चौधरी कृष्ण चंद्र दहिया जाट का इतिहास लिखने पर बहुत-बहुत बधाई और भाई धर्मेंद्र पत्रकार का भी आभार व्यक्त करता हूं आप जाट के इतिहास पर इसी प्रकार लिखते रहो
Pracheen ghar bhi vahi hai Dahiya jat ka ye rajput hi the kisi karan vas Bikaner (jangal pradesh) pahunch gye jahan inka virodh rathore rajput or Godara jato ki badolat haryana pahunche or jat bun gye vivah saadi unke beech hone lagi@@faisalkhan-kr9qf
@@faisalkhan-kr9qf मैं कह रहा हूं ना लगभग सारे जाट राजपूतों में से ही निकले हैं केवल जाट ही नहीं, लगभग सारी ओबीसी व एस सी जातियां भी मैं प्रुव कर दूंगा नहीं मानो तो आपकी मर्जी
*''AFGAN HINDUS AND SIKHS'' लेखक ''Inderjeet Singh''* *यह पुस्तक Amazon पर उपलब्ध है* - *इससे पता चलता है कि अफगानिस्तान मे तिलक नाम के सेनापति ने सुल्तान को जाटो द्वारा मरवा दिया था* - जाटो के साथ तिलक ने 5 लाख स्वर्ण मुद्रओ मे सुल्तान के सिर का सौदा किया। - जाटो ने सुल्तान और उसके बेटों को अफगानिस्तान मे मारकर उनके सिर, भाले पर रख कर तिलक को उपहार दिया और सुल्तान का बहुत सा सोना लूट लिया - चुन्कि जाटो ने पहले ही बहुत सा सोना लूट लिया था, इसलिए सुल्तान ने उन्हें स्वर्ण मुद्रा देने से मना कर दिया, पर अंत मे जाटो ने झगड़ कर सुलह समझौते द्वारा सुल्तान से 1 लाख स्वर्ण मुद्राये ले ली - मध्य एशिया के उज्बेकेसितान, अजरबैजान, तुर्किस्तान, ताजिकिस्तान और कजरिस्तान पर जाटो का राज्य था। - चुन्कि जाट मूर्ति पूजक थे, अतः उनका इस्लामी सेना से युद्ध होता रहता था - मध्य एशिया के जाटो का सबसे बड़ा शत्रु, तैमूरलंग था - तैमूर ने जाटो की राजधानी समरकंद के किले को घेर कर जाटो को मार डाला - तैमूर ने मध्य एशिया से मूर्ति पूजक जाटो का पूर्ण संहार करके उनका समूल नाश कर दिया - बल्ख, बाकू और काबुल के हिन्दू मंदिरो को इस्लामी आक्रन्ताओ ने नष्ट कर दिया - अफगानिस्तान मे मूर्ति पुजको ने इस्लामी सेनाओ पर कई वर्षो तक हमले किये और उन्हें मारते रहते - प्राचीन समय मे अफगनिस्तान मे हिन्दू मुस्लिम् दंगे बहुत होते थे - हिन्दू की बड़ी आबादी मध्य एशिया मे रहती थी, विशेष कर वर्तमान तजिकिस्तान मे - कुछ अल्प संख्यक हिन्दू तुर्की मे भी रहते थे - कंधार मे हिन्दुओ का अपना शहर था - ''खान'', पहले मध्य एशिया के हिन्दू और बौद्धो का सरनेम था, बाद मे जब अरबों ने आक्रमण किया तो ये लोग इस्लाम मे परिवर्तित हो गए, जिससे कि ''खान'', मुस्लिमो का सरनेम बन गया - ऐसे कुछ हिन्दू और बौद्ध राजा, अफगानिस्तान मे थे जिनका सरनेम ''खान'' था, उन्होंने इस्लाम के विरुद्ध युद्ध किया - मुल्तान, काबुल, ईरान का निशापुर, मध्य एशिया का बाकू और बल्ख और कंधार ये हिंदुओ के प्रमुख नगर थे - तुर्की की तरह ईरान मे भी अल्प संख्यक हिन्दू रहते थे, ईरान के निशा पुर मे - काबुल मे बहुत से बौद्ध, चीन के झिनझियानग, झेलम नदी के किनारे से, यूरोप से, उज्बेकितान से और ईराक से बस गए थे - अफगानिस्तान मे बाद मे रनजीत सिँह राजा बने - हिन्दू कुस पर्वत हिन्दुओ का कस(हत्या) इस्लामी आक्रन्ताओ द्वारा किया गया, जिससे हिन्दुओ की हत्या(कस) से यह हिन्सु कुस पर्वत कहलाया - अफगान शब्द पहले हिन्दुओ के लिए प्रयोग किया जाता था - मध्य एशिया से लोग भारत और भारत से मध्य एशिया आते जाते रहते थे घूम ने - *अफगानी सिक्ख लेखक, इन्दरजीत सिंह ने अफगानिस्तान के इतिहास पर बेहद रोचक पुस्तक लिखी है*
मैं भी जाट हूं, दहिया जी का उनके योगदान के लिए आभार लेकिन दहिया जी से आपकी इस 13 मिनट की बातचीत में एक भी ऐसा प्वाइंट नहीं है जो जाटों के, इनके द्वारा बताए गए, इतिहास से लिंक स्थापित कर सके।।
13सदी मैं जालोर किला दहियो नै गद्दारी कर तुड़वा diya chuhano का राज खत्म हुआ दहिया राजपूतों कै आज वहा 12गांव hai 1. दहिवा 2दुदवा 3मैगलवा 4 भुंडवा etc अलवर मै भी दहिया राजपूतों कै गांव ओर मूल निवासी हैं राजपूतो मै yai खैतियार है। Web search jalore ka itihas
Tau ka kehna sahi hai..Meri Study k hisab se bhi Jat, Southern Iran ki ek Tribe hai jo Balochistan hote hue Sindh, fir Punjab aur baki ilakon me faili..Sindh ki 7th Century ki History pe based Historical Document Chachnama me bhi Jaton ko Southern Iran, Balochistan aur Sindh me dikhaya gya hai..Arabi Muslmano k hamlo ka Jaton ne bht Bahaduri se Mukalbla kiya aur shuru me kyi baar unhe haraya tha...
@@HiddenHistoryofBharat chachnama mai,Jaat lavana, लिखा है Hindi mai जात लवाना जिनको आजकल सिंधी कहते हैं उनको सिंध में लवाना कहते हैं चचनामा इनके बारे में कह रहा है इनके जाती लवण
@@faisalkhan-kr9qf vo chohan konsi khap ke the hum bhi kabhi chohan the aaj jat hain kisi jamane me chohan ki 24khap hoti thi aaj keval naam reh gaya hai
@@faisalkhan-kr9qf lavan yani namak ka vayapar Banjara jati ka mukhay pesa tha isliye banjaro me lavana ek gottar bhi paya jata hai jab ek jagah niwash banakar kheti karne lag gye to jat kehlane lage jo mugalkal ki rajbhasha farsi ka alfaj hai farmers ke liye
Dharmendra ji agar ho sake to dahiya ji ke sath ek puri series karo. Bahut kam ki jankari hai. Ho sakta hai isase hamare samaj ki bahut bhalai ho. Aapka bahut bahut dhanyvad. Om prakash bagri fatehabad.
@@OhiSandhuyes reason is simple waha ke akramankari bahut aaye bharat m aur haryana ,punjab ,delhi par hi jyada attck karte the wo To waha ki ladies ko utha ke le jaya karte the 😢 Ye sab history h Aur yehi reason h unka dna tumse bahut mile h 😢😢
आदरणीय दहिया जी को नमस्ते और आपको भी नमस्कार। आदरणीय दहिया जी से पहली मुलाकात अन्ना हजारे के लोकपाल आन्दोलन के समय जन्तर-मन्तर धरने के समय ये रात को वहाॅं पर लगभग-लगभग दस का समय था उस समय हुई थी।
ये बात बहुत गलत है कि जाटों के अलावा कोई खाने के लिए पूछता या नही खिलाता है इन्होंने शायद और जातियों में जाकर नहीं देखा ।सभी अच्छे या सभी बुरे नहीं होते इनकी बात बहुत ही ज्ञान हीन है
I have read his book. Tau ji ne duniyabaur doosre kshetra dekhe hi nahi . Bas kuchh samay pehle ki do kitaabo ke claims par apni claims de di. His so called proof are jiust self delusional theoreticql claims , not proofs.
Tau ji 💯 correct hai Dna study also claim that's Jat's dna ( y haplogroup L -m11 ) are Iranic Neolithic farmers who split into two branches in 10000 BCE & migrated to Eastern side and 1st farmers who started wheat farming 🌾 near mehrgarh Bollen Pass Later shifted to Sapta Sindhu rigion & create Indus valley civilisation, IVC created by Dna Y haplogroup L -m11, L -m20 . & Jat's are Ancient republic Gana Sangha.
Jats did not created indus valley civilization But they were present to the west of indus valley i have also read about it that jats/zutts/ gatae were present in iran and west to indus in ancient timws and after that they migrated to differnt parts of world
Indus valley people were Black their skeleton 🦴 dna 🧬 test prooved thats jats are sycthian are Shakas came in I dia duria 1BCE TO 1AD from central asia
ये क्या दावा है कि आगंतुक का खाने का नाम सिर्फ जाट लेते है और कोई कम्युनिटी नहीं लेती। ये दावा बहुत ही भ्रामक है। भारत के किसी भी गांव में चले जाओ, कुछ अपवादों को छोड़कर गांव वाले आज भी बहुत आदर सत्कार करते हैं । जिस आदमी का इतना अल्प ज्ञान हो,वह कैसा इतिहास लिखेगा, अंदाजा लगा सकते हो।
🙏आदरणीय तथाकथित एंकर महोदय 🙏 कृपया अन्यथा न लें जी ऐसे प्रोग्राम देखकर क्या ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि -- शेष सभी जातियां धरती पर बोझ हैं, नहीं क्या🤔❓🤔 अरे सभी जातियों का अपना गौरवमय इतिहास है -- #नंदवंश और #मौर्यवंश को ही ले लीजिए 🤔❓🙏
मान्यवर जी जिस इंसान के अंदर इंसानियत है वह हर व्यक्ति जो बाहर से आया है उसे व्यक्ति को चाय पानी रोटी के बारे में जरूर पूछता है यह कोई व्यक्ति या जाति विशेष पहचान नहीं होती
Really heads off of you sir. Bhagwan se aapki deergh aayu ki kamna karte hue aapse anurodh karunga bharat k itihaas ancient par koi book do bharat k logo ko jo apne desh ki achaayi Or buraayiya samjha sake.
जाट एक महान vadic आर्य कॉम है अगर भारत में आर्यों का वास्तविक कोई प्रतिनिधि है अपने कर्मों से अपनी परंपराओं से अपनी रीति रिवाज से तो निसंदेह मैं एक yduvnashi होने के नाते कह सकता हूं कि वह जाट है
Jaat Arya nhi hote unka haplogroup alag h or bihar side ke gwale h ahir nhi real ahir sirf harayna rajasthan waale h jimme highest R1A1 Aryan gene paaya jaata h
जब एक गणित और विज्ञान का टीचर जब एक तथाकथित इतिहासकार बन जाता है तब ऐसी ही बातें सामने आती हैं कि जाटों के अलावा दुनिया में कोई और पहली बार मिले मेहमान को खाने को नहीं पूछता।हरियाणा के लोगों को बात करने तक की तमीज नहीं होती है और दुनिया को खाना पूछने की तहजीब सिखा रहे हैं।
Aankhen khol Dene wali baat hai aurat ki pardhangi very true but Dahiya Saab ki sound dabi hui hai aap inki large video banao Dharmendra Bhai ji salute to you both
राम राम किसी ने ये सोचा जाटो का इतिहास लिखना चाहिए जिज्ञासा जरुरी है लेकिन जो आप ने बताया जाट की उत्पति आप का जाटो के प्रति लगाव सराहनीय परन्तु हिंदुस्तान मे जाटो का आगमन चाहिए जो आप ने लिखा ये तो सम्पूर्ण मानव जाती का विकास ह
मध्य प्रदेश से लेकर ईरान तक एक ही भाषा थी जिसे जाटकी भाषा कहते हेनर थे जिसे आज के दिन महाजनी लिपि भी कहते है लेकिन जाटों ने स्माइ के साथ खुद को कई धर्मो और क्षेत्रों के आधार पर बांट लिया
Jat nasal Bharat me Europe se ai thhee. Aur kai pachhmi desho me jat nasal rehti hai .Punjab me jat sikh ban gaye aur haryana,up,mp me hindu , Pakistan me muslim ban gaye.
जैसे माहार और मराठा एक है वैसेही जाटव और जाट एक है । जैसे माहारो मे जो पहलवान लोग थे उन्हे माहारठ्ठे बोला जाता था और बादमे माहारठ्ठे का मराठा हुवा और मराठा यह शब्द बादमे समुह के रूप किया गया वैसेही जाटव मे जो पहलवान थे जाट्टे कहलाया जाता था और बादमे जाट्टे का जाट हुवा है और जाट यह शब्द भी समुह रूप मे लिया गया। माहार और जाटव एक पद था उसका काम सुरक्षा करना-देना , सबकी जानकारी रखना, प्रशासन करने मे सहयोग देना, न्यायनिवाडा मे मजबुत साक्ष देना-समजना ऐसे अन्य काम थे। बादमे मराठे और जाट अलग अलग समजने के कारण मराठा और जाट का एक स्वतंत्र अस्थित्व हो गया और जो आज भी है । मराठा और जाट का मुख्य काम शेती है। बादमे मराठा और जाट से ही अन्य जातिया हुवी जैसे मराठी मे माळी, कुणबी और इन जैसे अन्य और हिंदी मे माली, कुर्मी और इन जैसे अन्य । अगर स्वतंत्र दिमाग से वास्तविक इतिहास जानोगे तो समझ मे आयेगा। यह सभी लोग इस देश के प्रतिष्ठित निवासी है जो अब दूसरों के याने दिखावटी, ठगी करके षडयंत्र करने वालों के कारण जाती से जाने जाते है शुद्र। षडयंत्रकारीयोने शुद्र का जलन और षडयंत्र के कारण अर्थ और संबोधन बताया निम्मस्तरीय लोग। और इन्होंने इनके ही नजर से अपने आप को समझने लगे- समझने लगते । अगर स्वयं के नजर से स्वयं के बारे मे सोचते और उसके बाद समझते- समझने लगेंगे तो वो होगे सर्वोच्च, सर्वोशुद्ध, सर्वश्रेष्ठ। "बामण"-"माहार-मराठा"-"जाटव-जाट" टिप: इसमे बामण याने ब्राम्हण धर्मिय नही है तो नाग राजाओंके और बुद्धधम्म के वक्त और उसके बाद भी प्रशासकीय पद पर जो बुद्धीमान, सच्चे, न्यायी लोग रहते थे और उसे माहार-मराठा और जाटव-जाट के सलाह पर सबसे उँचे पद पर पदस्थ किया जाता था वो बामण है।
Oh gyani manas Jatav shabd ka sarvpratham istemal chaudhary charan Singh ne kiya tha Uss te pahle Jatav ko chamar chuhad chamra khte the Charan Singh Mahatma Gandhi or Raja Ram Mohan Roy jaise logo ki vajha se Chamar community ko uperr aane ka mauka mila ... Bhakti yug me sant kabir Nanak Meera bai jaise secdo santo ne brhamnvad ki dhoti khol ke rakh di or Mughal kal m fir british kal m chuachut par jabardast dand diye gaye tab jakar kuch sudhar huye warna Hindu dharm ko brhamno ne chutiya dharm bna rakha tha or 2016 k bad se fir vahi chutiyappa shuru ho gya h Pakhndi andhvishwasi bdh rahe h aise m hme Aachary Prashant jaise dharm guruon k pas Jana hoga warna Pakhndi apna katora hmare hath m thamane ko bechen baithe h
Tau ji aisi baat ni h k only jaat hi khane ki puchhte h ye hamari culture h ki hm koi bhi aata h unko chai pani or khane ki puchhte h baki aapki research k liye aapko badhai ho k aapne apni koum ka itihas pta liya
Tau ka kehna sahi hai..Meri Study k hisab se bhi Jat, Southern Iran ki ek Tribe hai jo Balochistan hote hue Sindh, fir Punjab aur baki ilakon me faili..Sindh ki 7th Century ki History pe based Historical Document Chachnama me bhi Jaton ko Southern Iran, Balochistan aur Sindh me dikhaya gya hai..Arabi Muslmano k hamlo ka Jaton ne bht Bahaduri se Mukalbla kiya aur shuru me kyi baar unhe haraya tha...
चौधरी कृष्ण चंद्र दहिया जाट का इतिहास लिखने पर बहुत-बहुत बधाई और भाई धर्मेंद्र पत्रकार का भी आभार व्यक्त करता हूं आप जाट के इतिहास पर इसी प्रकार लिखते रहो
Jalore mai dahiya rajputo kai 12गांव hai
Pracheen ghar bhi vahi hai Dahiya jat ka ye rajput hi the kisi karan vas Bikaner (jangal pradesh) pahunch gye jahan inka virodh rathore rajput or Godara jato ki badolat haryana pahunche or jat bun gye vivah saadi unke beech hone lagi@@faisalkhan-kr9qf
@@faisalkhan-kr9qf मैं कह रहा हूं ना लगभग सारे जाट राजपूतों में से ही निकले हैं केवल जाट ही नहीं, लगभग सारी ओबीसी व एस सी जातियां भी मैं प्रुव कर दूंगा नहीं मानो तो आपकी मर्जी
@@VijaySingh-ol7nnkshatriyo ko to parshuram ne uda Diya tha na
😂 Why is here castism?@@VijaySingh-ol7nn
जाट इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए आप दोनो का बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद.
very good informations by Dahiya Sahib about Jaat Community. Thanks a lot. Jai ho
*''AFGAN HINDUS AND SIKHS'' लेखक ''Inderjeet Singh''* *यह पुस्तक Amazon पर उपलब्ध है*
- *इससे पता चलता है कि अफगानिस्तान मे तिलक नाम के सेनापति ने सुल्तान को जाटो द्वारा मरवा दिया था*
- जाटो के साथ तिलक ने 5 लाख स्वर्ण मुद्रओ मे सुल्तान के सिर का सौदा किया।
- जाटो ने सुल्तान और उसके बेटों को अफगानिस्तान मे मारकर उनके सिर, भाले पर रख कर तिलक को उपहार दिया और सुल्तान का बहुत सा सोना लूट लिया
- चुन्कि जाटो ने पहले ही बहुत सा सोना लूट लिया था, इसलिए सुल्तान ने उन्हें स्वर्ण मुद्रा देने से मना कर दिया, पर अंत मे जाटो ने झगड़ कर सुलह समझौते द्वारा सुल्तान से 1 लाख स्वर्ण मुद्राये ले ली
- मध्य एशिया के उज्बेकेसितान, अजरबैजान, तुर्किस्तान, ताजिकिस्तान और कजरिस्तान पर जाटो का राज्य था।
- चुन्कि जाट मूर्ति पूजक थे, अतः उनका इस्लामी सेना से युद्ध होता रहता था
- मध्य एशिया के जाटो का सबसे बड़ा शत्रु, तैमूरलंग था
- तैमूर ने जाटो की राजधानी समरकंद के किले को घेर कर जाटो को मार डाला
- तैमूर ने मध्य एशिया से मूर्ति पूजक जाटो का पूर्ण संहार करके उनका समूल नाश कर दिया
- बल्ख, बाकू और काबुल के हिन्दू मंदिरो को इस्लामी आक्रन्ताओ ने नष्ट कर दिया
- अफगानिस्तान मे मूर्ति पुजको ने इस्लामी सेनाओ पर कई वर्षो तक हमले किये और उन्हें मारते रहते
- प्राचीन समय मे अफगनिस्तान मे हिन्दू मुस्लिम् दंगे बहुत होते थे
- हिन्दू की बड़ी आबादी मध्य एशिया मे रहती थी, विशेष कर वर्तमान तजिकिस्तान मे
- कुछ अल्प संख्यक हिन्दू तुर्की मे भी रहते थे
- कंधार मे हिन्दुओ का अपना शहर था
- ''खान'', पहले मध्य एशिया के हिन्दू और बौद्धो का सरनेम था, बाद मे जब अरबों ने आक्रमण किया तो ये लोग इस्लाम मे परिवर्तित हो गए, जिससे कि ''खान'', मुस्लिमो का सरनेम बन गया
- ऐसे कुछ हिन्दू और बौद्ध राजा, अफगानिस्तान मे थे जिनका सरनेम ''खान'' था, उन्होंने इस्लाम के विरुद्ध युद्ध किया
- मुल्तान, काबुल, ईरान का निशापुर, मध्य एशिया का बाकू और बल्ख और कंधार ये हिंदुओ के प्रमुख नगर थे
- तुर्की की तरह ईरान मे भी अल्प संख्यक हिन्दू रहते थे, ईरान के निशा पुर मे
- काबुल मे बहुत से बौद्ध, चीन के झिनझियानग, झेलम नदी के किनारे से, यूरोप से, उज्बेकितान से और ईराक से बस गए थे
- अफगानिस्तान मे बाद मे रनजीत सिँह राजा बने
- हिन्दू कुस पर्वत हिन्दुओ का कस(हत्या) इस्लामी आक्रन्ताओ द्वारा किया गया, जिससे हिन्दुओ की हत्या(कस) से यह हिन्सु कुस पर्वत कहलाया
- अफगान शब्द पहले हिन्दुओ के लिए प्रयोग किया जाता था
- मध्य एशिया से लोग भारत और भारत से मध्य एशिया आते जाते रहते थे घूम ने
- *अफगानी सिक्ख लेखक, इन्दरजीत सिंह ने अफगानिस्तान के इतिहास पर बेहद रोचक पुस्तक लिखी है*
दहिया साहब धन्यवाद जी आपने बहुत अच्छा काम किया ये काम आपने गौरवशाली इतिहास को लिखकर जाटों की उत्पत्ति की जानकारी दी है उसके लिए धन्यवाद जी धन्यवाद
भाई साहब मैं भी ताऊ जी फ़ेसबुक फ्रेंड लिस्ट में हु पिछले 4,5 साल से🙏🙏
मैं भी जाट हूं, दहिया जी का उनके योगदान के लिए आभार लेकिन दहिया जी से आपकी इस 13 मिनट की बातचीत में एक भी ऐसा प्वाइंट नहीं है जो जाटों के, इनके द्वारा बताए गए, इतिहास से लिंक स्थापित कर सके।।
13सदी मैं जालोर किला दहियो नै गद्दारी
कर तुड़वा diya chuhano का राज खत्म हुआ दहिया राजपूतों कै आज वहा
12गांव hai 1. दहिवा 2दुदवा 3मैगलवा
4 भुंडवा etc अलवर मै भी दहिया राजपूतों कै गांव ओर मूल निवासी हैं
राजपूतो मै yai खैतियार है।
Web search jalore ka itihas
Tau ka kehna sahi hai..Meri Study k hisab se bhi Jat, Southern Iran ki ek Tribe hai jo Balochistan hote hue Sindh, fir Punjab aur baki ilakon me faili..Sindh ki 7th Century ki History pe based Historical Document Chachnama me bhi Jaton ko Southern Iran, Balochistan aur Sindh me dikhaya gya hai..Arabi Muslmano k hamlo ka Jaton ne bht Bahaduri se Mukalbla kiya aur shuru me kyi baar unhe haraya tha...
@@HiddenHistoryofBharat chachnama mai,Jaat lavana, लिखा है
Hindi mai जात लवाना जिनको आजकल सिंधी कहते हैं उनको सिंध में लवाना कहते हैं
चचनामा इनके बारे में कह रहा है इनके जाती लवण
@@faisalkhan-kr9qf vo chohan konsi khap ke the hum bhi kabhi chohan the aaj jat hain kisi jamane me chohan ki 24khap hoti thi aaj keval naam reh gaya hai
@@faisalkhan-kr9qf lavan yani namak ka vayapar Banjara jati ka mukhay pesa tha isliye banjaro me lavana ek gottar bhi paya jata hai jab ek jagah niwash banakar kheti karne lag gye to jat kehlane lage jo mugalkal ki rajbhasha farsi ka alfaj hai farmers ke liye
Great research with proof.....
Kudos to both of you
Dharmendra ji agar ho sake to dahiya ji ke sath ek puri series karo. Bahut kam ki jankari hai. Ho sakta hai isase hamare samaj ki bahut bhalai ho. Aapka bahut bahut dhanyvad.
Om prakash bagri fatehabad.
Regards to both! jats are watts!!! Excellent job done by our elders that will help us...
Irani ppl share dna with jats
@@OhiSandhuyes reason is simple waha ke akramankari bahut aaye bharat m aur haryana ,punjab ,delhi par hi jyada attck karte the wo
To waha ki ladies ko utha ke le jaya karte the 😢
Ye sab history h
Aur yehi reason h unka dna tumse bahut mile h 😢😢
@@aaryameena mne kuch or suna tha
@@aaryameenafir toh aap mai bhi hoga ?
❤ ❤❤welcome
बहुत बढ़िया काम दहिया साहब
आदरणीय दहिया जी को नमस्ते और आपको भी नमस्कार। आदरणीय दहिया जी से पहली मुलाकात अन्ना हजारे के लोकपाल आन्दोलन के समय जन्तर-मन्तर धरने के समय ये रात को वहाॅं पर लगभग-लगभग दस का समय था उस समय हुई थी।
ये बात बहुत गलत है कि जाटों के अलावा कोई खाने के लिए पूछता या नही खिलाता है इन्होंने शायद और जातियों में जाकर नहीं देखा ।सभी अच्छे या सभी बुरे नहीं होते इनकी बात बहुत ही ज्ञान हीन है
🙏आदरणीय आप जी ने एकदम मर्म की बात कही है l जाति विशेष का नाम नहीं लूंगा वह जाति जहां भी जाती है कभी भूखी नहीं मरती परंतु वह जाट नहीं है🙏l
@@mohinderaastropal1240 right sir ji🙏
पहले तो सभी करते थे
अब धीरे धीरे शायद बहुत कम हो रहा है
हम जाटों में भी तो अब कम हो रहा है
I have read his book. Tau ji ne duniyabaur doosre kshetra dekhe hi nahi . Bas kuchh samay pehle ki do kitaabo ke claims par apni claims de di. His so called proof are jiust self delusional theoreticql claims , not proofs.
,,, 😂😂😂,,
Jatts are related to farming. That's it. All farmers in the world are admirable.
बहुत बहुत शुभकामनाएं। बहुत ही अदभुत कार्य
juth likha hai isne asli itihas isko pata nhi nhi hoga jato ka
जाट बलवान,जय भगवान ❤
Balwani k chalte bhi desh kitni baar gulam hua, nara lagate sharam nahi aati?
Tau ji 💯 correct hai Dna study also claim that's Jat's dna ( y haplogroup L -m11 ) are Iranic Neolithic farmers who split into two branches in 10000 BCE & migrated to Eastern side and 1st farmers who started wheat farming 🌾 near mehrgarh Bollen Pass Later shifted to Sapta Sindhu rigion & create Indus valley civilisation, IVC created by Dna Y haplogroup L -m11, L -m20 . & Jat's are Ancient republic Gana Sangha.
Thank you
Jats did not created indus valley civilization
But they were present to the west of indus valley i have also read about it that jats/zutts/ gatae were present in iran and west to indus in ancient timws and after that they migrated to differnt parts of world
What about their presence in arab
Indus valley people were Black their skeleton 🦴 dna 🧬 test prooved thats jats are sycthian are Shakas came in I dia duria 1BCE TO 1AD from central asia
ये क्या दावा है कि आगंतुक का खाने का नाम सिर्फ जाट लेते है और कोई कम्युनिटी नहीं लेती। ये दावा बहुत ही भ्रामक है। भारत के किसी भी गांव में चले जाओ, कुछ अपवादों को छोड़कर गांव वाले आज भी बहुत आदर सत्कार करते हैं ।
जिस आदमी का इतना अल्प ज्ञान हो,वह कैसा इतिहास लिखेगा, अंदाजा लगा सकते हो।
जाट कोन है?
Ans- जाट इंसान है।
Just Animal Type bhi apne aap hi kehte hain
Aise bujurg or vidwan vyaktiyon ko Apne Desh mein dekhkar bahut achcha lagta hai ❤
Thanks Tau ji for telling our history 🙏 🙌 ❤️
🙏आदरणीय भारत में जो रहता है वह पहले भारतीय है -- बाद में कुछ और🙏ll
भाई साहब आप ने बहुत अच्छा कार्य किया है आप को धन्यवाद आप लिखते रहे
Dhanyawaad bhai sahb😊❤
🙏आदरणीय तथाकथित एंकर महोदय 🙏 कृपया अन्यथा न लें जी ऐसे प्रोग्राम देखकर क्या ऐसा प्रतीत नहीं होता है कि -- शेष सभी जातियां धरती पर बोझ हैं, नहीं क्या🤔❓🤔 अरे सभी जातियों का अपना गौरवमय इतिहास है -- #नंदवंश और #मौर्यवंश को ही ले लीजिए 🤔❓🙏
really wanted to meet tau ji 💚
Insan se badi jat nahi manavta se bada dharm nahi ahankar se bada satroo nahi agar ye sach ho to like kare❤❤❤❤❤❤
Nice and great reasurch sir. Salute to your endeavors.
मान्यवर जी जिस इंसान के अंदर इंसानियत है वह हर व्यक्ति जो बाहर से आया है उसे व्यक्ति को चाय पानी रोटी के बारे में जरूर पूछता है यह कोई व्यक्ति या जाति विशेष पहचान नहीं होती
आप को बधाई हो 🙏🌺
book kahq se mile gi @ Haribhoomi TV
भाई जी बढ़ियासर जाट गोत्र को भी जाटों के इस इतिहास में शामिल कर लेना[धन्यवाद] जी
हर किसी को अपने इतिहास को इतने ही seriously खोजना चाहिए |
Jai matadi Jai Vashudev Jai hind ji 🙏
Bhupinder ji how i can get these books bhai ji
Really heads off of you sir. Bhagwan se aapki deergh aayu ki kamna karte hue aapse anurodh karunga bharat k itihaas ancient par koi book do bharat k logo ko jo apne desh ki achaayi Or buraayiya samjha sake.
Appreciate
भाई साहब ताऊ जी राम राम इतनी अच्छी बातें करी
ये पुस्तक काहा मिलेगी बताना जी
Jai jaat samaj jai jaat jai jaatni jai haryana jai hindustan
I salute you tau ji.
Bhot bhot dhanyawad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 humare knowledge badane ke liye
Badhiya jankari Di bhai m ak jatni hu or ghar ke sare kam m hi krti hu aadmi sirf kamata h
Sab yahi to karte h isme anokha kya hai😂
Nice 👍
जाट एक महान vadic आर्य कॉम है अगर भारत में आर्यों का वास्तविक कोई प्रतिनिधि है अपने कर्मों से अपनी परंपराओं से अपनी रीति रिवाज से तो निसंदेह मैं एक yduvnashi होने के नाते कह सकता हूं कि वह जाट है
@stboys1932 तुम अछूत हो क्या
आर्यों का काम क्या है ?
@stboys1932 जंगली
@stboys1932 यानी अफ्रीकन नीग्रो
Jaat Arya nhi hote unka haplogroup alag h or bihar side ke gwale h ahir nhi real ahir sirf harayna rajasthan waale h jimme highest R1A1 Aryan gene paaya jaata h
Bhaiyo
Kitaabe kharide inki jyada se jyada aur padhe
Bht hi achi jaankari ❤
जब एक गणित और विज्ञान का टीचर जब एक तथाकथित इतिहासकार बन जाता है तब ऐसी ही बातें सामने आती हैं कि जाटों के अलावा दुनिया में कोई और पहली बार मिले मेहमान को खाने को नहीं पूछता।हरियाणा के लोगों को बात करने तक की तमीज नहीं होती है और दुनिया को खाना पूछने की तहजीब सिखा रहे हैं।
😂😂😂 sahi kaha
Bhai haryana Punjab Rajsthan walo ka man samman tune abhi dekha nahi h Teri galti ye h ki tu abhi tak bss nakliyo m hi baitha h
chori k loggg kde apne fufaa k ghra ja k dekha h ?
बहुत बहुत आभार
बहुत ही बढ़िया
रोड़ थे यहा इस खरखौदा गांव मे खरगंड गोत्र के जिनके नाम पर इस गांव का नाम रखा गया। और इस गांव का खेडा भी रोड़ो ने ही रखा था।
Yes you are very right ji 🙏
आपने जो बुक लिखी है उनके नाम क्या है मुझे यह बुक लेनी है कृपया करके बुक का नाम बताएं और यह कहां पर उपलब्ध होगी इसको खरीदने का क्या जरिया है
Samaj ke aise logo ko international jat sansad me kyon nahi invite karte. Politicians ko invite karte rahte hain..
Aankhen khol Dene wali baat hai aurat ki pardhangi very true but Dahiya Saab ki sound dabi hui hai aap inki large video banao Dharmendra Bhai ji salute to you both
These books are avilable where???
🎉❤❤❤❤❤❤🎉 ताऊ जी धन्यवाद 🎉🎉🎉
Bht bht badhai
आर्य जाटों का मुख्य काम खेती बाड़ी और पहुपालन ही था और राजा महाराजा भी इन्ही आर्य जाटों के ही थे बाकी इन्ही से कई जातियां का निकासी हुई है
भाई यहां दस हजार साल पहले की बात हो रही है,उसमे आप आर्य घुसेड़ रहे हो,जोकि सौ साल के आसपास की है,इसकी बात नही
@@anandprakashyh3229 😂😂🤣🤣🤣🤣
@@anandprakashyh3229 आर्य 100 से पहले कहा थे 😂😂🤣🤣
@@anandprakashyh3229 jat hi तो सुध आर्य नसल आज के दिन बेवकूफ
@@anandprakashyh3229 तुम 10 हजार साल पहले की बात कर रहा ह मैं तो उससे भी पहले की बात कर रहा हु भाई
Good Tau ji
राम राम
किसी ने ये सोचा जाटो का इतिहास लिखना चाहिए जिज्ञासा जरुरी है लेकिन जो आप ने बताया जाट की उत्पति आप का जाटो के प्रति लगाव सराहनीय परन्तु हिंदुस्तान मे जाटो का आगमन चाहिए
जो आप ने लिखा ये तो सम्पूर्ण मानव जाती का विकास ह
साउंड क्वालिटी बहुत खराब है। जाटों के बारे में विस्तृत तो छोड़ो कोई बेसिक इन्फॉर्मेशन भी नहीं मिल पाई इस विडियो में।
Bhut bdiya sir
Bahut achi jaankari btayi Dahiya shab ji 🌾💥
Dharmendra Bhai - I want to purchase these all 4 books How can I purchase these ?
Very nice job DK ji, hope you vl produce some more videos on this topic 👌👍
Gud work ✌🚩
bahut badhiya
ताऊ जी आप गजब हो ।🙏
मध्य प्रदेश से लेकर ईरान तक एक ही भाषा थी जिसे जाटकी भाषा कहते हेनर थे जिसे आज के दिन महाजनी लिपि भी कहते है लेकिन जाटों ने स्माइ के साथ खुद को कई धर्मो और क्षेत्रों के आधार पर बांट लिया
True
🤣🤣🤣🤣whatsApp wala gyani
@@sumitrajput5045 acha mujhe to Aaj hi pta chala tere bare me tabhi to kahta hu WhatsApp University or Google University ko mat padho farji hai😆🤣🤣🤣🤣
Hemmer😂😂😂😂😂
Hat's off to you sir ❤
Hare Krishna ji 🙏
Jutt goth tind wal video banao
Veer jee please
Books ki details and purchase details bhi dal do
How can I get your books ,sir Dahiya ji
Bhai muslim rajput ho kya
Tau or Dharmaher Bhai dono ko Ram Ram, Mahavir Maanju (Dainik Bhaskar)
Great initiative 👏 👍
Jat nasal Bharat me Europe se ai thhee. Aur kai pachhmi desho me jat nasal rehti hai .Punjab me jat sikh ban gaye aur haryana,up,mp me hindu , Pakistan me muslim ban gaye.
ऐसे बुगुर्जों को सम्मानित किया जाना चहिए। उनके द्वारा लिखी गयी किताबें सबको पढ़नी चहिए और इनसे युवाओं को प्रेरित होना चहिए।
Bhaut khoob sir ji ....
Very very nice 👌👍👍
Iran se lekar thailand combodia tak hindustan hi tha or jaat hmesha se hi kattar hindu raha h
Jaat kbhi hindu the hi nhi
Jaat ek tribe hi hai
इंटरव्यू के दौरान दूसरे कमरे में बैठे लोगों की आवाज भी सुनाई दे रही है आगे की वीडियो में इससे बचने का प्रयास करें धन्यवाद
Namaste Sir..mujhe 1 book milegi
सर ये किताबे कँहा मिल सकती है और कीमत भी बताये
ताऊ जी की किताब कहा से मिलेंगी भाई क्या आप बता सकते हो ?
जैसे माहार और मराठा एक है वैसेही जाटव और जाट एक है । जैसे माहारो मे जो पहलवान लोग थे उन्हे माहारठ्ठे बोला जाता था और बादमे माहारठ्ठे का मराठा हुवा और मराठा यह शब्द बादमे समुह के रूप किया गया वैसेही जाटव मे जो पहलवान थे जाट्टे कहलाया जाता था और बादमे जाट्टे का जाट हुवा है और जाट यह शब्द भी समुह रूप मे लिया गया। माहार और जाटव एक पद था उसका काम सुरक्षा करना-देना , सबकी जानकारी रखना, प्रशासन करने मे सहयोग देना, न्यायनिवाडा मे मजबुत साक्ष देना-समजना ऐसे अन्य काम थे। बादमे मराठे और जाट अलग अलग समजने के कारण मराठा और जाट का एक स्वतंत्र अस्थित्व हो गया और जो आज भी है । मराठा और जाट का मुख्य काम शेती है। बादमे मराठा और जाट से ही अन्य जातिया हुवी जैसे मराठी मे माळी, कुणबी और इन जैसे अन्य और हिंदी मे माली, कुर्मी और इन जैसे अन्य । अगर स्वतंत्र दिमाग से वास्तविक इतिहास जानोगे तो समझ मे आयेगा। यह सभी लोग इस देश के प्रतिष्ठित निवासी है जो अब दूसरों के याने दिखावटी, ठगी करके षडयंत्र करने वालों के कारण जाती से जाने जाते है शुद्र। षडयंत्रकारीयोने शुद्र का जलन और षडयंत्र के कारण अर्थ और संबोधन बताया निम्मस्तरीय लोग। और इन्होंने इनके ही नजर से अपने आप को समझने लगे- समझने लगते । अगर स्वयं के नजर से स्वयं के बारे मे सोचते और उसके बाद समझते- समझने लगेंगे तो वो होगे सर्वोच्च, सर्वोशुद्ध, सर्वश्रेष्ठ।
"बामण"-"माहार-मराठा"-"जाटव-जाट"
टिप: इसमे बामण याने ब्राम्हण धर्मिय नही है तो नाग राजाओंके और बुद्धधम्म के वक्त और उसके बाद भी प्रशासकीय पद पर जो बुद्धीमान, सच्चे, न्यायी लोग रहते थे और उसे माहार-मराठा और जाटव-जाट के सलाह पर सबसे उँचे पद पर पदस्थ किया जाता था वो बामण है।
Oh gyani manas Jatav shabd ka sarvpratham istemal chaudhary charan Singh ne kiya tha Uss te pahle Jatav ko chamar chuhad chamra khte the Charan Singh Mahatma Gandhi or Raja Ram Mohan Roy jaise logo ki vajha se Chamar community ko uperr aane ka mauka mila ... Bhakti yug me sant kabir Nanak Meera bai jaise secdo santo ne brhamnvad ki dhoti khol ke rakh di or Mughal kal m fir british kal m chuachut par jabardast dand diye gaye tab jakar kuch sudhar huye warna Hindu dharm ko brhamno ne chutiya dharm bna rakha tha or 2016 k bad se fir vahi chutiyappa shuru ho gya h Pakhndi andhvishwasi bdh rahe h aise m hme Aachary Prashant jaise dharm guruon k pas Jana hoga warna Pakhndi apna katora hmare hath m thamane ko bechen baithe h
Wah
Sir ji background shor bahut hai .
Aage se dyan de .very important information every word is important.also try for a long interview
Jai Jat ki Balbir Singh Virk from canada
Good job 🎉
Baba farid ki vaani par vichar kar lo jo hai ( kikar bije jatt wali ) bahut had tak pata chal jayega aapko
Great job Sir
Tau ji aisi baat ni h k only jaat hi khane ki puchhte h ye hamari culture h ki hm koi bhi aata h unko chai pani or khane ki puchhte h baki aapki research k liye aapko badhai ho k aapne apni koum ka itihas pta liya
ये भ्रम फैला रहे हैं।
यूपी बिहार कहीं भी आ जाइए किसी भी जाति में मेहमानों का बहुत आदर होता है, बहुत ज्यादा।
Where can i get these books
Books name???
book kaha se mile gi sir
Tau ka kehna sahi hai..Meri Study k hisab se bhi Jat, Southern Iran ki ek Tribe hai jo Balochistan hote hue Sindh, fir Punjab aur baki ilakon me faili..Sindh ki 7th Century ki History pe based Historical Document Chachnama me bhi Jaton ko Southern Iran, Balochistan aur Sindh me dikhaya gya hai..Arabi Muslmano k hamlo ka Jaton ne bht Bahaduri se Mukalbla kiya aur shuru me kyi baar unhe haraya tha...
Thanks baba ji.
Thik hai bhai maan lete hain aapki baat.
Dharminder ji.. Keep it up..slute to you...for sharing knowledge on various topics...not only Political issues...
मुझे यह पांचों पुस्तकें चाहिए?
Bhut badiya bhai ji
Good initiative
We are proud of our forefathers !