प्रिय पाठकगणों से निवदेन है कि सन्त रामपाल जी महाराज जी की इस अनमोल कल्याणकारी विचारधारा से जुड़ने के लिए आज ही बिना समय गवाएँ सन्त रामपाल जी महाराज जी जुड़े।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों।संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा। सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य विश्व में प्रेम व शांति स्थापित करना व कुरीतियों, पाखंडवाद, नशा, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करके सबको एक परमात्मा की भक्ति करवाकर सुखी बनाना और पूर्ण मोक्ष देना है।
कबीर, राम नाम से खिज मरैं, कुष्टि हो गल जाय। शुकर होकर जन्म ले, नाक डूबता खाय।। कबीर जी ने कहा है कि अभिमानी व्यक्ति राम नाम की चर्चा से खिज जाता है। फिर कोढ़ लगकर गलकर मर जाता है। अगला जन्म सूअर का प्राप्त करके गंद खाता है।
Maghar. Jagatguru bakhaber tatvdarshi sant Rampal ji maharaj ji is supreme god kabir saheb ji ki sanidhya main vishal bhandara and dahej mukt shadiya . sat saheb ji .
संत गरीबदास जी को कबीर परमेश्वर 10 वर्ष की आयु में सन् 1727 फाल्गुन सुदी द्वादशी को नला नामक खेत में जिंदा बाबा के रूप में मिले उन्हें सतलोक दिखाया और नाम दीक्षा दी।
कबीर परमेश्वर की प्यारी आत्मा गरीबदासजी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 2, 3 व 4 मार्च 2023 को देश के 10 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देशी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम चल रहे हैं। आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
कबीर, यह मन मलीन हैं, धोये ना छूटे रंग I कै छूटे हरि भक्ति से, कै साधु सत्संग llकबीर राज तजना सहज है सहज त्रिया का नेहा मान बड़ाई ईर्ष्या दुर्लभ तजना ए सत् साहेब जी
आज से 600 वर्ष पहले कबीर परमेश्वर जी से उपदेश लेकर लाखों लोगों ने सतभक्ति की थी और उस भक्ति के करने से जो आश्चर्यजनक लाभ कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं।
कबीर परमेश्वर की प्यारी आत्मा गरीबदासजी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 2, 3 व 4 मार्च 2023 को देश के 10 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देशी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवा कार्यक्रम चल रहे हैं।
संत गरीबदास जी के 12वें पंथ में ही कबीर परमेश्वर संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं जो सभी नकली पंथों को समाप्त कर एक यथार्थ कबीर पंथ यानि 13वां पंथ चलायेंगे, जिसकी उन्होंने नींव रख दी है।
जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 10 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी का बोध दिवस 2, 3 व 4 मार्च को मनाया जा रहा है, जिसमें अखंड पाठ, विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त विवाह का आयोजन किया जाएगा। इस विशाल भण्डारे में आप सभी सादर आमंत्रित हैं। Special Program on Bodh Diwas
परमेश्वर कबीर जी ही सतलोक से जिन्दा महात्मा के रूप में आकर संत गरीबदास जी को मिले, नाम उपदेश दिया, उनको अजब नगर (सतलोक) में लेकर गए। जहाँ पर आनन्द ही आनन्द है, कोई चिन्ता नहीं, जन्म-मृत्यु, अन्य प्राणियों के शरीर में कष्ट आदि का शोक नहीं है।
🧩कबीर परमेश्वर की प्यारी आत्मा गरीबदासजी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 2, 3 व 4 मार्च 2023 को देश के 10 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देशी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम चल रहे हैं। आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बन्दी छोड़ कहाय। सो तौ एक कबीर हैं, जननी जन्या न माय।। गरीब,अविगत"राम कबीर" हैं चकवे अविनाशी ब्रह्मा विष्णु वजीर है शिव करत है ख्वासी!!
सभी मानव समाज से निवेदन है कि पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब जी के अवतार रूप में जगत गुरु तत्वदर्शी संत श्री रामपाल जी महाराज जी आये हुए हैं उनके ज्ञान को समझिए और नाम दीक्षा लेकर अपना मनुष्य जीवन को सफल बनाइये
गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं। Special Program on Bodh Diwas
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
संत रामपाल जी महाराज स्वच्छ भारत का निर्माण कर रहे दहेज मुक्त विवाह दहेज प्रथा को समाप्त कर रहे हैं उनके द्वारा बताए तत्वज्ञान सतभकति से मोक्ष प्राप्ति हो सकती है
संत गरीबदास महाराज जी का जन्म गाँव छुड़ानी में हुआ था। जो उनका नानका है। उनके नाना शिवलाल जी के पास 2500 बीघा जमीन थी। जिसके वर्तमान में 1400 एकड़ जमीन बनती है। उस सारी जमीन के वारिस संत गरीबदास जी के पिता श्री बलराम जी हुए तथा उनके पश्चात संत गरीबदास जी उस सर्व जमीन के वारिस हुए।
संत गरीबदास महाराज जी का जन्म गाँव छुड़ानी में हुआ था। जो उनका नानका है। उनके नाना शिवलाल जी के पास 2500 बीघा जमीन थी। जिसके वर्तमान में 1400 एकड़ जमीन बनती है। उस सारी जमीन के वारिस संत गरीबदास जी के पिता श्री बलराम जी हुए तथा उनके पश्चात संत गरीबदास जी उस सर्व जमीन के वारिस हुए।😊😊🙇♀️🙇♀️🙏💐
आदरणीय संत गरीबदास जी का जन्म गाँव-छुड़ानी, जिला-झज्जर, हरियाणा में सन् 1717 (विक्रमी संवत् 1774) में हुआ। सन् 1727 फाल्गुन सुदी द्वादशी के दिन के लगभग 10 बजे परमेश्वर कबीर जी गरीबदास जी को नला नामक खेत में मिले सर्व ज्ञान कराया सतलोक लेकर गए और पृथ्वी पर वापस छोड़ा। तब गरीबदास जी महाराज ने सतलोक का वर्णन आंखों देखा किया। उन्होंने अपनी वाणी में कहा है - गरीब, हम देखा सो साच है और सकल प्रपंच।
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।
💠गीता अध्याय 17 श्लोक 23-28 में ओम मंत्र जो क्षर पुरूष का है तथा तत मंत्र जो सांकेतिक है, यह अक्षर पुरूष की साधना का है तथा सत मंत्र भी सांकेतिक है। यह परम अक्षर पुरूष की साधना का है। इन तीनों मंत्रों के जाप से पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है।
परमेश्वर कबीर जी ने कहा था कि ‘‘पृथ्वी और आकाश टल सकते हैं, सूर्य का अटल सिद्धांत है उदय-अस्त, वो भी निरस्त हो सकता है, लेकिन मेरी बातें कभी झूठी नहीं हो सकती। जब कलयुग 5500 वर्ष बीत जाएगा तब एक महापुरूष जगत का उद्धार करने के लिए आएगा। वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।
संत गरीबदास जी का बोध दिवस फाल्गुन सुदी द्वादशी सन् 1727 को संत गरीबदास जी को उपदेश प्राप्त हुआ जिसका प्रमाण कबीर सागर में मिलता है। बारहवां पंथ गरीबदास पंथ है।
बारहवें पंथ गरीबदास जी वाले पंथ में आगे चल के हम कबीर जी स्वयं ही आएंगे तथा सब 12 पंथ को मिटाकर एक ही पंथ चलाएंगे। गरीब दास जी महाराज ने "असुर निकंदन रमैनी" में लिखा है, "सतगुरु दिल्ली मंडल आयसी, सूती धरनी सूम जगायसी" वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी वह पूर्ण सतगुरु हैं जो सतभक्ति मार्ग बताने के लिए आए हुए हैं।
कबीर साहेब जी के बारहवें पंथ के प्रवर्तक आदरणीय गरीबदास जी महाराज जी हैं जिनको कबीर साहेब जी 10 वर्ष की आयु में 1784 ई. में मिले थे जिसके उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है और 10 सतलोक आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को कहा कि मेरे नाम से काल कलियुग में 12 पंथ चलाएगा। 12 पंथ वाले सब मेरी महिमा गाएंगे परंतु सतलोक नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनके पास में सत मंत्र नहीं होंगे। सत मंत्र देने के लिए कलियुग 5505 वर्ष बीतेगा तब मैं आऊंगा धर्मदास, इन सब पंथों को मिटाकर एक यथार्थ पंथ चलाऊंगा जो मेरे भेजे संत से मेरा नाम लेगा उसका जन्म मरण छुड़ाऊंगा। वर्तमान में 13वें पंथ को चलाने वाले अधिकारी संत रामपाल जी महाराज हैं जो मूल ज्ञान और सत मंत्र प्रदान कर रहे हैं।
🧩कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को कहा कि मेरे नाम से काल कलियुग में 12 पंथ चलाएगा। 12 पंथ वाले सब मेरी महिमा गाएंगे परंतु सतलोक नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनके पास में सत मंत्र नहीं होंगे। सत मंत्र देने के लिए कलियुग 5505 वर्ष बीतेगा तब मैं आऊंगा धर्मदास, इन सब पंथों को मिटाकर एक यथार्थ पंथ चलाऊंगा जो मेरे भेजे संत से मेरा नाम लेगा उसका जन्म मरण छुड़ाऊंगा। वर्तमान में 13वें पंथ को चलाने वाले अधिकारी संत रामपाल जी महाराज हैं जो मूल ज्ञान और सत मंत्र प्रदान कर रहे हैं।
આજ થી લગભગ 600 વર્ષ પહેલાં કબીર પરમેશ્વર નાનક દેવજી ને મળ્યા, બલખ બુખારેના બાદશાહ અબ્રાહમ સુલતાન અધમ અને દાદુજીને મળ્યા. એ પરમાત્મા સન 1727માં ગરીબદાસજીને એમના ખેતરમાં મળ્યા અને એમનો ઉદ્ધાર કર્યો.
🧩कबीर सागर, अध्याय ‘‘अमर मूल’’ पृष्ठ 196 पर कबीर साहेब जी ने कहा है:- नाम भेद जो जान ही, सोई वंश हमार। नातर दुनियाँ बहुत ही, बूड़ मुआ संसार।। संत गरीबदास जी के बोध दिवस पर 10 सतलोक आश्रमों में 2, 3 व 4 मार्च को संत रामपाल जी के सानिध्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन, जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
कबीर सागर, कबीर चरित्र बोध (बोध सागर) पृष्ठ नं. 1870 पर बताया गया है कि बारहवां पंथ गरीबदास का होगा। यहीं विवरण कबीर सागर, कबीर वाणी पृष्ठ 136-137 पर है, संवत सत्रासै पचहत्तर होई। तादिन प्रेम प्रकटें जग सोई।। साखी हमार लै जिव समुझावै। असंख्य जन्म में ठौर ना पावै।। बारहवें पन्थ प्रगट होवै बानी। शब्द हमारे की निर्णय ठानी।। अस्थिर घर का मरम न पावैं। ये बारा पंथ हमही को ध्यावैं।। बारहवें पन्थ हमही चलि आवै। सब पंथ मिटा एकही पंथ चलावै।।
સંત ગરીબદાસજી ને કબીર પરમેશ્વર 10 વર્ષની ઉંમરમાં સન 1727માં ફાલ્ગુન મહિનાની સુદ બારસના દિવસે નલા નામના ખેતરમાં જિંદા મહાત્માના રૂપમાં મળ્યા અને સતલોક દેખાડ્યું અને નામ દીક્ષા આપી.
सतभक्ति करने से इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है (जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है) जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
राम राम सब जगत बखाने। आदिराम कोई बिरला जाने।। कबीर साहेब ने बताया कि त्रेतायुग में विष्णु जी के अवतार राम को तो सब जानते हैं लेकिन इनसे भिन्न आदिराम जो सबसे पहले का परमात्मा है उसे कोई बिरला व्यक्ति ही जानता है।
Satpurush Kabir was the Guru of Sant Garibdas ji who embedded complete spiritual knowledge within him after his visit to 'Satlok'. Thereafter, Garibdas ji sung the eye-witnesssed glory of God and also created a Sat Granth (a collection of all the speeches uttered by Garib Das ji). Satguru Pursuh Kabir hai, yeh charon yug parwan | Yeh jhuttey guruan mar gaye, ho gaye bhoot masan ||
🙏🙏आप भी जानिये !🙏🙏 *मानव जीवन के कल्याण हेतु* 👉 सबका मालिक कौन है 👉 परमात्मा कैसा है? 👉 परमात्मा कहां रहता है? 👉 परमात्मा को किसने देखा है? 👉 परमात्मा कैसे मिलता हैं? 👉 मानव जीवन का उद्देश्य क्या है? 👉 गुरु बनाना क्यों जरूरी है? 👉 भक्ति करना क्यों जरूरी है? 👉 पूर्ण संत की क्या पहचान है? 👉 पूर्ण मोक्ष कैसे मिलेगा? 👉 ब्रह्मा विष्णु शिव के माता पिता कौन है? 👉 ब्रह्मा विष्णु शिव किसके ध्यान करते हैं? 👉 ब्रह्मा विष्णु शिव की उत्पत्ति कैसे हुई हैं? 👉 वर्तमान समय में महान संत कौन है? 👉 वर्तमान में कलयुग कितना बीत चुके हैं? 👉 कौन से भगवान की भक्ति करनी चाहिए? 👉 कौन से नाम का सुमरन करना चाहिए? 👉 सृष्टि की रचना किसने की है? 👉 सृष्टि की रचना कितने दिनों में हुई है? 👉 मानव जीवन को दुर्लभ क्यों बताया गया है? 👉 मानव जीवन में सुख शांति कैसे हो सकती है? 👉 नशा क्यों नहीं करना चाहिए? नशा से छुटकारा कैसे मिल सकता हैं? 👉 माता पिता की सेवा व आदर करना क्यों जरूरी है? निशुल्क पुस्तक मंगवाने के लिए आर्डर करें। अनमोल पुस्तक *ज्ञान गंगा* आप अभी आर्डर करें जी, फ्री होम डिलीवरी के साथ है😊😊🙏🙏 1 अपना पूरा नाम : 2 मोबाइल नंबर : 3 गांव का नाम : 4 अपने एरिया (मोहल्ले) का नाम : 5 तहसील का नाम : 6 जिला का नाम : 7 अपने राज्य का नाम : 8 पिन कोड नंबर Whatapp on +917496801823
સંત ગરીબદાસ મહારજજીનો જન્મ ગામ છુડાની માં થયો. જે એમનું નાનકું છે. એમના નાના શિવલાલ જી પાસે 2500 વીઘા જમીન હતી. જે વર્તમાન માં 1400 એકડ જમીન થાય. એ બધી જમીનના વારિસ સંત ગરીબ દાસજી ના પિતા શ્રી બલરામ જી હતા તથા એમના પછી સંત ગરીબદાસજી એ બધી જમીનના વારિસ થયા.
कबीर वाणी अध्याय के पृष्ठ 136 पर अंतिम पंक्ति से 12 वें पंथ का वर्णन प्रारंभ होता है। संवत् सत्रह तो पचत्तर होई, ता दिन प्रेम प्रकट जग सोई। विक्रमी संवत 1774 में संत गरीबदास जी का जन्म हुआ था। यहां पर गलती से 1775 लिखा गया है। फिर पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है- बारहवें पंथ प्रगट होय बानी, शब्द हमारे की निर्णय ठानी॥ गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं।
এই সা জ্ঞান রামপাল জী মহারাজ প্রদান করে চে যে লাখ লাখ ধর্মপ্রাণ মানুষ সত ভক্তি নিচ্ছে, এবং নব নির্মাণ সমাজ উত্থান ঘটে যাওয়া সেই সব সময় আজ বিশ্ব দেখতে চলেছে।
Golden Chance: Grand Communal Feast On the Occasion of Saint Garibdas Ji Maharaj's Bodh Diwas Special Program on Bodh Diwas ❣️ Watch our special Live Program on Sadhna TV Channel at 9.15 Am
কবীর সাগরের "কবীর বাণী" অধ্যায়ে পৃষ্ঠা 137-এ বাণী লেখা আছে যে:-- বারহবে পন্থ হম হী চলি আবৈ। সব পন্থ মিটা এক পন্থ চলাবৈ।। সন্ত রামপাল জী মহারাজের রূপে স্বয়ং কবীর পরমেশ্বর এসেছেন, যিনি 13 তম পন্থ চালাচ্ছেন। कबीर सागर के "कबीर वाणी" अध्याय के पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है कि, बारहवें पंथ हम ही चलि आवैं। सब पंथ मिटा एक पंथ चलावैं।। संत रामपाल जी महाराज के रूप में स्वयं कबीर परमेश्वर आये हुये है जिन्होंने 13वां यथार्थ कबीर पंथ चलाया है।
কবীর বাণী অধ্যায়ের 136 পৃষ্ঠার শেষ পংক্তি থেকে 12-তম পন্থের বর্ণনা শুরু হয়। সংবত সত্রহ সো পচত্তর হোয়। তা দিন প্রেম প্রকট জগ সোঈ।। বিক্রমী সংবত 1774-এ গরীব দাস জীর জন্ম হয়েছিল। এখানে ভুল করে 1775 লেখা হয়েছে আবার 137-এ বাণী লেখা আছে:- বারহবে পন্থ প্রকট হোয় বাণী। শব্দ হমারে কা নির্ণয় ঠানী।। গরীব দাস জী মহারাজের 12-তম পন্থেই সন্ত রামপাল জী মহারাজ এসেছেন, যিনি বাস্তবিক সন্ত নাম দেওয়ার অধিকারী। বাকি সকলে নকল গুরু। कबीर वाणी अध्याय के पृष्ठ 136 पर अंतिम पंक्ति से 12 वें पंथ का वर्णन प्रारंभ होता है। संवत् सत्रह तो पचत्तर होई, ता दिन प्रेम प्रकट जग सोई। विक्रमी संवत 1774 में संत गरीबदास जी का जन्म हुआ था। यहां पर गलती से 1775 लिखा गया है। फिर पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है- बारहवें पंथ प्रगट होय बानी, शब्द हमारे का निर्णय ठानी॥ गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं।
मुल्ला से पण्डित भये, पण्डित से भले मुल्ला। गरीबदास तज बैर भाव, कीजे सुल्लमसुल्ल।। कौम छतीसं है जगदीशं, ब्रह्मबीज एक बाडी। जो हिन्दवानी सो मुसलमानी, पहरे एकै साड़ी।।
The aim of Sant Rampal Ji Maharaj ji is that there should be moral and spiritual upliftment of the youth. Everyone should act honestly. Nobody cheats anyone. The voice of God Kabir is - Kabir, Aap thagaiye ,or n thagiye koi. Aap thagay sukh hot hae ,or thage dukh hot.
🎯नशा मुक्त समाज संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझने के बाद उपदेश प्राप्त करते ही हर प्रकार का नशा छूट जाता है। आज संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर लाखों अनुयायी नशा छोड़ चुके हैं।
संत गरीबदास जी का बोध दिवस फाल्गुन सुदी द्वादशी सन् 1727 को संत गरीबदास जी को उपदेश प्राप्त हुआ जिसका प्रमाण कबीर सागर में मिलता है। बारहवां पंथ गरीबदास पंथ है।
परमेश्वर कबीर जी ही सतलोक से जिन्दा महात्मा के रूप में आकर संत गरीबदास जी को मिले, नाम उपदेश दिया, उनको अजब नगर (सतलोक) में लेकर गए। जहाँ पर आनन्द ही आनन्द है, कोई चिन्ता नहीं, जन्म-मृत्यु, अन्य प्राणियों के शरीर में कष्ट आदि का शोक नहीं है।
कबीर साहेब जी के बारहवें पंथ के प्रवर्तक आदरणीय गरीबदास जी महाराज जी हैं जिनको कबीर साहेब जी 10 वर्ष की आयु में 1784 ई. में मिले थे जिसके उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है और 10 सतलोक आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।
कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को कहा कि मेरे नाम से काल कलियुग में 12 पंथ चलाएगा। 12 पंथ वाले सब मेरी महिमा गाएंगे परंतु सतलोक नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनके पास में सत मंत्र नहीं होंगे। सत मंत्र देने के लिए कलियुग 5505 वर्ष बीतेगा तब मैं आऊंगा धर्मदास, इन सब पंथों को मिटाकर एक यथार्थ पंथ चलाऊंगा जो मेरे भेजे संत से मेरा नाम लेगा उसका जन्म मरण छुड़ाऊंगा। वर्तमान में 13वें पंथ को चलाने वाले अधिकारी संत रामपाल जी महाराज हैं जो मूल ज्ञान और सत मंत्र प्रदान कर रहे हैं।
આજ થી લગભગ 600 વર્ષ પહેલાં કબીર પરમેશ્વર નાનક દેવજી ને મળ્યા, બલખ બુખારેના બાદશાહ અબ્રાહમ સુલતાન અધમ અને દાદુજીને મળ્યા. એ પરમાત્મા સન 1727માં ગરીબદાસજીને એમના ખેતરમાં મળ્યા અને એમનો ઉદ્ધાર કર્યો.
कबीर सागर, कबीर चरित्र बोध (बोध सागर) पृष्ठ नं. 1870 पर बताया गया है कि बारहवां पंथ गरीबदास का होगा। यहीं विवरण कबीर सागर, कबीर वाणी पृष्ठ 136-137 पर है, संवत सत्रासै पचहत्तर होई। तादिन प्रेम प्रकटें जग सोई।। साखी हमार लै जिव समुझावै। असंख्य जन्म में ठौर ना पावै।। बारहवें पन्थ प्रगट होवै बानी। शब्द हमारे की निर्णय ठानी।। अस्थिर घर का मरम न पावैं। ये बारा पंथ हमही को ध्यावैं।। बारहवें पन्थ हमही चलि आवै। सब पंथ मिटा एकही पंथ चलावै।।
अति सुन्दर हमे बहुत ही अच्छा लगा
ऐसा कार्यक्रम के कही न देखा 🙏
प्रिय पाठकगणों से निवदेन है कि सन्त रामपाल जी महाराज जी की इस अनमोल कल्याणकारी विचारधारा से जुड़ने के लिए आज ही बिना समय गवाएँ सन्त रामपाल जी महाराज जी जुड़े।
सतगुरू कू क्या दीजिए तन मन धन और शीश ।
पिंड प्राण कुर्बान कर जिन भक्ती दई बक्शीस।।
संत मिलन को चलिए तज माया अभिमान जो जो कदम आगे बढ़े कोटि यज्ञ
SAT Saheb ji
पाप नाशक भंडारा पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज 🙏🏻
Very nice satsang
True Channel
Sant rampal ji maharaj ji se namdiksha lekar apne is anmol jivan ka kalyan kraye
Satya Gyan Prakash
Sat Saheb Ji 🙏
गरीब, सतगुरू को क्या दीजिए, तन मन धन और शीश !
पिंड प्राण कुर्बान कर, जिन भक्ति दई बख्शीस !!
संत गरीबदास जी के बोध दिवस के उपलक्ष्य पर सभी 10 सतलोक आश्रमों में 2, 3 व 4 मार्च को होने वाले विशाल भण्डारे में आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों।संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे
बहुत ही अच्छा कार्यक्रम हुआ । जय हो संत रामपाल जी महाराज जी की
एक अद्वितीय संत संत रामपाल जी महाराज
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य विश्व में प्रेम व शांति स्थापित करना व कुरीतियों, पाखंडवाद, नशा, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करके सबको एक परमात्मा की भक्ति करवाकर सुखी बनाना और पूर्ण मोक्ष देना है।
कबीर, राम नाम से खिज मरैं, कुष्टि हो गल जाय।
शुकर होकर जन्म ले, नाक डूबता खाय।।
कबीर जी ने कहा है कि अभिमानी व्यक्ति राम नाम की चर्चा से खिज जाता है। फिर कोढ़ लगकर गलकर मर जाता है। अगला जन्म सूअर का प्राप्त करके गंद खाता है।
Maghar.
Jagatguru bakhaber tatvdarshi sant Rampal ji maharaj ji is supreme god kabir saheb ji ki sanidhya main vishal bhandara and dahej mukt shadiya . sat saheb ji .
The Real news
गरीब, सुख देना दुख मेटना ताजा रखे तन
शुर तेतीस खुश किए नमस्कार तोहे अन्न.
संत गरीबदास जी को कबीर परमेश्वर 10 वर्ष की आयु में सन् 1727 फाल्गुन सुदी द्वादशी को नला नामक खेत में जिंदा बाबा के रूप में मिले उन्हें सतलोक दिखाया और नाम दीक्षा दी।
Nice
कबीर परमेश्वर की प्यारी आत्मा गरीबदासजी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 2, 3 व 4 मार्च 2023 को देश के 10 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देशी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम चल रहे हैं। आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
कबीर, यह मन मलीन हैं, धोये ना छूटे रंग I
कै छूटे हरि भक्ति से, कै साधु सत्संग llकबीर राज तजना सहज है सहज त्रिया का नेहा मान बड़ाई ईर्ष्या दुर्लभ तजना ए सत् साहेब जी
आज से 600 वर्ष पहले कबीर परमेश्वर जी से उपदेश लेकर लाखों लोगों ने सतभक्ति की थी और उस भक्ति के करने से जो आश्चर्यजनक लाभ कबीर परमेश्वर ने अपने शिष्यों को दिए थे, ठीक उसी तरह वर्तमान में कबीर परमेश्वर के अवतार संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई सतभक्ति करने से लाखों लोगों को आश्चर्यचकित लाभ मिल रहे हैं।
🙏💓 सतगुरु देव जी की जय हो 💓🙏
KabirSaheb ji had fed complete spiritual knowledge in the heart of Sant Garib Das Ji. Who had created Sat Granth Saheb.
कबीर परमेश्वर की प्यारी आत्मा गरीबदासजी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 2, 3 व 4 मार्च 2023 को देश के 10 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देशी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवा कार्यक्रम चल रहे हैं।
संत गरीबदास जी के 12वें पंथ में ही कबीर परमेश्वर संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं जो सभी नकली पंथों को समाप्त कर एक यथार्थ कबीर पंथ यानि 13वां पंथ चलायेंगे, जिसकी उन्होंने नींव रख दी है।
परमेश्वर कबीर जी ने बताया है
कबीर कहता हूं कहीं जात हूं, कहूं बजाकर ढोल। स्वांस जो खाली जात है, वह तीन लोक का मोल।।
जगत के तारणहार संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 10 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी का बोध दिवस 2, 3 व 4 मार्च को मनाया जा रहा है, जिसमें अखंड पाठ, विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त विवाह का आयोजन किया जाएगा। इस विशाल भण्डारे में आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
Special Program on Bodh Diwas
परमेश्वर कबीर जी ही सतलोक से जिन्दा महात्मा के रूप में आकर संत गरीबदास जी को मिले, नाम उपदेश दिया, उनको अजब नगर (सतलोक) में लेकर गए। जहाँ पर आनन्द ही आनन्द है, कोई चिन्ता नहीं, जन्म-मृत्यु, अन्य प्राणियों के शरीर में कष्ट आदि का शोक नहीं है।
🧩कबीर परमेश्वर की प्यारी आत्मा गरीबदासजी महाराज के बोध दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 2, 3 व 4 मार्च 2023 को देश के 10 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देशी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम चल रहे हैं। आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।
अनंत कोटि ब्रह्मांड का एक रत्ती नहीं भार सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिरजनहार 🙏🙏
गरीब, अनंत कोटि ब्रह्मांड में, बन्दी छोड़ कहाय।
सो तौ एक कबीर हैं, जननी जन्या न माय।।
गरीब,अविगत"राम कबीर" हैं चकवे अविनाशी
ब्रह्मा विष्णु वजीर है शिव करत है ख्वासी!!
सभी मानव समाज से निवेदन है कि पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब जी के अवतार रूप में जगत गुरु तत्वदर्शी संत श्री रामपाल जी महाराज जी आये हुए हैं उनके ज्ञान को समझिए और नाम दीक्षा लेकर अपना मनुष्य जीवन को सफल बनाइये
गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं।
Special Program on Bodh Diwas
True knowledge given by Saint Rampal ji maharaj ji 🙏
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
पूरे विश्व में सबसे ज्यादा फैल रहा है।ये तत्वज्ञान
तेतीस अरब ज्ञान हम भाखा, तत्वज्ञान हम गुप्त राखा।
मूलज्ञान (तत्वज्ञान) तब तक छुपाई, जब लग द्वादश पंथ ना मिट जाई।।
Jay bolo bandi chhod ki
Sat saheb ji🙏🙏
संत रामपाल जी महाराज स्वच्छ भारत का निर्माण कर रहे दहेज मुक्त विवाह दहेज प्रथा को समाप्त कर रहे हैं उनके द्वारा बताए तत्वज्ञान सतभकति से मोक्ष प्राप्ति हो सकती है
संत गरीबदास महाराज जी का जन्म गाँव छुड़ानी में हुआ था। जो उनका नानका है। उनके नाना शिवलाल जी के पास 2500 बीघा जमीन थी। जिसके वर्तमान में 1400 एकड़ जमीन बनती है। उस सारी जमीन के वारिस संत गरीबदास जी के पिता श्री बलराम जी हुए तथा उनके पश्चात संत गरीबदास जी उस सर्व जमीन के वारिस हुए।
यह आयोजन 2-3-4 मार्च 2023 को किया जा रहा है, इस धार्मिक भण्डारे में आपको आमन्त्रित किया जाता है।
संत गरीबदास महाराज जी का जन्म गाँव छुड़ानी में हुआ था। जो उनका नानका है। उनके नाना शिवलाल जी के पास 2500 बीघा जमीन थी। जिसके वर्तमान में 1400 एकड़ जमीन बनती है। उस सारी जमीन के वारिस संत गरीबदास जी के पिता श्री बलराम जी हुए तथा उनके पश्चात संत गरीबदास जी उस सर्व जमीन के वारिस हुए।😊😊🙇♀️🙇♀️🙏💐
आदरणीय संत गरीबदास जी का जन्म गाँव-छुड़ानी, जिला-झज्जर, हरियाणा में सन् 1717 (विक्रमी संवत् 1774) में हुआ। सन् 1727 फाल्गुन सुदी द्वादशी के दिन के लगभग 10 बजे परमेश्वर कबीर जी गरीबदास जी को नला नामक खेत में मिले सर्व ज्ञान कराया सतलोक लेकर गए और पृथ्वी पर वापस छोड़ा। तब गरीबदास जी महाराज ने सतलोक का वर्णन आंखों देखा किया। उन्होंने अपनी वाणी में कहा है -
गरीब, हम देखा सो साच है और सकल प्रपंच।
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।
💠गीता अध्याय 17 श्लोक 23-28 में ओम मंत्र जो क्षर पुरूष का है तथा तत मंत्र जो सांकेतिक है, यह अक्षर पुरूष की साधना का है तथा सत मंत्र भी सांकेतिक है। यह परम अक्षर पुरूष की साधना का है। इन तीनों मंत्रों के जाप से पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है।
संत गरीबदास जी महाराज
छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है।
Avatar of lord Kabir
परमेश्वर कबीर जी ने कहा था कि ‘‘पृथ्वी और आकाश टल सकते हैं, सूर्य का अटल सिद्धांत है उदय-अस्त, वो भी निरस्त हो सकता है, लेकिन मेरी बातें कभी झूठी नहीं हो सकती। जब कलयुग 5500 वर्ष बीत जाएगा तब एक महापुरूष जगत का उद्धार करने के लिए आएगा। वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।
संत गरीबदास जी का बोध दिवस
फाल्गुन सुदी द्वादशी सन् 1727 को संत गरीबदास जी को उपदेश प्राप्त हुआ जिसका प्रमाण कबीर सागर में मिलता है। बारहवां पंथ गरीबदास पंथ है।
बारहवें पंथ गरीबदास जी वाले पंथ में आगे चल के हम कबीर जी स्वयं ही आएंगे तथा सब 12 पंथ को मिटाकर एक ही पंथ चलाएंगे। गरीब दास जी महाराज ने "असुर निकंदन रमैनी" में लिखा है, "सतगुरु दिल्ली मंडल आयसी, सूती धरनी सूम जगायसी"
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी वह पूर्ण सतगुरु हैं जो सतभक्ति मार्ग बताने के लिए आए हुए हैं।
कबीर साहेब जी के बारहवें पंथ के प्रवर्तक आदरणीय गरीबदास जी महाराज जी हैं जिनको कबीर साहेब जी 10 वर्ष की आयु में 1784 ई. में मिले थे जिसके उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है और 10 सतलोक आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
कबीर सागर, अध्याय ‘‘कबीर वाणी (बोधसागर)‘‘ के पृष्ठ 134 (998) में ‘‘वंश प्रकार’’ बताते हुए कबीर साहेब जी ने बताया है कि-
बारहवें वंश प्रगट होय उजियारा।
तेरहवें वंश मिटे सकल अँधियारा।।
कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को कहा कि मेरे नाम से काल कलियुग में 12 पंथ चलाएगा। 12 पंथ वाले सब मेरी महिमा गाएंगे परंतु सतलोक नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनके पास में सत मंत्र नहीं होंगे। सत मंत्र देने के लिए कलियुग 5505 वर्ष बीतेगा तब मैं आऊंगा धर्मदास, इन सब पंथों को मिटाकर एक यथार्थ पंथ चलाऊंगा जो मेरे भेजे संत से मेरा नाम लेगा उसका जन्म मरण छुड़ाऊंगा। वर्तमान में 13वें पंथ को चलाने वाले अधिकारी संत रामपाल जी महाराज हैं जो मूल ज्ञान और सत मंत्र प्रदान कर रहे हैं।
🧩कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को कहा कि मेरे नाम से काल कलियुग में 12 पंथ चलाएगा। 12 पंथ वाले सब मेरी महिमा गाएंगे परंतु सतलोक नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनके पास में सत मंत्र नहीं होंगे। सत मंत्र देने के लिए कलियुग 5505 वर्ष बीतेगा तब मैं आऊंगा धर्मदास, इन सब पंथों को मिटाकर एक यथार्थ पंथ चलाऊंगा जो मेरे भेजे संत से मेरा नाम लेगा उसका जन्म मरण छुड़ाऊंगा। वर्तमान में 13वें पंथ को चलाने वाले अधिकारी संत रामपाल जी महाराज हैं जो मूल ज्ञान और सत मंत्र प्रदान कर रहे हैं।
Kabir Saheb is supreme god
बंदी छोड़ दयाल जी तुम लग हमरी दौड़।
जैसे काग जहाज का सुझत और न ठौड़
આજ થી લગભગ 600 વર્ષ પહેલાં કબીર પરમેશ્વર નાનક દેવજી ને મળ્યા, બલખ બુખારેના બાદશાહ અબ્રાહમ સુલતાન અધમ અને દાદુજીને મળ્યા. એ પરમાત્મા સન 1727માં ગરીબદાસજીને એમના ખેતરમાં મળ્યા અને એમનો ઉદ્ધાર કર્યો.
संत रामपाल जी महाराज पर जो लोग अत्याचार करते हैं संत रामपाल जी महाराज उनको भी माफ कर देते हैं क्योंकि संत रामपाल जी महाराज दया के सागर हैं
🧩कबीर सागर, अध्याय ‘‘अमर मूल’’ पृष्ठ 196 पर कबीर साहेब जी ने कहा है:-
नाम भेद जो जान ही, सोई वंश हमार।
नातर दुनियाँ बहुत ही, बूड़ मुआ संसार।।
संत गरीबदास जी के बोध दिवस पर 10 सतलोक आश्रमों में 2, 3 व 4 मार्च को संत रामपाल जी के सानिध्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन, जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
🧩कबीर सागर, अध्याय ‘‘कबीर वाणी (बोधसागर)‘‘ के पृष्ठ 134 (998) में ‘‘वंश प्रकार’’ बताते हुए कबीर साहेब जी ने बताया है कि-
बारहवें वंश प्रगट होय उजियारा।
तेरहवें वंश मिटे सकल अँधियारा।।
कबीर सागर, कबीर चरित्र बोध (बोध सागर) पृष्ठ नं. 1870 पर बताया गया है कि बारहवां पंथ गरीबदास का होगा। यहीं विवरण कबीर सागर, कबीर वाणी पृष्ठ 136-137 पर है,
संवत सत्रासै पचहत्तर होई। तादिन प्रेम प्रकटें जग सोई।।
साखी हमार लै जिव समुझावै। असंख्य जन्म में ठौर ना पावै।।
बारहवें पन्थ प्रगट होवै बानी। शब्द हमारे की निर्णय ठानी।।
अस्थिर घर का मरम न पावैं। ये बारा पंथ हमही को ध्यावैं।।
बारहवें पन्थ हमही चलि आवै। सब पंथ मिटा एकही पंथ चलावै।।
સંત ગરીબદાસજી ને કબીર પરમેશ્વર 10 વર્ષની ઉંમરમાં સન 1727માં ફાલ્ગુન મહિનાની સુદ બારસના દિવસે નલા નામના ખેતરમાં જિંદા મહાત્માના રૂપમાં મળ્યા અને સતલોક દેખાડ્યું અને નામ દીક્ષા આપી.
सतभक्ति करने से इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है (जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है) जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
राम राम सब जगत बखाने।
आदिराम कोई बिरला जाने।।
कबीर साहेब ने बताया कि त्रेतायुग में विष्णु जी के अवतार राम को तो सब जानते हैं लेकिन इनसे भिन्न आदिराम जो सबसे पहले का परमात्मा है उसे कोई बिरला व्यक्ति ही जानता है।
Kabir is god
Satpurush Kabir was the Guru of Sant Garibdas ji who embedded complete spiritual knowledge within him after his visit to 'Satlok'. Thereafter, Garibdas ji sung the eye-witnesssed glory of God and also created a Sat Granth (a collection of all the speeches uttered by Garib Das ji).
Satguru Pursuh Kabir hai, yeh charon yug parwan | Yeh jhuttey guruan mar gaye, ho gaye bhoot masan ||
🙏🙏आप भी जानिये !🙏🙏
*मानव जीवन के कल्याण हेतु*
👉 सबका मालिक कौन है
👉 परमात्मा कैसा है?
👉 परमात्मा कहां रहता है?
👉 परमात्मा को किसने देखा है?
👉 परमात्मा कैसे मिलता हैं?
👉 मानव जीवन का उद्देश्य क्या है?
👉 गुरु बनाना क्यों जरूरी है?
👉 भक्ति करना क्यों जरूरी है?
👉 पूर्ण संत की क्या पहचान है?
👉 पूर्ण मोक्ष कैसे मिलेगा?
👉 ब्रह्मा विष्णु शिव के माता पिता कौन है?
👉 ब्रह्मा विष्णु शिव किसके ध्यान करते हैं?
👉 ब्रह्मा विष्णु शिव की उत्पत्ति कैसे हुई हैं?
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👉 कौन से भगवान की भक्ति करनी चाहिए?
👉 कौन से नाम का सुमरन करना चाहिए?
👉 सृष्टि की रचना किसने की है?
👉 सृष्टि की रचना कितने दिनों में हुई है?
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સંત ગરીબદાસ મહારજજીનો જન્મ ગામ છુડાની માં થયો. જે એમનું નાનકું છે. એમના નાના શિવલાલ જી પાસે 2500 વીઘા જમીન હતી. જે વર્તમાન માં 1400 એકડ જમીન થાય. એ બધી જમીનના વારિસ સંત ગરીબ દાસજી ના પિતા શ્રી બલરામ જી હતા તથા એમના પછી સંત ગરીબદાસજી એ બધી જમીનના વારિસ થયા.
Mai bhi jaa raha tha bhandara lekin bus hi nahi mila janakpur dham station se!!!!
Sant ram pal ji maharaj ttbdarsi sant hai sattar anukul bakri state hai
संत रामपाल जी हम सबसे बड़े दयावान
कबीर वाणी अध्याय के पृष्ठ 136 पर अंतिम पंक्ति से 12 वें पंथ का वर्णन प्रारंभ होता है।
संवत् सत्रह तो पचत्तर होई, ता दिन प्रेम प्रकट जग सोई।
विक्रमी संवत 1774 में संत गरीबदास जी का जन्म हुआ था। यहां पर गलती से 1775 लिखा गया है। फिर पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है-
बारहवें पंथ प्रगट होय बानी, शब्द हमारे की निर्णय ठानी॥
गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं।
कलयुग के 5505 वर्ष बीतने के पश्चात् सभी स्त्री-पुरूष कपट व व्यर्थ की चतुराई त्यागकर कबीर जी की शरण ग्रहण करेंगे। सभी धर्म पुनः एक हो जाएंगे।
এই সা জ্ঞান রামপাল জী মহারাজ প্রদান করে চে যে লাখ লাখ ধর্মপ্রাণ মানুষ সত ভক্তি নিচ্ছে, এবং নব নির্মাণ সমাজ উত্থান ঘটে যাওয়া সেই সব সময় আজ বিশ্ব দেখতে চলেছে।
Very Good News 👍👍
Golden Chance: Grand Communal Feast On the Occasion of Saint Garibdas Ji Maharaj's Bodh Diwas
Special Program on Bodh Diwas ❣️
Watch our special Live Program on Sadhna TV Channel at 9.15 Am
संत रामपाल जी महाराज भगवान
কবীর সাগরের "কবীর বাণী" অধ্যায়ে পৃষ্ঠা 137-এ বাণী লেখা আছে যে:--
বারহবে পন্থ হম হী চলি আবৈ। সব পন্থ মিটা এক পন্থ চলাবৈ।।
সন্ত রামপাল জী মহারাজের রূপে স্বয়ং কবীর পরমেশ্বর এসেছেন, যিনি 13 তম পন্থ চালাচ্ছেন।
कबीर सागर के "कबीर वाणी" अध्याय के पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है कि,
बारहवें पंथ हम ही चलि आवैं। सब पंथ मिटा एक पंथ चलावैं।।
संत रामपाल जी महाराज के रूप में स्वयं कबीर परमेश्वर आये हुये है जिन्होंने 13वां यथार्थ कबीर पंथ चलाया है।
কবীর বাণী অধ্যায়ের 136 পৃষ্ঠার শেষ পংক্তি থেকে 12-তম পন্থের বর্ণনা শুরু হয়।
সংবত সত্রহ সো পচত্তর হোয়। তা দিন প্রেম প্রকট জগ সোঈ।।
বিক্রমী সংবত 1774-এ গরীব দাস জীর জন্ম হয়েছিল।
এখানে ভুল করে 1775 লেখা হয়েছে আবার 137-এ বাণী লেখা আছে:-
বারহবে পন্থ প্রকট হোয় বাণী। শব্দ হমারে কা নির্ণয় ঠানী।।
গরীব দাস জী মহারাজের 12-তম পন্থেই সন্ত রামপাল জী মহারাজ এসেছেন, যিনি বাস্তবিক সন্ত নাম দেওয়ার অধিকারী। বাকি সকলে নকল গুরু।
कबीर वाणी अध्याय के पृष्ठ 136 पर अंतिम पंक्ति से 12 वें पंथ का वर्णन प्रारंभ होता है।
संवत् सत्रह तो पचत्तर होई, ता दिन प्रेम प्रकट जग सोई।
विक्रमी संवत 1774 में संत गरीबदास जी का जन्म हुआ था। यहां पर गलती से 1775 लिखा गया है। फिर पृष्ठ 137 पर वाणी लिखी है-
बारहवें पंथ प्रगट होय बानी, शब्द हमारे का निर्णय ठानी॥
गरीब दास जी महाराज का 12 वां पंथ है जिसमें आगे चलकर संत रामपाल जी महाराज आए हैं जो नाम देने के वास्तविक अधिकारी संत हैं बाकी सभी नकली गुरु हैं।
Bandi chhod sadguru Sant Rampal Ji Maharaj ki jay,
संत रामपाल जी महाराज दयावान
मुल्ला से पण्डित भये, पण्डित से भले मुल्ला।
गरीबदास तज बैर भाव, कीजे सुल्लमसुल्ल।।
कौम छतीसं है जगदीशं, ब्रह्मबीज एक बाडी।
जो हिन्दवानी सो मुसलमानी, पहरे एकै साड़ी।।
The aim of Sant Rampal Ji Maharaj ji is that there should be moral and spiritual upliftment of the youth.
Everyone should act honestly. Nobody cheats anyone.
The voice of God Kabir is -
Kabir, Aap thagaiye ,or n thagiye koi.
Aap thagay sukh hot hae ,or thage dukh hot.
Sk gavi. 🙏🙏🙏🙏🙏
🙇♂️🙇🏻♂️
Kabir is supreme God
🎯नशा मुक्त समाज
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझने के बाद उपदेश प्राप्त करते ही हर प्रकार का नशा छूट जाता है।
आज संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर लाखों अनुयायी नशा छोड़ चुके हैं।
संत गरीबदास जी का बोध दिवस
फाल्गुन सुदी द्वादशी सन् 1727 को संत गरीबदास जी को उपदेश प्राप्त हुआ जिसका प्रमाण कबीर सागर में मिलता है। बारहवां पंथ गरीबदास पंथ है।
परमेश्वर कबीर जी ही सतलोक से जिन्दा महात्मा के रूप में आकर संत गरीबदास जी को मिले, नाम उपदेश दिया, उनको अजब नगर (सतलोक) में लेकर गए। जहाँ पर आनन्द ही आनन्द है, कोई चिन्ता नहीं, जन्म-मृत्यु, अन्य प्राणियों के शरीर में कष्ट आदि का शोक नहीं है।
कबीर साहेब जी के बारहवें पंथ के प्रवर्तक आदरणीय गरीबदास जी महाराज जी हैं जिनको कबीर साहेब जी 10 वर्ष की आयु में 1784 ई. में मिले थे जिसके उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है और 10 सतलोक आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है
संत गरीबदास जी महाराज छुड़ानी हरियाणा वाले का जन्म 1774 में हुआ है उनको प्रभु कबीर 1784 में मिले थे। जिस के उपलक्ष्य में बोध दिवस मनाया जा रहा है। संत गरीबदास जी महाराज जी का 12वां पंथ है जिसके विषय में कबीर साहिब जी ने कहा है कि 12वें पंथ के अनुयायी मेरी महिमा का गुणगान करेंगे परंतु वास्तविक मंत्रों से परिचित न होने के कारण असंख्य युगों तक सतलोक नहीं जा सकेंगे बारहवें पंथ में आगे चलकर मैं स्वयं यानी कि कबीर प्रभु जी स्वयं आएंगे और सब पंथो को मिटा कर एक पंथ चलाएंगे वह पंथ संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा संचालित है।
कबीर परमेश्वर जी ने धर्मदास जी को कहा कि मेरे नाम से काल कलियुग में 12 पंथ चलाएगा। 12 पंथ वाले सब मेरी महिमा गाएंगे परंतु सतलोक नहीं जा पाएंगे क्योंकि उनके पास में सत मंत्र नहीं होंगे। सत मंत्र देने के लिए कलियुग 5505 वर्ष बीतेगा तब मैं आऊंगा धर्मदास, इन सब पंथों को मिटाकर एक यथार्थ पंथ चलाऊंगा जो मेरे भेजे संत से मेरा नाम लेगा उसका जन्म मरण छुड़ाऊंगा। वर्तमान में 13वें पंथ को चलाने वाले अधिकारी संत रामपाल जी महाराज हैं जो मूल ज्ञान और सत मंत्र प्रदान कर रहे हैं।
આજ થી લગભગ 600 વર્ષ પહેલાં કબીર પરમેશ્વર નાનક દેવજી ને મળ્યા, બલખ બુખારેના બાદશાહ અબ્રાહમ સુલતાન અધમ અને દાદુજીને મળ્યા. એ પરમાત્મા સન 1727માં ગરીબદાસજીને એમના ખેતરમાં મળ્યા અને એમનો ઉદ્ધાર કર્યો.
कबीर सागर, कबीर चरित्र बोध (बोध सागर) पृष्ठ नं. 1870 पर बताया गया है कि बारहवां पंथ गरीबदास का होगा। यहीं विवरण कबीर सागर, कबीर वाणी पृष्ठ 136-137 पर है,
संवत सत्रासै पचहत्तर होई। तादिन प्रेम प्रकटें जग सोई।।
साखी हमार लै जिव समुझावै। असंख्य जन्म में ठौर ना पावै।।
बारहवें पन्थ प्रगट होवै बानी। शब्द हमारे की निर्णय ठानी।।
अस्थिर घर का मरम न पावैं। ये बारा पंथ हमही को ध्यावैं।।
बारहवें पन्थ हमही चलि आवै। सब पंथ मिटा एकही पंथ चलावै।।