चुनाव में भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दलों के नेता ऐसा ज्ञान दे रहे हैं जैसे उन्होंने संघ को पूरी तरह समझ लिया है और उनकी सरकार बनने जा रही है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 10 जून को कोई पहली बार मणिपुर की चर्चा नहीं की थी। पिछले वर्ष ही संघ की बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस वर्ष भी मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक में इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन चैनलों पर चर्चा कराने वाले और चर्चा में भाग लेने वाले महानुभावों को लगता है कि भागवत जी ने पहली बार मणिपुर को लेकर ऐसा बोला है। जानकारी नहीं हो तो नेट पर उपलब्ध है। आज कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि संघ अब अप्रासंगिक हो गया है, भागवत के बोलने का कोई फायदा नहीं है। खेड़ा को पता नहीं है कि संघ आज जिस स्थिति में है, उस स्थिति में लाने के लिए संघ के प्रचारकों और स्वयंसेवकों ने काफी तपस्या की है। पूर्वोत्तर में कई प्रचारकों की जान चली गई। संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रयत्न किए, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं को पता होना चाहिए कि सरसंघचालक जी विजयादशमी के दिन नागपुर से अपने संबोधन में जो बोलते हैं उसका संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है। जिस सरकार में संघ के स्वयंसेवक ही हैं वहां तो असर पड़ता ही है। मणिपुर में शांति बहाल करने की बात उन्होंने कही है। वहां देश के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी अशांति फैलाने में लगी हैं। पीएम मोदी के केवल चले जाने से शांति बहाल नहीं हो जाएगा। इसके लिए सबको प्रयास करना होगा। संघ, विहिप एवं उनके समवैचारिक संगठनों की ओर से 250 से अधिक सेवा शिविर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस वहां क्या कर रही है। शांति के लिए क्या प्रयास की। केवल बोलने से नहीं होगा। संघ पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।
This channel behaves like other Godi media it is sleeper cell of BJP diverting public attention by podcasting unrealistic fight between BJP and RSS while BJP is likely to break samajwadi party in next 2-3 days.
Congress ke upar agar RSS jaisa sanghatan hota, to aaj desh aazad nahin hota. Sabhi British se pension le rahe hote. RSS desh ki azadi ke khilaaf tha. Kiyon Sach ko bolne ki himmat nahin. Jo Sach nahin bol sakta, uske baare mein Bhagwan ka kiya vichaar hoga. Jo Bhagwan ko kamzor samjhe, woh agar na darta ho... Zara sonchna.... Bhagwan ke yahan der ho sakta hai, lekin Bhagwan samay par sub ko theek karta hai. Kabhi jhoot ke sath nahin
मोहन भागवत एक साल तक किसका इंतजार कर रहे थे अब एक साल बाद भागवत को मणिपुर याद आया है कुछ तो लोचा है क्योंकि भागवत को पता चल गया है की मोदी मैजिक फेल हो गया है अब इन्हें कोई नया मोखोटा चाहिए और कुछ नही
चुनाव में भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दलों के नेता ऐसा ज्ञान दे रहे हैं जैसे उन्होंने संघ को पूरी तरह समझ लिया है और उनकी सरकार बनने जा रही है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 10 जून को कोई पहली बार मणिपुर की चर्चा नहीं की थी। पिछले वर्ष ही संघ की बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस वर्ष भी मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक में इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन चैनलों पर चर्चा कराने वाले और चर्चा में भाग लेने वाले महानुभावों को लगता है कि भागवत जी ने पहली बार मणिपुर को लेकर ऐसा बोला है। जानकारी नहीं हो तो नेट पर उपलब्ध है। आज कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि संघ अब अप्रासंगिक हो गया है, भागवत के बोलने का कोई फायदा नहीं है। खेड़ा को पता नहीं है कि संघ आज जिस स्थिति में है, उस स्थिति में लाने के लिए संघ के प्रचारकों और स्वयंसेवकों ने काफी तपस्या की है। पूर्वोत्तर में कई प्रचारकों की जान चली गई। संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रयत्न किए, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं को पता होना चाहिए कि सरसंघचालक जी विजयादशमी के दिन नागपुर से अपने संबोधन में जो बोलते हैं उसका संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है। जिस सरकार में संघ के स्वयंसेवक ही हैं वहां तो असर पड़ता ही है। मणिपुर में शांति बहाल करने की बात उन्होंने कही है। वहां देश के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी अशांति फैलाने में लगी हैं। पीएम मोदी के केवल चले जाने से शांति बहाल नहीं हो जाएगा। इसके लिए सबको प्रयास करना होगा। संघ, विहिप एवं उनके समवैचारिक संगठनों की ओर से 250 से अधिक सेवा शिविर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस वहां क्या कर रही है। शांति के लिए क्या प्रयास की। केवल बोलने से नहीं होगा। संघ पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।
Mai nahi Manta rss ki nitiyon ko kyu ki kabhi bhi sabhi sanatani yon ko ekjut nahin kra payen Mohan Bhagwat 1sal se soyen hue the Manipur ko jalne diya gaya
Sandipji aap 2023 ke se abtak kitne bar Manipur Gaye hai aap bhi bataye. AAP jakar dekhe to aapko pata chal jayega. TV per anchoring karna bahut asan hai.
संघ से bjp है। संघ का कार्यकर्ता ही vote मांगता है bjp के लिए। बीजेपी के 50 परसेंट लोग rss से हैं। इसलिए यदि BJP, सोचती है कि वो संघ के बगैर चुनाव जीत सकती है, तो up में तो दिखा दिया । जिन जिन उम्मीदवारों को संघ ने माना किया था, उन सबको टिकट दिया बीजेपी ने।और परिणाम आपके सामने है। Its all about muscle power💪.
कला क्रीडा क्षेत्रमे महाराष्ट्र कहा है हमारे यहा ज्यादातर स्कुल मे ये विषय भी नाही है और जो सिखाते है ऊन शिक्षकोंको दुय्यम दर्जा देते है. मेकॅलेणे गुरुकुल बंद किया और और अंग्रेजी शिक्षा शुरु की आज शिक्षा की क्या स्थिती है और स्वातंत्रताके बाद हमारे सरकारने कला क्रीडा को खतम किया है
जो भी हो इस २०२४ के महत्वपूर्ण चुनाव, हिन्दुत्व को मजबूत करने वाला चुनाव था। इस समय में आपसी सभी मतभेदों के अनदेखा कर आर एस एस को तन मन धन से बीजेपी को साथ देना चाहिए था
बीजेपी आरएसएस है Rss बीजेपी है। दोनों पूरक है एक दूसरे। Rss का फल है बीजेपी। Rss कि मेहनत का नतीजा है बीजेपी सरकार। Rss अपना अजंडा चाहता है। बीजेपी से पूरा कराना। वह नहीं चाहता कि बीजेपी हारे लेकिन चाहता है बीजेपी rss के आगे नतमस्तक रहे।
चुनाव में भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दलों के नेता ऐसा ज्ञान दे रहे हैं जैसे उन्होंने संघ को पूरी तरह समझ लिया है और उनकी सरकार बनने जा रही है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 10 जून को कोई पहली बार मणिपुर की चर्चा नहीं की थी। पिछले वर्ष ही संघ की बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस वर्ष भी मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक में इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन चैनलों पर चर्चा कराने वाले और चर्चा में भाग लेने वाले महानुभावों को लगता है कि भागवत जी ने पहली बार मणिपुर को लेकर ऐसा बोला है। जानकारी नहीं हो तो नेट पर उपलब्ध है। आज कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि संघ अब अप्रासंगिक हो गया है, भागवत के बोलने का कोई फायदा नहीं है। खेड़ा को पता नहीं है कि संघ आज जिस स्थिति में है, उस स्थिति में लाने के लिए संघ के प्रचारकों और स्वयंसेवकों ने काफी तपस्या की है। पूर्वोत्तर में कई प्रचारकों की जान चली गई। संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रयत्न किए, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं को पता होना चाहिए कि सरसंघचालक जी विजयादशमी के दिन नागपुर से अपने संबोधन में जो बोलते हैं उसका संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है। जिस सरकार में संघ के स्वयंसेवक ही हैं वहां तो असर पड़ता ही है। मणिपुर में शांति बहाल करने की बात उन्होंने कही है। वहां देश के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी अशांति फैलाने में लगी हैं। पीएम मोदी के केवल चले जाने से शांति बहाल नहीं हो जाएगा। इसके लिए सबको प्रयास करना होगा। संघ, विहिप एवं उनके समवैचारिक संगठनों की ओर से 250 से अधिक सेवा शिविर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस वहां क्या कर रही है। शांति के लिए क्या प्रयास की। केवल बोलने से नहीं होगा। संघ पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।
कितना अजीब है न संघ केवल bjp से सच्ची सेवा की उम्मीद करता है भागवत जी सच्चे सेवक होने के लिए संघ या किसी खास पार्टी से होना जरूरी नहीं बल्कि सच्चे सेवा का भाव महापुरुषों को पढ़ने और उनके बताए मार्ग पर चलने से होती है और जिस RSS ने कभी गांधी और देश के तिरंगे का सम्मान नहीं किया आज वो सच्चे सेवक का मतलब बात रहें हैं..??- गोडसे पुजारी भागवत जी 😅
चुनाव में भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दलों के नेता ऐसा ज्ञान दे रहे हैं जैसे उन्होंने संघ को पूरी तरह समझ लिया है और उनकी सरकार बनने जा रही है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 10 जून को कोई पहली बार मणिपुर की चर्चा नहीं की थी। पिछले वर्ष ही संघ की बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस वर्ष भी मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक में इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन चैनलों पर चर्चा कराने वाले और चर्चा में भाग लेने वाले महानुभावों को लगता है कि भागवत जी ने पहली बार मणिपुर को लेकर ऐसा बोला है। जानकारी नहीं हो तो नेट पर उपलब्ध है। आज कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि संघ अब अप्रासंगिक हो गया है, भागवत के बोलने का कोई फायदा नहीं है। खेड़ा को पता नहीं है कि संघ आज जिस स्थिति में है, उस स्थिति में लाने के लिए संघ के प्रचारकों और स्वयंसेवकों ने काफी तपस्या की है। पूर्वोत्तर में कई प्रचारकों की जान चली गई। संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रयत्न किए, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं को पता होना चाहिए कि सरसंघचालक जी विजयादशमी के दिन नागपुर से अपने संबोधन में जो बोलते हैं उसका संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है। जिस सरकार में संघ के स्वयंसेवक ही हैं वहां तो असर पड़ता ही है। मणिपुर में शांति बहाल करने की बात उन्होंने कही है। वहां देश के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी अशांति फैलाने में लगी हैं। पीएम मोदी के केवल चले जाने से शांति बहाल नहीं हो जाएगा। इसके लिए सबको प्रयास करना होगा। संघ, विहिप एवं उनके समवैचारिक संगठनों की ओर से 250 से अधिक सेवा शिविर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस वहां क्या कर रही है। शांति के लिए क्या प्रयास की। केवल बोलने से नहीं होगा। संघ पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।
लिब्रांडू मीडिया इस बात पर चुप रहेगा मोहन भागवत ने उसी भाषण में ये किसके लिए बोला की भारत में बिदेसी धर्मों को मानने वालों की ये सोच भी गलत है की हमारा ही धर्म सबसे बडा है
बुढ़ाऊ पत्रकार से बहुमत का गणित समझिए। विद्वान पत्रकार महोदय भागवत जी सभी पार्टियों के लिए संदेश दे रहे है। जाति जाति जाति। तोड़ो, फोड़ों और खैरात पाओ। देश जाए भांड में।
First of all bhagwat sir one of the excellent speech among all. But World is changing himself RSS should be change. It should be welcomed. But it should be true change. If RSS thinks all minorities are part and partial of bharat. Tarakki sabke sath chalne me hi nihit h.. But 30 crores people without single minister , no sikh ,no Christian, no budhisth why not asked from govt? Actually bjp dont care? Phir kaisa sab ka sath? De code is . Far target of next election. But speech was excellent
RSS and Mohan Bhagwat is on damage control mode. BJP performance less then the target of 400+ is also taken as loss of RSS. But RSS wants to save its face by saying that BJP leaders did not contacted rss and did not follow rss , so RSS has not responsible for loss of bjp. Bhagwat is talking about shanti in manipur but did ever bhagwat speak for manipur with bjp during the riot. Did bhagwat and rss put any pressure on bjp to stop violence in manipur? never.
modi ko modi sarkar bnane wale ek ek kr ker royenge abhi rss ro rha hai phir bjp royegi ohir godi media aur last me godi bhkt modi ko shri ramchandra ji se bhi zyada manne lge iska phl to sbko milega
Don't give importance to Mohan Bhagawat statement, firstly it's not easy to understand comman pepole secondly they are not register organization as per our Indian constitutation
Are sir kuch nahi unko pata chal gaya hai ki janta me aakrosh hai vo jante hai ki satta jNe vaali hai to kuch to drama ksrna padega 1 saal se mohan ji kaha the unko lag raha ki up gaya to ye 2026 ki tayaari hai
मणिपुर का याद पहले नही आया भागवत जी को
Ha Chunav ke pehle aana chahiye tha
चुनाव में भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दलों के नेता ऐसा ज्ञान दे रहे हैं जैसे उन्होंने संघ को पूरी तरह समझ लिया है और उनकी सरकार बनने जा रही है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 10 जून को कोई पहली बार मणिपुर की चर्चा नहीं की थी। पिछले वर्ष ही संघ की बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस वर्ष भी मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक में इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन चैनलों पर चर्चा कराने वाले और चर्चा में भाग लेने वाले महानुभावों को लगता है कि भागवत जी ने पहली बार मणिपुर को लेकर ऐसा बोला है। जानकारी नहीं हो तो नेट पर उपलब्ध है। आज कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि संघ अब अप्रासंगिक हो गया है, भागवत के बोलने का कोई फायदा नहीं है। खेड़ा को पता नहीं है कि संघ आज जिस स्थिति में है, उस स्थिति में लाने के लिए संघ के प्रचारकों और स्वयंसेवकों ने काफी तपस्या की है। पूर्वोत्तर में कई प्रचारकों की जान चली गई। संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रयत्न किए, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं को पता होना चाहिए कि सरसंघचालक जी विजयादशमी के दिन नागपुर से अपने संबोधन में जो बोलते हैं उसका संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है। जिस सरकार में संघ के स्वयंसेवक ही हैं वहां तो असर पड़ता ही है। मणिपुर में शांति बहाल करने की बात उन्होंने कही है। वहां देश के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी अशांति फैलाने में लगी हैं। पीएम मोदी के केवल चले जाने से शांति बहाल नहीं हो जाएगा। इसके लिए सबको प्रयास करना होगा। संघ, विहिप एवं उनके समवैचारिक संगठनों की ओर से 250 से अधिक सेवा शिविर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस वहां क्या कर रही है। शांति के लिए क्या प्रयास की। केवल बोलने से नहीं होगा। संघ पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।
Sar sangh chala ... Har time media PE Nehi ate... Karyakarta bikas barg tha ish lea kaha ...
This channel behaves like other Godi media it is sleeper cell of BJP diverting public attention by podcasting unrealistic fight between BJP and RSS while BJP is likely to break samajwadi party in next 2-3 days.
बहोत खूब, bjp के ऊपर ऐसा संगठन है, सायद कांग्रेस पर भी ऐसा कोई होता तो ए देश अलग होता !!
Congress ke upar agar RSS jaisa sanghatan hota, to aaj desh aazad nahin hota. Sabhi British se pension le rahe hote.
RSS desh ki azadi ke khilaaf tha. Kiyon Sach ko bolne ki himmat nahin. Jo Sach nahin bol sakta, uske baare mein Bhagwan ka kiya vichaar hoga. Jo Bhagwan ko kamzor samjhe, woh agar na darta ho... Zara sonchna.... Bhagwan ke yahan der ho sakta hai, lekin Bhagwan samay par sub ko theek karta hai. Kabhi jhoot ke sath nahin
Vah aap itna vidwan hai aapko to novel Milana chahie , humko maloom nahin tha madrasa mein itna vidwan aadami rahata hai
@@buddhadevpathak-rg5bjMadarse ke parhe Dr. Yunus ko Nobel Prize mil chuka hai Economics ke field me
संदीप जी इनका कहने का एक ढोंग है! कथनी और करनी मे फर्क है! एक साल भर क्या सोये थे क्या जो अभी मणिपूर की पिडीत बहनो की याद आयी!.... यह सब नाटक है
एक कहावत है "हगने के बाद दरवाजे दिखा"
मोहन भागवत एक साल तक किसका इंतजार कर रहे थे अब एक साल बाद भागवत को मणिपुर याद आया है कुछ तो लोचा है क्योंकि भागवत को पता चल गया है की मोदी मैजिक फेल हो गया है अब इन्हें कोई नया मोखोटा चाहिए और कुछ नही
BJP ka RSS se abhi panga chal raha hai. Result ke baad Modi ko indirectly kaha ja raha hai karwa li beijjati.
कितना खुश हो रहे हो भाई। RSS और बीजेपी में कोई फर्क या दिक्कत नहीं है।
Tujhe kaise pata chala
भागवत जी ने थोड़ा सा मसाला फेंका यह लोग सब्जी बनाने के लिए तैयार हो गए हैं
RSS gadkari ki taraf hai@@snbohra3290
सभी स्वयसेवक् देश के लिए काम करते है, जिनकी वजह से भाजपा सरकार बनती हैं
महुआ मोइत्रा, राहुल गांधी और कुछ विपक्षी सांसदों को निलम्बित किए जाने के समय ही भागवत जी को इस तरह की हिदायतें सत्ता पक्ष को देना चाहिए था।
ABP me sabse imandar patrkar h Sandeep jee
मिली भगत / भागवत है
संदीप चौधरी जी आप के द्वारा बेहद आसान परंतु कर्तव्य पुर्ण मार्मिक स्पष्टीकरण की अपेक्षा की गयी है। धन्यवाद !
मोहन भागवत जी ने इस बात का जवाब देना चाहिये की पिछले सालसे मणिपूर जल रहा है,तो एक साल भागवत जी क्या सोये हुए थे?
चुनाव में भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दलों के नेता ऐसा ज्ञान दे रहे हैं जैसे उन्होंने संघ को पूरी तरह समझ लिया है और उनकी सरकार बनने जा रही है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 10 जून को कोई पहली बार मणिपुर की चर्चा नहीं की थी। पिछले वर्ष ही संघ की बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस वर्ष भी मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक में इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन चैनलों पर चर्चा कराने वाले और चर्चा में भाग लेने वाले महानुभावों को लगता है कि भागवत जी ने पहली बार मणिपुर को लेकर ऐसा बोला है। जानकारी नहीं हो तो नेट पर उपलब्ध है। आज कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि संघ अब अप्रासंगिक हो गया है, भागवत के बोलने का कोई फायदा नहीं है। खेड़ा को पता नहीं है कि संघ आज जिस स्थिति में है, उस स्थिति में लाने के लिए संघ के प्रचारकों और स्वयंसेवकों ने काफी तपस्या की है। पूर्वोत्तर में कई प्रचारकों की जान चली गई। संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रयत्न किए, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं को पता होना चाहिए कि सरसंघचालक जी विजयादशमी के दिन नागपुर से अपने संबोधन में जो बोलते हैं उसका संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है। जिस सरकार में संघ के स्वयंसेवक ही हैं वहां तो असर पड़ता ही है। मणिपुर में शांति बहाल करने की बात उन्होंने कही है। वहां देश के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी अशांति फैलाने में लगी हैं। पीएम मोदी के केवल चले जाने से शांति बहाल नहीं हो जाएगा। इसके लिए सबको प्रयास करना होगा। संघ, विहिप एवं उनके समवैचारिक संगठनों की ओर से 250 से अधिक सेवा शिविर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस वहां क्या कर रही है। शांति के लिए क्या प्रयास की। केवल बोलने से नहीं होगा। संघ पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।
बिलकुल सही कहा आज वागबत जी ने
संदीप जी ईसि लिए मैं ऐबिपि न्युज चैनल दैखता हु सचि पत्रकार ता कै लिय धन्यवाद आपका संदीप जी
चौधरी साहब यह सब बात ऐसी लगती है जैसे की कोई झूठाआईना जनता को दिखाई जा रहा है सच तो कुछ और है इनकी सोच और सियासत में जय हिंद जय भारत
भाजपा को अपनी बुरी हालत पर भविष्य के लिये सोचना और चिंतन करना चाहिए. प.पु. सरसंघचालक जी के बयान पर अनदेखी ना करे ,
मोहन भागवत जी को चालबाजी, नही करनी चाहिए पूरा देस बेरोजगार हैं काम करने वाले को इंसान ईश्वर के बाजू में बैठ सकती हैं
जो कभी किसी का न रहा हो वफादार ।
आज चल रही है , उसी की बयार । ।
Ye v politics h
Bhagwat jee ka
Shayad unko invite nahi mila hoga sahi se
आज तक तो उसने कभी कुछ भी नहीं दिखाई बीजेपी का सवाल जब सरकार बनी तो बहुत दर्द होगया
Bhagwat ji Aaj yaad aa rha hai
बेरोजगारी बात जब तक नाही करेंगे तब तक देश अशांत रहेंगा 😢😢
Media walo tum bhi sudhar jao tum logo per bhi bola he
Very nice Sandeep jee good news sir thanks 👍❤
Mai nahi Manta rss ki nitiyon ko kyu ki kabhi bhi sabhi sanatani yon ko ekjut nahin kra payen Mohan Bhagwat 1sal se soyen hue the Manipur ko jalne diya gaya
Best anchor of indian media👌
Bahut hi sundar sahi baat hai namaste
Sandipji aap 2023 ke se abtak kitne bar Manipur Gaye hai aap bhi bataye. AAP jakar dekhe to aapko pata chal jayega. TV per anchoring karna bahut asan hai.
Jaysitaram bless you thank sanyasi baba bless you thank
अमित शाह जी के कारण भाजपा हारी है। अगर सुधार नहीं किया अमित शाह जी तो गुजरात जाने के लिए तैयार रहें। पार्टी को बचा दीजिए अपने में सुधार कीजिए
संघ से bjp है। संघ का कार्यकर्ता ही vote मांगता है bjp के लिए। बीजेपी के 50 परसेंट लोग rss से हैं। इसलिए यदि BJP, सोचती है कि वो संघ के बगैर चुनाव जीत सकती है, तो up में तो दिखा दिया ।
जिन जिन उम्मीदवारों को संघ ने माना किया था, उन सबको टिकट दिया बीजेपी ने।और परिणाम आपके सामने है। Its all about muscle power💪.
आपके अंदर एक स्वयंसेवक की झलक दिखी। ❤
काॅग्रेसकी भाषा क्यु बोल रहे है? मनमोहनजी की जुबान मोहनजी के मुहमें कैसे?
क्युंकी सत्य है जो छिपाया नहीं जा सकता!🙏🙏🙏
thanks ap ek best anchor hain godiedia se alg pr anjana abhi bhi godi bhkt hi hain
कला क्रीडा क्षेत्रमे महाराष्ट्र कहा है हमारे यहा ज्यादातर स्कुल मे ये विषय भी नाही है और जो सिखाते है ऊन शिक्षकोंको दुय्यम दर्जा देते है. मेकॅलेणे गुरुकुल बंद किया और और अंग्रेजी शिक्षा शुरु की आज शिक्षा की क्या स्थिती है और स्वातंत्रताके बाद हमारे सरकारने कला क्रीडा को खतम किया है
प.पू.सरसंघचालक संपूर्ण घटनाक्रम का सखोल चिंतन करके बयान देते है. अपना राजकीय स्वार्थ सभी राजकीय पक्ष को छोडके सभी को चिंतन करनाही पडेगा.
❤
Ye fact h BJP Ground Workers ko Andekha karti h. Specially in UP
जो भी हो इस २०२४ के महत्वपूर्ण चुनाव, हिन्दुत्व को मजबूत करने वाला चुनाव था। इस समय में आपसी सभी मतभेदों के अनदेखा कर आर एस एस को तन मन धन से बीजेपी को साथ देना चाहिए था
बीजेपी आरएसएस है
Rss बीजेपी है।
दोनों पूरक है एक दूसरे।
Rss का फल है बीजेपी। Rss कि मेहनत का नतीजा है बीजेपी सरकार।
Rss अपना अजंडा चाहता है।
बीजेपी से पूरा कराना।
वह नहीं चाहता कि बीजेपी हारे
लेकिन चाहता है बीजेपी rss के आगे नतमस्तक रहे।
Sandeep Sir great job you are real patrkaar
Salute to you
You are only TV anchor who shows morror to Govt
हिंदूराष्ट्र भारत की जय 🚩🚩🚩
मोहन भागवत को मनीपुर की अभी याद आया . देश मे तानाशाही का माहोल है ।
चुनाव में भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दलों के नेता ऐसा ज्ञान दे रहे हैं जैसे उन्होंने संघ को पूरी तरह समझ लिया है और उनकी सरकार बनने जा रही है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 10 जून को कोई पहली बार मणिपुर की चर्चा नहीं की थी। पिछले वर्ष ही संघ की बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस वर्ष भी मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक में इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन चैनलों पर चर्चा कराने वाले और चर्चा में भाग लेने वाले महानुभावों को लगता है कि भागवत जी ने पहली बार मणिपुर को लेकर ऐसा बोला है। जानकारी नहीं हो तो नेट पर उपलब्ध है। आज कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि संघ अब अप्रासंगिक हो गया है, भागवत के बोलने का कोई फायदा नहीं है। खेड़ा को पता नहीं है कि संघ आज जिस स्थिति में है, उस स्थिति में लाने के लिए संघ के प्रचारकों और स्वयंसेवकों ने काफी तपस्या की है। पूर्वोत्तर में कई प्रचारकों की जान चली गई। संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रयत्न किए, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं को पता होना चाहिए कि सरसंघचालक जी विजयादशमी के दिन नागपुर से अपने संबोधन में जो बोलते हैं उसका संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है। जिस सरकार में संघ के स्वयंसेवक ही हैं वहां तो असर पड़ता ही है। मणिपुर में शांति बहाल करने की बात उन्होंने कही है। वहां देश के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी अशांति फैलाने में लगी हैं। पीएम मोदी के केवल चले जाने से शांति बहाल नहीं हो जाएगा। इसके लिए सबको प्रयास करना होगा। संघ, विहिप एवं उनके समवैचारिक संगठनों की ओर से 250 से अधिक सेवा शिविर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस वहां क्या कर रही है। शांति के लिए क्या प्रयास की। केवल बोलने से नहीं होगा। संघ पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।
कितना अजीब है न संघ केवल bjp से सच्ची सेवा की उम्मीद करता है भागवत जी सच्चे सेवक होने के लिए संघ या किसी खास पार्टी से होना जरूरी नहीं बल्कि सच्चे सेवा का भाव महापुरुषों को पढ़ने और उनके बताए मार्ग पर चलने से होती है और जिस RSS ने कभी गांधी और देश के तिरंगे का सम्मान नहीं किया आज वो सच्चे सेवक का मतलब बात रहें हैं..??- गोडसे पुजारी भागवत जी 😅
आज इनकी आँख खुली है क्यो.?
चुनाव में भाजपा को स्वयं पूर्ण बहुमत नहीं मिलने पर कांग्रेस एवं उनके सहयोगी दलों के नेता ऐसा ज्ञान दे रहे हैं जैसे उन्होंने संघ को पूरी तरह समझ लिया है और उनकी सरकार बनने जा रही है। सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 10 जून को कोई पहली बार मणिपुर की चर्चा नहीं की थी। पिछले वर्ष ही संघ की बैठक में मणिपुर में शांति बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। इस वर्ष भी मार्च में प्रतिनिधि सभा की बैठक में इसकी चर्चा हुई थी, लेकिन चैनलों पर चर्चा कराने वाले और चर्चा में भाग लेने वाले महानुभावों को लगता है कि भागवत जी ने पहली बार मणिपुर को लेकर ऐसा बोला है। जानकारी नहीं हो तो नेट पर उपलब्ध है। आज कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा कि संघ अब अप्रासंगिक हो गया है, भागवत के बोलने का कोई फायदा नहीं है। खेड़ा को पता नहीं है कि संघ आज जिस स्थिति में है, उस स्थिति में लाने के लिए संघ के प्रचारकों और स्वयंसेवकों ने काफी तपस्या की है। पूर्वोत्तर में कई प्रचारकों की जान चली गई। संघ को समाप्त करने के लिए कांग्रेस ने कई बार प्रयत्न किए, परंतु सफलता नहीं मिली। अगले वर्ष संघ अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रहा है। कांग्रेस नेताओं को पता होना चाहिए कि सरसंघचालक जी विजयादशमी के दिन नागपुर से अपने संबोधन में जो बोलते हैं उसका संदेश भारत ही नहीं, पूरे विश्व में जाता है। जिस सरकार में संघ के स्वयंसेवक ही हैं वहां तो असर पड़ता ही है। मणिपुर में शांति बहाल करने की बात उन्होंने कही है। वहां देश के साथ साथ विदेशी शक्तियां भी अशांति फैलाने में लगी हैं। पीएम मोदी के केवल चले जाने से शांति बहाल नहीं हो जाएगा। इसके लिए सबको प्रयास करना होगा। संघ, विहिप एवं उनके समवैचारिक संगठनों की ओर से 250 से अधिक सेवा शिविर चलाए जा रहे हैं। कांग्रेस वहां क्या कर रही है। शांति के लिए क्या प्रयास की। केवल बोलने से नहीं होगा। संघ पर कुछ भी बोलने से पहले अपने गिरेबान में झांक लें।
उन्होंने fake news aur audio ke bare main bhi bole hain uspar bhi बिस्लेसन kre aap bhi thoda Kam निष्पक्ष हैं chaudhray साहेब
😂😂😂 kisan ki baat Kari
Iss liye
Ye sab setting hai ki bolna kab hai kyuki bjp aur sang andar se saport hai
Saanp apni chamdi zaroor utar deta hai lekin nahi chamdi ke liye. Lekin usse uski zehreelepan pe koi asar nahi hota. Woh phir bhi saanp hi hota hai.
Chaudhriji aap Bengal, Rajasthan ke bare me kuch boliye na.
Last year Mohan Bhagwat ki Vijay Dashami speech mein bhi manipur par bola Tha... FACT CHECK karlo
जब हम मणिपुर पर बोल रहे थे हमे देश द्रोही कहा गया अब बीजेपी it cell किया कहेगा
अरे भाई मौन भागवतजी एक साल किस चीज का इंतजार कर रहे थे?
संदीप जी RSS तो देश मे जहां जहां अशांति होती है वहा सुवुम सेवक बनकर वोलंटियर का काम करती तो वो लोग मणिपुर में कहा थे
News Chanel only for political parties not for people
Ye damage repair tha rss ka bjp ke liye . Dharam ki baat karke firse brahmanwaad falaienge
Tumare man me kida he.... Sangh sab ko leke chalta he.. tum ne baba saheb ko thik se padha Nehi..
Baba saheb ne Jai bhim jai mim ko supporter Nehi he
@@Sourav3737 jati ka danbh jati Jangadna se hi jaega
Satymev jayte bharat mata ki jay. E v m hataao desh bachao this is right Sandeep sir very nice Sandeep sir good work sir
Pahle bolte to Modi naraz hojate
परंतु कांग्रेस तो युद्ध समझकर ही चुनाव लड रहे थे।
लिब्रांडू मीडिया इस बात पर चुप रहेगा मोहन भागवत ने उसी भाषण में ये किसके लिए बोला की भारत में बिदेसी धर्मों को मानने वालों की ये सोच भी गलत है की हमारा ही धर्म सबसे बडा है
Ekdam sahi kaha hai, Modi is all for taking credit, just kam karo, public apne aap vote degi
Sandeep ji Aaj Aap write lagta hai
एक कहावत है "हगने के बाद दरवाजे दिखा"
बुढ़ाऊ पत्रकार से बहुमत का गणित समझिए। विद्वान पत्रकार महोदय भागवत जी सभी पार्टियों के लिए संदेश दे रहे है। जाति जाति जाति। तोड़ो, फोड़ों और खैरात पाओ। देश जाए भांड में।
Badi deri kar di Mohan Bhagwat
Wah aaj to Bhagwat ji ko sahi kah reha hey
ये लड़ाई दिखावा है स्टेट चुनाव जितने के लिए।
Sandeep jì bhagwat par knocking news ko pahle dekhte fir yeh programme dekhte to achha thha
Modi is great man maharana Pratap god bless yogi
media bolta kyon nahi?
Modi Agniveer Lake Hindusthan ko kamjoor kardiya 🙏
First of all bhagwat sir one of the excellent speech among all. But World is changing himself RSS should be change. It should be welcomed. But it should be true change. If RSS thinks all minorities are part and partial of bharat. Tarakki sabke sath chalne me hi nihit h.. But 30 crores people without single minister , no sikh ,no Christian, no budhisth why not asked from govt? Actually bjp dont care? Phir kaisa sab ka sath? De code is . Far target of next election. But speech was excellent
Jansangh ko 20 se 25 seat per election ladna chahiye state election mien
Jisse iska aadhar bach sake
RSS and Mohan Bhagwat is on damage control mode. BJP performance less then the target of 400+ is also taken as loss of RSS. But RSS wants to save its face by saying that BJP leaders did not contacted rss and did not follow rss , so RSS has not responsible for loss of bjp. Bhagwat is talking about shanti in manipur but did ever bhagwat speak for manipur with bjp during the riot. Did bhagwat and rss put any pressure on bjp to stop violence in manipur? never.
Haar ke baad nayi rajneeti savdhan rehna.,
Rss ka sar sanghchalak kabhi, gair brahman bana hai kya
Ji han
Ak emandar reporter godi media kal me❤
Sc st obc hmesa modi ji k sath h
I am the 1st viewer
गिरगिटने आत्महत्या की. बयान सुनके.
This is very ancient thought already narrated in Bhagwat Geeta. Mr. Bhagwat also scolded for creating fake narrated.
Sir give the respect call bhagwat ji.....don't call bhagwat.He is most respective person then modi.
Deska. Durbhagy. Haiki. Jatike. Nampar. Dhrmke. Nampar. Desme. Udmad. Mchaya. Jarha. Hai.....
मोदी का वोट 38% पुरे देश में आर एस एस का परिवार 28 % कट्टर हिन्दू
Nya
Mohan das Gandhi banne ki eccha jorvmarne lgi he
Bhagwat ji ki😂😂😂😂😂😂
Mandir me namaz krwayenge
Masjid me ram katha nhi karwa payenge😂😂😂😂😂😂
Ro rahatha bhagvat, di ne, puchanahi hoga, mantri kise banau
मन में लड्डू फूटा😂😂😂
After all it seems u R very happy abt election result, Congress ke chola pahne hue imandar, under cover sevak.
Bhagwatji politics or politically motivated journalists ko nahin jante hain - woh karmath Neta hain .. work is worship for him
AP NORMALLY BATE KIU NAHI KARTEY SANGBADIK SAHAB
आज यह सब बने से क्या फायदा 10 साल से सो रहे थे क्या
modi ko modi sarkar bnane wale ek ek kr ker royenge abhi rss ro rha hai phir bjp royegi ohir godi media aur last me godi bhkt modi ko shri ramchandra ji se bhi zyada manne lge iska phl to sbko milega
Pehle bhagvat kyu nahi bole ?
BJP is nothing without RSS
Don't give importance to Mohan Bhagawat statement, firstly it's not easy to understand comman pepole secondly they are not register organization as per our Indian constitutation
संघ के कई चेहरे है
Rss aankh band kar le to bjp samapt
Congress lacks any such guidance.
Mohan bhagwat h kon ???? Pm h cm h kya h ???
ek dukh bhagwan ka diya aur ek inshan dwara..
Mohan bhagwat sahab bolo
Are sir kuch nahi unko pata chal gaya hai ki janta me aakrosh hai vo jante hai ki satta jNe vaali hai to kuch to drama ksrna padega 1 saal se mohan ji kaha the unko lag raha ki up gaya to ye 2026 ki tayaari hai