आरएसएस दुनिया की एक सर्वश्रेष्ठ संस्था है । त्याग में तपकर यह समाज, देश को समर्पित जीवंत बनाता है । अनूठा ,सांस्कृतिक, सर्वोत्तम विश्लेषण प्रदीप सर ।बंदेमातरम
मनोहर परिकर को याद दिलाया दिया । परिकर जैसे लोग को आप ही जैसे लोग याद करते हैं ।
बहुत अच्छा विश्लेषण.
भारतीय राजनीति पर बहुत ही अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने आदरणीय प्रदीप सिंह साहब। कई बड़े राजनीतिक दलों के बारे में गहराई से समझने में आसानी होगी श्रोताओं को। इतनी अच्छी जानकारी और विस्तृत विश्लेषण नहीं मिलता है और कहीं। हार्दिक धन्यवाद आपको महोदय।
जय श्रीराम।
प्रदीप जी, आपने कहा राहुल गाँधी से भी ज्यादा प्रतिभाशाली नेता थे कांग्रेस में मुझे यह बताएँ क्या राहुल गाँधी में कोई प्रतिभा है भी जो आप तुलना कर रहे हैं
जय श्री राम,हर हर महादेव
आदरणीय, बहुत ज्ञानवर्धक इस विश्लेषण के लिए बहुत बहुत धन्यावाद ।
मुझे लगता है कि भारतीय राजनीति में वंशवाद के लिए अब बहुत अधिक सुविधा और समय नहीं बचा है।धीरे धीरे ही सही जनमानस में जागरूकता और परिवर्तन देखा जा रहा है। इस में आप और आप जैसे कुछ और पत्रकार अत्यंत सराहनीय प्रयास कर रहे हैं।
बहुत बहुत साधुवाद🙏🙏
इसमें कमी केवल परिवारवादी नेताओं की नहीं है,सबसे बड़ी कमी तो जनता की है जो जातीवाद के कारण इनको अपना जीजा मान लेती है !
भाजपा की जिम्मेदारी है कि अपने वोटर सहित आम जनता का शिक्षण किसी ना किसी बहाने करती रहे।
@@ajaybhatia_1971 अगर शिक्षण तुम जैसों ने ले लिया होता तो बिहार में नौंवी फेल वंशवाद की पराकाष्ठा को वोट नहीं देते और वो बिहार के नौंवी फेल जो बिहार का मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं और सपने क्या देख रहे हैं तुम जैसे अनपढ़ व जातीवादियों के कारण नौंवी फेल मुख्यमंत्री जरूर बनेगा,अगर जातीवाद के नाम पर वोट ना दे जनता तो वो नौंवी फेल कहीं मजदूरी कर रहा होता या कहीं गुटखा का खोका चला रहा होता !
इसलिए शिक्षा व ज्ञान पर तो कुछ बोलो ही नहीं ! क्योंकि जब जात-पात के नाम पर नेता चुनने की बात आती है तो पढे़ लिखे भी अनपढ़ बनकर वोट देने लगते हैं !
परिवारवाद वंशवाद की राजनीति की जड़ में होती है सत्ता की भूख
आदरणीय श्री प्रदीप जी, इतना सुन्दर विचार बंशवाद, और परिवार वाद के बारे में किसी ने नहीं किया, लेकिन देश की बहुसंख्यक जनता इस बात को समझ सके तब कुछ परिणाम दिखाई दे।
देश का दुर्भाग्य है लोकतंत्र फेल हो गया,राजतंत्र की तरह परिवार और जातिय आधार पर देश मे राजनीतिक दल बन गये है जिनका उद्देश्य सिर्फ अपनी सत्ता स्थापित करना अपने लिए सुख सुबिधाओ की जुटाना,देश की आम जनता से कोई सरोकार नही जनता भी उन्ही के पिछे खड़ी है यह देश का दुर्भाग्य है
इस बार का परिणाम एक मजबूत लोकतंत्र की ओर इशारा करता दिख रहा है आगे भी इसी तरह रहने की उम्मीद है
परिवार वादी लूट का इतिहास उसके बाद खुले आम जाति आधारित राजनीति है..सभी समस्याओं की जड़. स्वार्थी और गैर जिम्मेदार परिवार उनकी सोच
@@Country_First-India जी सभी समस्याओं की जड़ उनके वे माता,पिता और शिक्षक होते हैं जो लालच वश ईमानदारी का पाठ नहीं पढ़ाते हैं
बाप बेईमान तो बेटा बेईमान बेटा बेईमान तो नेता और अधिकारी बेईमान
मोदी जी का भी यह चुनाव लगता है आखिरी है, मध्यावधि चुनाव न हुआ तो। परंतु यहां कैडर में अनेक हैं।
चुनाव सुधार की अत्यावश्यकता है, ठीक उसी तरह यूसीसी और जनसंख्या नियंत्रण।
3गुनी रफ्तार धरती पर भी नजर आनी चाहिए
शिव सेना UBT परिवार वादी दल दल है
वाजपेयी जी का सन्दर्भ गत उदाहरण बहुत अतुलनीय है वाजपेयी जी को नमन
Vvnice true news outstanding congrats ❤❤❤❤❤❤❤DrJPP
प्रदीप जी आपका आंकलन अनुभव आधारित और पूर्णतः सत्य है। यहीं कारण रहा कि प्रियंका को राहुल से आगे आने नहीं दिया गया। ज्योतिरादित्य को कांग्रेस ने बोन्साई बनाया चाहा । वंशवाद राष्ट्रीय राजनीति के लिए घातक है। नेता होने के लिए आहर्ता का होना जरूरी है। केवल वोट हासिल करना ही सर्वश्रेष्ठ आहर्ता नहीं होनी चाहिए। वरना ये जमे-जमाए परिवार किसी भी योग्य को आगे नहीं आने देंगे। मोदी जी के कार्य से देश का अधिकांश जनमानस संतुष्ट है केवल विपक्ष ही ना खुश हैं। इसका कारण भी ये वंशवादी पार्टियां ही हे जिनके मंसूबे पूरे नहीं हो पा रहे ।
What an amazing comment by Atalji. Great.
VERY GOOD ANALYSIS PRADEEP SINGH JI VERY THANK YOU
जय हिन्दू राष्ट्र
बीजेपी तभी जीत पाएगी जब वोटर लिस्ट ठीक होगी चुन चुन कर नाम काटे गये है पन्ना प्रमुख नशें में मस्त है
चुनाव प्रक्रिया में सुधार करके दागी और आतंकवादी को चुनाव लड़ने से रोकना चाहिए जनता द्वारा वंशवादी पार्टी के नेताओं को हराकर राजनीति से बाहर करे आपने बहुत ही अच्छा विषय को उठाया हैं और अच्छा विश्लेषण किया हैं आपको नमस्कार एवं धन्यवाद जय श्रीराम जय भारत माता की वंदेमातरम्
बिल्कुल सही बात कही है आपने जय श्री राम 🇮🇳🕉️🚩🙏
राजनीति से बंस बाद जिस दिन समाप्त हो जायेगा, उस दिन से देश में भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा ।
बन्देमात्रम
भारत की सुप्रीम कोर्ट को, सनातन हिंदू से नफ़रत है. मोदी जी अब इंद्रा गाँधी को रास्ता पकड़ो, नहीं तो देश गया हाथ से. वोट डालना जरूरी होना चाहिये.🌶️
Modi ji
Pyar se kam nahin chalega. log aapko tanashah kehte.hain. dekha do tanashah kaya hota hai. yogi ki tarah. Janta hun as PM,mushkil hai.
फ्री सीटीजनजी का कहना सही है। लेकिन छुपे शब्दों मे कहा है। इनका कहना है, इंदिराजी का रस्ता पकडो, यानि आपातकाल लागू करो। क्योंकि समस्या अब हाथों से बाहर जाने लगी है। दस साल मोदीजी ने दूसरे कामो मे लगा दिये। हालांकि देश के खतरनाक मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया। आपातकाल लागू करने से सरकार को अन् गिनीत सत्तायें मिल जाती है। जहाँ विपक्ष और सुप्रीम कोर्ट दोनों चुप हो जाते है। और सरकार का काम आसान हो जाता है।
Yogi ji karenge....
Modi duvidha me hai, mauka chook gye, only timepass 5 saal....
परिवारवादकी राजनीति चले या ना चले इसका निर्णय तो लोकतंत्र में जनता को सावधानी पूर्वक करना चाहिए, विषय गंभीर जरूर है।
भाईजी, आपका विश्लेषण ठिक है, धन्यवाद.
ये सब पार्टियों को प्राईवेट लिमिटेड कहना चाहिए।
जैसे - कांग्रेस प्राईवेट लिमिटेड, RJD प्राईवेट लिमिटेड, सपा प्राइवेट लिमिटेड, DMK प्राईवेट लिमिटेड, ..........
EXCELLENT SANATANI RASHTRAVADI & PATRIOTIC ANALYSIS.
बहुत अच्छा विश्लेषण 👍
सुप्रभातम् प्रदीप जी 🙏🏻
जय श्री राम 🏹 🚩
परिवार वाद और वंश वाद का अंतर बहुत अच्छे ढंग से समझाया है! ये अंतर पहली बार समझ मे आया है! ज्यादतर लोगों को ये अंतर पता नही होगा!
सटीक विश्लेषण
सरकार और सत्तअ दो चीजे है , जब दोनो केन्द्रईत हो जाता है तो वंशवाद या परिवार वाद हो जाता है और जब भिन्न रहता है तो कैडरवाद रहता है जैसे आज सरकार भाजपा की है पर सत्तअ संघ के हाथ रहता है अतः यह कैडर आधारित रहता है तथा टिकाऊ भी रहेगा।
हमारे देश का दुर्भाग्य है,,,,,बंशवाद ही पर्धान है,,,, इसको बदल पाना ही बङा मुश्किल है,,,आजके समय में,,,,पर एक बात जरूर है,,, हमारे शास्त्रों में लिखा है,,,,, बर्णसंकर से उपजी औलाद कभी भी राष्ट्र हित का काम नही कर सकती,,,, हमारे शास्त्रों के रचयिता शायद आजकी परस्थिति से भली भांति परचित रहे होंगें,,, दूरदर्शी रहे होंगे कि देश की बागडोर ऐसे ही लोगों के हाथ में होगी और आधी जनता मुगलों ने बर्णसंकर से पैदा की होगी,,,, तो निश्चित रहिए,,,,, समय बङा ही मुश्किल आने वाला है,,,, सारी दुनिया ही बर्णसंकर फैल चुका है,,,, इसको खत्म करने के बाद ही शांति होगी,,,,, एक वार तो भारत / दुनियाभर में मारकाट तो मचेगी ही ,,,, सारी की सारी दुनिया,,,,, सारी दुनिया इसी बर्णसंकर जैसे बारूद के ढेर पर बैठी है,,,,, हर हर महादेव,,,,,,वंदेमातरम,,,,,,जय जय सियाराम
जय श्री राम हर हर महादेव
अगर वंश परिवार की राजनिती को तिलांजली देनी हैं तो संविधान में कोई प्रावधान ना हो तो "सरकार चलाने के लिये दो से अधिक दल"ना हो या फिर चुनाव लडने के लिये कोई तो शर्ते रखना जरूरी है! अपने देश में क्या हो रहा है जिस के पास धन वह बाहुबली यहाँ तक आप जेल में रहते चूनाव भी लड सकते हो और जितने बाद देश को चूना भी लगा सकते हो ऐसे खोकले कानून से देश मौजूदा हालात में फिर भी मोदी जी चला रहे है!
हिंदू तो आखिरकार रहेगा तो "लकिर का फकीर ही"वह कभी एक हो हि नहीं सकता!
क्या मोदीजी ने वक्फ बोर्ड खतम किया?? क्या मोदीजी ने मुगलों के नाम वाली जगहों का नाम बदला??? आबादी जीस कोम की अनापशनाप बढी है उसके लिए कुछ किया?? घूसखोरी आज भी चालू है। प. बंगाल और केरल हाथ से निकला जा रहा है। मंदिरों से आज भी सरकारें धन ले जा रही है। और सबसे खतरनाक बात, हम ईस्लामिक राष्ट्र के बहुत करीब है। पानी अब गले से भी उपर जाने की तैयारी में है। पर हम सभी को लगता है, की नही, अभी कोई ज्यादा दिक्कत की बात नही है। होशियारी इसी में होती है, की ऐसे अत्यंत खतरनाक हालात, पैदा होते ही पैरों तले रौंदी जानी चाहिए थी। भले तभी कोंग्रेस थी। पर बीजेपी ने तो दस साल गवा दिये।
ऐसा स्वाभिमानी सोच यदि भारतीय राजनीति में आ जाए तो फिर मजा आ जाएगा |
यहां तो सभी स्वार्थी लोग भरे पड़े हैं |
Sir pranam,bjp should watch your analysis,thanks,
सुप्रभात प्रदीप जी ।राम राम 🙏🙏
* मोहनदास करम चंद गांधी ने अपना वंश नेहरु से शुरु किया था
* जो आगे चलकर गांधी - नेहरु की जगह नेहरु - गांधी बना दिया
Absolutely correct
🙏🙏👍👍
Bahut badhiya jankari 🎉
🙏🙏💝💖🇮🇳😢😪🙏भाई साहब सादर , 1001% सत्य सटीक विष्लेषण किया है आपने "*भारत जनतन्त्र "पर उगे "बिनाष कारक "बबूल "*का जी "किसी 80""85 वर्ष के बुजुर्ग सज्जन से सुना कि "कभी "उदय होंगे "ऐसे देश भक्त "जिस प्रकार अन्डर ग्राउन्ड "संगठन हैं "*और उनके द्वारा "*इनसे "*इस प्रजातन्त्र "पर लगे कलंक "को मिटा दिया जायेगा "*
अब क्या कहें ?
सादर 🙏
तो इसका मतलब है कि वंशवाद आपके हिसाब से बढ़िया है तो फिर चर्चा इस विषय पर ।
Jay.siriram
वंशवाद वाले भयंकर भ्रष्टाचार में भी लिप्त हैं,कोई अपनी धन दौलत को सही नहीं बता पायेगा।यहां लोग भी शानदार हैं वह भी यही करना चाहते हैं।उच्च अधिककारी की पीढी दर पीढी आरक्षण पर पलती रहे,कोई आपत्ति नहीं।जिसे आवश्यक है उसे मिले न मिले परवाह नहीं!
हमारे सविधान में बदलाव करना चाहिए ऐसा कानून बनना चाहिए
Pradeep ji aapka analysis bahut imaandari aur spashta hai.....aapne bilkul sahi kaha hai.
बहुत अच्छा विश्लेषण किया आपने , बहुत बढ़िया विडियो 👍
प्रदीप सिंह जी को साधुवाद 🙏
।। जय जय श्रीराम ।।
रामराम आदरणीय श्री.प्रदीप सिंह जी 🙏
बढ़िया सामग्री।
Ram Ram
Namaskar P. Singh ji. P. Singh ji, ye hi sahi vishay he jo aam nagrik samjhta hi nahi he yahi jagurukta aam nagrik tak pahuchna chahiye. Ye jo aapki koshish he jagurukata LA rahi he. Dhire dhire hi sahi jagurukta aa rahi he.
👌 👌 Nice analysis on dynexity system of political party
सरजी, साल 2004 मे ही लालकृष्ण जी प्रधानमंत्री कडीडेट (बडी उताबली मे )बन गये थे और इसी उद्देश्य से लोकसभा चुनाव थोड़ा समय से पहले करा दिया और परिणाम***सामने रहा।
धन्यवाद जयहिंद नमस्कार।
जंबूद्वीप अखंड भारत की जय वंदेमातरम
वंशवाद और परिवारवादी सोच का बेह्तरीन विश्लेषण और आकलन के लिए परम आदरणीय को प्रणाम और धन्यवाद..
आपका ज्ञान हमेशा उपयोगी है..
क्या JDU or BJD को हिन्दुओं की nuclear फॅमिली की तरह उसी सोच वालीं पार्टी भी कह सकते है
2029 के लोकसभा चुनावो में सपा के परिवार के 3 और सदस्य चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो रहे है इन्ही में से एक होगा सपा का अगला उत्तराधिकारी
Har Har Mahadev
Ram ram ji
प्रदीप बाबू प्रणाम मैं आपके सारे वीडियो सुनता हूं लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का करणी सेना द्वारा विरोध और बिहार उत्तरप्रदेश राजस्थान में राजपूत समाज द्वारा बीजेपी को कम से कम वोट मिलने पर एक वीडियो जरूर बनाइए
Aapko bahut achha lagta hai. Dhanyavad..
Very good analysis bringing a new concept different from established ones.
प्रदीप जी आप बहुत वरिष्ठ पत्रकार हैं
आपकी प्रसारण मैं बराबर देखता हूँ। आपसे अनुरोध है कि आप कभी सेना के जवानों की ओर भी एक नजर डालें जो देश के रखवाले हैं। सरकार से जरा सवाल करें कि इस बजट में सरकार ने देश पर मर मिटने वालों को क्या दिया। आपसे पूर्ण उम्मीद करता हूँ कि मेरी बात पर जरूर ध्यान देंगे।। जय हिंद।
माननीय प्रदीप सर जी को सादर प्रणाम
Very nice political analysis. Thanx Pradeepji.
Very beautiful presentation of facts Always to the point
पश्चिम बंगाल
❤❤❤ बहुत ही सुन्दर। ❤❤❤❤
🙏🏽🙏🏽🙏🏽अति सुन्दर विश्लेषण🙏🏽🙏🏽🙏🏽
अति सुन्दर विश्लेषण! अप्रत्यक्ष रूप से भा जा पा में भी किसी दुसरे नेता को मोदी जी के समकक्ष उभरने नहीं दिया गया, शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे, योगी जी, देवेन्द्र फाड़नवीस,रमन सिंह, इत्यादी ऐसे बहुत से नाम है जिन्हे बौना बनाया गया।
@@sanjaysawhney3035 Yogi ji ko desh k Hindu ubhrenge de to iss desh ki kayapalat ho skti hai....Hindu ko ekjut hona padega
Pradeep Jee Namaskar,
Thank you so much for sharing this insightful and valuable analysis.🎉🎉🎉
Like very nice Annalise poltical ideology very stick thsnks
Sir , Vajpayee jee ki fruit juice conversation ka conclusion bahut hin interesting & meaningful thii. Thank you for sharing.
सनातनी, हिन्दू राष्ट्र की मांग करें
प्रणाम.
काफी तर्कसंगतविश्लेषण किया है
Singh Sahab, Pranam. Jai Shree Ram.
देश का दुर्भाग्य है लोकतंत्र भारत मे फेल
हो गया है
इस बार का परिणाम एक मजबूत लोकतंत्र की ओर इशारा करता दिख रहा है आगे भी इसी तरह रहने की उम्मीद है
जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
लोक सभा में कम सीटों का होना भी, एक कारण ये हैं जो पार्टी के बाहर से आये लोगो को टिकीट दिया गया
जिनको भ्रष्ट बेईमान कहा था उन्हें पार्टी में शामिल किया गया वही से छबि खराब हुई
Very nice analysis Pradeep ji Jai Hind Jai Bharat.
Good explanation for bansbad,,& family 🎉❤
Example of Atal ji is superb
Bhut Sundar vishleshan hai ❤❤❤🎉🎉🎉🎉
Nice
सुन्दर विश्लेषण
वंशवाद राजनीति में प्रतिभा की कोई कीमत नहीं है. राजा का बेटा ही महान प्रतिभावान होता है. बाकी तो दरी बिछाने का काम करते हैं. राहुल गांधी के रूप में उदाहरण हमारे सामने है.
राजतंत्र और वंशवाद में एक स्थूल तो दूसरा चैतन्य है। दोनों का अपना-अपना जीवन-काल/जीवनशैली होता है। मर्यादा के पालन की अपेक्षा चेतना से प्रतीत होती हैं।
परिवारवाद की देश विरोधी राजनीति में चैतन्य जैसा शब्द नहीं..देश विरोधी कामों तक चले जाते है स्वार्थ के लिए
वंशवाद या परिवार पनपने और फल फूलने के लिए भारतीय लोगों की मानसिकता जिम्मेदार है, और लोकतंत्र नाते इसे फल फूलने का खाद पानी मिलता है__
आज आपका विश्लेषण सुनकर मुझे हैरत हुई कि इस चर्चा में आपने बहुजन समाज पार्टी का उल्लेख क्यों नहीं किया जबकि इस पार्टी की कहानी भी काफी हद तक BJD और JD(U) जैसी ही है. वहाँ भी भावी नेतृत्व के लिए कोई सक्षम विकल्प नहीं तैयार किया गया !
हर हर महादेव
Jai ho
Hummmmmm
Bahut sahi analysis Sir
हमेशा की तरह बहुत सुंदर विवेचन
दुर्लभ अनसुनी सूचनाओं से परिपूर्ण
और साथ ही साथ सारगर्भित