पाणिनीय व्याकरण में अर्थ एवं विवक्षा Vasantkumar Bhatt

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  • Опубліковано 2 гру 2024

КОМЕНТАРІ • 6

  • @mpbrand6498
    @mpbrand6498 4 роки тому +1

    आपने अपनी साधना के फल स्वरूप में अतीगूढ़ार्थ को सहज बना कर हम सबके उपर अनुग्रह किया है ।

  • @mansukhmoliya6699
    @mansukhmoliya6699 4 роки тому +1

    एक ही बैठक में व्याख्यान सुना । कई बातें स्पष्ट हुई । आपकी व्याकरण साधना का फल इस तरह से सर्व सुलभ हो रहा है इसका आनन्द है ।

  • @dilippatel8997
    @dilippatel8997 4 роки тому +1

    सर,आपके आभारी है।

  • @daveasha2316
    @daveasha2316 4 роки тому +1

    Apni samjava va ni rit khub j saras chhe.Navi navi jankari male chhe.

  • @Happyflute007
    @Happyflute007 2 роки тому

    Make more videos sir 🙏😊

  • @dr.soniyapatel4105
    @dr.soniyapatel4105 4 роки тому +1

    ધન્યવાદ સર