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Dr. Sachchidanand Joshi
Приєднався 13 чер 2016
Writer , Communicator , Influencer , Educationist
भारतीय भाषा दिवस के अवसर पर आयोजित 'भारतीय भाषा उत्सव' में व्याख्यान
11 दिसंबर 2024 को ‘भारतीय भाषा दिवस 2024’ के अवसर पर इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र एवं हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘भारतीय भाषा उत्सव’ में अपने विचार रखें।
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Відео
Speaking on Religion Consciousness & Spirituality in Arts @ 8th International Ancient Art Festival
Переглядів 41Місяць тому
Speaking on Religion Consciousness & Spirituality in Arts at 8th International Ancient Art Festival. #Religion #Consciousness Spirituality in Arts #Ancient #Art #Festival #culture #indianculture
भावांजलि: कौन ठगवा नगरिया लूटल हो || पद्मश्री मालती जोशी || भजन प्रस्तुति: कालापिनी कोमकली -1
Переглядів 8447 місяців тому
लेखिका एवं कथाकार, पद्मश्री मालती जोशी की स्मृति में आयोजित भावांजलि कार्यक्रम 'कौन ठगवा नगरिया लूटल हो' में विदुषी कालापिनी कोमकली द्वारा "घर आया जी आया" भजन प्रस्तुति। #maltijoshikikahaniyan #मालतीजोशी #भजन #bhajan #kalapinikomkali #कालापिनीकोमकली
श्रीमती मालती जोशी
Переглядів 387 місяців тому
श्रीमती #मालतीजोशी ने अपने लेखकीय व्यक्तित्व को अपने परिवार के ऊपर, बच्चों के ऊपर लादने का, आरोपित करने का कभी भी प्रयास नहीं किया। कभी उन्होंने नहीं कहा कि शोर मत मचाओ मुझे कहानी लिखनी है, कभी उन्होंने नहीं कहा कि यह कमरा; यह दरवाजा अभी मैं बंद कर रही हूं क्योंकि मैं कुछ लि रही हूं; क्योंकि मैं कुछ सोच रही हूं; कभी उन्होंने यह नहीं कहा कि इस वक्त में तुम्हारे लिए खाना नहीं बना सकती; जो कुछ रात...
At Kalam Ahmedabad in Conversation with Shaneel Parekh
Переглядів 206Рік тому
Participated in the Kalam Ahmedabad organised by Prabha Khaitan Foundation and shared my thoughts & stories during the conversation with Shaneel Parekh. #Kalam #PrabhaKhaitan #shortstories #SJoshi #SachchidaJoshi
Speaking at Orientation Program for The Students of PG Diploma Courses of Academic Session2023-24
Переглядів 119Рік тому
Shared my thoughts at the Orientation program for the students of PG Diploma Course of Academic Session 2023-24 on 12th September 2023 organised by Indira Gandhi National Centre for the Arts #IGNCA. #Orientationprogram #PGDiplomaCourse #motivation #motivational #motivationalspeech #MotivationalSpeaker,
यूँ ही साथ साथ चलते
Переглядів 173Рік тому
शादी को जब 31 साल हुए 2019 में तब हमने एक साझा कविता संग्रह निकाला था, " यूँ ही साथ साथ चलते " शीर्षक से जिसमे हम दोनो की 31-31कविताएं थी।संग्रह काफी सराहा गया। उस वर्ष के श्रेष्ठ कविता संग्रहों में इसकी गिनती हुई। पति पत्नी दोनो का साझा कविता संग्रह एक नया प्रयोग था। सच कहें तो ये कोई ऐसी जुगलबंदी नही थी। दोनो की कविताएं अपने अपने ढंग की थी अपने निराले अंदाज की। लेकिन जिसने पढ़ा उसे इसमें एक क...
उद्घाटन उद्बोधन || अभिलेखशास्त्र एवं पाण्डुलिपि विज्ञान विषय पर 7 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला
Переглядів 164Рік тому
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अन्तर्गत कार्यरत्त 'राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन' एवं संस्कृत विभाग, मिराण्डा हाउस, राजधानी महाविद्यालय द्वारा अभिलेखशास्त्र एवं पाण्डुलिपि विज्ञान विषय पर आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में पाण्डुलिपि के महत्व पर अपने विचार रखे। #Epigraphy #Manuscriptology #manuscripts #manuscript #Sjoshi #SachchidanandJoshi #IGNCA #MirandaHouse #lecture
Speaking on De Museumization at the Stand Alone Session in the International Museum Expo 2023
Переглядів 196Рік тому
The Ministry of Culture, Govt. of India organised a three-day #InternationalMuseumExpo held from 18th - 20th May 2023 at Pragati Maidan, New Delhi to commemorate and celebrate #InternationalMuseumDay. It has been designed to initiate a holistic #conversation on #Museums to enable them to evolve as cultural centres that play a pivotal role in India’s #culturaldiplomacy, in a year where India hol...
Keynote Speech at International Conference on English Studies in India: Centenary Perspective
Переглядів 158Рік тому
Keynote Speech at International Conference on English Studies in India: Centenary Perspectives organised as a part of Centenary Celebrations, Department of English, University of Delhi. #KeynoteSpeech #EnglishStudies #India #DepartmentEnglish, #UniversityofDelhi #DelhiUniversity #DU
The 1st Decolonized Gita (गीता की वि-उपनिवेशीकृत व्याख्या)
Переглядів 109Рік тому
The 1st Decolonized Gita (गीता की वि-उपनिवेशीकृत व्याख्या)
आसान नहीं होता संज्ञा का सर्वनाम बन पाना....
Переглядів 1732 роки тому
आसान नहीं होता संज्ञा का सर्वनाम बन पाना....
Book launch Pal Bhar Ki Pehchaan (पल भर की पहचान) || Sahitya Aaj Tak 2019
Переглядів 582 роки тому
Book launch Pal Bhar Ki Pehchaan (पल भर की पहचान) || Sahitya Aaj Tak 2019
Inaugural speech at Workshop on Quality Audit & Language Moderation of the Content in the Dossiers
Переглядів 912 роки тому
Inaugural speech at Workshop on Quality Audit & Language Moderation of the Content in the Dossiers
व्याख्यान || भारतीय ज्ञान संस्कृति: परम्परा एवं समसामयिक परिप्रेक्ष्य
Переглядів 4,1 тис.2 роки тому
व्याख्यान || भारतीय ज्ञान संस्कृति: परम्परा एवं समसामयिक परिप्रेक्ष्य
कविता "हिंदी का टीचर" || संस्मरण || हिंदी दिवस 2022
Переглядів 2692 роки тому
कविता "हिंदी का टीचर" || संस्मरण || हिंदी दिवस 2022
व्याख्यान || हिंदी दिवस 2022 || लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी
Переглядів 7822 роки тому
व्याख्यान || हिंदी दिवस 2022 || लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी
काशी के बसय्या || काशी पर केंद्रित संगीतमय प्रस्तुति
Переглядів 3472 роки тому
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At the Book Release "Connecting through Culture" Anthology on India's Soft Power Strengths
Переглядів 832 роки тому
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व्याख्यान || भारतीय चित्त, मानस और काल || श्री धर्मपाल शताब्दी समारोह संगोष्ठी
Переглядів 2922 роки тому
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Inaugural Address || The Power of Museums || International Museum Day
Переглядів 662 роки тому
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At Cine Talkies: सिने सृष्टि - भारतीय दृष्टि
Переглядів 1642 роки тому
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Bina Aawaz Ki Taali || World Theatre Day
Переглядів 512 роки тому
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विश्व कविता दिवस || सुलगती जिंदगी || मैदान मत छोड़ना - कविता संग्रह
Переглядів 612 роки тому
विश्व कविता दिवस || सुलगती जिंदगी || मैदान मत छोड़ना - कविता संग्रह
Bahut hi shandar
अद्भुत, 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Reality comes later ❤🎉
Bas yahi ha manusya aur pashu ma antar. Lakin kya nimna istar bhasha ka prayog hame fhir pashu banata ha?
🙏🏻
बहुत महत्वपूर्ण उद्बोधन हार्दिक बधाई डॉ.वेदप्रकाश, असिस्टेंट प्रोफेसर, किरोड़ीमल कॉलेज ,दिल्ली विश्वविद्यालय
Dr. सच्चिदानंद जोशी अद्भूत प्रतिभा के धनी है. भाषा पर प्रभुत्व के साथ वाणी पर भी अच्छा प्रभुत्व है.
बहुत ही मजेदार किस्सा सुनाया आपने, सादर अभिवादन 🌹🙏🙏
आपको सुनने का आशय हो स्वयं को समृद्ध करना ❤ 🌹🙏🙏
प्रणाम समस्त प्रफूदजन को शिक्षा, पटवान, समर्थवान होने पर समाज, rast को इसी तरह परस्पर सामंजयस चलाते, बढ़ाते रहे ससकीर्ति, हमारे पुरातन को हम सब को सिंचित करते, करतय रहे, धन्यवाद, कोटि कोटि सनातन प्रणाम
विस्तृत की सार्थकता को संक्षेप में समेटे इस उद्बोधन के लिए धन्यवाद एवं शुभकामनायें सर 💐
🎉सदस्य सचिव महोदय द्वारा यह एक स्मरणीय उद्बबोधन था जो शिक्षकों , विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं के लिए अनुपम संदेश था l हमारे सर वास्तविक रूप में हम सभी के मेंटर हैं . बधाईयाँ .🙏💐
अति उत्तम
ज्ञानवर्धक व्याख्यान
N.I (Natural Intelligence) largely getting defeated at the hands of A.I (Artificial Intelligence) and ASAP it is eroding our C.I (Creative Intelligence). This is nice topic you have touched upon on the occasion of this Unique Celebration. I also thanked HRD Minister for his valuable article on the same Subject published in Indian Express 11.12.24. ANANT
हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए। 🙏
अद्भुत आयोजन एवं श्रेष्ठ, प्रेरणादायक उद्बोधन 🙏💐
यह अत्यंत गौरव के क्षण है....
प्रेरणास्पद व्याख्यान
महत्वपूर्ण जानकारी के लिए अभिनन्दन
सर आपको प्रणाम आपने सही कहा भाषा हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का एक माध्यम है। यह हमें दूसरों के साथ संवाद करने और अपने विचारों को साझा करने में मदद करती है। भाषा हमारी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह हमें अपनी पहचान और समुदाय की भावना को विकसित करने में मदद करती है। भाषा शिक्षा, संचार और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। धन्यवाद 🙏
सही है।
🙏🏻
बहुत ही शानदार प्रस्तुति
बहुत बहुत प्रेरक उद्बोधन, सादर प्रणाम ❤🙏
ऐसे महानुभाव को सादर प्रणाम
सादर अभिनन्दन
🎉🎉🎉
👍
सादर नमन
A mother is a mother is a mother…🙏🙏🙏
❤❤❤❤ for being part of Ram lalla
Sir aap kahan se hai
शानदार भाषण I
बहुत सुंदर
मुझे तो अब तक यही पता था कि यम श्री ने नचिकेता को एक वर मांगने को कहा था, जिसके प्रत्युत्तर में नचिकेता ने तीन वर मांगे थे। किंतु आज नव ज्ञान मिला, आपका हार्दिक आभार 🙏
बहुत अच्छा
बहुत ही शानदार उद्बोधन
❤ विचित्र जानकारी।
Bohot, bohot badhaaiyaan Malvikaji aur Joshiji ko! Prateekshaa (aaturtaa se) rahegi aur adhik "Jhalkiyon" ki !
मेरे कमेंट को सर आप जरूर........
कभी जब सरकारी आदेश के हिसाब से हिंदी ही मीडियम ज्ञान का एक मुख्य मीडियम होगा तब सभी लोग हिंदी में ही पड़ेंगे और हिंदी को समृद्ध करेंगे
और इंग्लिश मीडियम स्कूलों को तुरंत ही सरकार को बंद कर देना चाहिए
Kyu tujhe aati nahi isliye??? 😂😂😂😂😂
😂😂@@Bhy587
@@Bhy587english gulami ki Bhasha hai, isse gulami ki boo aati h , mtlb badboo
मेरे विचार से सर भारत में हिंदी को ही पढ़ाई का एक मीडियम बनाना चाहिए दूसरी अन्य किसी भी भाषा को
Joshiji’s speech makes us think about how deeply we are influenced by the colonial mindset, whose hidden traces can still be seen in different areas. This has nothing to do with a specific section of our society but can be seen in every class. There are many ancient practices that were ignored or condemned in the due course of time, by us. But, when the Western world noticed and appreciated them and started practicing, we too started copying them (exceptions were always there but in small numbers). What would you say about practicing Yogaasan, naturopathy/Ayurveda, organic food habits, use of fertilizers, even some social etiquettes, etc. . . . to name a few. I am not against adopting good thoughts/practices from other cultures but before doing so, one has to be sure of the reason. Are we just mimicking out of fashion or a status symbol or do we really need it? Also, condemning or ignoring our own cultural treasures and other good things doesn’t make us look smart/intelligent. Joshiji’s mention of art/mural preservation is a serious example of this. In fact, I would say that it is not just the museum authorities but we in general, who should RETHINK about our strategies. Thank you for such an insightful speech, Joshiji!
Sir, thank you so much for such an enriched insight of how a museum is suppose to document, narrate, and display our ancient and traditional ways of history, and our rich culture and heritage, through a museum. Sir , we need visionaries like you , who understands the preservation and documentation of our heritage , and how it is so different from the way the western world perceives it..! Thank you so much once again for sharing your in-depth knowledge on the above..! Regards 🙏
Dr. Joshi has hit the nail on the head by stating limitations imposed by our layered history of many centuries , superimposed by Western academia, definition and practices. In saying that ours is a living tradition and not a MUMMIFICATION, is also noteworthy. Glad someone who is an artiste by disposition; an academic by profession is now an arts administrator too, who is thinking anew. His DISCourse here is meaningful and concise. It should be enlarged by way of a book and brought into art education. Really.
Very few people have the clarity to talk so clearly ! ❤❤❤
बहुत शानदार जानकारी
Very true description of methodology of seeking knowledge through process of unlearning and swadhyaaya....