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vasantkumar bhatt
India
Приєднався 8 бер 2012
Here you can listen about the Sanskrit Textual Criticism and Manuscript logy. If we are not aware about the authentic text then our interpretation is suppose to be miss-leading. So, it is better to get some proper knowledge of the Textual Criticism.
स्वदेशी इन्डोलॉजी के नियमों से समीक्षित आवृत्ति Vasantkumar M Bhatt
All India Oriental Conference, 24-25-26 October, 2024
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Відео
भातु मे संस्कृतम् 19 8 2024 - वसन्तकुमार भट्टः
Переглядів 5873 місяці тому
संस्कृतस्य महिमगानम् । बालगीतम् ।।
आर्ययुग ग्रन्थरत्न की समीक्षा, Prof. Vasantkumar M. Bhatt, 2024
Переглядів 2096 місяців тому
आचार्य युगभूषणविजय जी महाराजा साहेब ने बनाया आर्ययुग विषय कोश - जैन दार्शनिक शब्दावली का ससन्दर्भ अर्थबोध कराने वाला कोश - की यहां समीक्षा की गई है ।।
बुद्ध पूर्णिमा, Vasantkumar M Bhatt
Переглядів 4406 місяців тому
इस विडियो में भगवान् बुद्ध ने मध्यम मार्ग कब चुना था - इस विषय की ओर अंगुलिनिर्देश किया गया है । आज 23-05-2024 वैशाखी पूर्णिमा के दिन बुद्ध का स्मरण करने के आशय से यह प्रस्तुत किया जा रहा है ।
अयोध्याष्टकम् ।।
Переглядів 65610 місяців тому
(1) रामजन्मभूमि अयोध्या का विवाद न्यायालय में चल रहा था, तब चित्रकूट के निवासी तुलसी पीठाधीश्वर अनन्त-विभूषित जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने कुल 340 प्रमाण दिये थे। उनमें से दो प्रमाण सविशेष ज्ञातव्य हैः- (क) अथर्ववेद का निम्नोक्त मन्त्र थाः- अष्टा चक्रा नव द्वारा देवानां पूरयोध्या । तस्यां हिरण्ययः कोशः स्वर्गो ज्योतिषावतः ।। (10-2-31 ), तथा न्यायालय में प्रतिवादी ने जब प्रश्न उठाया कि बाबर...
मनुष्य राम कैसे प्रभु श्रीराम बनें होंगे ?, - वसन्तकुमार म. भट्ट
Переглядів 78610 місяців тому
सनातन धर्म में एकपत्नीत्व व्रत के परिपालन की बडी महिमा है । उसके मूल में श्रीराम के जीवन की घटना ही कारणभूत है । सीता-त्याग के बाद,धर्मकार्यार्थ भी श्रीराम ने दूसरी बार विवाह नहीं किया और सीता के स्थान में उनकी ही हिरण्मयीप्रतिकृति को स्थापित की थी । - तो इस तरह से उन्हों ने प्रजाराधन रूप राजधर्म का परिपालन करने के साथ साथ, पतिधर्म का भी दृढता के साथ जो परिपालन किया - उसी के कारण मनुष्य राम देव...
बुद्ध पूर्णिमा । वसन्तकुमार म. भट्ट, 05 05 2023
Переглядів 373Рік тому
बुद्ध पूर्णिमा के शुभ दिवस पर बुद्ध के कुछ उपदेश एवं वन्दना । v.k.bhatt53@gmail.com भगवान् बुद्ध के धर्मोपदेश के कुछ अंश एवं उनकी संस्कृत छन्दों में प्रार्थना प्रस्तुत करना - यही उद्देश्य है । my email:- v.k.bhatt53@gmail.com
।। त्रिरङ्गि स्वातन्त्र्यम् ।। 15 August, 2022
Переглядів 3532 роки тому
त्रिरङ्गि स्वातन्त्र्यम् काव्यम् ।.
बुद्ध-पूर्णिमा - मुदिता, वसन्तकुमार भट्ट #Buddha#Mudita#Vasantkumar Bhatt
Переглядів 4482 роки тому
भगवान् बुद्ध ने उपेक्षा, मुदिता, मैत्री एवं करुणा जैसी चार मुख्य भावानाओं को अपने चित्त में विकसित करने का उपदेश दिया था । इनमें से मुदिता नाम की भावना का विवरण यहाँ दिया है ।
श्रीहनुमान जी का समुद्रोल्लंघन
Переглядів 3362 роки тому
इस विडियो में श्रीहनुमान् जी के समुद्रोल्लंघन का रहस्य वर्णित किया गया है ।
5 ऋग्वेद में स्वतन्त्र स्वरित का स्वरूप एवं उसके भेद by Vasantkumar M. Bhatt #Rigveda #vmbhatt
Переглядів 5923 роки тому
इस विडियो में ऋग्वेद के मन्त्रों में प्रयुक्त हुए स्वतन्त्र-स्वरित एवं उसके चतुर्विध भेदों का सोदाहरण निरूपण किया गया है । जैसे कि, 1. जात्य स्वरित, 2. क्षैप्र स्वरित, 3. प्रश्लिष्ट स्वरित 4. तथा अभिनिहित स्वरित ।। v.k.bhatt53@gmail.com
3 पदपाठ का पूर्वरंग -- समापत्ति के नियम । By Vasantkumar Bhatt
Переглядів 4983 роки тому
इस विडियो में पदपाठ की पूर्व-तैयारी के रूप में किन नियमों का अनुसरण करते हुए पदों को पृथक्-कृत किये जाते है- उसका सोदाहरण प्रदर्शन किया है ।
4 संहिता पाठ से पदपाठ बनाने के नियम -- by Vasantkumar Bhatt
Переглядів 3,8 тис.3 роки тому
इस विडियो में संहिता-पाठ से पदपाठ कैसे बनाया जाता है, किन नियमों का अमल करना है - इत्यादि का निरूपण सोदाहरण प्रस्तुत किया है ।।
2. ऋग्वेद के उदात्तादि स्वरों का परिचय । by Vasantkumar Bhatt
Переглядів 4,8 тис.3 роки тому
प्रस्तुत विडियो में ऋग्वेद के मन्त्रों में प्रयुक्त अनुदात्त, उदात्त, स्वरित एवं प्रचय स्वरों का परिचय दिया गया है । उन स्वरधर्मों की उच्चरित स्थिति तथा अंकन-विधा कीा सोदाहरण निरूपण किया गया है ।।
1. वेद के दृष्ट मन्त्रों का स्वरूप । by Vasantkumar Bhatt
Переглядів 5723 роки тому
इस विडियो में - ऋषिओं के द्वारा जिन अनादि अनन्त वेद-मन्त्रों का दर्शन किया गया है, वे किस रूप में देखे गये होंगे - उसकी चर्चा की गई है । संहिता-पाठ अपौरुषेय होगा, अथवा पदपाठ अपौरुषेय होगा - इस विषय को लेकर शास्त्र-ग्रन्थों में द्वैधिभाव चलता रहा है । अतः इस विवाद का शमन करने के लिए, कुछ आन्तरिक प्रमाणों को उपस्थापित करते हुए, संहिता-पाठ का ही प्राथम्य सिद्ध किया गया है ।।
Siddha Hema Shabdanushasanam, सिद्धहेमशब्दानुशासनम्
Переглядів 1 тис.3 роки тому
Siddha Hema Shabdanushasanam, सिद्धहेमशब्दानुशासनम्
સિદ્ધહેમશબ્દાનુશાસન, Siddhahemashabdanushasana
Переглядів 2573 роки тому
સિદ્ધહેમશબ્દાનુશાસન, Siddhahemashabdanushasana
श्रीरामचरितमानस की पाठालोचना । उच्चतर समीक्षा के आलोक में 2 वसन्तकुमार म. भट्ट
Переглядів 2473 роки тому
श्रीरामचरितमानस की पाठालोचना । उच्चतर समीक्षा के आलोक में 2 वसन्तकुमार म. भट्ट
श्रीरामचरितमानस की पाठालोचना उच्चतर समीक्षा के आलोक में - 1, Ramacharitamanasa
Переглядів 2933 роки тому
श्रीरामचरितमानस की पाठालोचना उच्चतर समीक्षा के आलोक में - 1, Ramacharitamanasa
रघुवंश के सार्थक पाठान्तरों की पाठालोचना, 2021, Some Meaningful variants in the Raghuvamsha
Переглядів 3683 роки тому
रघुवंश के सार्थक पाठान्तरों की पाठालोचना, 2021, Some Meaningful variants in the Raghuvamsha
वैयाकरणों का स्फोट सिद्धान्त, Sphota Doctrine of Grammarins
Переглядів 3,6 тис.3 роки тому
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Uttararamacharitam, part-2, Plot Construction, उत्तररामचरित का वस्तुसंविधान
Переглядів 2493 роки тому
Uttararamacharitam, part-2, Plot Construction, उत्तररामचरित का वस्तुसंविधान
Uttar Rama Charitam, ( part1 ), Plot Construction, उत्तररामचरित का वस्तुसंविधान
Переглядів 3673 роки тому
Uttar Rama Charitam, ( part1 ), Plot Construction, उत्तररामचरित का वस्तुसंविधान
તન્મે મનઃ શિવ-સંકલ્પમસ્તુ । Tanme manH Shiva sakalpamstu
Переглядів 4294 роки тому
તન્મે મનઃ શિવ-સંકલ્પમસ્તુ । Tanme manH Shiva sakalpamstu
World Sanskrit Day_What Sanskrit Means to me. by Vasantkumar M. Bhatt
Переглядів 3664 роки тому
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कालिदास एवं निरीश्वरवादी बौद्ध । Kalidasa & Buddhisit ideology, 2020
Переглядів 4374 роки тому
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1 संस्कृत भाषा में वाक्य की आन्तरिक संरचना । Vasantkumar Bhatt
Переглядів 6494 роки тому
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पाणिनीय व्याकरण में अर्थ एवं विवक्षा Vasantkumar Bhatt
Переглядів 7844 роки тому
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भरत मुनि के रस सूत्र की व्याख्या Theory of Rasa, Part 3
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भरत मुनि के रस सूत्र की व्याख्या Theory of Rasa, Part 3
Excellent proposal.
Wonderful. Very interesting guidance. Dhanyavadagalu. Namaskaram.
नवदिशाबोध से उपकृत हुए गुरुजी
जिन जर्मन indologists की बात अक्सर की जाती है वो प्राय सब 19 वी सतब्दी के थे - मैक्स मुलेर इत्यादि। इस पर अभी भी इतना रोष क्यूँ? आज की जर्मन इंडोलोजी काफी अलग है और उसका बड़ा योगदान है भारतीय दर्शन शास्त्र पर। पर हम मानो पुराने घाव लिए ही बैठे हैं। विद्वत्ता कहीं की भी हो - जापानी, कोरियन, चीनी, लिथुआनिया की, भारतीय, मेक्सिकन - अगर वो विद्या को आगे बढ़ाए तो उसमें आपत्ति क्या? उपनिषदों का critical स्टडी ब्रह्मसूत्र में हुआ था। क्रिटिकल अनैलिसिस की बात मीमांसकों ने करी थी। नव्य नयायिकों ने नई भाषा का ईजाद किया जिससे वार्तालाप में मुश्किल न हो। तो सबने "critical apparatus" तैयार किया । आज वैसे ही भारतीय दर्शन शस्त्रों को कितने भारतीय विद्यार्थी पढ़ रहे हैं? कितने लोग संस्कृत पढ़ रहे हैं? तो अगर दुनिया भर के पंडित इसमे योगदान करें तो अच्छा है। हाँ कुछ पद्धतियाँ हमें अटपटी लग सकती हैं तो उनसे हम तार्किक रूप मे जूझें।
बहुत ही शास्त्रीय, सटीक और हृदयंगम विश्लेषण | सनातनपरंपरा को उजागर करने के लिए अंतःकरण पूर्वक धन्यवाद |
अद्यतनीकरण की अवधारणा देकर आपने अच्छा समाधान किया है। आपका चिंतन प्रशंसनीय है
Reactive creations and reflective creations to be separated in a classified manner
आपका आभारी हूं। ठीक कहा है आपने।।
पाठभेद बहुत है। हमें सब पाठों का पर्यालोचन करना है। हमारे शास्त्रों में अमरखण्डन एक ग्रन्थ है, जहां अमरकोश जैसे ग्रंथों में दोष दिखाई दिया है। पर इससे अमरकोश ग्रन्थ प्रयोग में न्यूनता आयी ? चलो कोई दोष निकालता है तो हमारी शास्त्र परम्परा क्यों क्षुण्ण होगी ? बहुत सुंदर पर्यालोचन। नमस्कार।
Very informative 🙏
सधन्यवादः । ✍️🙏🎉
परम उपकारक।
In depth information cum analysis. ❤
टीका, टिप्पण अर्थात
आपका कॉन्टेक्ट नंबर मिलेगा महोदय
Contact number plzzz
धन्यवादाः एवं सादरं प्रणमामि 3:24
પૂજ્ય સર ચરણોમાં વંદન
Thanks for your video ,request for yours contact .many thanks
बहुत गहन व्याख्यान प्रोफेसर साहब।
Sir ळ word ki sound sanskri me ile and english me ile kyu hoti he
अयोध्याष्टकं यद्भवद्भिःकृतं भोः निशम्यान्तरङ्गे प्रमोदः प्रजातः। स साकेतनाथो भवद्भ्योस्तु नित्यं समस्तेप्सितार्थप्रदाता सुतृप्तः।।
सर ऋ के संयोग वाले शब्दो का उच्चारण र के लगभग क्यो होता है जबकी आवाज री के लगभग उचारित होता है प् + ऋ = प्र री
🙏🚩🕉🚩🙏
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भारतीय प्रज्ञा के एक उत्तमोत्तम ग्रंथ का समर्थ परिचय। प्रणेता पूज्य आचार्य और परिचायक वंदनीय आचार्य को प्रणाम।
ખરેખર અદભૂત છે.
વાહ ખૂબસરસ. 🙏
🙏
अनुगृहितोऽस्मि🙏
🙏👏🙏
शोभनम् । धन्यवादाः
उत्तमम् । गुरुवर्य! धन्यवादाः 🙏
अति उत्तम 🙏
उत्तम 👌बुद्ध पूर्णिमा पर्व का ज्ञान पाकर अच्छा लगा🙏
વાહ અતિ ઉત્તમ સાહેબ.... પ્રણામ...
Dhanyvaad
अतीव सुन्दरम् अष्टकम् ।अभिनंदन ।
रामचंद्राय नमो नमः, सुंदरम भवतह अष्ठकम रचितम, 🙏🌹 वसंतमहोदय विजयते रामचंद्र एवं भवान तू ♥️♥️♥️ नमस्कार
Great sir 🙏
आचार्य जी, संस्कृत ग्रंथों एवं आधुनिक संस्कृत शिक्षा से संबंधित कुछ प्रश्न हैं, मैने बहुत प्रयास किया, संस्कृत में MA किया तो सवाल और उलझ गया। क्या मैं आप से पूछ सकता हूं, आप मेरी मदद करेंगे?
Yes, you may
अतीव मनोमुग्धकरम्
वन्दे भवतां कवित्वम्
आदरणीय आचार्य जी अति उत्तम प्रतिपादन 🙏
👌👌👌👌👌🙏
Excellent sir …..અતિસુંદર રચના કર્ણપ્રિય લયબદ્ધવાંચન ….શબ્દોનું ચયન ધ્યાનાસ્પદ ….જય જય શ્રીરામ …..
नमस्के महोदय🙏 बहुत सुंदर प्रस्तुति👌👍
Wah. Sundaram Very fine poetry. Warmest regards.
प्रणाम गुरुवर। सुंदर को समर्पित सुंदर रचना का सुंदर वाचन।
बहूत्तममस्ति महोदया:
Shobhnam🙏🙏