माॅ आपकी असिम कृपा, असिम मातृत्व, दया,करुणा का बहुत-बहुत आभारी हुं। आप हर पल एसीही कृपा,करुणा,मातृत्व की बरसाए और हमे तर-बतर करते रहे एसी विनम्र भीख प्रदान करते रहे।❤
Maine sapne mai apne aap ko esme jate hue dekha h laken mujhe ye nahi pata tha k ise banknal kehte h lekin sapne mai jo maine anubhav kia tha wo mujhe bahut achi trah aaj v yaad h 11:27
सही चित्रण विडियो में है,गहरी अंधकार वाली गुफा होती है, विमान में बैठकर नव ग्रह में जाकर आगे ब्लुय कलर की ज्योत जीसे विष्णु ज्योत कहते है में वहा जाकर आया हूं
बिना सद्गुरु की कृपा के कोई भी साधक यहां तक नही पहुंच पाता, अगर कोई साधक पहुंच भी गया तो वह जान ही नहीं पाता कि वह कहां पर आ गया, सद्गुरु की कृपा के बिना बाहर निकलने का रास्ता ही नहीं मिलता साधक की आत्मा फंस कर रह जाती है वह मानसिक रूप से विक्षिप्त भी हो जाता है,इस समय जो भी परीक्षाये होती है पारिवारिक सांसारिक, आध्यात्मिक, स्थूल जगत, सूक्ष्म जगत, दोनों में और से,होती है, और साधक केवल सद्गुरु की कृपा से , अपने ज्ञान, ध्यान,जाप, विश्वास से, सद्गुरु के साथ ही परम ज्योति तक पहुंच पाता है वरना तो रास्ता ही बहुत कठिन है, "बहुत कठिन है पनघट की डगर"
“आपका संदेश बहुत ही गहरा और सटीक है। गुरु की कृपा के बिना हमारे आध्यात्मिक सफर में उन्नति और मुक्ति संभव नहीं है। साधक को सदैव अपने ध्यान और श्रद्धा को गुरु के चरणों में स्थिर रखना चाहिए, तभी वह इस कठिन और रहस्यमयी मार्ग में आगे बढ़ सकता है। आपके विचार बहुत ही प्रभावशाली हैं, इस अमूल्य ज्ञान को साझा करने के लिए धन्यवाद।”
I am also, and filling sunaya, dim light no sun there, when I going gufa so many light coming from left ang right cross ing to my front.small sound zzzzzu. After this my third eye open and so many experiences. Now i think I am not face death.Only I am soul
mam प्रणाम ।। कल जब मै ध्यान मे बैठ तो .....शम्भवी मुद्रा लग गई खुद से ....फिर..... मैने खुद को देखा ध्यान मे बैठे हुए ।। मैने देखा की मेरे आज्ञा चक्र पर एक ज्योति जल रही है जिसका base लाल है पर ऊपर से yellow flame है ।। क्या आप इसका अर्थ समझा सकती हो ।। गुरु की तलाश है , पर कोई मिला नहीं
ध्यान में अनुभव किया गया आपका यह दृश्य बहुत ही अद्भुत और गहन है। आपने अपने आज्ञा चक्र पर एक ज्योति को देखा, जिसका आधार लाल और ऊपरी भाग पीले रंग का है। यह अनुभव आपके ध्यान के स्तर और आंतरिक जागरूकता की एक झलक हो सकती है। लाल रंग आमतौर पर ऊर्जा, स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है, जबकि पीला रंग ज्ञान, चेतना और उच्चतर चेतना का प्रतीक माना जाता है। यह संकेत देता है कि आप आंतरिक रूप से संतुलन की ओर बढ़ रहे हैं और उच्च चेतना की अनुभूति कर रहे हैं। आपकी गुरु की खोज में सफलता पाने की भावना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक सच्चे गुरु की तलाश आत्मा के मार्गदर्शन के लिए अनिवार्य होती है। यह अनुभूति इस बात का संकेत हो सकती है कि आप अपने भीतर के सत्य और आत्म-जागृति के मार्ग पर हैं। अपना ध्यान और समर्पण बनाए रखें; आपका यह मार्गदर्शन आपको एक गहन आध्यात्मिक अनुभव की ओर ले जा सकता है।
ध्यान में अनुभव किया गया आपका यह दृश्य बहुत ही अद्भुत और गहन है। आपने अपने आज्ञा चक्र पर एक ज्योति को देखा, जिसका आधार लाल और ऊपरी भाग पीले रंग का है। यह अनुभव आपके ध्यान के स्तर और आंतरिक जागरूकता की एक झलक हो सकती है। लाल रंग आमतौर पर ऊर्जा, स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है, जबकि पीला रंग ज्ञान, चेतना और उच्चतर चेतना का प्रतीक माना जाता है। यह संकेत देता है कि आप आंतरिक रूप से संतुलन की ओर बढ़ रहे हैं और उच्च चेतना की अनुभूति कर रहे हैं। आपकी गुरु की खोज में सफलता पाने की भावना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक सच्चे गुरु की तलाश आत्मा के मार्गदर्शन के लिए अनिवार्य होती है। यह अनुभूति इस बात का संकेत हो सकती है कि आप अपने भीतर के सत्य और आत्म-जागृति के मार्ग पर हैं। अपना ध्यान और समर्पण बनाए रखें; आपका यह मार्गदर्शन आपको एक गहन आध्यात्मिक अनुभव की ओर ले जा सकता है।
Thanks , after many many times since 1997 someone can described it properly as if he or she has experienced this phenomenon that what is this mysterious cave like feeling is. It's like an eternal journey that you can't find it's source and at final point or eternal point of your unending journey when you as I or your ego SELF totally absorbed or disappear into something unknown that you can't describe and then a Eureka experience took place that can't be described and you can't forget it till your death. The seeker returns from this cave as if he has taken fresh bath of man sarovar and experience sat chit ananad without any reason.
“Thank you for sharing your profound insights. The journey you describe towards dissolving the ego and experiencing that ineffable ‘Eureka moment’ resonates deeply with the essence of spiritual exploration. It’s fascinating how this eternal mystery of the cave symbolizes the inner transformation one undergoes. Truly, emerging from such an experience, as if bathed in the purity of Manasarovar, and realizing Sat Chit Ananda without any external cause, speaks to the timeless wisdom found in deep meditative states. Your reflection adds great value to this mystical discussion.”
Mataji jo guru ji ke nam disha ke duara sumran karta hai Amal bachno ko mante huye hi surt sabad ki dhara hai jo bank nal me pirvesh kar sakti hai eske liye sant guru me dirad vishvash karke andar guru ki khoj karne ke bad suru hoti hai jab tak Surat nirat ko nahi pakd pata etne malk ke bak nal me nahi ja pata kiyo ki no dusro pe chalna na ke barabar rahna hota hai karm karte huye bhi karta na bane kiyo ki sab karta to suvm malik hota hai ensan kujh nahi karta sab mali karte hai esi liye ahnkar ke palde se niche utarna padta hai dhan dhan sat guru tera hi aasra ji thanku dhanbad pitaji papaji dedi ji radha swami ji jay kali bhervi mata aadi sakti bhagvan aapko koti koti naman jay mata di
“आपके शब्दों में गुरु के प्रति आपकी आस्था और समर्पण स्पष्ट झलकता है। सच में, गुरु की कृपा और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण हमें आत्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में सहायक होता है। आपके विचारों में जो अहंकार का त्याग और गुरु की शरणागति की भावना है, वह सच्ची भक्ति को प्रकट करता है। जय माता दी और आपके जीवन में गुरु कृपा बनी रहे।” Radha Soami Ji
प्रकट स्वरूप गुरु के बिना divine truth को पूरी तरह से समझना संभव नहीं है। एक साक्षात् गुरु का मार्गदर्शन और उपस्थिति अत्यंत आवश्यक है, ताकि महाशून्य जैसे गहरे आध्यात्मिक अवस्थाओं का अनुभव और पहचान की जा सके।
“I’ve just shared what I’ve learned from my Guru. Regular meditation has indeed been transformative, as taught by my Guru, and it brings a deep sense of fulfillment. Thank you for your encouragement!”
Vedio me aapne bola ki Is sadhna ko karne wale Sadhak - niranar satsago me jaate hai - Apne ke batae hue nirdeso ka palan karte hai - ve sachche sadhak hi banknaal ko achchi tarh jaante hain - ve is banknaal se hokar aatma ke nij adbhut divya lok me jaate hain To vo sachcha guru kon hai yah batlaiye Jo atma ke parm lok me lejane me hamari madad kar sakta h Vo kon se sadak hain jo upar batae gae sabhi point ko follow kar rahe hain Vo kaha milenge Vo kon hain Kaise patA chalega Vartmaan me kon hai.....
आपने सही प्रश्न उठाए हैं और आपकी जिज्ञासा सराहनीय है। एक सच्चे गुरु की पहचान करना कठिन हो सकता है, परंतु कुछ विशेष गुण और लक्षण होते हैं जिनसे हम उन्हें पहचान सकते हैं। 1. सच्चे गुरु की पहचान - सच्चा गुरु वही होता है जो आत्मा को परम लोक तक पहुँचाने में सक्षम हो और सभी सच्चे आध्यात्मिक सिद्धांतों का पालन करता हो। गुरु के शब्दों में सत्यता और शांति होती है, जो साधक को सही मार्ग दिखाते हैं। 2. गुरु के गुण - सच्चा गुरु स्वयं दिव्य अनुभूतियों का अनुभव कर चुका होता है और साधकों को भी उस अवस्था तक ले जाने में सक्षम होता है। वह अपने अनुयायियों को न केवल मार्गदर्शन देता है बल्कि उनका ध्यान भी सही दिशा में केंद्रित करता है। 3. साधक के गुण - सच्चे साधक वही होते हैं जो गुरु के निर्देशों का पालन करते हुए निरंतर साधना करते हैं। वे सत्संग में जाते हैं, गुरु के वचनों का पालन करते हैं, और बैंकनाल का सही प्रकार से अनुभव करने का प्रयास करते हैं। 4. कैसे पता चलेगा - वर्तमान में कौन सच्चा गुरु है, इसका पता लगाने के लिए साधक को सत्संग, साधना और आत्म-जिज्ञासा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। एक सच्चे गुरु की पहचान उनके आचरण और दिव्य उपदेशों से होती है, जो साधक के भीतर शांति और आत्मिक आनंद का संचार करते हैं। आपकी आत्मा को परम लोक तक ले जाने में सहायता करने वाला सच्चा गुरु ही वह मार्गदर्शक होता है, जिसे आप तलाश रहे हैं। यह खोज भीतर से शुरू होती है और निरंतर साधना, सत्संग और आत्म-जिज्ञासा से ही पूरी होती है। इस तरह के प्रश्नों का जवाब आपको आपकी साधना और सत्संग में मिलेगा। यही आपकी सच्चे गुरु की खोज को और मजबूत बनाएगा। आज भी बहुत से सच्चे गुरु इस संसार में मौजूद हैं। जब आपके भीतर सच्ची तड़प और प्रबल प्यास होगी, तो वे स्वयं ही आपको ढूंढ़ लेंगे। यह जीवन की अद्भुत लीला है कि जब साधक सच्चे मन से गुरु की खोज करता है, तो गुरु स्वयं उसे राह दिखाने आ जाते हैं। आपकी आतंरिक पुकार ही वह सेतु बनेगी जो आपको सच्चे गुरु तक पहुँचाएगी।
@@beinwardshindi... ओर एक बात आपने नही लिखी। सच्चा गुरु दिखने में बहोत सुंदर और काफी प्रभावशालि होता है। उनके चेहरे पर एक अनोखा नूर नजर आता है। ओर उनकी आवाज में भी बहुत जोंस भरा हुआ होता है। ओर सच्चा गुरु कभी किसी की निंदा नई करता उनके बातचीत का ढंग सुनके भी पता चल जाता है, 😊😊
“आपकी बात बिल्कुल सही है। सच्चा अनुभव रखने वाले लोग अक्सर प्रचार-प्रसार से दूर रहकर अपनी साधना और आत्मज्ञान में लीन रहते हैं। उनका उद्देश्य अपनी अनुभूतियों को दिखाना नहीं होता, बल्कि शांति और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करना होता है। फिर भी, कभी-कभी इस ज्ञान को साझा करने का उद्देश्य सिर्फ उन लोगों तक पहुंचना होता है जो इस मार्ग पर चलने की प्रेरणा चाहते हैं।”
यह साधक की परिपक्वता और अपरिपक्वता पर निर्भर करता है। आज यू ट्यूब गुरुओं का बोलबाला है लेकिन यह काम केवल भाषण गुरुआओं का होता है। भाषण गुरु आत्म समोहित होकर अपरिपक्वता में बक बक करते फिरते हैं। वैसे यह बातें गलत नहीं है लेकिन इसके प्रचार की क्या जरूरत है?
Yah chij mujhe Kai bar mere sath ho chuki hai ki main kisi gadi mein baitha hun aur gadi ulti bahut Tej bhag rahi hai aur main uske bare mein kuchh nahin Laga pa Raha sapne mein kya yuvak nali hai Kai bar ho chuka hai aisa mere sath
जयजगन्नाथ! मेरा मानना है कि बंक नाल का अनुभव तब शुरू होता है जब आज्ञा चक्र से क्राउन चक्र तक की यात्रा चल रही होती है, उससे पहले नहीं, कृपया स्पष्ट/विस्तृत करें। और इसमें यह कब शुरू होता है, कृपया विस्तार से बताएं।
इसके अलावा जब मैं आज्ञा चक्र पर ध्यान करता हूं और थोड़ी देर बाद, यह स्वचालित रूप से धीरे-धीरे ऊपर और ब्रह्मरंध्र तक बढ़ते हुए शास्त्र चक्र तक चला जाता है और कभी-कभी यह लगातार नीचे और ऊपर जाता रहता है, लेकिन मुझे कभी भी बंक नाल का अनुभव नहीं हुआ। कृपया सलाह दें
इस अनुभव को और गहराई से समझने के लिए एक सच्चे गुरु की खोज करें, जो सही मार्गदर्शन दे सकें। साथ ही, अपने विचारों को अभिव्यक्त करते समय आदरपूर्वक संवाद करें। मुझे लगता है कि आप अंदर से बहुत परेशान हैं, और यह सामान्य है।
Ye ashta nadiyo ki7 gufahamre hiday me parwes karne 7 gufa waha bhyankar aawaje aati hai kabhi hathi ki aawaj kabh sher ki dahad kai aawaje use prkas me jharna hamare hi sharir me
“Ye ek gahan aur adbhut anubhav hai jo andar ke shanti aur prakash ke mool ko prakat karta hai. Hamare hi sharir mein ye sab kuch ghatit hota hai, ek atmasakshatkar ke roop mein. Aapka yeh anubhav apni roshni aur shakti se atmasthiti ki gehrai ko vyakt karta hai. Dhanyavad apna anubhav saanjha karne ke liye.”
❤😂🎉 satguru maharaj charan singh ji satguru baba gurender singh ji satguru hazur jasdeep singh ji radha soami ji saadh sangat ji radha soami ji ❤😂🎉
Radha soami ji
Megh.singhजय। गुरूदेव। किरपा।से। मिला। हैं
Regards
माॅ आपकी असिम कृपा, असिम मातृत्व, दया,करुणा का बहुत-बहुत आभारी हुं। आप हर पल एसीही कृपा,करुणा,मातृत्व की बरसाए और हमे तर-बतर करते रहे एसी विनम्र भीख प्रदान करते रहे।❤
Regards
Om Jai Shree MahaKaal.
Regards
|| राम कृष्ण हरी ||
🙏 धन्यवाद 🙏
Regards
Maine sapne mai apne aap ko esme jate hue dekha h laken mujhe
ye nahi pata tha k ise banknal kehte h lekin sapne mai jo maine
anubhav kia tha wo mujhe bahut achi trah aaj v yaad h
11:27
🙏
Btao pls kya anubav tha
Radhe Radhe Bahut Sundar ❤
Regards
सही चित्रण विडियो में है,गहरी अंधकार वाली गुफा होती है, विमान में बैठकर नव ग्रह में जाकर आगे ब्लुय कलर की ज्योत जीसे विष्णु ज्योत कहते है में वहा जाकर आया हूं
🙏🏻
🙏🏻
🙏🏻
M b is gufa m gyi hu jaap karte hue par iske aage nhi ja pati hu
Me bhi vahan ja kar ai hoon mujhe santo se ashir wad mila
Thank You Didi ....bohot sahi anubhav ka varnan apne kiya .....❤
Regards
बहुत बहुत ग़लत किया भिन गुरु के सायदे मै ही काम याप रहना
🙏
Saheb bandagi 🙏🙏
Regards
Bahut sunder
Regards
बिना सद्गुरु की कृपा के कोई भी साधक यहां तक नही पहुंच पाता, अगर कोई साधक पहुंच भी गया तो वह जान ही नहीं पाता कि वह कहां पर आ गया, सद्गुरु की कृपा के बिना बाहर निकलने का रास्ता ही नहीं मिलता साधक की आत्मा फंस कर रह जाती है वह मानसिक रूप से विक्षिप्त भी हो जाता है,इस समय जो भी परीक्षाये होती है पारिवारिक सांसारिक, आध्यात्मिक, स्थूल जगत, सूक्ष्म जगत, दोनों में और से,होती है, और साधक केवल सद्गुरु की कृपा से , अपने ज्ञान, ध्यान,जाप, विश्वास से, सद्गुरु के साथ ही परम ज्योति तक पहुंच पाता है वरना तो रास्ता ही बहुत कठिन है, "बहुत कठिन है पनघट की डगर"
“आपका संदेश बहुत ही गहरा और सटीक है। गुरु की कृपा के बिना हमारे आध्यात्मिक सफर में उन्नति और मुक्ति संभव नहीं है। साधक को सदैव अपने ध्यान और श्रद्धा को गुरु के चरणों में स्थिर रखना चाहिए, तभी वह इस कठिन और रहस्यमयी मार्ग में आगे बढ़ सकता है। आपके विचार बहुत ही प्रभावशाली हैं, इस अमूल्य ज्ञान को साझा करने के लिए धन्यवाद।”
कहां से हो
Naam aur Guru ke bina kuchh Nahin
Apko kaise pta hai aapka experience hai
Great ji❤❤
Sahib bandgi ji ❤
Regards
Jai Ho Bala ji ki Jai ho
🙏
M dhyan krte krte kelash parvat pr gya hu or vha pr bhagawan shiv k darshan kiye h
🙏🏻
Are kya sach mai ye ap sach keh rahe ho kya
Om Jai Shree SeetaRam Aum.
Regards
Adbhut
Regards
I’am,have been crossing BHAVER GUFFA
Regards
@@SINGHParminder-rn9ts how and by which meditation practice ?
I am also, and filling sunaya, dim light no sun there, when I going gufa so many light coming from left ang right cross ing to my front.small sound zzzzzu. After this my third eye open and so many experiences. Now i think I am not face death.Only I am soul
Har. Har. Mahadev. . Ji
Regards
If you want to know about it you will have to Dera beas
Ji jaroor
Good 👍
Regards
Regards
जय मातादी ऊं सब जीवों की ओर से जारी
Regards
Jai shree ram ji ❤❤❤❤😊😊😊😊
Regards
Har har mahadev
Regards
Best
Regards
I felted this same
Regards
Jai ho 🙏
Regards
Sahib Bandagi 🙏
Regards
Nice
🙏🏻
🙏🏻🙏🏻
Regards
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Regards
मै इस गुफा तक पहुचा था फिर मै डर गया और साधना से वापस आ गया मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा आत्मा शरीर पर नही है
🙏🏻
Suman Ambala❤👍👌👌
Regards
Kabeer sahib g ne apni bani me ruhani mandalo ka zikar Kiya hai baba nanak g ne bani me inko punj khand bola hai
regards
radhe radhe ❤️💙
Regards
mam प्रणाम ।।
कल जब मै ध्यान मे बैठ तो .....शम्भवी मुद्रा लग गई खुद से ....फिर..... मैने खुद को देखा ध्यान मे बैठे हुए ।। मैने देखा की मेरे आज्ञा चक्र पर एक ज्योति जल रही है जिसका base लाल है पर ऊपर से yellow flame है ।।
क्या आप इसका अर्थ समझा सकती हो ।। गुरु की तलाश है , पर कोई मिला नहीं
ध्यान में अनुभव किया गया आपका यह दृश्य बहुत ही अद्भुत और गहन है। आपने अपने आज्ञा चक्र पर एक ज्योति को देखा, जिसका आधार लाल और ऊपरी भाग पीले रंग का है। यह अनुभव आपके ध्यान के स्तर और आंतरिक जागरूकता की एक झलक हो सकती है। लाल रंग आमतौर पर ऊर्जा, स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है, जबकि पीला रंग ज्ञान, चेतना और उच्चतर चेतना का प्रतीक माना जाता है। यह संकेत देता है कि आप आंतरिक रूप से संतुलन की ओर बढ़ रहे हैं और उच्च चेतना की अनुभूति कर रहे हैं।
आपकी गुरु की खोज में सफलता पाने की भावना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक सच्चे गुरु की तलाश आत्मा के मार्गदर्शन के लिए अनिवार्य होती है। यह अनुभूति इस बात का संकेत हो सकती है कि आप अपने भीतर के सत्य और आत्म-जागृति के मार्ग पर हैं। अपना ध्यान और समर्पण बनाए रखें; आपका यह मार्गदर्शन आपको एक गहन आध्यात्मिक अनुभव की ओर ले जा सकता है।
ध्यान में अनुभव किया गया आपका यह दृश्य बहुत ही अद्भुत और गहन है। आपने अपने आज्ञा चक्र पर एक ज्योति को देखा, जिसका आधार लाल और ऊपरी भाग पीले रंग का है। यह अनुभव आपके ध्यान के स्तर और आंतरिक जागरूकता की एक झलक हो सकती है। लाल रंग आमतौर पर ऊर्जा, स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है, जबकि पीला रंग ज्ञान, चेतना और उच्चतर चेतना का प्रतीक माना जाता है। यह संकेत देता है कि आप आंतरिक रूप से संतुलन की ओर बढ़ रहे हैं और उच्च चेतना की अनुभूति कर रहे हैं।
आपकी गुरु की खोज में सफलता पाने की भावना बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक सच्चे गुरु की तलाश आत्मा के मार्गदर्शन के लिए अनिवार्य होती है। यह अनुभूति इस बात का संकेत हो सकती है कि आप अपने भीतर के सत्य और आत्म-जागृति के मार्ग पर हैं। अपना ध्यान और समर्पण बनाए रखें; आपका यह मार्गदर्शन आपको एक गहन आध्यात्मिक अनुभव की ओर ले जा सकता है।
@@beinwardshindi जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद, मार्गदर्शन करने के लिए ।।
Radha Soami ji se judo wo aapko sukhayenge
❤
🙏🏻
Om namhsivay
Regards
और प्रत्येक का अनुभव अलग-अलग होता है जैसे फिंगर प्रिंट इसको शब्दों में बांधा ही नहीं जा सकता
🙏
Thanks , after many many times since 1997 someone can described it properly as if he or she has experienced this phenomenon that what is this mysterious cave like feeling is.
It's like an eternal journey that you can't find it's source and at final point or eternal point of your unending journey when you as I or your ego SELF totally absorbed or disappear into something unknown that you can't describe and then a Eureka experience took place that can't be described and you can't forget it till your death. The seeker returns from this cave as if he has taken fresh bath of man sarovar and experience sat chit ananad without any reason.
“Thank you for sharing your profound insights. The journey you describe towards dissolving the ego and experiencing that ineffable ‘Eureka moment’ resonates deeply with the essence of spiritual exploration. It’s fascinating how this eternal mystery of the cave symbolizes the inner transformation one undergoes. Truly, emerging from such an experience, as if bathed in the purity of Manasarovar, and realizing Sat Chit Ananda without any external cause, speaks to the timeless wisdom found in deep meditative states. Your reflection adds great value to this mystical discussion.”
@beinwardshindi yes madam thanks for appreciating the experience of seekers.
Madam ji kya AAP hmari madat krenge is vishay per
Is ke liye aapko koi Guru ki help leni hogi. Aap koi guru find kariye.
आपने खुद देखा है समझना नहीं है खुद अंदर जाकर देखना है
🙏🏻
Mai bhi bank naal Mei ghum kar aaya hu kripya aage ka rashta bataye
Regards
More videos plz
Please check our latest video for that. Regards
Main wha par gya hu
🙏🏻
Mataji jo guru ji ke nam disha ke duara sumran karta hai Amal bachno ko mante huye hi surt sabad ki dhara hai jo bank nal me pirvesh kar sakti hai eske liye sant guru me dirad vishvash karke andar guru ki khoj karne ke bad suru hoti hai jab tak Surat nirat ko nahi pakd pata etne malk ke bak nal me nahi ja pata kiyo ki no dusro pe chalna na ke barabar rahna hota hai karm karte huye bhi karta na bane kiyo ki sab karta to suvm malik hota hai ensan kujh nahi karta sab mali karte hai esi liye ahnkar ke palde se niche utarna padta hai dhan dhan sat guru tera hi aasra ji thanku dhanbad pitaji papaji dedi ji radha swami ji jay kali bhervi mata aadi sakti bhagvan aapko koti koti naman jay mata di
“आपके शब्दों में गुरु के प्रति आपकी आस्था और समर्पण स्पष्ट झलकता है। सच में, गुरु की कृपा और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण हमें आत्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने में सहायक होता है। आपके विचारों में जो अहंकार का त्याग और गुरु की शरणागति की भावना है, वह सच्ची भक्ति को प्रकट करता है। जय माता दी और आपके जीवन में गुरु कृपा बनी रहे।”
Radha Soami Ji
Satguru mara ban kas , nirakh nirakh nij dhour ll ram akela rah gaya chit na paya aur ll saheb bandgi ll
Regards
💐💐🌹🕉️🙏🌹💐💐
Regards
Aadhyatmik gyan ko samajhna hai to ek bar sant Rampal Ji ke satsang jarur suniye aapko bahut sari jankariyan milegi 🙏🏻
Regards
Regards
साहेब बंदगी साहेब 🌷🌷 🌷🙏🙏🙏
Regards
Prakat Swaroop Guru ke bina possible nahi hai, aur mahasuun par kaise Kiya...
प्रकट स्वरूप गुरु के बिना divine truth को पूरी तरह से समझना संभव नहीं है। एक साक्षात् गुरु का मार्गदर्शन और उपस्थिति अत्यंत आवश्यक है, ताकि महाशून्य जैसे गहरे आध्यात्मिक अवस्थाओं का अनुभव और पहचान की जा सके।
क्या मै भी यह अनुभव पा सकता हु
Ji bilkul. Find a true guru
Have you read this or experienced in your life. Please do regular meditation and you will be fulfilled.
“I’ve just shared what I’ve learned from my Guru. Regular meditation has indeed been transformative, as taught by my Guru, and it brings a deep sense of fulfillment. Thank you for your encouragement!”
Only one method for this soorat shabd yog abhyaas
Not with general meditation
Namaskaram ji 🕉 🙏 😊
Regards
Regards
@@beinwardshindi जी हिन्दी please 🙏
कृपया शब्द विहंगम पर प्रकाश पर video डाल दे
Ji jaroor very soon🙏 regards
Apki sadhna kana tsk hai
कोशिश जारी है।Regards
Ye pram sant baba jaigurudev ji mahraj ka btlaya rasta jaigurudev🙏🙏🙏
Regards
Vedio me aapne bola ki
Is sadhna ko karne wale Sadhak
- niranar satsago me jaate hai
- Apne ke batae hue nirdeso ka palan karte hai
- ve sachche sadhak hi banknaal ko achchi tarh jaante hain
- ve is banknaal se hokar aatma ke nij adbhut divya lok me jaate hain
To vo sachcha guru kon hai yah batlaiye
Jo atma ke parm lok me lejane me hamari madad kar sakta h
Vo kon se sadak hain jo upar batae gae sabhi point ko follow kar rahe hain
Vo kaha milenge
Vo kon hain
Kaise patA chalega
Vartmaan me kon hai.....
आपने सही प्रश्न उठाए हैं और आपकी जिज्ञासा सराहनीय है। एक सच्चे गुरु की पहचान करना कठिन हो सकता है, परंतु कुछ विशेष गुण और लक्षण होते हैं जिनसे हम उन्हें पहचान सकते हैं।
1. सच्चे गुरु की पहचान - सच्चा गुरु वही होता है जो आत्मा को परम लोक तक पहुँचाने में सक्षम हो और सभी सच्चे आध्यात्मिक सिद्धांतों का पालन करता हो। गुरु के शब्दों में सत्यता और शांति होती है, जो साधक को सही मार्ग दिखाते हैं।
2. गुरु के गुण - सच्चा गुरु स्वयं दिव्य अनुभूतियों का अनुभव कर चुका होता है और साधकों को भी उस अवस्था तक ले जाने में सक्षम होता है। वह अपने अनुयायियों को न केवल मार्गदर्शन देता है बल्कि उनका ध्यान भी सही दिशा में केंद्रित करता है।
3. साधक के गुण - सच्चे साधक वही होते हैं जो गुरु के निर्देशों का पालन करते हुए निरंतर साधना करते हैं। वे सत्संग में जाते हैं, गुरु के वचनों का पालन करते हैं, और बैंकनाल का सही प्रकार से अनुभव करने का प्रयास करते हैं।
4. कैसे पता चलेगा - वर्तमान में कौन सच्चा गुरु है, इसका पता लगाने के लिए साधक को सत्संग, साधना और आत्म-जिज्ञासा की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। एक सच्चे गुरु की पहचान उनके आचरण और दिव्य उपदेशों से होती है, जो साधक के भीतर शांति और आत्मिक आनंद का संचार करते हैं।
आपकी आत्मा को परम लोक तक ले जाने में सहायता करने वाला सच्चा गुरु ही वह मार्गदर्शक होता है, जिसे आप तलाश रहे हैं। यह खोज भीतर से शुरू होती है और निरंतर साधना, सत्संग और आत्म-जिज्ञासा से ही पूरी होती है।
इस तरह के प्रश्नों का जवाब आपको आपकी साधना और सत्संग में मिलेगा। यही आपकी सच्चे गुरु की खोज को और मजबूत बनाएगा।
आज भी बहुत से सच्चे गुरु इस संसार में मौजूद हैं। जब आपके भीतर सच्ची तड़प और प्रबल प्यास होगी, तो वे स्वयं ही आपको ढूंढ़ लेंगे। यह जीवन की अद्भुत लीला है कि जब साधक सच्चे मन से गुरु की खोज करता है, तो गुरु स्वयं उसे राह दिखाने आ जाते हैं। आपकी आतंरिक पुकार ही वह सेतु बनेगी जो आपको सच्चे गुरु तक पहुँचाएगी।
@@beinwardshindi... ओर एक बात आपने नही लिखी। सच्चा गुरु दिखने में बहोत सुंदर और काफी प्रभावशालि होता है। उनके चेहरे पर एक अनोखा नूर नजर आता है। ओर उनकी आवाज में भी बहुत जोंस भरा हुआ होता है। ओर सच्चा गुरु कभी किसी की निंदा नई करता उनके बातचीत का ढंग सुनके भी पता चल जाता है, 😊😊
Maa kabi bache ko krne wale pyar ke ware me btta sakti hai to is awstha ke ware me kese bta skte hai kisi cheej ke ware me byan nhi kiya ja skta
🙏
This practice is not shown in the video Mam.
🙏🏻
आपके ये सतय वचन है
Regards
Namdan nahi hai to dhyan kashia karna h
Baithne ki practice karo abhi. Jab naam daan mil jaye ga fir baitha nai jayega. Abhi bas baithne ki practice karo. 🙏🏻
इस प्रकार के अनुभव रखने वाले लोग video नहीं बनाते और अपना प्रचार-प्रसार कभी नहीं करते।
“आपकी बात बिल्कुल सही है। सच्चा अनुभव रखने वाले लोग अक्सर प्रचार-प्रसार से दूर रहकर अपनी साधना और आत्मज्ञान में लीन रहते हैं। उनका उद्देश्य अपनी अनुभूतियों को दिखाना नहीं होता, बल्कि शांति और आत्म-साक्षात्कार प्राप्त करना होता है। फिर भी, कभी-कभी इस ज्ञान को साझा करने का उद्देश्य सिर्फ उन लोगों तक पहुंचना होता है जो इस मार्ग पर चलने की प्रेरणा चाहते हैं।”
Ap bilkul sahi keh rahe ho jab tak logo mai gyan batenge nahi tab tak gyan badhega nahi @@beinwardshindi
यह साधक की परिपक्वता और अपरिपक्वता पर निर्भर करता है। आज यू ट्यूब गुरुओं का बोलबाला है लेकिन यह काम केवल भाषण गुरुआओं का होता है। भाषण गुरु आत्म समोहित होकर अपरिपक्वता में बक बक करते फिरते हैं। वैसे यह बातें गलत नहीं है लेकिन इसके प्रचार की क्या जरूरत है?
समर्थ गुरु के शिष्य बंकनाल में फंसते ही नहीं।
सही कहा वीर जी
Banknal sasdal aur Braham ke beech me hai aur yeh haathi ke sund ke tarah hai
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Guide me
Brother find a guru jo 5 naam ka bhedi Ho.
@@beinwardshindi मन बस भवर गुफा तक जाता है। गुरु करना पड़ता है कुछ पल या दिन भी खोए खोए रहते है द्वादस में अपने गुरु के दर्शन होता है
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Jyotiniranjan per video banayye@@beinwardshindi
कोई सच्चे सद्गुरु के बारे में बताए।
bohat se guru hain jaise Shri Premanand ji maharaj vrindawan and Baba Gurinder Singh ji RSSB BEAS
Gyan batna cahiy
Regards
Me to dar gya thi akhe kholdi
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10.20 p.m.🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Regards
Yah chij mujhe Kai bar mere sath ho chuki hai ki main kisi gadi mein baitha hun aur gadi ulti bahut Tej bhag rahi hai aur main uske bare mein kuchh nahin Laga pa Raha sapne mein kya yuvak nali hai Kai bar ho chuka hai aisa mere sath
Regards
aap aur aage bdhe किसी sache guru ki help से..maine b किया h suru
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Regards
Regards
रहस्यों का रहस्य.......!
Regards
बकवास है कुछ नहीं होता है पागल पन हो जाता है कुछ हासिल नहीं होता 😅😅😅
“हर किसी का अपना अनुभव और दृष्टिकोण होता है। हो सकता है, जो चीज़ आपको व्यर्थ लगे, वो किसी और के लिए गहरी समझ या आत्मसंतोष का कारण हो। 🙏😊”
जयजगन्नाथ! मेरा मानना है कि बंक नाल का अनुभव तब शुरू होता है जब आज्ञा चक्र से क्राउन चक्र तक की यात्रा चल रही होती है, उससे पहले नहीं, कृपया स्पष्ट/विस्तृत करें। और इसमें यह कब शुरू होता है, कृपया विस्तार से बताएं।
Is ke liye humane video banaya hua hai. Aap check karen
@@beinwardshindi Jay Jagannath! Please share video link. Thanks for quick reply...
इसके अलावा जब मैं आज्ञा चक्र पर ध्यान करता हूं और थोड़ी देर बाद, यह स्वचालित रूप से धीरे-धीरे ऊपर और ब्रह्मरंध्र तक बढ़ते हुए शास्त्र चक्र तक चला जाता है और कभी-कभी यह लगातार नीचे और ऊपर जाता रहता है, लेकिन मुझे कभी भी बंक नाल का अनुभव नहीं हुआ। कृपया सलाह दें
अगर आप इस अनुभव से गुजरे होते तो यहाँ कभी प्रश्न नहीं करते! आप अनुभवी का संग करे खुलासा होगा बृहम दूर होगा!
@@TOPGEAR369 "आप अनुभवी का संग करे खुलासा होगा", who can help ? Eager to talk
झूंठी बकवास कर रही है,वो तरीका बताओ जिससे सभी अनुभव कर सके,यह सफर,वह सफर करना बकवास है,इसे कोई अनुभव नही
इस अनुभव को और गहराई से समझने के लिए एक सच्चे गुरु की खोज करें, जो सही मार्गदर्शन दे सकें। साथ ही, अपने विचारों को अभिव्यक्त करते समय आदरपूर्वक संवाद करें। मुझे लगता है कि आप अंदर से बहुत परेशान हैं, और यह सामान्य है।
Meri umar 4 se 5 saal ki thi tab me kai bar eas gufa me udata huaa kai bar gujra hu
👍
Apki pichale janam ki bhakti hai
Ye ashta nadiyo ki7 gufahamre hiday me parwes karne 7 gufa waha bhyankar aawaje aati hai kabhi hathi ki aawaj kabh sher ki dahad kai aawaje use prkas me jharna hamare hi sharir me
“Ye ek gahan aur adbhut anubhav hai jo andar ke shanti aur prakash ke mool ko prakat karta hai. Hamare hi sharir mein ye sab kuch ghatit hota hai, ek atmasakshatkar ke roop mein. Aapka yeh anubhav apni roshni aur shakti se atmasthiti ki gehrai ko vyakt karta hai. Dhanyavad apna anubhav saanjha karne ke liye.”
Har har mahadev
Regards