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sanskrit by tejendra 🙏🏻 तेजेन्द्रेण सरलसंस्कृतम्
Приєднався 7 тра 2019
श्री गुरवे नमः 🙏
नमः जनभाषायै संस्कृताय 🙏
एक लक्ष्य 🎯 = वयं विश्वे जागृयामः
भारत पुरातन काल से ही विश्वगुरु रहा है । भारत वर्ष में कई ऐसे उदाहरण है जिन्होंने विश्व के समक्ष अपना लोहा मनवाया है । भारत अब पहले की तरह वैश्विक स्तर पर उतना सक्षम नही है इसका प्रमुख कारण है कि हमने हमारी गुरुकुल पद्धति का त्याग कर दिया। जो पढ़ाई ओनलाइन माध्यम से होती है वह ऑफलाइन माध्यम से नहीं हो सकती है , लेकिन कुछ विषय अधिक कठिन होते है इसीलिए उन्हे समझाने के लिए मेरा एक छोटा सा प्रयास है । संस्कृतज्ञ ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने में बहुत पीछे है , इसीलिए मेरे द्वारा यह एक छोटा सा प्रयास है कि कोई भी संस्कृत छात्र अपनी पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से भी कर सकें लेकिन ऑफलाइन पढ़ाई ही श्रेष्ठ है।
अगर आप हमें कोई सुझाव, सलाह, ज्ञान देना चाहें तो बेझिझक दें सकते है ।
मोहन भागवत जी का वक्तव्य उचित या अनुचित।RSS।hindutva। हिंदुत्व। hinduism।प्रस्तोता तेजेन्द्र आचार्य
यह कार्यक्रम संस्कृत और संस्कृति के विकास के लिए प्रारम्भ किया गया। इस क्रम में प्रत्येक गुरुवार को यह प्रसारित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में सनातन धर्म से जुड़े मुद्दे या यथासमय आये मुद्दे के ऊपर समीक्षात्मक, आलोचना अथवा प्रशंसा हो सकती है। हम दोनों ही पक्षों को मान्य रखेंगे। इस कार्यक्रम में जो कहा जाएगा वह मेरे स्वयं के विचार है, हो सकता है आपके विचार उससे अलग हो। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसी भी, धर्म, संस्था, जाति, वर्ग, देश का अपमान करना कदापि नहीं है। हम सिर्फ उस विषय की समीक्षा कर रहे है। उसके प्रशंसा और आलोचना दोनों पक्षों को आपके सामने रखा जाएगा। यदि मेरे द्वारा बोले गए शब्द किसी भी प्रकार से आपको ठेस पहुँचाते है तो उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ ।
नमो वाचे। श्री गुरवे नमः। 🙏🏻
जो व्यक्ति जिस विषय में परिपक्व है वही उसके मूल ज्ञान को समझ सकता है । जैसे जिसे जोड़, घटाना, गुणा, भाग न आते हो वह गणित के प्रमेय, सिद्धांत, समीकरण कैसे समझेगा ?
ठीक उसी प्रकार जो धर्म का मर्म समझता है , जो धर्म के मूल ज्ञान को जानता है , जिसने धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया होगा वही तो समझ पायेगा कि कौन व्यक्ति धर्म के बारे में क्या कह रहा है । अगर किसी ने धर्म का सामान्य अध्ययन नही किया होगा तो उसके सामने तो कोई भी कथवाचक बिना श्लोक का उच्चारण किये या गलत श्लोक सुनाकर या अशुद्ध श्लोक सुनाकर चला जायेगा और श्रोताओं को पता ही नहीं रहेगा । क्योंकि श्रोता स्वयं अज्ञानी है । इसीलिए जो धर्म के मर्म को जानते है ऐसे साधु, संतों , मुनियों, शंकराचार्यों , जगत् गुरुओं आदि का सम्मान कीजिये और उनकी बातों का अनुसरण कीजिये ।
अगर मैं स्पेनिश नहीं जानता मतलब मैं स्पेनिश भाषा में अज्ञानी हूं , अब कोई थोड़ी बहुत स्पेनिश सीखकर मुझे सुनाये तो मैं निर्णय नहीं कर सकता कि वह व्यक्ति शुद्ध स्पेनिश बोल रहा है अथवा नहीं । मैं तो यही समझूंगा कि वह स्पेनिश भाषा का विद्वान है ।
ठीक उसी प्रकार से कथाओं में भी कथवाचक जी "जन्माद्यस्य यतोन्वयादि....................." को गलत या अशुद्ध बोलकर चला जाएंगे आपको पता ही नहीं चलेगा , जब कोई विद्वान यह कहेगा कि उन कथावाचक जी ने गलत श्लोक बोला तो अज्ञानी लोग उस विद्वान का ही विरोध करने लगेंगे।इसीलिए धर्म मजाक न बनाएं । इन्ही शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ ।
इत्युक्त्वा विरमामि प्रणमामि च 🙏🏻🙏🏻⚖️
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#hindutvawadi #hindutemple #hindutvastatus #sanatandharma #sanatani #हिंदुत्व #हिंदुत्वnews #shankaracharya #शंकराचार्य #sanskritbytejendra #सनातनधर्म #सनातनी_हिंदू #panchajanya #panchajanyam #nagpur
नमो वाचे। श्री गुरवे नमः। 🙏🏻
जो व्यक्ति जिस विषय में परिपक्व है वही उसके मूल ज्ञान को समझ सकता है । जैसे जिसे जोड़, घटाना, गुणा, भाग न आते हो वह गणित के प्रमेय, सिद्धांत, समीकरण कैसे समझेगा ?
ठीक उसी प्रकार जो धर्म का मर्म समझता है , जो धर्म के मूल ज्ञान को जानता है , जिसने धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया होगा वही तो समझ पायेगा कि कौन व्यक्ति धर्म के बारे में क्या कह रहा है । अगर किसी ने धर्म का सामान्य अध्ययन नही किया होगा तो उसके सामने तो कोई भी कथवाचक बिना श्लोक का उच्चारण किये या गलत श्लोक सुनाकर या अशुद्ध श्लोक सुनाकर चला जायेगा और श्रोताओं को पता ही नहीं रहेगा । क्योंकि श्रोता स्वयं अज्ञानी है । इसीलिए जो धर्म के मर्म को जानते है ऐसे साधु, संतों , मुनियों, शंकराचार्यों , जगत् गुरुओं आदि का सम्मान कीजिये और उनकी बातों का अनुसरण कीजिये ।
अगर मैं स्पेनिश नहीं जानता मतलब मैं स्पेनिश भाषा में अज्ञानी हूं , अब कोई थोड़ी बहुत स्पेनिश सीखकर मुझे सुनाये तो मैं निर्णय नहीं कर सकता कि वह व्यक्ति शुद्ध स्पेनिश बोल रहा है अथवा नहीं । मैं तो यही समझूंगा कि वह स्पेनिश भाषा का विद्वान है ।
ठीक उसी प्रकार से कथाओं में भी कथवाचक जी "जन्माद्यस्य यतोन्वयादि....................." को गलत या अशुद्ध बोलकर चला जाएंगे आपको पता ही नहीं चलेगा , जब कोई विद्वान यह कहेगा कि उन कथावाचक जी ने गलत श्लोक बोला तो अज्ञानी लोग उस विद्वान का ही विरोध करने लगेंगे।इसीलिए धर्म मजाक न बनाएं । इन्ही शब्दों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूँ ।
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किरातार्जुनीयम्।प्रथम सर्ग।षष्ठ श्लोक। भारवि।kiratarjuniyam।pratham sarga।shashtha shlok।bharavi
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Beauti full
🙏🏻🪷☺️
श्री गणेश भगवान जी ने
✅🪷
🙏🙏
🙏🏻🪷
❤❤
☺️❤️🪷
भ्राता श्री ये जो पण्चम् वर्ण हो रहा है ओ किस सूत्र से होगा, कृपया मार्गदर्शन करे।🙏🙏
किस स्थान पर ? उदाहरण क्या था ?
Sir class kyu nhi chal rhi
अभी थोड़ी व्यस्तताएं आ गईं हैं शीघ्र ही प्रारंभ करेंगे ।तब तक आप अन्य विषयों का अध्ययन कर सकते हैं।
सही बात है भाई
❤️🌼☺️🪷
💯💯
☺️🪷🌼
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🙏🏻🙏🏻🙌
🌼🙏🏻☺️
Aap ne satya kha hai bhaiya ji 😊
आभार 🌼🙏🏻 । सब शास्त्रीय मत है।
शोभनम् 🎉
☺️🌼❤️
❤️🙏
❤️🙏🏻
❤❤🎉
❤️❤️🌼
धन्यवाद
❤️🌼☺️
🙌🙌🙌🙏🏻
❤️🌼☺️
Shobhnam ♥️
❤️🌼☺️
ॐ
🪷
हर हर शंकर❤
🪷❤️ हर हर शंकर
जय सियाराम 🙏
जय सियाराम 🚩🙏🏻
❤
❤️
कहाँ पर है आप
भोपाल मध्यप्रदेश
🙏🙏
🙏🏻🙏🏻
Bahut hi सुंदर bhaiya ji 🙏
आभार 🌼🙏🏻
मेरा आपसे एक अनुरोध है आचार्य जी अगर हो सके तो कृपया कृपया करके नीलकंठ कवि की शिवलीला अर्णव: ग्रन्थ का अनुवाद कीजिये या वीडियो बनाइये कृपया करके 🙏
जी प्रयास करेंगे शीघ्र ही 🌼❤️
@sanskrit_by_tejendra बड़ी कृपा होंगी 🙏
कोई pdf वगैरह हो तो मुझे प्रेषित करिए कृपया
बहु शोभनम
🪷☺️
इसको आगे भी पढ़ाओ पूरा ग्रन्थ पढ़ाईये 👆
जी अवश्य प्रयास करेंगे।
अद्भुत भाईजी
☺️🌻❤️
❤ 😊 Nice
🙏🏻🪷☺️
❤❤❤TadhaRadha 🎉🎉radharafha🎉🎉🎉🙏🙏👺☠️☠️☠️🏓💄☠️☠️☠️☠️🥊🥊🥊🥊🥊
राधे राधे 🙏🏻
😂💯
😂☺️
मुखम व्याकरणं स्मृतं
✅☺️❤️🌼
🕉️🇮🇳🙂
🙏🏻🕉️🇮🇳
जय सिया राम
जय सिया राम 🙏🏻🌼
Pdf mil skta h iska ?
गूगल पर उपलब्ध है अथवा मैं ही टेलीग्राम पर भेज दूंगा ।
धर्म की वृत्ति हो रही है। 😢
जी हां 😐 मित्र
पिताजी के द्वारा कुटाई 😅🧠🙏🏻
हर हर महादेव
हर हर महादेव 🙏🏻
बहुत अच्छे तरीके से आप समझाते है।😊
धन्यवाद आपका 🙏🏻🪷☺️
🙏
🙏🏻
❤🙏
🙏🏻☺️
29:14 exactly 💯 bhai. Jo brahman sarkari Naukri mein unhe kuchh " "मूर्ख शिरोमणि" अधम ब्राह्मण कहते है, aur tark dete hain ki naukri karna toh bahut galat baat hai Brahmano ke liye..😅 *Note : मैंने मूर्ख शिरोमणि शब्द रामभद्राचार्य जी के संदर्भ में नहीं बल्कि मेरे एक जानकार के संदर्भ उपयोग किया है, लोग गलत ना समझें। उनके बारे में टिप्पणी करने के लिए मैं qualified नहीं हूं।
ब्राह्मण वर्षों से नौकरी करते आ रहे हैं । पहले के युग में भी राजा के एक ब्राह्मण दल होता था जो राजाओं को मार्गदर्शन देता था अतः आज के युग में भी ब्राह्मणों को नौकरी करने में कोई दोष नहीं है और मुख्य वार्ता जो ऐसी बात कर रहे क्या वे उनके वर्णाश्रम का पालन कर रहे हैं ? ब्राह्मणों को ज्ञान देना सरल है लेकिन ब्राह्मणत्व का जीवन जीना कठिन है । इसलिए ऐसे दुष्टों से सभी बचकर रहें । रामभद्राचार्य जी के लिए तो मेरे पास शब्द ही नहीं है😅🥲 उनकी विद्वत्ता शास्त्रमर्दन के लिए ही है । आपका धन्यवाद सहयोग के लिए 🙏🏻❤️💯🌼☺️
आज के समाज में वर्ण व्यवस्था का असली मतलब बहुत कम लोग समझते हैं, बहुत सराहनीय प्रयास है । कुछ तो इतने मूर्ख हैं कि चार किताब पढ़कर कहते हैं कि ब्राह्मणों को सिर्फ पूजा पाठ और ज्योतिष में ही अपना करियर बनाना चाहिए और रेफरेंस वर्ण व्यवस्था का देते हैं जबकि यह नहीं समझते कि पठन पाठन का कार्य भी समाज में ब्राह्मण का ही है। मेरे विचार में धर्म ग्रंथों को समझने के लिए एक ब्रॉड mindset की अत्यधिक आवश्यकता है संकीर्ण मानसिकता से तो लोग सुंदरकांड का ही गलत मतलब निकाल लेते हैं। ऐसे ही अच्छा कंटेंट बनाते रहिए... सीताराम जी ऐसे कंटेंट को खूब वायरल करें
जी हां, सही बात है 💯 । ब्राह्मण को वर्णाश्रम के अनुसार ही कर्म करने चाहिए शिक्षा दीक्षा ये उसके कार्य हैं लेकिन इसके अपवाद भी हैं जैसे अश्वत्थामा, द्रोणाचार्य, भगवान् परशुराम इत्यादि । अतः स्वकर्म अनुसार ब्राह्मण बाध्य नहीं किसी विशेष कार्य के लिए । वर्तमान कलियुग में तो हर क्षेत्र में संघर्ष करके देश को औन्नत्य पथ पर ले जा सकते हैं । आपका अनंत आभार 🌼🙏🏻 ☺️
🙏🕉️
🙏🏻🕉️
बिल्कुल सत्य है 🙏🙏
आभार 🙏🏻🌼
सही बात बोलना सबको बुरा लगता है भाई तुम लगे रहो शेषमंगल कामना
आभार 🌼☺️
🙌🙌🙌🙌
🙏🏻☺️🌼🪷
😊😊
☺️☺️
Boht accha initiative hai apka , aap chankya neeti padha rahe , iss series ko roz continue kariye , hum padhna chahte hai. Jaitu Sanskritam Jaitu Bharatam. Hare Krishna
जी आभार आपका, ☺️🌻🌼 धीरे धीरे प्रेषित करते रहेंगे नए श्लोक की वीडियो
जै जै श्री राधे गोविन्द।
जय जय श्री राधे गोविन्द 🚩🙏🏻🌼