सोनारगढ़ (Sonargarh fort) जैसलमेर का किला गाइड के साथ ।@Sonargarh

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  • Опубліковано 10 лют 2025
  • सोनार गढ़ किले की विशाल पीले बलुआ पत्थर की दीवारें दिन के समय गहरे भूरे शेर के रंग की होती हैं, जो सूरज ढलने के साथ शहद-सुनहरे रंग में बदल जाती हैं, जिससे किला पीले रेगिस्तान में छिप जाता है। इस कारण इसे स्वर्ण दुर्ग, सोनार किला या गोल्डन फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है।
    रावल जैसल भाटी ने 1155 में सोनारगढ़ किले (Sonargarh Fort) का निर्माण कार्य शुरू कराया और उनके पुत्र व उत्तराधिकारी शालिवाहन द्वितीय के कार्यकाल में यह तैयार हुआ। पीले पत्थरों से बने इस 250 फीट ऊंचे किले पर जब सूरज की रोशनी पड़ती है तो यह बिल्कुल सोने की तरह चमकता है। इसलिए इसे सोनार किले के नाम से भी जाना जाता है।
    सोनार क़िला' राजस्थान के पर्यटन स्थलों में से एक है, जो जैसलमेर में स्थित है। यह क़िला और इसमें स्थित सैंकड़ों आवासीय भवन पीले पत्थरों से बने हुए है और सूर्य की रोशनी में स्वर्णिम आभा बिखेरते हैं इसलिए इसे सोनार क़िला के नाम से पुकारा जाता है।
    सोनार किला के नाम से भी जाना जाने वाला यह पुरातत्व कृति यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखता है। अगर आप जानना चाहते हैं कि जैसलमेर किले का निर्माण कब हुआ था, तो इसका इतिहास 1156 ई. का है। इसे जैसल नामक राजपूत शासक ने बनवाया था, जिसके नाम पर इस किले का नाम पड़ा।
    भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित जैसलमेर की स्थापना 1156 ई. में भाटी राजा जैसल ने की थी. यहां का सोनार किला राजस्थान के श्रेष्ठ धान्वन किलों में माना जाता है ।
    दूसरा शाका 1315 ईसवीं में हुआ। इस समय दूदा तिलोक सिंह महारावल थे। फिरोज तुगलक का हमला हुआ। शाके की तैयारी हुई, क्षत्राणियों ने जौहर किया और वीर सैनिक अंतिम सांस तक लड़ते रहे।
    काकनी नदी , जिसे मसूरी नदी या काकनेया नदी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित एक छोटी मौसमी नदी है।
    जैसलमेर का भाटी राजवंश | जैसलमेर के राजवंश की उत्पत्ति चन्द्रवंशीय यादवों की भाटी शाखा से मानी जाती है। ये स्वयं को श्रीकृष्ण के वंशज मानते हैं
    जैसलमेर का भाटी राजवंश
    जैसलमेर के राजवंश की उत्पत्ति चन्द्रवंशीय यादवों की भाटी शाखा से मानी जाती है। ये स्वयं को श्रीकृष्ण के वंशज मानते हैं। यादवों के एक वंशज भट्टी ने 285 ई. में भटनेर के किले का निर्माण कर वहां अपना राज्य स्थापित किया। इसी के वंशज भाटी कहलाने लगे। भाटी के वंशज मंगलराव ने तन्नौट में भाटी वंश की दूसरी राजधानी स्थापित की देवराज भाटी ने लोद्रवा को पंवार शासकों से छीनकर नई राजधानी बनाई। दंतकथाओं, ख्यातों एवं वंशावलियों के आधार पर भट्टि वंश के मुख्य प्रवर्तकों में रज और गज का नाम आता है। जो पंजाब में छठी शताब्दी में शासक थे। ये लोग वि.सं. 808 के लगभग राजस्थान में पंजाब से आकर बल्लमाड़ के मरुस्थलीय भाग में सुरक्षा की दृष्टि से आकर बस गये।
    जैसलमेर का पहला साका
    उस समय हुआ जब दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने विशाल सेना के साथ आक्रमण कर दुर्ग को घेर लिया। इसमें भाटी रावल मूलराज, कुवर रतनसिंह सहित अगणित योद्धा केसरिया धारण कर मातृभूमि की रक्षार्थ शहीद हुए तथा वीरांगनाओं ने जौहर की रस्म पूरी की।
    जैसलमेर का दूसरा साका
    फिरोजशाह तुगलक के शासन के प्रारंभिक वर्षों में हुआ। रावल दूदा, त्रिलोकसी व अन्य भाटी सरदारों और योद्धाओं ने केसरिया धारण कर शत्रु सेना से लड़ते हुए वीरगति पाई और वीरांगनाओं ने जौहर अनुष्ठान की रस्म पूरी की।
    जैसलमेर का तीसरा साका अर्द्ध साका कहलाता है। यह अर्द्धसाका राव लूणकरण के समय 1550 ई. में सम्पन्न हुआ। शत्रु के अचानक आक्रमण कर देने से जौहर अनुष्ठान का समय नहीं मिल पाया। अतः राजपूत योद्धाओं ने अपने ही हाथों से दुर्ग की वीरांगनाओं को पहले तलवार के घाट उतारा तत्पश्चात् केसरिया धारण कर वीर गति पाई। इस प्रकार यहाँ केसरिया तो हुआ लेकिन जौहर संपन्न नहीं हो पाया।
    The sonar fort's massive yellow sandstone walls are a deep lion-brown color during the day, turning to honey-gold as the sun sets, hiding the fort in the yellow desert . For this reason it is also known as Golden Fort, Sonar Fort or Golden Fort.
    #jaisalmer #sonargarhfort #sonar #jaisaldevbhati
    @jaisalmerfort @sonargarh ‪@जैसलमेर‬ ‪@तनोटरायमाँ‬ ‪@tanot_colombia6436‬

КОМЕНТАРІ • 11

  • @NeetaSharma-e4x
    @NeetaSharma-e4x 4 місяці тому +2

    ❤😊😊veryNiceBeautfulMahal❤❤

  • @Mansitiwari
    @Mansitiwari 5 місяців тому +3

    शानदार ❤😍

    • @himnidhi2005
      @himnidhi2005  5 місяців тому

      धन्यवाद भुल्ली

  • @Mohitkandwalvlogs
    @Mohitkandwalvlogs 5 місяців тому +2

    बहुत सुंदर भाई। लगे रहो।

    • @himnidhi2005
      @himnidhi2005  5 місяців тому

      धन्यवाद जी

  • @yaminibhatt3171
    @yaminibhatt3171 5 місяців тому +1

    ❤❤

    • @himnidhi2005
      @himnidhi2005  5 місяців тому

      धन्यवाद दीदी जी

  • @santoshibadoni2046
    @santoshibadoni2046 5 місяців тому +1

    😊❤❤

    • @himnidhi2005
      @himnidhi2005  5 місяців тому

      धन्यवाद दीदी जी

  • @govindborkar9191
    @govindborkar9191 4 місяці тому +1

    सोनारगड घनघोर माता और राणी महलपटवे की हवेली मालुमात बताई है धन्यवाद सर!