सब दुखों से छूट जाना ही सर्व सुखों को प्राप्त करना।सांसारिक पदार्थों में सुख कम हैं, दुख अधिक हैं।सौ प्रतिशत सुख प्राप्त करने के लिये ईश्वर को प्राप्त करने का लक्ष्य बनायें सर्वश्रेष्ठ सुख मोक्ष में प्राप्त होगा।मोक्ष में केवल सुख ही सुख है दुख लेशमात्र भी नहीं है।दर्शन शास्त्रों में मोक्ष विद्या का वर्णन है।स्वामी जी का हार्दिक धन्यवाद है।
स्वामी जी को सादर नमस्ते जी यद्यपि प्रतिदिन स्वामी जी के उपदेश तथा प्रवचन के माध्यम से अमृत वर्षा की जाती है। परंतु आज का उपदेश बहुत ही महत्वपूर्ण है सादर आभार
सादर नमस्ते स्वामी जी अति उत्तम ये सौभाग्य की बात है हमारे लिए जो कि न्याय दर्शन घर बैठे हमें सुनने को मिल रहा है वो भी बढ़िया सरल व्याख्या में वाह हार्दिक आभार स्वामी जी👌👍👏🙏🙏🔥🔥🌷🌻
स्वामी जी को सादर नमस्ते मोक्ष में जब आत्मा ईश्वर से जुड़ कर ईश्वर की शक्ति से प्रकृति निर्मित विश्व अर्थात जगत को देखती हैं उस देखने के दौरान संसार में जो दुख वाले दृश्य उसको दिखाई देते हैं उन दुख वाले दृश्यो को देखकर क्या आत्मा को दुख का अनुभव नहीं होता कृपया शंका समाधान करने की कृपा करें🙏
नमस्ते जी न्याय दर्शन पढ़ने से पूर्व संस्कृत भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है। और मीमांसा दर्शन, सांख्य दर्शन , योग दर्शन और वैशेषिक दर्शन को पढ़ने के बाद ही न्याय दर्शन पढ़ना चाहिए। धन्यवाद आज शाम 5 बजे अस्मिता क्लेश की व्याख्या ua-cam.com/video/pIqLVcD6hIY/v-deo.html
प्रणाम स्वामी जी,संसार में दुख अधिक ह तो सुख की चाह में जो काम करे वो भी तो दुख देते ह तो क्या जीवन भर यही दुख से भागते हुए रहे या दुखो से भी डट कर मुकाबला करते रहे।क्या दुख सुख एक मानसिक रोग ह या स्वार्थ में बाधा का कारण,मोक्ष का रास्ता आपने सुखों के लिए ही बताया ह सुख दुख का कोई अंत ह।
सबको धन्यवाद जी शेयर कर सहयोग करें।
स्वामीजी को कोटि कोटि प्रणाम। में स्वामीजी से संपर्क करना चाहता हु। मेरी कई शंकाए है
ओउम् नमस्ते स्वामी जी
Gur uvar sadar Charan sparsh
सब दुखों से छूट जाना ही सर्व सुखों को प्राप्त करना।सांसारिक पदार्थों में सुख कम
हैं, दुख अधिक हैं।सौ प्रतिशत
सुख प्राप्त करने के लिये ईश्वर को प्राप्त करने का लक्ष्य बनायें सर्वश्रेष्ठ सुख मोक्ष में
प्राप्त होगा।मोक्ष में केवल सुख ही सुख है दुख लेशमात्र भी नहीं है।दर्शन शास्त्रों में मोक्ष विद्या का वर्णन है।स्वामी जी का हार्दिक धन्यवाद है।
न्याय विद्या 👌👌👌🙇🏻♂️🙇🏻♂️🙇🏻♂️
ओउम
बहुत बहुत धन्यवाद दर्शन योग धाम॥
ॐ
नमस्ते जी धन्यवाद
Sader namste Swami ji pervachan ke liye thanks
नमस्ते जी 🙏
स्वामी जी नमस्ते
🙏🙏🙏🌼🌼🌼
स्वामी जी को सादर नमस्ते जी
यद्यपि प्रतिदिन स्वामी जी के उपदेश तथा प्रवचन के माध्यम से अमृत वर्षा की जाती है।
परंतु आज का उपदेश बहुत ही महत्वपूर्ण है
सादर आभार
🕉🙏namaste swamiji bhut bhut dhnyawad aap ka 🙏🏽 💐 🕉
Apka explains bht accha h easy samajh m ata h
ओम् नमस्ते जी स्वामी जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद जी 🙏🙏
Baijayanti sadare namastey Swamiji
सादर नमस्ते स्वामी जी
पहले मैने शास्त्रों के केवल नाम ही सुने थे लेकिन अब मै आप से इनका विषय सुनकर बहुत ही अच्छा लग रहा है
आपको कोटि कोटि नमन ।
श्रद्धेय स्वामी जी सादर प्रणाम आप को 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐
Swaami ji appko shat shat pranaam.
आदरणीय स्वामी जी सादर नमस्ते 🌿🙏🏻
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Namaste swamiji... very very beautiful
Sadare namaste swamiji
भक्तिपूत सादर नमस्ते स्वामी जी
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ओउम् सादर नमस्ते स्वामी जी।🙏
सादर नमस्ते स्वामी जी अति उत्तम ये सौभाग्य की बात है हमारे लिए जो कि न्याय दर्शन घर बैठे हमें सुनने को मिल रहा है वो भी बढ़िया सरल व्याख्या में वाह हार्दिक आभार स्वामी जी👌👍👏🙏🙏🔥🔥🌷🌻
गुरू जी सादर नमस्ते जी 🙏🙏🙏
जी आपका बहुत-बहुत धन्यावाद
Namasteji swamiji dhanyabad
om ji
सादर नमस्ते जी 🚩🙏🏻🙏🏼🌺🔥✅💥☀️
Gurdev sadar Charan sparsh
सादर नमस्ते स्वामीजी महाराज श्री
🙏 नमस्ते बहुत बहुत धन्यवाद स्वामी जी 💐🙏
श्रद्धेय स्वामी जी सादर नमस्ते, बहुत बहुत धन्यवाद स्वामी जी
🙏🙏🙏Guruji ko sadar parnam
Namaste 🙏
स्वामीजी नमस्ते 🙏
नमस्ते स्वामी जी धन्यवाद आपका
नमस्ते जी 🙏
नमन स्वामी जी
Pronam guruji
ईश्वर सत्य है।
🌷🙏🙏🌷
🙏🙏🙏
Thank you swami ji for online nyayadarshan lectures 🙏
SADAR NAMASTE SWAMIJI
please make a detailed series on nyay Darshan swami ji
Contact us 7027026175
आदरणीय विद्वान स्वामी जी को विद्वतापूर्ण व्याख्या के लिए कौटिश: धन्यवाद । सादर नमन ।
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Namaste swamiji from titilagarh Odisha ved prachar samittee.
very good speech
स्वामी जी नमस्ते चरण स्पर्श
गुरु जी बहुत बडीया उपदेश दिया धन्यवाद जी
Sader namaste swami ji
श्रद्धेय आचार्य को नमन वन्दन।न्याय दर्शन भूमिका के
विषय में विस्तार से वर्णन कर
हम सभी का मार्ग प्रशस्त किया है।आचार्य जी का हार्दिक धन्यवाद है।
ऊँ
चरणस्पर्श स्वामिजी 🙏
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😮
स्वामी जी को सादर नमस्ते मोक्ष में जब आत्मा ईश्वर से जुड़ कर ईश्वर की शक्ति से प्रकृति निर्मित विश्व अर्थात जगत को देखती हैं उस देखने के दौरान संसार में जो दुख वाले दृश्य उसको दिखाई देते हैं उन दुख वाले दृश्यो को देखकर क्या आत्मा को दुख का अनुभव नहीं होता कृपया शंका समाधान करने की कृपा करें🙏
अमृत वर्षा हो रही ह न्याय दर्शन की कृपा बनी रहे जी
सादर नमस्ते आदरणीय स्वामी जी
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acharya ji nyaydarshan ke purv kya kya gyan hona avashayk hai aap bata sakte hai
नमस्ते जी
न्याय दर्शन पढ़ने से पूर्व संस्कृत भाषा का ज्ञान होना आवश्यक है।
और मीमांसा दर्शन, सांख्य दर्शन , योग दर्शन और वैशेषिक दर्शन को पढ़ने के बाद ही न्याय दर्शन पढ़ना चाहिए।
धन्यवाद
आज शाम 5 बजे
अस्मिता क्लेश की व्याख्या
ua-cam.com/video/pIqLVcD6hIY/v-deo.html
@@darshanyog2 dhanywaad acharya ji sarvpratham hme sankrit ko janna anivarya hai
प्रणाम स्वामी जी,संसार में दुख अधिक ह तो सुख की चाह में जो काम करे वो भी तो दुख देते ह तो क्या जीवन भर यही दुख से भागते हुए रहे या दुखो से भी डट कर मुकाबला करते रहे।क्या दुख सुख एक मानसिक रोग ह या स्वार्थ में बाधा का कारण,मोक्ष का रास्ता आपने सुखों के लिए ही बताया ह सुख दुख का कोई अंत ह।
🙏🙏🙏
स्वामी जी नमस्ते चरण स्पर्श