हमारा साहित्य कितना धनी था सुनकर आनंद आ गया । प्रथ्वी राज के दरवारी कवि चंदवरदाई द्वारा रचित नमस्ते भवानी।आज से डेढ़ हजार साल पहले की रचना। ऐसे कवि को बार बार वंदन है।
@@SurendraSinghRatnu सब सुधीजनों का दिया हुआ है । जीवन इस मामले में वास्तव में धन्य है कि सच्चे साधु-महात्माओं का सानिध्य और सत्संग बहुत मिला .....देवरहा बाबा, सोनपथरी( बहराइच) के बाबा, कुम्भ में अनायास ही कृपा से मिल जाने वाले बाबा लोग आदि । सूची बहुत लम्बी है आप सहित उन सभी को मेरा प्रणाम !🙏
It's truly melodious, I've heard it more than 10 times within last three days! it takes away all my stress & makes me feel happy. looking forward for more such chirja & chhand. thank you .
Ye sarvshreshth bhajan gaya hai aapne. Sun kar maan se ekakar ho jata hai man. Dhanya hai apka bhakti bhav.Avaz mein to apki swayam saraswati birajti hain. Main chahti hun isi prakar narayan aur shiv ka bhi ho ek bhajan.
भजन सुनने और अपने सुविचार प्रकट करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। इसी धुन पर , नमामी शमीशाम निर्वाण रूपम, नामक एक शिव स्तुति मैंने गाई है। नारायण पर मैं देख रहा हूँ। धन्यवाद। आभार। कृपा बनाये रखें।
Part 1 कवि चन्द वरदाई नमस्ते भवानी दोहा चिंता विघन विनाषनी, कमलासनी शकत्त वीसहथी हॅस वाहनी, माता देहु सुमत्त। छन्द भुजंगप्रयात नमो आदि अन्नादि तूंही भवानी तुंही जोगमाया तूंही बाक बानी तुंही धर्नि आकाष विभो पसारे तुंही मोह माया बिखे षूल धारे । 1। तुंही चार वेदं खटं भाष चिन्ही तुंही ज्ञान विज्ञाान मेे सर्व भीनी तुंही वेद विद्या चऊदे प्रकाषी कला मंड चोवीस की रूप राषी। 2। तुंही रागनी राग वेदं पुराणम तुंही जन्त्र मे मन्त्र में सर्व जाणम तुंही चन्द्र मे सूर्य मे एक भासै तुंही तेज में पुंज मेेे श्री प्रकाषै । 3। तुंही सोखनी पोखनी तीन लोकं तुंही जागनी सोवनी दूर दोखं तुंही धर्मनी कर्मनी जोगमाया तुंही खेचरी भूचरी वज्रकाया । 4। तुंही रिद्धि की सिद्धि की एक दाता तुंही जोगिनी भोगिनी हो विधाता तुंही चार खानी तुंही चार वाणाी तुंही आतमा पंच भूतं प्रमाणी । 5। तुंही सात द्वीपं नवे खंड मंडी तुंही घाट ओघाट ब्रह्मंड डंडी तुंही धर्नि आकाष तूं बेद बानी तुंही नित्य नौजोवना हो भवानी । 6। तुंही उद्र में लोक तीनॅू उपावे तुंही छन्न में खान पानं खपावे तुंही अेक अन्नेक माया उपावे तुंही ब्रह्म भुतेष विष्णु कहावे । 7। तुंही मात हो एक ज्योती स्वरूपं तुंही काल महाकाल माया विरूपं तुंही हो ररंकार ओंकार बाणी तुंही स्थवरं जंगमं पोख प्राणी ।8। तुंही तूं तुंही तूं तुंही एक चण्डी हरी ष्षंकरी ब्रह्म भासे अखण्डी तुंही कच्छ रूपं उदद्धी बिलोही तुंही मोहिनी देव दैतां विमोही।9। तुंही देह वाराह देवी उपाई तुंही ले धरा थंभ दाढां उठाई तुंही विप्रहू में सुरापान टार्यो तुंही काल बाजी रची दैत मार्यो। 10। तुंही भारजा इंद्र को मान मार्यो तुंही जाय के भ्रग्गु को गर्व गार्यो तुंही काम कल्ला विखे प्रेम भीनी तुंही देव-दैतां दमी जीत दीनी ।11। तुंही जागती जोति निंद्रा न लेवे तुंही जीत देनी सदा देव सेवे अजोनी न जोनी उसासी न सासी न बैठी न ऊभी न पोढ़ी प्रकासी ।12। न जागे न सोवे न हाले न डोले गुपन्ति न छत्ति करंति किलोले भुजालं विषालं उजालं भवानी कृपालं त्रिकालं करालं दिवानी ।13। उदानं अपानं अछेही न छेही न माता न ताता न भ्राता सनेही विदेही न देही न रूपा न रेखी न माया न काया न छाया विषेखी । 14। उदासी न आसी निवासी न मंडी सरूपा विरूपा न रूपा सुचंडी कमखा न संखा असंखा कहानी हरींकार ष्षब्दं निरंकार बानी । 15। नवोढा न प्रौढा न मुग्धा न बाली करोधा विरोधा निरोधा कृपाली अभंगा न अंगा त्रिभंगा न जानी अनंगा न अंगा सुरंगा पिछानी ।16। षिखर पै फुहारो असो रूप तोरो अजोनी सुपावों कटे फंद मोरो पढ़े चंद छन्दं अभै दान पाऊं निषां वासरं मात दुर्गे सुध्याऊं ।17। सुनी साधकी टेर धाओ भवानी गजं डूबते वार ब्रजराज जानी भजे खेचरी भूचरी भूत प्रेतं भजे डाकनी षाकनी छोड़ खेतं ।18। पढे़ जीत देनी सबै दैत नाषं भजे किंकरी ष्षंकरी काल पाषं भजे तोतला जंत्र मंत्रं बिरोले भजे नारसिंगी बली बीर डोले ।19। निषा वासरं ष्षक्ति को ध्यान धारे सु नैनं करी नित्य दोषं निवारे करी वीनती प्रेमसो भाट चंदं पढ़ंते सुनंते मिटे काल फंदं ।20।
Jai mata ji ki hukam. Kviraj g aap ne mahakvi Chandvrdae ke dohe aise prstut kiye jai se ki chand vrdae ke kanth se prastut ki ho. Dhany he aap ki vani ko.
हमारा साहित्य कितना धनी था सुनकर आनंद आ गया । प्रथ्वी राज के दरवारी कवि चंदवरदाई द्वारा रचित नमस्ते भवानी।आज से डेढ़ हजार साल पहले की रचना। ऐसे कवि को बार बार वंदन है।
बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
एक अलौकिक अनुभूति सा देता अद्भुत वाचन व सुर। इस छंद को इतने प्रभावशाली ढंग से कभी नहीं सुना। सच में आपकी आवाज व उच्चारण बहुत सुंदर है।
भजन सुनने और अपने अमूल्य विचार प्रकट करने के लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आभार
नमस्ते भवानी
दोहा
चिंता विघन विनाषनी, कमलासनी शकत्त
वीसहथी हॅस वाहनी, माता देहु सुमत्त।
छन्द भुजंगप्रयात
नमो आदि अन्नादि तूंही भवानी
तुंही जोगमाया तूंही बाक बानी
तुंही धर्नि आकाष विभो पसारे
तुंही मोह माया बिखे षूल धारे ।१।
तुंही चार वेदं खटं भाष चिन्ही
तुंही ज्ञान विज्ञान मे सर्व भीनी
तुंही वेद विद्या चऊदे प्रकाषी
कला मंड चोवीस की रूप राषी ।२।
तुंही रागनी राग वेदं पुराणम
तुंही जन्त्र मे मन्त्र में सर्व जाणम
तुंही चन्द्र मे सूर्य मे एक भासं
तुंही तेज में पुंज मे श्री प्रकाषं ।३।
तुंही सोखनी पोखनी तीन लोकं
तुंही जागनी सोवनी दूर दोखं
तुंही धर्मनी कर्मनी जोगमाया
तुंही खेचरी भूचरी वज्रकाया ।४।
तुंही रिद्धि की सिद्धि की एक दाता
तुंही जोगिनी भोगिनी हो विधाता
तुंही चार खानी तुंही चार वाणी
तुंही आतमा पंच भूतं प्रमाणी ।५।
तुंही सात द्वीपं नवे खंड मंडी
तुंही घाट ओघाट ब्रह्मंड डंडी
तुंही धर्नि आकाष तूं बेद बानी
तुंही नित्य नौजोवना हो भवानी ।६।
तुंही उद्र में लोक तीनॅू उपावे
तुंही छन्न में खान पानं खपावे
तुंही अेक अन्नेक माया उपावे
तुंही ब्रह्म भुतेष विष्णु कहावे ।७।
तुंही मात हो एक ज्योती स्वरूपं
तुंही काल महाकाल माया विरूपं
तुंही हो ररंकार ओंकार बाणी
तुंही स्थवरं जंगमं पोख प्राणी ।८।
तुंही तूं तुंही तू तुंही एक चण्डी
हरी शंकरी ब्रह्म भासे अखण्डी
तुंही कच्छ रूपं उदद्धी बिलोही
तुंही मोहिनी देव दैतां विमोही ।९।
तुंही देह वाराह देवी उपाई
तुंही ले धरा थंभ दाढां उठाई
तुही विप्रहू में सुरापान टार्यो
तुंही काल बाजी रची दैत मार्यो ।१०।
तुंही भारजा इंद्र को मान मार्यो
तुंही जाय के भ्रग्गु को गर्व गार्यो
तुंही काम कल्ला विखे प्रेम भीनी
तुंही देव-दैतां दमी जीत दीनी ।११।
तुंही जागती जोति निंद्रा न लेवे
तुंही जीत देनी सदा देव सेवे
अजोनी न जोनी उसासी न सासी
न बैठी न ऊभी न पोढ़ी प्रकासी ।१२।
न जागे न सोवे न हाले न डोले
गुपन्ति न छत्ति करंति किलोले
भुजालं विषालं उजालं भवानी
कृपालं त्रिकालं करालं दिवानी ।१३।
उदानं अपानं अछेही न छेही
न माता न ताता न भ्राता सनेही
विदेही न देही न रूपा न रेखी
न माया न काया न छाया विषेखी ।१४।
उदासी न आसी निवासी न मंडी
सरूपा विरूपा न रूपा सुचंडी
कमखा न संखा असंखा कहानी
हरींकार शब्दं निरंकार बानी ।१५।
नवोढा न प्रौढा न मुग्धा न बाली
करोधा विरोधा निरोधा कृपाली
अभंगा न अंगा त्रिभंगा न जानी
अनंगा न अंगा सुरंगा पिछानी ।१६।
शिखर पै फुहारो असो रूप तोरो
अजोनी सुपावां कटे फंद मोरो
पढ़े चंद छन्दं अभै दान पाऊं
निषां वासरं मात दुर्गे सुध्याऊं ।१७।
सुनी साधकी टेर धाओ भवानी
गजं डूबते वार ब्रजराज जानी
भजे खेचरी भूचरी भूत प्रेतं
भजे डाकनी शाकनी छोड़ खेतं ।१८।
पढे़ जीत देनी सबै दैत नाषं
भजे किंकरी ष्षंकरी काल पाषं
भजे तोतला जंत्र मंत्रं बिरोले
भजे नारसिंगी बली बीर डोले ।१९।
निषा वासरं शक्ति को ध्यान धारे
सु नैनं करी नित्य दोषं निवारे
करी वीनती प्रेमसो भाट चंदं
पढ़ंते सुनंते मिटे काल फंदं ।२०।
तुंही आदि अन्नदि की एक माया
सबे पिण्ड ब्रह्मांड तुंही उपाया
तुंही बीर बावन्न वंदे सुभारी
तुंही वाहनी हंस देवी हमारी ।२१।
तुंही पंच तत्वं धरी देह तारी
तुंही गेह गेहं भई ष्षील वारी
तुही शैलजा श्री सावित्री सरूपी
तुंही षिव विष्णू अजं थीर थप्पी ।२२।
तुंही पान कुंभं मधुपान करनी
तुंही दुष्ट घातीन के प्रान हरनी
तुंही जीव तूं शिव तूं रीत भर्नी
तुंही अंतरीखं तुंही चीर धर्नी ।२३।
तुंही वेद में जीव रूपं कहावे
निराधर आधार संसार गावे
तुंही त्रीगुनी तेज माया लुभानी
तुंही पंच भूतं नमस्ते भवानी ।२४।
नमो ओंकार रूपे कल्यानी कमल्ला
कलारूपं तूं कामदा तूं विमल्ला
कुमारी करूणा कमंख्या कराली
जया विजया भद्रकाली किंकाली ।२५।
शिवा शंकरी विष्व विमोहनीयं
वराही चामुण्डा द्रुगा जोगनीयं
महालच्छमी मंगला रत्त अख्खी
महा तेज अंबार जालंद्र मख्खी ।२६।
तुंही गंग गोदावरी गोमतीयं
तुंही नर्मदा जम्मना सर्सतीयं
तुंही कोटि सूरज्ज तेजं प्रकाषी
तुंही कोटि चंदाननं जोत भासी ।२७।
तुंही काटिधा विष्व आकाष धारे
तुंही कोटि सुमेरू छाया अपारे
तुंही कोटि दावानलं ज्वालमाला
स्तुति को लिपि बद्ध करने लिये साधुवाद।
Last few lyrics not available there to read .Please share it.
🙏🙏🙏
Vishalbhai thanks
Last few lyrics missing
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
@@SurendraSinghRatnu Hukum aap aaj bhi reply kr rhe ho 🙏🏻
नमस्ते नमस्ते मातु श्री भवानी
नमस्ते नमस्ते मातु श्री भवानी
अति सुन्दर। शत शत नमन आपका इस सुंदर प्रस्तुति के लिए।
बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
🌹🙏🏻
ऊं ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
ऊं ऐं क्लीं चामुण्डायै विच्चै
Such a peaceful chanting
भजन सुनने और समीक्षा के लिये बहुत बहुत धन्यवाद, आभार।भगवान आपको सुखी और प्रसन्न रखे.
Jayho
शस्त्र और शास्त्र के ज्ञाता ब्राह्मण वीर चंदवरदाइ भट्ट अमर रहे
अमर रहे
Mahoday chand kavi ji brahman nahi brahmbhatt the 🕉👏🏻
@@parixitbarot6421सरस्वती का आराधक ब्राह्मण ही हो जाता है ....देवी प्रकृति उसे ब्राह्मण बना देती है ।
@@parixitbarot6421 ब्रह्मभट्ट क्या होता है? जरा बताने का कष्ट करेंगे?
जो भट्ट ब्राह्मण को नहीं जानता वह ही ऐसी बात करता है।
नमस्ते नमस्ते नमस्ते भवानी। जय मा भवानी
जय मा भवानी
Wah wah bhai adbhut Ratnu ji.
Irish best luck
Mukesh Gadhavi RATNU.
Thanks
11:03 Jay maa jvala mukhi
Jay maa jvala mukhi
🙏🏿🙏🏿🚩🚩🥰🥰🕉🕉Jay matadi ❤❤😊😊
Jay matadi
Namse bhavani thanks itni purani stuti hamtak pahochna ke liye
धन्यवाद बहुत बहुत आभार।
अति सुन्दर
बहुत बहुत धन्यवाद,आभार।
गिरा अनयन नयन बिनु बानी ....कैसे प्रशंसा की जाए । मैं असमर्थ हूँ ।
" माँ " मुझे वह भाव दे ,जिस भाव से ये लिखा गया है और गाया गया है ।
आध्यात्म की गूढ समझ लगती है आप में। धन्य हो
@@SurendraSinghRatnu सब सुधीजनों का दिया हुआ है । जीवन इस मामले में वास्तव में धन्य है कि सच्चे साधु-महात्माओं का सानिध्य और सत्संग बहुत मिला .....देवरहा बाबा, सोनपथरी( बहराइच) के बाबा, कुम्भ में अनायास ही कृपा से मिल जाने वाले बाबा लोग आदि । सूची बहुत लम्बी है आप सहित उन सभी को मेरा प्रणाम !🙏
मेरा भी आपको प्रणाम। कृपा बनाये रखियेगा।
🚩🔴 जय माँ खोडल 🔴🚩
🚩⚫ जय माँ मोगल ⚫🚩
🚩🟠 जय माँ भवानी 🟠🚩
जय माँ भवानी
जय सनातन वैदिक हिन्दू धर्म संस्कृति 🔆🕉️🙏🚩❤️💐🏵️ जय शक्ति मां 🙏
जय शक्ति मां
Jay maa Bhavaani
Jay maa Bhavaani
Ati sundar. Jai ma bhawani .🙏🏻🕉️🙏🏻
भजन सुनने और अपने सुविचार प्रकट करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।आभार
Jai Mata di
Jai Mata di
बहुत ही सुंदर, माँ भवानी ये स्तोत्र तीन दिन में १०० से ज्यादा बार सुना। आप धन्य भाग हैं🙏🙏🙏
बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
Shat shat pranam 🙏🙏🙏🌹❤️🌹
Pranam.
जय माँ हिंगलाज
जय माँ हिंगलाज
कला मंड चोवीस की रूप राषी 🙏🙏
🙏🙏
Jai maa Durga.
Jai maa Durga.
JAI Mata ji ki hukum 🙏🏻🙏🏻 MAA ke sbhi rupno or mahima ka bdi hi umda panktiyon dwara prastuti...........bhawabhivykti gazab hukum 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹
धन्यवाद और बहुत बहुत आभार।
अद्भुत बहुत सुंदर बहुत सुखद और मनभावन
बहुत बहुत धन्यवाद , आभार।
Jai jogmaya
Jai Jogmaya
❤ જય અંબે❤ જય હો ❤
જય અંબે
Thanks for sharing ....... The last few lyrics are not there to read. Please share it, if you have that.
भजन सुनने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद, आभार।भगवान आपको सुखी और प्रसन्न रखे।
जय माता दी
जय माता दी
जय शाक्त धर्म की
जय शाक्त धर्म की
Jay maa baglamukhi ❤ Jay maa pitambara ❤
Jai ma Avad
Jai ma Swangiya
Jai ma Maheshwari tanotrai
Mateshwari
Jai Bhawani
जय ज्वाला मुखी 😮
जय ज्वाला मुखी
कॉई चाडू अंबिका,तू ही राजा,तू हि तीनों लोक ।
माडी महारे बोलवा,सिर देवा ने धोक 🙏🙏
Adhbhut 🦅
👌👌👍🙏🙏💐🙏
बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
🙏🙏
धन्यवाद, बहुत बहुत आभार।
It's truly melodious, I've heard it more than 10 times within last three days! it takes away all my stress & makes me feel happy. looking forward for more such chirja & chhand. thank you .
anjulata charan aeesome 😊
Jai maa Karni
Maa ki mahima
Thank you very much for liking.
Jai Maa Karni
Jai Mata Di 🙏🏻🙏🏻
धन्यवाद बहुत बहुत आभार
Wah chand barot ki tarah maa Aapko bhi aashirwad dene aare jay maa Supper singing orijinal hartly
धन्यवाद बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
Jai ma bhawani
Jai Maa Bhawani
Jai Mataji ki
Jai Mataji ki
🙏🏻
Jai mataji ki
Maa
Jai shri Mataji ki
Jay Bhawani.🌹🙏🌹
Jay Bhawani.
Jai maa karni 🙏🏼
Jai maa karni
જય માં ભવાની આપની કૃપા થાજો
भजन सुनने के लिये धन्यवाद, बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
Very very nice chirja in your beautifull melodious voice .sung in your melodious way.
धन्यवाद बहुत बहुत आभार।
"Jay Bhavanee "🌺🌺🌺
Jay Bhawanee.
jay bhavani
Jai ma bhawani 🙏🕉️🚩
Jai ma bhawani 🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आभार
Jai maa bhavani
Jai maa bhavani
Jai mata di
ચાંદ કવિ પુસત્ક ક્યાં મળસે
स्तुति तो मेरी साइट पर लिखी हुई है ही। बाकी किसी भी अच्छे पुस्तक भंडार पर पृथ्वीराज रासो पुस्तक मिल जायेगी।
Jay bhvani
बहुत बहुत धन्यवाद, आभार।भगवान आपको सुखी और प्रसन्न रखे।
बहुत शानदार आवाज मेँ स्तुति
धन्यवाद बहुत बहुत आभार।
Jay mataji
भजन सुनने के लिये धन्यवाद, बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
यह स्तुति लिखी हुई मिल सकती है क्या
इस वीडियो के चित्र के नीचे तीर का निशान बना है।उसको क्लिक करने पर आपको इसके लिरिक्स मिल जायेंगे।धन्यवाद।
JAY MATAJI
JAY MATAJI KI SA
JAI MA AAVD,JAI MA KARNI
Jai Maa Karni. Thank you very much.
Great upload thanks for sharing.
Bahut bahut dhanyawad.
Jisne gayan kiya hai us gayak bhaktraj ko mai dil se pranam karata hu. Ma bhagwati aapaka kalyan Kare.
बहुत बहुत आभार आपका। कृपा बनाये रखें।
Bahut sundar saa charan suputra.. Jai Maa karni jai indresh
धन्यवाद आभार
Namo bhawani namo namo.
Jai Mataji ki.
Jai Mata ji ki sa hukum.
જય મા
જય મા
Jai ambay.
Jai Ambay.
Bbye
Jay ma avad 🙏🙏🙏
Jai Maa Aavad
Ye sarvshreshth bhajan gaya hai aapne. Sun kar maan se ekakar ho jata hai man. Dhanya hai apka bhakti bhav.Avaz mein to apki swayam saraswati birajti hain. Main chahti hun isi prakar narayan aur shiv ka bhi ho ek bhajan.
भजन सुनने और अपने सुविचार प्रकट करने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। इसी धुन पर , नमामी शमीशाम निर्वाण रूपम, नामक एक शिव स्तुति मैंने गाई है। नारायण पर मैं देख रहा हूँ। धन्यवाद। आभार। कृपा बनाये रखें।
Jai maa bhawani🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
Jai Bhavani🙏
Jai Bhavani
I can't believe 3 ppl can dislike this beauty.
तुलसी इस संसार में भांति भांति के लोग।
jaya jaya bhavani
Jai bhavani
जय भवानी
धन्यवाद बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
Aank main aansu aa gaye bhai
भगवान के भक्तों की यही निसानी है।
bahot hi achha 👌👍
बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।
Jay ho 🙏🙏🙏
Jai Shri mataji ki.
Part 1
कवि चन्द वरदाई
नमस्ते भवानी
दोहा
चिंता विघन विनाषनी, कमलासनी शकत्त
वीसहथी हॅस वाहनी, माता देहु सुमत्त।
छन्द भुजंगप्रयात
नमो आदि अन्नादि तूंही भवानी
तुंही जोगमाया तूंही बाक बानी
तुंही धर्नि आकाष विभो पसारे
तुंही मोह माया बिखे षूल धारे । 1।
तुंही चार वेदं खटं भाष चिन्ही
तुंही ज्ञान विज्ञाान मेे सर्व भीनी
तुंही वेद विद्या चऊदे प्रकाषी
कला मंड चोवीस की रूप राषी। 2।
तुंही रागनी राग वेदं पुराणम
तुंही जन्त्र मे मन्त्र में सर्व जाणम
तुंही चन्द्र मे सूर्य मे एक भासै
तुंही तेज में पुंज मेेे श्री प्रकाषै । 3।
तुंही सोखनी पोखनी तीन लोकं
तुंही जागनी सोवनी दूर दोखं
तुंही धर्मनी कर्मनी जोगमाया
तुंही खेचरी भूचरी वज्रकाया । 4।
तुंही रिद्धि की सिद्धि की एक दाता
तुंही जोगिनी भोगिनी हो विधाता
तुंही चार खानी तुंही चार वाणाी
तुंही आतमा पंच भूतं प्रमाणी । 5।
तुंही सात द्वीपं नवे खंड मंडी
तुंही घाट ओघाट ब्रह्मंड डंडी
तुंही धर्नि आकाष तूं बेद बानी
तुंही नित्य नौजोवना हो भवानी । 6।
तुंही उद्र में लोक तीनॅू उपावे
तुंही छन्न में खान पानं खपावे
तुंही अेक अन्नेक माया उपावे
तुंही ब्रह्म भुतेष विष्णु कहावे । 7।
तुंही मात हो एक ज्योती स्वरूपं
तुंही काल महाकाल माया विरूपं
तुंही हो ररंकार ओंकार बाणी
तुंही स्थवरं जंगमं पोख प्राणी ।8।
तुंही तूं तुंही तूं तुंही एक चण्डी
हरी ष्षंकरी ब्रह्म भासे अखण्डी
तुंही कच्छ रूपं उदद्धी बिलोही
तुंही मोहिनी देव दैतां विमोही।9।
तुंही देह वाराह देवी उपाई
तुंही ले धरा थंभ दाढां उठाई
तुंही विप्रहू में सुरापान टार्यो
तुंही काल बाजी रची दैत मार्यो। 10।
तुंही भारजा इंद्र को मान मार्यो
तुंही जाय के भ्रग्गु को गर्व गार्यो
तुंही काम कल्ला विखे प्रेम भीनी
तुंही देव-दैतां दमी जीत दीनी ।11।
तुंही जागती जोति निंद्रा न लेवे
तुंही जीत देनी सदा देव सेवे
अजोनी न जोनी उसासी न सासी
न बैठी न ऊभी न पोढ़ी प्रकासी ।12।
न जागे न सोवे न हाले न डोले
गुपन्ति न छत्ति करंति किलोले
भुजालं विषालं उजालं भवानी
कृपालं त्रिकालं करालं दिवानी ।13।
उदानं अपानं अछेही न छेही
न माता न ताता न भ्राता सनेही
विदेही न देही न रूपा न रेखी
न माया न काया न छाया विषेखी । 14।
उदासी न आसी निवासी न मंडी
सरूपा विरूपा न रूपा सुचंडी
कमखा न संखा असंखा कहानी
हरींकार ष्षब्दं निरंकार बानी । 15।
नवोढा न प्रौढा न मुग्धा न बाली
करोधा विरोधा निरोधा कृपाली
अभंगा न अंगा त्रिभंगा न जानी
अनंगा न अंगा सुरंगा पिछानी ।16।
षिखर पै फुहारो असो रूप तोरो
अजोनी सुपावों कटे फंद मोरो
पढ़े चंद छन्दं अभै दान पाऊं
निषां वासरं मात दुर्गे सुध्याऊं ।17।
सुनी साधकी टेर धाओ भवानी
गजं डूबते वार ब्रजराज जानी
भजे खेचरी भूचरी भूत प्रेतं
भजे डाकनी षाकनी छोड़ खेतं ।18।
पढे़ जीत देनी सबै दैत नाषं
भजे किंकरी ष्षंकरी काल पाषं
भजे तोतला जंत्र मंत्रं बिरोले
भजे नारसिंगी बली बीर डोले ।19।
निषा वासरं ष्षक्ति को ध्यान धारे
सु नैनं करी नित्य दोषं निवारे
करी वीनती प्रेमसो भाट चंदं
पढ़ंते सुनंते मिटे काल फंदं ।20।
जय भवानी
JAi jai bhawani
Jai Jai BHawani. Dhanyawad.
Hare hare vandan
धन्यवाद, बहुत बहुत आभार।
Ati sundar, karnapriya..👌👌
बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।भगवान आपको खुश और सुखी रखे।
Jai maa Karni ji.
Jai Maa Karni
Jai mata ji ki hukam.
Kviraj g aap ne mahakvi Chandvrdae ke dohe aise prstut kiye jai se ki chand vrdae ke kanth se prastut ki ho.
Dhany he aap ki vani ko.
Bahut bahut dhanyawad.
Very nice hukam
🌸🌸🌻🌻🌹🌹🌺🌺🍁🍁
Thank you so much. So kind of you.
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धन्यवाद, बहुत बहुत आभार।
@@SurendraSinghRatnuplc. Add last lines
Jai bhawani.
Jai BHawani.
VERY NICE.,,,,,LGE RHO BHLE KAMO ME
धन्यवाद, बहुत बहुत आभार।
Very nice saa hkm🙏
Thank you very much.
क्या मुझे इसके लिरिक्स पूरे मिल सकते है ?? सर्
लिरिक्स के लिये show more click करें।
अप्रतिम मातृ वन्दना और रत्नू साब बहुत सुंदर गायन-पठन।
धन्यवाद और बहुत बहुत आभार।
बहोत बहोत अभिनंदन। कविराज संपूर्ण भवानी स्तोत्र भेजो आपका मोबाइल नंबर चाहिए।
Jai maa ambay watch again and again
भगवती की कृपा है आप पर। वही बार बार आपको प्रेरित कर रही है। जय हो योगमाया।
Khubsurat rachna. Jay Mata di
Bahut bahut aabhaar aapka.
Very beautiful..💕💕💕
Thank you so much 😊
shandar hukum
+sandeep khiriyaji, Jai mataji ki. Channel sunne ke liye bahut bahut dhanyawad
बहुत खूब
बहुतबहुत आभार आपका
Very nice hkm
Thank you so much.
Jay ma
धन्यवाद बहुत बहुत आभार।कृपा बनाये रखें।भगवान आपको खुश और सुखी रखे
हुकम ईन छंदो की लिरिक्स मिल सकती है
धन्यवाद। छंद बिल्कुल स्पष्ठ हैं।आप इनको लिख सकते हैं।
@@SurendraSinghRatnu description me thodi si kadi baki hai krupya puran chand dijiye kripa hogi 👏👏