जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। वर्तमान में परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।
कलयुग में सतयुग लाने वाले महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर 17-20 फरवरी को 10 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित है। 17th February 1988
17 फरवरी को पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस के उपलक्ष्य में सत्संग व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। जिसमें गरीबदास जी महाराज की अमर वाणी का खुला पाठ चल रहा है व शुद्ध देसी घी से निर्मित भंडारा कराया जा रहा है। इस भंडारे में समस्त मानव समाज सपरिवार आमंत्रित है, इस अनमोल भंडारे के प्रसाद को खाकर मन शुद्ध और प्रसन्न होता है व मनुष्य के करोड़ों पाप कर्म कटते हैं।
मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण दिन वह है जब सतगुरु मिल जाते हैं। उससे पहले का जीवन निरर्थक होता है। 17 फरवरी 1988 के दिन संत रामपाल जी महाराज जी ने नाम दीक्षा ली और कुछ वर्ष बाद अपने पूज्य गुरुदेव से नाम दीक्षा देने का आदेश पाकर करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन किया। इसी दिन को बोध दिवस के रूप में मनाया जाता है। 17th February 1988
संत रामपाल जी महाराज तत्वज्ञान से दहेज मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। पूर्ण गुरु की पहचान यह भी होती है वह समाज में व्याप्त बुराइयों, कुरीतियों और पाखण्डवाद को अपने सच्चे ज्ञान से समाप्त करता है। आज के समय मे संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु है जो दहेज मुक्त, नशामुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
हिन्दू व मुसलमान में जो भाईचारे, धार्मिक सामंजस्य का बीज परमेश्वर कबीर जी बो गए थे, उसकी मिसाल मगहर में आज भी देखी जा सकती है। मगहर से परमेश्वर कबीर जी सशरीर सतलोक गए थे। उस स्थान पर हिन्दू व मुसलमानों ने मंदिर व मजार 100 - 100 फुट की दूरी में यादगार बना रखी है। कबीर, विहंसे कहयो तब तीनसै, मजार करो संभार। हिन्दू तुरक नहीं हो, ऐसा वचन हमार।।
पवित्र ऋग्वेद मण्डल १० सूक्त ९० मन्त्र १६ मा उल्लेख छ कि पूर्ण सन्त तीन मन्त्र दिएर पूर्ण परमात्माको भक्ति गराएर जीवलाई काल-जालबाट मुक्त गराउनु हुन्छ। त्यो मन्त्र सन्त रामपालजी महाराजले प्रदान गर्नुहुन्छ l
कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए थे। उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल पाए गए जो कबीर परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार दोनों धर्मों ने आपस में लेकर मगहर में 100 फुट के अंतर से एक-एक यादगार बनाई जो आज भी विद्यमान है।
कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो। दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।। माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले थे।
🛸आदरणीय धर्मदास जी ने बताया कि जब परमेश्वर कबीर जी मगहर से सशरीर सतलोक गये तब हिन्दू मुसलमान आपस में कबीर साहेब के शरीर का अपनी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करने के लिए लड़ने को तैयार थे लेकिन उन्हें वहां कबीर साहिब जी का शरीर नहीं मिला अर्थात कबीर साहिब अविनाशी परमेश्वर हैं। आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर। हिन्दू के तुम देव कहाये, मुसलमान के पीर। दोनों दीन का झगड़ा छिड़ गया, टोहे ना पाये शरीर।।
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है। ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण दिन वह है जब सतगुरु मिल जाते हैं। उससे पहले का जीवन निरर्थक होता है। 17 फरवरी 1988 के दिन संत रामपाल जी महाराज जी ने नाम दीक्षा ली और कुछ वर्ष बाद अपने पूज्य गुरुदेव से नाम दीक्षा देने का आदेश पाकर करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन किया। इसी दिन को बोध दिवस के रूप में मनाया जाता है। संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस के उपलक्ष्य में व कबीर परमेश्वर जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में 17-20 फरवरी को 10 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित है।
परमेश्वर कबीर जी ने कहा था कि ‘‘पृथ्वी और आकाश टल सकते हैं, सूर्य का अटल सिद्धांत है उदय-अस्त, वो भी निरस्त हो सकता है, लेकिन मेरी बातें कभी झूठी नहीं हो सकती। जब कलयुग 5500 वर्ष बीत जाएगा तब एक महापुरूष जगत का उद्धार करने के लिए आएगा। वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।
17 फरवरी को उस महान संत का बोध दिवस है, जिनके बारे में नास्त्रेदमस ने भी भविष्यवाणी की है की "ठहरो राम राज्य आ रहा है। एक महापुरुष पूरे विश्व में स्वर्ण युग लायेगा। जिसके नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा।" वह महापुरुष और कोई नहीं संत रामपाल जी महाराज जी हैं।
नास्त्रेदमस के अनुसार ग्रेट शायरन यानी वह महान पुरुष जो कलयुग में सतयुग लाएगा वह संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस मनाया जा रहा है। बोध दिवस के उपलक्ष्य में व कबीर परमेश्वर जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में 17-20 फरवरी को 10 सतलोक आश्रमों में विशाल शुद्ध देसी घी द्वारा निर्मित विशाल भंडारा चल रहा है। साथ ही निःशुल्क नाम दीक्षा भी दी जा रही है। इस अवसर पर पूरा विश्व आमंत्रित है।
मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण दिन वह है जब सतगुरु मिल जाते हैं। उससे पहले का जीवन निरर्थक होता है। 17 फरवरी 1988 के दिन संत रामपाल जी महाराज जी ने नाम दीक्षा ली और कुछ वर्ष बाद अपने पूज्य गुरुदेव से नाम दीक्षा देने का आदेश पाकर करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन किया। इसी दिन को बोध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सतलोक आश्रम नेपाल में संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान वो आश्रम बड़े जोरो शोरो से 🙏🙏🙏
❤ Sat saheb ❤ Jai Ho Bandi Chhod Satguru Rampal ji Bhagwan ki 🙏🙏🙏
Bandi chhod satguru Sant Rampal Ji Maharaj ji ki jai 🙏🙏
जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। वर्तमान में परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।
कलयुग में सतयुग लाने वाले महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस पर 17-20 फरवरी को 10 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित है।
17th February 1988
17 फरवरी को पूर्ण संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस के उपलक्ष्य में सत्संग व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है। जिसमें गरीबदास जी महाराज की अमर वाणी का खुला पाठ चल रहा है व शुद्ध देसी घी से निर्मित भंडारा कराया जा रहा है। इस भंडारे में समस्त मानव समाज सपरिवार आमंत्रित है, इस अनमोल भंडारे के प्रसाद को खाकर मन शुद्ध और प्रसन्न होता है व मनुष्य के करोड़ों पाप कर्म कटते हैं।
जय हो बंदी छोङ सद्गुरु रामपाल जी भगवान जी की जय हो 🙏 ❤
Jay ho bandichhod Parmpita 🌹🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🌹
मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण दिन वह है जब सतगुरु मिल जाते हैं। उससे पहले का जीवन निरर्थक होता है। 17 फरवरी 1988 के दिन संत रामपाल जी महाराज जी ने नाम दीक्षा ली और कुछ वर्ष बाद अपने पूज्य गुरुदेव से नाम दीक्षा देने का आदेश पाकर करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन किया। इसी दिन को बोध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
17th February 1988
संत रामपाल जी महाराज तत्वज्ञान से दहेज मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
पूर्ण गुरु की पहचान यह भी होती है वह समाज में व्याप्त बुराइयों, कुरीतियों और पाखण्डवाद को अपने सच्चे ज्ञान से समाप्त करता है। आज के समय मे संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण गुरु है जो दहेज मुक्त, नशामुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं।
कबीर, कितने उच्चे भाग हमारे, ऐसा सतगुरु पाया।
इस जलती हुई दुनिया में, मिली ये शीतल छाया।।
.🙇🙇
Sat. Saheb. 🎉🎉🎉 Bhakto. Guru. Ji ko. Koti. Koti. Dandwat🎉🎉🎉🎉
Purn Sant Jagatguru Tavtdarshi Sant Rampal Ji Bhagavan Ji Ki Jay Ho 🙏
Jay ho Bandi chhod ki pramatma📿🙏🙏🙏🌷🌷🌹🌹📿🙏🙏🙏🌷🌹🌹🇳🇵
🙏🌺🙏Sat Saheb ji 🙏🌺🙏Bandi chod sat guru Rampal ji ki charno me koti koti dandwat charan sparsh 🙏🌺🙏Sat Saheb🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
Sat Saheb ji Sant Rampal Ji Maharaj ki jai 🙏🙏
तीरथ गये ते एक फल, सन्त मिले फल चार ।
सत्गुरु मिले अनेक फल, कहें कबीर विचार ॥
हिन्दू व मुसलमान में जो भाईचारे, धार्मिक सामंजस्य का बीज परमेश्वर कबीर जी बो गए थे, उसकी मिसाल मगहर में आज भी देखी जा सकती है। मगहर से परमेश्वर कबीर जी सशरीर सतलोक गए थे। उस स्थान पर हिन्दू व मुसलमानों ने मंदिर व मजार 100 - 100 फुट की दूरी में यादगार बना रखी है।
कबीर, विहंसे कहयो तब तीनसै, मजार करो संभार।
हिन्दू तुरक नहीं हो, ऐसा वचन हमार।।
पवित्र ऋग्वेद मण्डल १० सूक्त ९० मन्त्र १६ मा उल्लेख छ कि पूर्ण सन्त तीन मन्त्र दिएर पूर्ण परमात्माको भक्ति गराएर जीवलाई काल-जालबाट मुक्त गराउनु हुन्छ। त्यो मन्त्र सन्त रामपालजी महाराजले प्रदान गर्नुहुन्छ l
कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए थे।
उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल पाए गए जो कबीर परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार दोनों धर्मों ने आपस में लेकर मगहर में 100 फुट के अंतर से एक-एक यादगार बनाई जो आज भी विद्यमान है।
कबीर लख भर सुरा जुजहि, लख भर सावंत देह।
लख भर यती जहान में, तव सतगुरु शरणा लेह।।
कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये।
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले थे।
अद्भुत समागम
desh videsh mae prmatma ka maha samagam sampurn manav samaj ke liye
Jay ho malik ji
🛸आदरणीय धर्मदास जी ने बताया कि जब परमेश्वर कबीर जी मगहर से सशरीर सतलोक गये तब हिन्दू मुसलमान आपस में कबीर साहेब के शरीर का अपनी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करने के लिए लड़ने को तैयार थे लेकिन उन्हें वहां कबीर साहिब जी का शरीर नहीं मिला अर्थात कबीर साहिब अविनाशी परमेश्वर हैं।
आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर।
हिन्दू के तुम देव कहाये, मुसलमान के पीर।
दोनों दीन का झगड़ा छिड़ गया, टोहे ना पाये शरीर।।
सत साहेब जी❤❤❤
परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर लीला करता है। तब उनकी परवरिश कंवारी गायों के दूध से होती है।
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9
यह लीला कबीर परमेश्वर ही आकर करते हैं।
कबीर, राज तजना सहज है, सहज त्रिया का नेह ।
मान बड़ाई ईर्ष्या, दुर्लभ तजना येह ॥
Param Pavan Satya Gyan He 🙏
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है कि अपरम्पार महीमा 🙏🙏
सत साहेब जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Satlokasram up
Great True Spiritual Knowledge in the world 🌎
अदभुत ज्ञान
Jai ho bandi chhod ki
Sat saheb ji 🙏
जल थल पृथ्वी गगन में बाहर भीतर एक पूर्ण ब्रह्म कबीर है अविगत पुरुष अलेख
Sat sahib ji
Very nice news 🌹🙏🙏🌹
Sat bhankti sandesh
Very nice work 👍
Very nice satsat
Very very nice
सतसहायबजि
Bodh divas par bhandra he suru ho gya h
🎉
Wow
Anmol
Kabir isgod
Nice
Nice nice
🙏🙏
अद्भुत नजारा
Bandichore satguru sri rampal ji maharaj ki jai ho
Very nice
बन्दी छोड सत गुरु सन्त रामपाल जी महाराज की जय हो ❤️🌿❤️🌿❤️
मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण दिन वह है जब सतगुरु मिल जाते हैं। उससे पहले का जीवन निरर्थक होता है। 17 फरवरी 1988 के दिन संत रामपाल जी महाराज जी ने नाम दीक्षा ली और कुछ वर्ष बाद अपने पूज्य गुरुदेव से नाम दीक्षा देने का आदेश पाकर करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन किया। इसी दिन को बोध दिवस के रूप में मनाया जाता है। संत रामपाल जी महाराज जी के बोध दिवस के उपलक्ष्य में व कबीर परमेश्वर जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में 17-20 फरवरी को 10 सतलोक आश्रमों में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूरा विश्व आमंत्रित है।
परमेश्वर कबीर जी ने कहा था कि ‘‘पृथ्वी और आकाश टल सकते हैं, सूर्य का अटल सिद्धांत है उदय-अस्त, वो भी निरस्त हो सकता है, लेकिन मेरी बातें कभी झूठी नहीं हो सकती। जब कलयुग 5500 वर्ष बीत जाएगा तब एक महापुरूष जगत का उद्धार करने के लिए आएगा। वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।
देख्या मगहर जहूरा सतगुरु,
देख्या मगहर जहूरा हो।
काशी में कीर्ति कर चाले,
झिलमिल देही नूरा हो।
17 फरवरी को उस महान संत का बोध दिवस है, जिनके बारे में नास्त्रेदमस ने भी भविष्यवाणी की है की "ठहरो राम राज्य आ रहा है। एक महापुरुष पूरे विश्व में स्वर्ण युग लायेगा। जिसके नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनेगा।"
वह महापुरुष और कोई नहीं संत रामपाल जी महाराज जी हैं।
Sat sahib guri ji jay ho😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
कबीर, सात द्बीप नौ खण्ड में गुरू से बड़ा न कोए करता करें न कर सके गुरू करें सो होए 🌹🙏🙇🙏🌹
कबीर, सतगूरू आज्ञा सर्वोपरी, माने सो है दास।
मीन मेख जो करें, होय भक्ति का नाश।।
Spiritual leader Sant Rampal Ji Maharaj 🙏
Sat saheb ji
Bahut achchha ❤
Sant rampal ji Maharaj ki ja ho
संत साहेब
❤
🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
Sat saeb g
Supreme god kabir
Very nice
नास्त्रेदमस के अनुसार ग्रेट शायरन यानी वह महान पुरुष जो कलयुग में सतयुग लाएगा वह संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस मनाया जा रहा है। बोध दिवस के उपलक्ष्य में व कबीर परमेश्वर जी के निर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में 17-20 फरवरी को 10 सतलोक आश्रमों में विशाल शुद्ध देसी घी द्वारा निर्मित विशाल भंडारा चल रहा है। साथ ही निःशुल्क नाम दीक्षा भी दी जा रही है। इस अवसर पर पूरा विश्व आमंत्रित है।
Param Sant Jagatguru Tavtadarshi Sant Rampal Ji Bhagawan Ji Ki Jay Ho 💕
मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण दिन वह है जब सतगुरु मिल जाते हैं। उससे पहले का जीवन निरर्थक होता है। 17 फरवरी 1988 के दिन संत रामपाल जी महाराज जी ने नाम दीक्षा ली और कुछ वर्ष बाद अपने पूज्य गुरुदेव से नाम दीक्षा देने का आदेश पाकर करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन किया। इसी दिन को बोध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
Great Gyan sant rampal ji maharaj ji
Sat saheb ji
Very nice knowledge
Very nice
सत् साहेब जी
Sat saheb.
Sat saheb ji
Very nice
❤❤❤❤❤❤❤
Very nice
Very nice
Very nice post