Sojat मीडिया के सामने सब की पोल खोल दी satlok aashram sojat

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  • Опубліковано 10 жов 2024
  • सतलोक आश्रम सोजत में आए एक कथा वाचक ने मीडिया के सामने सब की पोल खोल दी

КОМЕНТАРІ • 169

  • @RAMASHISHCHAUHAN-ls5ks
    @RAMASHISHCHAUHAN-ls5ks Місяць тому +1

    Very nice interview 🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺

  • @KailashDevi-uy5qu
    @KailashDevi-uy5qu 6 місяців тому +2

    कबीर साहिब जी पूर्ण परमात्मा हैं ❤🙏🙏

  • @SANJAYTIWARI-kl8fl
    @SANJAYTIWARI-kl8fl 6 місяців тому +3

    देश में संविधान विशेषज्ञ इनके यूट्यूब की जांच करें और विधि अनुसार कार्रवाई करें

    • @malvadarshannews
      @malvadarshannews  6 місяців тому

      ठीक है तिवारी जी लग जाओ काम पर

  • @drjanardan2455
    @drjanardan2455 7 місяців тому +3

    Sat.sahebji

  • @ramvtarjajoriya6067
    @ramvtarjajoriya6067 7 місяців тому +4

    Kabir is सुप्रीम good

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      हम तौ एक एक करि जाना।
      दोइ कहै तिनहीं कीं दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
      एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांना।
      एकै खाक गढ़े सब भाई एकै कोंहरा सांना।।
      जैसे बाड़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
      सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
      माया देखि के जगत लुभानां काहे रे नर गरबांना।
      निरभै भया कछू नहिं व्यापै कहै कबीर दिवाँनाँकबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। वे आत्मा को परमात्मा का अंश मानते हैं। कबीर कण-कण में ईश्वर की सत्ता को देखते हैं।
      व्याख्या-कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है।

  • @SanjayJogI902
    @SanjayJogI902 2 місяці тому +1

    गरीब अलल पंख अनुराग है सुन मंडल रहे थीर।
    दास गरीब उधारिया मोहे सतगुरु मिले कबीर।।

  • @KamlaDevi-i2q
    @KamlaDevi-i2q 7 місяців тому +11

    Sat Saheb ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

  • @shobhitrajak3544
    @shobhitrajak3544 7 місяців тому +3

    Sat sahebjee.

  • @bhaichndbhai1325
    @bhaichndbhai1325 7 місяців тому +3

    Satsahebji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @PremlalBohane-q8o
    @PremlalBohane-q8o 3 місяці тому +1

    Sat Sahib

  • @Sarita.333singh
    @Sarita.333singh 7 місяців тому +3

    True Guru sant Rampal Ji Maharaj

  • @sonalichoudhary8061
    @sonalichoudhary8061 7 місяців тому +7

    भारत होगा विश्व विजेता ,भारत होगा विश्व का नेता

    • @dengerpooja
      @dengerpooja 7 місяців тому

      ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @avneshkumar7456
    @avneshkumar7456 7 місяців тому +7

    संत रामपाल जी महाराज दे रहे हैं शास्त्रों से प्रमाणित भक्ति

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      Kiya bhakti sastro se hoti h murkh k bacche agr bhav hi na ho toh sastro se kiya hoga

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      हम तौ एक एक करि जाना।
      दोइ कहै तिनहीं कीं दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
      एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांना।
      एकै खाक गढ़े सब भाई एकै कोंहरा सांना।।
      जैसे बाड़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
      सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
      माया देखि के जगत लुभानां काहे रे नर गरबांना।
      निरभै भया कछू नहिं व्यापै कहै कबीर दिवाँनाँकबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। वे आत्मा को परमात्मा का अंश मानते हैं। कबीर कण-कण में ईश्वर की सत्ता को देखते हैं।
      व्याख्या-कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है।

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      Kabir ko manta nahi h rampal janta nahi uske updeso ko batata nahi arth ulta hi nikal k rakh deta h ye dekho kabir k kuch sabad हम तौ एक एक करि जाना।
      दोइ कहै तिनहीं कीं दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
      एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांना।
      एकै खाक गढ़े सब भाई एकै कोंहरा सांना।।
      जैसे बाड़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
      सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
      माया देखि के जगत लुभानां काहे रे नर गरबांना।
      निरभै भया कछू नहिं व्यापै कहै कबीर दिवाँनाँकबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। वे आत्मा को परमात्मा का अंश मानते हैं। कबीर कण-कण में ईश्वर की सत्ता को देखते हैं।
      व्याख्या-कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है।

  • @kamlabansiwal6817
    @kamlabansiwal6817 7 місяців тому +3

    Sarvotam gyan ,sat saheb ji ❤❤❤

  • @ParamSatyaParameshwer
    @ParamSatyaParameshwer 7 місяців тому +4

    Great True Sant Jagatguru Tavtdarshi Sant Rampal Ji Bhagavan Ji Ki Jay Ho 🙏

  • @jayeshbhai7967
    @jayeshbhai7967 7 місяців тому +1

    अरे भाई परमात्मा कृपा ही सबकूश है🌹🌹🙏🙏🙏

  • @PushpaDasi-kz7rh
    @PushpaDasi-kz7rh 7 місяців тому +2

    Sat Saheb ji 🙏🏻🙏🏻

  • @Suresh-je1rc
    @Suresh-je1rc 7 місяців тому +3

    Sat guru Rampal Maharaj Ji tetwdrshi sant

  • @badarnathnath8940
    @badarnathnath8940 7 місяців тому +3

    सत साहेब ❤❤❤❤❤❤❤

  • @beerbaljangid9365
    @beerbaljangid9365 7 місяців тому +2

    Anmol gyan

  • @devdasnath656
    @devdasnath656 7 місяців тому +3

    🙏 कबीर 🙏
    🌹पानी से पैदा नहीं 🌹 स्वासा नहीं शरीर 🌹
    🌹अन आहार करता नहीं🌹 जाका नाम कबीर🌹

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      हम तौ एक एक करि जाना।
      दोइ कहै तिनहीं कीं दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
      एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांना।
      एकै खाक गढ़े सब भाई एकै कोंहरा सांना।।
      जैसे बाड़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
      सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
      माया देखि के जगत लुभानां काहे रे नर गरबांना।
      निरभै भया कछू नहिं व्यापै कहै कबीर दिवाँनाँकबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। वे आत्मा को परमात्मा का अंश मानते हैं। कबीर कण-कण में ईश्वर की सत्ता को देखते हैं।
      व्याख्या-कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है।

  • @dilipsihore4517
    @dilipsihore4517 7 місяців тому +2

    Yes babaji ne parakh sidhdhhant ka sahi adhdhyan nahi kiya hai

  • @Oppo-x7o2r
    @Oppo-x7o2r 7 місяців тому +5

    जय हो बन्दिछोड जि की

  • @बद्रीलालबालाराम

    अनमोल ज्ञान

  • @bherulalmeena6485
    @bherulalmeena6485 7 місяців тому +3

    Bahut achha

  • @ramniwashkatariya6882
    @ramniwashkatariya6882 7 місяців тому +1

    Very nice interview

  • @VV_BRO
    @VV_BRO 7 місяців тому +3

    परमात्मा की जय हो।

  • @RakeshKumar-mk6pk
    @RakeshKumar-mk6pk 7 місяців тому +3

    वर्तमान समय में जितने भी धर्मगुरु हैं वे सभी सनातन धर्म के विपरीत भक्ति साधना कर व करवा रहें हैं। जिससे पवित्र गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 के अनुसार मानव को कोई लाभ नहीं हो रहा है।
    जबकि संत रामपाल जी महाराज सनातन धर्म ग्रंथ पवित्र गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में सांकेतिक मंत्र ओम्-तत्-सत्" का भेद बताकर भक्ति कर व करवा रहे हैं जिससे मानव को सुख प्राप्त हो रहें हैं।
    Supreme God Kabir

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      Lagta h durgati se aap ko rampal jaise murkh guru mile h ye dekho kabir ji kiya bata Rahe h rampal k sabdo se match kar Lena हम तौ एक एक करि जाना।
      दोइ कहै तिनहीं कीं दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
      एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांना।
      एकै खाक गढ़े सब भाई एकै कोंहरा सांना।।
      जैसे बाड़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
      सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
      माया देखि के जगत लुभानां काहे रे नर गरबांना।
      निरभै भया कछू नहिं व्यापै कहै कबीर दिवाँनाँकबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। वे आत्मा को परमात्मा का अंश मानते हैं। कबीर कण-कण में ईश्वर की सत्ता को देखते हैं।
      व्याख्या-कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है।

    • @RakeshKumar-mk6pk
      @RakeshKumar-mk6pk 7 місяців тому

      @@k.psingh4701 इसका क्या मतलब हुआ बत्इओ
      बात क्या चल रही बता क्या रहा है
      तुम जैसो के ज्ञान पर हसी आती है
      इतना बडा मैटर लिख दिया कोई समझने बात है इसमे

  • @sundarpanchal4455
    @sundarpanchal4455 7 місяців тому +1

    🙏🙏

  • @jitanidevi7973
    @jitanidevi7973 7 місяців тому +5

    Jay Ho Bandi Chhod Ke Satguru Rampal Ji Bhagwan Ji ki Jay Ho

  • @mohansaini5642
    @mohansaini5642 7 місяців тому +3

    True spiritual knowledge

  • @ParamSatyaParameshwer
    @ParamSatyaParameshwer 7 місяців тому +2

    Great True Spiritual Knowledge 🙏

  • @HpShort-st9lu
    @HpShort-st9lu 7 місяців тому +1

    Sat saheb ji 🙏🙏

  • @jayeshbhai7967
    @jayeshbhai7967 7 місяців тому +1

    कृपा ही परमात्मा है

  • @RanjitdasKheda
    @RanjitdasKheda Місяць тому +1

    इजरायल के प्रो. हरार के अनुसार 'भारत देश का एक दिव्य महापुरूष मानवतावादी विचारों से आध्यात्मिक क्रांति की जड़े मजबूत कर लेगा व सारे विश्व को उनके विचार सुनने को बाध्य होना पड़ेगा।'
    और वह दिव्य महापुरुष संत रामपाल जी महाराज हैं जिनके सत्य आध्यात्मिक ज्ञान के आगे सभी नतमस्तक हैं।

  • @satgurukachela6808
    @satgurukachela6808 7 місяців тому +1

    Very nice

  • @praveshpotter4122
    @praveshpotter4122 7 місяців тому +6

    Nice news

  • @ramkaranrawat5517
    @ramkaranrawat5517 7 місяців тому +2

    कबीर लख भर सुरा जुजहि, लखभर सावंत देह।
    लखभर यती जहान में,तव सतगुरु शरणा लेह। ।कबीर मीठा बोले नम्र रहे ,करे सबसे स्नेह ।
    कितने दिन काजीवना कितने दिन की देह।।गरीब जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक।
    पूर्ण ब्रह्म कबीर है अविगत पुरुष अलेख।।सुमरन करे सतनाम का ,अर्पण कर शरीर ।आठ पहर रक्षा करे ,सतगुरु सत कबीर ।।

  • @raghuveernaruka4633
    @raghuveernaruka4633 7 місяців тому +2

    Nice

  • @rajududi3421
    @rajududi3421 7 місяців тому +5

    अनमोल सच्चाई।

    • @chandrakantmunnaswami5550
      @chandrakantmunnaswami5550 7 місяців тому

      अनमोल सच्चाई ए नहीं है भगतभाई,ए तो सिर्फ और सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है जी 🙏
      अगर आप अनमोल सच्चाई जानना चाहते हो तो,
      पढ़िए पवित्र पुस्तक:----
      ""ज्ञान अमृत एवं षड़यंत्र का विष ""पुस्तक को पढ़िए,
      आपके आंखों से आंसू आएंगी, पर्दे के पिछे इन लोगों ने गुरूजी के साथ क्या क्या अत्याचार किए हैं जी, 🙏

  • @ManmohanSingh-in4ny
    @ManmohanSingh-in4ny 7 місяців тому +3

    Super ideas

  • @pspanwar4697
    @pspanwar4697 7 місяців тому +3

    Very nice truth

  • @RamswaroopJat-y2r
    @RamswaroopJat-y2r 7 місяців тому +8

    आज पूर्ण परमात्मा का ज्ञान देश में ही नहीं विदेश में खेल रहा है जी एक दिन पूरा विश्व संत रामपाल जी महाराज के द्वारा अनुसरण करेंगे तथा संत रामपाल जी महाराज के द्वारा एक दिन पूरा विश्व आएगी तथा विश्व गुरु संत रामपाल जी महाराज के द्वारा ही बनाया जाएगा एक दिन पूरी धरती स्वर्ग बन जाएगी

  • @BherulalPrajapat-ot7qw
    @BherulalPrajapat-ot7qw 7 місяців тому +2

    True

  • @lakshmantatma5293
    @lakshmantatma5293 7 місяців тому +2

    🙏 Sant 👏 Rampal 👏 Ji 🙏 Maharaj 🙏 ji 👏 ki 👏 Jay 🙏 ho 🙏👏👏🙏

  • @AbhishekBhatiAbhishekBhati-t6g
    @AbhishekBhatiAbhishekBhati-t6g 7 місяців тому +4

    संत गरीबदास जी -
    दोहू ठौर है एक तू , भया एक से दोय।
    गरीबदास हम कारणें , आए हो मग जोय।।

  • @rishituran5262
    @rishituran5262 7 місяців тому +5

    Bolo satguru dev ki jai ho

  • @ManjeetKumar-t4z
    @ManjeetKumar-t4z 7 місяців тому +3

    Sant Rampal ji maharaj is a Great sant in the world

  • @pradipkumarkumar2988
    @pradipkumarkumar2988 7 місяців тому +4

    संत रामपाल जी महाराज जी ❤❤

  • @sureshpandit4161
    @sureshpandit4161 7 місяців тому +6

    सत्या को स्वीकारना एगो या अहंगकार पे लगता है, भगति तो सभी करते हैं। जिससे कोई लाभ नहीं होता है, सत सत नमन साहेब सत सत नमन ❤❤❤❤❤

  • @bharatArtInBharatArtIn
    @bharatArtInBharatArtIn 7 місяців тому +1

    Anmol

  • @RajendraChaudhari-u3p
    @RajendraChaudhari-u3p 7 місяців тому +1

  • @maganlal4898
    @maganlal4898 7 місяців тому +3

    Sat Guru dev Rampal Ji bhagwan ki charno me koti koti pranam das ka Malik Charan me rakhana ji

  • @bindusubedisubedi784
    @bindusubedisubedi784 7 місяців тому +6

    जगत गुरु संत रामपाल जी महाराज जी विश्व का धर्म गुरु है मालिक है 🙏🌷🙏

  • @ajitkumarp1644
    @ajitkumarp1644 7 місяців тому +3

    धरती ऊपर स्वर्ग

  • @MahendraKumar-yp4pj
    @MahendraKumar-yp4pj 7 місяців тому +2

    Kabir saheb hi purn pramatma he

  • @KamlaKanwar-n6w
    @KamlaKanwar-n6w 7 місяців тому +3

    संत कबीर

  • @God.kabir467
    @God.kabir467 7 місяців тому +1

    Sat sahib ji 🙏

  • @sangeetajharee908
    @sangeetajharee908 7 місяців тому +1

    Sache bhakt sachaai ko hi apnata hai, Sat Saheb ji🙏🙏🙏

  • @HakimSingsh
    @HakimSingsh 7 місяців тому +1

    Sant Rampal Ji Maharaj ka Sare vedon se pramanit Gyan hai Kabir Saheb hi Bhagwan Hain

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      Agr kabir ji bhgwan h toh ye kabir ji kisko keh rahe hहम तौ एक एक करि जाना।
      दोइ कहै तिनहीं कीं दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
      एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांना।
      एकै खाक गढ़े सब भाई एकै कोंहरा सांना।।
      जैसे बाड़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
      सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
      माया देखि के जगत लुभानां काहे रे नर गरबांना।
      निरभै भया कछू नहिं व्यापै कहै कबीर दिवाँनाँकबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। वे आत्मा को परमात्मा का अंश मानते हैं। कबीर कण-कण में ईश्वर की सत्ता को देखते हैं।
      व्याख्या-कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है।

  • @SantoshDevi-l2s
    @SantoshDevi-l2s 7 місяців тому +4

    धीरे धीरे बहुत से लोगों का नजरिया बदल रहा है संत रामपाल जी महाराज के प्रति

  • @arvindrana7403
    @arvindrana7403 7 місяців тому +3

    संत रामपाल जी महाराज की जय जयकार हो।।

  • @SurendraSingh-je1lq
    @SurendraSingh-je1lq 7 місяців тому +5

    गरीब अनंत कोटि ब्रह्मांड का एक रति नहीं भार ।
    सतगुरु पुरुष कबीर है कुल के सिर्जनहार ।।

  • @godawarikumari4308
    @godawarikumari4308 7 місяців тому +4

    Sant rampal ji maharaj hi pure bisv me eak sche sant hain 😢❤😢❤

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      Itna jhuta h ki kabir ke arth bhi nahi batata pakhandi rampal हम तौ एक एक करि जाना।
      दोइ कहै तिनहीं कीं दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
      एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांना।
      एकै खाक गढ़े सब भाई एकै कोंहरा सांना।।
      जैसे बाड़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
      सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
      माया देखि के जगत लुभानां काहे रे नर गरबांना।
      निरभै भया कछू नहिं व्यापै कहै कबीर दिवाँनाँकबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। वे आत्मा को परमात्मा का अंश मानते हैं। कबीर कण-कण में ईश्वर की सत्ता को देखते हैं।
      व्याख्या-कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है।

  • @jayprakashuniyal
    @jayprakashuniyal 7 місяців тому +6

    संत रामपालजी महाराज ही वर्तमान में एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।

  • @JatinKumar-j5r
    @JatinKumar-j5r 7 місяців тому +5

    विश्व विजेता संत रामपाल जी

  • @ramsuyashkarpenter8873
    @ramsuyashkarpenter8873 7 місяців тому +3

    विश्व विजेता संत रामपाल महाराज जी की जय

  • @omprakashsharma1791
    @omprakashsharma1791 7 місяців тому +3

    🙏🌺🙏Bandi chod sat guru Rampal ji ki charno me koti koti dandwat charan sparsh 🙏🌺🙏Sat Saheb🙏🌺🙏

  • @BalbirSingh-sm8yw
    @BalbirSingh-sm8yw 7 місяців тому +6

    धरती पर पूर्ण परमात्मा अवतार संत रामपाल जी महाराज।

  • @RajuKatata-s7s
    @RajuKatata-s7s 7 місяців тому +1

    सत साहेब जी

  • @JatinKumar-j5r
    @JatinKumar-j5r 7 місяців тому +3

    सत्य का नाम संत रामपाल जी महाराज

  • @anjukanwer3011
    @anjukanwer3011 7 місяців тому +3

    Super

  • @beerbaljangid9365
    @beerbaljangid9365 7 місяців тому +1

    Awesome knowledge

  • @Supremedemon-y3r
    @Supremedemon-y3r 7 місяців тому +1

    Amazing news

  • @RanjitdasKheda
    @RanjitdasKheda Місяць тому +1

    फ्रांस के डॉ. जूलर्वन के अनुसार 'भारत से उठी ज्ञान की धार्मिक क्रांति नास्तिकता का नाश करके आँधी तूफान की तरह सम्पूर्ण विश्व को ढक लेगी। उस
    आपको बता दें डॉ. जूलर्वन ने भारत के जिस महापुरुष के ज्ञान का जिक्र किया है वह संत रामपाल जी महाराज हैं। जिनके अध्यात्म ज्ञान को सुन नास्तिक लोग भी आस्तिक हो रहे हैं।

  • @sonalichoudhary8061
    @sonalichoudhary8061 7 місяців тому +1

    #पापनाशक_सतभक्ति
    सतभक्ति करने से इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है (जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है) जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
    Power Of True Worship

  • @DurgeshsinghRajpoot-p7f
    @DurgeshsinghRajpoot-p7f 6 місяців тому +1

    Sat saheb ji

  • @LajwantiDevi-z5i
    @LajwantiDevi-z5i 7 місяців тому +1

    #SaintRampalJiQuotes
    ऋषि मुनि तथा अन्य जितने भेष यानि पंथ है, किसी ने भी सत्य ठौर यानि सत्यलोक के दर्शन स्वपन में भी नही हुए है अर्थात् इनको मुक्ति प्राप्त नहीं हुई है।
    #GodNightSunday #sundayvibes

  • @chudamanigautam-uh9hq
    @chudamanigautam-uh9hq 7 місяців тому +5

    कबीरजीसहीहैं।।सतसाहेब।।मचूडामणीदास।। 2:28 2:29

  • @gharusandeep7231
    @gharusandeep7231 7 місяців тому +1

    Jay Ho Bandi chhod satguru Rampal Maharaj ki Jay Ho

  • @SanjayKumar-hdon
    @SanjayKumar-hdon 7 місяців тому +6

    पूर्ण सतगुरू से दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से शुभ संस्कारों में वृद्धि होने से दुःख का वक्त सुख में बदलने लग जाता है।

  • @SatishKumar-pv1gt
    @SatishKumar-pv1gt 7 місяців тому +1

    Sat Sahib Ji

  • @Ravikumar-m4c3l
    @Ravikumar-m4c3l 7 місяців тому +3

    कहा कबीर कहा गोरख 😂😂😂😂

  • @ajitkumarp1644
    @ajitkumarp1644 7 місяців тому +3

    अमृत ज्ञान परमात्मा कबीर जी का

  • @AshwaniDeora-pp9vx
    @AshwaniDeora-pp9vx 7 місяців тому +1

    Satsahebji

  • @NivAvya
    @NivAvya 7 місяців тому +1

    The true guru is one who, according to verses 23, 24 of Gita Chapter 16, tells the devotee society to do spiritual devotional practice.
    Shastra Anukul Sadhana is available only with Sant Rampal Ji.

  • @baubybaghelji2386
    @baubybaghelji2386 7 місяців тому +4

    कबीर, राम नाम रटते रहो ,जब तक घट में प्राण ।
    कबहु तो दीनदयाल के ,भनक पड़ेगी कान।।

  • @sarojkaur479
    @sarojkaur479 7 місяців тому +1

    Sat Saheb ji purn sant vahi hota hai jo shastron ke Aadhar per Gyan deta hai purn sant sant sant sant Rampal Ji Maharaj hi hain is samay per Dharti per

  • @ushasingh9183
    @ushasingh9183 7 місяців тому +5

    संत रामपाल जी महाराज कबीर साहेब केरूप में मौजूद हैं इस धरती पर।

    • @k.psingh4701
      @k.psingh4701 7 місяців тому

      Volne se pehle kavir ji k in sabdo ko toh dekh lo हम तौ एक एक करि जाना।
      दोइ कहै तिनहीं कीं दोजग जिन नाहिंन पहिचाना।।
      एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांना।
      एकै खाक गढ़े सब भाई एकै कोंहरा सांना।।
      जैसे बाड़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
      सब घटि अंतरि तूँही व्यापक धरै सरूपै सोई।।
      माया देखि के जगत लुभानां काहे रे नर गरबांना।
      निरभै भया कछू नहिं व्यापै कहै कबीर दिवाँनाँकबीर की दृष्टि में ईश्वर एक है। वे आत्मा को परमात्मा का अंश मानते हैं। कबीर कण-कण में ईश्वर की सत्ता को देखते हैं।
      व्याख्या-कबीरदास कहते हैं कि हम तो एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आत्मा भी परमात्मा का ही अंश है। जो लोग इनको पृथक्-पृथक् बताते हैं, उनके लिए दोजख (नरक) जैसी स्थिति है। वे वास्तविकता -को नहीं पहचान पाते हैं। हवा भी एक है। पानी भी एक ही है और सभी में एक ही ज्योति (प्रकाश) समाई हुई है। इसी प्रकार ईश्वर भी है और वही सभी में समाया हुआ है। कबीर और उदाहरण देकर बताते हैं कि एक ही मिट्टी से सभी बरतन बने हैं। मिट्टी एक है, बरतनों का आकार भले ही भिन्न-भिन्न हो। इसी प्रकार हमारे आकारों में भिन्नता तो हो सकती है पर सभी के मध्य जो आत्मा है, उसी परमात्मा का अंश है। इन बरतनों को गढ़ने वाला कुम्हार भी एक ही है, उसी ने मिट्टी को सानकर ये बरतन बनाए हैं। इसी प्रकार एक ही ईश्वर ने हम सब लोगों को एक ही प्रकार के तत्वों से बनाया है। जिस प्रकार बढ़ई लकड़ी को तो काटता है, अग्नि को कोई नहीं काट पाता, इसी प्रकार शरीर तो नष्ट हो सकता है, पर इसके भीतर समाई आत्मा को कोई नहीं काट सकता। सभी लोगों के हृदयों में तू ही अर्थात् परमात्मा ही समाया हुआ है, चाहे स्वरूप कोई भी धारण किया गया हो। यह संसार माया के वशीभूत है। माया बड़ी ठगनी है। माया को देखकर संसार लुभाता रहता है। मनुष्य को माया पर घमंड नहीं करना चाहिए। जब मनुष्य निर्भय बन जाता है तब उसे कुछ भी नहीं सताता। कबीर भी निर्भय हो गया है। वह तो अब दीवाना हो गया है।

  • @mkgoswami4386
    @mkgoswami4386 7 місяців тому +1

    Jay bandhi chhor ki🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @ramkishor625
    @ramkishor625 7 місяців тому +1

    कबीर, राम नाम से खिज मरैं, कुष्टि हो गल जाय।
    शुकर होकर जन्म ले, नाक डूबता
    कबीर जी ने कहा है कि अभिमानी व्यक्ति राम नाम की चर्चा से खिज जाता है। फिर कोढ़ लगकर गलकर मर जाता है। अगला जन्म सूअर का प्राप्त करके गंद खाता है।
    Kabir Is Supreme God

  • @sundarpanchal4455
    @sundarpanchal4455 7 місяців тому +2

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @jagpalsingh8674
    @jagpalsingh8674 7 місяців тому +1

    Sant Rampal ji bagban ki jay ho

  • @Entertainmentfactsblogs23
    @Entertainmentfactsblogs23 7 місяців тому +1

    Jay ho bandi chhod ki jai ho🙏🏻

  • @PalanSingh-om5ut
    @PalanSingh-om5ut 7 місяців тому +1

    ❤❤❤❤❤❤

  • @kishorlodhadhas8946
    @kishorlodhadhas8946 7 місяців тому +4

    एक तरफ जहां दहेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कर रहे हैं 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी। जिससे अब माता पिता के ऊपर बेटी बोझ नहीं बनती।

  • @sureshkayast654
    @sureshkayast654 7 місяців тому +4

    संत रामपाल जी महाराज जगत गुरु नहीं है और ना ही भगवान का रूप यह सब अपने अपने हिसाब से लोगों को लूटते हैं और फिर जेल जाते हैं और फिर संत हो जाते हैं

    • @milanbasnet4232
      @milanbasnet4232 6 місяців тому

      Sant rampal ji ke satsang sunu fir bolo bha ji

  • @prakashbhati6515
    @prakashbhati6515 7 місяців тому +1

    Kabir is good

  • @arunpanda1093
    @arunpanda1093 7 місяців тому +2

    Rampal Kab bhagwan ho Gaye? Aaj kal 26 bhagwan he or bharat ki ea durdasha.

  • @mannlove7605
    @mannlove7605 7 місяців тому +4

    कबीर साहेब जी कहते है कि:-
    सब जग निर्धना,धनवन्ता ना कोय।
    धनवन्ता सोई जानिए, जा पर राम नाम धन होय।।