धन्यवाद सतगुरुजी!आपने हमें पिंडसे उपर की अंड की जानकारी दी,हम अबतक पिंडतक ही सिमित रहे थे। चिंटी,मखडी मछली की चाल,विहंगम चाल के बारेमें सही जानकारी आपने दी। जो ॐ और सोऽहं पिंड में है वह मायाकी चालबाजी भी हमें समझमें आ रही है। जो संसारमेंही जखडके रखती है,और परमपुरुष सतपुरुष को मिला नही देती है। गुरुजी हमें ऊस मंजिल तक पहुंचने की चाह तो है,मगर सतगुरुके बिना हम वह मुकाम हासिल नही कर सकते है। आपने जो नामदान दिया उसपर विश्वास रखकर चलनेकी शक्ती परमात्मा हमें दे यही कामना करता हुं। सत साहेब!
#511वां_दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस गरीब, केशव बनजारा भया, बालद भरी विचार। मन इच्छा पूर्ण करी, खुद कबीर केशव अवतार॥ संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के इस पावन अवसर पर 16 नवंबर को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से साधना टीवी पर।
Me bar bar is video ko sun rahi utni achi lag rahi h khne ka ??matlab h jitni hma parat hatate jayge utne hi nikharte jayge jaise samar lagvate h jab tak pani mitha or pyor saf n ho jaye tab tak ham kodte rahte h aise hi hame apne itne avrad h sab utar jayge ak ak karke avrad anant h bo hate jayge tab aatm ubharti aayegi aatma parmatma hi rh jayge ye baat sahi h🙏🦚
ज्ञान दिव्य भी होता है! दिव्य का मतलब है कि उसका स्वरूप समझ में आसानी से समझ नहीं आता! जरा ध्यान देनो कबीर में, कृष्ण में, क्राईस्ट में , आदि शंकर ( शंकराचार्य) में और नानक में कया समान है? " क "सबमें समान है! " र" भी नानक को छोड़कर सब मिले समान है। यह क औरर का क्या महत्व है! "र" राम में भी है । राम और ओम मे "म" भी समान है । शब्द का असली मतलब क्या है? शब्द कहाँ से आता है? व्याकरण के आधार पर शब्द , अक्षर ( अर्ण और वर्ण) को जोड कर बनता है। लेकिन शब्द एकाक्षर भी हो सकता है। अ सार्वभौमिक अक्षर हैं अकेला है। क में क्+ अ हैं। इसलिये अ स्वर और क आदि व्यंजन ( बनाया गया मिठाई की तरह का) . अ को अक्षर भी कहते हैं अक्षर का मतलब अविनाशी या सनातन भी होता है। आंख, नाक , कान बन्द करने को तन्त्र में षणमुखी मुद्रा या यौनि मुद्रा भी कहते हैं! मतलब जो ज्ञान कबीर को है वही ज्ञान आगम शास्त्र के ऋषियों को भी है। इसलिये सिर्फ बनारस वाले कबीर को समझो। कक्का केवल नाम है बब्बा वर्ण शरीर! रर्रा सब मे रम रहा उसका नाम कबीर। जो सब मे रम रहा है मतलब बैठा है या स्थित है वही कबीर है! 5 या 5 फुट 6 इंच का बनारस का कबीर सब में कैसे बैठ सकता है? नहीं बैठ सकता --- मतलब बनारस वाला कबीर कबीर नहीं है! जो सत्ता सब मे रमी हुई है वही कबीर है! उसी सता को बाल्मीकि ने "राम" और महर्षि व्यास देव ने "कृष्ण कहा है! भागवत पुराण विवेक पूर्वक पढो़ भाई। आप कहते हैं कि कृष्ण और राम कबीर से छोटे हैं। आप कितने भटके हुये हैं हालांकि आपको ज्ञान भी है! सब मे़ रमे कबीर, राम ता कृष्ण को ही आत्मा भी कहते हैं लल्लू! आप सिर्फ लल्लू नहीं "लल्लू गुरु" हैं, फिर भी आप गलत नहीं कह रहे हैं लेकिन आप स़कीर्ण हैं उदार नहीं है। पुरुष का मतलब मर्द नही होता! ब्रह्म और परमब्रह्म भी मर्द नही है। ब्रह्म और परमब्रह्म का मतलब भी पुरुष ही होता है। इसलिये असली कबीर भी मर्द नहीं है पुरुष है! पुरुष का असली मतलब समझों बाकी आप ठीक गुरु हैं। इसी तरह "काल " भी मर्द नहीं है। काल क्या है गीता अच्छी तरह पढ़ कर जान सकते हो।यह सब मनोविज्ञान का विषय है ! मन निराकार है आत्मा भी निराकार है। परमात्मा भी निराकार है! भगवान् शरीर धारी होता है! कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य दृष्टि दी थी क्या बनारस वाले कबीर ने अर्जुन को दिव्यदृष्टि दी थी ? कृष्ण को उदार हो कर समझने की जरूरत है। आप जो मर्ज़ी कहो लेकिन आपका ज्ञान भी परम ज्ञान से कुछ भटका हुआ है, आगम में इसलिये यह भी कहा है कि जो जानता है वह बोलता नहीं या बोल नहीं सकता और जो बहुत बोलता है वह जानता ही नहीं। हा हा हा वाह वाह वाह! जो कबीर के अनुराग सागर या रमैनी को सिर्फ पढेंगे वह मुक्त हो ही नहीं सकते। भला क्यों? यह आप समझाईये भाई। बुरा मत मानना। जय गुरु।
मैं इस ज्ञान का क्या करूँ भाई, जो खुद मालिक के आशीर्वाद की छाया में हो उसे और क्या चाहिए। राजी हैं हम उसी में जिसमें तेरी रज़ा है। यूं भी वाह वाह है ऊँ भी वाह वाह है।। परमात्मा आपका कल्याण करे 🙏
आप से अनुरोध है कि मेरे सत्संग की बाकी वीडियो भी ध्यान से देखना, आप समझ जायेंगे कि मेरे सत्संग में शंकराचार्य, राम, कृष्ण कबीर नानक आदि सबका निचोड़ है, क्योंकि मैं अपने अनुभव की बात कहता हूँ। मैं आपको गलत नहीं कहता क्योंकि सबका अपना नजरिया होता है और सत्य तो एक ही है। समय के साथ भाषा बदली इसलिए हर अवतार और संत ने अलग अलग शब्दों में समझाया। जो भाव को समझ जाता है वो मुक्त है और जो शब्दों को पकड़ कर बैठ जाता है वो बंधन में है 🙏 मैं लोगों को बहलाना नहीं जानता, जो मालिक का आदेश होता है वो बता देता हूँ। यदि मैं आत्म रूप से बात कहूँगा तो लोगों को समझ नहीं आएगी इसलिए कोशिश कर रहा हूँ कि लोग खुद धीरे-धीरे आत्म अनुभव करें, तब लोगों को सारी बात समझ आ जाएगी। आगे आप खुद ज्ञानी हैं, मुझे तो इतना ही ज्ञान है प्रभु जी 🙏
Parnam Aapko, Bahut bahut shukriya aapka Video daalne ka.Mera prashan hai ki muje trah trah ke naad sunte hai lekin unki dhuni sharnk bansuri seh alag hai.Lekin muje naad ke saath saath prakash nahi hota. Kya parkash hona bi jaroori hai
शब्द शब्द सभी कहें, वो है शब्द विदेह, जीवा पै आवे नहीं, निरख परख कर ले, अभी साहेब आप ॐ/ओम और सोहम का जाप बता रहें हैं, जाप करना ही नहीं है,बल्कि सोहम बन जाना है
Mere bhai Bacche ko agar doctor banna hai toh useh school se hi start karna padega.Useh LKG se start karna hoga sidah MS, MD nahi ban sakta.@@charandass3738
प्रेम और विश्वास के साथ नाम जाप करो और मन को शुद्ध करो , सतगुरु स्वयं आपके अंदर प्रकट होंगे। वो तेज पुंज रूपी है इसलिए उनका कोई नाम या रूप नहीं है
14 днів тому
अपने आत्म स्वरूप को पाना ही मोक्ष पाना हे ।पांच कर्म इंद्रिय पांच ज्ञान इन्द्रिय चार अंतःकरण इंद्रिय ये सब शांत होगी तभी आप इस वाणी के अनुसार कर पाएंगे।
Aaj mane sahi baat samaj paarahi hu lakin aisha ho sakta h ki hmari upadi badalti jarahi h isliye bo badlta najar arha h ya jyda prkashit dikhta ja rha h aisha mara manna h ham anami akha agam anam ke saman hote ja rahe h isliye hme bo aisha dikhta ja rha h jaise ham he ho the ham hi to thik teja rhe hoge ham hi ham ko dekh rahe h???? 🙏🥰😊
गीता में और वेदों में, उपनिषदों में रामायण महाभारत और पुराणों में भी अक्षर ब्रह्म और परम ब्रह्म की ही बात ज्यादातर अपरोक्ष रुप से कहा है। पुरुष का मतलब क्या सिर्फ मर्द हैं? राम नाम है सन्त नामी है। नाम और नामी दोनों आवश्यक है। मुरली की आवाज या सोहं की आवाज कहाँ से आई? लल्लू एक सूर्य का प्रकाश कितना है --- और फिर 12 सूर्य के प्रकाश को कैसे नापोंगे लल्लू ? दिव्य दृष्टि कौन दे सकता है? आज वाराणसी का कबीर है कहाँ और वह खाता क्या है? पीता क्या है? जब अगम का मतलब जहाँ जाया नहीं जा सकता? तब बनारस का कबीर या आप वहाँ कैसे गये? कबीर वहाँ कैसे गये? अगर कबीर वहाँ गया तो कोई और भी जा सकता है? कबीर को गुड का स्वाद कैसे बौला जब वह अकह है! अकह को कबीर ने तब कैसे कहा? अगर कबीर कह सकता है तो कोई दूसरा भी कह सकता है। छ: चक्रों का ज्ञान आगम में भी लिखा है --- कैसे लिखा? ठीक है कबीर ने बताया है लेकिन गुरु कबीर अकेला नहीं है बनारस वाला कबीर! जो अन्धकार से प्रकाश में आया वही गुरु हो जाता है इसलिये बनारस का कबीर अकेला गुरु नहीं। कबीर ने ख़ुद भी कहा है कि कबीर का आधार भी विष्णु है। सदगुरु ने कबीर को ज्ञान दिया इसका मतलब कबीर केवल अकेला गुरु नहीं है? वैसे ही आप अकेले ही गुरु नहीं है! यह नाम क्या बला है? लल्लू?
भाई हम लल्लू ही सही है, ज्यादा ज्ञानी बन कर क्या करेंगे। जितना पढ़ेंगे उतना फंसना है, इस पोथी के ज्ञान से तो कोई पार हुआ नही, और इस लल्लू को जितना अनुभव ज्ञान चाहिए उतना मेरा मालिक दे देता है 🙏
धन्यवाद सतगुरुजी!आपने हमें पिंडसे उपर की अंड की जानकारी दी,हम अबतक पिंडतक ही सिमित रहे थे। चिंटी,मखडी मछली की चाल,विहंगम चाल के बारेमें सही जानकारी आपने दी। जो ॐ और सोऽहं पिंड में है वह मायाकी चालबाजी भी हमें समझमें आ रही है। जो संसारमेंही जखडके रखती है,और परमपुरुष सतपुरुष को मिला नही देती है। गुरुजी हमें ऊस मंजिल तक पहुंचने की चाह तो है,मगर सतगुरुके बिना हम वह मुकाम हासिल नही कर सकते है। आपने जो नामदान दिया उसपर विश्वास रखकर चलनेकी शक्ती परमात्मा हमें दे यही कामना करता हुं। सत साहेब!
इस तुच्छ दास को सतगुरु कहना मालिक का अपमान है, कृपया मुझे पापी ना बनाएं 🙏 please
Satsaheb ji, मालिक आपको सफ़ल बनाए
The best teaching of Guruji 🙏
सतगुरु कबीर साहेब जी की 🙏
I'm @@satgurugyanganga9475
Sant.kabir.Maharajis.God
🙏
#511वां_दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस
गरीब, केशव बनजारा भया, बालद भरी विचार। मन इच्छा पूर्ण करी, खुद कबीर केशव अवतार॥
संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में होने वाले 511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस के इस पावन अवसर पर 16 नवंबर को देखिए विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सुबह 9:15 से साधना टीवी पर।
कब तक ऐसे भटकते रहोगे आप लोग, अब ठहरो। अन्यथा मुक्ति से बहुत दूर हो जाओगे
Sat saheb ji bhai saheb dandabat pranam app ku ❤❤🙏🙏
प्रणाम केवल उस मालिक को, दास तो खुद उस मालिक का सेवक है 🙏
❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏
सत लोक तो बेकुंठ लोक से भी नीचे है आदरणीय कबीर दास जी को तो सर्वोच्च परम् धाम से बंचित ही रह गये. धन्यवाद. जय सर्व परम् प्रभु श्री कृष्ण. 🙏🙏🌹.
ध्यान से सुनिए, अधूरा ज्ञान हँसी का पात्र बना देता है, बैकुंठ तो सतलोक से बहुत नीचे है
Dhanya ho gya me..apka ye satsang sunkar...aap sakshat Kabir ke avtar ho😮
क्यूँ मुझे पाप का भागी बना रहे हो साहेब, दास को दास ही रहने दो 🙏
Me bar bar is video ko sun rahi utni achi lag rahi h khne ka ??matlab h jitni hma parat hatate jayge utne hi nikharte jayge jaise samar lagvate h jab tak pani mitha or pyor saf n ho jaye tab tak ham kodte rahte h aise hi hame apne itne avrad h sab utar jayge ak ak karke avrad anant h bo hate jayge tab aatm ubharti aayegi aatma parmatma hi rh jayge ye baat sahi h🙏🦚
बिल्कुल सही कहा, जितना मालिक से ज्यादा प्रेम होगा उतना ही जल्दी निर्मल होंगे 🙏राम राम जी
Aapane bahut acchi tarah se samjhaya aapka bahut bahut dhanyvad
सब साहेब की कृपा है, प्रभु सबका भला करे 🙏
Great ye sab maine puran purush book mai bhi samjha h jo ki sidh saint shamacharan Lahiri ki diary mai se milta julta h
ये कबीर शब्दावली में भेद वाणी का शब्द है
Saheb bandhi ji aapne saar naam om-shoham bataya hai or iss video mai satynaam bata rahe hai. Krapya spasht kare🙏
दोनों एक ही है, जो सार है वही सत्य है। शब्दों में ना उलझे
Sat saheb.❤❤
Satsaheb ji
Saheb bandgi ❤❤
साहेब बंदगी जी 🙏
Aap hme sari books ko uplabdh kra sakte h jise ham swyam pad sake??🙏
कबीर शब्दावली पढ़ लीजिए, online available है जी 🙏
Kabier sadabali me sab h jo aap sab padte h ya kabeer saar
Mohanibhab! May l have a copy of the video sadguru gyan ganga? How pl intimate Than ks
You can download this video
सत साहेब जी चोका आरती के बारे मैं जानकारी आप की अति कृपा होगी
आरती वो कीजिए जो संध्या आरती में कबीर जी ने बताई है। संध्या आरती की वीडियो देखिए, मैंने उसमे विस्तार से बताया है।
App ki video marri samaj m aj chuki h
🙏
Guru ji om mantra ucchar ke soham ko Surit ke sath le sakte hai ji
ले सकते हो, नाम किसी भी तरह जप लो, बस उसका मतलब पता होना चाहिए और भाव का मह्त्व है 🙏
ज्ञान दिव्य भी होता है! दिव्य का मतलब है कि उसका स्वरूप समझ में आसानी से समझ नहीं आता! जरा ध्यान देनो कबीर में, कृष्ण में, क्राईस्ट में , आदि शंकर ( शंकराचार्य) में और नानक में कया समान है? " क "सबमें समान है! " र" भी नानक को छोड़कर सब मिले समान है। यह क औरर का क्या महत्व है! "र" राम में भी है । राम और ओम मे "म" भी समान है । शब्द का असली मतलब क्या है? शब्द कहाँ से आता है? व्याकरण के आधार पर शब्द , अक्षर ( अर्ण और वर्ण) को जोड कर बनता है। लेकिन शब्द एकाक्षर भी हो सकता है। अ सार्वभौमिक अक्षर हैं अकेला है। क में क्+ अ हैं। इसलिये अ स्वर और क आदि व्यंजन ( बनाया गया मिठाई की तरह का) . अ को अक्षर भी कहते हैं अक्षर का मतलब अविनाशी या सनातन भी होता है। आंख, नाक , कान बन्द करने को तन्त्र में षणमुखी मुद्रा या यौनि मुद्रा भी कहते हैं! मतलब जो ज्ञान कबीर को है वही ज्ञान आगम शास्त्र के ऋषियों को भी है। इसलिये सिर्फ बनारस वाले कबीर को समझो। कक्का केवल नाम है बब्बा वर्ण शरीर! रर्रा सब मे रम रहा उसका नाम कबीर। जो सब मे रम रहा है मतलब बैठा है या स्थित है वही कबीर है! 5 या 5 फुट 6 इंच का बनारस का कबीर सब में कैसे बैठ सकता है? नहीं बैठ सकता --- मतलब बनारस वाला कबीर कबीर नहीं है! जो सत्ता सब मे रमी हुई है वही कबीर है! उसी सता को बाल्मीकि ने "राम" और महर्षि व्यास देव ने "कृष्ण कहा है! भागवत पुराण विवेक पूर्वक पढो़ भाई। आप कहते हैं कि कृष्ण और राम कबीर से छोटे हैं। आप कितने भटके हुये हैं हालांकि आपको ज्ञान भी है! सब मे़ रमे कबीर, राम ता कृष्ण को ही आत्मा भी कहते हैं लल्लू! आप सिर्फ लल्लू नहीं "लल्लू गुरु" हैं, फिर भी आप गलत नहीं कह रहे हैं लेकिन आप स़कीर्ण हैं उदार नहीं है। पुरुष का मतलब मर्द नही होता! ब्रह्म और परमब्रह्म भी मर्द नही है। ब्रह्म और परमब्रह्म का मतलब भी पुरुष ही होता है। इसलिये असली कबीर भी मर्द नहीं है पुरुष है! पुरुष का असली मतलब समझों बाकी आप ठीक गुरु हैं। इसी तरह "काल " भी मर्द नहीं है। काल क्या है गीता अच्छी तरह पढ़ कर जान सकते हो।यह सब मनोविज्ञान का विषय है ! मन निराकार है आत्मा भी निराकार है। परमात्मा भी निराकार है! भगवान् शरीर धारी होता है! कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य दृष्टि दी थी क्या बनारस वाले कबीर ने अर्जुन को दिव्यदृष्टि दी थी ? कृष्ण को उदार हो कर समझने की जरूरत है। आप जो मर्ज़ी कहो लेकिन आपका ज्ञान भी परम ज्ञान से कुछ भटका हुआ है, आगम में इसलिये यह भी कहा है कि जो जानता है वह बोलता नहीं या बोल नहीं सकता और जो बहुत बोलता है वह जानता ही नहीं। हा हा हा वाह वाह वाह! जो कबीर के अनुराग सागर या रमैनी को सिर्फ पढेंगे वह मुक्त हो ही नहीं सकते। भला क्यों? यह आप समझाईये भाई। बुरा मत मानना। जय गुरु।
मैं इस ज्ञान का क्या करूँ भाई, जो खुद मालिक के आशीर्वाद की छाया में हो उसे और क्या चाहिए।
राजी हैं हम उसी में जिसमें तेरी रज़ा है।
यूं भी वाह वाह है ऊँ भी वाह वाह है।।
परमात्मा आपका कल्याण करे 🙏
आप से अनुरोध है कि मेरे सत्संग की बाकी वीडियो भी ध्यान से देखना, आप समझ जायेंगे कि मेरे सत्संग में शंकराचार्य, राम, कृष्ण कबीर नानक आदि सबका निचोड़ है, क्योंकि मैं अपने अनुभव की बात कहता हूँ। मैं आपको गलत नहीं कहता क्योंकि सबका अपना नजरिया होता है और सत्य तो एक ही है। समय के साथ भाषा बदली इसलिए हर अवतार और संत ने अलग अलग शब्दों में समझाया। जो भाव को समझ जाता है वो मुक्त है और जो शब्दों को पकड़ कर बैठ जाता है वो बंधन में है 🙏
मैं लोगों को बहलाना नहीं जानता, जो मालिक का आदेश होता है वो बता देता हूँ। यदि मैं आत्म रूप से बात कहूँगा तो लोगों को समझ नहीं आएगी इसलिए कोशिश कर रहा हूँ कि लोग खुद धीरे-धीरे आत्म अनुभव करें, तब लोगों को सारी बात समझ आ जाएगी।
आगे आप खुद ज्ञानी हैं, मुझे तो इतना ही ज्ञान है प्रभु जी 🙏
Parnam Aapko, Bahut bahut shukriya aapka Video daalne ka.Mera prashan hai ki muje trah trah ke naad sunte hai lekin unki dhuni sharnk bansuri seh alag hai.Lekin muje naad ke saath saath prakash nahi hota. Kya parkash hona bi jaroori hai
साँस साँस में ध्यान केंद्रित करने पर यही साँस प्रकाश में परिवर्तित होता है 🙏 ये सभी आवाज के साथ प्रकाश जरूरी है
साहेब बंदगी सतनाम जी,साहेब, लोक आलोक शब्द हैं भाई, जिन जाना तै संशय जाई, इस बात का आप क्या जवाब देंगे,
शब्द शब्द सभी कहें, वो है शब्द विदेह, जीवा पै आवे नहीं, निरख परख कर ले, अभी साहेब आप ॐ/ओम और सोहम का जाप बता रहें हैं, जाप करना ही नहीं है,बल्कि सोहम बन जाना है
Mere bhai Bacche ko agar doctor banna hai toh useh school se hi start karna padega.Useh LKG se start karna hoga sidah MS, MD nahi ban sakta.@@charandass3738
SELF ' S , " HUKAM " . ALIVE SOUND WORD ( SABAD ) , AUTO ACTIVATION 1( SOUL ) , " ALIVE SATYA " + 5 ( POWER , SOUND , ACTION , TIME , SPACE ) , " SAMADHI YOG " ( NON LIFE ) AUTO SATYA LOCK , AUTO APPEAR ( LIFE ( UNIVERSE ( BRAMAND ) , " PHYSICAL POWER KINGDOM , TOTALLY , " MAYA "( ALWAYS CHANGING ) . SELF ( PARAMATMA ).
🙏
Namaskar ji kya apko attam gyan ho gya hai
अधूरा, पूरा नहीं 🙏
साहेब जी ज्ञान देने का विडियोज/ऑडियो बनाते हो तो प्लीज सभी जीवों के किए हुए कमेंट्स तो शो कर दो,
कर तो रखे हैं साहब, सभी का जवाब भी दिया है 🙏
❤😅😅😅😮
Sheb ji Kaya bahta sacte hai konshi sakhi shar hai
Kabir shabdawali ki Bhed Vani
बंदीछोड़ सदगुरू रामपाल जी महाराज के चरणों में कोटि कोटि दण्डवत प्रणाम जयजयसत्यकबीर सत साहेब 🙏🙏🙏
नादान परिंदा
Satguru kon hai aour kise milege
प्रेम और विश्वास के साथ नाम जाप करो और मन को शुद्ध करो , सतगुरु स्वयं आपके अंदर प्रकट होंगे। वो तेज पुंज रूपी है इसलिए उनका कोई नाम या रूप नहीं है
अपने आत्म स्वरूप को पाना ही मोक्ष पाना हे ।पांच कर्म इंद्रिय पांच ज्ञान इन्द्रिय चार अंतःकरण इंद्रिय ये सब शांत होगी तभी आप इस वाणी के अनुसार कर पाएंगे।
कोई भी इसका अर्थ सही नहीं बता रहा है , की मूल क्या है? किस मूल की बात कर रहे हैं, कबीर साहेब , ये मित्र जी भी उसका अर्थ छोड़ दिये।
जो मुक्त हैं, उसको अहसास करना की वो मुक्त किस किस से है, पहला मै बता देता हु, वो परमात्मा क्रिया मुक्त है। अब आप विचार करे कि कौन क्रिया मुक्त है
साहेब मेरी शंका को जरूर दूर करें
गुरू किसको बनाए,हमे तो रामपाल महाराजको बनाया है तो हम गुरु बदल सकते है
गुरु बदलने के लिए व्यक्ति स्वतंत्र है, लेकिन पुराने गुरु की निंदा मत करना कभी भी 🙏
गुरु बनाने से पहले उनका ज्ञान सुनें, यदि सही लगे तो ही गुरु बनाएं ताकि बाद में पछतावा ना हो 🙏
Aap jo gyan bata rahe ho geeta me kaha likha hai parman dikhaye aap ka gyan bina sar bina paw ka gyan hai
गीता अध्याय 4, 9, 10 पढ़िए ज्ञानी जी, इतनी तो मेहनत कर ही सकते हो
He is not in your body
He is in you
And you are not a body
कर नैनों दीदार वो पिंड से न्यारा है।
सिर्फ कहने से कुछ नहीं होगा जी , अनुभव कीजिए
Braham gaytri ka jaap Bina guru ke jaap kar sakte hai
Bilkul kar sakte h lekin ye kewal kundilini jagran karega aur kuch nhi
V
🙏
V kya h ye😊 @@satgurugyanganga9475
हह
??
Aaj mane sahi baat samaj paarahi hu lakin aisha ho sakta h ki hmari upadi badalti jarahi h isliye bo badlta najar arha h ya jyda prkashit dikhta ja rha h aisha mara manna h ham anami akha agam anam ke saman hote ja rahe h isliye hme bo aisha dikhta ja rha h jaise ham he ho the ham hi to thik teja rhe hoge ham hi ham ko dekh rahe h???? 🙏🥰😊
जैसे-जैसे अवरण हटता जाएगा, प्रकाश बढ़ता जाएगा
Ham hi rh jayge
काम क्रोध लोभ आदि को कैसे बिसारे ---- भाषण से बिसार सकते हो? मूल को ---- सुधारो ----- यह मूल कहाँ है?
सब कुछ सम्भव है, मुक्ति की राह playlist में जो सत्संग का चरण बद्ध तरीका बताया है उसका पालन कीजिए, सब कुछ होगा
परब्रह्म के दरबार मे हम सेवक है ये हम कौन है
दास भाव से जीव के लिए कहा जाता है
दाईं नासिका सूर्य नाडी है, बाईं चन्द्र। आप बता रहे वह परमात्मा अनाम, अवाच्य है फिर कौन सा नाम जप बता रहे हैं।
आपको जो अच्छा लगे वो कर लो भगत जी
हाती चले बाजार कुत्ते भोके हजार
Ye sab aap bta rhe h ye avrad utar rahe h sharriri ke🙏
जी सही समझा है आपने
सोहन नहीं सोहम उच्चारण है भाई
🙏
मतलब कबीर कुण्डलिनी जागरण की बात क्यों कर रहा है?
यह समझाने के लिए कि कुंडलिनी और योग मुक्ति नहीं देते इससे आगे भी बहुत कुछ है। जिसका जैसा सवाल उसका वैसा ही जवाब देते थे मेरे सतगुरु कबीर साहेब जी 🙏
गीता में और वेदों में, उपनिषदों में रामायण महाभारत और पुराणों में भी अक्षर ब्रह्म और परम ब्रह्म की ही बात ज्यादातर अपरोक्ष रुप से कहा है। पुरुष का मतलब क्या सिर्फ मर्द हैं? राम नाम है सन्त नामी है। नाम और नामी दोनों आवश्यक है। मुरली की आवाज या सोहं की आवाज कहाँ से आई? लल्लू एक सूर्य का प्रकाश कितना है --- और फिर 12 सूर्य के प्रकाश को कैसे नापोंगे लल्लू ? दिव्य दृष्टि कौन दे सकता है? आज वाराणसी का कबीर है कहाँ और वह खाता क्या है? पीता क्या है? जब अगम का मतलब जहाँ जाया नहीं जा सकता? तब बनारस का कबीर या आप वहाँ कैसे गये? कबीर वहाँ कैसे गये? अगर कबीर वहाँ गया तो कोई और भी जा सकता है? कबीर को गुड का स्वाद कैसे बौला जब वह अकह है! अकह को कबीर ने तब कैसे कहा? अगर कबीर कह सकता है तो कोई दूसरा भी कह सकता है। छ: चक्रों का ज्ञान आगम में भी लिखा है --- कैसे लिखा? ठीक है कबीर ने बताया है लेकिन गुरु कबीर अकेला नहीं है बनारस वाला कबीर! जो अन्धकार से प्रकाश में आया वही गुरु हो जाता है इसलिये बनारस का कबीर अकेला गुरु नहीं। कबीर ने ख़ुद भी कहा है कि कबीर का आधार भी विष्णु है। सदगुरु ने कबीर को ज्ञान दिया इसका मतलब कबीर केवल अकेला गुरु नहीं है? वैसे ही आप अकेले ही गुरु नहीं है! यह नाम क्या बला है? लल्लू?
भाई हम लल्लू ही सही है, ज्यादा ज्ञानी बन कर क्या करेंगे। जितना पढ़ेंगे उतना फंसना है, इस पोथी के ज्ञान से तो कोई पार हुआ नही, और इस लल्लू को जितना अनुभव ज्ञान चाहिए उतना मेरा मालिक दे देता है 🙏
@@satgurugyanganga9475 वाह क्या बात कही।
@@satgurugyanganga9475 साहेब जी बहुत सही जवाब दिये जी
कबीर क्या भोगी थे?
किसने कहा आप से?
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🙏