This poem is written exclusively for you, Praveen Bhai, As you embark on your remarkable journey, May it inspire and guide you, with every mile you ride. री-डिस्कवरी की राह पचास की दहलीज़ पर जीवन मुस्काया, पुरानी ज़िम्मेदारियों ने नया सपना सजाया। प्रवीण जी की बाईक पर सवार कहानी, हिमालय की ऊंचाई, नेपाल की रवानी। हर मोड़ पर नए लोग, नई चुनौतियों का आमना, हर सफर ने दिखाया, खुद को जानने का पैमाना। अब वक्त है दिल की सुनने का, खुद से खुद को फिर से मिलने का। जीवन का हर पड़ाव एक दास्तां बनाना है, इस धरती पर अपनी पहचान छोड़ जाना है। 😊
RaniKhet😍😍
❤❤
Waaahhh....ek naya safar naye andaaz me ..Sundar parvatiya drishya....manmohak👌👍👏
Bahut bahut dhanyavad 😊
Bahut sundar. Ranikhet to dharti par swarg hai.
उस तरफ़ के कुछ बहुत अच्छे इंसान मेरी ज़िंदगी मे भी हैं 😊😊
This poem is written exclusively for you, Praveen Bhai,
As you embark on your remarkable journey,
May it inspire and guide you, with every mile you ride.
री-डिस्कवरी की राह
पचास की दहलीज़ पर जीवन मुस्काया,
पुरानी ज़िम्मेदारियों ने नया सपना सजाया।
प्रवीण जी की बाईक पर सवार कहानी,
हिमालय की ऊंचाई, नेपाल की रवानी।
हर मोड़ पर नए लोग, नई चुनौतियों का आमना,
हर सफर ने दिखाया, खुद को जानने का पैमाना।
अब वक्त है दिल की सुनने का,
खुद से खुद को फिर से मिलने का।
जीवन का हर पड़ाव एक दास्तां बनाना है,
इस धरती पर अपनी पहचान छोड़ जाना है।
😊
भाई,बहुत बहुत धन्यवाद इतनी हौंसला अफ़ज़ाई के लिए , बैसे 50 नहीं 60 की दहलीज़ पर हूँ. 😁😂