श्रद्धेय बच्चन जी का स्वर सुन कर भावविभोर हो गया ! धन्य हूं मैं, मुझे संबोधित समय-समय पर प्रेषित उनके हस्तलिखित पत्रों ने अब एक अक्षुण्ण धरोहर का रूप ले लिया है. पुण्य स्मरण !
यथार्थवादी, वास्तविकताओं के धरातलीय दृष्टि कोणों के परिवेशों के, पारिवारिक जीवन संबधों पर आधारित तूलिकाओं की संग्रहणीय काव्यात्मक, अभिव्यक्ति है। कालजयी कवि चित्रगुप्त गादी ,पर सदैव ही आरुढ़ रहेंगे, प्रणाम हो मेरा।
Respected sir/madam I am a teacher from Telangana my name is Dr.Ritu Bhasin can I use this video clips for preperation of educational video on Diksha Portal Kindly respond
ua-cam.com/video/v7a7f9VAV_M/v-deo.html प्यार एक अहसास का नाम है, इसमें शब्दों तक का कोई काम नहीं । प्यार की नई परिभाषा सिखाती हरिवंश राय बच्चन की एक छोटी-सी प्यारी-सी कविता 👇 ua-cam.com/video/v7a7f9VAV_M/v-deo.html आपसे हार्दिक अनुरोध है .. कृपया सुनें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणी भी दें 🙏🏻 (और कविता अच्छी लगे तो लाइक, सब्सक्राइब और शेयर करना भी न भूलें । धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻).
हरिवंशराय बच्चन की रचना जीवन की आपाधापी में जीवन की आपाधापी में जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिला कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोंच सकूँ, जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा भला।जिस दिन मेरी चेतना जगी मैने देखा मैं खड़ा हुआ हूँ इस दुनिया के मेले में, हर एक यहाँ पर एक भुलाने में भूला हर एक लगा है अपनी अपनी दे-ले मे कुछ देर रहा हक्का बक्का, भौचक्का-सा, आ गया कहाँ, क्या करूँ यहाँ, जाऊँ किस जा? फिर एक तरफ़ से आया ही तो धक्का-सा मैने भी बहना शुरू किया उस रेले में, क्या बाहर की ठेला-पेली ही कुछ कम थी, जो भीतर भी भावों का ऊहापोह मचा, जो किया, उसी को करने की मजबूरी थी, जो कहा, वही मन के अन्दर से उबल चला, जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिला कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ, जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा-भला।मेला जितना भडकीला रंग-रंगीला था, मानस के अन्दर उतनी ही कमज़ोरी थी, जितना ज़्यादा संचित करने की ख़्वाहिश थी, उतनी ही छोटी अपने कर की झोरी थी, जितनी ही बिरमे रहने की थी अभिलाषा, उतना ही रेले तेज़ ढकेले जाते थे, क्रय-विक्रय तो ठण्डे दिल से हो सकता है, यह तो भागा-भागी की छीना-छोरी थी, अब मुझसे पूछा जाता है क्या बतलाऊँ क्या मान अकिंचन बिखराता पथ पर आया, वह कौन रतन अनमोल मिला ऐसा मुझको, जिस पर अपना मन प्राण निछावर कर आया, यह थी तकदीरी बात मुझे गुण दोष न दो जिसको समझा था सोना, वह मिट्टी निकली, जिसको समझा था आँसू, वह मोती निकला। जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिला कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोंच सकूँ, जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा-भला।मैं कितना ही भूलूँ, भटकूँ या भरमाऊँ, है एक कहीं मंज़िल जो मुझे बुलाती है, कितने ही मेरे पाँव पडे ऊँचे-नीचे, प्रतिपल वह मेरे पास चली ही आती है, मुझ पर विधि का आभार बहुत-सी बातों का। पर मैं कृतज्ञ उसका इस पर सबसे ज़्यादा-- नभ ओले बरसाये, धरती शोले उगले, अनवरत समय की चक्की चलती जाती है, मैं जहाँ खडा था कल उस थल पर आज नही, कल इसी जगह पर पाना मुझको मुश्किल है, ले मापदंड जिसको परिवर्तित कर देतीं केवल छूकर ही देश-काल की सीमाएँ जग दे मुझपर फ़ैसला उसे जैसा भाए लेकिन मैं तो बेरोक सफ़र में जीवन के इस एक और पहलू से होकर निकल चला। जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिला कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोंच सकूँ, जो किया, कहा, माना उसमें क्या भला-बुरा।
डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी की कविताओं का मैं ऋणी हूँ । शत-शत नमन आपको ।
श्रद्धेय बच्चन जी का स्वर सुन कर भावविभोर हो गया !
धन्य हूं मैं, मुझे संबोधित समय-समय पर प्रेषित उनके हस्तलिखित पत्रों ने अब एक अक्षुण्ण धरोहर का रूप ले लिया है. पुण्य स्मरण !
यथार्थवादी, वास्तविकताओं के धरातलीय दृष्टि कोणों के परिवेशों के,
पारिवारिक जीवन संबधों पर आधारित तूलिकाओं की संग्रहणीय काव्यात्मक, अभिव्यक्ति है।
कालजयी कवि चित्रगुप्त गादी ,पर सदैव ही आरुढ़ रहेंगे, प्रणाम हो मेरा।
बहुत अनमोल इंटरव्यू हमारे बच्चन जी की .....
साझा करने के लिए अनेक धन्यवाद !!
It’s an absolute honour to be a part of this video , through my MAYURI NAACH , with the legendary artists.
Ma'am your mayuri dance is fantastic. 💯👏 It is a treat to our eyes, your dance is like a cherry on top. 🙏 I wish you good health and long life. 😇
बच्चन जी को साक्षात सुना,मन मयूर नृत्य करने लगा।
बच्चन जी ने बहुत लिखा है क्या खूब लिखा है मेरे सर्वाधिक पसंदीदा कवि हैं बच्चन जी
क्या बेटा पैदा किया आपने - अमिताभ बच्चन!!!❤
Bhagwan ! Acharya Shri ki Bahut yad aati hai....🥺🥺
Satya hai ek ek kathan - kyunki aise hi jevan ka hota nirvahan🙏💫🌹
This channel is goldmine for me , each and every single video has great importance
Bhot Sundar Kavita lgi.
Dil ki Murad Puri hui....
वाह 👍...अद्भुत खजाना ...प्रसार भारती के पास...👌
मां,आपकी वाणी,आपका आशीर्वाद,आपके मुख से निसृत अमृत का पान कर हृदय आंनद से भर उठा।उनके चरणों में सादर नमन।
I have been searching for many days Mr. Harivansh rai bachchan video clip. Thanks!
बच्चन साहब की मधुशाला ,बच्चन साहब से सुनी,तबियत खुश हो गई।
धन्यवाद प्रसार भारती 🙏।
परम पूज्य ,प्रात: स्मरणीय,युग कवि श्री हरिवंश राय बच्चन का काव्य पाठ सुनकर हृदय गदगद हो गया।उनको कोटि कोटि प्रणाम,कोटि कोटि नमन।
हमारे पूज्य कवी को सादर प्रणाम 🙏🙏
एक अदभुत सोच शक्ति, शब्दकोश का अनंत भांडार,🙏🙏
बहुत सुंदर ही इससे मेरे पास कोई शब्द नहीं
Dhany hai hum ki aise mahaan hasti ko dekne ka mauka mil raha hai . Shukriya upkoad karne ke liye .
Itni shudh hindi kuch samjh nahi aaya 🙏old is gold puraane log purani baatein sanskaaar tehzeeb pyar aaaj nahi 🙏
अति सुंदर
Kabi ji, kya ajuba ap duniya chor Gaya!! 😘 Amit ji ko
Thanks prasar bharti
सुंदर साक्षात्कार
Madhusala ...I hope it is recreated with same melody someday soon.
बच्चन को नमन 🙏
Kya log they yaar lajawab
❤❤❤
वाह
Respected sir/madam I am a teacher from Telangana my name is Dr.Ritu Bhasin can I use this video clips for preperation of educational video on Diksha Portal
Kindly respond
yeah sure please use it
Pranaam to him
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bachchan ji ko naman
Archives bhaiya koi agar bachchan sahab ka gaya hua apne swar me ho recording toh uplabdh karwaye
Mere shab ke piche chalne walo ,Ram naam Satya na kahna ,kahna Satya hai .. madhushaalaa!!!!! Atheist!!!
Which year he is speaking?
Nice
ua-cam.com/video/v7a7f9VAV_M/v-deo.html
प्यार एक अहसास का नाम है, इसमें शब्दों तक का कोई काम नहीं ।
प्यार की नई परिभाषा सिखाती हरिवंश राय बच्चन की एक छोटी-सी प्यारी-सी कविता 👇
ua-cam.com/video/v7a7f9VAV_M/v-deo.html
आपसे हार्दिक अनुरोध है ..
कृपया सुनें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणी भी दें 🙏🏻
(और कविता अच्छी लगे तो लाइक, सब्सक्राइब और शेयर करना भी न भूलें । धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻).
Harivansh rai bachchanji jab tak jivit rahe apne chahne wale longo ke dilo per raj karte rahe. :-shivji pandey distt. Deoria. Mob-9455630279
हरिवंशराय बच्चन की रचना जीवन की आपाधापी में
जीवन की आपाधापी में जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोंच सकूँ,
जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा भला।जिस दिन मेरी चेतना जगी मैने देखा
मैं खड़ा हुआ हूँ इस दुनिया के मेले में,
हर एक यहाँ पर एक भुलाने में भूला
हर एक लगा है अपनी अपनी दे-ले मे
कुछ देर रहा हक्का बक्का, भौचक्का-सा,
आ गया कहाँ, क्या करूँ यहाँ, जाऊँ किस जा?
फिर एक तरफ़ से आया ही तो धक्का-सा
मैने भी बहना शुरू किया उस रेले में,
क्या बाहर की ठेला-पेली ही कुछ कम थी,
जो भीतर भी भावों का ऊहापोह मचा,
जो किया, उसी को करने की मजबूरी थी,
जो कहा, वही मन के अन्दर से उबल चला,
जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ,
जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा-भला।मेला जितना भडकीला रंग-रंगीला था,
मानस के अन्दर उतनी ही कमज़ोरी थी,
जितना ज़्यादा संचित करने की ख़्वाहिश थी,
उतनी ही छोटी अपने कर की झोरी थी,
जितनी ही बिरमे रहने की थी अभिलाषा,
उतना ही रेले तेज़ ढकेले जाते थे,
क्रय-विक्रय तो ठण्डे दिल से हो सकता है,
यह तो भागा-भागी की छीना-छोरी थी,
अब मुझसे पूछा जाता है क्या बतलाऊँ
क्या मान अकिंचन बिखराता पथ पर आया,
वह कौन रतन अनमोल मिला ऐसा मुझको,
जिस पर अपना मन प्राण निछावर कर आया,
यह थी तकदीरी बात मुझे गुण दोष न दो
जिसको समझा था सोना, वह मिट्टी निकली,
जिसको समझा था आँसू, वह मोती निकला।
जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोंच सकूँ,
जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा-भला।मैं कितना ही भूलूँ, भटकूँ या भरमाऊँ,
है एक कहीं मंज़िल जो मुझे बुलाती है,
कितने ही मेरे पाँव पडे ऊँचे-नीचे,
प्रतिपल वह मेरे पास चली ही आती है,
मुझ पर विधि का आभार बहुत-सी बातों का।
पर मैं कृतज्ञ उसका इस पर सबसे ज़्यादा--
नभ ओले बरसाये, धरती शोले उगले,
अनवरत समय की चक्की चलती जाती है,
मैं जहाँ खडा था कल उस थल पर आज नही,
कल इसी जगह पर पाना मुझको मुश्किल है,
ले मापदंड जिसको परिवर्तित कर देतीं
केवल छूकर ही देश-काल की सीमाएँ
जग दे मुझपर फ़ैसला उसे जैसा भाए
लेकिन मैं तो बेरोक सफ़र में जीवन के
इस एक और पहलू से होकर निकल चला।
जीवन की आपाधापी में कब वक्त मिला
कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोंच सकूँ,
जो किया, कहा, माना उसमें क्या भला-बुरा।
Amitabh looks more like him
❤️🌟🥇🔱😭🔱
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