#फिरोज़
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- Опубліковано 23 вер 2024
- फिरोज़ ख़ान, जिन्हें फ़िरोज़ ख़ान के नाम से भी जाना जाता है, बॉलीवुड के एक प्रमुख भारतीय अभिनेता, फिल्म संपादक, निर्माता और निर्देशक थे। यहाँ उनके जीवन और करियर के बारे में कुछ विवरण दिए गए हैं:
पूरा नाम: जुल्फ़िकार अली शाह ख़ान
जन्म तिथि: 25 सितंबर, 1939
जन्म स्थान: बंगलौर, भारत
फिरोज़ ख़ान का जन्म एक पठान पिता, सादिक अली ख़ान तनोलि और एक ईरानी माँ, फ़ातिमा से हुआ था। उनके कई भाई-बहन थे, जिनमें अभिनेता संजय ख़ान भी शामिल हैं।
डेब्यू: फिरोज़ ख़ान ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1960 में फिल्म "दीदी" से की थी। उन्होंने 1965 की फिल्म "ऊँचे लोग" से लोकप्रियता हासिल की और "आरज़ू" (1965) और "आदमी और इंसान" (1969) जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए पहचान बनाई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला।
मुख्य अभिनेता के रूप में: ख़ान के आकर्षण और स्क्रीन उपस्थिति ने उन्हें "मेला" (1971), "सफ़र" (1970), और "अपराध" (1972) जैसी फिल्मों में एक प्रमुख अभिनेता बना दिया। निर्देशन: फिरोज़ ख़ान ने 1972 में "अपराध" के साथ निर्देशन की शुरुआत की। उन्होंने "धर्मात्मा" (1975), "क़ुर्बानी" (1980), "जानबाज़" (1986), और "दयावान" (1988) जैसी स्टाइलिश एक्शन फिल्मों के निर्देशन और निर्माण के लिए प्रसिद्धि पाई।
क़ुर्बानी: उनकी 1980 की फिल्म "क़ुर्बानी" एक बड़ी बॉक्स-ऑफिस हिट थी और इसे उनकी सबसे सफल और प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक माना जाता है। इसमें उनके शैली और सजीवता का मिश्रण दिखाया गया था। अपने करियर के बाद के हिस्से में, उन्होंने फिल्मों में अभिनय और निर्माण जारी रखा। उनके उल्लेखनीय बाद के कार्यों में "यलगार" (1992), "जनशीन" (2003), और "वेलकम" (2007) शामिल हैं।
व्यक्तिगत शैली विशिष्ट शैली: फिरोज़ ख़ान अपनी भव्य शैली के लिए जाने जाते थे, चाहे वह पर्दे पर हो या पर्दे के बाहर। उनकी फिल्मों में अक्सर शानदार सेट, स्टाइलिश कॉस्ट्यूम और विस्तृत एक्शन सीक्वेंस होते थे।
प्रभाव: वे हॉलीवुड फिल्मों से प्रभावित थे और भारतीय सिनेमा में पश्चिमी, परिष्कृत स्पर्श लाए, जिससे वे उद्योग में एक ट्रेंडसेटर बन गए।
विवाह और बच्चे: फिरोज़ ख़ान की शादी सुंदरि से हुई थी, और उनके दो बच्चे थे, लैला ख़ान और फ़रदीन ख़ान, जिनमें से फ़रदीन ख़ान भी एक बॉलीवुड अभिनेता बने।
मृत्यु: फिरोज़ ख़ान का निधन 27 अप्रैल, 2009 को बंगलौर, भारत में कैंसर से लड़ाई के बाद हुआ। फिरोज़ ख़ान को बॉलीवुड में एक मावरिक के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने भारतीय सिनेमा की सीमाओं को आगे बढ़ाया। एक अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के रूप में उनका योगदान उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ता है। उनकी फिल्में अपनी स्टाइलिश निष्पादन के लिए मनाई जाती हैं और दर्शकों के बीच स्थायी आकर्षण रखती हैं।
फिरोज़ ख़ान की भव्य व्यक्तित्व और उनके नवाचारी दृष्टिकोण ने उन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व बना दिया है।
❤❤❤❤ Masha Allah very good looking and very handsome hero may Allah grant his soul jannatul firdous 🤲🤲🤲🤲💖💖💖💖
Geet mood bigaar diyaa.