सुरमंडल वाद्य बहोत प्राचीन वाद्य है जिसका प्रमाण मिलता है पुष्टीमार्गीय सेवा प्रणालिका मे । उस्ताद बडे गुलाम अली खान साहेबने इस वाद्य को इस कदर अपनाया कि ये उनहीसे पहेचान बना रहा है क्यूकि इसके अनुरूप गायकी उनहीकी मालूम होती है । सुरमंडल के साथ गानेकी वविशेषता सब मे नही है
So wonderful Ustad ji 🙏🙏❤
Waah Waah Kamaal ker Diya USTAD Saheb AAP ne Hamesha ki Terhain 🙏🙏
सुरमंडल वाद्य बहोत प्राचीन वाद्य है जिसका प्रमाण मिलता है पुष्टीमार्गीय सेवा प्रणालिका मे । उस्ताद बडे गुलाम अली खान साहेबने इस वाद्य को इस कदर अपनाया कि ये उनहीसे पहेचान बना रहा है क्यूकि इसके अनुरूप गायकी उनहीकी मालूम होती है । सुरमंडल के साथ गानेकी वविशेषता सब मे नही है
वाह ! बहोत खूब, ऊस्तादजी ! शुक्रिया !
no words to say for this amazing performence....MashAllah...ustad jii..kya sama bandha hai.......waahh...
Keya baat hay Ustadji!!
Kya baat hai ..waah
Beautiful. And beautiful sarangi!
Surmandal is the creation and invention of his maestro Daada; he has more right to use it than anyone else.