विचार रखने के लिए हार्दिक धन्यवाद जी, आलोचना भी समालोचना का अभिन्न हिस्सा है, इससे पसन्द व विचारों का प्रत्यक्ष रूप दर्शन होता है, मैं आपका स्नेहिल कवि -रामगुलाब मौर्य (गुरुजी)प्रयागराज
यह लोग हकीकत में बिरहा के श्रोता नहीं है यह सिर्फ कमेंट करने के लिए आते हैं और कमेंट करके चले जाते हैं इनको यह पता नहीं है कि हमारे इस हरकत के वजह से कलाकार के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा यह सब रंडी के नाच देखने वाले हैं इनको बिरहा की परिभाषा ही नहीं पता है तो यह बिरहा जान पाएंगे कैसे की अच्छा है या घटिया
बहुत खूब बिरहा सुनकर मन प्रसन्न हो गया।और परम आदरणीय कवि श्री रामगुलाब जी की लेखनी का तो कोई जोड़ नहीं है।
Bahut sundar prastuti
Very,,nice,,birha
❤❤❤❤ Se super
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है ❤
Super star
Very ❤❤❤❤ nice 👍👍👍👍👍
एक नंबर का घटिया बिरहा😅😅😅
विचार रखने के लिए हार्दिक धन्यवाद जी, आलोचना भी समालोचना का अभिन्न हिस्सा है, इससे पसन्द व विचारों का प्रत्यक्ष रूप दर्शन होता है, मैं आपका स्नेहिल कवि -रामगुलाब मौर्य (गुरुजी)प्रयागराज
यह लोग हकीकत में बिरहा के श्रोता नहीं है यह सिर्फ कमेंट करने के लिए आते हैं और कमेंट करके चले जाते हैं इनको यह पता नहीं है कि हमारे इस हरकत के वजह से कलाकार के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा यह सब रंडी के नाच देखने वाले हैं इनको बिरहा की परिभाषा ही नहीं पता है तो यह बिरहा जान पाएंगे कैसे की अच्छा है या घटिया