A judge whose trial of process is clearly exposed that the said process is covered with naked partiality, ill motivated and bad intention, must be booked under trial and during the trial, he must be put into duties beyond trial-court.If he is convicted he must be sacked immediately.
सच्चा और निष्पक्ष पत्रकार चाहे तो सरकार हिला सकता है। ❤❤ ट्रू गोल्ड आपका बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने ऐसा मुद्दा उठाया वहां सुप्रीम कोर्ट को भी दखल देनी पड़ी । बहुत धन्यवादसर
१० साल में गोदी मीडिया को बिकते हुए देखा; ई.डी ,सी.बी.आयी को सत्ता का साथ देते हुए देखा लेकिन राहुल गाँधी को हमेशा निडर और सत्ता के आगे कभी ना झुकते हुए पाया
माननीय सुप्रीम कोर्ट को सिर्फ़ टिप्पणी ही नही करनी चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि सिर्फ़ किसी को क़ैद में रखने के लिए बिना सुबूतों का केस बनाया गया है तो उसके लिए ज़िम्मेदार अफ़सरों को सजा देनी चाहिए। अन्यथा ईडी और पुलिस मौजूदा केंद्र सरकार के निर्देश पर ज़ुल्म करते रहेंगे।
हम सुप्रीम कोर्ट को खारिज कर दिया जितने आदालतें है हम इनमें से किसी को नहीं मानते हमारा विश्वास खत्म हो गया है। संघ पावर में है। इसलिए ऐसा हो रहा है एक सबसे ज्यादा मुसलमान से नफ़रत वह दिन दुर नहीं जब भारत में फिदायीन बनने लगे तब क्या होगा रबीश सर।
रवीश सुप्रीम कोर्टपर मुझे ताज्जुब तब होता है जब सुप्रीम कोर्ट जाँच एजेंसियों या अधीनस्थ न्यायालयों पर केवल सख्त टिप्पणी ही करती है कभी अपनी इन टिप्पणियों को अपने फैसले का हिस्सा नहीं बनाती है, मेरी समझ से सुप्रीम कोर्ट के फैसले तभी असरकारक होंगे जब उसकी सख्त टिप्पणियां उनके पैसे का हिस्सा बनेंगी।
Whole judicial system is making mockery of us . When investigative agency dont have valid proof and case is pending for years still courts are letting them rotting in jail . Thats really scary and pathetic .
रंगीन वारदात के क्राइम में बेल नहीं होनी चाहिए नहीं तो आरोपी दोबारा फिर क्राइम कर सकता है चाहे कोई सी भी court हो क्राइम नेचर देखकर ही बेल देनी चाहिए गलत आदमी को बिल देने से समाज में डर व क्राइम बढ़ता है
वाह रवीशजी, आपका विश्लेषण, कमाल का, एक सौ चालीस करोड़ में, आप जैसा कोई समान व्यक्तित्व, ना देखा ना सुना।आप जैसे भारत के निडर पुत्र, हमारे देश की आन, बान और शान हैं।
हमारे देश की राष्ट्रपति एक महिला हैं, वह भी आदिवासी वर्ग से हैं, लेकिन अफ़सोस है कि भाजपा के डबल इंजनों की राज्य सरकारों में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म के बारे में मौन रहतीं हैं लेकिन गैर भाजपा शासित राज्य में ऐसी घटना होने पर उन्हें बहुत तकलीफ होती है, क्यों और किसलिए, आम जनता के समझ से परे है, जय सिया राम।
बंबई हाईकोर्ट एवं कलकता हाईकोर्ट विरोध प्रदर्शन पर विरोधी फैसले दिए हैं.कलकता में स्वीकृति.बंबई में प्रतिबंद.न्यायपालिका को rss के न्यायधिशों को घर भेजना होगा.🎉
जब तक सुप्रीम कोर्ट लोवर कोर्ट अथवा हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है तो उनके निर्देशों का कोई फर्क नहीं पड़ता है उनका स्पष्टीकरण तो लेना ही चाहिए तब जाकर व्यवस्था सुधर सकती है अन्यथा आप कहते रहो आपके ही अधीनस्थ सुनेंगे नहीं
इतिहास में "लाल रंग" से लिखा जाएगा अगर देश का मीडिया(media) "गद्दार" ना होता तो देश का "सत्यानाश" ना होता.. रवीश कुमार जी की पत्रकारिता को दिल से सलाम.. Kisan Ekta Kisan jindabad🇮🇳 ❤
आप नेतृत्व का घरेलू संगठन गलत था। हर किसी की एक या कुछ अभिव्यक्तियों (घरेलू राजनीतिक दलों) में अपनी "पसंद" और "नापसंद" होती है। मुझे नहीं पता कि कौन से निजी व्यक्ति और कौन सी व्यावसायिक कंपनियाँ आप में निवेश करेंगी। ऐसे प्रायोजक ढूँढना आप के अलग-अलग ढाँचे की देखभाल होगी। मान लीजिए, दानिश अपने राजनीतिक विचारों के कारण आप को अपने गाँव के चुनावों में जीत दिलाना चाहता है, जो आप के बहुमत के राजनीतिक विचारों के अनुरूप होगा। प्रश्न 1: दानिश आप की दिल्ली शाखा में क्या करेगा, अगर उसका उद्देश्य अपने गाँव में चुनावों के दौरान आप की जीत सुनिश्चित करना है? एक गाँव को व्यापक अर्थ में समझा जा सकता है, लगभग 4 गाँवों के स्थानीय जिले तक। इसका उद्देश्य चुनावों के दौरान सभी ग्रामीणों के 50 प्रतिशत को अपने पक्ष में आकर्षित करना है। Danish : yes/no? प्रश्न 2: AAP के सदस्य को स्थिर आधार रखने के लिए अपनी राजनीतिक पार्टी के राजनीतिक विचारों को जानना चाहिए। AAP के विचार ही उसका घरेलू संविधान है। क्या AAP के प्रत्येक सदस्य को AAP का संविधान जानना चाहिए? Danish : yes/no? यदि किसी राजनेता के राजनीतिक विचार उसके राजनीतिक दल के संविधान के विपरीत हों, तो भारतीय राजनेता मुस्कुराना बंद कर देता है, वह राष्ट्रीय अवकाश के दौरान नाचना बंद कर देता है, वह परिवार के प्रत्येक सदस्य पर, राजनीतिक दल के प्रत्येक सदस्य पर, पूरी दुनिया पर क्रोधित हो जाता है। क्या आप ऐसी सार्वजनिक हस्तियों को जानते हैं? [say yes or no ] प्रश्न 3A. राजनेता की अपनी व्यक्तिगत शैली होगी। व्यक्तिगत शैली, शुद्ध हिंदी में, बिना किसी कटुता के, अंग्रेजी में और राजधानी में राजनीतिक घटनाओं के दौरान हिंदी में बोलने का एक व्यक्तिगत तरीका है। अपने हाथों को हिलाना जरूरी नहीं है। रवीश कुमार अपने दर्शकों के सामने हाथ नहीं हिलाते। सार्वजनिक भाषण के दौरान तनाव दूर करने के लिए हाथों की जरूरत होती है। घर पर अपने शीशे के सामने 25-30 बार कोशिश करें। फिर छोटे वेब कैमरे के साथ सार्वजनिक रूप से कोशिश करें। Danish : yes/no? प्रश्न 4. पहले खुद को समझाने की कोशिश करें, फिर अपने राजनीतिक दल के सदस्यों को बताएं कि मैं क्या कर सकता हूं - मेरी नवीनतम शिक्षा, मेरे माता-पिता कौन हैं, उनका पूरा नाम या पेशा क्या है, मेरा शौक (नृत्य करना, गाना गाना, अपने दोस्तों की नई कार चलाना, (कपड़े सिलना - महिलाओं के लिए), अच्छी गुणवत्ता वाली चाय या कॉफी बनाना, (खाना पकाना - आम गृहणियों के लिए), आँगन में मुर्गियाँ पकड़ना। Danish : yes/no? प्रश्न 5. अपने आप को समझाने की कोशिश करें, फिर सार्वजनिक भाषण के दौरान भी यही करें, अगर मैं अपने गांव का निर्वाचित मुखिया हूं तो मैं अपने गांव के लिए क्या कर सकता हूं। उदाहरण के लिए, मैं सड़क बनाने का आदेश दूंगा, मैं गांव की सड़कों से बिना पंजीकरण वाले रिक्शा चालकों को हटा दूंगा, मैं छोटे बिजली संयंत्र के लिए एक परियोजना को नकार दूंगा, मैं सिनेमाघरों की संख्या बढ़ाऊंगा, मैं सिनेमाघरों के काम करने के समय को 1600 से बढ़ाकर 2400 कर दूंगा, सोमवार-बुधवार को छोड़कर (क्योंकि मेरे गांव के विद्यार्थियों को कक्षाओं में उपस्थित होना चाहिए) Approximately. क्या चुनाव के दौरान किसी राजनीतिक दल ने हमारे ग्रामीणों के लिए ऐसी कोई योजना पेश की है? उत्तर केवल आपके लिए 'हां' या 'नहीं' के रूप में आवश्यक है। गाँव के स्थानीय लोगों को कौन पसंद आएगा - आपकी योजना या दूसरे राजनीतिक दल के किसी राजनेता के वादे, जो आजकल राजनीतिक शक्ति रखता है? Danish : yes/no?
इतनी सामान्य सी बात समझने में सुप्रीम कोर्ट को ७/८ वर्ष लग गए, क्या उन आरोपित व्यक्तियों को जिनके खिलाफ कोई भी आरोप पत्र दाखिल करने में एजेंसियां असफल रहीं हैं और वे लोग जेल में सड़ते रहे उन्हें मुआवज़ा मिलेगा ?
भाजपा के जाने के बाद यही न्यायपालिका सबको कानून का पाठ पढ़ाने लगेगी क्योंकि भाजपाइयों के खिलाफ तब मुकदमें चल रहे होंगे! इससे और क्या निष्कर्ष निकाला जायेगा.?😮
I salute to these judges for thier best judgement may almighty showers his blesdings upon them and i pray for,sanjiv bhatt and omer khalid to get bail them very soon
देरी से न्याय मिलना न्याय न मिलने के समान है ।
ED और CBI के भाजपके अफसरोंपर कारवाई होनी चाहिये
*मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भी भरोसा नहीं रहा क्यों की सुप्रीम कोर्ट ही बेलगाम घोडे को लगाम लगा सकती है पर ऐसा होते हुए कतई नजर नहीं आता..!*
असली पत्रकार सच्चे पत्रकार को salute
😂😂😂😂😂 देश का दुर्भाग्य
@@jmsjitendrakumar9627 godi media fan triggered 😂
जब तक सुप्रीम कोर्ट किसी हाई कोर्ट जज पर कोई कार्यवाही नहीं करेंगे अधूरापन ही लगेगा ।
A judge whose trial of process is clearly exposed that the said process is covered with naked partiality, ill motivated and bad intention, must be booked under trial and during the trial, he must be put into duties beyond trial-court.If he is convicted he must be sacked immediately.
बहुत सटीक विश्लेषण
राहुल का मार्शल आर्ट,,,
और स्मृति की करवट बता रही है कि...
राहुल गाँधी विश्व स्तरीय राजनेता उभर कर आ रहे है 🇮🇳👍🏻🇮🇳
शेल्यूट है सर आपको और आपकी पत्रकारिता को आप स्वस्थ तंदुरुस्त रहें अपनी बात को बेबाकी से उठाते रहे।
सच्चा और निष्पक्ष पत्रकार चाहे तो सरकार हिला सकता है। ❤❤ ट्रू गोल्ड आपका बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने ऐसा मुद्दा उठाया वहां सुप्रीम कोर्ट को भी दखल देनी पड़ी । बहुत धन्यवादसर
मुश्किल दौर में रविश सर जी को निर्भय निडर सत्यनिष्ठ पत्रकारिता के लिये नमन वंदन अभिनन्दन 🌹🌹🙏🏻🙏🏻🌹🌹🚩🚩
Highly excellent analysis
पक्षपाती जजो कि पहेचान होना जरुरी हो गया..या ऐसे जजो को कानून कि फिर से ट्रेनिंग देना चाहिये.. जिन्हें बेल देणे मे डर लग रहा है.
१० साल में गोदी मीडिया को बिकते हुए देखा; ई.डी ,सी.बी.आयी को सत्ता का साथ देते हुए देखा लेकिन राहुल गाँधी को हमेशा निडर और सत्ता के आगे कभी ना झुकते हुए पाया
सरकार किसी की भी सीबीआई एड़ी केंद्र के हाथ में होती है पहले से
धन्यवाद रविशकुमार जी
जब तक सूरज चाँद रहेगा,,,
तब तक संविधान पर नाज़ रहेगा 🇮🇳
गर्व से बोलो....
कि हम भारतीय है. 🙏🏻
Excellent Journalism 👍👍👍
माननीय सुप्रीम कोर्ट को सिर्फ़ टिप्पणी ही नही करनी चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि सिर्फ़ किसी को क़ैद में रखने के लिए बिना सुबूतों का केस बनाया गया है तो उसके लिए ज़िम्मेदार अफ़सरों को सजा देनी चाहिए। अन्यथा ईडी और पुलिस मौजूदा केंद्र सरकार के निर्देश पर ज़ुल्म करते रहेंगे।
बजरंग दल अब किसी को सहयाता में कोई कमी नहीं छोड़ेगा देखिए। क्या बोले नेता गण ua-cam.com/video/T2VtqwPYpG4/v-deo.htmlsi=sdV6aQlbQUcKlYRH
Umar Khalid still in Prison even after 4 years.Uska baare ma ek video zarur banna chaiye .kyu usko 4 years sa jail ma rakha gaya ha
The person has to file for damages
Ji bilkul sahi kaha aapne ji thanks ❤
हम सुप्रीम कोर्ट को खारिज कर दिया जितने आदालतें है हम इनमें से किसी को नहीं मानते हमारा विश्वास खत्म हो गया है। संघ पावर में है। इसलिए ऐसा हो रहा है एक सबसे ज्यादा मुसलमान से नफ़रत वह दिन दुर नहीं जब भारत में फिदायीन बनने लगे तब क्या होगा रबीश सर।
सच बोलते हो और सचाई बताते हो शुक्रिया रवीश...खुश रहो और स्वस्थ रहो ❤😊
सुप्रीम कोर्ट ऐसे जजों पर अवमानना का आरोप क्यों नहीं लगाता?
@@hemangvaidya7721 चोर चोर मौसेरे भाई
देश का हाईकोर्ट संदेह के घेरे में हैं सिर्फ सुप्रिम कोर्ट ही न्याय दिला सकते जो हर व्यक्ति के लिए नामुमकिन है
SALUTE TO RAVISH JI FOR THIS EXCELLENT PROGRAM ❤❤❤❤
सुप्रीम कोर्ट और CJI चंद्रचूड़ से बहुत उम्मीद ये देश की जनता ने लगाई है मगर अफसोस पूरी होती नही दिख रही।
रवीश सुप्रीम कोर्टपर मुझे ताज्जुब तब होता है जब सुप्रीम कोर्ट जाँच एजेंसियों या अधीनस्थ न्यायालयों पर केवल सख्त टिप्पणी ही करती है कभी अपनी इन टिप्पणियों को अपने फैसले का हिस्सा नहीं बनाती है, मेरी समझ से सुप्रीम कोर्ट के फैसले तभी असरकारक होंगे जब उसकी सख्त टिप्पणियां उनके पैसे का हिस्सा बनेंगी।
Absolutely right
Whole judicial system is making mockery of us . When investigative agency dont have valid proof and case is pending for years still courts are letting them rotting in jail . Thats really scary and pathetic .
रंगीन वारदात के क्राइम में बेल नहीं होनी चाहिए नहीं तो आरोपी दोबारा फिर क्राइम कर सकता है चाहे कोई सी भी court हो क्राइम नेचर देखकर ही बेल देनी चाहिए गलत आदमी को बिल देने से समाज में डर व क्राइम बढ़ता है
सही बात, ट्रायल कोर्ट, सेशन कोर्ट, और हाई कोर्ट सब अपने हितों के लिए सरकार के इशारे पर कार्य करते हैं
सत्यमेव जयते 🇮🇳🇮🇳
❤❤❤
Excellent journalism 🌹
न्यायपालिका घुटने टेक चुकी है
BAHUT SUNDAR VICHAR
बेल नियम है जेल अपवाद
खोखला नारा है
बहुत सही कहा आपने, सकारात्मक सोच वाले लोग ही आगे आवें, विरोध पक्ष के नेताओ को खुद पहल जोरदार ढंग से करनी चाहिए।
Great journalist and salute to Mr Ravish Kumar for his awesome journalism
रवीश कुमार जी बेहतर पत्रकारिता के लिए आप को साधुवाद।
आप जैसे ईमानदार पत्रकार को दिल से सलाम
❤❤❤ right 👍🙏
रवीश कुमार को भारतरत्न मिलना चाहिए
Right
Excellent reporting
रवीश कुमार जैसे ईमानदार ,सच्चे पत्रकार की इस देश को जरूरत है! 👍
जय हिंद 🇮🇳🙏
Supreme court abhi bhi lagta hai sarkar ke dar se aur kathore faisla nahi de raha hai ❤❤❤❤❤😂
रविश कुमार भी महात्मा गाँधी से भी कम नहीं है । चूँकि महात्मा गांधी से तुलना नहीं कर सकता । फिर वे इस सदी के पत्रकारिता का चमकीला सितारा है
मेरा इस देश की सरकार और न्याय व्यवस्थ से बिश्वास उठ गया है.
अब सुप्रीम कोर्ट को फटकार से एक कदम आगे बढ़ते हुए संबंधित अधिकारियों को punish भी करना चाहिए ताकी लोकतंत्र की खूबसूरती बनी रहे
हर साख पर संघी बैठा है अंजाम ए भारत क्या होगा 😢😢😢
रवीश जी अवैध गिरफ्तारी के बारे में आपकी विवेचना एकदमसटीक सच है।
।। श्री रावण।।
Supreme court ने
अब गैंग्स ऑफ मोदीपुर की
बर्बरता को एक्सपोज कर दिया है
Confusing
I'm agree with you 👍
100% right
अवैध गिरफ्तारी पर उस अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए
Ravish Sir You are a hero amongst today's journalist.. Nation will remember you and be indebted to you for your great service in today's journalism.
वाह रवीशजी, आपका विश्लेषण, कमाल का, एक सौ चालीस करोड़ में, आप जैसा कोई समान व्यक्तित्व, ना देखा ना सुना।आप जैसे भारत के निडर पुत्र, हमारे देश की आन, बान और शान हैं।
सुप्रीम कोर्ट यदि अपने फैसलों को अधिनस्थ न्यायालयों पर लागू नहीं कर सकती तो ऐसे फैसलों का क्या मतलब। अपनी साख तो बचाए सुप्रीम कोर्ट।
Bro courts are not free in India.
हमारे देश की राष्ट्रपति एक महिला हैं, वह भी आदिवासी वर्ग से हैं, लेकिन अफ़सोस है कि भाजपा के डबल इंजनों की राज्य सरकारों में
महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे दुष्कर्म के बारे में मौन रहतीं हैं लेकिन गैर भाजपा शासित राज्य में ऐसी घटना होने पर उन्हें बहुत तकलीफ होती है, क्यों और किसलिए, आम जनता के समझ से परे है, जय सिया राम।
Well Done Ravish Ji Brave Jornlist 🎉
आप जैसै पत्रकार कि वजह से जनता को कोर्ट समज आ रहा है
स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता से ही लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ मजबूत होता है 🙏
जय हिन्द जय संविधान जय लोकतंत्र 🇮🇳
अब सुप्रीम कोर्ट सब कुछ कर रहा है सिर्फ़ न्याय ही नहीं कर रहा है जो कि उसका मुख्य कार्य है।
Good Ek Number News Sir Ji 👍
सर्वोच्च न्यायालय का डंडा सिर्फ निचले तबके के उपर ही चलता है। एक से एक दलित बुद्धिजीवी जेलो मे बन्द है पर जमानत नही मिल रहा है।
बंबई हाईकोर्ट एवं कलकता हाईकोर्ट विरोध प्रदर्शन पर विरोधी फैसले दिए हैं.कलकता में स्वीकृति.बंबई में प्रतिबंद.न्यायपालिका को rss के न्यायधिशों को घर भेजना होगा.🎉
जब तक सुप्रीम कोर्ट लोवर कोर्ट अथवा हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है तो उनके निर्देशों का कोई फर्क नहीं पड़ता है उनका स्पष्टीकरण तो लेना ही चाहिए तब जाकर व्यवस्था सुधर सकती है अन्यथा आप कहते रहो आपके ही अधीनस्थ सुनेंगे नहीं
Ravis jee ke jaisa koi patrkar nahi hai or nahi hoga .jai hind
❤❤❤❤❤❤
रवीश जी आपको साधुवाद,यह आपकी ही सोच और सच्चाई का परिणाम है कि, ऐसी-ऐसी टिप्पणियां कर सकते हैं,आपको पुनः सलाम और धन्यवाद।
इतिहास में "लाल रंग" से लिखा जाएगा
अगर देश का मीडिया(media) "गद्दार" ना होता
तो देश का "सत्यानाश" ना होता.. रवीश कुमार जी की पत्रकारिता को दिल से सलाम.. Kisan Ekta Kisan jindabad🇮🇳
❤
आपको धूर्त झूठ बोले वाले की समझ नहीं है
Good bhai.gi
चाटुगार चमचा 🥄 पत्रकार हे आभी भी बंगाल पर बोलने की हीम्मत नही कर सका😊😊😊😊😊
रवीश जी आपको दिल की गहराईयों से साधूवाद निक्षपछ पत्रकारिता के लिए
@@deepakkumrकोन धूर्त झूट बोल रहा है जिसको समझना चाहिए ❓
बिल्कुल सही और औचित्यपूर्ण बातें है, पर सुनता कौन है ?
देश की र्टायल ,हाइ कोर्ट, मेजिस्ट्रेट कोर्ट जमानत देने में बिन कार्यक्षम है तो जमानत देने का अधिकार छींक सुप्रीम कोर्ट को अपने पक्ष रखना चाहिए
Ravish Kumar ji is a true n brave Journalist...👍👍👍
SC के फैंसले को कोई नहीं मान रहा जैसे रिटायर्ड एम्प्लॉय के हायर पेंशन का फैसला न तो ईपीएफओ और न ही सरकार लागू कर रही दो साल होने वाले हैं
माननीय सुप्रीम कोर्ट को सख्त आदेश देना चाहिए कि निचली अदालतें और उच्च न्यायालय जमानत दें ।❤
संजीव भट्ट आईपीएस को भी सुप्रीम कोर्ट को जमानत देनी चाहिए।
सभी लोअर कोर्ट्स के न्यायाधीश या तो डरे हुए हैं या बीजेपी के साथ हैं।
Rather Supreme Court should seek explanation of that high and lower court judges to reach a lesson to such judges.
😅😮@@kavindratewari3441
Isi chakkar mein ajmer kand mein 32 saal baad faisla aaya.
बेल हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है पर यह वास्तविक विपरित है हर व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट नहीं जा सकता
🤲मैं अल्लाह से दुआ करता हूं देश के राजा को सत्य बुद्धि आए और हर किसी के प्रति इंसाफ करें 🙏❤️👍
*संगीत के बग़ैर गीत*.... अहा...क्या बात है...रवीश सर ने क्या नहीं कह दिया। सब कुछ तो रवीश सर ने कह दिया... जय हो,रवीश सर की जय हो💐💐🙏
भारत देश की सबसे बड़ी कंपनी सहारा इंडिया का फ्रॉड देश के सामने रखिए रवीश कुमार जी आपसे विनम्र निवेदन है देश के 140 करोड़ निवेशकों के साथ न्याय कीजिए😢😢
supreme court walo shudhar jaana chahiye
Super Thanks ❤❤❤.
रवीश कुमार जिंदाबाद बाई जिंदाबाद
स्वतंत्र आवाज़ स्वतंत्र पत्रकारिता जिंदाबाद
Responsible persons must be punished for not allowing JMANAT
सुप्रीम कोर्ट वो सब करने में सक्षम है जो सरकार नहीं कर सकती मोदी शासन में SC की गरिमा ही खत्म हो गई है
जय हिन्द जय संविधान जय राहुल
Very true
SUB KUCH KHTAM KARNA CHAITEE HAI BJP ..YE ATANKWADI PARTY HAI ....
मेरे देश में अक्सर एक देेश एक चुनाव की चर्चा होती रहती हैं पर एक देश एक कानून की पालना नहीं हो रही इस कारण सुप्रीम कोर्ट जाना सबकी मजबूरी हैं
जो मजिस्ट्रेट अपने काम में लापरवाही बरतते है उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए वह भी कानून से ऊपर नहीं है अदालते भी अंध भक्तो की तरह काम कर रही है
देश की सभी संविधानिक संस्था के उपर सरकार ने कब्जा कर लिया है।
Ravish bhai आप के विचार देश हित में है जब Supreme Court की भी lower courts नहीं सुनीति तो सुप्रीम कोर्ट Supreme कैसे हुआ, cji क्या कर रहे हैं
सादर अभिनन्दन प्रणाम माननीय श्रीमान
रवीश सर एक बहुत अच्छे और इमानदार पत्रकार हैं लाइक करो
❤🎉right 👍😊
रवीश कुमार को भारत रत्न मिलना चाहिए
@@manishpandey5435चाटुगार चमचा 🥄 पत्रकार हे 15 दीन हो गये बंगाल पर बोलने की हीम्मत नही कर सका
नकली नोटा छापने वाले मौलाना पर खामोश हे पं बंगाल पर बोलने की हीम्मत नही हे तेरे इमानदार पत्रकार की😊😊😊😊😊
आप नेतृत्व का घरेलू संगठन गलत था। हर किसी की एक या कुछ अभिव्यक्तियों (घरेलू राजनीतिक दलों) में अपनी "पसंद" और "नापसंद" होती है।
मुझे नहीं पता कि कौन से निजी व्यक्ति और कौन सी व्यावसायिक कंपनियाँ आप में निवेश करेंगी।
ऐसे प्रायोजक ढूँढना आप के अलग-अलग ढाँचे की देखभाल होगी।
मान लीजिए, दानिश अपने राजनीतिक विचारों के कारण आप को अपने गाँव के चुनावों में जीत दिलाना चाहता है, जो आप के बहुमत के राजनीतिक विचारों के अनुरूप होगा।
प्रश्न 1:
दानिश आप की दिल्ली शाखा में क्या करेगा, अगर उसका उद्देश्य अपने गाँव में चुनावों के दौरान आप की जीत सुनिश्चित करना है? एक गाँव को व्यापक अर्थ में समझा जा सकता है, लगभग 4 गाँवों के स्थानीय जिले तक। इसका उद्देश्य चुनावों के दौरान सभी ग्रामीणों के 50 प्रतिशत को अपने पक्ष में आकर्षित करना है।
Danish : yes/no?
प्रश्न 2: AAP के सदस्य को स्थिर आधार रखने के लिए अपनी राजनीतिक पार्टी के राजनीतिक विचारों को जानना चाहिए। AAP के विचार ही उसका घरेलू संविधान है। क्या AAP के प्रत्येक सदस्य को AAP का संविधान जानना चाहिए?
Danish : yes/no?
यदि किसी राजनेता के राजनीतिक विचार उसके राजनीतिक दल के संविधान के विपरीत हों, तो भारतीय राजनेता मुस्कुराना बंद कर देता है, वह राष्ट्रीय अवकाश के दौरान नाचना बंद कर देता है, वह परिवार के प्रत्येक सदस्य पर, राजनीतिक दल के प्रत्येक सदस्य पर, पूरी दुनिया पर क्रोधित हो जाता है। क्या आप ऐसी सार्वजनिक हस्तियों को जानते हैं?
[say yes or no ]
प्रश्न 3A.
राजनेता की अपनी व्यक्तिगत शैली होगी।
व्यक्तिगत शैली, शुद्ध हिंदी में, बिना किसी कटुता के, अंग्रेजी में और राजधानी में राजनीतिक घटनाओं के दौरान हिंदी में बोलने का एक व्यक्तिगत तरीका है।
अपने हाथों को हिलाना जरूरी नहीं है। रवीश कुमार अपने दर्शकों के सामने हाथ नहीं हिलाते।
सार्वजनिक भाषण के दौरान तनाव दूर करने के लिए हाथों की जरूरत होती है।
घर पर अपने शीशे के सामने 25-30 बार कोशिश करें।
फिर छोटे वेब कैमरे के साथ सार्वजनिक रूप से कोशिश करें।
Danish : yes/no?
प्रश्न 4. पहले खुद को समझाने की कोशिश करें, फिर अपने राजनीतिक दल के सदस्यों को बताएं कि मैं क्या कर सकता हूं - मेरी नवीनतम शिक्षा, मेरे माता-पिता कौन हैं, उनका पूरा नाम या पेशा क्या है, मेरा शौक (नृत्य करना, गाना गाना, अपने दोस्तों की नई कार चलाना, (कपड़े सिलना - महिलाओं के लिए), अच्छी गुणवत्ता वाली चाय या कॉफी बनाना, (खाना पकाना - आम गृहणियों के लिए), आँगन में मुर्गियाँ पकड़ना।
Danish : yes/no?
प्रश्न 5. अपने आप को समझाने की कोशिश करें, फिर सार्वजनिक भाषण के दौरान भी यही करें, अगर मैं अपने गांव का निर्वाचित मुखिया हूं तो मैं अपने गांव के लिए क्या कर सकता हूं। उदाहरण के लिए, मैं सड़क बनाने का आदेश दूंगा, मैं गांव की सड़कों से बिना पंजीकरण वाले रिक्शा चालकों को हटा दूंगा, मैं छोटे बिजली संयंत्र के लिए एक परियोजना को नकार दूंगा, मैं सिनेमाघरों की संख्या बढ़ाऊंगा, मैं सिनेमाघरों के काम करने के समय को 1600 से बढ़ाकर 2400 कर दूंगा, सोमवार-बुधवार को छोड़कर (क्योंकि मेरे गांव के विद्यार्थियों को कक्षाओं में उपस्थित होना चाहिए)
Approximately.
क्या चुनाव के दौरान किसी राजनीतिक दल ने हमारे ग्रामीणों के लिए ऐसी कोई योजना पेश की है?
उत्तर केवल आपके लिए 'हां' या 'नहीं' के रूप में आवश्यक है।
गाँव के स्थानीय लोगों को कौन पसंद आएगा - आपकी योजना या दूसरे राजनीतिक दल के किसी राजनेता के वादे, जो आजकल राजनीतिक शक्ति रखता है?
Danish : yes/no?
Thanks, respected ravish sir & respected journalism of india
*क्या सुप्रीम कोर्ट ने PMLA ॲक्ट में भी आज ED को सेक्शन 50 के आंदर गवाही को नहीं माना जाएगा कर के इलेक्टरॉल बॉंड की तरह गुमराह किया है..??*
Thanks!
शुक्रिया। हो सके तो join भी करें।
यही कारण है कि अदालतो से जनता का विश्वास
उठ रहा है । अदालते न्याय देने में विफल है ।
Very true
Jai Hind 🇮🇳🤝
भिमाकोरे गांव मामले में हमारे देश के प्रबुद्ध.समाज सेवी.लोगों को जेलों में क्यों सडा रहा है.आज तक ना कोई सुनवाई.ना सजा.🎉
We are helpless people , except a comment we can do nothing.
no action, no result , देश की दिशा बदल चुकी है,, झुठा मुकदमा बनाने वालों को सज़ा मिलनी चहिये।
नीचे से ऊपर तक सिर्फ फ़ैसला होता है न्याय नहीं
इतनी सामान्य सी बात समझने में सुप्रीम कोर्ट को ७/८ वर्ष लग गए, क्या उन आरोपित व्यक्तियों को जिनके खिलाफ कोई भी आरोप पत्र दाखिल करने में एजेंसियां असफल रहीं हैं और वे लोग जेल में सड़ते रहे उन्हें मुआवज़ा मिलेगा ?
*जब तक भाजपा केंद्र में है तब तक कहता रहेगा सुप्रीम कोर्ट...बेल नियम है, जेल अपवाद है..!*
Right 🙏
@@ramratanmot8530 *शुक्रीया ब्रो🙏🙏*
भाजपा के जाने के बाद यही न्यायपालिका सबको कानून का पाठ पढ़ाने लगेगी क्योंकि भाजपाइयों के खिलाफ तब मुकदमें चल रहे होंगे! इससे और क्या निष्कर्ष निकाला जायेगा.?😮
सुप्रीम कोर्ट ने भी निराश किया है
You r a great journalist.
Ravish Sir.
कुछ जज अपनी आत्मा को दबाव में बंधक बनाकर फैसला देतें हैं और कुछ आत्मा को स्वतंत्र रखकर फैसला देतें हैं।
आम जनता यदि कुछ कह दे तो न्यायलय उस पर कोर्ट की अवमानना केस चला देते हैं। क्या सुप्रीम कोर्ट की अवमानना, निचले कोर्ट करते रह सकते हैं।
I salute to these judges for thier best judgement may almighty showers his blesdings upon them and i pray for,sanjiv bhatt and omer khalid to get bail them very soon
नेताओं के कारण न्यायालय प्रभावित हो रहे हैं।
माननीय सुप्रीम कोर्ट को ध्यान दिए जाने चाहिए ❤
Congress party jindabad jindabad jindabad jindabad
One of the best episode 🫡
यह हालत है हमारी न्यायपालिका का. मोदी, जोगी का इतना भय. जनता देखें.
Courageous ❤
Ravish Kumar sir ji namaste 🙏
बहुत सही एपीसोड।।। सारे जज बिके हुए हैं, सरकार का मुंह देखकर जमानत देते हैं।।। अब न्याय अन्याय का पर्याय बन गया है।।।