जीवन के किस पड़ाव पर दुख होगा कब सुख होगा,अष्टक वर्ग के रोचक सूत्र,
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- Опубліковано 2 тра 2022
- DevGuruAstro, नक्षत्र तक, Nakshtra Tak,
Astrology is an ancient concept, as old as time, you can say. It is an importance aspect of our lives - our past, present and future. To a great extent, astrology is used to forecast and predict future events and can also be used as a medium to get rid of any kind of mishap related to planetary positions.
जीवन के किस पड़ाव पर दुख होगा कब सुख होगा,अष्टक वर्ग के रोचक सूत्र,#अष्टक_वर्ग,
ज्योतिष शास्त्र में अष्टक वर्ग का महत्वपूर्ण स्थान होता है। साधारण रूप से गोचर कुंडली का अध्ययन करते समय अष्टक वर्ग की सर्वाधिक आवश्यकता होती है। या यूं कहा जा सकता है कि गोचर कुंडली का अध्ययन ही अष्टक वर्ग कहलाता हैं। इसके अंतर्गत सात ग्रह और लग्न को मिलाकर आठ वर्ग का अध्ययन क्या जाता है जिसे अष्टक वर्ग कहा जाता है। जब ग्रह गोचर वश राशियों में भ्रमण करते हैं उस समय ग्रहों का क्या शुभ अशुभ फल होता है। इसी का विचार करने के लिए अष्टक वर्ग को महत्वपूर्ण माना जाता है। तोआइए जानते हैं कि अष्टक वर्ग का निर्माण किस प्रकार से किया जाता है। जब कोई ग्रह गोचर वश राशियों में भ्रमण करता है तो अष्टक वर्ग में जहां शुभ होता है उसे बिंदु कहा जाता है। और जहां अशुभ होता है उसे रेखा से प्रदर्शित किया जाता हैं।
इसी क्रम में हम सूर्यादि सप्त ग्रहों के अष्टक वर्ग का निर्माण करना जानते हैं। राहु और केतु को स्थान नहीं दिया गया है क्योंकि दोनों ही ग्रह छाया ग्रह है। उनका कोई पिंड शरीर नहीं होता है। इसलिए उनको यहां जगह नहीं दी जाती है।
#अष्टकवर्ग
गुरूजी , आपने पिछले विडिओ में 6 , 8 , 12 में कम बिंदु हों तो अच्छा बतलाया , किन्तु कुछ ज्योतिषी अधिक बिंदुओं को अच्छा बतलाते है , सही क्या है ?
सही समय निकालने के लिये साल मास दिन महीना धंटे मिंट सैकंड निकलते है सरल विधि शेष भावफल वचता है नीचे शेष सख्या वचती उससे मास दिन धंटे सैंकैड निकलते है सही सूत्र लग्न से अशुभ ग्रह शनि देव मंगलदेव सूर्य देव राहू देव केतू देव जिस राशि मे वैठे है वहां तक गिने और अष्टकवर्ग मे प्राप्त सख्यां जोडे शेष भावफल साल शेष फल से मास दिन धंटे सैंकैड निकाले नोट जिस राशि मे शुभ ग्रह वैठै है लगन से उस राशि तक गिने जो भाव फल वचा साल जो शेषफल वचा उस से मास दिन भी निकाल सकते है और जिस राशि मे शुभ अशुभ ग्रह वैठे है उस राशि से लग्न तक जो अष्टक वर्ग मे अंक प्राप्त है उसे जोडे जो भावफल शेषफल वचता है साल मास निकाले लग्न से ग्रह तक ग्रह से लग्न तक अष्टाकवर्ग की प्राप्त सख्यां जोडे
लग्न में ही शनि देव हों तो कैसे देखें?
अष्टकवर्गके कोष्टकमे बिंदु और रेखा दोनो देखनेको मिलता है तो ज्यादा बिंन्दु अच्छा या रेखा? सबका तरीका अलग अलग होताहै या समान?
जब 27 से भाग करना है तब 56 कैसे आएगा
गुरूजी एक ग्रह का गुणा भाग करके समझाते तो अच्छा लगता, भाग फल और शेष वाली बात समझ में नहीं आया
आप बचे हुए शेष फल english में remender की बात कर रहे हैं या जितने वर्ष विभाजित हो जाते हैं वो वर्ष लेना है
ग्रहों के डिग्री /पावर कैसे निकालते हैं?
जिसकी कुंडली में चंद्र मारक ग्रह होता है क्या ओह सुख दे सकता
Iska matlab to jo bhi Greh 9,10,11,12, bhav me bethe honge usnka results hame 50 year old baad hi milega and first house planet ka bachpan me ?..
आपको बहुत धन्यवाद मैने बहुत लोगो को सुना है पर आप सचमुच बहुत ही अच्छा समझाते है you are very Great sir 🙏
अष्टकवर्ग के बारे में आपने बहुत अच्छा वर्णन किया है। बहुत ही रोचक विषय। आपके मार्गदर्शन और प्रयासों के लिए धन्यवाद पंडित जी।
Kuch naya sikhne ko mila aaj is 2 video se. Ji .. Dil se pranam
गुरुजी प्रणाम🙏🙏
ज्ञान वर्धक 🙏
बहुत बढ़िया, धन्यवाद.
Aastakvarg very clear vry accurate
बहुत अच्छा समझाते है आप गुरु जी
Thank u for this knowledge sir😇🙏
नमस्कार गुरूदेव ☺️🙏