क्या इससे शिक्षा प्रभावित नहीं होती.
-ऐसे बहुत से काम करवाये जाते है कभी जमीनी स्तर पर उतर कर देखे यह डॉक्टर लोग तब समझ आएगा यह कितने प्रभुत लोग है, अच्छा कपड़ा पहन कर अपने आप को डॉक्टर कह देने से कोई शिक्षित नहीं कहलाता.
विरोध ऑनलाइन अटेंडेंस का नहीं है मांग सिर्फ बस इन सुविधाओ कि है जो कि व्यहारिक है,
इन मीडिया वालो का क्या यह तो देश के किसान को भी आतंकवादी घोषित कर दिए थे और आप कि तरह मैं भी उन्हें आतंकवादी मान लिया था, लेकिन ज़ब खुद पर बात आती है तब वास्तविकता से परचित होते है..
@@ojhaamit100
आप लोगो के समकक्ष और आप से ज्यादा काबिल लोग पड़े हुए है, डॉक्टर की डिग्री ले लेने से समझने की काबिलियत नहीं आ जाती..
अगर आप को किसी बिंदु पर अपनी टिप्पणी देनी ही है तो पहले वहा की समस्या से अवगत होना पड़ता है, उसके बाद अपनी बात रखिये नहीं तो आप की डिग्री आप को खुद मुर्ख साबित कर देगी.
मैं आप को समस्याओ का एक छोटा सार देता हूँ.
-एक सरकारी टीचर को अपनी शादी करने के लिए मेडिकल लीव लेनी पडती है,
-अगर टीचर के घर मे कोई दुःखद घटना घट जाए तो उसे मेडिकल लीव लेनी पड़ती है.
-अगर स्कूल टाइम मे किसी के घर कोई दिक्कत आ जाए तो उसका समाधान क्या है,? यहां कोई हाफ cl जैसी व्यवस्था नहीं है..
-सरकार अपने हर योजना के लिए शिक्षक का इस्तेमाल करती है, क्या उन चीज़ो से बच्चो की पढ़ाई प्रभावित नहीं होती.
-Up बोर्ड के एग्जाम आते ही बेसिक के टीचरों की ड्यूटी लगा दी जाती है महीने भर स्कूलों मे टीचर की कमी हो जाती जाती क्या उससे शिक्षा प्रभावित नहीं होती
-स्कूल मे बच्चो को खाना मिल जाए इसलिए एक टीचर खाने का हर सामान सब्ज़ी से लेकर गैस तक की व्यवस्था करता है क्या इससे शिक्षा प्रभावित नहीं होती.
-ऐसे बहुत से काम करवाये जाते है कभी जमीनी स्तर पर उतर कर देखे यह डॉक्टर लोग तब समझ आएगा यह कितने प्रभुत लोग है, अच्छा कपड़ा पहन कर अपने आप को डॉक्टर कह देने से कोई शिक्षित नहीं कहलाता.
विरोध ऑनलाइन अटेंडेंस का नहीं है मांग सिर्फ बस इन सुविधाओ कि है जो कि व्यहारिक है,
इन मीडिया वालो का क्या यह तो देश के किसान को भी आतंकवादी घोषित कर दिए थे और आप कि तरह मैं भी उन्हें आतंकवादी मान लिया था, लेकिन ज़ब खुद पर बात आती है तब वास्तविकता से परचित होते है..
अन्य विभाग (अस्पताल और तहसीलों में लागू करो पहले सब समय से जाए हैं जनता को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा
Sbse phle online attendance sachivalaya, District, Block pr Lagu ho fir school me Lagu ho
और ऐसा भी नही है की इन सबने कभी सरकारी शिक्षक बनने का ट्राई न किया हो... 😂😂😂 पा नही सके नौकरी तो सरकारी टीचर्स अब बुरे हो गये इनके लिए... हाथ न लगे तो अँगूर खट्टे हैँ 🤣🤣🤣
Ap ki soch ke jaise hi desh ki halat hai Abe private Wale Kam nhi krte desh ke liye bs sarkari job Wale hi kam krte hai desh ke liye waqhi yhi Nehru Gandhi bhagat singh Subhash Chandra Bose etc ne bharat desh ki kalpana ki thi hey Ram ap dubara aa jao prabhu
शिक्षकों का विरोध गलत है
जनता को चाहिए मुर्ख ना बने सभी अधिकारी नेता और सभी जन के लोग सरकारी स्कूल में पढ़े
Har sarkari karmchari ke liye online vyavastha ki jaye
Full facilities wale school me baithkar interview dena bahut easy hai...
कभी सरकारी स्कूल में एक दिन जाकर देखिए आगे तब बात करियेगा आप सभी सम्मानित लोग
ap sb agr private me padhti hai to kya apki bus PoooO Poooo aake ni krti
kya apki ya apke family me kisi ki tviyat achanak ni khrab ho skti to kya ap school ki chutti hone ka wait krti?
online attendance se teachers ko dikkat ni hai but jo jruri Hai EL CL half day leave etc vo jruri hai
har class wise teacher hona chaiye
ek teacher ek hi time me 5 class ke bachho ko padha to dega par limits ho jaenge ki nahi
basic chijo pe na dhyan dekr teachers ke point of view bina jane samjhe sirf apne vichar dena aasan hai
शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध नही कर रहा उसकी कुछ समस्याएं हैं जिनके समाधान के लिए उनकी कुछ मांगें हैं उन्हें पूरा करिए शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति देगा और जो लोग बिना जमीनी स्तर पर समस्याओं को समझे शिक्षक को कामचोर बोल रहे उन्हें उन स्कूलों में जाकर शिक्षक की बात सुनकर ही कुछ बोलना चाहिए
Good teacher 🎉🎉🎉
Online attendance ek Achchi pahel hai, par yadi hamare school ke kisi bachche ki Tabiyat kharab ho jaye ya chot lg jaye to school chhodkar bachche ko
Doctor ke pass Kaun le jayega
Teacher ke pass koi half c. L. Nhi hai
Aisi gambhir sthiti me online attendance me to a koi suvidha nhi hai
School me CCTV cameras hone chahiye
Jisme Sab pata chal jayega teacher
Kab school jata, hai, ?
Teacher ko badnam mt Karo
Saare adhikariyon ke bachche sarkari school me hone chahiye
Online app to chalte hi nhi
Jb tablet hi nhi chalega to teacher online haziri kaise dega ?
Pahle es samasya ka samadhaan ho
Yadi tablet nhi chal raha hai ,aur teacher School me maujood hai
To uski haziri kaise ho payegi
Koi batayega
Pahle net bnd kiya jayega
Maujood hote hue bhi teacher ko absent kiya jayega
Phir ilzaam lagaya jayega
Aur schools ka nijikaran kiya jayega,
Mera bhi manna hai keval shikhak hi nhi sare adhikari karmchari aor netao ki bhi online attendence honi chahiye
अब शिक्षक शिकार रहे हैं धारण कैसे दिया जाता है जो बहुत ही नंदिनी है सारे जीवन को सही समझने वाला गुरु ही 0 धरना देना सिखाएंगे तो समाज का क्या हालहोगा❤❤❤❤❤
अध्यापक को ई एल ,हाफ डे ,राज्य कर्मचारी का दर्जा ,कैशलैश सुविधा,तथा पूरे टीचर हों ,सरकारी स्कूल में निरीक्षक वर्ग के वच्चे भी पढें,स्कूल उनकी पहुंच में हों तभी डिजीटल सव कुछ सभी जगह हो
अगर आप बताएं तो मैं उस निजी स्कूल का नाम भी लिख दुं जिसके ये कर्मचारी हैं
लिखिए भाई पता चले यह चिरकुट कहाँ के है ।
@@AjayGupta-by3vkaap teacher h ya chirkut😂
सरकार का प्रयास अच्छा है लेकिन यह बायोमेट्रिक हाजरी शिक्षकों तक सीमित ना रखकर, जनता से सीधे जुड़े हर सरकारी बिभाग मे लागु किया जाना चाहिए
Teachers ki समस्याओं ko suna jana चाहिए ।
Teachers online attendance ka virodh nhi kr rha hai ....
Aap sb logo se request hai ki phle surface lable ki problem se awgat ho.
Uske baad boliye ...
ग़लत है मांग सरकारी वेतन पेंशन पाना है तो टाइम पर टाइप टु टाइम सही है हां शिक्षक से और काम न कराये जायपर हाजरी सही है ऐंट्री सही हाजरी बायोमेट्रिक सही है
हाजरी जरुरी है एकदम सही है परंतु किसी भी शिक्षक को गलत कहने से पहले पूरी जानकारी सही होना चाहिए ।
हजारी लगाने के लिए जो एप है वो सिर्फ बफरिंग कर रहा है और हजारी देना है 8.00 बजे तक । जब एप चलेगा नहीं तो शिक्षक हजारी देगा नहीं । इसका मतलब वह स्कूल मे रहते हुए भी अनुपस्थित । बिमारी का ईलाज जरुरी है न कि बढ़ाना । और जब नासूर बनेगा तब......
समाजवादी पार्टी अध्यापकों के साथ है वह बिल्कुल भी ऑनलाइन अटेंडेंस को लागू नहीं होने देगी.. जय समाजवाद.. मुझे एक बात समझ में नहीं आती अधिकतर सरकारी प्राइमरी स्कूल में दलितों और मुसलमान की ही बच्चे आजकल पढ़ते हैं तो बीजेपी को उनसे इतनी हमदर्दी क्यों हो रही है.. क्या यह कोई साजिश है
आप आदमी को शिक्षक की व्यावहारिक समयएं पता नहीं हैं, इसलिए वो इस आंदोलन को समझ नहीं पर रहा है। शिक्षक स्कूल समय से पहुंचने का विरोध नही कर रहे हैं। उनको राज्य कर्मचारियों की तरह 31 El, 15 हॉफ CL और 14 CL चाहिए।
❤❤❤
हां तो शिक्षक पढ़ने से थोड़ी मना कर रहा है जो मांगी है उन मांगों को पूरा करें सैटेलाइट लगा ले ऑनलाइन रिलायंस की जरूरत भी नहीं सैटेलाइट लगाकर परवाना हो चाहे ऑनलाइन
जैसे पड़वा ना वैसे पड़वा है
School se 60 km-80 km door rahte hain to time pe kaise pahuchenge. Problem to hogi hi na
शिक्षक सरकारी नौकरी भी करेंगे और गांव में ही सभी स्कूल है मकान भत्ता मिल रहा है तो गांव में ही रहे
इससे अच्छा तो यह है कि सभी सरकारी स्कूलों को और शिक्षक पद ही समाप्त कर दिया जाए और प्रधान अपने ढंग से बच्चों को पढ़ाने का प्रबंध करवा दे, उसी गांव के लोगों द्वारा उसी गांव में शिक्षा।
प्राइवेट की वकालत करने वाले आप सभी को जीजा और दामाद सरकारी कहा से मिलेगा। जीजा और दामाद सबको सरकारी ही चाहिए।
सब सरकारी खोजते तो आधे कुंवारे ही रह जाते आपका gyan ज़रूर फेसबुक से लिया गया लगता है और वहां ऐसा रिवाज हो सकता है सब जगह नहीं
डॉक्टर से पूछ रहे हैं यह लोग क्या जान रहे हैं की मूलभूत समस्याएं क्या है।
किसी की गलती को दूसरे से पूछना पहले किसी की जमीन जमीनी हकीकत जानना चाहिए अगर टीचर भी लड़ रहे हो तो वह जमीनी हकीकत के लिए लड़ रहेहैं बच्चों के भविष्य के लिए लड़ रहे हैं कोई दूसरों से पूछना वाजिब नहीं है पूछना है तो टीचर और सरकार सेपूछी क्योंकि दूसरा आदमी किसी भी विभाग के हकीकत और दुख दर्द को नहीं जानता कम संसाधन में टीचर बहुत अच्छा काम कररहे थे अगर ऑनलाइन हाजिरी लगवाना है तो टीचर को पूरा संसाधन दे उनकामांग वाजिब है किसी को बेड़ियों में जकड कर नहीं रखा जा सकता
Please come on village and see the situation and conditions
प्राईवेट स्कूल वाले नौकरी नहीं चाकरी और गुलामी नहीं करते हैं।इन सबो शिक्षा को व्यापार बनाकर रख दिया है।
तहसील, ब्लॉक, अस्पताल, विकास भवन, बिजली विभाग आदि में जहाँ अच्छा रोड, AC वाले कमरे, बिजली और आवागमन जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं वहाँ पर आन लाइन अटेंडेंस क्यों नहीं। जहाँ पर कई चक्कर लगाने के बाद भी अधिकारियों कर्मचारियों से मुलाकात नहीं होती वहाँ क्यों नहीं हो रहा।
बेसिक शिक्षा की तुलना प्राइवेट स्कूल से कर रहे हो तो ये बताओ प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे के आगे- पीछे परिवार के 3-4 लोग सुबह से शाम तक लगे रहते हैं सारी सुविधाए है फिर बिना कोचिंग के वह पढ़ लिख नहीं पाता। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चो से अभिभावक पूरे दिन में ये भी नहीं पूछ पाता की तुम्हारे पास कापी पेंसिल हैं या नहीं। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती इसका जिम्मेदार अभिभावक और सरकार भी हैं जो की सही समय से किताबें एवम् अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराते हैं।
शिक्षकों की कमी और शिक्षक को ही क्लर्क, चपरासी सभी कार्य आन लाइन और आफ लाइन में उलझाये रखना है जिससे समाज के लोगों में ये गलत संदेश पहुँच रहा की शिक्षक दिन भर मोबाइल चला रहे है।
बेसिक का हालात सुधारना है तो सभी सरकारी कर्मचारियों और सभी जनप्रतिनिधियों के बच्चों का बेसिक स्कूलों में पढ़ना अनिवार्य कर दे और पूरे देश का सिलेबस एक कर दे, लेकिन सरकार और जन प्रतिनिधि लोग ऐसा होने नहीं देंगे क्योंकि उनका धंधा बन्द हो जायेगा।
सबसे पहले पत्रकार महोदय ये जाने की विरोध हो रहा है तो क्यों हो रहा है ।जो टैबलेट मिला है वो चल रहा है कि नहीं क्या वो जाकर देखे ।
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इन मोहतरमाओ को क्या यह मालूम है कि बेसिक के शिक्षक को जाने में क्या-क्या दिक्कतें होतीहैं
क्या हमें प्राइवेट स्कूल की तरह आवास और आने जाने के लिए वैन की सुविधा उपलब्ध है
क्या सरकार हमें स्कूल के आसपास 123 किलोमीटर में कोई आवास दे रही है
Head Teacher ko Padhai ke alawa Itne faltu ke kaam dekar bachchon ke bhavishy ke saath khilvad Ho raha hai
CCTV cameras must be in schools
Sir madam kewal ek nivedan h aap kewal 15 din Bashik k teacher ki zindgi dekh lijiye 10% hr vibhag me bemani h aap khud apne private deparment me hi dekhate honge bhut dukh hota h aap logon ki baten sunker aap khud teacher h aap ko sb khte ki aap school me kuch nhi pdhate
प्राइवेट स्कूल वाले बच्चों को कमीशनखोरी सिखा रहे है।किताब और ड्रेस में कमीशन लेकर।
Joogi.isno.good.workig❤
पत्रकार महोदय जंगल के शेर की कहानी जानना है तो जंगल में जाना पड़ेगा ना की चिड़ियां घर में
Sir koi teacher online attendance ka virodh nahi kar raha hai please galat massage na de please
अगर प्राइवेट विद्यालय इतना ही अच्छे है , तो प्राइवेट के बच्चे ट्यूशन क्यों पढ़ने जाते हैं ?
ये जितने बड़बोले पे पे कर रहे है अगर इनको सरकारी टीचर बना दिया जाए तो जो अभी नियम बता रहे है उन नियमों का सबसे पहले विरोध करेंगे
Yogi ji sahi kiya.
If pvt school teacher able to reach school on time. Why not govt. Teacher
ये जनता अंधी है इन्हे सरकारी अध्यापकों में कमी ही दिखेगी शिक्षकों की परेशानी इन्हे दिखाई नहीं देती।
ये वो शिक्षक हैं जो इतनी मेहनत से पढ़ाते हैं बच्चों को कि उसके अभिभावक 2,3 tution लगवाना पड़ता है l
डॉक्टर लोग बहुत ज्ञान दे रहे हैं ये लोग क्यों कोर्ट गए जब ऑनलाइन इनकी उपस्थिति हो रहीं थीं देश के लोगों को लूटने का काम तो ये लोग करते इनके बच्चे सरकार स्कूल में पढ़ते हैं क्या की इनको पता हैं क्या शिक्षक समय से नहीं पहुच रहे कभी गए हैं लोग स्कूल
सब डॉक्टर हैं। कितने डॉक्टर समय से पहुँचते हैं?
टीचर ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए नहीं मना कर रहा है बल्कि ऑनलाइन अटेंडेंस में जो समस्याएं आ रही है उसको दूर करने की बात कर रहा है सभी चीजों का सही स्पष्ट करें मांग रहा है कभी गांव में जाकर के बेसिक टीचर की तरह 10 दिन काम करके देखें आप सभी को पता चल जाएगा टीचर ऐसी मांग क्यों कररहा है सिर्फ घरों में बैठकर के बातें करना आसान है क्या आपने अपने बच्चों को सरकारी स्कूल मेंभेजा है किसी सरकारी स्कूल में जाकर वहां के टीचर की परिस्थितियों देखिए तब आपकोसमझ आएगा
आप सभी ने अपना राय ब्यक्त किया। धन्यवाद
शिक्षक की समस्या हैं शिक्षक से बात करनी चाहिए आप को शिक्षको से तो हर किसी को जलन हैं
Teachers time se hi school ja rahe h jo online attendance me technical and practical problem aa rahi h uske liye virodh kr rahe h
जिनके बच्चे प्राइवेट में पढ़ते हैं वो सरकारी व्यवस्था वालों को ज्ञान दें रहे हैं। जो शिक्षक स्कूल समय से नहीं जाता उसको तो बर्खास्त कर देना चाहिए लेकिन ये प्राइवेट में अपने बच्चों को पढ़ाने के बाद पेपर लीक करके नौकरी प्राप्त करने वालों का ज्ञान किसी काम का नहीं।
ये जो लोग इस वीडियो में गवर्नमेंट को एप्रिशिएट कर रहें हैं उन्हें पूरी बात तो मालूम करना चाहिए, मैं भी एक प्राइमरी स्कूल मे शिक्षिका हूं। हमें सिर्फ पढ़ाने का काम नही करना है, स्कूल में जाके झाड़ू भी लगानी है और खाने का राशन भी लाना है। इसके अलावा और भी बहुत से काम हैं जिनको अगर मैं लिखने लगूं तो बहुत लंबा कमेंट हो जायेगा। पहले ये सारी मैडम और सर लोग और पत्रकार लोग जाके कुछ दिन स्कूल में पता कीजिए तब बक बक करने आएगा
private teachers sirf city ke baccho se parichit hai unke guardian jo highly educated hai to yh saari kamiya nikal rhe hai jake 1month village ke baccho aur guardian se mile unko treat kre tb jamini hakikat pta chalegi
Online attendance sarkar sabhi vibhagon me Lagoo kre tb school me
Dr shriwastav ke hospital me bhi online attendance ho jaye ..aur bahar practice karte hue pakde gaye to jail bhejo ...fir dekho rato rat sarkar gir jayegi
लगता है आपने कभी देहात क्षेत्र और बीहड़ पट्टी के स्कूल नहीं देखें है
Bycot online attendance
प्राइमरी स्कूल को प्रयोगशाला बना दिया है।
Maine bahut se private teacher dekhe hai jo sarkari school mein aane ke bad bahut pachtate hai jaha 8 se 2 ke time mein 1 ghante ke liye bhi light nahi aati par updesh kushal bahutere
ये जो भाषणबाजी कर रहे हैं, इनमें से कितने सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को भेजते हैं???
मैं भी सन 2000 में सरकारी विद्यालय में कक्षा 8 में पढ़ा हुआ हूं
शिक्षकों को बदनाम किया जा रहा है सारा काम शिक्षक करें और फिर काम चोरी भी बने
Aap jis school ke samane khade hai uska infrastructure dekhiye vaha ki facility ko dekhiye .