तत्वज्ञान युक्त सत्संग सुनने से सतभक्ति मार्ग का ज्ञान होता है। यदि एक आत्मा को भी सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करवा दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है।
The only True Guru Sant Rampal जी पूर्ण मोक्ष पूर्ण गुरु से शास्त्रानुकूल भक्ति प्राप्त करके ही संभव है जो कि विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त किसी के पास नहीं है।
Sant Rampal Ji Maharaj is the only one who is giving the true spiritual knowledge according to the spiritual literature by which we can attain the salvation from the mortal world
संत रामपाल जी महाराज जी सत्संग में मोक्ष का रास्ता बताते हैं जो चारों वेद, छह शास्त्र, 18 पुराण से प्रमाणित है। सत्संग ही मोक्ष का द्वार है जहां पर लोग सत्य ज्ञान प्राप्त करते हैं और सत भक्ति करके सतलोक चले जाते हैं। है सत्संग मोक्ष की धारा, कोई समझे राम का प्यारा।।
True Guru Sant Rampal Ji ज्ञान और समाधान दोनों मिलने से ही मोक्ष सम्भव होगा और ये दोनों चीज आपको संत रामपाल जी के अलावा विश्व की छोड़ो पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं नहीं मिलेगा Real God Kabir 👈 Sant Rampal Ji Maharaj
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण गुरु हैं। पूर्ण संत के सत्संग से सभी विकार समाप्त होते हैं तथा मोक्ष मिलता है। इसी कारण संत रामपाल जी महाराज के सभी अनुयायी बुराइयों/विकारों से दूर हैं।
💦सतगुरु की वाणी (सत्संग) हमारे मन के विकारों को दूर करके सद्विचारों का आलोक प्रसारित करती है। सत्संग मोक्ष की धारा, कोई समझे राम का प्यारा ।। Sant Rampal Ji Maharaj
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सत्संग में शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को उजागर करते हैं। तथा सम्पूर्ण ज्ञान एवं सृष्टि रचना की जानकारी प्रमाण सहित बताते हैं।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार संत रामपाल जी महाराज के 73 वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 6, 7, 8 सितंबर 2023 को देश विदेश के 09 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देसी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम होंगे।
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सनातन धर्म के सभी भ्रमित साधुओं को सत्यज्ञान देकर अपना सत्य साधना शास्त्रीय बिना से करवाते हैं जिससे सभी भक्त आत्माएं सद्गुरु की शरण ग्रहण कर रहे हैं।
हजार वर्ष तप करने का जो फल प्राप्त होता है उससे अधिक फल तत्वदर्शी संत का एक पल का सत्संग मिल जाए उससे होता है। कबीर साहेब जी कहते हैं - सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार l तो भी बराबर है नहीं, कहै कबीर विचार ll
संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव- धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के परिवार में हुआ। अपनी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा राज्य में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की सरकारी पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
गीता अध्याय 7 श्लोक 29 में गीता ज्ञान देने वाले प्रभु ने कहा है कि जो साधक केवल वृद्धावस्था तथा मृत्यु के दुःख से छूटने के लिए ही प्रयत्नशील हैं, वे तत् ब्रह्म को तथा सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान यानि तत्त्वज्ञान को जानते हैं।
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में कबीर परमेश्वर के 626वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन 2 से 4 जून 2023 को किया जा रहा है। इस विशाल भंडारे का निमंत्रण संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश विदेश में सतगुरु शोभायात्रा द्वारा दिया जा रहा है। इसके साथ ही समाज को परमेश्वर कबीर साहेब के सत्य ज्ञान के आधार पर बुराईयों से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
⚡️काशी शहर की पवित्र भूमि पर ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार सुबह सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूर्ण परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से आकर लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए। गरीब, काशी पुरी कस्त किया, उतरे अधर आधार। मोमन कूं मुजरा हुवा, जंगल में दीदार।।
बन्दीछोड़ सन्त रामपाल जी महाराज हैं पूर्ण तत्वदर्शी सन्त तत्वदर्शी सन्त एक समय पर एक ही होता है और इस समय पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं सन्त रामपाल जी महाराज। सन्त रामपाल जी महाराज ने शास्त्रों आधारित तत्वज्ञान दिया है एवं शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को सरल करके बताया है। उन्होंने सत्यभक्ति पर आधारित नशामुक्त,
सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।। सतगुरु गरीबदास जी महाराज अपनी वाणी में पूर्ण संत की पहचान बता रहे हैं कि वह चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा।
आदरणीय गरीबदास जी को पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) स्वयं सत्यभक्ति प्रदान करके सत्यलोक लेकर गए थे, तब अपनी अमृतवाणी में आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने आँखों देखकर कहाः- गरीब, अजब नगर में ले गए, हमकुँ सतगुरु आन। झिलके बिम्ब अगाध गति, सुते चादर तान।।
तत्वज्ञान युक्त सत्संग सुनने से सतभक्ति मार्ग का ज्ञान होता है। यदि एक आत्मा को भी सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करवा दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है। ”आत्म प्राण उद्धार ही, ऐसा धर्म नहीं और। कोटि अश्वमेघ यज्ञ, सकल समाना भौर।।“ जीवात्मा के उद्धार के लिए किए गए कार्य अर्थात् सेवा से श्रेष्ठ कोई भी कार्य नहीं है, जो वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज कर रहे हैं।
🎈गरीब, सौ छल छिद्र मैं करूं, अपने जन के काज। हिरणाकुश ज्यूं मार हूँ, नरसिंघ धरहूँ साज।। संत गरीबदास जी ने बताया है कि परमेश्वर कबीर जी कहते हैं कि जो मेरी शरण में किसी जन्म में आया है, मुक्त नहीं हो पाया, मैं उसको मुक्त करने के लिए कुछ भी लीला कर देता हूँ। जैसे सतयुग में प्रहलाद भक्त की रक्षा के लिए नरसिंह रूप धारण करके हिरण्यकशिपु को मारा था।
दहेज रूपी राक्षस का अंत हो रहा है। सभी ने दहेज की मांग के कारण हो रही हत्याओं की खबरें पढ़ी होंगी।लेकिन हाथ जोड़ कर यह कहने वाले कि "हमें दहेज के रुप में एक रुपया भी नही चाहिए"। ऐसे लोगों को देखना है तो संत रामपाल जी महाराज के आश्रमों में आइए।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस खुल्या भंडारा गैबका, बिन चिटठी बिन नाम। गरीबदास मुक्ता तुलैं, धन्य केशौ बलि जांव।। परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने काशी शहर में 3 दिन तक सभी संप्रदाय के 18 लाख लोगों को, बिना कोई चिठ्ठी - बिना कोई नाम भंडारा करवाया था। वैसे ही आज बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी लोगों के लिए 3 दिन तक भंडारे का आयोजन करवाया जा रहा है।
पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब जी ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
संत रामपाल जी महाराज जी ने पवित्र हिन्दू धर्म में पाखंड , आडम्बर , व गलत साधना का विरोध कर के ब्रह्मा विष्णु महेश की सच्ची साधना बताई है। तीनों देवा कमल दल बसे , ब्रह्मा विष्णु महेश । प्रथम इनकी वंदना , फिर सुन सतगुरू उपदेश ।। भारत सरकार से निवेदन है , संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिये ज्ञान को पहले अच्छे से समझें , फिर ही कोई Action लें।
कबीर परमेश्वर ने स्वामी रामानंद जी को गुरु धारण कर सत्यज्ञान से परिचित कराया जिससे स्वामी रामानंद जी का उद्धार हुआ। प्रमाण कबीर सागर, अगम निगम बोध पृष्ठ 38, मेरा नाम कबीरा हूँ जगत गुरू जाहिरा। तीन लोक में यश है मेरा त्रिकुटी है अस्थाना। पाँच-तीन हम ही ने किन्हें जातें रचा जिहाना।। गगन मण्डल में बासा मेरा नौवें कमल प्रमाना। ब्रह्म बीज हम ही से आया, बनी जो मूर्ति नाना।। संखो लहर मेहर की उपजें, बाजे अनहद बाजा। गुप्त भेद वाही को देंगे, शरण हमरी आजा।। भव बंधन से लेऊँ छुड़ाई, निर्मल करूं शरीरा। सुर नर मुनि कोई भेद न पावै, पावै संत गंभीरा।। बेद-कतेब में भेद ना पूरा, काल जाल जंजाला। कह कबीर सुनो गुरू रामानन्द, अमर ज्ञान उजाला।।
क्या आप जानते हैं पूर्ण परमात्मा चारों युगों में आते हैं, अच्छी आत्माओं को मिलते हैं। "सतयुग में सत्यसुकृत नाम से, त्रेता में मुनीन्द्र नाम से आये, द्वापर में करुणामय नाम से तथा कलयुग में अपने वास्तविक नाम कबीर नाम से प्रकट हुए।"
If we will do sat bhagti then from sant Rampal ji Maharaj ji then we can go to our real house Satlok. To know more must read the book "Gyan Ganga "or "jine ki raah "
🎈कबीर साहेब द्वापरयुग में करुणामय रूप में आये, सुपच सुदर्शन को शिष्य बनाया उन्हें मोक्ष का अधिकारी बनाया और जब पांडवों ने यज्ञ की तो उनके यज्ञ में सुपच रूप में पहुंचकर कबीर साहेब ने उनकी यज्ञ सफल की जोकि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, 88 हजार ऋषि, 9 योगेश्वर, 33 करोड़ देवताओं से सफल नहीं हो सकी थी। गरीब, सुपच रूप धरी आया, सतगुरु पुरुष कबीर। तीन लोक की मेदनी, सुर नर मुनि जन भीर।।
विवाह कैसे करें‘‘ जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे (संत रामपाल जी के) अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
तीन देवकी करते भक्ति उनकी कभी ना होवे जो 3 देवताओं की भक्ति करता है जैसी ब्रह्मा विष्णु महेश मां दुर्गा इनकी पूजा करने वाले मोक्ष नहीं इनकी पूजा करने तीन गुणों में ही फंसे रहते जैसी ब्रह्मा जी विष्णु जी शंकर जी एक पत्थर की मूर्ति बना ली उनकी पूजा करने से मोक्ष नहीं करके उनकी पूजा कर ली नए वस्त्र रोज नए वस्त्र पहना दिए माथे पर तिलक लगा दिया हाथ जोड़ कर आरती
सूरह फुरकान 25 आयत 52-59 में कहा है कि कादर अल्लाह कबीर है जिसने सब रचना की है। उसकी खबर किसी बाखबर से जानो। इससे स्वसिद्ध है कि कुरआन का ज्ञान अधूरा है। BaaKhabar Sant Rampal Ji
पैगम्बर हजरत मुहम्मद के नाती हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों पर कर्बला की जंग में आई मुसीबत पर हिफाज़त कुरान पाक का ज्ञान देने वाले अल्लाह ने क्यों नहीं की? जानने के लिए पढ़िये पवित्र पुस्तक "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरान
पूर्ण परमात्मा की जानकारी तत्वदर्शी संत बता सकते हैं जो स्वंय पूर्ण परमात्मा ही होता है। देवी भागवत महापुराण में देवी जी यानि दुर्गा जी अपने से अन्य किसी और भगवान की भक्ति करने के लिये कहती हैं। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
अनुत्तम का अर्थ अश्रेष्ठ है जबकि इसका अर्थ ‘‘अति उत्तम’’ किया है जो गलत है। गीता ज्ञान दाता ने गीता अध्याय 7 श्लोक 18 में कहा है कि मेरी भक्ति से पूर्ण मोक्ष प्राप्त नहीं होता यानि अपनी गति अर्थात मोक्ष को अश्रेष्ठ बताया है। गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के अनुसार गीता ज्ञान दाता और उसके साधक का जन्म-मरण बना ही रहता है। इस भक्ति से जन्म-मरण समाप्त नहीं होता। (उत्तम भक्ति तो वो है जिससे साधक का जन्म-मरण समाप्त हो जाए) इसलिए गीता ज्ञान दाता ने अपनी साधना को अनुतमाम् यानि घटिया कहा है। परंतु श्री ज्ञानानंद जी ने अनुत्तम का अर्थ अति उत्तम किया है जो अनर्थ है। इससे पूरी गीता का आशय ही विपरीत हो जाता है। - जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज अधिक जानकारी के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj UA-cam Channel
तत्वज्ञान युक्त सत्संग सुनने से सतभक्ति मार्ग का ज्ञान होता है। यदि एक आत्मा को भी सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करवा दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है।
world famous saint rampal ji maharaj ji
The only True Guru Sant Rampal जी
पूर्ण मोक्ष पूर्ण गुरु से शास्त्रानुकूल भक्ति प्राप्त करके ही संभव है जो कि विश्व में वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त किसी के पास नहीं है।
Sat saheb 🙏🙏🙏🙏
अनंत कोटि ब्रह्मांड में एक रति नहीं भार सतगुरु पुरुष कबीर हैं कुलके सृजन हार
Alal Pankh Anurag hai Sun mandal rahe dhir dass Garib udhariya satguru mile Kabir
Jai bandi chhod 🙏🙏🙏
Supreme god is Kabir 🙏
संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
Quran, Surah Al Furqan 25:58
Allah/God Kabir only is eternal in reality.
- Baakhabar Sant Rampal Ji Maharaj
World Spiritual Leader Saint Rampal Ji
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल भगवान की जय हो पर्वत पर्वत मैं फिर आ कारण अपने अपने राम रामसरी के जन्म मिले बिगड़े सब काम
🎉🎉True Spiritual Leader
Jai ho bandi chodd satguru rampal ji maharaj ki jai ho 🙏 🙏 🙏
True guru sant Rampal Ji Maharaj Ji 🙏🙇🏻♀️🙏🌼🙏🌼
सिर सौंपा गुरदेव को सफल हुआ ये शीश।
नितानंद इस शीश पर आप बसे जगदीश।
Param Pavan Satya Gyan He 🙏 Satgurudev Bhagavan Ji Ki Jay Ho 🙏🌹🌹
Sat sahib
❤❤❤❤❤❤😮😮😮😮🎉🎉🎉🎉
Satguru dev ke charn Kamal me Dass ka koti koti dandvat parnam 🙏
Sant Rampal Ji Maharaj is the only one who is giving the true spiritual knowledge according to the spiritual literature by which we can attain the salvation from the mortal world
संत रामपाल जी महाराज जी सत्संग में मोक्ष का रास्ता बताते हैं जो चारों वेद, छह शास्त्र, 18 पुराण से प्रमाणित है। सत्संग ही मोक्ष का द्वार है जहां पर लोग सत्य ज्ञान प्राप्त करते हैं और सत भक्ति करके सतलोक चले जाते हैं।
है सत्संग मोक्ष की धारा, कोई समझे राम का प्यारा।।
Kabir is real God true knowledge in the world🙏 sant rampalji Maharaj ji
*धन्ना भगत की धून लगी बीज दीया जिन्ह दान |*
*सुखा खैत हरा हुआ काकंर बोई जान ||*
___कबीर साहेब !!
Bandhi chhod satguru rampal ji maharaj ki jay ho
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान जी की चरणों में दंडवत प्रणाम🌹🙏🙏🙏🙏💯
True Guru Sant Rampal Ji
ज्ञान और समाधान दोनों मिलने से ही मोक्ष सम्भव होगा और ये दोनों चीज आपको संत रामपाल जी के अलावा विश्व की छोड़ो पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं नहीं मिलेगा
Real God Kabir 👈
Sant Rampal Ji Maharaj
बन्दी छोड सत् गुरु रामपाल जी भगवान् की जय हो 🙏🙏🙇♂️🙇♂️
संत रामपाल जी महाराज पूर्ण गुरु हैं। पूर्ण संत के सत्संग से सभी विकार समाप्त होते हैं तथा मोक्ष मिलता है।
इसी कारण संत रामपाल जी महाराज के सभी अनुयायी बुराइयों/विकारों से दूर हैं।
Very nice
सिर सौंपा गुरूदेव को, सफल हुआ यह शीश।
नित्यानंद इस शीश पर, आप बसै जगदीश।।
जय बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज की
💦सतगुरु की वाणी (सत्संग) हमारे मन के विकारों को दूर करके सद्विचारों का आलोक प्रसारित करती है।
सत्संग मोक्ष की धारा, कोई समझे राम का प्यारा ।।
Sant Rampal Ji Maharaj
🙏🙏JAI HO BANDI chhod kabir parmeshwar ji KI 🙏🙏
जय हो बंदी छोड़ की🙏🌻🥀🥀🌹🌹🌹🌹🥀🥀🌻🙏
True spiritual knowledge
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सत्संग में शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को उजागर करते हैं। तथा सम्पूर्ण ज्ञान एवं सृष्टि रचना की जानकारी प्रमाण सहित बताते हैं।
Sat sahib ji
Keval sant rampal ji maharaj ji hi bo parmatma he jiske gyan se hame sampurn sukh mil sakta he
Sant Ram Pal Zee Maharaj is the best spiritual teacher in the world Sat Saheb
साध साध सब नेक है आप अपनी ठोर जो सतलोक ले जाएंगे वह साधु कोई और सत साहिब
जो आया सो चला गया,धरती छोड़ शरीर।
जो देहि के संग गया, ताका नाम कबीर ।।
ram nam kadvaa lage mithe lage dam duvidha me dono gaye maya mili na ram
एकै साधे सब सधे सब साधे सब जाय माली सिचे मूल को फले फुले अघाय।
Kajal, JAYKBEER saheb
तीन देवा कमल दल बसें, ब्रह्मा विष्णु महेश।
प्रथम इनकी वन्दना ,फिर सुनो सत गुरु उपदेश।
मगहर.
पूर्ण परमात्मा अल्लाह कबीर साहेब जी अवतरित जगतगुरु बाखबर तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी की चरण कमल में दास का कोटि कोटि प्रणाम सत साहेब जी .
कबीर बेद मेरा भेद है, मैं ना बेदों माहीं।
जौण बेद से मैं मिलु, ये बेद जानते नाहीं।।
मात पिता मिल जाएंगे लख चौरासी माही सतगुरु सेवा बंदगी फिर मिलन की नही
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार संत रामपाल जी महाराज के 73 वें अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 6, 7, 8 सितंबर 2023 को देश विदेश के 09 सतलोक आश्रमों में संत गरीबदास जी महाराज की अमरवाणी का अखंड पाठ, शुद्ध देसी घी से निर्मित विशाल भंडारा, रक्तदान शिविर, नशामुक्त कार्यक्रम, दहेजमुक्त विवाह जैसे अद्भुत समाज सेवी कार्यक्रम होंगे।
कबीर,पीछे लाग्या जाऊ था, मै लोक वेद के साथ।
रास्ते में सतगुरू मिले, दीपक दे दिया हाथ।।
सतगुरू (तत्वदर्शी सन्त) की शरण में जाकर दीक्षा लेने से सर्व पाप कर्मों के कष्ट दूर हो जाते हैं। फिर न प्रेत बनते, न गधा, न बैल बनते हैं। सत्यलोक की प्राप्ति होती है जहां केवल सुख है, दुःख नहीं है।
Jai ho bandi chhod ki
Bandi chod satguru Rampal Ji Maharaj Ji ki Jay Ho ❤❤❤🎉🎉🎉🎉😊😊😊😊😊
Bahut sundar gyan he Ji 🙏
Anamol Satya Gyan He 🙏🙏🌹
गरीब, तीनो देवा कमल दल बसे, ब्रह्मा विष्णु महेश|
प्रथम इनकी वंदना फिर सुन सतगुरु उपदेश"||
जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज सनातन धर्म के सभी भ्रमित साधुओं को सत्यज्ञान देकर अपना सत्य साधना शास्त्रीय बिना से करवाते हैं जिससे सभी भक्त आत्माएं सद्गुरु की शरण ग्रहण कर रहे हैं।
कबीर साहेब अल्लाह
सतगुरु की वाणी (सत्संग) हमारे मन के विकारों को दूर करके सद्विचारों का आलोक प्रसारित करती है।
सत्संग मोक्ष की धारा, कोई समझे राम का प्यारा ।।
पांच सहंस अरु पांच सौ पांच, जब कलयुग बीत जाए।
महापुरुष फरमान तब, जग तारण को आये।।
हजार वर्ष तप करने का जो फल प्राप्त होता है उससे अधिक फल तत्वदर्शी संत का एक पल का सत्संग मिल जाए उससे होता है।
कबीर साहेब जी कहते हैं -
सत्संग की आधी घड़ी, तप के वर्ष हजार l
तो भी बराबर है नहीं, कहै कबीर विचार ll
Anmol vani
संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव- धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में एक जाट किसान के परिवार में हुआ। अपनी पढ़ाई पूरी करके हरियाणा राज्य में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की सरकारी पोस्ट पर 18 वर्ष तक कार्यरत रहे।
Super
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
पानी से पैदा नहीं स्वासानहीं शरीर
अन्ना आहार करता नहीं ताका नाम कबीर
❤
कबीर साहेब अल्लाह🙏🙏
गीता अध्याय 7 श्लोक 29 में गीता ज्ञान देने वाले प्रभु ने कहा है कि जो साधक केवल वृद्धावस्था तथा मृत्यु के दुःख से छूटने के लिए ही प्रयत्नशील हैं, वे तत् ब्रह्म को तथा सम्पूर्ण अध्यात्म ज्ञान यानि तत्त्वज्ञान को जानते हैं।
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में कबीर परमेश्वर के 626वें प्रकट दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन 2 से 4 जून 2023 को किया जा रहा है। इस विशाल भंडारे का निमंत्रण संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश विदेश में सतगुरु शोभायात्रा द्वारा दिया जा रहा है। इसके साथ ही समाज को परमेश्वर कबीर साहेब के सत्य ज्ञान के आधार पर बुराईयों से दूर रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
झूठे सुख को सुख कहें यह मान रहा मन मोद।
ये सकल चबीना काल का कुछ मुख में कुछ गोद।।
😢😢😢satsahebji
Very nice ❤❤
Kabir is god
⚡️काशी शहर की पवित्र भूमि पर ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार सुबह सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पूर्ण परमेश्वर कबीर/कविर्देव जी स्वयं अपने सतलोक से आकर लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर बालक रूप में प्रकट हुए।
गरीब, काशी पुरी कस्त किया, उतरे अधर आधार।
मोमन कूं मुजरा हुवा, जंगल में दीदार।।
Kabir is God 🎉
Anmol Gyan
बन्दीछोड़ सन्त रामपाल जी महाराज हैं पूर्ण तत्वदर्शी सन्त
तत्वदर्शी सन्त एक समय पर एक ही होता है और इस समय पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं सन्त रामपाल जी महाराज। सन्त रामपाल जी महाराज ने शास्त्रों आधारित तत्वज्ञान दिया है एवं शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को सरल करके बताया है। उन्होंने सत्यभक्ति पर आधारित नशामुक्त,
सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद। चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।
सतगुरु गरीबदास जी महाराज अपनी वाणी में पूर्ण संत की पहचान बता रहे हैं कि वह चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा।
Amrut vani
आदरणीय गरीबदास जी को पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) स्वयं सत्यभक्ति प्रदान करके सत्यलोक लेकर गए थे, तब अपनी अमृतवाणी में आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने आँखों देखकर कहाः-
गरीब, अजब नगर में ले गए, हमकुँ सतगुरु आन। झिलके बिम्ब अगाध गति, सुते चादर तान।।
तत्वज्ञान युक्त सत्संग सुनने से सतभक्ति मार्ग का ज्ञान होता है। यदि एक आत्मा को भी सतभक्ति मार्ग पर लगाकर उसका आत्म कल्याण करवा दिया जाए तो करोड़ अवश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है।
”आत्म प्राण उद्धार ही, ऐसा धर्म नहीं और।
कोटि अश्वमेघ यज्ञ, सकल समाना भौर।।“
जीवात्मा के उद्धार के लिए किए गए कार्य अर्थात् सेवा से श्रेष्ठ कोई भी कार्य नहीं है, जो वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज कर रहे हैं।
🎈गरीब, सौ छल छिद्र मैं करूं, अपने जन के काज।
हिरणाकुश ज्यूं मार हूँ, नरसिंघ धरहूँ साज।।
संत गरीबदास जी ने बताया है कि परमेश्वर कबीर जी कहते हैं कि जो मेरी शरण में किसी जन्म में आया है, मुक्त नहीं हो पाया, मैं उसको मुक्त करने के लिए कुछ भी लीला कर देता हूँ। जैसे सतयुग में प्रहलाद भक्त की रक्षा के लिए नरसिंह रूप धारण करके हिरण्यकशिपु को मारा था।
दहेज रूपी राक्षस का अंत हो रहा है।
सभी ने दहेज की मांग के कारण हो रही हत्याओं की खबरें पढ़ी होंगी।लेकिन हाथ जोड़ कर यह कहने वाले कि "हमें दहेज के रुप में एक रुपया भी नही चाहिए"। ऐसे लोगों को देखना है तो संत रामपाल जी महाराज के आश्रमों में आइए।
Immortal god kabir
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
खुल्या भंडारा गैबका, बिन चिटठी बिन नाम।
गरीबदास मुक्ता तुलैं, धन्य केशौ बलि जांव।।
परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी ने काशी शहर में 3 दिन तक सभी संप्रदाय के 18 लाख लोगों को, बिना कोई चिठ्ठी - बिना कोई नाम भंडारा करवाया था। वैसे ही आज बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी द्वारा सभी लोगों के लिए 3 दिन तक भंडारे का आयोजन करवाया जा रहा है।
Aur Gyandi kabir so Gyan
Wowoo ❤️
Sat Saheb ji😅😅😅😅😅😅
🌺💐🌸💮🏵🌹
पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब जी
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में कहा गया है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है अर्थात् उसे ऋषि, सन्त व कवि कहने लग जाते हैं, वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है।
❤❤❤❤❤😂❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😂❤❤❤❤❤😂❤❤
Purab paschim dakshin daane daane garibdas sarv Kala satguru Sahib Haryana Haryana
संत रामपाल जी महाराज जी ने पवित्र हिन्दू धर्म में पाखंड , आडम्बर , व गलत साधना का विरोध कर के ब्रह्मा विष्णु महेश की सच्ची साधना बताई है।
तीनों देवा कमल दल बसे , ब्रह्मा विष्णु महेश ।
प्रथम इनकी वंदना , फिर सुन सतगुरू उपदेश ।।
भारत सरकार से निवेदन है , संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिये ज्ञान को पहले अच्छे से समझें , फिर ही कोई Action लें।
कबीर परमेश्वर ने स्वामी रामानंद जी को गुरु धारण कर सत्यज्ञान से परिचित कराया जिससे स्वामी रामानंद जी का उद्धार हुआ।
प्रमाण कबीर सागर, अगम निगम बोध पृष्ठ 38,
मेरा नाम कबीरा हूँ जगत गुरू जाहिरा।
तीन लोक में यश है मेरा त्रिकुटी है अस्थाना।
पाँच-तीन हम ही ने किन्हें जातें रचा जिहाना।।
गगन मण्डल में बासा मेरा नौवें कमल प्रमाना।
ब्रह्म बीज हम ही से आया, बनी जो मूर्ति नाना।।
संखो लहर मेहर की उपजें, बाजे अनहद बाजा।
गुप्त भेद वाही को देंगे, शरण हमरी आजा।।
भव बंधन से लेऊँ छुड़ाई, निर्मल करूं शरीरा।
सुर नर मुनि कोई भेद न पावै, पावै संत गंभीरा।। बेद-कतेब में भेद ना पूरा, काल जाल जंजाला।
कह कबीर सुनो गुरू रामानन्द, अमर ज्ञान उजाला।।
क्या आप जानते हैं पूर्ण परमात्मा चारों युगों में आते हैं, अच्छी आत्माओं को मिलते हैं।
"सतयुग में सत्यसुकृत नाम से, त्रेता में मुनीन्द्र नाम से आये, द्वापर में करुणामय नाम से तथा कलयुग में अपने वास्तविक नाम कबीर नाम से प्रकट हुए।"
If we will do sat bhagti then from sant Rampal ji Maharaj ji then we can go to our real house Satlok. To know more must read the book "Gyan Ganga "or "jine ki raah "
🎈कबीर साहेब द्वापरयुग में करुणामय रूप में आये, सुपच सुदर्शन को शिष्य बनाया उन्हें मोक्ष का अधिकारी बनाया और जब पांडवों ने यज्ञ की तो उनके यज्ञ में सुपच रूप में पहुंचकर कबीर साहेब ने उनकी यज्ञ सफल की जोकि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, श्रीकृष्ण, 88 हजार ऋषि, 9 योगेश्वर, 33 करोड़ देवताओं से सफल नहीं हो सकी थी।
गरीब, सुपच रूप धरी आया, सतगुरु पुरुष कबीर।
तीन लोक की मेदनी, सुर नर मुनि जन भीर।।
वेद कतेब झूठे नही भाई झूठे है सो समझे नाही
विवाह कैसे करें‘‘
जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे (संत रामपाल जी के) अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
तीन देवकी करते भक्ति उनकी कभी ना होवे जो 3 देवताओं की भक्ति करता है जैसी ब्रह्मा विष्णु महेश मां दुर्गा इनकी पूजा करने वाले मोक्ष नहीं इनकी पूजा करने तीन गुणों में ही फंसे रहते जैसी ब्रह्मा जी विष्णु जी शंकर जी एक पत्थर की मूर्ति बना ली उनकी पूजा करने से मोक्ष नहीं
करके उनकी पूजा कर ली नए वस्त्र रोज नए वस्त्र पहना दिए माथे पर तिलक लगा दिया हाथ जोड़ कर आरती
सूरह फुरकान 25 आयत 52-59 में कहा है कि कादर अल्लाह कबीर है जिसने सब रचना की है। उसकी खबर किसी बाखबर से जानो। इससे स्वसिद्ध है कि कुरआन का ज्ञान अधूरा है।
BaaKhabar Sant Rampal Ji
पैगम्बर हजरत मुहम्मद के नाती हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों पर कर्बला की जंग में आई मुसीबत पर हिफाज़त कुरान पाक का ज्ञान देने वाले अल्लाह ने क्यों नहीं की?
जानने के लिए पढ़िये पवित्र पुस्तक "मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरान
पूर्ण परमात्मा की जानकारी तत्वदर्शी संत बता सकते हैं जो स्वंय पूर्ण परमात्मा ही होता है। देवी भागवत महापुराण में देवी जी यानि दुर्गा जी अपने से अन्य किसी और भगवान की भक्ति करने के लिये कहती हैं।
अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
अनुत्तम का अर्थ अश्रेष्ठ है जबकि इसका अर्थ ‘‘अति उत्तम’’ किया है जो गलत है।
गीता ज्ञान दाता ने गीता अध्याय 7 श्लोक 18 में कहा है कि मेरी भक्ति से पूर्ण मोक्ष प्राप्त नहीं होता यानि
अपनी गति अर्थात मोक्ष को अश्रेष्ठ बताया है। गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के अनुसार गीता ज्ञान दाता और उसके साधक का जन्म-मरण बना ही रहता है। इस भक्ति से जन्म-मरण समाप्त नहीं होता। (उत्तम भक्ति तो वो है जिससे साधक का जन्म-मरण समाप्त हो जाए) इसलिए गीता ज्ञान दाता ने अपनी साधना को अनुतमाम् यानि घटिया कहा है।
परंतु श्री ज्ञानानंद जी ने अनुत्तम का अर्थ अति उत्तम किया है जो अनर्थ है। इससे पूरी गीता का आशय ही विपरीत हो जाता है।
- जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
अधिक जानकारी के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj UA-cam Channel