आपके प्रेम और समर्पण के लिए धन्यवाद। आप हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं। कृपया हमारी मदद करें और हमारे वीडियो साझा करें। हमने अपने चैनल का नाम 'Beinwards' से बदलकर 'Sant Matt' कर दिया है, जिससे हमारे वीडियो लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। आपके सहयोग से ही हम इस ज्ञान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकते हैं। धन्यवाद! ओम नमः शिवाय।"
प्रणाम🙏 आपकी श्रद्धा और विश्वास को नमन। आप जिस मार्ग पर चल रहे हैं, वह दिव्य और पवित्र है। “ॐ नमः शिवाय” का जाप आपकी साधना को और गहन करेगा और आपको शिवत्व की ओर ले जाएगा। ईश्वर और गुरु कृपा सदा आप पर बनी रहे। अपनी साधना में निरंतरता और विश्वास बनाए रखें। शिव आपकी हर यात्रा को सफल बनाएँ। हर हर महादेव! 🕉️🙏
परमात्मा को पाने के लिए ब्रह्मचर्य का महत्व है, परंतु यह अनिवार्य नहीं है। ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल शारीरिक संयम नहीं है, बल्कि मन, वचन और कर्म से संयमित जीवन जीना है। यह हमारी ऊर्जा को साधना और ध्यान में लगाने में सहायक होता है। हालांकि, इतिहास में ऐसे कई संत हुए हैं जिन्होंने गृहस्थ जीवन में रहकर भी परमात्मा की भक्ति की है। उन्होंने अपने सांसारिक कर्तव्यों को निभाते हुए भी मालिक के प्रति समर्पण और भक्ति का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसीलिए, ईश्वर की प्राप्ति के लिए ब्रह्मचर्य जरूरी नहीं है, बल्कि सच्ची भक्ति, प्रेम और समर्पण अधिक आवश्यक हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमारा मन शुद्ध हो और मालिक के प्रति सच्ची लगन और श्रद्धा से जुड़ा हो। गुरुजनों ने यह सिखाया है कि ईश्वर को पाने का मार्ग केवल संयम या तपस्या तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रेम, विनम्रता और निष्ठा से भरा हुआ होना चाहिए। इसलिए, चाहे आप ब्रह्मचर्य का पालन करें या गृहस्थ जीवन जिएं, यदि आपका मन प्रभु के प्रति समर्पित और भक्ति से भरा हुआ है, तो ईश्वर आपके प्रयासों को अवश्य स्वीकार करेंगे।
इस ध्यान से जुड़ने और इसे सुनने के लिए आपको सच्चे मन और निष्ठा से अभ्यास करने की आवश्यकता है। सबसे पहले, एक शांत और एकांत स्थान चुनें जहाँ आप बिना किसी व्यवधान के बैठ सकें। अपनी रीढ़ को सीधा रखें और आंखें बंद करके धीरे-धीरे गहरी सांस लें। 1. नाम जप: अपने ईष्ट का नाम सिमरन करें। यह आपके मन को स्थिर करने और आंतरिक शांति पाने में मदद करता है। 2. आंतरिक धुन: जब मन शांत होने लगे, तो अपनी आंतरिक ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें। यह एक सूक्ष्म ध्वनि है जो आपके भीतर हर समय उपस्थित रहती है। इसे सुनने के लिए धैर्य और ध्यान की आवश्यकता होती है। 3. सतगुरु का मार्गदर्शन: यदि आप इस प्रक्रिया में सहायता चाहते हैं, तो सच्चे गुरु की सहायता लें। गुरु ही आपको सही मार्ग दिखा सकते हैं और आपकी साधना को गहराई दे सकते हैं। गुरुबाणी में कहा गया है: “सुनिये नाद धुनी अंतरप्यारे।” (नाद को सुनना आपके भीतर की सच्चाई से जोड़ता है।) नियमित अभ्यास और सच्चे गुरु के आशीर्वाद से आप इस ध्यान से जुड़ सकते हैं और इसे सुनने का अनुभव कर सकते हैं। Waheguru जी की कृपा से यह अनुभव और गहरा होगा।
भाईजी, भजन करने के लिए सबसे पहले मन को शांत करना और अपने शरीर की स्थिति के अनुसार आरामदायक स्थान पर बैठना ज़रूरी है। अगर बैठने में तकलीफ हो रही है, तो आप कुर्सी पर बैठकर या लेटकर भी ध्यान कर सकते हैं। भजन और ध्यान का मूल उद्देश्य है अपने भीतर ईश्वर की उपस्थिति को अनुभव करना, जो बाहरी स्थिति पर निर्भर नहीं है। गुरुजनों का कहना है: “मन आराम से बैठ जाए तो भजन आसान हो जाता है।” आप शुरुआत में धीरे-धीरे छोटे समय से भजन करें और अपनी स्थिति के अनुसार इसे बढ़ाएं। ईश्वर की भक्ति में समर्पण और नियमित अभ्यास से आपके भीतर शांति और आनंद आएगा। सतगुरु पर विश्वास रखें और निरंतर अभ्यास करते रहें। आपकी साधना सरल और फलदायी होगी।
अनहद नाद का रहस्य शब्दों द्वारा समझते है ताकि रहस्य क्या है अनहद शब्द समझे अन , अनंत या अनादि या इसे अंतरिक्ष भी कहा गया है हद , सीमा अंतरिक्ष का वाडर नाद शब्द को समझे नाद यानि आवाज या ध्वनि का रहस्य समझे। ईश्वर शब्द से ई ,ईस्ट देव यानी पूर्वज स्वर , आवाज या ध्वनि संपूर्ण ब्रह्मांड मे तरंगित हो रही है यानी मनुष्य एक दूसरे का मन से सोचते है और बोलते रहते है अपने मन से कुछ भी नहीं सोचते है जैसे लग रहा है अगर पहले सोचे फिर विचार करें उसके बाद मन को शून्य अवस्था मे जाकर समझे तब जाकर प्रकृति का अनुभव हो सकता है जैसे कान है माइक ब्रेन है मशीन और मुंह है लाउडस्पीकर यही सत्य है आत्माध्यात्मिक विषय गलत लगे तो छमा करे 👏
सबसे पहले घबराने की जरूरत नहीं है। यह संभव है कि यह केवल मन का भ्रम या चिंता का परिणाम हो। ऐसे में नियमित रूप से ध्यान और प्राणायाम करने से मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं। साथ ही, सुबह और शाम को आध्यात्मिक ग्रंथों का पाठ करें, जैसे ‘सुखमनी साहिब’ या ‘हनुमान चालीसा’। यह आपके मन को स्थिरता और सुरक्षा का अहसास देगा। किसी अनुभवी साधक या गुरु से मार्गदर्शन लेना भी फायदेमंद रहेगा। हम जल्द ही इस विषय पर एक विशेष वीडियो बनाएंगे, ताकि आप और भी बेहतर समाधान पा सकें। हमारा अन्य वीडियो भी देखें और खुद को सकारात्मक विचारों से घेरें। आपका ध्यान और विश्वास आपको अवश्य राहत दिलाएगा।”
माँ का पुत्र के प्रति वात्सल्य और ममता का आधार भोग-विलास में नहीं, बल्कि उसकी आत्मा के गहरे स्नेह में होता है। ममता का यह रूप बिना किसी शर्त के होता है और इसमें त्याग और समर्पण की भावना छिपी होती है। जीवन के भौतिक सुखों के परे, यह एक दिव्य अनुभूति का अनुभव कराता है।”
Dyan insan ke was me nhi hai simran bhajn sirf guru ke skda hai insan nhi sab fsane aya hai jis ko soji Deni thi de di us ne baki to jese samp aya or chla gya wese hum us samp ki ped ko ese kro lao ese kr lao rasta prem hai hai jese Amir khusro ne kiya baba bule sah ne kiya shramd ne kiya Dani drshan Dass j ne kiya anlkha ne kya Mansur ne kiya bus jahi rasta chye baki bhjan simran krke na kisi ko mila na milega rasta prem ka hai
🌿
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे |
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
🌺🙏🌹🌹🌹🌹🌹🙏🌺
आपके प्रेम और समर्पण के लिए धन्यवाद। आप हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं। कृपया हमारी मदद करें और हमारे वीडियो साझा करें। हमने अपने चैनल का नाम 'Beinwards' से बदलकर 'Sant Matt' कर दिया है, जिससे हमारे वीडियो लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। आपके सहयोग से ही हम इस ज्ञान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सकते हैं। धन्यवाद! ओम नमः शिवाय।"
@Santmatt 🪷🌹💐🌺🙏😎🎉🎇🎆🦚🥳💖
Bht bht shukriya ji ❤❤
🙏🙏
Radha Swami ji app ek sache guru mukh hai bahut badhiya jankari di apne 😊😊😊😊
Radha soami ji
♥️🙏♥️
🙏🙏
जयसच्चिदानंद प्रणाम
🙏🙏
स्वामी जी आपने 100% सही बात बोली है
Regards
👏👏👏👏💐
🙏🏻🙏🏻
Radha swami ji
🙏🙏🙏🙏
Radha swami ji 🙏
🙏🏻🙏🏻
🙏🏻🙏🏻
❤Radha Soami Ji ❤
🙏
Waheguru waheguru waheguru waheguru ❤
Regards
Radha Soami ji
Radha soami ji
❤ धन्यवाद
Regards
radhe radhe ❤️💙
Regards
Gurudev pranam aapka kathan bilkul Satya hai Om namah Shivay
प्रणाम🙏 आपकी श्रद्धा और विश्वास को नमन। आप जिस मार्ग पर चल रहे हैं, वह दिव्य और पवित्र है। “ॐ नमः शिवाय” का जाप आपकी साधना को और गहन करेगा और आपको शिवत्व की ओर ले जाएगा। ईश्वर और गुरु कृपा सदा आप पर बनी रहे। अपनी साधना में निरंतरता और विश्वास बनाए रखें। शिव आपकी हर यात्रा को सफल बनाएँ।
हर हर महादेव! 🕉️🙏
@beinwardshindi aapko Satta koti pranam aapka reply padhakar mujhe bahut achcha Laga Sara sharir ka rongte khade ho gaye Om namah Shivay
Nice explaination
🙏
🙏jay gurudev🙏
Regards
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Regards
Thank you 🙏🏼😊
Regards 🙏
Very very informative video
Regards
Jai sachidanand g🙏🙏❤
Regards
Jay ho
Regards
Har har mahadev❤om namah shivay porom shanti❤
Regards
Jaigurudev kya satguru hai
Regards
@beinwardshindi regards ka matlab samjh me nahi aaya
Ha
Your all videos are very good. Thanks a lot.
Regards
Real
🙏
❤❤
❤️
Aapka boht dhanyawad 🙏
Regards
🙏🙏🙏
Regards
Namaskaram ji 🕉 🙏 😊❤
Regards
🤚👍
🙏
Guru manter or bina guru naam jaise k ram , waheguru, om jap main kya anter hai plz es par v video banyae🙏🙏
Jaroor jald he hum is par video banayege.
Mije anhd nad sunai dete he
Regards
Very good
Muje b
Kya Parmatma pane ke liye brahmcharya jaruri hai
परमात्मा को पाने के लिए ब्रह्मचर्य का महत्व है, परंतु यह अनिवार्य नहीं है। ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल शारीरिक संयम नहीं है, बल्कि मन, वचन और कर्म से संयमित जीवन जीना है। यह हमारी ऊर्जा को साधना और ध्यान में लगाने में सहायक होता है।
हालांकि, इतिहास में ऐसे कई संत हुए हैं जिन्होंने गृहस्थ जीवन में रहकर भी परमात्मा की भक्ति की है। उन्होंने अपने सांसारिक कर्तव्यों को निभाते हुए भी मालिक के प्रति समर्पण और भक्ति का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। इसीलिए, ईश्वर की प्राप्ति के लिए ब्रह्मचर्य जरूरी नहीं है, बल्कि सच्ची भक्ति, प्रेम और समर्पण अधिक आवश्यक हैं।
सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमारा मन शुद्ध हो और मालिक के प्रति सच्ची लगन और श्रद्धा से जुड़ा हो। गुरुजनों ने यह सिखाया है कि ईश्वर को पाने का मार्ग केवल संयम या तपस्या तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रेम, विनम्रता और निष्ठा से भरा हुआ होना चाहिए।
इसलिए, चाहे आप ब्रह्मचर्य का पालन करें या गृहस्थ जीवन जिएं, यदि आपका मन प्रभु के प्रति समर्पित और भक्ति से भरा हुआ है, तो ईश्वर आपके प्रयासों को अवश्य स्वीकार करेंगे।
इस ध्वनि से कैसे जुड़े इसे कैसे सुने कृपया बताए
इस ध्यान से जुड़ने और इसे सुनने के लिए आपको सच्चे मन और निष्ठा से अभ्यास करने की आवश्यकता है। सबसे पहले, एक शांत और एकांत स्थान चुनें जहाँ आप बिना किसी व्यवधान के बैठ सकें। अपनी रीढ़ को सीधा रखें और आंखें बंद करके धीरे-धीरे गहरी सांस लें।
1. नाम जप: अपने ईष्ट का नाम सिमरन करें। यह आपके मन को स्थिर करने और आंतरिक शांति पाने में मदद करता है।
2. आंतरिक धुन: जब मन शांत होने लगे, तो अपनी आंतरिक ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करें। यह एक सूक्ष्म ध्वनि है जो आपके भीतर हर समय उपस्थित रहती है। इसे सुनने के लिए धैर्य और ध्यान की आवश्यकता होती है।
3. सतगुरु का मार्गदर्शन: यदि आप इस प्रक्रिया में सहायता चाहते हैं, तो सच्चे गुरु की सहायता लें। गुरु ही आपको सही मार्ग दिखा सकते हैं और आपकी साधना को गहराई दे सकते हैं।
गुरुबाणी में कहा गया है:
“सुनिये नाद धुनी अंतरप्यारे।”
(नाद को सुनना आपके भीतर की सच्चाई से जोड़ता है।)
नियमित अभ्यास और सच्चे गुरु के आशीर्वाद से आप इस ध्यान से जुड़ सकते हैं और इसे सुनने का अनुभव कर सकते हैं। Waheguru जी की कृपा से यह अनुभव और गहरा होगा।
Bhajan. Kese kare bethne. Me taklif he
भाईजी, भजन करने के लिए सबसे पहले मन को शांत करना और अपने शरीर की स्थिति के अनुसार आरामदायक स्थान पर बैठना ज़रूरी है। अगर बैठने में तकलीफ हो रही है, तो आप कुर्सी पर बैठकर या लेटकर भी ध्यान कर सकते हैं। भजन और ध्यान का मूल उद्देश्य है अपने भीतर ईश्वर की उपस्थिति को अनुभव करना, जो बाहरी स्थिति पर निर्भर नहीं है।
गुरुजनों का कहना है:
“मन आराम से बैठ जाए तो भजन आसान हो जाता है।”
आप शुरुआत में धीरे-धीरे छोटे समय से भजन करें और अपनी स्थिति के अनुसार इसे बढ़ाएं। ईश्वर की भक्ति में समर्पण और नियमित अभ्यास से आपके भीतर शांति और आनंद आएगा। सतगुरु पर विश्वास रखें और निरंतर अभ्यास करते रहें। आपकी साधना सरल और फलदायी होगी।
अनहद नाद का रहस्य शब्दों द्वारा समझते है ताकि रहस्य क्या है अनहद शब्द समझे
अन , अनंत या अनादि या इसे अंतरिक्ष भी कहा गया है
हद , सीमा अंतरिक्ष का वाडर
नाद शब्द को समझे
नाद यानि आवाज या ध्वनि का रहस्य समझे।
ईश्वर शब्द से
ई ,ईस्ट देव यानी पूर्वज
स्वर , आवाज या ध्वनि संपूर्ण ब्रह्मांड मे तरंगित हो रही है यानी मनुष्य एक दूसरे का मन से सोचते है और बोलते रहते है अपने मन से कुछ भी नहीं सोचते है जैसे लग रहा है अगर पहले सोचे फिर विचार करें उसके बाद मन को शून्य अवस्था मे जाकर समझे तब जाकर प्रकृति का अनुभव हो सकता है जैसे कान है माइक ब्रेन है मशीन और मुंह है लाउडस्पीकर यही सत्य है
आत्माध्यात्मिक विषय
गलत लगे तो छमा करे 👏
Regards 🙏
Muje chownki aati h bhoot ki mai kaise thik ho skti hu muje solution btao please
सबसे पहले घबराने की जरूरत नहीं है। यह संभव है कि यह केवल मन का भ्रम या चिंता का परिणाम हो। ऐसे में नियमित रूप से ध्यान और प्राणायाम करने से मन शांत होता है और नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
साथ ही, सुबह और शाम को आध्यात्मिक ग्रंथों का पाठ करें, जैसे ‘सुखमनी साहिब’ या ‘हनुमान चालीसा’। यह आपके मन को स्थिरता और सुरक्षा का अहसास देगा। किसी अनुभवी साधक या गुरु से मार्गदर्शन लेना भी फायदेमंद रहेगा। हम जल्द ही इस विषय पर एक विशेष वीडियो बनाएंगे, ताकि आप और भी बेहतर समाधान पा सकें। हमारा अन्य वीडियो भी देखें और खुद को सकारात्मक विचारों से घेरें। आपका ध्यान और विश्वास आपको अवश्य राहत दिलाएगा।”
Muja bhi guru Daksha laine
🙏
@ muja koi help kar saktha hoo
Beas chale jao. Amritsar k pass punjab.... Radha Soami
@@PankajTalreja-e9f aap neh sahi keha beas radha soami satsang beas 🙏
Bhog vilas karte hue ma mein bete ke parti mamta kesi hoti ha. Govind
माँ का पुत्र के प्रति वात्सल्य और ममता का आधार भोग-विलास में नहीं, बल्कि उसकी आत्मा के गहरे स्नेह में होता है। ममता का यह रूप बिना किसी शर्त के होता है और इसमें त्याग और समर्पण की भावना छिपी होती है। जीवन के भौतिक सुखों के परे, यह एक दिव्य अनुभूति का अनुभव कराता है।”
Dyan insan ke was me nhi hai simran bhajn sirf guru ke skda hai insan nhi sab fsane aya hai jis ko soji Deni thi de di us ne baki to jese samp aya or chla gya wese hum us samp ki ped ko ese kro lao ese kr lao rasta prem hai hai jese Amir khusro ne kiya baba bule sah ne kiya shramd ne kiya Dani drshan Dass j ne kiya anlkha ne kya Mansur ne kiya bus jahi rasta chye baki bhjan simran krke na kisi ko mila na milega rasta prem ka hai
Regards
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Regards
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Regards
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Regards