अन्विताभिधानवाद एवं व्यंजना व्यापार
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- Опубліковано 7 лют 2025
- अभिहितान्वयवादी आकांक्षा योग्यता एवं सन्निधी के सहयोग से तात्पर्य अर्थ का स्वीकार मानते हैं जबकि अन्विताभिधानवादी आकांक्षा योग्यता सन्निधी को नहीं मानते हैं अतः वहां के व्यंजना की अनिवार्यता रहती
बहुत सुंदर गुरु जी।👏👏
आप बहुत आच्छा पाढ़ाते हे.. प्रणाम स्वीकार करे🙏🙏 मे बेंगल से🙋♂️
प्रसन्न रहें
Sir रस दोष पर भी एक वीडियो बना दीजिएगा