पर नारी की पृति फुस की तापनी//शीशकाट के धारो होतन अपनी//गजल सम्राट दीक्षा शास्त्री जी
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- Опубліковано 2 жов 2024
- पर नारी की पृति फुस की तापनी//शीश काट के धारो होत न अपनी//गजल सम्राट दीक्षा शास्त्री जी#dikshashastri
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परनारी
परनारी की प्रीत पि
पर नारी से प्रीत न करियो पि
पर नारी की प्रीत फ़ूस की तपनी पि
पर नारी विष की कतार बिन पि
पर नारी की प्रीत बृजेश शास्त्री पि
पर नारी पैनी छुरी ्
पारी से प्रीत न करियो जो सुख चाहो मोरे र्
पर नारी की प्रीत सुरजन शास्त्री ि
पर नारी पैनी छुरी तमूरा भजन ि
पर नारी पैनी छुरी लोकगीत पि
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Beti app bahut badia bhagbat kahati ho etani see kam ayu me apaka bahut bahut dhanyabad bhagban apako lambi ayu de