जर्मनी में महंगाई पर नहीं, सस्ता होने पर सवाल उठ रहे हैं [Is Germany too cheap]

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  • Опубліковано 10 вер 2024
  • जर्मनी में आने वाले विदेशी सैलानी अकसर हैरान होते हैं कि मीट और दूध से बनने वाली खाने की चीजें इतनी सस्ती कैसे हो सकती हैं. कुछ रिसर्चरों का कहना है कि कीमतें असल में छुपाई जा रही हैं और अगर चीजों को उन पर आई लागत के हिसाब से बेचा जाए तो कीमतें दो से तीन गुनी होंगी. लेकिन ना तो जर्मनी के सुपरमार्केट कीमतें बढ़ाने को तैयार हैं और ना ही लोग ज्यादा दाम देना चाहते हैं. लेकिन सस्ते सामान की कीमत आखिरकार पर्यावरण और समाज को ही चुकानी पड़ रही है.
    #DWHindi #EcoIndia #DWHindiExplainers
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