प्रदेश के 50%स्कूल का यही हाल है कमीशन के कारण बच्चों को सही पोषण आहार मिलना मुस्किल है। प्रधान पाठक एवम समूह वालो के उपर करवाही होना चाहिए। ऐसे लोगो को शर्म आनी चाहिए
Sir aap ptrakar logo ko bol rahe ho galti samuha ke aur tichar logo ki hai jab uan logo fayda nahi ho rahi hai to jhod de na sarkar kuchh aur faisla lege
@@technicalgeneralinfo9420 ta tihi ha bane bane madhyanh bhojan khila ke jammo chhattisgarh ke samuh man la misaal pesh karke youtube me video dikha ji
सबसे पहले तो पालक को जागरूक होना पड़ेगा पालक को चाहिए कि 5.19पैसे में मध्यान भोजन कैसे बनेगा शासन प्रशासन से बात करना होगा इसमें शिक्षक किसी शासन प्रशासन पर दबाव नहीं बना सकते क्योंकि वे शासकीय कर्मचारी है और औसर जी आप हम सभी देख रहे है महंगाई कितना बढ़ा हुआ है संभव ही नहीं है 5.19 में अच्छा सब्जी मिले ।आपका यह वीडियो सरकार तक सन्देश देने के लिए बहुत अच्छा है । पालक इस 5.19 पैसे पर बोलने से बच रहे है मतलब वे डर रहे है बल्कि उन्हें डरना नही चाहिए खुल कर बात रखे और mdm समूह के माध्यम से बनता है उन्हें भी अधिकारी लोगों को बोलना चाहिए । और मेरा उनके लिए भी सुझाव है जो कार्यवाही चाहते है वे एक महीने mdm बनाकर खिलाये बच्चों को ताकि उन्हें भी सच्चाई मालूम होगा ।।
इस मैडम की हिसाब से ही खाना बनता है जो भी सब्जियां लाते हैं उसको बनाने वाला बनाते हैं जो भी गलतियां हैं इस मैडम की है इस मैडम को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए
प्राथमिक विद्यालय मध्यान्ह भोजन 1 छात्र प्रतिदिन - 5.19 रूपये दर निर्धारित है । (1) चावल 100 ग्राम प्रति छात्र मिलता है, मतलब 10 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम चावल बनता है। (2) सब्जी 50 ग्राम प्रति छात्र मिलता है , मतलब 20 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम सब्जी बनता है । (3) दाल 20 ग्राम छात्र मिलता है, मतलब 50 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम दाल बनता है ।
फाइव स्टार होटल से काहे नहीं order बुक करवा देते हो , चिकन तंदूरी भेजा फ्राई बटर नान रसमलाई यह सब खिलाना चाहिए पढ़ा कि नहीं पढ़ा कोई मतलब बस खाना चाहिए
गांव के बच्चे, गांव के समुह और गांव के पुरे लोग ये सब मिलकर मद्याहन भोजन को पूर्ण गुणवत्ता पूर्वक बनाया जा सकता है समुह मनमानी करता है और उसका परिणाम जबरदस्ती शिक्षक भुगतते है क्योंकि समुह के खाते मे सीधा पैसा जमा होता है|
अच्छा खाना के लीये स्कूल जा सकते हैं लोग माँ बाप पर शिक्षा के लीये इनके पास वक्त्त नही होता,ये शिक्षा का हाल फिर क्यू सरकार और शिक्षक को दोष देते फिरते हैं लोग,मैं मध्यान भोजन के खिलाफ नही हूँ
Chhatishgar के स्कूल मे यही हाल है समूह वाले को छोड़ देना चाहिये अगर मेहनत का नी मिल रहा है तो समूह वाले राशन को बचा के ले जाते है हर स्कूल का मामला है तो कहा से अच्छा राशन मिलेगा
गरीब परिवार को अपने लिए भोजन उपलब्ध होता है लेकिन बच्चो के लिए भोजन उपलब्ध नही होता। जब बच्चे स्कूल में भोजन करते हैं तो उनके घरवाले भोजन कैसे करते हैं?
पत्रकारिता भी ऊंचे स्तर का होना चाहिए । शासन प्रशासन सारी जिम्मेदारी शिक्षकों पर डाल दे रहे हैं । कभी ये भी तो देखें कि 5रुपए 19 पैसे में कमाएगा क्या और खिलाएगा क्या , क्या समूह वाले और रसोइया के समय की कोई कीमत नहीं है। इनकी आवाज़ कौन उठाएगा।
ये जिम्मेदारी महिला समिति और रसोइया की है, प्रधान पाठक तो एक बार जाँच करके आ चुकी थी,, भरोषा में तो दुनिया चल रहा है, मेरे ख्याल से कोई भी शिक्षक बच्चों का निवाला नही छिन्नता, हर मामला मे शिक्षको पर आरोप लगाना कदाचित् सही नही लगता,, मै शिक्षक नही, जनप्रतिनिधी हुँ।
पी डी एस के द्वारा थर्ड क्लास चावल सप्लाई किया जा रहा है उसका वीडियो क्यों नहीं बनाते हैं, आृज के मंहगाई में 5 ₹ में कौन समूह गुणवत्ता युक्त खाना खिलाएगा, आप एम डी एम चलाकर देखिये पता चलेगा
अरे भाई cg में सभी स्कूल में यही हाल है ।क्योंकि सरकार सबसे न्यूनतम दर मध्यान्ह भोजन के लिए देती है वो भी 2 3 महीना बाद देती है। समूह कितना निर्वहन करते है किसी को क्या पता। सरकार का क्या है कुछ भी निर्देश देती है। उसके क्रियान्वयन के लिए paryapt फंड देना चाहिए ।ऐसा नहीं की समूह अपना बात सरकार के समक्ष रखती नही ।हर साल तो रसोइया संघ हड़ताल करती है ।और क्या कर सकते है।भाई १रसोइया को रोजी 60 ,65 रूपए पड़ता है। किसी का घर चलेगा ? आप बोलोगे नही चलेगा तो छोड़ दो ।तो कोई भी जो खाना बनाएगा यही करेगा तो क्या हर 2माह में रसोइया बदलते रहेंगे थोड़ा तर्कसंगत बात करना चाहिए ।
हम जनता और स्कूल पढ़ने वाले बच्चों के पिता जी को जागरूक होने की जरूरत है, ओम प्रकाश जी का सुपर वीडियो
छ.ग का ऐसे खबर को सरकार तक पहुचाये सर जी। 🙏🙏🙏
प्रदेश के 50%स्कूल का यही हाल है कमीशन के कारण बच्चों को सही पोषण आहार मिलना मुस्किल है। प्रधान पाठक एवम समूह वालो के उपर करवाही होना चाहिए। ऐसे लोगो को शर्म आनी चाहिए
यहां के कर्म चारी एक नम्बर के झुठे बेईमान 👍
समूह चलाते है भोजन
बहुत अचछा सभी शालाओ मे जाकर देखना चाहिए👍👌
80% स्कूलों का यही हाल है 5-7 रुपये me गुणवत्ता पुर्वक सब्जी मिल पाना मुश्किल है l
Saayad bina hisaab kiye sarkaar paisa de raha hai bhai
अगर परोड़ता नही तो नही लेना चाहिए, मध्यान भोजन देने का जिम्मा शासन समझे
कितने पैसे देता है प्रति बच्चे का जितने पैसा मिलता है उतने में आधे बच्चे को नंही खिला पायेगा
पत्र कार महोदय जी आप भी एक माह आप खिला कर दिखावो
Sir aap ptrakar logo ko bol rahe ho galti samuha ke aur tichar logo ki hai jab uan logo fayda nahi ho rahi hai to jhod de na sarkar kuchh aur faisla lege
@@B_Puraina bhai agar nai posay ta baccha man la kuchh bhi khilana he ka
@@technicalgeneralinfo9420 ta tihi ha bane bane madhyanh bhojan khila ke jammo chhattisgarh ke samuh man la misaal pesh karke youtube me video dikha ji
Bhut khub sir esa hona chahiye
5 रुपये में दाल, सब्जी, और आचार पापड़ कौन खिला पायेगा और जो समूह वाले चला रहे हैं उनको भी तो फायदा होगा तभी तो चला पायेगा सरजी
जब तक कोई सरकारी अफसर या नेताओ के बच्चे जब तक सरकारी स्कूल मे नही पढ़ेंगे तब तक सरकारी स्कूल का नक्शा नही बदलेगा
सही बात है👍
Bilkul sahi ke rhe he aap...or ye tab ho skta h jab janta muhim chalaye.....
Sahi baat hai
Sahi bole bhai
5.19रु में पनीर टिक्का खिलाओ जी😂😂😂
इसमें रसोईया की कोई गलती नहीं है जितना सबजी समुह देगी वही बनाएगी ऐसे तो नहीं होता है कि समान को बचाके रसोईया घर ले जाए,
ऐसा भी होता है हमारे गांव में
और स्कूलों की खबर लीजिये, बहुत बढ़िया 👍👍👍👍
ओमप्रकाश भैया क्या आप कभी रसोईया के दुख के बारे मे लोगो को बता पाएंगे कितना परेसानी का सामना करना पड़ रहा है 🧐😏🧐
कितना पैसा मिलता हौ ओर कितना काम करना पड़ता है
Kam paise me kam q karte hai ye log
सरकार को मध्यान भोजन व्यवस्था में परिवर्तन करना चाहिए जिससे सभी बच्चो को उचित भोजन मिल सके गलती इनकी नही गलती शासन की है
बहुत बढीया छा गये गुरु
यूपी तो ऐसी हो ना बच्चो के साथ नो कॉम्प्रमाईज
नागपुर महाराष्ट्र
Jabardast most osm beautiful namber1 hai ripoting good
सबसे पहले तो पालक को जागरूक होना पड़ेगा पालक को चाहिए कि 5.19पैसे में मध्यान भोजन कैसे बनेगा शासन प्रशासन से बात करना होगा इसमें शिक्षक किसी शासन प्रशासन पर दबाव नहीं बना सकते क्योंकि वे शासकीय कर्मचारी है और औसर जी आप हम सभी देख रहे है महंगाई कितना बढ़ा हुआ है संभव ही नहीं है 5.19 में अच्छा सब्जी मिले ।आपका यह वीडियो सरकार तक सन्देश देने के लिए बहुत अच्छा है ।
पालक इस 5.19 पैसे पर बोलने से बच रहे है मतलब वे डर रहे है बल्कि उन्हें डरना नही चाहिए खुल कर बात रखे और mdm समूह के माध्यम से बनता है उन्हें भी अधिकारी लोगों को बोलना चाहिए ।
और मेरा उनके लिए भी सुझाव है जो कार्यवाही चाहते है वे एक महीने mdm बनाकर खिलाये बच्चों को ताकि उन्हें भी सच्चाई मालूम होगा ।।
ये सब सरकार की गलती है जो ये योजना चला रहा है सब भ्रष्टाचार में लिप्त है सरकार से लेकर समूह वाले तक .... मध्याह्न भोजन योजना बंद कर देना चाहिए
Right 👆
जब तक टीचर स्कूल में बच्चों के साथ खाना नहीं खाएगे तो ऐसा ही होगा भैया
टीचर को खाना जरूरी होता है,और चखना पंजी में रोज एंट्री करनी पड़ती है।
You all right bhaiya ji
Teacher school mein khana khaenge bhi to unke liye alag se pakaya jata hai aur Achcha Diya Jata Hai bacchon Ko Aisa Hi dena tha Pani wala
मध्यान्ह भोजन चलाने समूह को दिया गया है समूह वाले चाहते हैंज्यादा से ज्यादा कमाई हो इसलिए समान देने में कंजूसी करते हैं इसी कारण से ये हो रहा
इस मैडम की हिसाब से ही खाना बनता है जो भी सब्जियां लाते हैं उसको बनाने वाला बनाते हैं जो भी गलतियां हैं इस मैडम की है इस मैडम को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए
महँगाई के हिसाब से सरकार को मध्यान भोजन का खर्च देना चाहिए।
शानदार पत्रकारिता महोदय जी बाकी school में विजिट करें
Bahut sundar sir aap ek achhe report bhi hai aaj pata chala very nice 👍👍👍👍👍
भौकाल टीवी झारखंड की तरह आप भी छत्तीसगढ़ के स्कूलों का विडियो बनाओ सर स्कूल की पढ़ाई, शिक्षा आदि।
Wel done
Har shetra me apke video ki jarurat hai
अगर कोई समूह नही ले रहा है तो प्रधान पाठक जी शाला प्रबंधन समिति से संचालित कीजिए।
प्राथमिक विद्यालय मध्यान्ह भोजन 1 छात्र प्रतिदिन - 5.19 रूपये दर निर्धारित है ।
(1) चावल 100 ग्राम प्रति छात्र मिलता है, मतलब 10 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम चावल बनता है।
(2) सब्जी 50 ग्राम प्रति छात्र मिलता है , मतलब 20 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम सब्जी बनता है ।
(3) दाल 20 ग्राम छात्र मिलता है, मतलब 50 बच्चों के लिए 1 किलोग्राम दाल बनता है ।
Cccm
Ccc?''''>?'
इसप्रकार का हाल हर छत्तीसगढ़ की स्कूलो और आँगनबाड़ी की है.
जय हो ..पत्रकार महोदय 👍
सच तो ये ऎसा कालाबाजारी छत्तीसगढ़ के अधिकतर स्कुलों में होता हॆ। ऎसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होना चाहीए ।साथ ही पालको को भी ध्यान देना चाहिये।
ये तो बहुत अच्छा है आप नवागढ़ के ग्राम मदनपुर में आना फिर आपको पता चल जायेगा
रसोइया बेचारी जो मिलेगा वही बनाएगी
Bahut sundar bhaiya ji aap ek achhe ripotar hie
Bahut sahi Kiya sir aapane jabardast class liya sir 🙏🌹🌹aapane
Repoter ji ko 100 topo ki salam🙏🙏
जबरदस्त कका ऐसनहे छापा मारते रहव तभे सुधरही ऐ मध्यान भोजन ह पुरा पानी पानी खवात हे लईका मन ला
समूह वाला मन ला नि पोषाय कहत हे जी
सब समूह वाला मन के खेल हे हर जगह
Are jab ni posat he kaba karatha mat kara Sarkar la sikayat kara
अरे पोसातीस त काबर अईसने करतीन एक महिना स्कूल चला के देख सब पता चल जाही
@@gautamnetam1181 har जगह ले पैसा नि बचाना हे जी
सर जी आप भौकाल टीवी जैसा वीडियो बनाओ छत्तीसगढ़ का भला होगा
कितना दूध कितना पानी औचक निरीक्षण में पता चलता है अधिकारी बता के आएंगे तो सब ठीक ही मीले गा
रसोइया को बी 1 दिन का 50 रूपए देते है नेता लोग को बी 50 रूपए दे के काम करा के देके तब पाता चलेगा
जहा तक मुझे पता है जब मध्यान्ह भोजन बन कर तैयार हो जाता है तो प्रधानाध्यक उस भोजन को टेस्ट करते है अगर सब ठीक होता है तो बच्चों को खिलाया जाता है ।
Is patrakar Bhai ko bahut bahut dhanyawad jo sachi news dikhane ke liye
स्कूल प्रबंधक और समूह प्रबंधक की गलती है बच्चे के जान से खिलवार कर रहे है सारा सर ना इंसाफ़ी है
इसमें शिक्षक लोगों की कोई गलती नहीं है.... सरकार सामान अच्छा और मुबलक नहीं देती....
प्रधान पाठक को ही कितनी जिम्मेदारी दोगे ? वो पढ़ाएगा कि एम डी एम में माथापच्ची करेगा । एम डी एम का संचालन पंचायत समिति को सौंप देना चाहिए ।
कैसा पढाते है उनका भी वीडियो लगा है वहां पालक की जिम्मेदारी तय कर देंगे
@@B_Puraina सरकार के खिलाफ घलो बोलबो ,अऊ गुरु जी अईसन होही त ओकरो बर बोलबो
Bahut qch sir
Bahut badhiya...aisa nahi hona chahiye
महोदय आप ही कुछ दिन चला कर देखो इतनी माहगी सब्जी है प्रति बच्चे 5r
Bahut sundar repoting sir ji har jile ka har ganw ka yahi haal hai
Kabhi aao hamare pamgarh vikaskhand me aaiye
Vishwakar kosir pamgarh
हव
फाइव स्टार होटल से काहे नहीं order बुक करवा देते हो , चिकन तंदूरी भेजा फ्राई बटर नान रसमलाई यह सब खिलाना चाहिए पढ़ा कि नहीं पढ़ा कोई मतलब बस खाना चाहिए
गांव के बच्चे, गांव के समुह और गांव के पुरे लोग ये सब मिलकर मद्याहन भोजन को पूर्ण गुणवत्ता पूर्वक बनाया जा सकता है समुह मनमानी करता है और उसका परिणाम जबरदस्ती शिक्षक भुगतते है क्योंकि समुह के खाते मे सीधा पैसा जमा होता है|
अच्छा खाना के लीये स्कूल जा सकते हैं लोग माँ बाप पर शिक्षा के लीये इनके पास वक्त्त नही होता,ये शिक्षा का हाल फिर क्यू सरकार और शिक्षक को दोष देते फिरते हैं लोग,मैं मध्यान भोजन के खिलाफ नही हूँ
निरीक्षण करने वाले जाते नहीं आंगनबाड़ी हो या संकुल बस अपनी मनमानी कर रहे है
Chhatishgar के स्कूल मे यही हाल है
समूह वाले को छोड़ देना चाहिये अगर मेहनत का नी मिल रहा है तो
समूह वाले राशन को बचा के ले जाते है हर स्कूल का मामला है
तो कहा से अच्छा राशन मिलेगा
bhiya..aap.kam bahut acha kr rhe h ...bas ek kam or kar dijiye. ye video C.M...sir , Collector or DEO sir ko bhejiyee or unse jawab mangiye.
यहाँ अधिकारी पहुंचे हैं नोटिस भी मिला है उसका भी वीडियो लगा है
@@omprakashausar link shear kijiye
Bhai Dil khush kr dehe ji reporter,,
सभी जगह ऐसा ही भोजन मिल रहा है।
Sabhi schools me Jake aise hi dho dalo Bhai 👌👌👌👌👌
और यकीनन यह पहली बार nhi बना होगा ऐसा खाना ,, चेकिंग पहली बार हुआ है सही से
आप कहां से हो सर हमारे गांव खिसोरा देवकर जिला बेमेतरा में भी एक बार जरूर आना और वो भी किसी को बिना बताए धन्यवाद
Ok
गरीब परिवार को अपने लिए भोजन उपलब्ध होता है लेकिन बच्चो के लिए भोजन उपलब्ध नही होता।
जब बच्चे स्कूल में भोजन करते हैं तो उनके घरवाले भोजन कैसे करते हैं?
Bahut sundar video bhaiya har dist m apmn jaese press wala hona chahiye selut h apla
धन्यवाद जी
प्राय: सभी पाठशालाओं का यही हाल है, कोई निरीक्षण करने वाला नहीं है इसमें विद्यालय प्रशासन व प्रधान पाठक की भूमिका महत्वपूर्ण है😱😱😱😱😱
मैं इस विडियो को जरूर सेयर ,, करूंगा,,,,भैया जी,,,,
इसके परदे के पीछे को छोड दिया है आपने प्रयास सही मगर रस्ता गलत जीनका काम पढाना है उनको खाने पिलाने कि नौबत किसने लाई
पत्रकारिता भी ऊंचे स्तर का होना चाहिए । शासन प्रशासन सारी जिम्मेदारी शिक्षकों पर डाल दे रहे हैं । कभी ये भी तो देखें कि 5रुपए 19 पैसे में कमाएगा क्या और खिलाएगा क्या , क्या समूह वाले और रसोइया के समय की कोई कीमत नहीं है। इनकी आवाज़ कौन उठाएगा।
अचार पापड़ फिर यह सब का तो पैसा खाते होंगे ना चावल दाल तो मेरा है सब्जी बचत सामान कहां है आचार पापड़ फल भी है उसमें कहां है वह सब का पैसा
अरे पत्रकार महोदय महिला समूह वाले को पूछो जी
भौकाल टीवी की तरह आप भी छ ,ग, हर जिला के स्कूलो मे जा कर विजिट करो भैया 🙏🙏🙏
Ok
@@omprakashausar tq
Sir kabhi surajpur jila chirimiri jila koriya jila me v aaiye
ये जिम्मेदारी महिला समिति और रसोइया की है, प्रधान पाठक तो एक बार जाँच करके आ चुकी थी,, भरोषा में तो दुनिया चल रहा है, मेरे ख्याल से कोई भी शिक्षक बच्चों का निवाला नही छिन्नता, हर मामला मे शिक्षको पर आरोप लगाना कदाचित् सही नही लगता,,
मै शिक्षक नही, जनप्रतिनिधी हुँ।
Jimadari sikshako ki hi hai khana paroste samay tichar logo ho waha hona jaruri hai uas time to ooo log free rahte hai
पी डी एस के द्वारा थर्ड क्लास चावल सप्लाई किया जा रहा है उसका वीडियो क्यों नहीं बनाते हैं, आृज के मंहगाई में 5 ₹ में कौन समूह गुणवत्ता युक्त खाना खिलाएगा, आप एम डी एम चलाकर देखिये पता चलेगा
Yaise guru ji logo ka vetan Aur badna chahiya cg. CM ko
अरे भाई cg में सभी स्कूल में यही हाल है ।क्योंकि सरकार सबसे न्यूनतम दर मध्यान्ह भोजन के लिए देती है वो भी 2 3 महीना बाद देती है। समूह कितना निर्वहन करते है किसी को क्या पता।
सरकार का क्या है कुछ भी निर्देश देती है। उसके क्रियान्वयन के लिए paryapt
फंड देना चाहिए ।ऐसा नहीं की समूह अपना बात सरकार के समक्ष रखती नही ।हर साल तो रसोइया संघ हड़ताल करती है ।और क्या कर सकते है।भाई १रसोइया को रोजी 60 ,65 रूपए पड़ता है। किसी का घर चलेगा ? आप बोलोगे नही चलेगा तो छोड़ दो ।तो कोई भी जो खाना बनाएगा यही करेगा तो क्या हर 2माह में रसोइया बदलते रहेंगे
थोड़ा तर्कसंगत बात करना चाहिए ।
ओम प्रकाश जी आप नगर पालिका बिरगांव क्षेत्र में आकर निरीक्षण कीजिए कितना धांधली इधर भी हो रहा है
Kosis karenge
प्रधान पाठक की लापरवाही है,कैसे खाना बनता है ,क्या बन रहा है ये तो देखना चाहिए न,उनको
प्रधान पाठक जिम्मेदारी लें
Patan के ए हाल हे त बाकी प्रदेश के का हाल हे
ओम प्रकाश जी आप से निवेदन है। की आप सभी को स्कुलो मे जाके गुरूजी मन के भी विडीयो बनाय करा
Patrakar mahoday aap ye bye ki es bajat me bachcho ko kya khila sakte hai pura hisab bataye
Bahut achha sir aap sarkari school me jake kam se kam sachhaee ka pata chala ki kis tarah se bachhe ko bhojan dete hai
Sir Oman kitna jhan khana banathe
Sb schools m yhi haal hai., भ्रष्टाचार और कमीशन के कारण ऊपर से नीचे लेवल तक आते आते जिसको लाभ मिलना चाहिए।।।उसको 100% लाभ का 20% ही मिल पाता है
सब स्कूल का मध्यान भोजन का यही हाल है औसर भाई साहब
सर पूछना है तो रासोयि प्रधान से पूछो खाना बनाने वाले को क्यो दबाव डाल रहे हो
एक बच्चा पिछे 1,50 आता है अब हिस्साब करलो और दोष किसे दो गे
Nhi 5.19ata hai
Bhai log aap log government hospital me bhi jao vaha pe dva kya hota h testing kya hoti plz aap jao
और इनको 34% डी ए चाहिए।।।
भाई आप की जाती क्या है तो,अवसर तो आप के गांव का नाम है न🤔
Me is school ki rasoya hu asa ho raha hm parasan ha kya kara
Cg me aap jaisa mediya wala jaruri hai
धन्यवाद जी
Bahut hi badhiya bhaiya......
मध्यान्ह भोजन के समस्या मे सबसे बड़े गुनहगार कौन? रसोईया, समूह चलाने वाला या प्रधानपाठक?
Hamare gaon chichour. Umariya main bhi aisa hota hai 1anda ka 3tukde karke date hai
Ye p.p. Sarita sahu wahi aurat ladies hai Jo apne pati ko jhuthe DAHEJ me fasayi thi or aaj khud fas gayi 😠😠😠
आलू मटर में इतना पानी कौन डालता है,क्या घर मे खाना ऐसे ही बनाती हैं
आप भी 150 ग्राम चाँवल और 5 रूपये 19 पैसे मे संतुलित भोजन किया करे।
Hamara gave ma be asa khana banta pani baali ballr banti
Sab is headmaster ki galati hai inke hi bachhe ko yaha padao tab samjh me ayega .. .,😡😡😡😡😡😡😡😡😡
Patan Kai hal hai to baster ka kya hal hoga patrakaar bhaiyon se nivedan Ek Najar baster per bhi dalen
Jabbardast class lagaye bhaiya 👍👍 jaruri h sare school me hona chahiye aisa visit 👍🙏
🙏
Ease her school me hona chahiye sir ji
ये मेडम झूठ बोला थे , समूह वाले के साथ मिले भगत है।
Good sabhi school me check Krna chahiye
Rosaiya ka bhe taklif dekhia bhai ji
Payment 1400 milta hai our kam duniy bhar ke
Very nice sar