माया की एक झलक । मार्कण्डेय ऋषि की कहानी markandeya rishi ki kath vardan me mangi moh maya ka drashy

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  • Опубліковано 7 жов 2024
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    • Shri Prannathji TV Ser...
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    🙏prem pranam ji🙏
    सुन्दरसाथ जी यह वीडियो मारकंडेय ऋषि के जीवन काल की सच्ची घटना है जिसमे उन्होंने भगवान विष्णु से प्रबल माया की शक्ति को देखने की इच्छा जताई तव भगवान विष्णु उन्हें माया दिखाई किन्तु
    जब बे माया में डूबे तव वे अपने आप को पूरी तरह से भूल गय तव भगवान माया से निकल लाऐ
    इसी प्रकार हम भी माया में डुवे है हमे माया से निकलने बाला कोई नही है
    शिर्फ़ पूर्णवृह्म अछरातीत [सत चित आनन्द/ अल्लाहताला ] जो28 बे कलयुग में कल्कि /इमाम मेहंदी आ गय है वे ही माया से निकल सकते है
    माया से व्रह्मा , विष्णु या महेश इन में से कोई नही निकल सकता है क्योकि ये तीन भी अछर व्रह्म [जो सतचित आनन्द के अंग है] के स्वप्निक प्रकृति से वने है ओर जब अछर की नीद टूटतीं है अर्थत महाप्रलय आता है तव ये तीन गुण [ब्रह्मा , विष्णु ,महेश ओर पांच तत्व ] सभी नष्ट हो जाते है अरथात प्रकृति नस्ट हो जाती है
    अव आप सोच रहे है की नही विष्णु भगवान ने प्रकृति को बनाया है तो आप गलत सोचते है
    में भगवान की शक्ति या ताकत की बात नही कर रहा हु वे तो माया के स्वामी है बे सब कुछ कर सकते है सव दे सकते है केवल इस शारीर के जीव को भवसागर से हमेसा के लिये पर नही कर सकते है
    जिन्होंने इस प्रकृति को उत्पन्न किया है वे सतचित आनन्द ही माया से भवसागर से हमेसा के लिये पार कर सकते है जिन्हें भ्रम बस ज्ञानी जन विष्णु को मानते है
    आदिनारायण [विराट] प्रकृति से उत्पन्न हुई है जो माह प्रलय नस्ट हो जायगी यही परम सत्य है
    यदि इस सृस्टि के परम सत्य को जानना है तो विस्तार से समझिये 👇
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    🙏प्रेम प्रणाम जी🙏
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