*Proof of Kashi Vishwanath Mandir:* 1. According to Kashi Khanda of Skanda Purana there were 1099 temples in Varanasi several centuries back, out of which 513 were dedicated to Shiva. Inside there were five mandapas (halls or pavilions of the temple). The main mandapa was the garbhagriha, where the Shiva Linga of Vishwanath was revered. There were four mandapas on four sides of the temple: Jnana mandapa in the east; Shringar (Ranga) mandapa in the west; Aishwarya mandapa in the north; and Mukti mandapa in the south which was also the site of the idol of Vishnu swami, the main deity in that mandap. It is speculated that the height of the spire was around 128 feet. The main gate of the temple was on the west side near the Dvara Vinayaka. As per , the garbhagriha, Mukti mandapa and Aishwarya mandapa are currently a part of the main building of the so-called Gyanvapi masjid. The other structures have been either converted or demolished. 2. Aurangzeb ordered the demoIition of the Kashi Vishwanath temple in March/April 1669 and the task was reported to have been accomplished in Sept 1669. At the same time, the mosque called ‘Gyanvapi Masjid’ (Gyanvapi mosque) was built on the demolition site. As a result of the destruction, the Mukti maṇḍapa of the original Kashi Vishweshwar temple complex became a part of the mosque. Eventually, the remnants of the Vishnu Peetha housed in it were completely wiped out. 3. Fortunately, Bharat regained its glory under Hindavi Swarajya/Maratha Empire of the Chhatrapati Shivaji Maharaj. The Kashi Vishwanath temple was rebuilt in 1776 by Ahilyabai Holkar - the Maratha queen of Malwa. A survey report of the Gyanvapi Masjid complex found evidence of the presence of Hindu idols, markings that resemble Hindu relics and ancient Hindu temple artefacts. 4. The report mentioned the discovery of a “stone structure....which looks like a big Shivling” in the ceremonial ablution tank of the mosque. Broken artifacts of elephant trunk was found on the western wall....swastika, trishul (trident) and paan (betel leaf) symbols were found engraved on the stones...all these artwork appear in the style of ancient Bharatiya temples. 5. Four doors and four pillars were found in the basement. Other artefacts and objects mentioned in the report were six betel leaf-shaped figures inscribed on the wall about three feet above the ground, motifs of bells, urns and flowers etched on some pillars, leaves and lotus-like structures. 6. The presence of four idol-like structures with sindoor or vermillion smeared on them and a possible arrangement for lighting diyas or earthen lamps. It also referred to three-four sculptures and stone slabs that local people believe were remnants of the Sringar Gauri temple. 7. Report also said that religious symbols were present on the back wall of the Gyanvapi mosque, including that of Sheshnag and lotus. “From the north to west side of the wall, there is an embossed work of vermilion colour on the slab. In this, four idols in form of a deity is visible. Nandi was in the temple complex. 8. The survey also referred to two books that mentioned the presence of an ancient temple at the site, and said shapes of walls around the main dome of the mosque resembled the maps in the books. 9. Hindu artifacts and bells are seen on the pillars present in the Gyanvapi complex along with the idols of Nandi and Hanuman ji. The semi-demolished wall of the temple, pillars, and ruins are visible in a sketch of the mosque by James Princep. 10. Aurangzeb demolished the original Kashi Visvesvara Temple and raised the Gyanvapi mosque using its debris. In fact, another famous mosque which underwent the same Aurangzebian fate still stands in the sacred city: the Alamgir Masjid, built after destroying the Bindu Madhava Temple. 11. GYANVAPI” is an intriguing name for a mosque. Vapi means well. “Gyanvapi” is the corruption of the Sanskrit term Jnana-Vapi or the Well of (Sacred) Knowledge, symbolising Shiva-Tattva (or the Philosophy of Shiva).
@@uttamnarayansharma7622 काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रमाण: 1. स्कंद पुराण के काशी खंड के अनुसार कई सदियों पहले वाराणसी में 1099 मंदिर थे, जिनमें से 513 मंदिर शिव को समर्पित थे। अंदर पाँच मंडप (मंदिर के हॉल या मंडप) थे। मुख्य मंडप गर्भगृह था, जहाँ विश्वनाथ का शिव लिंग प्रतिष्ठित था। मंदिर के चारों तरफ चार मंडप थे: पूर्व में ज्ञान मंडप; पश्चिम में श्रृंगार (रंगा) मंडप; उत्तर में ऐश्वर्या मंडप; और दक्षिण में मुक्ति मंडप, जो उस मंडप के मुख्य देवता, विष्णु स्वामी की मूर्ति का स्थान भी था। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि शिखर की ऊंचाई लगभग 128 फीट थी। मंदिर का मुख्य द्वार द्वार विनायक के निकट पश्चिम दिशा में था। के अनुसार, गर्भगृह, मुक्ति मंडप और ऐश्वर्या मंडप वर्तमान में तथाकथित ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य भवन का हिस्सा हैं। अन्य संरचनाओं को या तो परिवर्तित कर दिया गया है या ध्वस्त कर दिया गया है। 2. औरंगजेब ने मार्च/अप्रैल 1669 में काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया और बताया गया कि यह कार्य सितंबर 1669 में पूरा हो गया था। उसी समय, विध्वंस पर 'ज्ञानवापी मस्जिद' (ज्ञानवापी मस्जिद) नामक मस्जिद का निर्माण किया गया था। साइट। विनाश के परिणामस्वरूप, मूल काशी विश्वेश्वर मंदिर परिसर का मुक्ति मंडप मस्जिद का एक हिस्सा बन गया। अंततः, इसमें रखे विष्णु पीठ के अवशेष पूरी तरह नष्ट हो गए। 3. सौभाग्य से, भारत ने छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज्य/मराठा साम्राज्य के तहत अपना गौरव पुनः प्राप्त किया। काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण 1776 में मालवा की मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया था। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में हिंदू मूर्तियों, चिह्नों की उपस्थिति के प्रमाण मिले जो हिंदू अवशेषों और प्राचीन हिंदू मंदिर कलाकृतियों से मिलते जुलते हैं। 4. रिपोर्ट में मस्जिद के औपचारिक स्नान टैंक में एक "पत्थर की संरचना... जो एक बड़े शिवलिंग की तरह दिखती है" की खोज का उल्लेख किया गया है। पश्चिमी दीवार पर हाथी की सूंड की टूटी हुई कलाकृतियाँ मिलीं....पत्थरों पर स्वस्तिक, त्रिशूल और पान के चिन्ह उकेरे हुए मिले...ये सभी कलाकृतियाँ प्राचीन भारतीय मंदिरों की शैली में दिखाई देती हैं। 5. तहखाने में चार दरवाजे और चार खंभे मिले हैं। रिपोर्ट में उल्लिखित अन्य कलाकृतियाँ और वस्तुएँ जमीन से लगभग तीन फीट ऊपर दीवार पर अंकित छह पान के पत्ते के आकार की आकृतियाँ, कुछ स्तंभों, पत्तियों और कमल जैसी संरचनाओं पर उकेरी गई घंटियाँ, कलश और फूलों की आकृतियाँ थीं। 6. चार मूर्ति जैसी संरचनाओं की उपस्थिति, जिन पर सिन्दूर या सिन्दूर लगा हुआ हो और दीये या मिट्टी के दीपक जलाने की संभावित व्यवस्था हो। इसमें तीन-चार मूर्तियों और पत्थर की पट्टियों का भी जिक्र है जिनके बारे में स्थानीय लोगों का मानना है कि ये श्रृंगार गौरी मंदिर के अवशेष थे। 7. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद की पिछली दीवार पर धार्मिक प्रतीक मौजूद थे, जिनमें शेषनाग और कमल के प्रतीक भी शामिल थे। “दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर स्लैब पर सिन्दूरी रंग का उभरा हुआ काम है। इसमें एक देवता के रूप में चार मूर्तियाँ दिखाई देती हैं। नंदी मंदिर परिसर में थे। 8. सर्वेक्षण में दो पुस्तकों का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें स्थल पर एक प्राचीन मंदिर की उपस्थिति का उल्लेख किया गया है, और कहा गया है कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के चारों ओर की दीवारों का आकार किताबों में दिए गए नक्शों जैसा है। 9. ज्ञानवापी परिसर में मौजूद खंभों पर नंदी और हनुमान जी की मूर्तियों के साथ हिंदू कलाकृतियां और घंटियां नजर आती हैं। जेम्स प्रिंसेप द्वारा मस्जिद के एक स्केच में मंदिर की अर्ध-ध्वस्त दीवार, खंभे और खंडहर दिखाई देते हैं। 10. औरंगजेब ने मूल काशी विश्वेश्वर मंदिर को ध्वस्त कर दिया और उसके मलबे का उपयोग करके ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया। वास्तव में, एक और प्रसिद्ध मस्जिद जो औरंगज़ेब के समान हश्र से गुज़री थी, अभी भी पवित्र शहर में मौजूद है: आलमगीर मस्जिद, जिसे बिंदु माधव मंदिर को नष्ट करने के बाद बनाया गया था। 11. ज्ञानवापी'' एक मस्जिद का दिलचस्प नाम है। वापी का मतलब अच्छा है। "ज्ञानवापी" संस्कृत शब्द ज्ञान-वापी या (पवित्र) ज्ञान का अपभ्रंश है, जो शिव-तत्व (या शिव के दर्शन) का प्रतीक है।
काशी विश्वेश्वर मंदिर से मक्केश्वर महादेव मंदिर(mecca,, Saudi Arabia) तक जारी रहेगा मंदिर वापसी अभियान 🙏🚩 We will reclaim all our 40,000+ temples. हर हर महादेव 🚩
पूजा जी आप के चैनल पर देखा कि आपको सीताराम गोयल की पुस्तक की जानकारी है इस बात जी जानकारी से मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है।पूजा जी आपके फोटो से ज्ञात हो रहा है कि आपकी आयु मेरी बेटियों के बराबर होगी।अपका राष्ट्रवादी होना देश हित और सनातन हित में है।मै एक रिटायर प्राचार्य हूं मेरी आयु अभी 73 वर्ष की है।मेरे जमाने में अंग्रेजी अनिवार्य नहीं थी मसी किसान का बेटा था सो अंग्रेजी कि तरफ ध्यान ही नहीं दिया।इसी लिए आपसे हर जानकारी हिन्दी में बताने का प्रयास करे।अब आपके विचारो को देखा करूंगा। जय जय सियाराम हर हर महादेव जय बजरंगबली।
Kashi is City of Kal Bhairava. Kashi is ancient city of Kapalika and Aghora Panth. Adi Shankaracharya has called Kal Bhairava as Lord of Kashi in Kal Bhairava Ashtakam.
अगर पानीपत की युद्ध में मराठा जीतते जीतते नही हारते तो भारत का इतिहास कुछ और होता,,मराठा पक्के सनातनी थे,,,सारे तोड़े गए मंदिर फिर से बन जाता लेकिन दुख की बात है हिंदू राजा कभी इकट्ठा होकर मुस्लिम सुलतानों के विरुद्ध नहीं लड़े जिसका परिणाम आजतक हिंदू समाज भुगत रहा है
You are right, but also wrong. Hindu Rajas always followed Dharma. We don’t have “everything is fair in love and war”. We were always fair, and never endorsed unfair acts just because it’s love or war. Following fairness isn’t a bad thing. It’s just that it was weaponised against us. But if adopted “everything” is fair then what would be the difference between Sanatanis and them? And because we are true to our Dharma, slowly but surely, we are becoming Sanatani again. Jai Shree Ram, Har Har Mahadev, Radhe Radhe.
Dr Meenakshi Jain is a genuine intellectual enchanting she holds you spellbound and takes you back in history plus makes one get rid of pseudos like Shashi Tharoor
Hello mam, it is alwaya pleasant to listen to you as a best teacher. I always get reminded of my primary school teacher who taught history as good as you do. BTW, what was the carbon dating of the items found in kashi excavations by british?
My great grandfathers lived in Mehrauli and we have heard stories that they fought as Hindu warriors in that area where Vishnu Satham (Qutub) is, Do we forget their struggle and leave Qutub as Muslim monument …. Never… we want all temples back… I did Ganesh pooja in Qutub promises but n 1990….. 🙏🙏🙏🙏
काशी काल भैरव का नगर है। काशी कापालिक एवं अघोर पंथ का प्राचीन पीठ है। आदि शंकराचार्य ने काल भैरव अष्टकम में काल भैरव को काशी के अधिनाथ कह कर उनका स्तवन किया है।
As Maharashtrian , proud to know Maratha contribution to k KASHI. Recently I came to know that Shivaji Maharaj talked about getting back Kashi and Ayodhya when it was a small kingdom in front of mighty mughals. His wish was remembered by all the rulers who expanded in north India when Marathas became powerful.
काशी में महादेव माता पारवती के साथ विराजते हैं। मोक्ष दायिनी सप्त पुरियों सम्मिलित काशी नगरी को प्रणाम। जहाँ के कण कण में शंकर का वास है उस काशी नगरी को प्रणाम। जो मोक्ष धाम है उस काशी नगरी को प्रणाम। विश्व नाथ महादेव के मूल स्थान को हम हिन्दू पाकर रहेंगे और दिव्य काशी नगरी में सहयोग कर भव्य मंदिर का निर्माण करेंगे। नम: शिवाय च नमः शिवायै🙏🙏🙏
Respected Sanjay Ji, Bring Kusum Lata Kediya ji and Meenakshi Jain ji on one podcast. It will also be more interesting. Or else bring kusum ji alone on your channel. She has also very great insight views to listen.
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In Nashik there is Navshya Ganapati Temple uske entrance me he mosque he
What a title of the book, Viswanath Rises and Rises, ati Uttam!
Abolish wakf Board & madrassas.
Good to hear you both. .
Madam Jain many thanks for the book. And big congrats.
*Proof of Kashi Vishwanath Mandir:*
1. According to Kashi Khanda of Skanda Purana there were 1099 temples in Varanasi several centuries back, out of which 513 were dedicated to Shiva. Inside there were five mandapas (halls or pavilions of the temple). The main mandapa was the garbhagriha, where the Shiva Linga of Vishwanath was revered. There were four mandapas on four sides of the temple: Jnana mandapa in the east; Shringar (Ranga) mandapa in the west; Aishwarya mandapa in the north; and Mukti mandapa in the south which was also the site of the idol of Vishnu swami, the main deity in that mandap. It is speculated that the height of the spire was around 128 feet. The main gate of the temple was on the west side near the Dvara Vinayaka. As per , the garbhagriha, Mukti mandapa and Aishwarya mandapa are currently a part of the main building of the so-called Gyanvapi masjid. The other structures have been either converted or demolished.
2. Aurangzeb ordered the demoIition of the Kashi Vishwanath temple in March/April 1669 and the task was reported to have been accomplished in Sept 1669. At the same time, the mosque called ‘Gyanvapi Masjid’ (Gyanvapi mosque) was built on the demolition site. As a result of the destruction, the Mukti maṇḍapa of the original Kashi Vishweshwar temple complex became a part of the mosque. Eventually, the remnants of the Vishnu Peetha housed in it were completely wiped out.
3. Fortunately, Bharat regained its glory under Hindavi Swarajya/Maratha Empire of the Chhatrapati Shivaji Maharaj. The Kashi Vishwanath temple was rebuilt in 1776 by Ahilyabai Holkar - the Maratha queen of Malwa. A survey report of the Gyanvapi Masjid complex found evidence of the presence of Hindu idols, markings that resemble Hindu relics and ancient Hindu temple artefacts.
4. The report mentioned the discovery of a “stone structure....which looks like a big Shivling” in the ceremonial ablution tank of the mosque. Broken artifacts of elephant trunk was found on the western wall....swastika, trishul (trident) and paan (betel leaf) symbols were found engraved on the stones...all these artwork appear in the style of ancient Bharatiya temples.
5. Four doors and four pillars were found in the basement. Other artefacts and objects mentioned in the report were six betel leaf-shaped figures inscribed on the wall about three feet above the ground, motifs of bells, urns and flowers etched on some pillars, leaves and lotus-like structures.
6. The presence of four idol-like structures with sindoor or vermillion smeared on them and a possible arrangement for lighting diyas or earthen lamps. It also referred to three-four sculptures and stone slabs that local people believe were remnants of the Sringar Gauri temple.
7. Report also said that religious symbols were present on the back wall of the Gyanvapi mosque, including that of Sheshnag and lotus. “From the north to west side of the wall, there is an embossed work of vermilion colour on the slab. In this, four idols in form of a deity is visible. Nandi was in the temple complex.
8. The survey also referred to two books that mentioned the presence of an ancient temple at the site, and said shapes of walls around the main dome of the mosque resembled the maps in the books.
9. Hindu artifacts and bells are seen on the pillars present in the Gyanvapi complex along with the idols of Nandi and Hanuman ji. The semi-demolished wall of the temple, pillars, and ruins are visible in a sketch of the mosque by James Princep.
10. Aurangzeb demolished the original Kashi Visvesvara Temple and raised the Gyanvapi mosque using its debris. In fact, another famous mosque which underwent the same Aurangzebian fate still stands in the sacred city: the Alamgir Masjid, built after destroying the Bindu Madhava Temple.
11. GYANVAPI” is an intriguing name for a mosque. Vapi means well. “Gyanvapi” is the corruption of the Sanskrit term Jnana-Vapi or the Well of (Sacred) Knowledge, symbolising Shiva-Tattva (or the Philosophy of Shiva).
You are amazing. God bless.
आदरणीय महोदय ये विचार हिन्दी में बताने की कृपा करें ताकि हम भी उनसे अवगत हो सके।
@@srinivasnaidu7822 Keep supporting *Ghar Wapasi Abhiyaan,* *Hindu Rashtra Abhiyaan* and *Akhand Bharat Abhiyaan* 🙏 along with _Mandir Wapasi Abhiyaan._
@@uttamnarayansharma7622 काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रमाण:
1. स्कंद पुराण के काशी खंड के अनुसार कई सदियों पहले वाराणसी में 1099 मंदिर थे, जिनमें से 513 मंदिर शिव को समर्पित थे। अंदर पाँच मंडप (मंदिर के हॉल या मंडप) थे। मुख्य मंडप गर्भगृह था, जहाँ विश्वनाथ का शिव लिंग प्रतिष्ठित था। मंदिर के चारों तरफ चार मंडप थे: पूर्व में ज्ञान मंडप; पश्चिम में श्रृंगार (रंगा) मंडप; उत्तर में ऐश्वर्या मंडप; और दक्षिण में मुक्ति मंडप, जो उस मंडप के मुख्य देवता, विष्णु स्वामी की मूर्ति का स्थान भी था। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि शिखर की ऊंचाई लगभग 128 फीट थी। मंदिर का मुख्य द्वार द्वार विनायक के निकट पश्चिम दिशा में था। के अनुसार, गर्भगृह, मुक्ति मंडप और ऐश्वर्या मंडप वर्तमान में तथाकथित ज्ञानवापी मस्जिद के मुख्य भवन का हिस्सा हैं। अन्य संरचनाओं को या तो परिवर्तित कर दिया गया है या ध्वस्त कर दिया गया है।
2. औरंगजेब ने मार्च/अप्रैल 1669 में काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया और बताया गया कि यह कार्य सितंबर 1669 में पूरा हो गया था। उसी समय, विध्वंस पर 'ज्ञानवापी मस्जिद' (ज्ञानवापी मस्जिद) नामक मस्जिद का निर्माण किया गया था। साइट। विनाश के परिणामस्वरूप, मूल काशी विश्वेश्वर मंदिर परिसर का मुक्ति मंडप मस्जिद का एक हिस्सा बन गया। अंततः, इसमें रखे विष्णु पीठ के अवशेष पूरी तरह नष्ट हो गए।
3. सौभाग्य से, भारत ने छत्रपति शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज्य/मराठा साम्राज्य के तहत अपना गौरव पुनः प्राप्त किया। काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण 1776 में मालवा की मराठा रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया था। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में हिंदू मूर्तियों, चिह्नों की उपस्थिति के प्रमाण मिले जो हिंदू अवशेषों और प्राचीन हिंदू मंदिर कलाकृतियों से मिलते जुलते हैं।
4. रिपोर्ट में मस्जिद के औपचारिक स्नान टैंक में एक "पत्थर की संरचना... जो एक बड़े शिवलिंग की तरह दिखती है" की खोज का उल्लेख किया गया है। पश्चिमी दीवार पर हाथी की सूंड की टूटी हुई कलाकृतियाँ मिलीं....पत्थरों पर स्वस्तिक, त्रिशूल और पान के चिन्ह उकेरे हुए मिले...ये सभी कलाकृतियाँ प्राचीन भारतीय मंदिरों की शैली में दिखाई देती हैं।
5. तहखाने में चार दरवाजे और चार खंभे मिले हैं। रिपोर्ट में उल्लिखित अन्य कलाकृतियाँ और वस्तुएँ जमीन से लगभग तीन फीट ऊपर दीवार पर अंकित छह पान के पत्ते के आकार की आकृतियाँ, कुछ स्तंभों, पत्तियों और कमल जैसी संरचनाओं पर उकेरी गई घंटियाँ, कलश और फूलों की आकृतियाँ थीं।
6. चार मूर्ति जैसी संरचनाओं की उपस्थिति, जिन पर सिन्दूर या सिन्दूर लगा हुआ हो और दीये या मिट्टी के दीपक जलाने की संभावित व्यवस्था हो। इसमें तीन-चार मूर्तियों और पत्थर की पट्टियों का भी जिक्र है जिनके बारे में स्थानीय लोगों का मानना है कि ये श्रृंगार गौरी मंदिर के अवशेष थे।
7. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद की पिछली दीवार पर धार्मिक प्रतीक मौजूद थे, जिनमें शेषनाग और कमल के प्रतीक भी शामिल थे। “दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर स्लैब पर सिन्दूरी रंग का उभरा हुआ काम है। इसमें एक देवता के रूप में चार मूर्तियाँ दिखाई देती हैं। नंदी मंदिर परिसर में थे।
8. सर्वेक्षण में दो पुस्तकों का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें स्थल पर एक प्राचीन मंदिर की उपस्थिति का उल्लेख किया गया है, और कहा गया है कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के चारों ओर की दीवारों का आकार किताबों में दिए गए नक्शों जैसा है।
9. ज्ञानवापी परिसर में मौजूद खंभों पर नंदी और हनुमान जी की मूर्तियों के साथ हिंदू कलाकृतियां और घंटियां नजर आती हैं। जेम्स प्रिंसेप द्वारा मस्जिद के एक स्केच में मंदिर की अर्ध-ध्वस्त दीवार, खंभे और खंडहर दिखाई देते हैं।
10. औरंगजेब ने मूल काशी विश्वेश्वर मंदिर को ध्वस्त कर दिया और उसके मलबे का उपयोग करके ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया। वास्तव में, एक और प्रसिद्ध मस्जिद जो औरंगज़ेब के समान हश्र से गुज़री थी, अभी भी पवित्र शहर में मौजूद है: आलमगीर मस्जिद, जिसे बिंदु माधव मंदिर को नष्ट करने के बाद बनाया गया था।
11. ज्ञानवापी'' एक मस्जिद का दिलचस्प नाम है। वापी का मतलब अच्छा है। "ज्ञानवापी" संस्कृत शब्द ज्ञान-वापी या (पवित्र) ज्ञान का अपभ्रंश है, जो शिव-तत्व (या शिव के दर्शन) का प्रतीक है।
@@pujapatil8662 आप बहोत बड़ा काम भारत की सेवा कर रहे है 🙏
Best discussion need more such videos for the revelation of true history 🙏
Excellent discussion , Meenakshi madam has
done a commendable job.Har Har mahadev.
Meenakshi research on our ancient Mandirs and Vigrahas is just so deep and marvellous..Thanks.
काशी विश्वेश्वर मंदिर से मक्केश्वर महादेव मंदिर(mecca,, Saudi Arabia) तक जारी रहेगा मंदिर वापसी अभियान 🙏🚩 We will reclaim all our 40,000+ temples. हर हर महादेव 🚩
ग़ालिब ने भी शक जाहिर किया था 😂
खुदा के वास्ते काबे का पर्दा ना हटा ग़ालिब
कही ऐसा ना हो वहां भी वही काफिर सनम निकले
@@nareshdashore jaha khuda wahi bhgwan nikle
पूजा जी आप के चैनल पर देखा कि आपको सीताराम गोयल की पुस्तक की जानकारी है इस बात जी जानकारी से मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है।पूजा जी आपके फोटो से ज्ञात हो रहा है कि आपकी आयु मेरी बेटियों के बराबर होगी।अपका राष्ट्रवादी होना देश हित और सनातन हित में है।मै एक रिटायर प्राचार्य हूं मेरी आयु अभी 73 वर्ष की है।मेरे जमाने में अंग्रेजी अनिवार्य नहीं थी मसी किसान का बेटा था सो अंग्रेजी कि तरफ ध्यान ही नहीं दिया।इसी लिए आपसे हर जानकारी हिन्दी में बताने का प्रयास करे।अब आपके विचारो को देखा करूंगा। जय जय सियाराम हर हर महादेव जय बजरंगबली।
Kashi is City of Kal Bhairava. Kashi is ancient city of Kapalika and Aghora Panth. Adi Shankaracharya has called Kal Bhairava as Lord of Kashi in Kal Bhairava Ashtakam.
Mera jaisa anpad log keliye ye sambhaashan amulya hai...
dhanyavaad Guru maa Meenakshiji aur Sanjai da
मीनाक्षी बहिन. जय श्रीराम।
आपके श्री चरणो में, शत शत नमन 🙏
आपका दिया ज्ञान यदि अल्प भी ग्राह्य कर लिया तो हम कल्प हो जायेगें...।
Aapko koti koti pranaam Meenakshi mam itni acchi jaankari di dixit sir thank you for bringing her in the show ❤🎉
अगर पानीपत की युद्ध में मराठा जीतते जीतते नही हारते तो भारत का इतिहास कुछ और होता,,मराठा पक्के सनातनी थे,,,सारे तोड़े गए मंदिर फिर से बन जाता लेकिन दुख की बात है हिंदू राजा कभी इकट्ठा होकर मुस्लिम सुलतानों के विरुद्ध नहीं लड़े जिसका परिणाम आजतक हिंदू समाज भुगत रहा है
You are right, but also wrong. Hindu Rajas always followed Dharma. We don’t have “everything is fair in love and war”. We were always fair, and never endorsed unfair acts just because it’s love or war. Following fairness isn’t a bad thing. It’s just that it was weaponised against us. But if adopted “everything” is fair then what would be the difference between Sanatanis and them?
And because we are true to our Dharma, slowly but surely, we are becoming Sanatani again. Jai Shree Ram, Har Har Mahadev, Radhe Radhe.
Aaj he kaun sa Hindu samaj bahut ekta se hai
@@rajsinghji-84.marathe pakke snatani the vo ..svraj k liye lad rhe the
Eye opener...😮
हृदय से आभार इस अनमोल जानकारी हेतु....
Amazing exchange of wisdom of Dharmic patriots you both have a strong commmitment and connection JAI VISHWANATH JI
Excellent information. Book is indeed valuable.
Minashkshi Ji,प्रणाम,इतनी बढ़िया जानकारी के लिये।TU JD.
Cant thank enough Dr Meenakshi Jain for such valuable books to revive Hindu's understanding of their history.
Dr Meenakshi Jain is a genuine intellectual enchanting she holds you spellbound and takes you back in history plus makes one get rid of pseudos like Shashi Tharoor
Very enlightening..
Varanasi has a central place in Sanatana Civilization- and it cannot be overstated.
Hello mam, it is alwaya pleasant to listen to you as a best teacher. I always get reminded of my primary school teacher who taught history as good as you do.
BTW, what was the carbon dating of the items found in kashi excavations by british?
हर हर महादेव
जय श्री कृष्ण
हर हर महादेव !!!
This is great!!!
My great grandfathers lived in Mehrauli and we have heard stories that they fought as Hindu warriors in that area where Vishnu Satham (Qutub) is, Do we forget their struggle and leave Qutub as Muslim monument …. Never… we want all temples back… I did Ganesh pooja in Qutub promises but n 1990….. 🙏🙏🙏🙏
Dhanyavad ji.Jay Shree Ram
Had Peshwa Madhav Rao been there we would not have lost to the Britishers.
Sadly he passed away in 1772 at age 27.
बहुत अच्छा स्पष्टीकरण ❤
Exposure has to be constant ; Har Har Mahadev 🙏🙏
जय जय श्री राम 🙏🙏🚩🚩
हर हर महादेव 🙏🙏🚩🚩
बहोत ही रोचक रहा यह session 🙏 और यह पुस्तक तो अवश्य ही पाठ करनी है मुझे 🙂
Har Har Mahadev 🙏
It's a delight to listen to dr jain
Jay Sree Ram, Hara Hara Mahadev.
अद्भुत और सनसनीखेज विश्लेषण किया है आपने दीदी.. 🛕🙏🚩🔱
पूरे विश्व को ये बात पता होनी चाहिए!
जय श्री महाकाल 🛕🙏🚩🔱
अद्भुत
अवश्य खरीद कर पढूंगा
धन्यवाद मीनाक्षी जी
That was great knowledge sir, an mam, make more videos with mam 👍👍👍
Superb
Wow! Amazing
Har har Mahadev
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय 🚩🚩
आदरणीय विष्णु शंकर सर जी और उनकी लीगल टीम को शत शत नमन.... हर हर महादेव....🙏🙏🙏🙏
Very interesting information 🙏
हर हर महादेव ❤🎉⚔️ 🔥
Jai Jai shree sitaramji 🙏 hanumanji 🙏 to both of you 🙏
Har Har mahadev 🚩🔥
अती सुंदर
Wonderful session. Deserves widest propagation
Thanks so very much dear
Har Har mahadev
I cried 😭listening to sacrifice by hindu for our temples 🛕like 100 yr battle by Gahadwal Rajput kings and 6 brahmin family of Daccan 🛐
It is always a delight and worth to listen to the immense research of Meenakshi ji on the subject. Thanks 🙌👏
Mam big fan u r so sweet n knowlege able people like u n Sanjay sir guiding lights fr our youth..... Keep up ur grt work
काशी मेरे शिव की नगरी जहां कण कण में शिव है
Very informative . Most of us dont know about these facts . Har Har Mahadev
हर हर महादेव 🔱🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
काशी काल भैरव का नगर है। काशी कापालिक एवं अघोर पंथ का प्राचीन पीठ है। आदि शंकराचार्य ने काल भैरव अष्टकम में काल भैरव को काशी के अधिनाथ कह कर उनका स्तवन किया है।
कोई कितना भी बोल ले आज, आने वाली पीढ़ी केवल ३ मन्दिरों से सन्तुष्ट नहीं होने वाली... आज नहीं तो कल सब वापिस ले लेंगे
Jai Shri Ram
A thoughtful discussion
As Maharashtrian , proud to know Maratha contribution to k
KASHI.
Recently I came to know that Shivaji Maharaj talked about getting back Kashi and Ayodhya when it was a small kingdom in front of mighty mughals. His wish was remembered by all the rulers who expanded in north India when Marathas became powerful.
काशी में आदि विश्वेश्वर महादेव शिव.शंभू का मंदिर वापस लेकर हमें काशी विश्वनाथ कोरिडोर को वहां तक विस्तार करना परम आवश्यक है । हर हर महादेव।
Brilliant conversation
काशी में महादेव माता पारवती के साथ विराजते हैं। मोक्ष दायिनी सप्त पुरियों सम्मिलित काशी नगरी को प्रणाम। जहाँ के कण कण में शंकर का वास है उस काशी नगरी को प्रणाम। जो मोक्ष धाम है उस काशी नगरी को प्रणाम। विश्व नाथ महादेव के मूल स्थान को हम हिन्दू पाकर रहेंगे और दिव्य काशी नगरी में सहयोग कर भव्य मंदिर का निर्माण करेंगे। नम: शिवाय च नमः शिवायै🙏🙏🙏
Jai Mata Aahilyabai Bai Holkar ji🎉❤
EXCELLENT
Great information,thanks for sharing🙏.
ग़ालिब ने भी शक जाहिर किया था 😂
खुदा के वास्ते काबे का पर्दा ना हटा ग़ालिब
कही ऐसा ना हो वहां भी वही काफिर सनम निकले
छुट्टी और पिकनिक न मनायें वोटिंग वाले दिन सभी हिंदू वोट देने अवश्य जायें जय श्री राम 🏹🚩🚩
Guru parampara of Sant Dhaneshwar Maharaj
Adinath - Machindra Nath - Goraksh Nath - Gahini Nath - Nivrutti Nath - Dnyaneshwar
Meenakshi ji 🙏,🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Har Har Mahadev ❤
यू आर सो ग्रेट मैम..... हर हर महादेव....🙏🙏🙏🙏
हिंदी में कब आएगी
This should be a tight slap on the faces of those people who say Jaichand and Man Singh were traitors.
हर हर महादेव 🙏🙏🙏
हर हर महादेव
Request Sri Sanjay Dixit to correct Map of Bharat shown at 12:32.
|| Sree Matre Namaha 🙏 ||
Proud to be from Kashi🥰
गांधी नेहरू ने हिंदुओं का बहुत ही ज़्यादा अहित किया है। आज भी हिंदू अपने ध्वस्त मंदिरों को लेकर लड़ रहा है। बहुत ही दुःखद स्थिति है।
राम ।।
Jai hindurashtra jai hanuman
जय विश्वनाथ...हर हर महादेव
Queen of Indian History. Her modern Documention will help Hindu Revival for the next Century
Meenakshi ji ❤❤❤
सीधी सरल बात,,,,
भारत पाकिस्तान बांग्लादेश का विभाजन हुआ है और अब एक इंच जमीन जायदाद पर मुस्लिम समुदाय का अधिकार नहीं है।।
अति उत्तम विषय पर आपने चर्चा की। आपको साधुवाद। जय श्रीराम। हर हर महादेव।
जय भोलेनाथ हर हर महादेव
Vote for Sanatan 🚩🚩🚩🚩🕉🕉🕉
मार्तंड सूर्य मंदिर और शारदा पीठ भी कश्मीर में रिक्लेम करके बनाना होगा ताकी सनातन संस्कृति को संरक्षित किया जा सके ।
अबकी बार बीजेपी 400 पार तभी होगा जब पिकनिक और छुट्टी नहीं मनाकर वोट देने जाए अति आत्म विश्वास में नही रहना है
🙏🏽
Meenakshi Jain is a true Bharatiya warrior
Respected Sanjay Ji, Bring Kusum Lata Kediya ji and Meenakshi Jain ji on one podcast. It will also be more interesting.
Or else bring kusum ji alone on your channel. She has also very great insight views to listen.
Meri iccha apne keh di
Please, I request that minaksheeji print this book in marathi and other languages.
मीनाक्षी जी को प्रणाम 🙏🙏
jo paathar kau kahate dhev ||
taa kee birathaa hovai sev ||
jo paathar kee paa(n)iee pai ||
tis kee ghaal ajaa(n)iee jai ||1||
Thaakur hamaraa sadh bola(n)taa ||
sarab jeeaa kau prabh dhaan dhetaa ||1|| rahaau ||
a(n)tar dheau na jaanai a(n)dh ||
bhram kaa mohiaa paavai fa(n)dh ||
n paathar bolai naa kichh dhei ||
fokaT karam nihafal hai sev ||2||
(SIRI GURU GRANTH SAHIB JEE)
Bhi ji ye hi to