Gyan kabhi taaza nahi hota hai | इसकी आध्यात्मिक सच्चाई जानें

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  • Опубліковано 19 вер 2024

КОМЕНТАРІ • 8

  • @unmilansaha3465
    @unmilansaha3465 5 годин тому +1

    Thank you sir 🙏🏼🙇

  • @Mjkumar004
    @Mjkumar004 3 години тому

    Great Series Sir🙏🙏🤗

  • @MonuKothari-l5x
    @MonuKothari-l5x Годину тому

    Thank you sir ❤❤❤🎉🎉🎉

  • @Prince-dr5ru
    @Prince-dr5ru 2 години тому

    Thank you sir..

  • @SunnySharma-qo4xz
    @SunnySharma-qo4xz Годину тому +1

    IAmshiv what is Shiv ALakh Narayan Shiv

  • @seemadongare9052
    @seemadongare9052 Годину тому

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏💕

  • @ferozshaikh6258
    @ferozshaikh6258 Годину тому

    Shirt 👌

  • @ashzenoga1
    @ashzenoga1 3 години тому

    "Gyan kabhi taaza nahi hota hai" का आध्यात्मिक सन्दर्भ बहुत गहरा और गूढ़ है। इसका तात्पर्य यह है कि ज्ञान एक शाश्वत सत्य है, जो समय या परिस्थितियों से नहीं बदलता।
    आध्यात्मिक दृष्टि से, ज्ञान किसी बाहरी परिस्थिति या काल के अनुसार नया या पुराना नहीं होता, बल्कि यह अनंत और अपरिवर्तनीय होता है। जैसे कि सत्य हमेशा सत्य रहता है, चाहे वह किसी भी समय और स्थान पर क्यों न हो।
    मुख्य बिंदु:
    1. ज्ञान का शाश्वत स्वरूप: ज्ञान समय और युगों से परे होता है। यह अनादि और अनंत है। इसे किसी नवीनता की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह अपनी मूल अवस्था में ही संपूर्ण होता है।
    2. आध्यात्मिक स्थिरता: आध्यात्मिक दृष्टि से, आत्मा का ज्ञान और उसका संबंध परमात्मा से भी ऐसा ही स्थिर और अपरिवर्तनीय होता है। यह चेतना की उच्च अवस्था का बोध कराता है।
    3. माया या परिवर्तन से मुक्त: सांसारिक ज्ञान समय के साथ बदलता है, लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान माया और परिवर्तन के बंधनों से मुक्त होता है।
    इस प्रकार, यह वाक्य हमें यह समझने में मदद करता है कि सच्चा ज्ञान वह है जो हमें हमारे वास्तविक स्वरूप और अस्तित्व का बोध कराता है, और यह हमेशा स्थायी, स्थिर और शाश्वत रहता है।