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sanskrit sahitya evam sanskriti Dr. hariniwas
India
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वामन पुराण परिचय
वामन अवतार की कथा से युक्त इस पुराण का समावेश अष्टादश पुराण में होता है पुराण के सभी वर्णनो के साथ साथ इसमें एक विशेष कथा प्रहलाद एवं नारायण के युद्ध की भी आती है
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मार्कंडेय पुराण परिचय
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मार्कंडेय पुराण अष्टादश पुराण में महत्वपूर्ण पुराण है सुनिए मार्कंडेय ऋषि की कथा एवं मार्कंडेय पुराण का संपूर्ण परिचय
मत्स्य पुराण परिचय
Переглядів 181День тому
मत्स्य पुराण अत्यंत प्राचीन पुराणों में से एक है वैसे भी भगवान ने प्रथम अवतार मत्स्य के रूप में लिया था यह कथा तो सभी जानते हैं इस पुराण में पौराणिक विवेचनों के अतिरिक्त जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी विविध सीढ़ियां को प्राप्त करने के लिए बहुत सारे व्रत का विधान बताया गया है
वायु पुराण परिचय
Переглядів 153День тому
वायु पुराण सर्वाधिक प्राचीन पुराणों में से एक है भगवान शिव इसके मुख्य देव हैं लेकिन उसके साथ-साथ यहां विष्णु के अवतार और श्री कृष्ण का चरित्र भी मिलता है प्राचीन पुराण होने से इसकी कथाओं का ऐतिहासिक महत्व ही अत्यधिक है
विष्णु पुराण परिचय
Переглядів 19014 днів тому
वैष्णव पुराणों में सबसे महत्वपूर्ण एक पुराण है विष्णु पुराण महर्षि पराशर मैत्रेय मुनि को सृष्टि उसके प्रलय वंश वगैरह जो पुराण के लक्षण हैं उन सब के अनुसार यह पूरी कथा सुनाते हैं आप भी सुने विष्णु पुराण का परिचय
अग्नि पुराण परिचय
Переглядів 37314 днів тому
अग्नि पुराण को एक विश्व कोश का स्थान मिला है क्योंकि इसमें समाज संस्कृति और हमारी आवश्यकता से संबंधित साहित्य ज्योतिष सभी विषयों का इस प्रकार से समावेश हुआ है कि इसको एक विश्वकोश कहना संपूर्णत: सार्थक है
गरुण पुराण परिचय
Переглядів 20614 днів тому
गरुड़ पुराण एक सात्विक पुराण है इस पुराण में भगवान विष्णु अपने वाहन गरुड़ के प्रश्नों का उत्तर देते हैं और इन उत्तरों में संसार के सभी प्रकार के कर्मों के फल स्वर्ग नरक का वर्णन एवं व्यक्ति के जीवन में उर्ध्व गति किस प्रकार से आए वह किस प्रकार से मोक्ष तक की यात्रा पूर्ण कर सकता है इन सब बातों का बड़ा ही सुंदर उपदेश दिया गया है
भविष्यपुराण परिचय
Переглядів 31914 днів тому
अष्टादश पुराण में से भविष्य पुराण सात्विक पुराण है और यह सूर्य उपासना का पुराण है इसके प्रमु देव सूर्य हैं भविष्य पुराण का सामान्य परिचय यहां प्रस्तुत करता हूं
वराह पुराण परिचय
Переглядів 15621 день тому
18 पुराण हैं यह तो हम सभी जानते हैं लेकिन इन पुराणों का क्रम क्या है इसका कोई स्पष्ट उल्ले नहीं मिलता है इसलिए आज वराह पुराण का संक्षिप्त परिचय यहां प्रस्तुत करता हूं जिसमें भगवान वाराह पृथ्वी के संभाषण से यह कथानक प्रारंभ होता है और सभी पुराणों की तरह इसमें पुराण के पांच मुख्य तत्वों के अतिरिक्त अन्य अनेक बातों का समावेश हुआ है आनंद लें
पुराण परिचय प्रस्तावना
Переглядів 27621 день тому
भारतीय संस्कृति का मूल आधार ज्ञान है ज्ञान हमें प्राप्त होता है वेदों से वेदों का ज्ञान जो सबके लिए सहज समझना कठिन है ऐसे में सर्व सामान्य के लिए उसे ज्ञान की प्रति सरल बनाने हेतु हमारे यहां पुराणों की रचना हुई चलिए आज से हम प्रारंभ करते हैं एक नई ज्ञान परंपरा को
संहिता, संयोग, पद संज्ञा एवं कार्य लघु सिद्धांत कौमुदी
Переглядів 8521 день тому
संज्ञा प्रकरण में कुछ महत्वपूर्ण संख्याओं का यहां प्रस्तुतीकरण किया जा रहा है वाक्य रचना के लिए उनकी अनिवार्यता है
तुल्यास्यप्रयत्नं सवर्णम् लघु सिद्धांत कौमुदी
Переглядів 13328 днів тому
पाणिनी व्याकरण में यह सूत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है कारण की बहुत सारे व्याकरण के नियमों का मूल आधार यह सूत्र है जिससे हमें सवर्णों का ज्ञान होता है जो हमारी व्याकरण यात्रा को सरल बनता है
स्वर विवेचन लघु सिद्धांत कौमुदी
Переглядів 9028 днів тому
किसी भी भाषा में अक्षर निर्माण हेतु स्वर एवं व्यंजन का प्रयोग होता है विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृत भाषा के स्वर विधान के संदर्भ में यहां हम चर्चा करेंगे
लघु सिद्धांत कौमुदी संस्कृत व्याकरण
Переглядів 16828 днів тому
संस्कृत व्याकरण का प्रारंभ करते हैं यह है उसका पहला वीडियो जिसमें महेश्वर सूत्रों एवं उसके कार्यों की चर्चा की है
स्त्री रजोदर्शन से संबंधित सभी नियम पुरुषों के लिए हैं
Переглядів 1,2 тис.6 місяців тому
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मोकपोल प्रमाणपत्रपीठासीन अधिकारी रखें यह सावधानियां
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पीठासीन अधिकारी 17 ग (C) की प्रविष्टियां
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16 पॉइंट फॉर्म 16 महत्वपूर्ण प्रविष्टियां चुनाव 2024
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अति सुन्दर प्रस्तुतीकरण 🙏🙏 🙏🙏🙏🙏
Gurudev jab aapne Mahabharata sunnayi thi tab aapne bataya tha ki koi bhi kisi aur ki paapo se ose mukt nahi kara sakta lekin aaj aap hi kah rahe hai ki hum apne karmo se pitra mukti kara sakte hai kripya samjhaye Ye kaise sambhav hai ki Mahabharata or vaman puran alag alag baate kah rahe ho
दोनों बातें अपनी जगह अक्षरश: सत्य है महाभारत में जो बात कही गई है वह जीते जी किसी के कर्मों को कोई और नहीं भोग सकता या उसमें से कोई और मुक्ति नहीं दिलवा सकता है इसकी बात थी पितर तो अब इस संसार में जिंदा नहीं है इसलिए हम अपने श्रेष्ठ कर्मों से वह जिन लोक में है अगर वहां उन्हें कुछ दुख है तो उनमें से मुक्ति दिलवा सकते हैं
🙏🙏🙏प्रणाम गुरू जी ।
धन्यवाद, 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sir Mera ek question hein 1= kya hamare shastra mein foreign travel mana Kiya Gaya hein kuch log kehte hein ye manusmriti mein likha hein pls reply
Hare Krishna
गुरुजी सादर प्रणाम आपको। भी बहुत बहुत शुभकामनाएं 🎉🎉
Guru g valmiki ne bhi Vishnu g ka avtar hi bataya h Ram G ko....
ATI Sundar prastuti adbhut pranam Gurudev thanks
Wo Mantra kya tha gurudev kripya bataye jisi sunkar Mahadev parsna hue the
Namaste sir, sir if you can provide the knowledge of gotra and the various knowledge associated with the respective gotra .
🙏🙏🙏प्रणाम गुरू जी ।
गागर मे सागर भर दिया गुरुदेव। प्रणाम
Sir, what is the probable date of composition of Markandeya Puran?
Namaskar guruji 🙏
Hare Krishna
Hare Krishna
आपको दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ । सर, आगामी जनगणना के बारे में वीडियो बनाएँ, प्रगणक, सुपरवाईजर, टेक्निकल असिस्टेंट, आदि के कार्य दायित्व से संबंधित मैं 2011 की जनगणना में प्रगणक का कार्य सकुशल सम्पन्न किया था, इस बार डिजिटल जनगणना होने जा रही हैं बहुत इच्छुक हूँ जनगणना के लिए ।
Pranam Gurudev Sadar Charan sparsh aapko dipawali ki shubhkamnaen thanks Hukum
बंधु दिवाली की शुभ कामनाएं। आपसे एक प्रश्न है। क्या श्रीराम कार्तिक मास में अयोध्या लौटे थे। कृपया साक्ष्य सहित बताएं
जब आपने जवाब साक्ष्य के साथ मांगा है तो थोड़ा समय देना पड़ेगा मैं इस समय बाहर हूं अहमदाबाद पहुंचने के बाद आपके प्रश्न का उत्तर अवश्य देने का प्रयास करूंगा
બીજુ બધુ તો ઠીક પણ દેખાવ સુંદર છે તો એમાં કયુ મોટુ અચીવમેન્ટ છે????
જે વસ્તુ બધાની પાસે ના હોય જે કોમન નથી જે સ્પેશિયલ છે એનું કારણ પણ કંઈ સ્પેશિયલ હશે ને આટલું જ સમજવું પૂરતું છે નહીં તો બધા જ આ એચીવમેન્ટ ને મેળવી લે ને
Namaskar guruji 🙏
Happy dipawali sir
Dipawali ka din aapke jivan rupi Jyoti ko hamesha jagmagaye rakhe aisi shubhkamna karta hun
मैं तो कई बार मासिक धमॅ के दीनो में धामिॅक यात्रा पर जा चूकी हूँ और मंदिरो में भी प्रवेश किया है। क्योंकी हमे जहा जाना हो वहाँ की तारीख तो पहेले से ही तय हो चूकी होती है तो मेरे पिरियडस के कारण उसे बदल तो नहीं सकते। और यात्रा भी एसी एक राज्य से दूसरे राज्य में।और वह भी बस में।पर हाँ, मुझे सिफॅ शरूआत के दो दीनो में ही पेटददॅ और कमरददॅ जैसी तकलीफे रहती है। बाकी के दीनो में सब ठीक होता है। और शरूआत के दीनो में शारीरिक तकलीफ की हालत में भी मैं सब संभाल सकती हूँ। सारे काम कर सकती हूँ। बाकी मैने अपनी कुछ एसी कलासमेट को देखा है जिनकी उन दोनो में बहुत तबियत खराब हो जाती है। वह कलास में बैठ भी ना पाए एसी हालत में होती है।
अब आपके पास सुरक्षा के बहुत सारे उपाय भी आ गए हैं इसलिए आप उसे समय को बड़े ही सरलता से व्यतीत कर सकते हैं आप कल्पना कीजिए जब हमारे पास सिले हुए वस्त्र नहीं होते थे ऐसी स्थिति में रक्त स्राव अगर लगातार हो रहा हो तो उससे बचने का क्या उपाय हो सकता था इसलिए उसे समय इस प्रकार के नियम किए गए थे जिससे स्त्री को लोगों के बीच में असहज ना होना पड़े। समय के साथ बहुत कुछ बदल जाता है और अब जो साधन संसाधन हमारे पास है उसके अनुसार हमारी सोच में परिवर्तन आना अत्यंत अनिवार्य है वही आप में देखा जा रहा है इसमें मुझे कुछ भी गलत नहीं लगता है
Aap ko deeputsav ki hardik subahkaman guruji🙏🙏🙏
Jai shri ram🙏🙏🙏 Jai shri mahakaal 🙏🙏🙏🙏
Namaskar guruji 🙏❤️
Bahut sundar prastuti
"मेरे बच्चो को ज़रा भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए" आज के अधिकतर माता-पिता की यह सोच भविष्य में बच्चो की जिन्दगी बेहद मुशकिल बनाती है। वे जिन्दगी की कठीनाईओ का सामना करना सीख ही नहीं पाते। छोटी-छोटी कठिनाईयाँ उन्हे परेशान कर देती है। और शायद एसे व्यक्ति का अपने पर विश्वास भी कम है। यह मेरा खुद का अनुभव है। और आज के माता-पिता के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी यह है कि वह बच्चो की हाज़री में अपने आचरण का ध्यान रखे। बच्चे देखकर ही सीखते है।
एक या दो संतान ही होना इसका सबसे बड़ा कारण है क्योंकि कोई भी माता-पिता यह रिस्क नहीं ले सकता है कि उसके बच्चे को कुछ बुरा लग जाए और अगर वह कोई गलत कदम उठा ले तो उनके लिए कोई आधार नहीं रहता है यही सबसे बड़ा कारण है की माता-पिता बच्चो के प्रति अत्यधिक केयरफुल होते हैं
Guruji Puran parichay ka agla vedio kab ayega
Namste sir... Maine Mahabharata Ramayan aur abhi Kaam shashtra complete kiya... Abka bohot dhyanyawad
Sir pranam aap great ho sir aapke charno me sahsra pranam
अरे गुरु जी यह कथा तो हमने सुन ली है अब यह बताओ उसे शिकारी को सजा क्या मिली थी आगे सात जन्मों की क्या सजा मिली थी उसके बारे में बताओ,,,, जैसे कि मैं कोई गलती करता हूं और मुझे अगले जन्म में और सजा बहुत नहीं पड़ेगी,,, और उसे उसे शिकारी को क्या सजा मिली थी अगले जन्म में क्या वहां श्री राम जी थे यह वह कोई दूसरा व्यक्ति था जिसको सजा मिल रही थी क्या वह रावण था क्या था वह शिकारी
शिकारी को राम के द्वारा किसी सजा का यहां पर उल्लेख नहीं पाया जाता है यहां शाप में यह कहा गया है कि जो शिकारी होगा उसको जन्म-जन्म अंतर तक शांति नहीं मिलेगी वैसे तो यह नियम हर व्यक्ति के लिए लागू पड़ता है लेकिन जिसका स्वभाव शिकारी होगा उसको हमेशा भय बना रहने के कारण शांति नहीं मिलती है
Hare Krishna
Hare Krishna
Bahut sundar guruji 🙏❤️
Very nice guruji 🙏
क्यूंकि पर स्त्रीगमन एक महापातक है और रावण ने सीता जी से पहले कई बार ये काम किया है इसलिए रावण अच्छा तो बिलकुल भी नहीं था बल्कि अहम् और काम भावना से भरा हुआ बुरा ही था पर आज कल कलयुग में जो लोग और जिस तरह से कृत्य करते है वो बहुत निंदनीय है उसकी तुलना रावण से भी नहीं की जा सकती है
Sir - in the thumb nail it seems there is a mistake > it is mentioned as गरुण पुराण instead of गरुड पुराण
🙏🙏🙏🙏
Pranam Gurudev ATI Sundar prastutikaran yeah you kahe ki gagar mein Sagar Gurudev sut ko ved adhyayan ka Adhikar kyon nahin tha jabki vah Brahman man aur Kshatriya pita ki Santan hota tha ?
इनका वर्णसंकर माना जाता था इसलिए।
@Hariniwas Thanks Gurudev 🙏
Namaskar guruji 🙏
🙏
प्रणाम गुरुवर इसका अगला भाग भी पढाये (अग्निसूक्त 1.12)
❤❤❤
🙏🙏🙏प्रणाम गुरू जी ।
Kuch matsya puran ka content mahabharat me bhi aaya hai.
Good - Sir - i mostly view your videos - pl redesign your Thumbnails of your video - which suits your subject - put any images relating to Purana & then text also -the Text font may also pl be changed along with the thumbnail
हमारी एक प्रोफेसर ने हम से कहा था कि वह अपनी छोटी बहन जो हमारी जुनियर है उसे जहा लड़का-लड़कक डेटिंग के लिए एकत्र हुए हो वहा वह देखने ले जाती है ताकी वह देख सके और समझ सके कि डेटिंग पर लड़के कैसे किस तरह के बहानो से लड़कीओ को छूते है। और उन्होने यह भी कहा था कि वह लड़कीयाँ भी बेवकूफ होती है जो अपने प्रेमी पर अंधाविश्वास रखकर उसको अपने भद्दे फोटोज़ या विडियो या उन दोनो के नीजी क्षणो के विडीयो बनाने देती है या उसके कहने पर खुद अपनी एसी फोटो खिंचकर उसे भेजती है। हकीकत में तो उन्हे एसी भद्दी मांग को स्वीकार नहीं करना चाहिए। और भी उन्होने हमे एसी बहुत सी बाते कही थी।कि लड़को की घटिया कोमेन्ट का भी आपलोग एसा मुहँ तोड़ जवाब देना सिखीए कि वह फीर कुछ बोल ही न पाए। वह हम लोगो से उम्र में ज्यादा बडी नहीं थी। 5 -6 साल का ही अंतर था और उस दीन लगभग लड़कीयाँ ही थी कलास में इसिलिए एसी बाते खुलकर हुई थी।