आपकी सत्संग नकल की सत्संग है आपने बंदी छोड़ सतगुरु रामपालजी महाराज की पुस्तक ब सत्संग की नकल की है भारत देश में रामपाल जी से पहले किसी ने नहीं कही है सत साहेब जी
बहुत सुंदर👏👏 यही बात स्वयं परमात्मा ने प्रजापिता ब्रह्मा के तन में आकर लोगों को समझाया ब्रह्मा ,विष्णु भी जन्म मरण के चक्कर में श्रृष्टि चक्र में आते है। परंतु अभी कलयुग का अंतिम चरण है और इस पतित कलयुगी दुनिया को सिर्फ निराकार परमात्मा शिव ही पुनः पावन सतयुगी दुनिया में बदल सकते हैं, इसलिए एक निराकार परमात्मा शिव को याद करो। परमात्मा ने स्वयं बतलाया है तुम आत्मा में परमात्मा की सभी गुण और शक्तियां समाई हुई हैं, परंतु तुम जन्म मरण के चक्कर में और पांच विकारों में फंसकर अपनी शक्तियां और मूल गुणों को भूल चुके हो इसलिए अब इस विनाश के समय स्वयं परमात्मा ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी संस्था मानव से देवता बनाने का पुण्य कार्य कर रही है। यहीं से सच्चा परमात्मा ज्ञान वर्तमान समय में सबको मिल रहा है, इसलिए परमात्मा के द्वारा स्थापित प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी संस्था में जाकर राजयोग को अवश्य सीखें।सभी आत्माओं का कल्याण हो। आपका राजयोगी भाई श्रवण कुमार मानिकपुरी। मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़।🌹🌹
Nirakar srishti karta paramaatma parampita ka nam siv he, yeh bate kis tothya ke sath bol rahe se 👉 kya nirakar srishti karta Iswar ne khud bataya? Jaisaa Bible me Iswar ne insaan ko apna nam " Jehovah " Bataya he परमेश्वर ने मूसा से कहा, “मैं जो हूँ सो हूँ।” फिर उसने कहा, “तू इस्राएलियों से यह कहना, ‘जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।’” फिर परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा, “तू इस्राएलियों से यह कहना, ‘तुम्हारे पूर्वजों का परमेश्वर, अर्थात् अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर, " यहोवा ", उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है। देख सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी-पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा।’ (Bible निर्गमन 3.14-15)
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो परमपिता मलिक सत साहेब संत बिरग दास जी महाराज आप संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सोनी साधना चैनल पर ईश्वरी चैनल पर युटुब पर तब तब आप सृष्टि रचनाबताएं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो
Aapki haar ka karan aapki andhata hai Rampal ji ne konsa tatva ka gyan kar liya preeksha aapne Lee thee kon number diya. Koi bhi aadmi uth ke aata hai apne ko tatvadarshi ghosit karta hai or murakh log bina jaane bhedon ki tarha peechhe ho jaate hain. Khud ka gyan or vivek ko khaa ke bithe hai aap. Apne andar jhank ke dekho kahan stand karte ho phir Rampal ji ko parmatma banao. Aap hi nahi sabhi vo log jo apna vivek istmaal nahin karte vo dusron ko bhagwan banane ka kaam karte hai jaise bhagwaan banane ki machine hon.
Satguru swaim swrup Aadi ant gun kal triy Pach tatw mili sthul sada parkasi parkh priy. Sabhi guru ke Aadi guru hans deh nij chinh Adli nam kahaeya adal kal par kinh.
कबीर सारी सिरजनहार की जानै नाही कोइ ॥ कै जानै आपन धनी कै दासु दीवानी होइ ॥१७६॥ पद्अर्थ: सारी = सजाई हुई, बनाई हुई। सिरजनहार = विधाता, सृष्टि बनाने वाले परमात्मा। जानै नाही कोइ = हर कोई नहीं जानता। कै = या। धनी आपन = मालिक प्रभु स्वयं। दीवानी = उस के दीवान में रहने वाला, उसकी हजूरी में रहने वाला। अर्थ: हे कबीर! ये बात हरेक व्यक्ति नहीं जानता कि यह (माया-रूपी आग सारे संसार को जला रही है) परमात्मा ने स्वयं बनाई है। इस भेद को प्रभु स्वयं जानता है या वह भक्त जानता है जो सदा उसके चरणों में जुड़ा रहे (सो, हजूरी में रहने वाले को पता होता है कि माया की जलन से बचने के लिए माया को बनाने वाले के चरणों में जुड़े रहना ही सही तरीका है)।176
Tum log apne aap ki socho pure kaal ke jaal me fanse ho . Anurag sagar bilkul wrong hai. Kabir ne lokha nahin likhwaya nahi. Ye pakhad kabir ke jaane ke barson baad ka hai . Chaho to dekh lo kabir ki purani se purani book kab likhi gai. Janoge tab hos thikane aa jayenge. Pata chal jayega Rampalji ka gyan. Anthon ki tarah flow mat karo apna dimag istemal karke dekho.
Are jo dekha nahin uski baat karte ho. Rampal ji ne apni aankho se dekha thaa sristi bante hue. To jo kitaabon me likha hai usko padh ke sunana koi gyaan nahi. Kahte ho tatva darhi hai kitaab darsi. Lage raho saari Dunia hi lagi hai.
@@hameerarammeena4015 Rampal ji ke saamne sristi rachna hui thi kya. Anurag sagar khud bhi padh lo aankhe khul jayengi. Anurag sagar kabir ne nahin likhi or naa hi unke saamne likhi. Koi recording bhi nahi hai jisme ye ho srirsty ki rachna kabir ne batai. 300 saal baad likhi kitab ko sahi Maan rahe ho. Jo bol diya vaise hi uske pichhe lag gye. Apna dimaag bhi lagao jo parmatma ne de ke bheja hai.
श्री कबीर जी, श्री अक्षर जी की पंच वासनाएं में से एक है श्री कबीर जी । ये खुद परमात्मा नहीं लेकिन परमात्मा को ज्ञात कराने वाले हैं। श्री ब्रह्मज्ञान के साक्षी हैं । अमरलोक तक है । मुल परमधाम तक की पहचान नहीं है।। सिर्फ एक परमात्मा को ज्ञात कराने वाला ज्ञान श्री प्राणनाथ ब्रह्म ज्ञान श्री कुलजम स्वरूप साहेब जी वाणी, क्षर, अक्षर, से पार श्री अक्षरातित को ज्ञात कराता है।। दुनिया का एक मात्र ज्ञान श्री प्राणनाथ ब्रह्म ज्ञान।। लेकिन श्री कबीर जी की वाणी उच्च कोटि का ज्ञान हे। जो एक परमात्मा की साक्षी देता है। परमात्मा को छोड़कर ज्ञान देने वाले श्री कबीर जी को परमात्मा बना दिया है वह ग़लत है।।
कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है
❤ बहुत बढिया तरिके से विषलेशन किया है, जानकारी पसंद आयी है, |धन्यवाद 🙏👍👍👍
Aapke vichar se bahut achcha Laga aapka sarangi bahut achcha Laga aage bhi aisi aisi video banai hai taki Jo jinko nahin Gyan hai unko
आपका सतसंग,सबसे श्रैष्ठ है,आपका धन्यवाद है,साहेब बंदगी कोटी नमन,
Jaiho saheb bandagi saheb 🙏🙏🌹🌹
बहुत बहुत सुन्दर प्रस्तुति की है संत विराग सागर महाराज को बहुत बहुत नमन एवं नमस्कार करता हूँ
Sahib bandagi Sahib bandagi satguru kabeerdas ji ki jay ho
🌷जयगुरुदेव🌷
Bandi Chhod Satguru Rampal Ji Bhagwan ki Jay
સાહેબ આત્મા અને બ્રહ્મ માં ઘણો ફરક છે
🚩जयहो🚩
आपकी सत्संग नकल की सत्संग है आपने बंदी छोड़ सतगुरु रामपालजी महाराज की पुस्तक ब सत्संग की नकल की है भारत देश में रामपाल जी से पहले किसी ने नहीं कही है सत साहेब जी
उन्होंने बहुत अच्छी सरल भाषा में सरल भाषा में समझाया है
❤साहेब बंदगी साहेबसतगुरु महाराज को साहेब बंदगी साहेब।
जय भीम नमो बुधाय सत साहेब जय सविधान जय मुलनिवासी
Saprem saheb bandgi saheb ji 🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🙏🏻
App se phele humne satguru Rampal ji ke mukh se suni thi ji bram kal bhagwan astingi mata sab ki mata hai teen putar teen gun hai sato rajo tamo
जय शाहेब की ❤❤
Sadaguru saheb
रामस्वरुप दास सतगुरुराम पाल भगवान की जय हो❤🙏🙏🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹🙏🙏🌹🌹🙏🙏🙏🌹🙏😍😗🤩🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏♈🙏😍😗🙏🙏🌹🌹
Shri sadguru Kabir Saheb lakh lakh dhanyvad lakh lakh dhanyvad Sahib bandagi Sahib bandagi Sahib
Amar log bato se nahi ja paynge kabeer ki kirpa ke bina nahi ji satsaheb ji
जय साहेब की ❤😂🎉
साहेब कबीर की बन्दगी
Saheb Bandagi saheb
बहुत सुंदर👏👏 यही बात स्वयं परमात्मा ने प्रजापिता ब्रह्मा के तन में आकर लोगों को समझाया ब्रह्मा ,विष्णु भी जन्म मरण के चक्कर में श्रृष्टि चक्र में आते है। परंतु अभी कलयुग का अंतिम चरण है और इस पतित कलयुगी दुनिया को सिर्फ निराकार परमात्मा शिव ही पुनः पावन सतयुगी दुनिया में बदल सकते हैं, इसलिए एक निराकार परमात्मा शिव को याद करो। परमात्मा ने स्वयं बतलाया है तुम आत्मा में परमात्मा की सभी गुण और शक्तियां समाई हुई हैं, परंतु तुम जन्म मरण के चक्कर में और पांच विकारों में फंसकर अपनी शक्तियां और मूल गुणों को भूल चुके हो इसलिए अब इस विनाश के समय स्वयं परमात्मा ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी संस्था मानव से देवता बनाने का पुण्य कार्य कर रही है। यहीं से सच्चा परमात्मा ज्ञान वर्तमान समय में सबको मिल रहा है, इसलिए परमात्मा के द्वारा स्थापित प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी संस्था में जाकर राजयोग को अवश्य सीखें।सभी आत्माओं का कल्याण हो।
आपका राजयोगी भाई श्रवण कुमार मानिकपुरी। मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़।🌹🌹
Nirakar srishti karta paramaatma parampita ka nam siv he, yeh bate kis tothya ke sath bol rahe se 👉 kya nirakar srishti karta Iswar ne khud bataya? Jaisaa Bible me Iswar ne insaan ko apna nam " Jehovah " Bataya he परमेश्वर ने मूसा से कहा, “मैं जो हूँ सो हूँ।” फिर उसने कहा, “तू इस्राएलियों से यह कहना, ‘जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।’” फिर परमेश्वर ने मूसा से यह भी कहा, “तू इस्राएलियों से यह कहना, ‘तुम्हारे पूर्वजों का परमेश्वर, अर्थात् अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याकूब का परमेश्वर, " यहोवा ", उसी ने मुझ को तुम्हारे पास भेजा है। देख सदा तक मेरा नाम यही रहेगा, और पीढ़ी-पीढ़ी में मेरा स्मरण इसी से हुआ करेगा।’
(Bible निर्गमन 3.14-15)
Saheb bandagi bahut hi sundar Khoj kar ke bataya he prabhu tatt sat naam ❤
अंतर ज्योति शब्द यक नारी।
हरि ब्रम्हा ताके त्रिपुरारी ।।
ते तिरिये भंग लिंग अंनता।
तेउ न जानै आदिउ अंता।
बाखीर एक विधातै कीन्हा।
चैदह ठहर पाटि सो लीन्हा।
हरि हर ब्रम्हा मंहतो नाउं।
ते पुनि तीनि बसाबल गाऊॅ।।
ते पुनि रचिनि खेड ब्रम्हाडा।
छा दर्शन छानवे पखडा।।
पेटहि काहु न वेद पढ़ाया।
सुनति कराय तुरूक नहिं आया।।
नारी मो चित गर्भ प्रसूति।
स्वांग धरै बहुतै करतूती।।
तहिया हम तुम एकै लोहू
। एकै प्राणबियापल मोहू।।
एकै जनी जना संसारा ।
कौन ज्ञानते भयो निनारा।।
भा बालक भगद्वारे आया।
भग भोगेते पुरूष कहाया ।।
अविगति की गति काहु न जानी।
एक जीभ ढ़कित कहौं बखानी।
। जो मुख होइ जीभ दश लाखा ।
तौ कोइ आय महंतो भाखा।।
सा0- कहिहं कवीर पुकारिकै,
ई लेउ व्यवहार।
एक रामनाम जाने बिना,
भव बूडि मुवा संसार।।
जय गुरुदेव
Sat, sahib, sahib, bandage, guru, ji
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी भगवान की जय हो परमपिता मलिक सत साहेब संत बिरग दास जी महाराज आप संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सोनी साधना चैनल पर ईश्वरी चैनल पर युटुब पर तब तब आप सृष्टि रचनाबताएं जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो
Aapki haar ka karan aapki andhata hai Rampal ji ne konsa tatva ka gyan kar liya preeksha aapne Lee thee kon number diya. Koi bhi aadmi uth ke aata hai apne ko tatvadarshi ghosit karta hai or murakh log bina jaane bhedon ki tarha peechhe ho jaate hain. Khud ka gyan or vivek ko khaa ke bithe hai aap. Apne andar jhank ke dekho kahan stand karte ho phir Rampal ji ko parmatma banao. Aap hi nahi sabhi vo log jo apna vivek istmaal nahin karte vo dusron ko bhagwan banane ka kaam karte hai jaise bhagwaan banane ki machine hon.
Saheb bandgi saheb
Satguru swaim swrup Aadi ant gun kal triy
Pach tatw mili sthul sada parkasi parkh priy.
Sabhi guru ke Aadi guru hans deh nij chinh
Adli nam kahaeya adal kal par kinh.
Parmatma satguru Saheb Kabir Saheb bandagi, 🙏🙏🙏🙏🫂🙏🙏🌺🙏🙏🙏🙏
Aap ka satsang hame bahut acha laga hai kabir ji ❤❤
Bahut achha video dibara bhi bhejiga
कबीर साहब को,650साल पहले आये,
है,फिर,,केसे देखे होगै।।अनतो युग हुवै,
Dusre name se the
❤❤@@ashutoshbind.
Sat saheb suprim gaud kabir bhagaywan ki jay ho
Radhe, radhe, guru, ji
Dhan Nirankar Gi...
जयहारी.महादेव.कासार.दिडींचे विनेकरी.किटीआडगाव आतीउतम.चितंन
🌹 saheb bandagi satnam 🌹 sat saheb 🌹
बैंखो के लस्कर फिरै ।ये वाणी चोर कठोर ।सतगुरु धाम न जयगै ये चौरासी के डोर
आपका अदभुत,सतसंग है,साहब हम भी आपकी तरह,,सतसंग की मोज है,आपका कोटी कोटी बंदगी,,,साहेब,
हम आपका सूषटी रचना का प्रवचन सुनकर भ्रम से दूर हो गये है
साहेब बंदगी साहेब ❤
Saprem Saheb bandagi Saheb
🌹जी दयालू-दाता हुकम़🌹
जयश्री साईनाथ
Ati sundar prabachan❤
Sahib Bandagi Sahib Bandagi Sahib Bandagi
Puran parmatma kabeer ji hai
शिवअलगशंकरमेमरम हैशिवबरमज्ञहै
Om tatt sat naam
Very good saheb thank you so much and your most welcome at Kabir ashram katera
Adhura Gyan hai aapki vivechanla bharmit karegi Sahib bandagi
ब्रह्म आत्माएं ने बना सकता है ना मार सकता
ब्रह्म के 64 चौकड़ी युग काफल उसे सृष्टि चलाने के लिए आत्माओं को सत्पुरुष नेभेजा
श्रृष्टी श्रृजन राकेट साईन्स वाह
कबीर सारी सिरजनहार की जानै नाही कोइ ॥ कै जानै आपन धनी कै दासु दीवानी होइ ॥१७६॥
पद्अर्थ: सारी = सजाई हुई, बनाई हुई। सिरजनहार = विधाता, सृष्टि बनाने वाले परमात्मा। जानै नाही कोइ = हर कोई नहीं जानता। कै = या। धनी आपन = मालिक प्रभु स्वयं। दीवानी = उस के दीवान में रहने वाला, उसकी हजूरी में रहने वाला।
अर्थ: हे कबीर! ये बात हरेक व्यक्ति नहीं जानता कि यह (माया-रूपी आग सारे संसार को जला रही है) परमात्मा ने स्वयं बनाई है। इस भेद को प्रभु स्वयं जानता है या वह भक्त जानता है जो सदा उसके चरणों में जुड़ा रहे (सो, हजूरी में रहने वाले को पता होता है कि माया की जलन से बचने के लिए माया को बनाने वाले के चरणों में जुड़े रहना ही सही तरीका है)।176
सत् साहेव!
Guruji bahut ache bahut Sundar adhbhut apko koti koti pranam
किसका भक्ति करने से हम अमर लोक जाएंगे
Saheb.bandgi😂😂😂😂😂😂❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤.........
Jai Ho Jai Ho Jai Ho maharaj ji
Sahib bandgy sat namji
Saheb bandagi satnam ji.
अब भी आप चेत जाओगे तो सदगुरु कि कृपा का लाभ उठाने की कृपा करें विराग दास जी। संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग को समझने की कोशिश करनी चाहिए।
Tum log apne aap ki socho pure kaal ke jaal me fanse ho . Anurag sagar bilkul wrong hai. Kabir ne lokha nahin likhwaya nahi. Ye pakhad kabir ke jaane ke barson baad ka hai . Chaho to dekh lo kabir ki purani se purani book kab likhi gai. Janoge tab hos thikane aa jayenge. Pata chal jayega Rampalji ka gyan. Anthon ki tarah flow mat karo apna dimag istemal karke dekho.
Kabir sahab
हामारे संतॅने ज़ाना है .
Sahib, bandage, guru, ji
अनुराग सागर से अलग हैं ये ज्ञान
Saheb bandgi
Sat saheb G
Koti koti naman sadguru g
Sat saheb
साहेबबंदगी
Sat sahib ji 🙏🏽🙏🏽
आद्या व ब्रह्म एक ही है ।
Jay Shri Saint Rampalji Maharaj ❤
Sat saheb guru ji
Good morning ji 786
ભુલ એક જીવ.કી.ઓર. ભોગ્ગવે.અનેક. એટો અનાય.હે
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Very nice 👍
जगत का सुसिटी सर्ग का पीता कर हे छअ दिन मे दुनिया बनाए सात दिन बिसीरामं लिए एसीलिऐ रबीबार को छोटी होताहे मनुष्य को ऐहिआगीयादीऐ😮🤔💐
Good morning
❤❤❤❤❤❤
सहीकुराहोगूरुजीचूडामणीदास
1984 , na bhuljog, n bakshan jog ape kehna, parmatma bakshind e
Dhan nirankar Ji sukar hai satguru Mata Ji ka Rajpita Ji ka Jo aap jaise Santo k
परमात्मा कोन है सतगुरु राम राम पाल जी महाराज ने बताया और किसी ने नहीं बताया है
हक कलंदर हूं कलंदर अंदर अंधेरा बार। बंदर हक कलंदर हू कलंदर।
विराग दास जी सृष्टि रचना संत रामपाल जी महाराज जी सुने शाम 7:30 साधना चैनल पर सत्संग सुनिए आपको पता चल जाएगा कि सृष्टि रचना क्या है और कैसे हुई
Are jo dekha nahin uski baat karte ho. Rampal ji ne apni aankho se dekha thaa sristi bante hue. To jo kitaabon me likha hai usko padh ke sunana koi gyaan nahi. Kahte ho tatva darhi hai kitaab darsi. Lage raho saari Dunia hi lagi hai.
Jell se bahar nikal ke dikhao tabhi aapki baat Mane
@@hameerarammeena4015 Rampal ji ke saamne sristi rachna hui thi kya. Anurag sagar khud bhi padh lo aankhe khul jayengi. Anurag sagar kabir ne nahin likhi or naa hi unke saamne likhi. Koi recording bhi nahi hai jisme ye ho srirsty ki rachna kabir ne batai. 300 saal baad likhi kitab ko sahi Maan rahe ho. Jo bol diya vaise hi uske pichhe lag gye. Apna dimaag bhi lagao jo parmatma ne de ke bheja hai.
Sahib bandgi ji
Sat saheb ji
श्री कबीर जी, श्री अक्षर जी की पंच वासनाएं में से एक है श्री कबीर जी ।
ये खुद परमात्मा नहीं लेकिन परमात्मा को ज्ञात कराने वाले हैं। श्री ब्रह्मज्ञान के साक्षी हैं । अमरलोक तक है । मुल परमधाम तक की पहचान नहीं है।।
सिर्फ एक परमात्मा को ज्ञात कराने वाला ज्ञान श्री प्राणनाथ ब्रह्म ज्ञान श्री कुलजम स्वरूप साहेब जी वाणी, क्षर, अक्षर, से पार श्री अक्षरातित को ज्ञात कराता है।।
दुनिया का एक मात्र ज्ञान श्री प्राणनाथ ब्रह्म ज्ञान।।
लेकिन श्री कबीर जी की वाणी उच्च कोटि का ज्ञान हे। जो एक परमात्मा की साक्षी देता है।
परमात्मा को छोड़कर ज्ञान देने वाले श्री कबीर जी को परमात्मा बना दिया है वह ग़लत है।।
वियाग्रा,
शिवौऔ
कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है
Sahb ko koti koti pranam
अमर लोक कैसे जाये गुरूजी
Saheb Bandgi Saty Nam
Very nice ji