!! नूतन वर्ष (मंगलमय दर्शन) एवं गोवर्धन पूजा इंदौर आश्रम - 14-11-2023 !! Indore Ashram
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- Опубліковано 19 жов 2024
- संत श्री आशारामजी आश्रम में, दीपावली के पावन पर्व के पश्चात, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा अर्थात, नूतन वर्ष एवं गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया । महाभारत में भगवान व्यासजी कहते हैं,
यो यादृशेन भावेन तिष्ठत्यस्यां युधिष्ठिर । हर्षदैन्यादिरूपेण, तस्य वर्षं प्रयाति वै ।।
अर्थात, हे युधिष्ठिर ! आज नूतन वर्ष के प्रथम दिन जो मनुष्य हर्ष में रहता है, उसका पूरा वर्ष हर्ष में जाता है, और जो शोक में रहता है, उसका पूरा वर्ष शोक में व्यतीत होता है ।
दीपावली के दिन, नूतन वर्ष के दिन मंगलमय चीजों का दर्शन करना भी शुभ माना गया है, पुण्य-प्रदायक माना गया है। जैसे
उत्तम ब्राह्मण, तीर्थ, देव-प्रतिमा, सूर्यदेव, ब्रह्मचारी, गौ, अग्नि, गुरु, बछडेसहित गाय, पीपल वृक्ष, दीपक, सुवर्ण, मणि, मोती, हीरा, माणिक्य, तुलसी, श्वेत पुष्प, फल, श्वेत धान्य, घी, दही, शहद, कपूर, चाँदी, तालाब, फूलों से भरी हुई वाटिका आदि। लेकिन जिनके हृदय में परमात्मा प्रकट हुए हैं, ऐसे साक्षात् कोई लीलाशाहजी बापू जैसे, नरसिंह मेहता, परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू जैसे संत अगर मिल जायें तो समझ लेना चाहिए कि भगवान की हम पर अति-अति विशेष, महाविशेष कृपा है . जिनको देखकर परमात्मदेव की याद आ जाय, ऐसे हयात महापुरुष अगर मिल जायें तो वह परम लाभकारी, परम कल्याणकारी माना जाता है ।
इसी के पश्चात गौ पूजा का भी कार्यक्रम हुआ । महाभारत के अनुशासन पर्व में पितामह भीष्म कहते हैं,
गावस्तेजः परं प्रोक्तमिह, लोके परत्र च । न गोभ्यः परमं किंचित् पवित्रं भरतर्षभ ।।
अर्थात भरतश्रेष्ठ, गौ इहलोक और परलोक में भी महान तेजोरूप मानी गयी हैं । गौओं से बढ़कर पवित्र कोई वस्तु नहीं है । आश्रम में गौ माता से प्राप्त गोबर से ही यहाँ जैविक खेती की जाती है जो प्रकृति एवं मनुष्य के लिए परामहितकारी है । इसी शृंखला में सायंकाल में पूरे आश्रम को दीपकों से सजाय गया एवं आरती के साथ पूज्य बापूजी की शीघ्र रिहाई की प्रार्थना की गई ।