@@TheoSophii बिना ओशो को सुने और पढ़े, नहीं बोला है। सौ से अधिक पुस्तकें ओशो की पढ़ चुका हूं। और पहले ओशो को ही सुनता व पढ़ता था। आप भी अपने ज्ञान के स्रोत का जरा विस्तार करिए। क्योंकि जैसे आंख के नीचे की चीज ही नहीं नजर आती, उसी प्रकार केवल ओशो ओशो को सुनकर और पढ़कर, बिना हर बात पर विचार किए, मानते जाना, यह मोह की अवस्था है। और ओशो की आवाज तथा लेखनी भी मन मोहने वाली है, इसमें कोई शंका नहीं है। लेकिन सत्य भी कोई चीज होती है, जिसे आपको स्वयं ही परखना और जानना होता है।
@@TheoSophii रही बात हैसियत की। तो ईश्वर ने हमें मनुष्य बनाया है, बुद्धि दी है। तो यदि हम विचार करके किसी भी विषय पर क्यों नहीं बोल सकते। ओशो को पैगंबर मत बनाइए। ओशो का स्वयं कहना था कि पहले जानो-समझो, अच्छी तरह विचार-मनन कर लो तब मानो।
घर में रहते विराग्य तभी हो सकता जब गुण कर्म स्वभाव मिले। विराग्य के लिए गुरुनानक देव जी घर से निकले महात्मा बौद्ध घर से निकले। आज घर में इंसान ठीक से धर्म की बात भी नही कर सकते तो व्यराग्य कैसे आ पाएगा। खुद को वक्त देने से कुदरत को समझने से कुदरत को बचाने से सही सही धर्म को जानने से केवल जानना नही अपनाने से व्यराज्ञ संभव है। ,
आचार्य जी मार्गदर्शन कीजिए एक तरफ तो आप कह रहे हैं कि सृष्टि की सारी वस्तुएं भोगी जा सकती हैं और एक तरफ आप कह रहे हैं कि बिना प्रकृति को नुक्सान दिया है इस आधुनिक युग
Aadunikata kaho ya vairagy kaho vo hai Jo sabhi trh se Aisa vichar achar jo bhog ki eccha ko nast kar de apni eccha se koi kor jabaradasti nahi aur phir bhi. Man prasanna rahe phakiri me bhi aanand vo hai vairagy jaise bhagavan shiv ji hai 🕉️🙏🙏🕉️
@@satyajitbiswal8819 ham bhi vahi khana hai ki shiv bhagwan kitne Aishwarya sampann hai per ek hi bar me sone ka mahal ravan ko dakshina me de Diya badi sadgi se rahte hai une koi moh nahi sansari hokar bhi vairagi hai hár har Mahadev 🕉️🙏🙏🕉️
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👌🙏 बहुत ही गूढ जानकारी
🙏🙏🙏🙏🙏
बेटा आपकआअध्यन कितना व्यापक है आपके समझनएकआ और समझाने का तरीका कितना सरल है सबको अच्छी तरह से समझ में आता है बहुत बहुत धन्यवाद आपका
🙏🏻🙏🏻
सत्य सनातन वैदिक धर्म संस्कृति और सभ्यता की जय
बहुत अच्छी बात
Thanks,very very good.
❤बहुत सुन्दर है
🚩🙏
सही है
Namaste ji 🙏
बहुत सरल और सच्चा व्यख्यान।
काम मे रहते हुए, परिवार में रहते हुए, भी वैरागी हो सकते हैं। आचार्य जी धन्यवाद।🙏🌷
सादर नमस्ते आचार्यजी
Namaste
जय आर्य जय आर्यावर्त
आचार्य जी अति सुंदर बातें बताई गई है वैराग्य के बारे में
Aacharya ji namaste
Bahut sundar
Acharya ji sader pranam bahut hi sunder prastuti kye liye abhar _________sushma
आज के समय में न तो २ कपड़े वाले संतुष्ट हैं न २००० कपड़े वाले संतुष्ट हैं।
आपका ज्ञान उच्च कोटि का है। हमें प्रदान करने के लिए धन्यवाद।
सुप्रभातम् शुभकामनाएं आयुष्मान भव ओ३म् 🙏🏼🚩 धन्यवाद: ।
Namasteji swamiji dhanyabad om
Very nicely explained. इस सुंदर व्याख्या के लिये बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏼🙏🏼
5:00 नमस्ते आचार्य जी। आपने ओशो के सभी गलत विचारों का मानो मूल कारण सामने रख दिया हो। वैराग्य की गलत समझ ही ओशो के गलत विचारों व व्यवहारों का आधार थी।
हैसियत भी है ओशो पर बोलने की
@@TheoSophii बिना ओशो को सुने और पढ़े, नहीं बोला है। सौ से अधिक पुस्तकें ओशो की पढ़ चुका हूं। और पहले ओशो को ही सुनता व पढ़ता था। आप भी अपने ज्ञान के स्रोत का जरा विस्तार करिए। क्योंकि जैसे आंख के नीचे की चीज ही नहीं नजर आती, उसी प्रकार केवल ओशो ओशो को सुनकर और पढ़कर, बिना हर बात पर विचार किए, मानते जाना, यह मोह की अवस्था है। और ओशो की आवाज तथा लेखनी भी मन मोहने वाली है, इसमें कोई शंका नहीं है। लेकिन सत्य भी कोई चीज होती है, जिसे आपको स्वयं ही परखना और जानना होता है।
@@TheoSophii रही बात हैसियत की। तो ईश्वर ने हमें मनुष्य बनाया है, बुद्धि दी है। तो यदि हम विचार करके किसी भी विषय पर क्यों नहीं बोल सकते। ओशो को पैगंबर मत बनाइए। ओशो का स्वयं कहना था कि पहले जानो-समझो, अच्छी तरह विचार-मनन कर लो तब मानो।
आचार्य जी कोई एक वास्तु ऐसी बताईये जो आधुनिक हो प्रकृति को नुक्सान न पहुँचती है
नारी नर्क का द्वार तब होगी जब आप परस्त्रीगामी होंगे।ये वाक्य इस अर्थ में कहा गया है।
श्री राम, श्री कृष्ण सबने विवाह किया पर मर्यादित थे।
Pranam acharya ji🙏🙏🙏🙏
घर में रहते विराग्य तभी हो सकता जब गुण कर्म स्वभाव मिले। विराग्य के लिए गुरुनानक देव जी घर से निकले महात्मा बौद्ध घर से निकले। आज घर में इंसान ठीक से धर्म की बात भी नही कर सकते तो व्यराग्य कैसे आ पाएगा। खुद को वक्त देने से कुदरत को समझने से कुदरत को बचाने से सही सही धर्म को जानने से केवल जानना नही अपनाने से व्यराज्ञ संभव है। ,
नमस्तेजी
बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति अच्छी जानकारी व्याख्या की आप ने जारी रखें आचार्य श्री अंकित जी सादर नमस्ते 🙏🙏🚩🌞🕉️🙏🙏🅿️💪☘️🍃🌿🌱💐🌻🔥
Acharyaji aap darshnik drishti ke acharya prashant se awasya jud kr kisi darshn pr ek charcha kr k srhinkla bany
आचार्य जी मार्गदर्शन कीजिए एक तरफ तो आप कह रहे हैं कि सृष्टि की सारी वस्तुएं भोगी जा सकती हैं और एक तरफ आप कह रहे हैं कि बिना प्रकृति को नुक्सान दिया है इस आधुनिक युग
टिव्ही सिरियल भी पागल कर रखा ह उदाः स्वामी समर्थ बाळूमामा😂😂😂
ओम् परिणाम आचार्य जीं जय सनातन
Indriy se halwan man man se balwan bhudhi bhudhi se balwam atma
Aadunikata kaho ya vairagy kaho vo hai Jo sabhi trh se Aisa vichar achar jo bhog ki eccha ko nast kar de apni eccha se koi kor jabaradasti nahi aur phir bhi. Man prasanna rahe phakiri me bhi aanand vo hai vairagy jaise bhagavan shiv ji hai 🕉️🙏🙏🕉️
Shivji waise nahin hai jo ki tv main dikhaya jata hai
@@satyajitbiswal8819 ham bhi vahi khana hai ki shiv bhagwan kitne Aishwarya sampann hai per ek hi bar me sone ka mahal ravan ko dakshina me de Diya badi sadgi se rahte hai une koi moh nahi sansari hokar bhi vairagi hai hár har Mahadev 🕉️🙏🙏🕉️
आचार्य जी आप का फोन नम्बर चाहिए
🙏🙏
सादर नमस्ते आचार्य जी
आचार्य जी सादर नमस्ते
🙏🙏🙏